देलवाड़ा जैन सोसायटी ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा

उदयपुर। सोहराबुद्दीन फर्जी एनकांउटर में सीबीआई की ओर से शहर विधायक और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को आरोपी बनाने के विरोध में आज सुबह देलवाड़ा जैन सोसायटी की तरफ से अध्यक्ष वीरेन्द्र सिरोया के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। सोसायटी के जनसंपर्क सचिव शांतिलाल सिरोया ने बताया कि कटारिया को इस मामले में सीबीआई द्वारा फर्जी रूप से फंसाया जा रहा है, जबकि कटारिया बिल्कुल बेगुनाह है। उन्होंने कहा कि सीबीआई के झूठ का पर्दा भी एक ना एक दिन उठ जाएगा। वहीं सोसायटी ने कटारिया को अंतरिम जमानत मिलने पर हर्ष व्यक्त किया है। इस दौरान सोसायटी के कार्यकर्ता और जैन समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे।

 

कटारिया की जमानत पर कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत

kataria4उदयपुर,सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ प्रकरण में मुम्बई सत्र न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद आज सुबह पार्टी कार्यालय पहुंचे विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता और शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बेदाग हूं और रहूंगा। कांग्रेस ने सीबीआई को हथियार बनाकर जो चाल खेली है। उसका जवाब कांग्रेस को जनता देगी। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को लगा कि वंसुधरा-कटारिया एक हो गए है और उनकी सत्ता जाने वाली है। इसलिए उन्होंने यह घिनौनी चाल खेली है।कटारिया यहां पटेल सर्किल स्थित पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साढ़े आठ साल पुराने मामले को कांग्रेस ने सीबीआई के जरिए हथियार बनाकर वार किया है,

जबकि इस मामले से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सीबीआई के जरिये अपना कुशासन चला रही है। आगामी चुनाव में कांग्रेस के कुशासन को जनता जवाब देंगी।

चार्जशीट में कुछ भी तथ्य नहीं:

कटारिया ने कहा कि सीबीआई ने जो चार्ज शीट पेश की हैं। उसमें उनके खिलाफ ऐसा कोई तथ्य नहीं कि उन्हें गुनहगार साबित किया जा सके।

कटारिया ने कहा कि इस पूरे मामले में उन्हें कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों का जो संबल मिला। उससे उन्हें बड़ी ताकत मिली है। इसी ताकत के बल पर उनकी इस लड़ाई में जीत होगी।

गहलोत ने तो अपने नेताओं को भी नहीं छोड़ा:

कटारिया ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी पार्टी के नेताओं को निपटाने में कोई कसर नहीं रखी। कटारिया ने कहा कि गहलोत ने केंद्रीय मंत्री डॉ. सी. पी. जोशी को चुनाव में हराने में भूमिका निभाई। बी.डी. कल्ला और प्रद्युमन सिंह जैसे नेताओं को हराने में भी गहलोत की भूमिका रही।

 

पहले कटारिया सुबह नौ बजे आने वाले थे, लेकिन बाद में वे अपने समधी और एडवोकेट रोशनलाल जैन के साथ सुबह 11 बजे पार्टी कार्यालय पहुंचे, जहां करीब चार सौ कार्यकर्ताओं ने उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस दौरान शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, महापौर रजनी डांगी, प्रदेश प्रतिनिधि प्रमोद सामर, मांगीलाल जोशी, शांतिलाल चपलोत, देहात जिलाध्यक्ष सुंदरलाल भाणावत, शहर उपाध्यक्ष राजेन्द्र बोर्दिया, वन्दना मीणा, हंसा माली, खूबीलाल पालीवाल, शंकर सालवी, रामलाल चौधरी, फूलसिंह मीणा, मनोहर चौधरी, मंडल अध्यक्ष चंचल कुमार अग्रवाल, तख्तसिंह शक्तावत, आेम चित्तौड़ा, भंवर पालीवाल, भैरोसिंह देवड़ा, शंभू जैन, नानालाल बया, दिनेश गुप्ता आदि मौजूद थे।

बाद में आया विरोधी धड़ा : पूर्व सभापति रवींद्र श्रीमाली, डिप्टी मेयर महेंद्रसिंह शेखावत, अनिल सिंघल, सुषमा कुमावत, राजकुमार चित्तौड़ा करीब सौ कार्यकर्ताओं के साथ आज सुबह पार्टी कार्यालय पहुंचे। ये सभी लोग कटारिया का भाषण शुरू होने से दस मिनट पहले पहुंचे।

