महिला मोर्चा का विधुत बढोतरी पर विरोध

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उदयपुर, भाजपा महिला मोर्चा, शहर जिला उदयपुर द्वारा हाल में ही कांग्रेसनीत राजस्थान सरकार द्वारा की गई विद्युत दर में बढोतरी का विरोध किया गया एवं अतिरिक्त जिलाधीश महोदय के माध्यम से राज्यपाल महोदया के नाम ज्ञापन प्रेषित किया गया।
महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ. अलका मून्दड़ा ने बताया कि राजस्थान सरकार ने अपने साढ़े चार वर्ष में तीन बार घरेलु बिजली दरों में एवं पांच बार से अधिक अन्य तरीकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी कर आम आदमी को छला है, जो कि महंगाई के दौरे में अत्याचार हैं। आम आदमी जैसे वैसे अपने जीवन को चला रहा था, ऐसे में बिजली का यह झटका असहनीय हैं। महिलाओं के जैसे-तैसे चलने वाले बजट में यह एक कुठाराधात है, जो कि अपने आप को आमजन की सरकार कहने वालों द्वारा किया जा रहा है।
मोर्चा अध्यक्ष डॉ. अलका मून्दड़ा ने यह भी बताया कि घोषित विद्युत कटौती के साथ अघोषित कटौती का दंश ने सिर्फ शहरी जनता वरन् कृषक वर्ग एवं औद्योगिक इकाईयाँ भी जेलने को मजबूर है और यह मजबूरी कभी आक्रोश का रूप ले ले। इस हम ज्ञापन के माध्यम से यह आग्रह करते है कि राज्यपाल महोदया अपने व्यक्तिगत प्रभाव का इस्तेमाल कर राज्य सरकार को बढ़ऋी दरें वापस लेने हेतु निर्देशित करें।

आलोचना वहीं करते है, जो कोई कार्य नहीं करते

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उदयपुर, ‘‘आलोचना वहीं करते है, जो कोई कार्य नहीं करते।’’ उक्त विचार राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने भाजपा महिला मोर्चा, शहर जिला उदयपुर की पटेल सर्किल स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ‘‘महिलाओं को संगठन के विचारों से जोड़ना आवश्यक है जिससे वह पार्टी के ध्येय को समझकर राष्ट्र एवम् समाज के उत्थान में आगे बढ़ सके। महिलाओं को आगे बढ़ने की ओर प्रेरित करने के साथ कटारिया जी ने कहा कि व्यक्ति विशेष से नहीं जुड़कर पार्टी की विचारधारा से जुड़े। अधिकतम को नहीं देखकर गुणवत्ता का मापदण्ड रखे। साथ ही उन्होंने वर्ग जाति से ऊपर उठकर नव समाज व नव राष्ट्र निर्माण की बात की।
पार्टी कार्यालय पर आयोजित मासिक बैठक में प्रदेश द्वारा नव नियुक्त प्रदेश के पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों का स्वागत किया गया एवं आगामी कार्यक्रमों की जानकारी सदस्याओं को प्रदान की गई। बैठक में सम्भाग प्रभारी संगीता जी चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष वन्दना जी मीणा, सुषमा जी कुमावत, सुमन जी कोठारी का माल्यार्पण एवं उपरने द्वारा स्वागत किया गया।
मोर्चा महामंत्री किरण तातेड़ ने बताया कि मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ. अलका जी मून्दड़ा के स्वागत उद्बोधन के पश्चात् उनके द्वारा वृत प्रस्तुत किया गया।

प्रो आईवी त्रिवेदी पुन: बने सुविवि के कुलपति

vc2.ht2_उदयपुर। प्रो इन्‍द्र वर्द्धन त्रिवेदी को अगले तीन साल के लिए पुन: मोहन लाल सुखाडिया विश्‍वविद्यालय का कुलपति नियुक्‍त किया गया है। इस आशय का आदेश राज्‍यपाल सचिवालय से बुधवार को जारी हुआ।
राज्‍यपाल मार्गेट आल्‍वा ने कुलपति चयन समिति की सिफारिश तथा राज्‍य सरकार की सलाह से प्रो त्रिवेदी को नियुक्‍त किया है। प्रो त्रिवेदी पिछले तीन साल से सुविवि के कुलपति है तथा इस कार्यकाल का बुधवार को अन्तिम दिन था। अब नए कार्यकाल के तहत वे जून 2016 तक कुलपति रहेंगे।

