प्रजापत बना गवाह

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haa 21425-11-2013-02-06-19Nउदयपुर। यौन शोषण के मामले में फरार नारायण सांई की सहयोगिनी गंगा बेन उर्फ धर्मिष्ठा को रामा गांव में शरण देने वाले शंकरलाल प्रजापत को सूरत (गुजरात) पुलिस ने मामले में गवाह बना लिया। साक्ष्य संकलन व गवाही के लिए प्रजापत रविवार को पुलिस के साथ सूरत गया।

पुलिस ने बताया कि सूरत में पीडिता ने आसाराम सांई के पुत्र नारायण सांई व उसकी प्रमुख सहयोगी गंगा उर्फ धर्मिष्ठा, जमना उर्फ भावना पटेल व रसोइयां हनुमान उर्फ कौशल ठाकुर के विरूद्ध दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करवाया था। नामजद होने के बाद गंगा अपने पति झारखण्ड (बिहार) निवासी प्रशांत मिश्रा के साथ रामा गांव में साधक शंकरलाल प्रजापत के मकान में आ छिपी। सुखेर थानाधिकारी गजेन्द्रसिंह को सूचना मिलने पर उन्होंने गत 7 नवम्बर को गंगा उसके पति प्रशांत के रामा गांव में गिरफ्तार किया। गंगा से पूछताछ के बाद सूरत पुलिस ने नारायण साई को गिरफ्तार करने के लिए कई जगह दबिश दी, लेकिन उसका पता नहीं चला। पुलिस का का कहना है कि गिरफ्तार गंगा के साथ ही जमना भी मामले मे आरोपी है।

पुलिस ने शंकरलाल प्रजापत को बताया कि वह गंगा के पति प्रशांत उर्फ प्रमोद को जानता था। अहमदाबाद के आश्रम में वह दर्शन और सेवा-अर्चना के दौरान उसकी पूरी मदद करता था। उदयपुर आने से पूर्व प्रमोद ने फोन कर उसे कहा कि छुटि्टयां होने से वह नाथद्वारा व अन्य जगह घूमना चाहता है। साधक ने आने का न्योता दिया तो वह पत्नी गंगा को लेकर रामा गांव पहुंच गया। शंकर का कहना है कि गंगा नारायण साई की सहयोगिनी थी और गुजरात में उसके खिलाफ वारंट जारी हुआ था। वह इसके बारे में नहीं जानता था।

शंकर का कहना है कि गांव आने के तीन चार दिन बाद प्रमोद बीमार हो गया। तबियत ज्यादा खराब होने पर एक बार दोनों यहां से चले गए, लेकिन चार दिन बाद वापस लौट आए। रामा गांव में रहने के दौरान गंगा ने जमना से सम्पर्क साधा हो या या आरोपी बहने आपस में सम्पर्क में रही है। इन सब कारणों को जानने के लिए सुबह सूरत पुलिस ने रामा गांव आकर प्रजापत से पूछताछ की। कई ग्रामीणों से जानकारी भी ली।

आरुषि मामला: तलवार दंपति अब हाई कोर्ट जाएँगे

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131125112730_rajesh_nupur_talwar_624x351_ptiगाजियाबाद में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने राजेश तलवार और नूपुर तलवार को अपनी बेटी आरुषि की हत्या का दोषी पाया है.

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को कहा कि दोनों अभियुक्त धारा 302 और 201 के तहत दोषी हैं. इसके अलावा राजेश तलवार को फर्जी एफआईआर दर्ज कराने के लिए धारा 203 के तहत भी दोषी पाया गया.

अदालत अब मंगलवार को दोषियों को सजा सुनाएगी. फिलहाल तलवार दंपति को हिरासत में लेकर डासना डेल भेज दिया गया है.

फैसले के तुरंत बाद राजेश और नूपुर तलवार ने एक बयान जारी कर कहा, “हम फैसले से काफी निराश, दुखी और आहत महसूस कर रहे हैं.”

