हाथी घोडा पालकी जय कनहैया लाल की’

7605_40उदयपुर। जलझूलनी एकादशी के मौके पर शहर के तमाम मंदिरों से राम रेवाडिय़ां निकली। झीलों के सभी घाटों पर बेवाण लेकर पहुंचे श्रद्धालुओं ने नए जल से ठाकुरजी के स्नान मनोरथ किए। गंगोद्भव कुंड पर राम रेवाड़ी लेकर पहुंचे भक्तों की भारी भीड़।

लवाजमे के साथ निकली रामरेवाडिय़ां, घाट पर श्रद्धा की हिलोरें

जलझूलनी एकादशी, दोपहर बाद शहर भर मंदिरों से सजी-धजी राम रेवाडिय़ां निकली। ढोल-ढमके, झालर-डंके, थाली-मांदल की गूंज उठने लगी। रह-रहकर जयकारे लगे। ज्यादातर राम रेवाडिय़ों का रुख गणगौर घाट की ओर था। शाम 5 बजे से घाट पर श्रद्धा की हिलोरें उठने लगी। शाम ढल रही थी, झील किनारे भक्त श्रद्धा से सराबोर हो रहे थे। मंत्रों की गूंज, घंटियों की आवाज और शंख ध्वनियां श्रद्धा भाव जागृत कर रही थी। गाजे-बाजे और लवाजमे के साथ गणगौर घाट पहुंचे ठाकुरजी को भक्तों ने जल में झुलाया।

7593_33 7598_36गणगौर घाट पर शाम 5 बजे पहली राम रेवाड़ी तीज का चौक स्थित मंदिर की पहुंची। इसके बाद जगदीश मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और मां जी की बावड़ी स्थित मंदिर के बेवाण पहुंचे।

करीब 6 बजे तक 50 से अधिक मंदिरों के बेवाण घाट पर पहुंचे। एक समय स्थिति यह बनी कि घाट पर जगह की कमी होने पर राम रेवाडिय़ों को घाट के बाहर ही रोका गया। जगदीश चौक से गणगौर घाट तक हजारों की तादाद में भक्तों की मौजूदगी थी।

घाट पर कभी ‘हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की…’ जयकारे गूंज तो कभी ‘ओम जय जगदीश हरे…’ आरती। आरती के बाद जल के छींटे लेने को हर कोई लालायित दिखा। सेवकों ने बेवाण को कंधों पर उठाने से पहले ठाकुर जी को हिंडोलने दिए

 

अन्य घाटों पर भी रहा माहौल

 

आयड़ स्थित गंगू कुंड पर सुथारवाड़ा स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर, रावतवाड़ी आनंद नगर स्थित मंदिर, दक्षिण आयड़ स्थित चारभुजाजी मंदिर, बंजारा बस्ती स्थित मंदिर, बोहरा गणेश लाली सराय स्थित गोवर्धन नाथ मंदिर, पहाड़ा स्थित हनुमान मंदिर से राम रेवाडिय़ां पहुंचीं। इसी तरह से पीछोला के अन्य घाटों और गोवर्धन सागर पाल पर भी रेवाडिय़ां पहुंची।

घनी काली जुल्फों की चाहत अब पूरी होगी – NICC BEAUTY TIPS

sweeti-chhabaraकवि या शायर द्वारा अक्सर सबसे ज्यादा महिलाओं की काली जुल्फों की तारीफ करते हुए आपने जरूर सुना होगा। लेकिन आजकल यह तारीफ सुनाई नहीं देती है। कारण महिलाओं के छोटे होते बाल। अब वो काली जुल्फें दिखाई नहीं देती जिन्हें देखकर बरबस ही मुंह से निकलता था—न झटकों जुल्फ से पानी, मोती टूट जाएंगें। या तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर दूंगा, नजर मिलाई तो खाली सलाम कर दूंगा। महिलाओं की जुल्फों में कमी एक तरफ जहां फैशन के कारण हो रही है वहीं इसमें कुछ हद तक बढते प्रदूषण का भी बडा हाथ है। इसके साथ ही अनहेल्दी खाना, बढते तनाव इन सब तो बस ऎसी जुल्फों को बस ख्वाहिश बना दिया है। लेकिन बालों की परेशानी को कम करने के लिए कुछ हेयर केयर टिप्स आजमाएं तो घनी काली जुल्फों की ख्वाहिश पूरी कर सकती है।

