राजस्थान में 12 हजार कांस्टेबलो की होगी भर्ती

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passingout1_080611023342जयपुर। राजस्थान मे वर्तमान मे 10 हजार कांस्टेबलो की भर्ती की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है और आगामी वर्ष 12 हजार सिपाहियो की भर्ती और की जाएगी। यह घोषणा कल यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2013..14 के बजट भाषण मे की। उन्होंने कहा कि भरतपुर मे नया पुलिस प्रशिक्षण संस्थान स्वीकृत किया गया है तथा आगामी वर्ष बीकानेर मे भी नया पुलिस प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जायेगा।

 

उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष बाडमेर जिले के बालोतरा, सीकर के नीमकाथाना, चूरू जिले के राजगढ, तथा सुजानगढ मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोले जायेगे। इसके अलावा जोधपुर मे अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) और जयपुर मे अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त यातायात के कार्यालय खोले जायेगे। गहलोत ने कहा कि वर्ष 2013-14 मे जयपुर जिले के जमवारामगढ, राजसमंद के कुंभलगढ, जालौर के रानीवाडा, उदयपुर के सराडा, झुंझुनूं मे ग्रामीण, जैसलमेर मे नाचना, सीकर जिले के मे लक्ष्मणगढ मे पुलिस वृत्त कार्यालय खोले जायेगे। उन्होंने कहा कि जयपुर शहर मे सहायक पुलिस आयुक्त ट्रेफिक, जोधपुर मे सहायक पुलिस आयुक्त ट्रैफिक-बीकानेर मे उप अधीक्षक पुलिस यातायात, अलवर मे उप अधीक्षक पुलिस यातायात एवं सवाईमाधोपुर जिलें के बामनवास मे नवीन वृत्त कार्यालय खोला जायेगा।

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश मे 10 नई पुलिस चौकियों को थानो मे क्रमोन्नत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों पर 24 नई पुलिस चौकियां स्थापित की जायेगी। इसके अलावा महिलाओ की सुरक्षा के लिए एक टोलफ्री (महिला सुरक्षा लाइन) सेवा प्रारंभ की जायेगी। गहलोत ने कहा कि आमजन मे सुरक्षा की भावना बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश की सभी 9 हजार 177 ग्राम पंचायत मुख्यालयो मे एक एक ग्राम रक्षक नियुक्त किया जायेगा। इसके अलावा सभी पंचायत समितियो के एक एक उच्च माध्यमिक विद्यालय मे (स्टूडेट पुलिस कैडेट योजना) लागू की जायेगी।

मावली से जामनगर, राजकोट व द्वारका तक सीधी ट्रेन

railway-top-imgउदयपुर . मावली से जामनगर, राजकोट व द्वारका के लिए जल्द ही सीधी ट्रेन की सुविधा मिलेगी। रेलवे ने नाथद्वारा से वाया द्वारका होते हुए ओखा (गुजरात) तक नई ट्रेन की मंजूरी दी है। यह ट्रेन सप्ताह में एक बार चलेगी। इससे दो कृष्ण नगरी (गुजरात में द्वारका) का सीधा जुड़ाव होगा। इससे मावली क्षेत्र सहित मेवाड़ से द्वारका की यात्रा करने वालों को भी सुविधा मिलेगी।

वेस्टर्न व नार्थ वेस्टर्न रेलवे के अधिकारियों की बैठक में जल्द ही रूट और टाइम-टेबल का निर्धारण होगा। करीब दो साल पहले बड़ी लाइन में तब्दील हुए मावली-नाथद्वारा ट्रैक पर लंबे समय से ट्रेन चलाने की मांग की जा रही थी। रेलवे द्वारा हाल ही प्रदेश में पांच नई ट्रेनों के संचालन को मंजूरी दी है।

