हेन्ड कार्ट्स घोटाले का हल्ला करने वालों को करारा जवाब

निर्धारित वजन से भी अधिक निकली हेण्ड कार्र्ट्स

स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष ने की विपक्ष की निंदा

उदयपुर, नगर परिषद में स्वास्थ्य समिति द्वारा क्रय किये गये हेण्ड कार्ट्स को लेकर शुक्रवार को माहौल गर्माया रहा और स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष ने सबके सामने हेण्ड कार्ट्स को तुलवा कर घोटाले के आरोपों को निराधार साबित कर दिया।

बुधवार को सम्पन्न नगर परिषद में साधारण सभा की बैठक में स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष द्वारा हेण्ड कार्ट्स के क्रय का प्रस्ताव पास करवाया था। उन कार्ट्स की क्वालिटी को लेकर कांग्रेस पार्षद मोहम्मद अय्युब ने सवाल उठाये थे और उसी बात को लेकर गुरूवार को प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली, मो.अयुब सहित अन्य कांग्रेसी पार्षदों ने हेण्ड कार्ट्स खरीद प*रोख्त में घोटाले का आरोप लगाते हुए आयुत्त* को जांच करवाने और क्रय आर्डर निरस्त करवाने के लिए पत्र लिखा था कि सेम्पल में आये हैण्ड कार्टस और आर्डर के बन के आये हेण्ड कार्ट्स में वजन और क्वालिटी का कोई प*र्क है इनके जवाब में शुक्रवार को स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिघंवी ने सभी समिति अध्यक्षों को बुलाया ओर उनके सामने सत्यापन के लिए सेम्पल और आर्डर के बनकर आये हेण्ड कार्ट्स का वजन कराया जिसमें सेम्पल में आये कार्टस को वजन से आर्डन में बन कर आये कार्टस २ किलो और ज्यादा निकला। पारस सिघंवी ने सिर्प* हंगामा किया ओर माहौल शांत बनाने के लिए विपक्ष के बेबुनियाद आरोपो की निंदा की।

झोला छाप डॉक्टर के यहां छापा

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डूंगरपुर, विगत एक पखवाडे से भी अधिक समय से जिले भर में मौसमी बीमारी के कारण आम जन खासा परेशान नजर आ रहा है और ऐसे में जिलें भर में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी नीम हकीमों की पौ बारह हो गई है। और वे ग्रामीण क्षेत्र की गरीब जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड कर रहे है। यही नहीं जिला मुख्यालय पर स्थित सामान्य चिकित्सालय में भी प्रतिदिन रोगियों की संख्या का अम्बार लगा हुआ है। आखिरकार शुक्रवार को लगातार समाचार पत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं रामभरोसे के समाचारों के बाद प्रशासन चेता है। और उपखण्ड अधिकारी वंदना खोईयाल, तहसीलदार नीता वसीटा, ब्लॉक चिकित्साधिकारी तथा बिछीवाडा पुलिस दल के साथ छापी में एक क्लीनिक पर छापा मारा। जहां चिकित्सक के रूप में कार्यरत तलैया निवासी सूरजमल गमैती जो कि मैट्रिक भी नहीं है। आमजन का इलाज कर रहा था। इस मामले में तलाशी के बाद इसके पास सारे दस्तावेज फर्जी पाये गये। इधर उपखण्ड अधिकारी के निर्देश पर क्लीनिक को सीलचस्पा कर दिया है। तथा फर्जी चिकित्सक को एहतिहातन पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

फिल्ड क्लब में चौके छक्के की जगह चले घूंसे और लांतें

उदयपुर. यहां फील्ड क्लब मैदान पर गुरुवार को जमकर गुंडागर्दी हुई। दो गुटों में हुए झगड़े में लात, घूसे और बेल्ट का उपयोग किया गया। इसमें एक खिलाड़ी घायल हो गया। वेटरन्स प्रीमियर लीग के सेमिफाइनल मैच में हूटिंग को लेकर झगड़े की शुरुआत हुई थी, लेकिन इसकी वजह वरिष्ठ क्रिकेट खिलाड़ियों के बीच विवाद माना जा रहा है।