 

 

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रोजाना 15 मिनट नारियल या बादाम तेल से हल्के हाथों से मसाज करें।
अंडे की जर्दी और शहद मिलाकर बालों की जडों में मसाज करें।

नीम की पत्तियों को पानी में उबालें, ठंडा करके छान लें और इस पानी से बालों को अच्छे से धो लें।

हफ्ते में एक दिन बादाम व कैस्टर ऑयल को गुनगुना करके बालों की जडों में मालिश करें।

बालों को सावधानीपूर्वक हैंडल करना चाहिए अधिक रगड से वे कमजोर होकर टूटने लगते हैं।

 

 

 

[title type=”h2″]कोहनी, अंडरआर्म्स को सुंदर रखने के टिप्स[/title]

 

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हाथों के रूखेपन या अंडरआम्स व कोहनियों के कालेपन की वजह से क्या आप भी स्लीवलेस डे्रस पहनने से परहेज करती है! अगर हां, तो अब आपको ऎसा करने की जरूरत नहीं, यहां आपके लिए हम लाये हैं ऎसे घरेलू उपाय जिन्हें अपना कर आप अपनी बांहों को नर्म-मुलायम बना सकती हैं।

रूखे हाथों को बनाएं बेबी सॉफ्ट
गुलाबजल व ग्लिसरीन को समान मात्रा में लेकर अच्छी तरह हाथों की मालिश करें। ऎसा करने से हाथों की स्किन दमकने लगेगी। अपने रूखे हाथों को नर्म-मुलायम बनाने के लिए दही का लेप लगाएं। सूख जाने के बाद गुनगुने पानी से हाथ धो लें। शहद व संतरे के जूस को समान मात्रा में मिलाकर हाथों पर लगाने से त्वचा चमकने लगाती है।

ऎसे दूर करें कोहनिया
कोहनियों का कालापन दूर करने के लिए 2 टेबलस्पून नींबू के रस में 2-3 टीस्पून शक्कर और आधा टीस्पून ग्लिसरीन मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसमें नींबू का छिलका डुबोकर कोहनी पर रगडें। ऎसा लगभग 10 मिनट तक करें।

 

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अंडरआम्स का कालापन
अंडरआम्स का कालापन दूर करने के लिए 2 टीस्पून चावल के आटे में थोडा-सा दूध, दरदरा पिसा हुआ बादाम व चंदन पाउडर मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इसे अंडरआम्üस पर लगाकर हल्के हाथों से रगडें। कुछ देर तक लेप लगा रहने दें, फिर धो लें।

वैक्सिंग करते समय ध्यान दें
यदि आप पार्लर में वैक्सिंग कराने जा रही हैं, तो पहले चेक कर लें कि पार्लर में हाइजीन का खास ध्यान रखा जाता है या नहीं। घर पर वैक्सिंग करना चाहती हैं तो हेयर रिमूविंग क्रीम का यूज आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। कम समय में सॉफ्ट-स्मूद स्किन पाने का ये सबसे आसान तरीका है।

राष्ट्रीय अस्मिता की प्रतीक हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा आवश्यक

DSC_3066-300x199उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघठक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में शुक्रवार को हिन्दी सप्ताह के तहत आयोजित परिचर्चा तथा विचार संगोष्ठी में बीएड तथा एसटीसी के छात्रों ने निष्कर्ष निकाला और बताया कि हिन्दी भाषा हमारी राष्ट्रीय अस्मिता स्वाभिमान का प्रतीक है। हिन्दी हमारी प्राण वायु एवं जीवन रस है। भाषा संस्कृति से राष्ट्र ऊर्जावान होता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ$ देवेंंद्र आमेटा और विशिष्ठ अतिथि डॉ$ अमी राठौड़, डॉ सुनीता मोडिय़ा और वृंदा शर्मा थे। अध्यक्षता डॉ बलिदान जैन ने की।