इसमें एक ट्रेन नाथद्वारा से ओखा (गुजरात) तक के लिए भी मिली है। नई ट्रेन नाथद्वारा से मावली जंक्शन होते हुए गुजरेगी। इससे जहां गुजरात, महाराष्ट्र, अहमदाबाद व देशभर से श्रीनाथजी के दर्शनार्थ नाथद्वारा आने वालों की यात्रा सुविधाजनक व कम खर्चीली होगी, वहीं इससे समय भी बचेगा।

ये हैं प्रस्तावित रूट

1. नाथद्वारा से मावली, चित्तौड़, अजमेर, मारवाड़ जंक्शन, आबू रोड, पालनपुर, वीरमगाम, सुरेंद्रनगर, राजकोट, जामनगर तथा द्वारका होते हुए सीधा ओखा तक जुड़ाव हो सकता है। जानकारों की मानें तो यह रूट कम दूरी वाला होने से रेलवे के साथ ही यात्रियों के लिए भी फायदेमंद रहेगा। वर्तमान में उदयपुर से इस रूट के लिए कोई ट्रेन नहीं है। अजमेर से जुड़ाव होने पर वहां के यात्रियों को भी नाथद्वारा व द्वारका तक की ट्रेन मिलने से यात्री भार बढ़ेगा।

 

नाथद्वारा (मंडियाना) का रेलवे स्टेशन श्रीनाथजी के मंदिर से करीब 13 किलोमीटर दूर है। वर्तमान में बांद्रा-उदयपुर व इंदौर-उदयपुर ट्रेनों से श्रीनाथजी आने वाले यात्रियों के लिए नाथद्वारा व मावली से टैक्सियों की सुविधा मिलती है। नाथद्वारा तक नई ट्रेन चलने के बाद वहां से श्रीनाथजी जाने वाले यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए नाथद्वारा अथवा मावली से टैक्सियां चल सकती है। इससे टैक्सी संचालकों का धंधा बढ़ेगा। इसके साथ ही नाथद्वारा स्टेशन के आस पास भी चहल-पहल बढऩे से कई लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं खुलेंगी।

ये होंगे फायदे

राजसमंद से गुजरात की ट्रेन का सीधा जुड़ाव होने से मार्बल उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। गुजरात से श्रीनाथजी के दर्शन करने आने वाले यहां के उद्योगों का भी लाभ ले सकेंगे। इसके साथ ही नाथद्वारा व राजसमंद से गुजरात के विभिन्न शहरों में नौकरी पेशा व व्यापार के उद्देश्य से यात्रा करने वालों को भी फायदा होगा।

धार्मिक

द्वारका तक सीधी ट्रेन मिलने से राजसमंद व उदयपुर जिलों के साथ मेवाड़ से राजस्थान के श्रीनाथजी व गुजरात के प्रसिद्ध द्वारका मंदिर का सीधा जुड़ाव होगा। इससे मेवाड़ से द्वारका की तीर्थयात्रा पर जाने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी। वर्तमान में मेवाड़ से द्वारका के लिए कोई सीधी बस अथवा ट्रेन नहीं है, इस कारण तीर्थ यात्रा पर जाने वाले द्वारका की यात्रा से या तो वंचित रह जाते हैं, अथवा अहमदाबाद होते हुए द्वारका जाना पड़ता है। गुजरात का सीधा जुड़ाव होने से व्यापार के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी।

 

प्रयाग 2013 में प्रतिभा और मस्ती के रंग

उदयपुर .सीटीएई के सांस्कृतिक एवं तकनीकी समारोह ‘प्रयाग-2013 का समापन रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ बुधवार को हुआ।समारोह में लोकनृत्य, पारम्परिक नृत्य एवं फिल्मी नृत्यों की प्रस्तुतियां हुई। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के सभागार में एकल गायन, समूह गायन, पश्चिमी, लोकनृत्य एवं पारम्परिक एकल नृत्य, समूह नृत्य एवं कॉमेडी सर्कस के प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