उन्होंने बयान में कहा, “हम अभी हारे नहीं हैं और न्याय के लिए लड़ाई जारी रहेगी.”

तलवार के वकील सत्यकेतु सिंह ने कहा, “कोई सबूत नहीं है. फैसला निराशाजनक है. यह गलत है.”

दूसरी ओर सीबीआई के वकील आर के सैनी का आरुषि मामले पर बताया, “अदालत ने कहा कि परिस्थितियों के मुताबिक इस अपराध को अंजाम देने के लिए वहां कोई दूसरा मौजूद नहीं था.”

सनसनीख़ेज हत्या

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करीब साढ़े पांच साल पहले हुई आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की सनसनीखेज हत्या के बाद सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया.

इस दौरान आरुषि मामले में कई नाटकीय मोड़ और बदलाव आए.

विशेष जज एस लाल ने करीब 15 महीने तक चली सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला सुनाया.

तलवार दंपति पर अपनी 14 वर्षीया बेटी और नौकर की हत्या के साथ ही सबूतों से छेड़छाड़ करने का भी आरोप था और अभी तक वे जमानत पर थे.

आरुषि और हेमराज की हत्या 15-16 मई 2008 को की गई थी.

इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और सीबीआई की जांच में कई नाटकीय मोड़ देखने को मिले.

सुरक्षा के भारी इंतजाम

इससे पहले सुबह सीबीआई कोर्ट के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक मुनिराज ने बताया कि अदालत के बाहर तीन डीएसपी, तीन स्टेशन ऑफिसर, 90 सिपाही और पीएसी की एक टुकड़ी को तैनात किया गया था.

इस हत्याकांड को मीडिया में काफी अधिक कवरेज मिली.

उत्तर प्रदेश पुलिस से शुरुआत में संदेह जताया कि हेमराज ने आरुषि की हत्या की और वो हत्या करके भाग गया लेकिन अगले ही दिन 16 मई को तलवार के फ्लैट की छत पर हेमराज का शव मिला.

इसके बाद एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत शक की सुई राजेश तलवार पर आ गई और उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

पिता पर शक

 

 

पुलिस ने आरोप लगाया कि आरुषि की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता ने ही की है.

 

मीडिया में इस केस को लेकर बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुई उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले को सीबीआई के सौंप दिया.

 

शुरुआती जांच में सीबीआई  किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी. इसके बाद सीबीआई के संयुक्त निदेशक जावेद अहमद की अगुवाई में एक नई टीम का गठन किया गया.

 

इसके अलावा एसपी नीलाभ किशोर को इस केस से जोड़ा गया और उन्हें अपनी जांच टीम चुनने की पूरी आजादी दी गई.

 

करीब एक साल की जांच के बाद इस टीम ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य राजेश तलवार की भूमिका की ओर संकेत करते हैं.

 

क्लोजर रिपोर्ट हुई खारिज

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इसके बाद टीम ने 29 दिसंबर 2010 को अपर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की लेकिन जिला न्यायाधीश प्रीति सिंह ने उसे खारिज कर दिया.

 

अदालत ने कहा, “ऐसे मामले में जहां घटना घर के भीतर हुई हो, प्रत्यक्ष सबूतों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है.”

 

इसके बाद तलवार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल सकी.

 

इसके बाद इस सनसनीखेज हत्याकांड की सुनवाई एक बार फिर 11 जून 2012 को शुरू हुई.

 

सीबीआई ने दलील में कहा कि जिस रात ये हत्या हुई उस दिन इस बात के कोई भी सबूत नहीं हैं कि बाहर से कोई आया और साक्ष्य ये भी बताते हैं कि घर में चार लोग मौजूद थे- आरुषि, हेमराज, राजेश और नूपुर.

 

सीबीआई ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य इशारा करते हैं कि इन हत्याओं में राजेश और नूपूर शामिल थे.