आकाशवाणी में हिन्दी पखवाड़ा शुरू

आकाशवाणी उदयपुर की राजभाषा क्रियान्वयन समिति द्वारा शुक्रवार को कार्यालय सभागार में हिन्दी पखवाड़ा समारोहपूर्वक शुरू हुआ। समारोह की मुख्य अतिथि वद्र्घमान महावीर खुला विश्वविद्यालय उदयपुर की निदेशक डॉ. रश्मि बोहरा थी, विशिष्ट अतिथि निदेशक अभियांत्रिकी सतीश देपाल थे। समारोह की अध्यक्षता माणिक आर्य उप महानिदेशक ने की। समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए जेपी आमेटा हिन्दी अधिकारी ने कहा कि कार्यालय में प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस समारोह पूर्वक मनाया जाता है। समारोह में सहायक निदेशक अभियांत्रिकी आईए काजी, एसोसिएट कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जेपी पंड्या, मदन तंबोली, विजय दुग्गल, मुकेश शर्मा आदि ने राजभाषा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्रसारण निष्पादक विनोद शर्मा ने किया।

सूचना केंद्र में हिन्दी दिवस के अवसर पर परिचर्चा

हिन्दी दिवस के अवसर पर सूचना केंद्र एवं नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में शुक्रवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि ज्योतिपुंज पंड्या ने कहा कि हिन्दी को सशक्त एवं समृद्घ बनाने के लिए विभिन्न लोकभाषायी शब्दों को मातृभाषा में सम्मिलित करना होगा। उन्होंने कहा कि अंगेजी माध्यम की ओर बढ़ते रूझान के चलते युवा पीढ़ी हिन्दी से दूर होती जा रही है, ऐसे में व्यावहारिक उपयोग के प्रति नई पीढ़ी को जागरूक करने की जरूरत है। इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र के समन्वयक पवन कुमार अमरावत, सहायक जनसंपर्क अधिकारी तुलसीराम कंडारा, पवन शर्मा व एल.आर. शर्मा ने भी संबोधित किया।

रन उदयपुर रन का आयोजन कल

Round-table-india-300x225उदयपुर। राउंड टेबल इंडिया की तरफ से रविवार सुबह सात बजे पहली बार एक मिनी मैराथन प्रतियोगिता ‘रन उदयपुर रन-2013Ó का आयोजन किया जा रहा है। फंड रेजिंग के लिए पंाच वर्गों में आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में विजेताओं को करीब डेढ़ लाख रुपए के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस प्रतियोगिता के आयोजन से हानेे वाली आय से जरूरतमंदों की सेवा के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उदयपुर लेकसिटी राउंड टेबल इंडिया के चेयरमैन दीपक भंसाली ने शुक्रवार केा आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि फतहसागर ओवर फ्लो छोर से प्रतियोगिता प्रारंभ होगी, जो मुंबइयां बाजार, सिंघल चौराहा, महाकालेश्वर चौराहा, रानी रोड होती हुई फिर देवाली छोर पर संपन्न होगी। लगभग साढ़े आठ किलोमीटर की यह मिनी मैराथन प्रतियोगिता 14-18 वर्ष के बालक-बालिकाओं, 19 से 40 वर्ष के युवक-युवतियों तथा 41 वर्ष से अधिक उम्र के महिला-पुरूषों के लिए आयोजित की जा रही है। सचिव प्रशांत न्याति ने बताया कि प्रतियेागिता में भाग लेने वाले सभी प्रतियोगियों को आयोजकों की ओर से टी-शर्ट प्रदान किए जाएंगे। प्रतियोगिता में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व चेयरमैन गौतम हिंगड़ ने बताया कि क्लब द्वारा पूर्व प्रतिवर्ष टे्रजर हंट कार रैली का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष कुछ हटकर नया करने की सोच से इस प्रतियोगिता के आयोजन की सोच पैदा की। इस अवसर पर नितिन गट्टानी, कुशाग्र हिंगड़, पंकज दुग्गड़, उदयपुर यूनाइटेड राउंड टेबल इंडिया के चेयरमैन सिद्धार्थ सिंघवी, सौरभ गांधी, ऋषभ वर्डिय़ा, सलिल सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे।

