उदयपुर,पूजा भट्ट की बेड फिल्म के हीरो रणदीप हुड्डा रविवार को जिला कलेक्ट्री में शूटिंग के लिए क्या आये सरेआम अपनी बेड एक्टिविटीज़ का प्रदर्शन किया कभी शूटिंग देखने आये युवाओं को धमकाते हुए तो कभी फोटो पत्रकारों को डराते हुए और सबसे बड़ी बात की जिला कलेक्ट्री जहाँ धुम्रपान निषेध के बड़े बड़े बोर्ड लगे हुए है, वहां आराम से धुंए के छल्ले उड़ाते हुए न तो उन्हें जिला कलेक्ट्री का सम्मान न ही सार्वजनिक स्थल होने का आभास ।
रविवार को कलेक्ट्री में पूजा भट्ट निर्मित बेड फिल्म की शूटिंग जिला कलेक्ट्री में चल रही थी जिसमे फिल्म स्टार रणदीप हुड्डा और अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने भाग लिया। पहले तो हीरो रणदीप हुड्डा फोटो जर्नलिस्ट को धमका और डरा कर अपनी हीरो गिरी दिखाते रहे ।जब अपने वेनेटी वेन के बाहर आकर युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष लव देव बागड़ी और जयेश से मुलाकत कर रहे रणदीप की फोटो खीचने के लिए जेसे ही मददगार का फोटो जर्नलिस्ट राम सिंह ने केमरा क्लिक किया तो अपने हीरो गिरी स्टाइल में फोटो जर्नलिस्ट को धमकाते हुए कहा ” ओय इधर आ में तेरा फोटो खींचता हु अभी ” और पास में खड़े अन्य लोगों को भी धमकाते हुए दूर करदिया और अपने वेनेटी वें में घुस गया। और जब शॉट के लिए निकला तो जिला कलेक्ट्री के परिसर में ही सरे आम धुंए के चालले उडाता रहा जिसको कोई टोकने वाला नहीं यहाँ तक की हीरो को बड़े बड़े शब्दों में धुम्रपान निषेध के बोर्ड भी नहीं दिखे ।
पहले भी रणवीर कपूर पर सार्वजनिक एरिया में धुम्र्पार करने पर उदयपुर की अदालत ५०० रूपये का जुरमाना कर चुकी है ।
रणदीप ने लगाया कलेक्ट्री में सरेआम “सुट्टा”
गुलाबबाग में निर्माण स्वीकृति मांगने पर आईं दो आपत्तियां
उदयपुर, गुलाबबाग़ में इमली वाले बाबा में भवन निर्माण के लिए नगर निगम से मांगी गयी स्वीकृति में दो आपत्तियां आई है। तथा इस मामले को अब जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भेजा जायेगा व् जिला कलेक्टर की जाँच के बाद ही स्वीकृति मिल पायेगी ।
रिलिजियन एक्ट के तहत जिला वक्फ कमेटी ने राज्य वक्फ कमिटी से एन ओ सी ला कर गुलाब बाग़ स्थित हज़रत सैयद शाह अब्दुल शकूर साबिर अली चिश्ती उर्फ़ इमली वाले बाबा की दरगाह पर भवन निर्माण कि स्वीकृति नगर निगम से मांगी थी नगर निगम ने ५ जुलाई को आम सुचना जारी कर आपत्तियां मांगी थी, जिसमे उद्यान अधीक्षक व् हिन्दू संगठन कि आपत्ति आई जिसमे कहा गया कि यह गुलाब बाग़ नगर निगम के अधीन नहीं है और मालिकाना हक भी नगर निगम का नहीं है।
आपत्तियों और धार्मिक मामला होने पर इस पर निर्माण स्वीकृति जिला कलेक्टर से ही मिलेगी जो पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर की जाँच के बाद ही संभव है । निर्माण स्वीकृति की फ़ाइल अब जिला कलेक्टर को सोंपी जायेगी ।गौर तलब है कि राज्य सरकार ने गुलाब बाग़ को नगर निगम को हस्तांतरित करने के आदेश दिए है लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है ।
केदारनाथ त्रासदी में फंसे चौबीस दंपत्ति को मृत माना
उदयपुर, सलुम्बर से केदारनाथ जाने वाले नरेन्द्र चौबीस और उनकी पत्नी तारा देवी चौबीसा के अभी तक लौट के नहीं आने व् कोई सुचना व समाचार नहीं मिलने की स्थिति में समाज और परिवार जनों ने सलाह मशविरा कर उन्हें अब मृत मान लिया है जिसकी लोक क्रिया के तहत कल सुबह धोयरे की रस्म पूरी की जायेगी।समाज के त्रिभुवन चौबीसा ने बताया कि नरेन्द्र चौबीस और तारा देवी चौबीसा कि तलाश में परिवार और समाज के लोग दो बार देहरादून और ऋषिकेश जा कर आ गये है। लेकिन वहां भी उनका कोई सुराग नहीं मिला यहाँ तक कि पिछले एक महीने से न तो कभी उनसे कोई संपर्क हुआ न ही कोई सुचना समाचार आये इसी लिए समाज और परिवार जनों ने उन्हें मृत मान लिया।
नरेन्द्र चौबीस और तारा देवी चौबीसा कि चार बेटियां और एक बेटा है, और ये सभी विवाहित है। तारा देवी चौबीसा सलुम्बर के पूर्व विधायक स्व.किशोरी लाल शर्मा कि पुत्री है।
गोरतलब है कि ८ जून को उदयपुर से २४ सदस्यी दल रवाना हुआ था जिसमे सलुम्बर, कानोड़, भिंडर,बांसी, और उदयपुर के लोग शामिल थे जो केदार नाथ में आये प्रलय के बाद १६ जून को ये दल केदारनाथ से गौरीकुंड के बिच लापता हो गया था, इस दल के १० लोग अभी भी लापता है। सभी लापता लोगों के परिजन देहरादून और ऋषिकेश तक कई चक्कर लगा कर आचुके है ।