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मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओ. पी. गिल ने कहा कि तकनीकी उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्रों के मानसिक तनाव को दूर कर उनकी सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रतिभा के प्रदर्शन से विद्यार्थियों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा मिलती है। कार्यक्रम के अध्यक्ष सीटीएई के डीन डा. नरेन्द्र एस. राठौड़ ने छात्रों की सह-शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की।

नृत्य नाटिकाओं ने लुभाया

कार्यक्रम में विभिन्न थीम वाली नृत्य नाटिकाओं में जीवन की आशा-निराशा, उतार-चढ़ाव को पेश करते हुए उम्मीद का दामन ना छोडऩे का संदेश दिया गया। इसमें झांसी की रानी, इन्दिरा गांधी, मदर टेरेसा, प्रतिभा पाटिल आदि के रूप में कलाकारों ने उनके जीवन को स्टेज पर पेश किया। एकल नृत्य में प्रतिभागियों ने मेरे ढोलना, अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो, लागा चुंदरी में दाग, डाक बाबू लाया… की प्रस्तुतियों पर दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया।

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पारंपरिक नृत्यों में होली के रंग, ढोली थारो ढोल बाजे, मानो तो भगवान नहीं तो पाषाण आदि खास रही। एकल गायन में प्रतिभागियों ने विभिन्न ओ री चिरैया, डम डम मस्त है, होली के रंग के गीतों का गायन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समूह गायन में प्रतिभागियों ने तुझसे नाराज नहीं हैरान हूं मैं, म्हारो राजस्थान, क्यों डरता है दिल, लेट द म्यूजिक प्ले, जय हो आदि विभिन्न आंचलिक, देशभक्ति एवं पारम्परिक गीतों का गायन किया।

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ला कोलेज का अजीबो गरीब आदेश

उदयपुर ) सुखाडिया विश्व विद्यालय के संघटक कोलेज विधि महाविद्यालय द्वारा जारी अजीब और मनमाने आदेश का छात्र संघर्ष समिति ने विरोध किया है व् आन्दोलन करने की चेतावनी दी है ।

चाह्त्र समिति के दीपक शर्मा ने बताया की विधि महाविद्यालय ने बड़ा अजीब और तानाशाही आदेश निकाला है की विधि महा विद्यालय में अध्ययनरत छात्र यदि किसी और कोचिंग क्लास में जाता हुआ पाया गया तो उसकी परीक्षाये नहीं ली जायेगी , जबकि अधिकतर लो के छात्र आरजेएस की तय्यारी में जुट जाते है एवं उसके लिए कोचिंग भी करते है ऐसे में महाविद्यालय का यह आदेश एक तानाशाही रवय्या है यदि महाविद्यालय चाहे तो चाह्त्रों को उपस्थिति के लिए पाबंद कर सकता है शर्मा ने बताया की कोलेज प्रशासन यदि अपने आदेश पर अड़ा रहा तो इसका पुर जोर विरोध किया जाएगा और आन्दोलन किया जाएगा

प्रबंध के साथ धूम धडाका

उदयपुर सुखाडिया विश्व विद्यालय में प्रबंध संकाय के तत्वाधान में दो दिवसीय अंतर विधव विद्यालय प्रबंध एवं संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ।

संयोजक डॉ अनिल कोठारी ने बताया की कार्यक्रम में विभिन्न कई राज्यों से कई महाविद्यालय भाग लेंगे ।

दो दिवसीय प्रबंध व् संस्कृतिक कार्यक्रम १५ व् १६ मार्च को आयोजित किये जायेगे जिसमे एक्सटेम्पोर, बिजनेस प्लान, बियर एंड बुल ऐड वोर्स , ओन स्पॉट फोटोग्राफी , ग्रुप डांस , कोलाज मेकिंग , रेम्प वाक आदि कार्यक्रम कराये जायेगे ।