सबसे पहले मेवाड़ ने बनाया हिन्दी को राजभाषा

IMG-187x300उदयपुर। हिन्दी को देश की राजभाषा का दर्जा दिलाने में मेवाड़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मेवाड़ रियासत के भारतीय गणतंत्र में विलीनीकरण से पूर्व ही तत्कालीन महाराणा भूपालसिंह ने हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दे दिया था इसका उल्लेख मेवाड़ के संविधान में भी किया गया है।

उल्लेखनीय है कि महाराणा भूपालसिंह ने 23 मई १९४७ को चंपाबाग में आयोजित एक भव्य समारोह में मेवाड़ का संविधान घोषित कर अंगीकार किया था। इस अवसर पर देश की कई रियासतों के राजा-महाराजा और स्वतंत्रता आंदोलन के नेता भी मौजूद थे। मेवाड़ के इस संविधान में राज-काज हिन्दी में करने के संकल्प के साथ ही हिन्दी के विकास के लिए महाराणा प्रताप विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। मेवाड़ के इस कदम से भारतीय संविधान सभा में हिन्दी के पक्षधरों को बहुत ताकत प्राप्त हुई। अन्यथा पं. जवाहरलाल नेहरू क्रहिन्दुस्तानीञ्ज को राजभाषा बनाने के पक्षधर थे। अंतत: बहुमत को देखते हुए उन्होंने भी हिन्दी को स्वीकार कर लिया। इस सफलता में उदयपुर के मास्टर बलवंतसिंह महता की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही।

मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर अधिकारी रहे सचेत: कुड़ी

DSC_0084-300x199 (1)उदयपुर। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एचआर कुड़ी ने माइंस और खानों में काम करने वाले मजदूरों को होने वाली जानलेवा बीमारियों के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि इससे संबंधित सभी विभागों को इस दिशा में सचेत होने की आवश्यकता है। श्रमिकों, खानों के मालिकों और अधिकारियों को पाबंद करने तथा श्रमिकों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

एक दिन के उदयपुर प्रवास के दौरान कुड़ी ने माइंस में काम करने वालों को होने वाली बीमारियों को लेकर माइंस अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की एक बैठक ली। इसमे खान एवं भू-विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. एस. मारू ने बताया कि एसबेस्टस माइंस में काम करने वालों को मुख्यत: सिलिकोसिस नामक बीमारी होती है। मार्बल श्रमिकों को धूल, मिट्टी और मार्बल के पाउडर से लंग्स की बीमारी हो जाती है। इसमें मजदूरों की मृत्यु तक हो जाती है। कुड़ी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा की इसके लिए माइंस मालिकों और अधिकारियों की सेमीनार कर इस बीमारी से बचाव के उपाय सुझाए जाए और मजदूरों को भी जागरूक किया जाए कि वे काम करते वक्त मास्क, हेलमेट और गम बूट आदि का उपयोग नियमित रूप से करे तथा माइंस मालिकों को पाबंद किया जाए कि वे खानों में इस तरह कि सुविधा उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि नियम के खिलाफ कोई भी खान संचालित होती हुई पाई जाए, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

श्री कुड़ी ने कहा कि जिन श्रमिकों को इस तरह की बिमारी हो चुकी है। उनको चिह्नित कर अच्छे से अच्छा इलाज करवाया जाए। मुख्यमंत्री सहायता कोष से उन्हें हर संभव सहायता दिलाई जाए तथा जिन श्रमिकों की इस बीमारी से मृत्यु हो चुकी है। उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा दिलाया जाए।

श्री कुड़ी ने कहा की चाहे माइंस में काम करते हुए मास्क व हेलमेट लगाना हो, दुपहिया वाहन चलाते हुए हेलमेट का प्रयोग हो, या चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग हो। यह सब खुद की सुरक्षा के साधन है। इनका खुद को ध्यान रखने की तथा जनता को खुद ही जागरूक होने की आवश्यकता है।