जश्ने विलादते मौला अली पर प्रदर्शनी आयोजित

mola ali ke jashan -a-vladat par pardarshni ka udghatan krte pr.tanveerउदयपुर, दाऊदी बोहरा जमात (बोहरा यूथ) की इकाई स्टुडेन्ट वेलफेयर सोसायटी की जानिब से प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी मनाये जा रहे जश्न-ए-विलादते मौला अली (अ.स.) के मौके पर बुधवार को बोहरवाड़ी स्थित बोहरा यूथ कम्युनिटी हॉल में केलीग्राफी, आर्ट और मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें मौला अली के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला और उनके बताये नैकी के रास्ते पर चलने का आव्हान किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर तनवीर आलम ने किया।

mola ali ki viladat par aayojit pardshani  ke moke par manch par mojud  mehmanयह जानकारी देते हुए स्टुडेन्ट वेलफेयर सोसायटी के प्रवक्ता अली असगर बोहरा ने बताया कि जश्ने-ए-विलादत के मौके पर 28 मई को मेहन्दी प्रतियोगिता आयोजित की गई। जबकि बुधवार 29 मई मॉडल प्रदर्शनी का आयोजित की गई जो गुरूवार को भी जारी रहेगी। प्रदर्शनी को देखकर समाज के लोगों ने बच्चों द्वारा किये गये प्रयासों की खुब सराहना की। शुक्रवार 31 मई को तकरीर व मनकबत प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। जबकि 1 जून को फाईनल क्विज़ कम्पीटीशन, पारितोषिक वितरण व समापन समारोह आयोजित किया जावेगा।

कटारिया को अंतरिम राहत

उदयपुर। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को 14 जून तक अंतरिम जमानत मिल गई है। जमानत मिलने के बाद अब कटारिया बुधवार को उदयपुर पहुंचेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद कटारिया ने अंतरिम जमानत के लिए मुंबई के सेशन कोर्ट में सोमवार को अर्जी लगाई थी। कटारिया की अर्जी पर मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। बहस के दौरान कटारिया की ओर से मधुसूदन पारीक ने पैरवी की। इस दौरान कटारिया के समधी और एडवोकेट रोशनलाल जैन भी मौजूद थे। गौरतलब है कि इस मामले में उदयपुर के मार्बल व्यवसायी विमल पाटनी को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया था। पाटनी ने हाल ही में अंतरिम जमानत ली है।

समर्थकों में खुशी

कटारिया को अंतरिम जमानत मिलने की खबर मिलते ही कटारिया समर्थकों और उनके परिवार जनों में खुशी की लहर दौड़ गई। भाजपा मीडिया प्रभारी चंचल अग्रवाल ने बताया कि कटारिया को जमानत मिलने से समर्थकों में खुशी का महौल है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि कटारियाजी को गलत तरीक से फंसाया गया है। न्याय की लड़ाई न्याय से ही लड़ी जाएगी। पूर्व जिलाध्यक्ष ताराचंद जैन ने कहा कि कटारिया को राजनीतिक षडय़ंत्र के तहत फंसाया गया है। कटारिया की अंतरिम जमानत हर्ष की बात है। अनिल सिंघल ने बताया कि सीबीआई की सच्चाई सामने आ गई है। शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, भाजपा नेता प्रमोद सामर, मांगीलाल जोशी, महापौर रजनी डांगी सहित सभी नेताओं ने खुशी जाहिर की है

मेनारिया समाज के 84 परिवारों को पट्टे मिले

उदयपुर। कांग्रेसी सांसद रघुवीरसिंह मीणा और वार्ड 22 की पार्षद राजकुमारी मेनारिया में हुए विवाद के कारण लम्बे समय से पट्टे बनने के बाद भी पानेरियों की मादड़ी के वाशिंदों को इससे वंचित रखा जा रहा था। राष्ट्रदूत में प्रकाशित ‘सांसद-पार्षद की लड़ाई मेें नहीं बांटे जा रहे हैं पट्टेÓ खबर के बाद नगर निगम की आेर से आनन-फानन में कार्रवाई पूरी कर ली गई और मंगलवार शाम चार बजे निगम सभागार में मेनारिया समाज के करीब 80 परिवारों को पट्टे वितरित किए गए।

