पहले ऊँची बिल्डिंग तोड़ो फिर गरीबों के मकानों की सोचना

उदयपुर, राज्य सरकार के निर्देशानुसार चलाये जाने वाले अभियान प्रशासन शहरों के संग को लेकर हुई नगर परिषर्द बोर्ड की बैठक औपचारिक सभा बन कर रही गई। प्रशासन शहरों के संग शिविर में क्या करना है यह ना परिषद अधिकारियों को पता ना ही पार्षदों का समझा पाये। बैठक कच्ची बस्ती के पट्टे निर्माण निषेध क्षेत्र और झीलों की सफाई के बीच उलझ कर रह गयी लेकिन इन पर भी कोई प्रभावी निर्णय नहीं ले पाये।

अगर गिराना है तो पहले बडी बिल्डिंग गिरे फिर गरीबो के मकान की सोचो इससे पहले अगर गरीब जनता के मकान टूटे तो चुप नहीं बैठेगें चाहे हाईकोर्ट प*ांसी लगा दे। यह कहना था शहर विधायक गुलाब चंद कटारिया का चर्चा थी निर्माण निषेध क्षेत्र मे अवेध निर्माण को लेकर सदन इस मुद्दे पर गंभीर नजर तो आयी लेकिन पि*र भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। पक्ष विपक्ष के सभी पार्षदों ने बारी बारी से परिषद पर आरोप लगाये कि परिषद की वजह से आम जनता की नींदे उडी हुई है। स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिघंवी और पार्षद राजेश सिघंवी ने कहा कि यदि २०११ में ही नगर परिषद की ओर से किसी काबिल अधिवत्त*ा ने पैरवी की होती तो आज यह दिन नहीं देखना पडता।

शहर विधायक गुलाब चंद कटारिया ने सभी की बात सुनने के बाद सुझाव दिया कि जिनको हमने बसाया है वह अवैध कैसे हो जायेगें ओर बडी बडी प*ाइव स्टार होटले झील किनारे होते हुए निर्माण निषेध में नहीं आ रही पि*र मकान कैसे आ रहे है। परिषद की ओर से हाईकोर्ट में रिव्यु याचिका लगाई जाये यही एक रास्ता है।

बैठक के आंरभ में कांग्रेसी पार्षद द्वारा आकस्मिक बोर्ड बेठक बुलाना नियम के विरूद्घ बताया । आयुत्त* ने बतायाकि राज्य सरकार के निर्देशानुसार बैठक बुलायी गयी है। प्रशासन शहरों के संग शिविर मेंं होने वाले कार्यो की जानकारी दी। लेकिन कच्ची बस्ती के पट्टो को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी । शहर में ४० बस्तियां है इनमें से किनको पट्टे मिलने है यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया। पारस टाकीज से लेकर गवरमेंट प्रेस तक ५० साल पुरानी बस्ती को पट्टो को लेकर भी माहौल् गर्माया लेकिन वह भूमि वन क्षेत्र में होने से आयुत्त* ने सभी पट्टे मिलने में असमर्थता जताई।

कटारिया ने भी कहा कि जिन बस्तियों को पट्टे नहीं दिये जा सकते उनके लिये आगे की कार्यवाही करे लेकिन जहां पट्टे दे सकते है उनके लिऐ नियम और कागजी कार्यवाही के लिए पर्चे ओर विज्ञापन छपवा कर सूचित करें।

झीलों की सप*ाई के मुद्दे को लेकर सभी पार्षदों ने अपनी अपनी राय दी लेकिन कोई प्रस्ताव नहीं बन पाया। पारस सिघंवी ने कहा कि अलग-अलग झीलों के सप*ाई का ठेका देना अलग अलग है। प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली ने दूधतलाई की सप*ाई की ओर ध्यान दिलाया।

पार्षद पू*ल ङ्क्षसह मीणा ने उदयसागर में आय$ड नदी में होकर नालों और पै*क्ट्रियों के गंदे पानी की ओर ध्यान आकर्षित किया। रेहाना जर्मनवाला ने लिंक नहर की सप*ाई का मुद्दा उठाया तो पार्षद अब्दुल सलाम ने गुलाब बाग स्थित कमल तलाई की दुर्दशा पर ध्यान देने को कहा।