सीएम ने मांगी भूखंड आवंटन में फसावट की रिपोर्ट

khabarउदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में पत्रकारों को आवास के लिए भूखंड उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को यथा संभव शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बी.आर. भाटी को निर्देश दिए कि सारे मामले की दो दिन में रिपोर्ट दें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पत्रकारों को रियायती दर पर भूखंड दिलाने की योजना उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में शुरू की थी, जिसके तहत राज्यभर में पत्रकारों को लाभान्वित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री को अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए लेकसिटी प्रेस क्लब का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार सुबह कार्डियोलॉजी हॉस्पीटल के उद्घाटन अवसर पर उनसे मिला। मुख्यमंत्री ने उन्हें शाम को सर्किट हाउस बुलाया और विस्तार से बात की। इस वार्ता में प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अख्तर खान, वरिष्ठ पत्रकार मुनीष अरोड़ा, कुलदीप सिंह और रवि शर्मा शामिल थे। प्रतिनिधि मडल ने प्रेस क्लब अध्यक्ष मनुराव का एक पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा, जिसमें यूआईटी अध्यक्ष और अफसरों पर सरकार की योजनाओं को लागू करने में कोताही बरतने की शिकायत की गई है।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि जिस जमीन पर पत्रकारों को आवास के लिए भूखण्ड दिये जाने हैं, उस पर एक भूमाफिया की नजर है। इसी वजह से साजिश पूर्वक आवंटन रोका गया हैं।
मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि यूआईटी वकील ने आश्चर्यजनक रूप से सरकार के खिलाफ बयान दिए और आवंटन पर रोक लगाने की मांग की। उसने अदालत में यह भी कहा कि भूखंड आवंटन के लिए विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। वह यूआईटी में उपलब्ध आवश्यक पत्रावली लेकर भी पेशी पर नहीं गया। इस प्रकार मुख्यमंत्री की योजना को क्रियान्वित करने में सरकारी अफसर ही रोड़ा बन गए हैं।

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मौसम हो गया ओसम

dsc1555उदयपुर। लू के थपैड़े और गर्मी से निजात दिलाने के लिए बुधवार दोपहर को राहत की बरसात गिरी। और मौसम खुशनुमा कर दिया भीषण गर्मी और उमस से जूझ रहे शहर को आज बादलों ने अपनी आगोश में ले रखा था। दिन में ही सुहानी शाम का गुमान होने लगा था और दोपहर दो बजे बाद आधा घंटा गिरी बारिश ने माहोल भीगा भीगा सा कर दिया युवा मौसम का आनंद लेने झील के किनारे पहुंच गए, कहीं पकौड़ी तो कहीं चाय की चुस्कियां ली जा रही है। किसी के होंठो पे केसर कुल्फी, तो कोई कोल्ड ड्रिंक का मजा ले रहा है।
पिछले कई दिनों से उमस से राहत नहीं मिल पा रही थी और दिनभर लोग पसीने से तरबतर हो रहे थे। अन्य कई शहरों में प्री मानसून की दस्तक ने झीलों की नगरी का मौसम भी सुहाना कर दिया। आज सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं। सुबह का तापमान 25.4 डिग्री रहा, जबकि अधिकतम 34.4 था, लेकिन आसमान में बादलों और ठंडी हवाओं ने मौसम का मिजाज बदल दिया। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक तापमान में तो कोई गिरावट नहीं आएगी, लेकिन आसमान में बादल छाए रहेंगे और बरसात की पूरी संभावना बनी हुई है।