 मैच के दौरान उदयपुर रॉयल्स के खिलाड़ी शाहिद और बाहर खड़े वरिष्ठ खिलाड़ी रविंद्रपाल कप्पू के बीच कहासुनी हुई। उस वक्त मामला शांत हो गया, लेकिन मैच के बाद दोनों में फिर हाथापाई हो गई। दोनों गुटों की ओर से बाहर से बुलाए लोगों ने लात घूसे चलाए। दोनों पक्षों की ओर से अंबामाता थाने में एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।

यह है मामला

फील्ड क्लब ग्राउंड पर वेटरन्स प्रीमियर लीग का पहला सेमीफाइनल उदयपुर रॉयल्स और सरस्वती नर्सिग के बीच खेला जा रहा था। सरस्वती की टीम बैटिंग कर रही थी। इस दौरान मैदान के बाहर रविंद्र पाल सिंह मैच देख रहे थे और हूटिंग भी कर रहे थे। हूटिंग के दौरान फील्डिंग कर रहे शाहिद शेख को लगा कि उन्हें गाली दी जा रही है, शाहिद दौड़कर कप्पू की ओर झपटे और कहा कि मुझे गाली कैसे दे रहे हो। इस पर दोनों में झगड़ा हो गया। आयोजकों और रणजी सलेक्टर विवेकभान सिंह ने मामला शांत कराकर मैच फिर से शुरू कराया।

कोच मनोज चौधरी पर लगे आरोप इस झगड़े के लिए क्रिकेट कोच मनोज चौधरी को जिम्मेदार माना जा रहा है। झगड़े के बीच सरस्वती टीम के कप्तान कुबेर सिंह ने मनोज चौधरी पर आरोप लगाया है कि इस झगड़े की वजह चौधरी हैं जो इस तरह मैचों में पहले भी झगड़ा करवा चुके हैं। ऐसा करने से उदयपुर में क्रिकेट को नुकसान हो रहा है।

मारपीट का मामला दर्ज अंबामाता पुलिस के अनुसार रविंद्र पाल सिंह कप्पू ने मो. शाहिद व साथियों के खिलाफ एक राय होकर मारपीट का केस धारा 323, 141, 341 के तहत दर्ज कराया है। वहीं मो. शाहिद ने भी रविंद्र पाल सिंह पर इसी आधार पर मामला दर्ज कराया है।

झीलों की किसी को फिकर नहीं

उदयपुर, नगर परिषद में बैठे जनप्रतिनिधि ओर अधिकारी को जनहितों का तो ख्याल है नहीं साथ ही जिस वजह से उदयपुर पुरे विश्व में पहचाना जाता है हमारी झीलें उनको लेकर भी फिक्रमंद नहीं है। बुधवार को बोर्ड की बैठक में एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लडने झगडने का पुरा समय था लेकिन झीलों में फैल रही गंदगी को लेकर कोई एक शब्द नहीं बोला। झीलों की सफाई से नगर परिषद ने ऐसा मुंह मोडा की कोई उधर झांक कर नहीं देखता जबकी झीलों से नगर परिषद को लाखों की आय होती है। फिर भी झीलो की सफाई को लेकर परिषद ने अभी तक कोई टेण्डर नहीं निकाले। पिछोला,फतहसागर मुख्य झीले है फतह सागर में घास ओर गंदगी धीरे धीरे बढती जा रही है पानी बह रहा है तब तक कचरा बहाव के साथ निकल रहा था। लेकिन ओवरप*लो बंद होने के साथ ही झील में जमा होने लगी है। जनता को फतहसागर से प्रेम है इसलिए कई स्थानिय लोग और स्वयं सेवी संस्थाए फतहसागर, पिछोला की सफाई में जुट है। नगर परिषद तो झीलो की सुध नहीं लेती नही प्रशासन ने भी पूरी तरह मुंह मोड रखा है एनएलसीपी के तहत लाखों रूपये का बजट झीलों के विकास के लिए आता है लेकिन सफाई के लिए हमेशा बजट नहीं होता जबकि उदयपुर की शान है यह झीले। स्वरूपसागर ओर रंग सागर की तो यह स्थिति है कि धीरे धीरे जलकुंभी ओर काई अपने पेर पसारने लगी है। स्वयं सेवी संस्थाओं को सफाई करता देख नगर परिषद यूआईटी, प्रशासन खुश तो है लेकिन अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते है।