विधायक कटारिया ने सभी की बात सुनने के बाद सभापति को कहा कि सबसे चर्चा कर झीलों की सप*ाई का जिम्मा नगर परिषद को उठाना चाहिए साथ ही झीलों से होने वाली आय के बारे में भी सोचना चाहिए ताकी झीलों की देखभाल हो सके।

दिपावली दशहरा मेले को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं की गयी। मेला संयोजक धनपाल स्वामी भी बीच बैठक में उठकर कार्य होने का बहाना कर चलते बने।

मेवाड हाईटेक इंजिनियरिंग में हुआ सौ यूनिट रक्तदान

उदयपुर, जब फैक्ट्री मालिक से मिला रक्तदान के महत्व का ज्ञान तो बुजुर्ग श्रमिक दौड पडा रक्तदान को। उसने ना केवल रक्तदान किया अपितु भावी तीन पीढी को हाथोंहाथ रक्तदान का संकल्प करवाया। यह वाकया है गत दिनों हवा मगरी सुखेर स्थित मेवाड हाईटेक इंजिनियरिंग लिमिटेड में संपन्न हुए रक्तदान शिविर का। इस शिविर में ना केवल ९३ यूनिट रक्तदान हुआ अपितु शिविर के बाद भी रक्तदान का महत्व समझ कंपनी के कर्मचारियों ने सात अन्य यूनिट रक्तदान कर रक्तदान शिविर के १०० यूनिट रक्तदान के लक्ष्य को साकार कर दिखाया।

गत दिवस हवामगरी सुखेर स्थित मेवाड हाईटेक इंजिनियरिंग लिमिटेड एवं लायंस क्लब उदयपुर महाराणा के संयुक्त तत्वावधान में १०० यूनिट रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। प्रात: प्रारंभ हुए शिविर में कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों के अतिरिक्त क्लब के पदाधिकारियों ने बढ-चढकर हिस्सा लिया।

पट्टे की मांग को लेकर कच्ची बस्तीवासियों का महापडाव

उदयपुर, कच्ची बस्ती के लोग शांति एवं कानून व्यवस्था में विश्वास रखते है लेकिन जब उनकी वाजिब मांगों पर कोई सुनवाई नही होती है तो वे अपने अधिकारों को पाने के लिए अपनी जान तक कुर्बान करने को तैयार है और उस समय ऐसा जलजला आएगा कि शासन और तंत्र कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं होंगे।

यह विचार कच्ची बस्ती फैडरेशन, उदयपुर के आव्हान पर उदयपुर की कच्ची बस्तियों के हजारों निवासियों की आमसभा को संबोधित करते हुए पै*डरेशन के महासचिव बी.एल. सिंघवी ने व्यक्त किये।

सिंघवी ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने पिछले पैंतीस वर्षों में कई बार चुनावों के समय कच्ची बस्तीवासियों को पट्टे देने की घोषणा की लेकिन चुनावों के बाद उन्हें कई तरह के बहाने बनाकर पट्टे नही दिये गये। उन्होंने कहा कि माछला मगरा, भीलू राणा कच्ची बस्ती वन क्षेत्र में हो, नीमचमाता स्कीम स्थित वन भूमि व निर्माण निषेध क्षेत्र हो, नेहरू हॉस्टल के पीछे कथित हॉस्टल जमीन हो, हनुमान कॉलोनी निजी जमीन पर हो, इन सभी बस्तीवासियों को नगर विकास प्रन्यास, उदयपुर व नगर परिषद ने सन् १९८० से लेकर २००० तक सैंकडों लोगों को पट्टे देने के लिए राशि जमा की लेकिन उन्हें पट्टा देने के नाम पर ठगा गया।

कच्ची बस्ती फैडरेशन के अध्यक्ष भंवरलाल बारबर ने कहा कि इस देश को पूंजीपति, बडे अधिकारी, सत्ताधारी दल के नेता एवं मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता गठजोड बनाकर लूट रहे है। लेकिन जब गरीब को उसका हक देने की बात आती है तो कई तरह के झूठे बहाने एवं तकनीकी खामियां निकालकर गरीबों को उनके अधिकारी से वंचित कर देते है लेकिन दूसरी तरफ यदि किसी पूंजीपति के हितों की बात हो तो नीतियां तो छोडो, केन्द्रीय स्तर के मंत्रियों तक को बदल दिया जाता है।

माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने कहा कि राज्य सरकार एवं नगर परिषद उदयपुर का बोर्ड बच्ची बस्तीवासियों को अन्यंत्र बसाने की योजना लेकर आते है लेकिन उनके पीछे उनका असली मकसद कच्ची बस्तीवासियों की जमीन छीनकर पंजीपतियों व भूमाफीयाओं को लाभान्वित करने का होता है लेकिन इसे कच्ची बस्ती वासी तभी स्वीकार नहीं करेंगे और अपनी जान देकर भी अपने आशियाने को बचाने को दृ$ढ संकल्प है। सिंघवी ने कहा कि नगर परिषद का भाजपा बोर्ड नूरा कुश्ती का अखाडा बना हुआ है जहां पर कच्ची बस्तियों को पट्टे देने की मांग कई बार रखी गई लेकिन परिषद बोर्ड की उदासीनता के चलते कच्ची बस्तीवासियों को दूसरे दर्जे का नागरिक समझ उन्हें दरकिनार कर रखा है।

महापडाव के दौरान बी.एल. सिंघवी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर से मिला और उन्हें सभी कच्ची बस्तीवासियों को पट्टा देने की मांग वाला ज्ञापन देने के साथ ही विभिन्न कच्ची बस्तियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देकर निस्तारण की मांग की। साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से अधिसूचना में संशोधन करते हुए रिव्यू प्रार्थना पत्र पेश कर उदयपुर में झील किनारे बसे लोगों को राहत पहुंचाने की भी मांग की।

दिल्ली रैली की तैयारियां जोरों पर

उदयपुर , अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार ४ नवम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रस्तावित विशाल जनसभा को लेकर उदयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह का माहौल हैं। जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाडिया के नेतृत्व में दिल्ली जाने वाले कांग्रेसजनों के पंजीकरण का काम उनके द्वारा गठित कमेटी के संयोजक पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया, सहसंयोजक गणेश राजोरा, शंकर भाटिया, राधा किशन मेहरा, रोडीलाल खटीक कर रहे हैं। २ नवम्बर सायंकाल ४ बजे तक जितने भी कांग्रेसजनों का पंजीकरण होगा उन सभी को शहर जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा द्वारा पंजीकरण कार्ड जारी किए जाएगें। पंजीकृत कांग्रेसजन ३ नवम्बर सायंकाल दिल्ली जाने वाली चेटक एक्सप्रेस से प्रस्थान करेंगे व ४ नवम्बर को जनसभा में भाग लेकर सायंकाल पुन: दिल्ली से चलने वाली चेटक एक्सप्रेस से प्रस्थान कर ५ नवम्बर प्रात: उदयपुर पहुंचेगे। जनसभा के प्रचार प्रसार के लिए पूरे उदयपुर जिले में हॉर्डिग्स, पोस्टर लगाए गए हैं। उदयपुर सांसद रघुवीर सिंह मीणा, जिलाध्यक्ष श्रीमति सुखाडिया एवं कमेटी के संयोजक त्रिलोक पूर्बिया ने अधिक से अधिक संख्या में कांग्रेसजनों से दिल्ली जाने का आव्हान् किया है।

३२ वां सम्मान समारोह आगामी ३ मार्च को

५ नवंबर से १५ दिसंबर तक आवेदन आमंत्रित

महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउंडेशन सम्मान के लिए आवेदन आमंत्रित

उदयपुर, १ नवंबर। विश्व, देश, राज्य व अंचल स्तर पर समाज सेवा, विज्ञान, कला सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों को सम्मानित करने के संबंध में महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउंडेशन उदयपुर ने विभूतियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। आगामी ३ मार्च,१३, रविवार को होने वाले ३२वें महाराणा मेवाड फाउंडेशन वार्षिक अलंकरण सम्मान समारोह में फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड विभूतियों को सम्मानित करेंगे। सम्मान के तहत प्रविष्टियां ५ नवंबर से १५ दिसंबर,१२ तक आमंत्रित की गई है। फाउण्डेशन इससे पूर्व अपने ३१वें सम्मान समारोह तक ३८३२ विभूतियों का सम्मान कर चुका है।

महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा आयोजित ३२वें महाराणा मेवाड फाउंडेशन वार्षिक अलंकरण सम्मान समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि पुरस्कारों के लिए २०११-२०१२ में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाएं आवेदन कर सकती हैं। आवेदन पत्र फाउंडेशन की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं। इसके अलावा आवेदन पत्र नि:शुल्क सिटी पैलेस उदयपुर के बडी पोल स्थित काउंटर से प्रात: १० बजे से शाम ५ बजे तक प्राप्त किए जा सकते हैं।

डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा दिए जा रहे सम्मानों की फेहरिस्त में कर्नल जेम्स टॉड सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान अंतरराष्ट्रीय स्तर का होता है और मेवाड तथा राजस्थान में मानवता की सार्वभौम सेवा को समर्पित विश्व बंधुत्व की आस्था से संपन्न विदेशी मनीषा को दिया जाता है। चयन में प्राथमिकता मेवाड हेतु स्थाई मूल्य की सेवा वरीयता का आधार रहती है। हल्दीघाटी सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और यह सम्मान पत्रकारिता के माध्यम से समाज की स्थाई मूल्य की सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। हकीम खां सूर सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और यह सम्मान कौमी एकता, राष्ट्रीय अखण्डता, देशप्रेम एवं साम्प्रदायिक सद्भाव की स्थायी सेवा हेतु प्रदान किया जाता है। मेवाड हेतु इस प्रकार की सेवा की स्थायी उपादेयता को प्राथमिकता एवं वरीयता दी जाती है। महाराणा उदयसिंह सम्मान: यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और मानव कल्याण के लिए पर्यावरणीय समृद्घि एवं शाश्वत निर्माण में समर्पित कर्मनिष्ठा को दिया जाता है। स्थाई एवं शाश्वत मूल्य की पर्यावरणीय उपलब्धि मूलत: इसके चयन का आधार होगी। पन्नाधाय सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राष्ट्रीय स्तर का होता है और यह सम्मान अपने निर्धारित कत्र्तव्यों के दायरे से ऊपर उठकर प्राण जोखिम में डालकर औरों के प्राणों की रक्षा करने वाले व्यक्तित्व को प्रदान किया जाता है। महर्षि हारीत राशि सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान समाज में आध्यात्मिक जागरण और समाज को धर्म निष्ठा की दृष्टि से संपन्न करने हेतु सेवा कार्य संपन्न करने वाली प्रतिभा को प्रदान किया जाता है। महाराणा मेवाड सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान समाज में शैक्षिक चारित्रिक, नैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए स्थायी मूल्य की सेवाओं के लिए दिया जाता है। महाराणा कुंभा सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान साहित्यिक और ऐतिहासिक दृष्टि से समाज में जागृति लाने वाले व्यक्ति की स्थायी मूल्य की सेवा को दिया जाता है। महाराणा सज्जन सिंह सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान चित्रकारी, स्थापत्य कला एवं अन्य ललित कलाओं की स्थायी मूल्य की सेवा हेतु प्रदान किया जाता है। डागर घराना सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान राजस्थान में शास्त्रीय संगीत, भारतीय, शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाली प्रतिभा को यह सम्मान प्रदान किया जाता है। राणा पूंजा सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान मेवाड के आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कार्य करने वाले को दिया जाता है। अरावली सम्मान : यह वार्षिक अलंकरण सम्मान राज्य स्तर का होता है और यह सम्मान खेलकूद के क्षेत्र में अर्जित विशिष्ट उपलब्धियों के लिए राज्य के खिलाडियों को प्रदान किया जाता है। इसके अलावा अन्य वार्षिक अलंकरण सम्मान में भामाशाह सम्मान, महाराणा राज सिंह सम्मान तथा महाराणा फतह सिंह सम्मान प्रदान किए जाएंगे।