महेंद्रसिंह और लक्ष्यराज के समर्थक भिड़े

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उदयपुर। महाराणा प्रताप जयंती पर मंगलवार सुबह मोती मगरी में पुष्पांजलि कार्यक्रम के दौरान मेवाड़ राजघराने का विवाद एक बार फिर सार्वजनिक हो गया। महेंद्रसिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंदसिंह मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराजसिंह पुष्पांजलि करके लौट रहे थे, तभी महेंद्रसिंह अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। रास्ते में क्रोस होने पर लक्ष्यराजसिंह ने आदर पूर्वक अपने बड़े पिता को प्रणाम किया। महेंद्रसिंह ने अभिवादन का कोई जवाब नहीं दिया और दोनों आगे बढ़ गए, लेकिन उनके समर्थक एक-दूसरे को रास्ता नहीं देने पर अड़ गए। महेंद्रसिंह के समर्थकों ने तो लक्ष्यराज के समर्थकों को धकियाते हुए यह भी कह दिया कि हटो रे…!
इसके बाद महेंद्रसिंह मेवाड़ अपने समर्थकों के साथ सीढिय़ा उतर गए। सीढिय़ों के नीचे प्रताप स्मारक समिति के सचिव युद्धवीरसिंह और अन्य पदाधिकारी पांडाल में बैठे थे। तो महेंद्रसिंह के समर्थकों ने वहां जाकर कहा कि महाराणा साहब आ रहे हैं, तो उनके सम्मान में खड़े क्यों नहीं हो रहे हो? इस पर युद्धवीरसिंह ने कहा कि अपनी-अपनी मर्जी है, कोई खड़ा नहीं होना चाहता, तो नहीं होगा। कोई जबरदस्ती थोड़े ही है। दो तीन मिनिट तक असली और नकली महाराणा के बारे में गर्मागर्म बहस चलती रही। बाद में कुछ लोगों ने समझाइश करके मामला शांत किया। इस दौरान महेन्द्रसिंह और लक्ष्यराजसिंह दुर खड़े एक दुसरे को देखते रहे।

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छात्रों को काबिल नहीं सफल बनाना चाहते हैं निजी स्कूल!

उदयपुर। फिल्म थ्री इडियट में वर्तमान शिक्षा पद्धति पर कई कटाक्ष किए गए थे। इस फिल्म ने शिक्षा को लेकर अब तक का नजरियां ही बदल दिया। फिल्म का एक डायलॉग का आशय यह है कि सफल बनने के लिए नहीं, बल्कि काबिल बनने के लिए पढ़ाई करनी चाहिए, क्योंकि काबिल होते ही सफलता अपने आप पीछे-पीछे आएगी, लेकिन हमारे शहर के निजी स्कूलों ने एक तुगलकी आदेश जारी करते हुए ७० प्रतिशत से कम अंक लाने वाले छात्रों को आर्स सब्जेक्ट लेने पर बाध्य कर दिया है। सभी स्कूलों में परसेंटेज के आधार पर सब्जेक्ट बांटे जा रहे हैं। इस मनमानी से छात्र और अभिभावक दोनों ही परेशान है। साइंस, कॉमर्स और आर्स विषय छात्रों की रूचि को अनदेखा करते हुए परसेंटेज के आधार पर बांट दिए हैं। बच्चे अपने रूचि के विषय लेने के लिए स्कूलों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, उनके माता-पिता स्कूलों के अध्यापकों से मिन्नतें कर रहे है और इन निजी स्कूलों का प्रशासन परसेंटेज की दुहाई देते हुए छात्रों को वो ही विषय लेने पर मजबूर कर रहा है, जिसमे बच्चे की कोई रूचि ही नहीं है।

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कहीं कोई अंकुश नहीं:
छात्रों के अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिन्तित है और निजी स्कूलों ने अपनी मनमानी चला रखी है। इन पर कोई अंकुश नहीं होने से इन्होंने खुद ही तय कर लिया कि साइंस वो ही छात्र पढ़ सकता है, जिसके नंबर 90 प्रतिशत से अधिक आए। कुछ निजी स्कूलों में पूछने व विरोध करने पर जवाब मिला कि यह स्कूल की अपनी व्यवस्था है। यदि आप नहीं चाहते, तो स्कूल से बच्चे को निकाल सकते हो।
क्या होना चाहिए :
हर स्कूल प्रशासन दसवीं के छात्र व उनके माता-पिता के साथ बैठकर काउंसलिंग करे और जाने कि छात्र आगे भविष्य में क्या करना चाहता है और उसके लिए कौनसा विषय उपयुक्त रहेगा। उसके बाद ही तय किया जाए कि छात्र को कौनसा विषय लेना है, न कि परसेंटेज की तलवार लटका कर उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाए।
नहीं है ऐसे नियम
राज्य सरकार या केंद्र सरकार ने आरबीएससी व सीबीएससी में ऐसे कोई नियम नहीं रखे है कि छात्र को उसके परसेंटेज के आधार पर विषय में प्रवेश दिया जाए। सरकारी स्कूलों में ऐसे कोई नियम लागू नहीं है। छात्र को उसकी रूचि और भविष्य को देखते हुए उसके द्वारा चुना हुआ विषय दिया जा रहा है। हर छात्र का हक है कि वह अपनी रूचि के हिसाब से विषय का चयन करे।
स्कूलों के मनमाने नियम
दसवीं के बाद छात्र को साइंस, कॉमर्स, और आट्र्स में से कोई एक सब्जेक्ट चुनना होता है। निजी स्कूलों ने परसेंटेज के आधार पर इन विषयों को बांट कर अपने मनमाने नियम छात्रों पर थोप दिए हंै। 100 से
85 परसेंटेज लाने वाले छात्र को साइंस, 85 से 70 लाने वाले को कॉमर्स और 70 से नीचे वालों के लिए सिर्फ एक ही विकल्प है कि वह आट्र्स ले ले। इस मनमानी के चलते कई बच्चों के माता-पिता को अपने बच्चे के भविष्य के प्लान के बारे में ही चिंता होने लगी है, क्योंकि 80 परसेंट लाने वाला छात्र भी साइंस में प्रवेश नहीं ले सकता है और 70 परसेंट से कम लाने वालों के लिए तो सिर्फ एक ही रास्ता है कि वह आट्र्स ले लो।