यह था मामला

गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा पानेरियों की मादड़ी के वाशिंदों को पट्टे देने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। इस पर समाज की आेर से सांसद रघुवीर मीणा का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था, लेकिन क्षेत्रीय पार्षद राजकुमारी मेनारिया ने श्री मीणा के सम्मान समारोह का बहिष्कार करते हुए सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मेनारिया ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि वो चाहती थी कि सांसद का सम्मान नहीं हो, बल्कि ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा सम्मान किया जाए, क्योंकि मेनारिया कटारा गुट से हैं। इस राजनीतिक लड़ाई का मजा लेने के लिए भाजपा बोर्ड मेनारिया समाज को पट्टे बांटने में देरी कर रहा था।

 

सभी पट्टे के मालिकों को सूचित किया जा चुका है। आज शाम को उनको पट्टे वितरित कर दिए जाएंगे। स्टॉफ की कमी के कारण कुछ देरी हो गई थी।

-रजनी डांगी, महापौर

नशाखोरी रोकना प्रशासन के बस में नहीं

drugs-are-badउदयपुर। शहर में पांच हजार से ज्यादा गरदुल्ले हैं, लेकिन न तो इनको सुधारने के लिए यहां पर नशा निवारण केंद्र हैं और न ही पुलिस नशे के कारोबार को रोकने में समर्थ है, जो बड़ी चिंता का विषय है। एसपी साहब और कलेक्टर साहब कहते हैं कि गरदुल्लों को सुधार पाना या शहर में नशे के कारोबार को रोक पाना उनके बूते की बात नहीं है। हालांकि एसपी साहब ने ये जरूर कहा हैं कि वे नशे के कारोबार पर नकेल कसने के प्रयास करेंगे, लेकिन साथ ही अपनी लाचारी भी बताई कि इस कारोबार को करने वाले तस्करों के वकील जांच अधिकारी को ही कानूनी पेचीदगियों में फंसा देते हैं। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है।

इधर, कलेक्टर साहब का कहना है कि गरदुल्लों से नशा छुड़ाने के लिए उदयपुर में कोई संस्थान या उपचार केंद्र नहीं है। उदयपुर क्या पूरे राजस्थान में ही ऐसा कोई सेंटर नहीं है, जहां पर गरदुल्लों को सुधारा जा सके। कलेक्टर साहब ने कहा कि गरदुल्लों के लिए अगर शिविर भी लगाएंगे, तो तीन दिन बाद वे भागकर फिर नशा करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि स्मैक या हेरोइन जैसे नशे के आदी युवकों के इलाज के लिए सिर्फ दिल्ली में नशा निवारण सेंटर है।

एक सार्थक पहल की जरूरत

हमारे समाज में नशा छोटे-छोटे बच्चों में नासूर बनकर घुस गया है। यह महज पुलिस की ही जिम्मेदारी नहीं बनती है कि वो समाज से नशे को दूर करे, बल्कि सभी को मिलकर पहल करनी होगी। एक सार्थक पहल, जो लक्ष्य को प्राप्त हो सके। शहर के कई इलाकों में हेरोइन, ब्राउन शुगर, स्मैक आदि कई प्रकार के नशे बिक रहे हैं। इस नशे के आदी होने वालों में सबसे ज्यादा १५ से ३० साल के बच्चे और नौजवान है। अगर समय रहते नशे के इस कारोबार पर नकेल नहीं कसी गई, तो हमारे शहर की आने वाली पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी। पुलिस की इस कारोबार को बंद करने में अहम भूमिका है, लेकिन इससे समाज की भूमिका खत्म नहीं हो जाती। सभी को मिलकर, एकजुट होकर, हम कदम होकर युवाओं को लगी इस बीमारी को दूर करना होगा। इसमें पुलिस, आमजन, स्वयं सेवी संस्थाओं को अपनी भूमिका अदा करनी होगी। पुलिस को चाहिए कि वो नशे के कारोबार पर नकेल कसे। आमजन को चाहिए कि अपने इलाके, मोहल्ले या घर में कोई इस नशे का आदी हो गया है, तो उसको संबल दे, साथ दे और नशे को छुड़वाने में उसकी पूरी मदद करे, इलाज कराए। और स्वयं सेवी संस्थाओं को चाहिए कि वे इस नशे के आदी युवाओं से काउंसलिंग करे। अगर कोई युवक इलाज कराने में सक्षम न हो, तो उसकी आर्थिक मदद करे, ताकि हमारा शहर इस जानलेवा हालात से छुटकारा पा सके।