 

हेण्ड कार्डस खरीद निरस्त करने की मांग

घोटाले की आशंका के चलते प्रतिपक्ष ने दिया ज्ञापन

उदयपुर, नगर परिषद में स्वास्थ्य एवं सफाई समिति द्वारा ४०० हेण्ड कार्डस की खरीद पर घोटाले और घपले की आशंका के चलते प्रतिपक्ष के नेता दिनेश श्रीमाली ने आयुक्त को पत्र लिखकर क्रय आदेश निरस्त करने की मांग की है।

श्रीमाली ने बताया कि स्वास्थ्य समिति सदस्य अय्युब लोहार ने मैसर्स जैन ट्रेडर्स व अम्बाला केन्ट से प्राप्त हेण्ड कार्डस नियमानुसार नहीं है। प्राप्त हैण्डकार्डस का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया जाय। उन्होंने कहा कि क्रय आदेश के पूर्व भेजे गये सेम्पल के अनुसार नहीं है तथा भेजे गये सेम्पल के आधे वजन के हेण्ड कार्डस है। उन्होंने बोर्ड बैठक में सभापति एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष ने राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर क्रय करने का बहाना बनाकर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया।

प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली के साथ अन्य पार्षद अय्युब लोहार, कैलाश साहू, बाबुलाल घावरी ने परिषद आयुक्त को घटिया सामग्री की जांच कर क्रय आदेश निरस्त करने की मांग की है।

इधर, स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष ने अपने उपर लगाये आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जांच करवा लेंगे और कहीं कमी पाई जाती है तो आदेश निरस्त कर दिये जायेंगे।

 

जलदायकर्मियों ने रैली निकालकर दिया ज्ञापन

उदयपुर, भारतीय जलदाय कर्मचारी संघ ने अपनी ६ सूत्री मांगों को लेकर शहर में वाहन रैली निकाली और संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया।

गुरूवार को जलदाय कर्मचारी संघ ने अपनी छ: सूत्री मांगों को लेकर संभागभर के जलदाय कर्मियों ने रैली निकाल प्रदर्शन किया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह चौहान ने मांगों के बारे में बताते हुए कहा कि छ: सूत्री मांगों में ८ वीं पास कर्मचारी बेलदारों को सहायक पद पर पदोन्नति, रित्त* पदों को जल्दी भरने, ठेका प्रथा पर कार्य कर रहे श्रमिकों को विभाग मे ंनियमित करने आदि है। रैली गुलाबबाग स्थित संघ कार्यालय से निकल सूरजपोल, बापूबाजार, चेटक होते हुए संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंची जहां कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया व आयुक्त को ज्ञापन सौंप सभी कर्मचारी नेताओं ने कहा कि उक्त मांगों को अविलम्ब अमल में लाया जाय अन्यथा संगठन को उग्र आंदोलन पर उतारू होना प$डेगा।

 

प्रो.दिव्य प्रभा सदस्य मनोनीत

उदयपुर, । राष्ट्रीय अध्यापक परिषद नई दिल्ली द्वारा १९ सितम्बर २०१२ को एक अधिसूचना जारी कर जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर की पूर्व वाइस चांसलर प्रो.दिव्य प्रभा नागर को तत्काल प्रभाव से उत्तर क्षेत्रीय समिति उदयपुर के सदस्य के रूप में नामित किया गया है।

 