गोखरू, नारियल पानी एवं नियमित दिनचर्या से पथरी का बचाव संभव-डॉ.औदीच्य

DSC_3551उदयपुर ,राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय सिंधी बाजार, फूटा दरवाजा, उदयपुर में आयुर्वेद चिकित्सा पद्घति को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रत्येक बुधवार को लगने वाले शिविरों में आज 13 मार्च को पथरी रोग निवारण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें रोगियों ने चिकित्सा परामर्श लिया ।

DSC_3535शिविर प्रभारी आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. शोभालाल औदीच्य ने बताया कि अत्यधिक मांस, पालक, भिण्डी, स्ट्राबेरी, टमाटर, दूध, पनीर, मछली, अण्डा, लम्बी फली युक्त दालो से एवं रात्रि में भोजन करने व पानी कम पीने से पथरी होने की संभावना बढ जाती है। इससे बचने के लिए समय पर भोजन करना, भोजन के 1 घण्टे पश्चात अत्यधिक पानी का प्रयोग करना, छाछ, तरबूज, रात्रि मे जल्दी भोजन करना चाहिए व वरूण की छाल, गोक्षुर, नारियल पानी, पाइनेपल जूस, केला, बादाम, नींबू, गाजर, करेला आदि का सेवन करने से पथरी रोग से बचाव संभव है। शिविर में पथरी होने के कारण, बचने के उपायो पर पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई। शिविर मे डॉ. औदीच्य के साथ नर्स रूकमणी कलासुआ, रूकमणी परमार, इन्दिरा डामोर, शंकरलाल मीणा, रामसिंह ठाकुर ने अपनी सेवाएं दी।

आयुर्वेद चिकित्साधिकारी प्रशिक्षण दल ने आदर्श औषधालय का अवलोकन किया

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उदयपुर, 13 मार्च/ उदयपुर के मदनमोहन मावलीय आयुर्वेद महाविद्यालय में विगत 4 मार्च से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए चिकित्साधिकारी ने बुधवार को आदर्श आयुर्वेद औषधालय (सिंधी बाजार) का अवलोकन कर वहा संचालित सेवाओं की जानकारी ली।
राज्य के विभिन्न जिलो से आए करीब 50 चिकित्सकों को प्रभारी अधिकारी डॉ. शोभालाल औदीच्य ने आउटडोर सेवाओं, प्रदर्शनी, पंचकर्म,योगशाला आदि की विस्तार से जानकारी दी। औषधालय की विशेषज्ञता से सभी चिकित्सक प्रभावित हुए एवं राज्य में ऐसे मॉडल को हर औषधालय के लिए उपयुक्त बताया। अतिथियों ने वहां चल रहे पथरी रोग निवारण शिविर का भी अवलोकन किया।

अब घर बैठे बनाएं ब्राइट करियर

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brightआजकल ग्लोबलाइजेशन ने करियर के न्यू ऑप्शन उपलब्ध करा दिए हैं, अब आप नौकरी करनेकी बजाय घर बैठे ही जौब करके अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। इस आधुनिक टेक्नोलौजी की बदौलत एक देश में बैठा व्यक्ति दूसरे देश में स्थित कम्पनी के लिए भीकाम कर सकता है।

आजकल वर्क फ्रॉम होम का कॉन्सेप्ट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। कम्पनियां भ फ्लेक्सिबल वर्क ऑप्शन्स दे रही हैं। इन सब में महिलाओं की भूमिका है, क्योंकि वे अपने परिवार की जरूरतों, जैसे-बीमार सास-ससुर की केयर करते हुए किसी का सहयोग ना होने की वजह से घर और काम में बैलेंस करते हुए ब्राइट करियर बना सकती हैं।

 

कैसे करें जौब

नेट पर दी गई जौब लिस्ट की हैल्प लें। करियर काउंसलर की सलाह लें, क्योंकि कई बार करियर बदलना भी पड सकता है।