माफी मांगने से अपराध समाप्त नहीं हो जाता

उदयपुर। नगर के जन संगठनों की सक्रियता तथा जिला कलेक्टर की संवेदनशीलता के चलते हाथीपोल थाने में गैेर जमानती धाराआें में प्राथमिकी दर्ज होने तथा आरोपी डॉक्टर सुरेश गोयल की गिरफ्तारी के भय से आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने डॉक्टर विभा के परिवार पर दबाव डालकर समझौता कर लिया। समझौते में डॉक्टर सुरेश गोयल ने डॉक्टर विभा से माफी मांग ली तथा भविष्य में उन्हें कोई नुकसान न पहुंचाने का वादा किया। दूसरी तरफ आंदोलनरत जन संगठनों ने इस घटना को लीपापोती करने तथा विभा द्वारा जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है। सुनने में आया है कि इस बात के लिए जन संगठनों के नेताओं ने डॉक्टर विभा को फटकारा भी है।

जन संगठनों के प्रवक्ता डी एस पालीवाल ने बताया कि किसी भी मसले में पीडि़ता से आरोपी चाहे माफी मांग ले तो अपराध समाप्त नहीं हो जाता। अत: पुलिस को अपने स्तर पर कार्यवाही जारी रखनी चाहिये तथा पीडि़ता के बयानों को पर्याप्त मानते हुए एेसी कार्यवाही करनी चाहिये, जिससे वह नजीर बने। उन्होंने बताया कि डॉक्टर विभा को दबाने के लिए प्रशासन ने मिली भगत कर रेजिडेन्ट एेसोसिएशन के मार्फत उनके विरूद्घ झूठी शिकायतें करवाई और अब समझौते में भी उन शिकायतों का हवाला दिया गया और शिकायतकर्ता को भी उसमें सम्मिलित किया गया। कुल मिलाकर वे सभी लोग भी समझौते में सम्मिलित किए गये जो डॉक्टर विभा पर दबाव डालने में शरीक थे साफ है कि इसमें सभी की मिली भगत है। आश्चर्य जनक यह है कि कार्यस्थल पर महिला अत्याचार रोकथाम के लिए बनी कमेटी ने अभी तक कोई रिपोर्ट नहीे दी जबकि डॉक्टर चन्द्रा माथुर स्वयं समझौता वार्ता में उपस्थित थी, जिससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने प्रशासन के हाथ में खेलते हुए डॉक्टर विभा को न्याय दिलाने के लिए कोई प्रभावशाली भूमिका नहीं निभाई। जानकारी यह भी मिली है कि इस समिति को महिला अत्याचारों के कानून की कोई समझ भी नहीं है। जानकारों का यह भी कहना है कि इस कमेटी में एक सदस्य तो बाल चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर की पत्नी है और उनके कहने से ही उक्त समिति ने अब तक कोई जांच नहीं की है। वहीं लीपापोती वाली प्रशासनिक रिपोर्ट को रेजिडेन्ट एसोसिएशन द्वारा प्रेस को दिलाना भी उनकी प्रशासन से मिली भगत को साबित करता है जबकि उनको अपनी ही साथी रेजिडेन्ट का साथ देना चाहिये था। रेजिडेन्ट्स को चाहिये कि एेसे नेतृत्व को तत्काल हटाकर सही नेतृत्व में रेजिडेन्ट एेसोसिएशन का पुनर्गठन करें।

स्मरण रहे कि डॉक्टर विभा के मामले में नगर के अनेको जन संगठनों ने सड़क पर उतरकर उन्हे न्याय दिलाने के लिये अभियान चलाया था। साथ ही जन संगठनों ने सार्वजनिक चिकित्सालय में ऊपर से नीचे तक व्याप्त भ्रष्टाचार की तरफ भी उंगली उठाना प्रारंभ कर दिया था, जिससे डॉक्टर कौशिक ने भी मसले को निपटाने में जल्दबाजी दिखाई।

बिग बॉस सीज़न – साथ 7

Salman Khan (15)15 सितंबर से हर रोज़ रात नौ बजे… कलर्स पर!