महमूद खान कानोड़ अल्पसंखयक विभाग के देहात जिलाध्यक्ष नियुक्त
उदयपुर । राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंखयक विभाग के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. खानु खान बुधवाली ने महमूद खान कानोड़ को उदयपुर ग्रामीण जिला कांग्रेस कमिटी अल्प संखयक विभाग का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया तथा उन्होंने महमूद खान को ब्लाक एवं जिला कार्यकारणी बनाने के अधिकार भी दिए ।महमूदखान ने जल्दी ही अपनी कार्यकारणी बनाने की घोषणा की है, तथा उन्होंने बताया की राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अल्पसंखयकों के लिए चलायी जारही कल्याण कारी योजनाओं की जानकारी तथा उनका पूरा लाभ अल्पसंख्यकों को मिलता रहे इस बात की मोनिटरिंग करेगें, तथा अल्पसंख्यकों के हितों के लिए हमेशा उपलब्ध रहेगे ।
उदयपुर बन गया हादसों का शहर
उदयपुर। प्रतापनगर-सुंदरवास मार्ग पर बीती रात वीडियोकोच की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत और उसकी पत्नी के गंभीर रूप से घायल होने का मामला थमा नहीं था और आज सुबह प्रतापनगर चौराहे पर आलोक स्कूल की बस ने मोटरसाइकिल सवार तीन जनों को चपेट में ले लिया। इनमें से एक गंभीर महिला को अहमदाबाद रेफर किया गया है। इधर, रात में हुई दुर्घटना में मृतक का शव लेकर क्षेत्रीय पार्षद धनपाल स्वामी के नेतृत्व में क्षेत्रवासी आज सुबह कलेक्ट्री पहुंचे, जहां प्रदर्शन किया गया, जहां पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र में भारी वाहनों वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने और ड्राइवर का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की गई। रात सवा दस बजे सुंदरवास में प्रीतम पहलवान की गली के पास एक वीडियो कोच ने स्कूटर सवार पति-पत्नी को चपेट में ले लिया। हादसे में प्रतानगर निवासी जमनलाल सालवी (४०) का सिर टायर से कुचला गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी मांगीबाई दूसर जा गिरी, जो शव को देखकर मूर्ति हो गई। इससे क्षेत्रवासी आक्रोशत हो गई। वहां से गुजरने वाले वाहनों के कांच तोड़ दिए। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और हल्का बल प्रयोग किया। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया। आज सुबह एमबी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर मृतक के पोस्टमार्टम के दौरान भारी भीड़ जमा थी। वहां पर पार्षद धनपाल स्वामी भी मौजूद थे, जो पोस्टमार्टम के बाद शव को क्षेत्रवासियों के साथ लेकर कलेक्ट्री पहुंचे, जहां पर प्रदर्शन किया गया। क्षेत्रवासियों ने डिप्टी अनंत कुमार को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के साथ ही वीडियो कोच के ड्राइवर का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की। बाद में क्षेत्रवासी शव लेकर मृतक के घर पर चले गए।
रमजान का पहला जुमा, मस्जिदों में नमाजियों की भीड़
उदयपुर। रहमतों की बारिश ले कर आये रमजान के दूसरे दिन पहले जुमा की नमाज शहर की हर मस्जिद में बड़े अकीदत और एहतराम के साथ अदा की गई।
वैसे तो जुमा की बड़ी Èजीलत है और आम दिनों में भी नमाजियों की तादाद काÈी रहती है। लेकिन रमजान महीने के जुमा में आम जुमा की अपेक्षा बहुत बड़ी तादाद में नमाज पढ़ाने के लिए लोग आते है, इसी कारण हर मस्जिद में नमाज पढऩे के लिए अलग से व्यवस्था करनी है।
जुमा की अजान से पूर्व ही रोजेदार मुस्लिम धर्मावलंबी अपने काम-काज छोड़कर बेहतरीन लिबास पहन खुशबू लगा मस्जिदों में पहुंच गए। अजान के बाद सुन्नतें अदा की। इस दौरान पेश इमाम व आलिमों ने रमजान की अहमियत, सवाब तथा दीनी बातों पर तकरीर की।
खुतबा होने के बाद लगभग 1.30 बजे जमाअत के साथ जुमा की नमाज़ अदा की गई।
शहर की पलटन मस्जिद , रहमानिया कॉलोनी मस्जिद, आयड़ में छीपा मस्जिद, लौहारों की मस्जिद, खांजीपीर की बड़ी मस्जिद, हाथीपोल में ऊपर व नीचे की मस्जिद, सवीना, धोली बावड़ी, मल्लातलाई सहित हर मस्जिद में नमाजियों की भीड़ रही। कई मस्जिदों की छतों पर भी नमाजियों के लिए व्यवस्था की गई। चमनपुरा स्थित जुम्मा मस्जिद में दो बजे जमाअत के साथ नमाज अदा की गई।
पेट दर्द होने पर छात्रा ने ज़हर खाया ..!