 

सैनी ने अदालत से कहा कि तलवार ने अदालत की कार्रवाई को गुमराह करने की कोशिश की.

 

सर्दियों में लगाएं ये फेस पैक और चेहरा बनाएं नम : NICC BEAUTY TIPS

NICC Director, Sweeti Chhabra
NICC Director, Sweeti Chhabra

उदयपुर । चेहरे को सुंदर बनाने में फेस पैक का काफी योगदान होता है खासतौर पर घर पर बनाए गए फेस पैक का। अब तो सर्दियों का मौसम आ चुका है तो ऐसे में त्‍वचा बहुत रूखी हो जाती है। आप चाहे जितनी क्रीम और लोशन लगाएं पर त्‍वचा रूखी की रूखी रहती है। सर्दियों में तेज हवा के झोंको से चेहरे के अंदर की नमी पूरी तरह से गायब हो जाती है। इसलिये ऐसे में जरुरी है कि आप चेहरे पर प्राकृतिक फेस पैक लगाएं और चेहरे के अंदर नमी भरें। नमी प्रदान करने के लिये दही, एवाकोडो, ग्‍लीसरीन, पपीता, बेसन और दही जैसे अनेको सामग्रियों का प्रयोग कर सकती हैं। चलिये NICC की डायरेक्टर स्वीटी छाबड़ा से जानते हैं सर्दियों में चेहरे को कौन से फेस पैक से नमी प्रदान कर सकते हैं। यहां पर हर चेहरे की प्रकृति के हिसाब से फेस पैक दिये जा रहे हैं। सर्दियों में नींबू का प्रयोग ना करें क्‍योंकि इससे चेहरा ड्राई हो जाता है।

 

 

 

 

 

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शहद और दूध पैक: बनाने के लिये इन दोनों चीजों को मिलाइये और केवल 5 मिनट के लिये चेहरे पर रखिये। सूखने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लीजिये।

एवाकाडो फेस पैक: एवाकोडो को पीस कर उसमें ऑलिव ऑइल मिलाइये। इस फेस पैक को गीले चेहरे परलगाइये। 10 मिनट के बाद चेहरे को धो लें।

अंडे का सफेद भाग अपने चेहरे को अंडे के सफेद भाग से मसाज करें। फिर 25 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें और बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इससे चेहरा कोमल और टाइट हो जाएगा।

केला पैक: केला चेहरे को टाइट और उसमें पोषण भरता है। सर्दियों में केले को मैश कर के उसमें शहद और दही मिलाइये

 

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ओटमील फेस पैक: ओटमील फेस पैक स्‍क्रब का काम भी करता है। इसे शहद और दही के साथ मिक्‍स करें और उसमें कुछ बूंद ग्‍लीसरीन मिलाएं। फिर इसे 10 मिनट तक के लिये चेहरे पर लगाएं और फिर धो लें।
पपीता: पपीता चेहरे को नमी प्रदान करता है। इसे मसल कर उसमें दूध मिलाइये। इस पैक को 10 मिनट के लिये चेहरे पर लगाइये और सूखने के बाद धो लीजिये।

ग्‍लीसरीन: चेहरे को नमी देने के लिये ग्‍लीसरीन को रोज वॉटर मिला कर लगाएं। ऐसा करने से चेहरा बिल्‍कुल टोन हो जाएगा और नमी भी बरकरार रहेगी।
संतरा और शहद संतरे के छिलके को सुखा कर पीस लें और उसमें दूध और शहद मिला कर पेस्‍ट बनाएं।

बादाम तेल: और मिल्‍क पाउडर रूखी त्‍वचा से बचने के लिये बादाम तेल और मिल्‍क पाउडर मिला कर लगाएं। इसे लगाने से चेहरे पर ग्‍लो आता है और चेहरे पर नमी भीआती है।