दिल्ली की तरह उदयपुर में भी खुले सेंटर

कलेक्टर विकास एस. भाले ने कहा कि उदयपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में ही स्मैक, हेरोइन जैसे नशे को छुड़ाने के लिए कोई नशा निवारण केंद्र नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वो उदयपुर में ऐसा नशा निवारण केंद्र खोले, ताकि युवाओं को इस नशे से बचाया जा सके। इसके लिए शहर के सभी संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सरकार से मांग करनी चाहिए।

जीजा ने 25 हजार में साले को बेचा

2013-05-27 16.08.00उदयपुर। एक जीजा द्वारा उसके 12 साल के साले को २५ हजार में बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बच्चे को अंबामाता क्षेत्र में एक व्यक्ति को बेचा गया था, जिसकी मार पिटाई से तंग आकर बच्चा वहां से भाग निकला। बाद में पुलिस के जरिये ये बच्चा बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास पहुंचा, लेकिन अंबामाता पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाए उक्त मामले को मानव तस्करी का बताकर पल्ला झाड़ लिया। बच्चे के शरीर पर काफी चोटें हैं। सीडब्ल्यूसी ने आज सुबह बच्चे का मेडिकल करवाकर मानव तस्करी यूनिट में यह मामला दर्ज कराया है।

सूत्रों के अनुसार झारखंड़ निवासी १२ वर्षीय संजय लूरा यहां देबारी क्षेत्र में २६ मई को लावारिस हाल में घूमता मिला, तो क्षेत्रवासियों ने उसे प्रतापनगर थाने पहुंचाया। प्रतापनगर पुलिस ने संजय को चाइल्ड लाइन को सौंपा। जीजा ने २५ हजार में साले को बेचा

जहां से बच्चे के शरीर पर मारपीट के निशान देखकर उसे सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया। सीडब्ल्यूसी के सामने संजय ने बताया कि उसका जीजा उसे झारखंड से दिल्ली लेकर आया था, जहां से उसे उदयपुर लाया गया और यहां पर उसके जीजा ने उसे अंबामाता क्षेत्र में एक व्यक्ति को २५ हजार में बेच दिया। संजय अंबामाता क्षेत्र में उसको खरीदकर प्रताडि़त करने वाले का नाम नहीं बता पा रहा है।

१८ घंटे होता था शोषण

सीडब्ल्यूसी सदस्यों के सामने संजय ने बताया कि उसके जीजा ने जिस व्यक्ति को उसे बेचा था। वह उससे १८ घंटे से अधिक काम करता था और नींद आने पर सोने नहीं देता था। साथ ही रोजाना उसके साथ मारपीट करता था। सीडब्ल्यू से मैंबरों ने बताया कि संजय के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान के साथ ही उसका मुंह भी सूजा हुआ है। इस मारपीट से तंग आकर वह २५ मई को वहां से भाग निकला।

सीडब्ल्यूसी का आरोप: साथ नहीं दे रही पुलिस

सीडब्ल्यूसी मैंबर डॉ. धर्मेेश जैन ने बताया कि बच्चा अभी सीडब्ल्यूसी के पास है और इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है, लेकिन पुलिस साथ नहीं दे रही है। जैन ने बताया कि वो 27 मई को अम्बामाता थाने में बच्चे की तरफ से उसे बेचे जाने का मुकदमा दर्ज कराने गए थे, लेकिन अंबामाता पुलिस ने यह मामला मानव तस्करी का बता कर पल्ला झाड़ लिया, जबकि अंबामाता क्षेत्र में उक्त बेचान और बच्चे के साथ मारपीट हुई थी। इससे मामला अंबामाता थाने का बनता है। सीडब्ल्यूसी ने आज बच्चे का मेडिकल चैकअप कराकर मानव तस्करी थाने में बच्चे के जीजा और बच्चे को खरीदने वाले व्यक्ति के खिलाफ बाल श्रमिक अधिनियम और जे.जे. एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। जैन ने बताया कि झारखंड़ में बच्चे के पिता को सूचना पहुंचा दी है, जो उदयपुर के लिए रवाना हो गया है।