जानलेवा हमला

उदयपुर, शहर के रानीरोड पर आपसी विवाद में कहासुनी होने पर युवक ने रिश्तेदार पर चाकू से प्राणघातक हमला कर फरार हो गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरूवार दोपहर में राजीव गांधी उद्यान के समी बडा हवाला निवासी विक्रम पुत्र चन्दन से ने आपसी विवाद में कहासूनी होने पर रिश्तेदार बडा हवाला निवासी गोपसिंह (६५) पुत्र देवीसिंह पर चाकू से सिने व पेट पर हमला कर फरार हो गया। हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस घायल को उपचार के लिए एमबीचिकित्सालय में भर्ती का आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की। पूछताछ में पता चला कि ६ वर्ष पहले गोपसिंह की पुत्री की लडकी उषा के साथ विवाह हुआ था। विक्रम व उषा के बीच किसी बात को विवाद होने पर ६ माह से उर्षा अपने नाना गोपसिंह के यहां रह रही थीं गुरूवार दोपहर में गोपसिंह अपने पुत्र लहर सिंह के साथ राजीव गांधी उद्यान के पास बातचीत कर रहे थे। इस दौरान बाइक पर आये विक्रम ने पत्नी को भेजने की बात कही। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच विवाद ब$ढने पर विक्रम चाकू से हमला कर प*रार हो गया। उषा व विक्रम के बीच विवाद चल रहा है। इस सम्बन्ध में परिजनों से नाई थाना पुलिस में आरोपी विक्रम के खिलाफ दहेज प्रताडना का प्रकरण भी दर्ज करवाया था।

नकदी सहित बाइक को आग लगाई

उदयपुर, आपसी विवाद को लेकर पिता पुत्र ने नकदी सहित बाइक को आग के हवाले कर दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार तितरडी निवासी महेन्द्र सिंह पुत्र भैरूसिंह राजपुत ने मंदेसर का गुडा निवासी करण सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया कि ७ अक्टूबर सांय बाइक पर मंदेसर निवासी सोहन सिंह पुत्र उम्मेद सिंह की मिठा नीम स्थित मेडिकल स्टोर पर गया। जहां महेन्द्र से २ लाख ५० हजार रूपये लेकर बाइक की डिकी में रख कर उसके साथ उसके घर गया। जहां पडोसी करणसिंह व उसके पुत्र ने आपसी विवाद को लेकर बाइक को क्षतिग्रस्त का आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।

 

चालक ने नकदी लूटी

उदयपुर, ऋषभदेव हाइवे पर ट्रक चालक साथी चालक को मारपीट कर घायल कर नकदी व मोबाइल लूट ले गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार लखीपुर उत्तर प्रदेश निवासी सतीश उर्फ़ संजय पुत्र रामनाथपाल व लुधबई भरतपुर निवासी निरंजन पुत्र प्रभूदयाल गडरिया २९ सितंबर को ट्रक लेकर अहमदाबाद से आगरा जाने के लिए रवाना हुए। बीच रास्तें किसी बात को लेकर कहासूनी होने पर सतीश निरंजन के साथ मारपीट कर उसकी जेब से नकदी व मोबाईल लूट कर फरार हो गया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने घायल निरंजन को उपचार के लिए राजकीय एमबीचिकित्सालय में भर्ती करवा परिजनों को सुचना दी। इस पर परिजन घायल निरंजन को एसएमएस जयपुर ले गये। जहां ३ अक्टूबर को होश में आने पर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी के पकडे जाने पर नकदी का खुलासा हो पायेगा।

नगर परिषद को जनता के दुःख दर्द से कोई लेना देना नहीं

अवैध निर्माण के मामले में अपने ही पार्षदों के सवालों पर निरूत्तर रही सभापति

राजस्व अधिकारी को बनाया बलि का बकरा

पारस सिघंवी ने सीधा लगाया लेन-देन का आरोप

नकारा साबित हुआ विपक्ष

उदयपुर, बुधवार को सम्पन्न नगर परिषद साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों से जुडे मुद्दो को भूल कर एक दूसरे पर आरोपों की बौछार करते रहे। कुछ समय तक अवैध निर्माण करने वालों का बचाव भी किया तो कुछ ने विरोध भी जताया।