बेसन और दही: इस पैक को बनाते वक्‍त इस बात का ध्‍यान रखें कि इसमें नींबू ना मिलाएं नहीं तो चेहरा रूखा हो जाएगा।

लुगाइयों की आड़ में संपत्ति छिपाई

The-Indian-Politicianउदयपुर। राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ रहे उदयपुर संभाग के १४ प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग के समक्ष आय के झूठे आंकड़े पेश किए हैं। इन लोगों ने अपनी आय छिपाने के लिए पत्नियों के नाम से अकाउंट खोलकर आय से अधिक प्राप्त संपत्ति को समायोजित करके अपने भ्रष्टाचार को छिपाया है। आयकर कानूनों को धोखा देने के इस काम में बड़े-बड़े चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
अपनी पत्नियों की आड़ लेकर भ्रष्टाचार की काली कमाई छिपाने और कानून को धोखा देने वालों में कुंभलगढ़ से गणेशसिंह, भीम से कैलाशचन्द्र पोखरना, उदयपुर ग्रामीण से फूलसिंह मीणा, खेरवाड़ा से दयाराम परमार, वल्लभनगर से भीमसिंह और गणपतलाल मेनारिया, बांसवाड़ा से धनसिंह रावत, चौरासी से सुशील कटारा, डूंगरपुर से देवेन्द्र कटारा व वेलाराम, चित्तौडग़ढ़ से सुरेन्द्रसिंह और निम्बाहेड़ा से श्रीचंद कृपलानी शामिल है।
बताया गया है उक्त सभी उम्मीदवारों की पत्नियां सामान्य गृहणियां है। वास्तव में ये महिलाएं कोई व्यापार-व्यवसाय नहीं करती। हालांकि कागजों में ये बहुत कुछ करती है। चुनाव आयोग यदि, शपथ पत्रों की छानबीन करवाए और अन्य एजेंसियों से वास्तविकता का पता लगाए तो इन नेताओं की ये पत्नियां अपने पतिदेव के साथ जेल की हवा खा सकती है।

सामान्य पर्यवेक्षक बीना यादव ने किया दो विधानसभा क्षेत्रों का अवलोकन

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उदयपुर, उदयपुर जिले के लिए नियुक्त सामान्य पर्यवेक्षक बीना यादव ने शनिवार को जिले की झा$डोल एवं गोगुन्दा विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण किया।
भ्रमण के दौरान उन्होंने झा$डोल विधानसभा क्षेत्र के उपखण्$ड मुख्यालय सहित क्षेत्र में आने वाले मतदान केन्द्रों का अवलोकन किया। झाडोल के रिटर्निंग अधिकारी श्रीमती कीर्ति राठौ$ड ने विधानसभा आमचुनाव की तैयारी सहित मतदान प्रतिशत ब$ढाने एवं लोगो को मतदान के प्रति जागरूक करने को लेकर आयोजित किये जा रहे मतदाता जागरूकता अभियान कार्यक्रम की जानकारी दी। इसके पश्चात केन्द्रीय पर्यवेक्षक ने गोगुन्दा तहसील में बैठक कर संबंधित अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली।
जागरूकता पर्यवेक्षक ने किया एमसीएमसी प्रकोष्ठ का अवलोकन
सामान्य जागरूकता पर्यवेक्षक श्रीमती बीना यादव ने शनिवार को उदयपुर सूचना केन्द्र में संचालित मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के तहत स्थापित जिला स्तरीय प्रकोष्ठ की गतिविधियों का अवलोकन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
श्रीमती यादव ने वहॉ स्थापित मीडिया प्रकोष्ठ की सेवाओं, विधानसभा चुनाव के तहत निर्वाचन विभाग के दायित्वों, रिकॉर्डिंग सिस्टम, विज्ञापन प्रमाणीकरण व्यवस्था आदि का विस्तार से अवलोकन किया। उन्होंने प्रत्येक शाखा में कार्यरत स्टॉफ से कार्य प्रणाली की जानकारी ली और संतोष व्यक्त किया।
यहॉ एमसीएमसी सदस्य सचिव सुधीर दवे, एपीआरओ टी.आर.कण्डारा, पवन शर्मा एवं श्रीमती ऋतु सो$ढी ने प्रकोष्ठ बाबत व्यवस्थाओं के बारे में पर्यवेक्षकों को जानकारी दी। श्रीमती यादव ने जिले में मतदाता जागरूकता अभियान के बारे में भी प्रभारी सुधीर दवे ने फीडबेक लिया। उन्होंने मतदाता जागरूकता चल वाहन का भी अवलोकन किया और अधिकाधिक मतदाताओं तक जागरूकता कार्यक्रम का संदेश पहुंचाने की बात कही।
जोथनखुमा ने भी किया मीडिया प्रकोष्ठ का अवलोकन :- सलुम्बर विधानसभा क्षेत्र के लिए नियुक्त सामान्य पर्यवेक्षक जोथनखुमा ने शनिवार को सूचना केन्द्र में स्थापित मीडिया प्रकोष्ठ का अवलोकन किया। उन्होंने आदर्श आचार संहिता की पालना संबंधी निर्देशों की क$डाई से पालना एवं निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव में सभी के सहयोग की अपील की।