कैनवास पर उकेरे कल्पनाओं के रंग

उदयपुर, पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की ओर से गुरूवार को बागोर की हवेली म्युजियम सभागार में तीन दिवसीय जर्नी ऑफ आर्ट पेटिंग प्रदर्शनी शुरू हुई। पांच विद्याथियों की कल्पनाओं से सजी इस प्रदर्शनी का उद्घाटन शीतल अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन एवं फीता काटकर किया। यह प्रदर्शनी लोगों के लिए ३ नवंबर तक प्रतिदिन सुबह ११ से शाम ७ बजे तक खुली रहेगी। पेसिफिक में चित्रकला विभाग में कार्यरत शिक्षक मुकेशकुमार औदिच्य एवं रीटा वासू के निर्देशन में भीलवाडा निवासी पूजा भट्ट, उदयपुर की सोनम जैन, दिव्यानीसिंह राठौड, अनित एवं प्रियंका के कैनवास पर उकेरे गए चित्रों को प्रदर्शित किया गया। इसमें पूजा ने जहां आधुनिक एवं पारंपरिक रंगों से निर्मित चित्रों को प्रदर्शित किया वहीं सोनम ने अपने चित्रों में पर्यावरण रक्षा को प्रमुख केन्द्र बिंदु बनाया। उद्घाटनकर्ता शीतल अग्रवाल सहित कला पारखियों ने इन चित्रों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रदर्शनी में ४० चित्रों का प्रदर्शन विशेष उपलब्धिकारक है। प्रदर्शनी को बडी संख्या में विद्यार्थियों ने निहारा और विषय वैविध्य तथा प्रयोगधर्मी तकनीक में अंकित सदाबहार आकर्षण देते चित्रों का विश्लेषण किया। अधिकांश चित्रों में प्रकृति पदत्त भाव, सौंदर्य और कलारूपों का मिश्रण बडा ही सम्मोहनकारी लगा

“व्यापार और सूचना प्रोद्योगिकी के लिए सफलता के मंत्र”

उदयपुर , ऐश्वर्या इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड आई. टी. द्वारा आगामी 2-3 नवम्बर 2012 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। “व्यापार और सूचना प्रोद्योगिकी के लिए सफलता के मंत्र” विषयक इस कार्यशाला में देशभर से 200 प्रतिभागी भाग लेगें।

कार्यशाला समन्वयक कपिल श्रीमाल ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि कार्यशाला प्रबंधन व सूचना प्रोद्योगिकी दोनों ही विषयों के विद्यार्थियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, विद्यार्थी जो इस कार्यशाला का हिस्सा बनेगे उनके लिए देश के विख्यात शैक्षणिक और उद्य़ोग जगत के पेशेवरों द्वारा उपयोगी सफलता के मंत्रों का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। कार्यशाला में दोनों दिन अलग-अलग विषयों पर तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जायेगा। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के तौर पर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में कॉलेज विकास परिषद् के निदेशक प्रो. करूनेश सक्सेना, आर. ए. पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रो. हर्ष द्विवेदी, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, निरमा यूनिवर्सिटी के डॉ. नितयेश भट्ट, राजस्थान स्टेट माईन्स एण्ड मिनिरलस लि. के मैनेजर (सिस्टमस) डॉ. अजमुदीन खान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय के अन्तर्गत स्कूल ऑफ मैनेजमंेट स्टडीज, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. नवल किशोर, जे. के. सीमेन्ट, निम्बाहेड़ा में सहायक उपाध्यक्ष (एच.आर. एण्ड आर.टी.सी.) डॉ. आर. पी. सिंह, जे. के. लक्ष्मी सीमेन्ट लिमिटेड, जेकेपुरम, राजस्थान के सीनियर मैनेजर (एच.आर.) श्री आसिफ करीम साहिर व फ्यूजन ई-सोल्यूशन के प्रबन्धक निदेशक श्री मधुकर दुबे सम्बोधित करेगें।

 

श्रीमाल ने बताया कि वर्तमान व्यापार में वैश्वीकरण के कारण दुनियाभर में सभी औद्यौगिक संगठनों में जबदस्त प्रतिस्पर्धा के दबाव का सामना करना पड़ा रहा है। इसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण पदों पर पेशेवर व्यक्तियों की आवश्यकता है जो उच्च श्रेणी के शिक्षण सस्थानों द्वारा तैयार किये जायेगें। वर्तमान परिपेक्ष्य में व्यावसायिक शिक्षा में व्यावहारिक दृष्टिकोण की कमी है। सैद्धान्तिक ज्ञान और कौशल विकास के पहलू को ध्यान में न रखते हुए शिक्षा प्रदान करने की जरूरत है। कार्यशाला में इन सैद्धान्तिक बिन्दुओं पर विस्तृत विवेचना की जायेगी।

दशहरा-दीपावली मेला बना झमेला

आए दिन बदले जा रहे है कलाकार

उदयपुर, नगर परिषद मेला झमेला बनता जा रहा है कलाकारों को लेकर अभी तक भी स्थिति साफ नहीं हुई है। घोषणा के बाद बुधवार को फिर कलाकारों में बदलाव किया गया।