[quote_box author=”कृष्णा चौहान” profession=” डीओ (फर्स्ट) उदयपुर “]सरकार के ऐसे कोई आदेश नहीं है कि परसेंटेज के आधार पर विषय दिया जाए। मैं अपने स्तर पर मामले की जांच करवाती है। उचित कार्रवाई की जाएगी।[/quote_box]

आत्महत्या करने पहुंची महिला को लोगों ने बचाया

imagesउदयपुर। दूधतलाई पर आज सुबह आत्महत्या करने पहुंची एक महिला को वहां पर घूमने वाले लोगों ने बचा लिया। महिला को पति ने छोड़ रखा है और वर्तमान में पे्रमी के साथ रह रही है। दो दिन पूर्व प्रेमी ने भी उसके साथ मारपीट की, जिससे वह नाराज थीं।
सूत्रों के अनुसार प्रतापनगर हाल रेलवे कॉलोनी (सिटी स्टेशन) निवासी पूजा जैन पत्नी अनंत कुमार जैन आज सुबह दूधतलाई पर पीछोला की पाल के पास घूम रही थी। उसी दौरान जब वह आत्महत्या के लिए पीछोला में कूदने लगी, तो वहां पर घूम रहे लोगों ने उसे बचा लिया। बताया जा रहा है कि पूजा ने छह साल पहले अनंत कुमार से शादी की, लेकिन दोनों के आपसी विवाद के कारण अनंत कुमार ने उसे छोड़ दिया। पूजा के पांच साल की एक लड़की व एक साल का लड़का है। पूजा ने बताया कि वह उसके पति को छोडऩे के बाद उदयपुर, रेलवे कॉलोनी निवासी सुरेंद्रसिंह राजपूत के साथ रह रही थी। दो दिन पूर्व सुरेन्द्रसिंह ने पूजा के साथ मारपीट की थी। जिससे परेशान होकर पूजा ने आज आत्महत्या का मन बना लिया और दूधतलाई चली गई, जहां लोगों ने उसे बचा लिया।

बरसों से फतह सागर का पानी चुरा रहा है पार्षद पति।

a1उदयपुर। फतहसागर से पानी चोरी हो रहा है और ये और कोई नहीं उस क्षेत्र का पार्षद पति ही कर रहा है। पार्षद पति द्वारा तालाब किनारे डीजी सेट लगाकर सिंचाई के लिए पानी चुराया जा रहा है। जब पार्षद पति से पूछा गया कि वो फतहसागर से पानी क्यों चुरा रहे हैं, तो उनका कहना था कि ऐसा तो वो बरसों से कर रहे हैं। उनकी नजर में ये कोई गुनाह भी नहीं है। सिंचाई विभाग के अशोक बाबेल को जब यह बताया गया, तो उन्होंने इस मामले की जानकारी होने से इनकार किया और आज ही अधिकारियों को भेजकर डीजी सेट जब्त करने की कार्रवाई करने की बात कही।

बालश्रम एक अभिश्राप

IMG_0369केंद्र व राज्य सरकार ने कई योजनाएं बच्चों के पालन-पोषण के लिए चला रखी है, लेकिन भ्रष्ट अफसरशाही के कारण इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता है। इस कारण नन्हें बच्चों को मजदूरी करके पेट भरना पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं से वंचित ये नन्हीं बच्ची आज सुबह फतहसागर की पाल पर मजदूरी कर रही थी।