 

किन्नरों को भी मिलेगा पेंशन योजनाओं का लाभ

imageskinnar1उदयपुर। राजस्थान सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत किन्नर, मानदेय आधारित आशा सहयोगिनियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, साथिनों आदि को भी पात्रता के आधार पर पेंशन स्वीकृत की जा सकेगी। सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मांधातासिंह ने हाल ही राजस्थान सरकार द्वारा जारी आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि विशेष योग्य जन पेंशन नियम में अब किसी भी आय का व्यक्ति जो प्राकृतिक रूप से हिंजड़ेपन से ग्रसित है एवं मूल रूप से राजस्थान का निवासी होकर 60 हजार रुपये सालाना से कम आय प्राप्त कर रहा हैे, पेंशन का पात्र होगा। नियम 4 (द्वितीय) में वर्णित किन्नर व्यक्ति को प्राकृतिक रूप से हिंजड़ेपन से ग्रसित होने का प्रमाण पत्र उपखंड अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अथवा संबंधित विकास अधिकारी या निकाय अधिकारी आदि की गठित समिति से प्राप्त करना होगा। इसी प्रकार मानदेय पर कार्यरत आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन आदि को राजकीय सेवा में कार्यरत न मानकर नियमानुसार पेंशन स्वीकृत की जाएगी। वहीं वृद्घावस्था, विधवा, तलाकशुदा, परित्यकता एवं राजस्थान सामाजिक सुरक्षा पेंशन नियम, 2013 के नियमों में यह प्रावधान है कि प्रार्थी के पति, पत्नी या पुत्र के राजकीय सेवा अथवा राजकीय उपक्रम में सेवारत होने पर वह पेंशन प्राप्त करने का पात्र नही होगा।

 

एक करोड़ की शराब पकड़ी

65fd8c2eदो ट्रकों से लाई जा रही थी हरियाणा निर्मित शराब, खलासी-ड्राइवर भागे

उदयपुर। चित्तौड़ रोड से गुजरात जा रही हरियाणा निर्मित शराब से भरे दो ट्रकों को प्रतापनगर पुलिस ने जब्त किया है। दोनों ट्रकों में करीब एक करोड़ की शराब भरी थी। पुलिस को देखकर दोनों ट्रकों को ट्रक-खलासी वाहन छोडक़र भाग गए। पुलिस के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली कि बीती रात चित्तौड़ मार्ग से हरियाणा निर्मित शराब ट्रकों में भरकर गुजरात ले जाई जा रही है। सूचना पर प्रतापनगर थानाधिकारी मंजीतसिंह, हेड कांस्टेबल पर्बतसिंह, अजीतसिंह, कालूराम ने प्रतापनगर चौराहे पर बीती रात नाकाबंदी की। चौराहे के करीब ही दोनों ट्रकों के ड्राइवर-खलासी वाहन छोडक़र भाग गए। पुलिस ने दोनों ट्रकों को जब्त करके शराब बरामद कर ली है।

दस हजार ऑपरेटर्स एक दिवसीय हडताल पर

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की दमनकारी निती का विरोध

उदयपुर। माइक्रोसोफ्ट की गैर जिम्मेदाराना एवं दमनकारी नीति के विरोध में संपूर्ण राजस्थान के 10 हजार से अधिक कंप्यूटर ट्रैडर्स एंव ऑपरेटर्स ने आज अपना कारोबार बंद रखकर विरोध प्रदर्शित किया। उदयपुर कंप्यूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के पवन कोठारी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपनी कार्यप्रणाली में अपना एकाधिकार मानते हुए राजस्थान के समस्त क्षेत्र के व्यापारियों को परेशान कर उनका शोषण कर रही है। इसके तहत कंपनी द्वारा झूठे मुकदमें दर्ज कराने की धमकी देकर आम उपभोक्ताओं को पांच से लेकर 25 हजार रुपए तक माइक्रो सोफ्टवेयर बेचने के लिए बाध्य कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट एक तरफ से राज्य सरकार से अनुबंध करके वहीं सॉफ्टवेयर शैक्षणिक गतिविधयों के लिए 500-500 रुपए में उपलब्ध करा रही है और वे ही सॉफ्ट वेयर आमजन को बेचने के लिए 20 से 25 हजार रुपए में बेचने के लिए व्यापारी वर्ग को बाध्य कर रही है।