बैठक शुरू होते ही एक घंटे तक आरोप प्रत्यारोप के चक्कर में पक्ष विपक्ष आपस में उलझते रहे कई बार स्थिति खीचा तानी तक जा पहुंची। सभापति खुद की ही पार्टी के पार्षदों के सवालो के जवाब नहीं दे पायी। यहां तक कि खुले तौर पर लाखों रूपये के लेन देने का आरोप भी लगाया।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पार्षद के.के.कुमावत खडे हो गये और तीन माह पूर्व अपने उपर पार्षद मोहम्मद अय्युब द्वारा लगाए गए आरोपो के विरोध में सदन की कार्यवाही आगे नहीं बढाने को लेकर हंगामा करने लगे कि आयुक्त कांग्रेसी पार्षद मो.अय्युब के विरूद्घ कार्यवाही करे या मो.अय्युब आरोप सिद्घ करे। इस बात को लेकर जमकर हंगामा हुआ यहां तक की कांगे्रसी पार्षद और भाजपा पार्षद आपस में खिंचतान पर आ गये। कांग्रेसी पार्षदों के महिला पार्षदों की लाईन में घुस आने को लेकर भी खुब हंगामा हुआ। पार्षद पारस सिघंवी ने मनोनित पार्षद भरत आमेटा को निशाना बनाते हुए कहा कि सरकार के दम पर बने पार्षद जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि पर आरोप नहीं लगाए। जिनको जनता ने नकार दिया हो उनको हम पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है । एक घंटे तक चले हंगामे के बाद सभापति के आश्वासन के पश्चात मामला शांत हुआ और सदन की कार्यवाही शुरू हुई। दिपावली दशहरा मेले के स्थान और समिति को लेकर भी माहौल गर्माया रहा । सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष धनपाल स्वामी का कहना था कि मेले में हाईपावर कमेटी में पूरी सांस्कृतिक समिति को रखा जाए और कलाकार चयन में भी हंगामे के बाद मेले का सारा कार्य भार सर्व सम्मति से सांस्कृतिक समिति को सौंपा दिया गया। जगह को लेकर पार्षद पारस सिघंवी ने विरोध दर्ज कराया कि बापू बाजार व अन्य व्यापारियों के हितो को देख कर मेला कहीं और लगाया जाय लेकिन सर्व सम्मति नहीं बन पायी और मेला स्थल टाउनहाल ही रहा।

अवैध निर्माणों की सूची गिना दी : पिछले दिनो से चल रही भूपालपुरा में अवेध निर्माण पर ढुलमुल कार्यवाही की विपक्षी पार्षदों ने कडी निंदा की जिस पर आयुक्त ने अपनी सफाई दी कि निर्माण इस वजह से नहीं टूटा क्यों कि एक दिन पुलिस जाब्ता नहीं था और मंगलवार को कोर्ट का स्टे थाऔर जिन्हे तोडने की अनुमत थी हमने कार्य किया है बाकी की लापरवाही राजस्व अधिकारी पर मढ दी। इस पर पारस सिंघवी उग्र होते हुए आयुक्त पर बरस पडे कि भूपालपुरा में उसी लाईन में १६ अन्य अवैध बिना स्वीकृति के निर्माण हो रहे है। उनको क्यों नोटिस नहीं दिया गया और उन पर क्यों कार्यवाही नहीं हुई। पारस सिंघवी व अन्य कई पार्षदों ने शहरभर के अन्य कई अवैध बिना अनुमति के कॉम्पलेक्स गिनाते हुए आयुक्त से जवाब मांगा। इस पर ना तो आयुक्त बोल पाये ना ही सभापति कोई संतुष्टि पूरी जवाब दे पाई और सारा दोष राजस्व अधिकारी नानालाल रेगर पर मढते हुए उसको रिलीव कर दिया।