उदयपुर। जावर माइन्स के इम्मनुयल मिशन स्कूल की 10 वीं की 15 वर्षीय बालिका ने पेट दर्द होने पर सेल्फोस का इंजेक्शन पी लिया और स्कूल में पहुचने पर जब उसकी हालत ख़राब हुई तो उसको स्कूल की अध्यापिका महाराणा भूपाल चिकत्सालय ले कर पहुची।
सूत्रों के अनुसार आज सुबह जावर माइन्स की इमानुएल मिशन स्कूल की १० वीं की १५ वर्षीय बालिका ने पेट दर्द होने पर घर में रखा हुआ सेल्फोस का इंजेक्शन पी लिया और स्कूल की चली गयी स्कूल में जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसने अपनी टीचर को बताया की उसको मासिक धर्म के पहले पेट दर्द हो रहा था जो उसको सहन नहीं हुआ जब उसने अपनी माता को इस बारे में बताया तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया तब उसने घर में ही रखा हुआ गेहूं में रखने का सेल्फोस का इंजेक्शन पी लिया की शायद इससे पेट दर्द ख़त्म हो जाये । हालत ज्यादा बिगड़ने पर स्कूल की अध्यापिका उसको एम् बी चिकित्सालय ले कर आई जहाँ अब उसकी हालत खतरे के बहार बताई जा रही है ।
12 हजार नहीं देने पर जेल में दी फांसी
पुलिस ने किया आत्महत्या का मामला दर्ज, परिजन कराएंगे हत्या का मामला दर्ज
उदयपुर। उदयपुर की सेंट्रल जेल में बंदियों से नकद वसूली का खौफनाक चेहरा सामने आया है। घरवालों द्वारा 12 हजार रुपए समय पर नहीं पहुंचाने पर एक बंदी को फांसी पर लटका दिया गया। जेल प्रशासन इसको आत्महत्या बता रहा है, जबकि सूत्र इसमें जेल अफसरों की भी परोक्ष मिलीभगत बता रहे है। उनका कहना है कि जेल में बंदियों को पैसे की जरूरत पिटाई से बचने तथा नशीली वस्तुएं मंगवाने के लिए पड़ती है। वसूली के लिए बंदियों की पिटाई या तो जेल अधिकारी करते है या वे अन्य बंदियों से ऐसा करवाते हैं, जिससे उन्हें ऊपर की अच्छी कमाई हो जाती है। पहले तो ‘वसूली’ के लिए पिटाई ही होती थी, लेकिन अब तो ‘हत्या’ तक की जाने लगी है। उल्लेखनीय है कि युवक दिनेश बलात्कार के आरोप में न्यायिक हिरासत में बंद था और 12 हजार रुपए नहीं देने पर परसों रात उसे फांसी पर लटका दिया गया।
बंदी दिनेश की हत्या परसों रात को की गई। जेल अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कल शाम को टॉयलेट में शव देखा। शव के हाथ-पांव बंधे हुए थे फिर भी पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया है। वैसे यह मामला न्यायिक हिरासत में हत्या तथा मानवाधिकारों के उल्लंघन का है।
वहीं आज सुबह एमबी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर मृतक बंदी दिनेश के पिता ने खुलासा किया है कि जेल में अन्य कैदियों द्वारा दिनेश के साथ आए दिन मारपीट की जाती थी। दो दिन पहले ही दिनेश ने फोन करके उसकी बहन सीता को बताया था कि ‘जेल में 12 हजार रूपए पहुंचाओ, नहीं तो उसे जान से मार दिया जाएगा।’
आज सुबह एमबी अस्पताल के मुर्दाघर में मृतक बंदी दिनेश का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान मृतक के पिता केलवा (राजसमंद) निवासी देवीलाल सालवी ने बताया कि दिनेश को पूर्व में भी कई बार जेल में अन्य कैदियों द्वारा पीटा गया और रूपयों की मांग की गई। दो दिन पूर्व उसकी बेटी सीता के पास जेल से दिनेश ने फोन करके 12 हजार रूपए मांगे थे, लेकिन इतना रूपया नहीं होने के कारण उसने जमीन गिरवी रखी और आज सुबह रूपए जेल में पहुंचाने ही वाले थे कि रात डेढ़ बजे जेल से फोन आया कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है। दिनेश के पिता ने कहा कि उसका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। जेल में उसकी हत्या की गई है। सारे हालात संदिग्ध है और इस संबंध में वे सूरजपोल थाने में हत्या का मामला दर्ज कराएंगे।
