सब एक हो गए भ्रष्टाचार के खिलाफ

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उदयपुर रहा एतिहासिक बंद

हर एक ने दिल से अपना काम बंद रखा

 हर एक ने आवाज़ लगायी “में हूँ अन्ना “

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़

उदयपुर ,शुक्रवार को अन्ना हजारे के समर्थन में उदयपुर सम्भाग में बन्द रहा , बंद के लिए किसी को प्रेरित करने की जरूरत नहीं पड़ी सबने अपने प्रतिष्ठान खुद ही बन्द रखे , दिन भर बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा , बंद के दोरान सभी स्कूल कोलेज बंद रहे टेम्पो बसे भी बंद रही निजी प्रतिष्ठान, बेंक ,पेट्रोल पम्प ,पूर्णतया बन्द रहे ,

चेंबर ऑफ़ कोमर्स के आव्हान पर उदयपुर में एतिहासिक बन्द रहा दिन में चेंबर ऑफ़ कोमर्स के व्यापारी , भा.ज.पा.के कार्यकर्त्ता ,बार एशोसियेशन के वकील और अन्य सभी संगठन मिल के कलेक्ट्री पहुचे और प्रदशन किया भर्ष्टाचार का पुतला जलाया , और आन्दोलन के प्रति अपना समर्थन दिया ,

देहली गेट से निकलती रेली
बापू बाज़ार में पसरा सन्नाटा
सुरक्षा के इंतजाम भी कड़े रहे

हर हाथ अन्ना के साथ

बंद में रहे ये कुछ परेशां रहे
ये भी रहे अन्ना के साथ
"में हूँ अन्ना "
हर हाथ अन्ना के साथ

कलेक्ट्री पर प्रदशन

 

 

 

अन्ना के लिए उदयपुर बंद

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भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पे बेठे अन्ना के समर्थन में कल 19 अगस्त को चेंबर ऑफ़ कॉमर्स , और भा.ज.पा. ने उदयपुर बंद का एलान किया हे ,गोरतलब हे की पिछले तीन दिनों से उदयपुर में अन्ना के समर्थन में धरने प्रदशन , रेलियाँ , केंडल मार्च , हो रहे हे इसी के चलते उदयपुर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स और भा.ज.पा. ने शुक्रवार को उदयपुर बंद का ऐलान किया हे , चेंबर ऑफ़ कामर्स के अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया की कल उदयपुर के सभी प्रतिष्ठान बंद करवाए जायेगे और शहर के सभी सरकारी गेर सरकारी विभाग व्यापारिक प्रतिष्ठान , स्कूल , रोडवेज , ओटो , तक को बंद करवाया जायेगा ,और शहर वासियों से अपील की हे के उदयपुर बंद को सफल बनाने के लिए सभी सहयोग करे

 

नकली नोटों के साथ गिरफ्तार

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उदयपुर । चन्देरिया थाना पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 500 व 100 के नकली नोट बरामद किए है। पुलिस ने अभियुक्त के पास से 12 हजार 800 रूपये के नकली नोट जप्त किए है। जानकारी के अनुसार, चन्देरिया थानाधिकारी वृद्धिचंद ने मुखबीर की सूचना पर बडोदिया व बोरदा के बीच पारोली तिराहे पर बनाई यात्रियों के प्रतिक्षालय पर पहुंचे। जहां रतनलाल पिता नारायण गुजर निवासी पारोली पुलिस ने उसको पकड कर उसकी तलाशी ली तो उसकी जेब से पांच सौ रूपये के 22 व सौ रूपये के 18 नोट जिसमें अधिकांश नोट एक ही क्रमांक के पाए गए। पुलिस ने नोटो की क्रमांक चेक की तो 100 के 7 नोट जिनमें सीरियल नम्बर एस.डी.बी. 087745, 100 रूपयो के 4 नोट जिनमें सिरीयल नम्बर एस.डी.बी. 0877485, 100 रूपयो के 3 नोट जिनमे सीरियल नम्बर एस.डी.बी. 087777, 100 रूपयो के 2 नोट जिनमे सीरियल नम्बर 8 एफ.के. 938444, 100 रू के 1 नोट जिनमे सीरियल नम्बर 8 एफ.के.938488 पाए गए। 500 रूपयो के 7 नोट जिनके सिरियल न. 5ए.एच.906395, 500 रूपयो के 4 नोट जिनके सीरियल नम्बर 5ए.एच.906459, 500 रूपयो के 6 नोट जिनके सीरियल नम्बर 5बी.एच.201909, 500 रूपयो का एक नोट जिसके सीरियल नम्बर 8बी.एच.943959 पाए गए है। पुलिस ने 40 नोट जप्त कर कुल 12 हजार 800 रूपय के नकली नोट बरामद किए। इस सभी नोटो पर कागज चिकने थे और प्रिंटिंग के साथ ही इन नोटो में कई खामियां पाई गई। पुलिस ने रतनलाल गुजर को गिरफ्तार कर धारा धारा 489 ए.बी.सी.डी.भादस में प्ररकण पंजीबद्ध किया । अभियुक्त रतनलाल से पुलिस द्वारा गहनता से पुछताठ की जा रही है।

 

 

 

 

“मक्क़ा” जहा के हर ज़र्रे में नूर बरसता हे

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            रमजान के इस पाक महीने में हमारे उदयपुर पोस्ट के एडवायजर इमरान शैख़ इन दिनों उमरा पर हे , और वो हमे मक्का , खाना-ए-क़ाबा , के रमजान के रोनक की हर वक़्त के फोटो पोस्ट कर रहे हे , जहा जाना हर मुसलमान का पहला और आखरी ख्वाब हे वह की रोनक से वो हर वक़्त हमे रूबरू करवा रहे हे , और हमारे हक़ में दुआ कर रहे हे , हम यहाँ उनकी ली हुई ताज़ा लाइव तस्वीरे पोस्ट कर रहे हे ,  