लाखों को लेन-देन का भरी सदन में आरोप: ओरियंटल रिसोर्ट और चम्पा बाग में साजन-सजनी वाटिकाओं के पंजीकरण पर सवाल उठाते हुए पार्षद पारस सिंघवी ने पंजीकरण करने वाले पर लाखों रूपये की लेनदेन का आरोप लगाया। सिंघवी ने कहा कि कोर्ट के स्टे है इसके बावजूद नगर परिषद ने इन वाटिकाओं को पंजीकृत कर दिया जबकि चम्पा बाग की जमीन का मालिकाना हक गट्टानी, टाया का है भी नहीं उनके और बी.एन. कॉलेज के बीच कोर्ट में मामला विचाराधीन है फीर कैसे पंजीकृत कर दिया।

ओरियंटल पैलेस और चम्पा बाग में स्थित वाटिकाओं को पंजीकरण करनेके लिये समिति बनाई गई जिसमें सभापति रजनी डांगी, अर्चना शर्मा, कविता मोदी और के.के. कुमावत शामिल थे। उन्होंने मौका मुआयना कर रिपोर्ट तैयार की थी। इन वाटिकाओं को लेकर सुभाष नगर वासियों ने भी विरोध दर्ज करा रखे है व कोर्ट में याचिका लगा रखी है लेकिन परिषद न कोर्ट से ऊपर उठते हुए पंजीकरण कर दिया जिसको अब भारी विरोध के चलते निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।

ओरियंटल पैलेस रिसोर्ट को लेकर पारस सिंघवी और सभापति फिर एक बार आमने-सामने हो गये और सिंघवी के रूपयों के लेन-देन के आरोप के बाद जब सभापति थोडी उग्र हुई तो सिंघवीने चिल्लाकर कहा सभापति जी उंगली मत उठाओ हम भी जनता के ही चुने प्रतिनिधि है। हम टाया और गट्टानी के लिये यहां काम नहीं कर रहे है।

हर मामले में खुद को बचाती रही सभापति: पक्ष विपक्ष के पार्षदों द्वारा लगाये गये आरोपों से सभापति खुद को बचाती रही। सभापति ने कभी कहा कि यह मेरा काम नहीं है तो कभी कहा कि मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ है। बिना अनुमति के निर्माणों की भरमार हो रही है, शहर में लेकिन सभापति का कहना है कि यह मेरा काम नहीं है। निर्माण रोकना के लिए अधिकारी क्या करते है, क्यों काम नहीं करते। मेरी रात को एक-एक बजे नींद खराब करते है। इस पर पार्षद राजेश सिंघवी ने कहा कि मेडम अधिकारी और परिषद के कर्मचारी जिसके आदेश पर काम करते है वह आपके ही होते है आप आरोप उन पर मत लगाओ।

अशोक नगर में सामुदायिक केन्द्र में लगी के.एल. गोधा की प्रतिमा पर कहा कि यह प्रतिमा मेरे कार्यकाल में नहीं लगी इसलिये मे इसको नहीं हटा सकती। अर्चना शर्मा के विरोध करने पर भी मूर्ति वहां से हटाने के कोई आदेश नहीं हुआ।

आम लोगों पर कोई चर्चा नहीं: आधा शहर झील निर्माण निषेध क्षेत्र में कोर्ट के आदेश से भयभीत और परेशान है लेकिन यहां सदन में सिर्फ वार्ड ७ के पार्षद कमलेश जावरिया को छोड कोई इसके प्रति गंभीर नजर नहीं आया। जावरिया ने आम जनता की पीडा बतानी चाही लेकिन उसकी बात को अनसुना कर दिया गया। मानो जनता से किसी भी पार्षद को कोई लेना देना ही नहीं है। जबकि यह मुद्दा बैठक में एजेण्डे के रूप में होना चाहिये था लेकिन इसका कहीं कोई जिक्र नहीं था। कमलेश जावरिया ने क्षुब्ध होकर बाहर निकल कर यहां तक कह दिया कि जब जनता से जुडी बात ही नहीं सुनी जाती तो ऐसी परिषद से में इस्तीफा दे दूंगा।