बिग बॉस सीज़न – साथ 7 15 सितंबर, 2013 से हर रोज़ रात 9.00 बजे प्रसारित होगा। रिएलिटी शो बिग बॉस के इस सीजन में ‘जन्नत‘ और ‘जहन्नुम‘ के रूपों को दिखाया जाएगा जो प्रतियोगियों के अच्छे और बुरे गुणों का प्रतिबिंब होगा। एंडीमॉल द्वारा निर्मित इस शो को लगातार चौथे साल सुपरस्टार सलमान खान होस्ट करेंगे जिसमें जानी-मानी 14 हस्तियां प्रतिभागी होंगी। यह बिग बॉस सीज़न – साथ 7, 104 दिन तक बिग बॉस के घर का ड्रामा दिखाएगा जिसमें केवल मज़बूत दिलवाले ही आखिर तक रह सकेंगे।

Salman at the launch og Bigg Boss 7जन्नत और जहन्नुम की थीम के बारे में सलमान खान ने बताया, ‘‘मुझे बिग बॉस देखना अच्छा लगता है और मुझे इस शो के साथ जुड़कर बेहद खुशी है। इस साल बहुत कुछ देखने को मिलेगा और मुझे विश्वास है कि जहां दर्शकों के लिए यह एक शानदार स्वर्ग जैसा अनुभव रहेगा वहीं प्रतियोगियों के लिए एक नरक जैसा मुश्किल सफर!”

 

सिटी पैलेस में निकलेगी रामरेवाड़ी

उदयपुर,। श्री एकलिंगजी ट्रस्ट से संबंधित विभिन्न मंदिरों सहित कैलाशपुरी एवं सिटी पैलेस प्रांगण में रविवार को जलझूलनी एकादशी पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। इस अवसर पर मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाकर ठाकुरजी के जल हिण्डोलने के शृंगार कराए जाएंगे तथा शाम को भव्य रामरेवाडिय़ां निकाली जाएगी। सिटी पैलेस स्थित मंदिर श्री बाणनाथजी से ठाकुरजी ज्ञानरायजी, पीताम्बर राय जी एवं बाणनाथ जी की परंपरानुसार विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसी प्रकार कैलाशपुरी स्थित परमेश्वराजी महाराज श्री एकलिंगजी मंदिर पर भी गणेशजी की चल प्रतिमा की रामरेवाड़ी निकाली जाएगी।

लेकसिटी में मौसम हुआ सुहाना

Udaipur Pictures-595उदयपुर। कई दिनों के इंतजार के बाद शुक्रवार को लेकसिटी में मौसम ने पलटा खाया और दोपहर बाद कई जगह फुहार के रूप में बादल बरसे। आसमान में सुबह से ही बादलों ने डेरा जमाना शुरू कर दिया। इसी बीच दोपहर बाद शहर में मौसम ने पलटा खाया और कई जगह फुहार गिरी।

आमजन की उम्मीद अनुरूप तो बारिश नहीं हुई,मगर फुहार से मौसम में ठंडक घुलने से गर्मी व उमस से परेशान शहरवासियों ने राहत की सांस ली। शहर के साथ ही आसपास के गांवों में भी कहीं फुहार तो कहीं रिमझिम के रूप में बारिश हुई।

वाहनों की रफ्तार हुई धीमी :

शुक्रवार को फुहार से लोगों को गर्मी व उमस से तो राहत मिली मगर सड़कों पर फिसलन होने से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। दुपहिया वाहन चालकों ने फिसलन के डर से धीमी रफ्तार से शहर की सड़कों पर वाहन चलाने की सावधानी बरती।

झीलों में आवक की उम्मीद बंधी :

मौसम के पलटा खाने से अब झीलों में पानी की एक बार फिर आवक शुरू होने की नई उम्मीद भी बंधी है। कैचमेंट में बारिश होते ही झीलों में आवक का सिलसिला फिर शुरू हो जाएगा।