इन हालात से संदिग्ध बन रहा है मामला
जेल के टायलेट में बंदी को किसी ने चारपाई की निवार (रस्सी) ले जाते हुए नहीं देखा।
यह कहीं नहीं बताया गया कि टायलेट का गेट बंद था, तो मृतक को दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया या नहीं।
मृतक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की, तो उसके हाथ-पैर कैसे दूसरी रस्सी से बंधे थे।
हाथ-पैर बांध कर कोई आत्महत्या नहीं कर सकता है। इसलिए हत्या की पुष्टि होती है।
बेवकूफी भरा जवाब
जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी से जब पूछा गया कि आत्महत्या से पहले बंदी के हाथ-पैर कैसे बंधे थे, तो उनका जवाब था कि आत्महत्या करते समय वह तड़पा होगा। इसलिए उसके हाथ-पैर बंध गए होंगे।
मुबारक मुबारक रमजान मुबारक
उदयपुर। अल्लाह की बेशकीमती नेअमतों से सरफराज पवित्र माह रमज़ानुल-मुबारक का पहला रोज़ा आज से शुरू हो गया। बुधवार को सूर्यास्त के कुछ देर बाद जैसे ही चांद नजर आया, लोगों ने एक-दूसरे को माहे रमजान की मुबारकबाद दी।
शहर के अकीदतमंद मुसलमानों ने बाद नमाजे-इशा बीस रकअत विशेष ‘नमाजे -तरावीहÓ अदा कर पहले रोजे की नीयत की। तरावीह में बीस रकअत नमाज अदा की जाती है। इस्लामी कैलेंडर के नौंवें महीने रमज़ानुल- मुबारक का चांद दिखाई देने के साथ ही रोजों का आगाज हो गया। शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों खासकर मुखर्जी चौक, पलटन की मस्जिद, हाथीपोल, सिलावट वाडी, खांजी पीर, मल्लाह तलाई , सज्जन नगर, सवीना में देर रात तक माहे- रमजान की रौनक और चहल पहल नजर आई। आज सुबह सेहरी के वक्त से ही महिलाओं, युवाओं और बच्चों में पहला रोज़ा रखने का भरपूर जोश दिखाई दिया।
सेहरी से इफ्तार तक रोज़े में इबादत
माहे रमजान के पहले रोजे से ही सेहरी के वक्त मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चहल पहल शुरू हो गयी थी और मस्जिदों में सेहरी के वक्त का एलान होना शुरू हो गया था। सेहरी सूर्योदय से पहले की जाती है, जिसमें लोग कुछ खा-सकते हैं। उसके बाद रोजा शुरू हो जाता है। शाम को सूर्यास्त के बाद इफ्तार से रोजा खोला जाता है। इस बीच रोजेदारों का दिन नमाज, इबादत और कुरआन शरीफ की तिलावत में गुजरता है।
घरों में रोजे के महीने की तैयारियां
इस बीच गृहिणियों ने रोजा इफ्तार की तैयारियां शुरू कर दी। शहर की मस्जिदों में हाफिज मुकर्रर किए गए हैं। हाफिज को कुरआन शरीफ कंठस्थ होता है और तरावीह की नमाज के दौरान कुरआन शरीफ के पारे पढ़ते हैं। बाजार में दिन भर रोजे के महीने के लिए खरीदारी करने को महिलाओं की भीड़ नजर आई। उन्होंने सेहरी के लिए खरीदारी की।
मस्जिदों-दरगाहों पर विद्युत सज्जा
रमजान माह की खुशी में शहर की विभिन्न मस्जिदों व दरगाहों पर विद्युत सज्जा की गई है। रमजान के आमद की खुशी में इन्हें खूब सजाया-संवारा गया है।