अंतर महाविद्यालयी एथेलेटिक्स प्रतियोगिता सम्पन्न।

116उदयपुर । विश्वविद्यालय वाणिज्य महाविद्यालय की मेजबानी में 21 नवम्बर से आयोज्य अंतर महाविद्यालयी एथेलेटिक्स (पुरुश/महिला) प्रतियोगिता आज एम बी ग्राउण्ड पर सम्पन्न हुई।
तीसरे दिन आयोजित स्पर्धाताओं में परिणाम निम्न प्रकार रहे।
4 100 मीटर रिले में वाण्ज्यि महाविद्यालय प्रथम एवं बी एन पी जी कोलेज द्वितीय वही महिला वर्ग में बी एन गर्ल्स कोलेज प्रथम एवं जे आर षर्मा कोलेज फलासिया द्वितीय रह।
टीम चैम्पियनषिप में पुरुश वर्ग में बी एन पी जी कोलेज विजेता रहा एव ंबी एन सी पी ई द्वितीय एवं राजकीय महाविद्यालय चित्तोड तृतीय रहा। वही महीला वर्ग में बी एन गर्ल्स कोलेज प्रथम एवं बी एन पी जी कोलेज द्वितीय जे आर षर्मा कोलेज फलासिया तृतीय रहा।

आयोजन सचिव हेमराज चौधरी ने बताया कि पुरुश्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि ओलंपियन एवं अर्जुन अवार्डी गोपाल सेनी ने विजेता एवं विषिश्ट अतिथि विष्वद्यिालय क्रीड़ा मण्ड़ल के डॉ. दीपेन्द्र सिंह चौहान ने उपविजेता को मेडल व पुरुस्कार प्र्रदान किये एवं क्रार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें प्रो. पी के सिंह ने अतिथियों को एवं निर्णायकों को प्रतिक चिन्ह प्रदान किए।

हिन्दुस्तान जिंक के अखिलेष जोषी को स्वर्ण पदक

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भारतीय धातु संस्थान ने अलौह धातु उद्योग क्षे़त्र में
उल्लेखनीय योगदान के लिये किया सम्मानित

AKHILESH JOSHI 6दुनिया के अलौह धातु उत्पादों के अन्तर्राष्ट्रीय समूह वेदान्ता रिसोर्स के अभिन्न अंग हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेष जोषी को अलौह धातु उद्योग क्षे़त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये भारतीय धातु संस्थान, कलकत्ता ने स्वर्ण पदक से किया सम्मानित।