अपने दोस्तों को अपने निर्णय के बारे में बताएं, रिसर्च करें। अपनी योग्यताओं की लिस्ट तैयार करें, यदि कोई अनुभव हो तो वह भी लिखें।

अपनी प्रोफाइल को ऑनलाइन जौब पोर्टल पर डालें।

 घर बैठे काम करने के फायदे

इससे बॉस को ऑफिस की जगह, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थायी कर्मचारियों को दी जानेवाली सुविधाओं के खर्च से मुक्ति मिलती है। इससे समय और एनर्जी दोनों की मिलती है। इससे टाइम और एनर्जी दोनों की बचत होती है। इससे कर्मचारी के काम का अनुभव बना रहता है, जो उसके भविष्य के लिए आवश्यक है।

 

वर्क शेडयूल बनाएं

अपने वर्क शेडयूल में अनुशासन बनाए रखें। दिया गया काम टाइम पर पूरा करें।

अपने क्लायंट्स व साथियों को अपने वर्किग आवर्स की जानकारी दें। साथ ही अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी बताएं, ताकि वे इन वकिंग आवर्स में आपाको डिस्टर्ब न करें।

दफ्तर के खर्चो की सारी रसीदों को सम्भालकर रखें, इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त मददगार साबित होंगी।

अपना काम रोज एक निश्चित वक्त पर शुरू करें, जिसमें काम में नियमित वर्किग आवर्स हों। यह टाइम ऎसा हो, जब आप फ्री रहती हैं। अपने काम की लिस्ट बनाएं और लक्ष्य निर्धारित करें। डेडलाइन का कठोरता से पालन करें। इससे आप कम समय में ज्यादा काम कर पांएगी।

 

सावधानियां कर रखें ध्यान

आए दिन होनेवाले ऑनलाइन स्कैम से सावधान रहें।

घर से काम बहुत ही जिम्मेदारी से हैंडल किया जाना चाहिए, ताकि आपकी प्रोफेशनल इमेज अच्छी बनी रहे।

कोई भी प्रोजेक्ट लेने से पहले क्लायंट के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। आपके काम से संतुष्ट क्लायंट आपकी नए काम के लिए सिफारिश कर सकता है।

आंखों ही आंखों में इशारा हो गया

प्रेमी युगल सीके्रट शब्दों के जरिए एक-दूसरे सेखूब छेडछाड करते हैं और यही शब्द उनका लव कोड बन जाता है। सभी के बीच में यूज करने पर उन्हें ऎसा लगता है जैसे प्यार में बहुत बडा तीर मारा है। क्या हैं आपके लव कोड्स लैंग्वेज, यह तो बताइय जना। ओह समझी, कोड्स को सबसे के सामने नहीं लाना है। वो तो अपने साजन के साथ इशारों-इशारों में ही । हां जी, प्यार की ढकी-छुपी बातें, पति-पत्नी के बीच चुहलबाजी व प्यार को गहराने का बढिया तरी का हैं। सबसके बीच भी दोनों साथी एक दूसरे से प्यार की बातें करें वह भी सीक्रेट तरीके से, तो उसका मजा ही कुछ और होगा। प्यार शरारत है, प्यार एक मीठी खुशी है, प्यार नशीला जादू है। प्यार के ढेर सारे भाव हैं, जो प्रेमी एक-दूसरे केलिए अलग-अलग ढंग से महसूस करते हैं। भाषा में वही संकेत यूज किए जाएं। जो पति-पत्नी दोनों जानते हों। पर प्यार की यह रहस्यमयी भाषा तब ठंडी पड सकती है, जब एक के बात करने पर दूसरा क्या है, कया है करता नजर आए।