नगर परिषद द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुतियों के लिए शुरू से ही विवाद की स्थिति बनी रही बडे बडे और अच्छे कलाकारों की घोषणा फिर बजट का बहाना बनाकर निचले स्तर के कलाकारों को बुलाया जाना तय हुआ उसमे भी ७ नवम्बर को रश्मि देसाई की व्यस्तता की वजह से वह भी नहीं आएगी तो उपासना सिंह, वर्षा कुलकर्णी को बुलाना तय हुआ। अब आज पता चला कि उपासना भी शूटिंग में व्यस्तता के चलते नहीं आ रही तो आईटम डांसर संभावना सेठ की घोषणा की। पाप सिंगर मीका और दलेर मेहंदी में से किसी एक को बुलाने की घोषणा की थी वह भी पूरी नहीं कर पाये और हंसराज हंस को बुलाया जा रहा है। जनता को उम्मीद रहती है कि परिषद मेले में क्वालिटी के कलाकार बुलाये जायेगें लेकिन आपसी खींचतान और बजट का बहाना बना कर निचले स्तर के कलाकारों को बुला लिया जाता है।

शरद पूर्णिमा पर रोशन हुई आँखे

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उदयपुर, अलख नयन मंदिर नेत्र संस्थान द्वारा शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर ५० नेत्र रोगियों का नेत्र प्रत्यारोपण कर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गयां

संस्थान द्वारा कमध्वज महाराज भैरूङ्क्षसह मेमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में २१ अक्टूबर को गांव पारागढ में एक दिवसीय निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में अलख नयन मंदिर नेत्र संस्थान उदयपुर के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डा.लक्षमण ङ्क्षसह झाला ने रोगियों की जांच कर परामर्श प्रदान किया। शिविर में ४३२ रोगियों का परीक्षण कर ६८ मरीजों को ऑपरेशन के लिए चयनित किया गया। कमध्वज ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमती सम्पत कुमारी ने बताया कि ऑपरेशन के लिए चयनित रोगियों का बुधवार को अलख नयन मंदिर नेत्र संस्थान उदयपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। सभी रोगियों को दवा ट्रस्ट की ओर से निशुल्क वितरित की गई। गांव रामपुरिया, तहसील राशमी, जिला चित्तौड में आयोजित अन्य शिविर लगाए गए १० मरीजों व पारा में चयनित ४० मरीजो का विशेष पद्घति द्वारा निशुल्क बिना टांके के मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया।

प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लगेंगे शिविर

उदयपुर, नेशनल एडस कंट्रोल सोसायटी के निर्देशानुसार राजस्थान स्टेट एडस कंट्रोल सोसायटी द्वारा उदयपुर संभाग के १० क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए निशुल्क शिविर लगाया जा रहा है।

डिप्टी सीएमएचओ राघवेन्द्र राय ने जानकारी देते हुए बताया कि शिविर के दीपावली के पहले एक से १०नवम्बर तक मावली, भीण्डर, कुराबड, ऋषभदेव, सराडा, सलूम्बर, झाडोल, कोटडा और गोगुन्दा में आयोजित किया जायेगा जिसमें बाहर राज्यों में नौकरी करने गये युवक जो दीपावली के अवसर पर अपने घर आये युवकों उनकी पत्नी व बच्चों को निशुल्क चेकअप किया जायेगा जिसमें एचआईवी टेस्ट वीपीपी टेस्ट निशुल्क होगें व उन्हें दवाईयां दी निशुल्क हो जायेगी। जिला एडस बचाव नियंत्रक इकाई के पर्यवेक्षक डा.मनु मोदी ने बतायाकि इस १० दिनों के अभियान के लिए पांच डाक्टरों की टीमें गठित की है इसके साथ ही लेब टेक्निशियन नर्सिंग स्टाफ भी साथ रहेगें। मोदी ने बतायाकि यहां यह केम्प मुख्यत: एडस की जांच के लिए लगाया जा रहा है क्यों कि उदयपुर में एडस रोगियों की संख्या बढ रही है जिसका मुख्य कारण यहां के ग्रामीणों का अन्य राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में जाकर नौकरी करना। डा.मनु ने बताया कि इस केम्प को हि.जि.लि.व आरएसएमएम प्रायोजित कर रहे है।