गत 35 वर्षों से अखिलेष जोषी खनन उद्योग क्षेत्र से जुड़े हुए है तथा इनके नेतृत्व में हिन्दुस्तान जिं़़क की सभी खदानों ने जैसे रामपुरा-आगुचा, जावर खदान, राजपुरा दरीबा खान तथा सिन्देसर खुर्द खदानों ने उल्लेखनीय विस्तार किया है। आज इन सभी खदानों की वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन से अधिक पहुंच चुकी है।

हिन्दुस्तान जिंक की खदानों द्वारा सुरक्षा, पर्यावरण तथा स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, श्री अखिलेष जोषी ने ना सिर्फ खदानों का विस्तार किया अपितु कंपनी की बढ़ती उत्पादन क्षमता के मध्य नजर नये स्मेल्टरों के भी अयस्क की आवष्यकता को पूरा किया। सन् 1976 में सहायक अभियन्ता के पद पर नियुक्त हुए तथा विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए श्री अखिलेष जोषी 1997 में विष्व की सबसे बड़ी जस्ता-सीसा खदान, रामपुरा आगुचा खदान, के मुख्य खनन प्रचालन अधिकारी के पदभार को सम्भाला।

विनिवेष के पश्चात् 2003 में श्री अखिलेष जोषी रामपुरा आगुचा खदान के इकाई प्रधान के रूप में पदासीन हुए। शीघ्र ही उन्हें हिन्दुस्तान ज़िंक की सभी खदानों के विस्तार की जिम्मेदारी भी सौंफ दी गई ।

इनके द्वारा लिखित पुस्तक ‘ब्लास्ट, डिजाईन, थ्योरी एण्ड प्रेक्टिस’ आज भी नव आगन्तुक अभियन्ताओं को पढ़ाई जाती है जो कि खनन अभियन्ताओं को खनन क्षेत्र में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।

श्री अखिलेष जोषी अक्टूबर 2008 में मुख्य प्रचालन अधिकारी का कार्यभार संभाला तथा जनवरी 2012 में श्री जोषी हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर आसीन हुए ।

खनन क्षेत्र में अपनी प्रतिभा तथा उल्लेखनीय कार्य के लिए श्री अखिलेष जोषी को सन् 2006 में भी प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। सन् 2012 में भारत सरकार के तत्कालीन वित्तमंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने भी श्री अखिलेष जोषी को उनके खनन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित हो चुके है तथा सन् 2013 में इण्डियन माईनिंग इंजीनियरिंग जर्नल (आई.एम.ई.जे.) ने ‘‘स्वच्छ खनन तकनीक’’ के क्षेत्र में उल्लेखनीय तथा अति विषिष्ट कार्य एवं योगदान के लिए श्री जोषी को प्रतिष्ठित ‘लाइफ टाइम् एचीवमेन्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया है।

हिन्दुस्तान जिंक आज विष्व का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता-सीसा उत्पादक है तथा देष की 90 प्रतिषत जस्ता की आपूर्ति कर रहा है ।

भारतीय धातु संस्थान द्वारा श्री अखिलेष जोषी को अलौह धातु उद्योग क्षेत्र मंें उल्लेखनीय योगदान के लिए स्वर्ण पदक सम्मान श्री अखिलेष जोषी की दूरदर्षिता, रणनीति तथा कार्यकुषलता को दर्षाता है।

रियल टाइम अकाउंटेंसी का प्रभाव बढा: गुरूमुर्ती

विद्यापीठ में लेखांकन वित प्रबंधन के वर्तमान मुदृदों पर अंतरराटीय सेमिनार का दूसरा दिन