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स्वीट लव कोड

 143 का मतलब है आई लव यू। मतलब 1 का अर्थ है आई, 4 का लव और 3 का अर्थ यू है।

कंधे पर 3 बार हल्की हल्की थपकियां देने का मतलब है आई लव यू।

दंपती के शुरूआती वैवाहिक दिनों में जब दोनों का प्यार गहराने लगता है, वे एक-दूसरे के स्पर्श, चुम्बन और बौडी पाट्स को लेकर तरह-तरह के कोड रखते हैं।ऎसे कोड वर्ड पर आप गौर करें, तो पाएंगे कि ये मतेदार होने के साथ-साथ जबान पर चढनेवाले भी हैं, जैसे ब्लैक रोज बेल का श्रबत, कोकाकोला, गुलकंद, मस्का-चस्का, छुपनछिपाई, बुलबुल, मूडी-मूडी, कुची-कुची आदि।

आप अपने पार्टनर के साथ पुराने एलबम देखें और अपनी आंखों में बसे उस प्यार को पढने की कोशिश करें। अपने बनाए कोड याद करें। फिर देखिए कि पहले जैसे दीवानगी और छेडछाडवाले दिन कैसे लौट आएंगे।

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कुदरत का करिश्मा, बच्चो के ऊपर से गुजरी ट्रेन

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बंदायु -इस दुनिया मे कुछ भी संभव हो सकता है चाहे वह मौत से खेलना ही क्यों न, आप ने सुना है कि कोई इंसान रेल की पटरी के नीचे आ जाने के बाद भी सही सलामत उससे बाहर निकल आता है, शायद नहीं सुना होगा और न ही ऎसा मुमकिन हो सकता है, पर कहते है कि बचाने बाला जब ऊपर बैठा हो तो चिंता किस बात की वही सम्भाल भी लेगा। कई बार तो छोटी सी चीज से लग जाने पर मौत का मुख देखना पड जाता है तो कभी आदमी मीलों ऊचाइ से गिरने के बाद भी बच जाता है।

ऎसा ही कुछ हादसा हुआ बंदायु के रेलवे स्टेशन पर। एक 16 साल का नौजवान लडका एक दम से पटरी पर जा गिरा और तभी तेज रफ्तार से आती हुई टे्रन उसके ऊपर से निकल गई और कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि उस बच्चो का बाल भी बाका नहीं हुआ और सही सलामत मौत के मुंह से निकल आया है न इश्वर का चमत्कार। शहर में सिविल लाइंस रेलवे क्रिासिंग पर हाईस्कुल का छात्र ट्रेन के नीचे आ गया। यहां मौजूद लोग अवाक होकर किसी अनहोनी के बारे में सोचते रह गए पर ट्रेन गुजरी तो उसे सही सलामत निकाल लिया गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसके हल्की खरोंचें ही आयीं।

रिर्पोट के मुताबिक एसके इंटर कॉलेज में हाईस्कुल का छात्र शहर के मोहल्ला पक्काबाग में रहता है। उसके पिता कचहरी पर जलजीरा का ठेला लगाते हैं। रविवार को पूर्वान्ह साढे ग्यारह बजे के करीब वह सिविल लाइन रेलवे क्रासिंग से डीएम रोड की तरफ पटरी पर खडा था। इसी के दौरान बरेली से कासगंज जाने वाली पैसेंजर ट्रेन आ गई। तभी छात्र इंजन के आगे पटरी के बीच गिर पडा। यह घटना देख बहा पर खडे तमाम लोग ये देखते ही यह गये >लोगों की आंखें फटी रह गईं, अनहोनी की आशंका में वह एकटक देखते रहे और धडधडाते हुए ट्रेन गुजर गई।

चौका देने बाली बात तो यह है कि वह लडका पटरी पर ट्रेन गुजरने के बाद> सलामत पीठ के बल पडा था। आस पास के लोगों ने दौडकर उसे उठाया तो वह लडका कपडे झाडकर उठ खडा हुआ। उसके सिर और पैर पर हल्की चोट थी, जो शायद पत्थरों की रगड से लगी थी और वह बिल्कुल ठीक था। तो है न चौकाने बाली बात लोगों का मानना है कि यह और कुछ नहीं कुदरत का करिशमा ही है