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उदयपुर, 1980 से पहले की स्थितियां कुछ और थी। उसके बाद लेखांकन के क्षे़त्र में जो परिवर्तन हुए उसका प्रभाव आज सभी के सामने है। लेखांकन प्रक्रिया में अब आईटी और एचआर जैसे कंसेप्ट भी जुड गए हैं। जबकि इससे पूर्व किताबी ज्ञान के आधार पर लेखांकन प्रक्रियाएं पूरी होती थी, जिसके कोई दीर्घगामी परिणाम भी नहीं होते थे। यह जानकारी इंस्टीटयूट ऑफ कोस्ट अकाउंटिंग आफ इंडिया के निदेषक एल गुरूमुर्ति ने दी। मौका था, राजस्थान विद्यापीठ की ओर से लेखांकन पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराटीय सेमिनार का। गुरूमूर्ति ने कहा कि वर्तमान में रियल टाइम अकाउंटंसी का प्रभाव बढा है। इसके चलते अब सारे आंकडे हमें एक बटन पर उपलब्ध हो जते हैं। इसके अतिरिक्त पूर्व की स्थितियों आदि की भी मोटी जानकारी मिल जाती है।

कांफ्रंस की आयोजन सचिव डॉ अनिता षुक्ला चेयरमेन डॉ सीपी अग्रवाल ने बताया कि कांफें्रस के दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्रों में हुए 70 पत्रवाचन में कॉपरेट सोषल रेस्पांसिबिलिटी, एथिक्स एंड रेस्पांसिबिलिटी आदि पर चर्चा हुई। बताया गया कि रविवार को सेमिनार का समापन होगा। इससे पूर्व तकनीकी स़त्र में प्रो जीएस राठौड, प्रो राजीव जैन, प्रो दिलीप वरगडे, डेविड क्यूबेक, प्रो जीएल दवे, प्रो हरविंदर सोनी, हर्षिता श्रीमाली आदि ने भी पत्रवाचन किया।
समापन व व्यााख्यान आज: बताया गया कि सेमिनार का समापन रविवार को दोपहर 12ः15 बजे होगा। इसमंे मुख्य अतिथि सुविवि के कुलपति प्रो आईवी ़ित्रवेदी होंगे। मुख्य वक्ता विक्रम विवि उज्जेन के कुलपति प्रो नागेष्वर राव होंगे। विषिष्ट अतिथि के रूप् में जोबनेर विवि के कुलपति प्रो एनएस राठौड होंगे। अध्यक्षता विद्यापीठ के कुलपति प्रो एसएस सारंगदेवोत करेंगे।

आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत के लिए दूरभाष नम्बर

shutterstock_130439015उदयपुर, विधानसभा आमचुनाव 2013 के दौरान उदयपुर जिले में किसी भी प्रकार की शिकायत जो चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में हो, दर्ज कराने के लिए दूरभाष नम्बर तय किये गये है।
जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत यथा मतदाताओं को प्रलोभन, मतदाता को डराना-धमकाना, शराब वितरण एवं संग्रहण, अवैध रकम संग्रहण अथवा व्यय करना अथवा अन्य कोई भी शिकायत जो चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में हो, उसे दूरभाष संख्या 0294-2414620, 2410431, 2410244 एवं टोल फ्री नम्बर 1800-6450 पर दर्ज कराई जा सकती है।

कॉलर टोन पर चुनाव प्रचार करना है तो लेनी होगी अनुमति

Caller-Tune-vodafone-Indiaमोबाईल/दूरभाष पर कॉलर ट्यून के लिए लेनी होगी पूर्वानुमति
उदयपुर, /राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों को चुनाव प्रचार के तहत मोबाईल एवं दूरभाष पर रिंगटोन, कॉलर ट्यून एवं हॅलो ट्यून से चुनाव प्रचार हेतु जिला स्तर पर गठित समिति से लिखित में स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।
निर्देशानुसार जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित मीडिया प्रमाणन एवं अनुविक्षण समिति (एमसीएमसी) से लिखित में निर्धारित आवेदन पत्र में स्वीकृति प्रदान की जाएगी इसके लिए सूचना केन्द्र में कक्ष स्थापित किया गया है।