 सभी फोटो : इमरान शैख़

काबातुल्लाह, ईशा के वक़्त 15.8.2011

संगे सफा
खाना-ए-क़ाबा दिन में ३ बजे
आबे ज़म ज़म
संगे सफा के ऊपर की का गुम्मद
बाद-ए-क़ाबा और मकामे-ए-इब्राहीम
मस्जिदे हरम
अब्दुल अज़ीज़ दरवाज़ा
अब्राज़ अल बेत टॉवर
अब्दुल अज़ीज़ दरवाज़ा
मगरीब की नमाज़ के बाद खाना-ए-क़ाबा में इमरान शैख़

 

 

उदयपुर बोला मै हूँ अन्ना

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भ्रष्टाचार के खातो के लिए सशक्त लोकपाल कानून की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समर्थन में आज दिन भर शहर में धरने और प्रदशन का दोर जारी रहा ,हर जगह हर युवा बुज़ुर्ग का एक ही नारा था “में हु अन्ना ” और शाम को जगह जगह केंडल मार्च और मशाल जुलुस निकाल कर अन्ना के आन्दोलन को जारी रखने का ऐलान किया ,

 

भारतीय जनता पार्टी सहित शहर के कई संगठनों ने अन्ना के आन्दोलन का समर्थन करते हुए अनशन में भाग लिया , अन्ना के नेत्रत्व में उदयपुर के वकीलों ने भी उग्र आन्दोलन कर देहली गेट पे मानव श्रंखला बना कर प्रदशन किया मो.सु.वि.वि. के ABVP के प्रत्याशी नयन कटारा और अन्य कार्यकर्ता छात्रों ने में हु अन्ना की पट्टी बांध कर अन्ना का समर्थन किया ,

 

मुस्लिम महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने शाम को आयद पुलिया से केंडल मार्च निकाल कर अन्ना के साथ होने की आवाज़ बुलंद की , दौड़ी बोहरा जमात ने भी अन्ना हजारे के आन्दोलन का भरपूर समर्थन किया ,

 

 

 

 

आपणा अन्ना

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भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन में आम आदमी को जोड़ने वाले 73 साल के सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे का मूल नाम किसन बापट बाबूराव हज़ारे है.

 

उनका जन्म 15 जून, 1938 को महाराष्ट्र के भिंगारी गांव के एक किसान परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम बाबूराव हज़ारे और मां का नाम लक्ष्मीबाई हजारे है. अन्ना के छह भाई हैं. अन्ना का बचपन बहुत ग़रीबी में गुज़रा. परिवार की आर्थिक तंगी के चलते अन्ना मुंबई आ गए. यहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की. कठिन हालातों में परिवार को देख कर उन्होंने परिवार का बोझ कुछ कम करने के लिए फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रूपए महीने की पगार पर काम किया.

 

                                            सेना में भर्ती                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 

भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार की अपील पर अन्ना सेना में बतौर ड्राइवर भर्ती हुए थे.  वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील पर अन्ना 1963 में सेना की मराठा रेजीमेंट में बतौर ड्राइवर भर्ती हुए थे. 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अन्ना हज़ारे खेमकरण सीमा पर तैनात थे. 12 नवंबर 1965 को चौकी पर पाकिस्तानी हवाई बमबारी में वहां तैनात सारे सैनिक मारे गए. इस घटना ने अन्ना की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया. घटना के 13 साल बाद अन्ना सेना से रिटायर हुए लेकिन अपने जन्म स्थली भिंगारी गांव भी नहीं गए. वे पास के रालेगांव सिद्धि में रहने लगे. 1990 तक हज़ारे की पहचान एक ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता हुई, जिसने अहमदनगर जिले के रालेगांव सिद्धि को अपनी कर्मभूमि बनाया और विकास की नई कहानी लिख दी.

आदर्श गांव

 

इस गांव में बिजली और पानी की ज़बरदस्त कमी थी. अन्ना ने गांव वालों को नहर बनाने और गड्ढे खोदकर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया और ख़ुद भी इसमें योगदान दिया. अन्ना के कहने पर गांव में जगह-जगह पेड़ लगाए गए. गांव में सौर ऊर्जा और गोबर गैस के जरिए बिजली की सप्लाई की गई.

 

 इसके बाद उनकी लोकप्रियता में तेजी से इज़ाफा हुआ.

 

1990 में ‘पद्मश्री’ और 1992 में पद्मभूषण से सम्मानित अन्ना हज़ारे को अहमदनगर ज़िले के गाँव रालेगाँव सिद्धि के विकास और वहां पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विभिन्न तरीक़ों का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है.

 

 ‘भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन’

 

भ्रष्टाचार के धुर विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचान नब्बे के दशक में बनी

 

अन्ना की राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के धुर विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचान नब्बे के दशक में बनी जब उन्होंने 1991 में ‘भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन’ की शुरूआत की. महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा की सरकार के कुछ ‘भ्रष्ट’ मंत्रियों को हटाए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की. ये मंत्री थे- शशिकांत सुतर, महादेव शिवांकर और बबन घोलाप. अन्ना हज़ारे ने उन पर आय से ज़्यादा संपत्ति रखने का आरोप लगाया था. सरकार ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन हारकर दो मंत्रियों सुतर और शिवांकर को हटाना ही पड़ा. घोलाप ने उनके खिलाफ़ मानहानि का मुकदमा कर दिया. लेकिन अन्ना इस बारे में कोई सबूत पेश नहीं कर पाए और उन्हें तीन महीने की जेल हुई. हालांकि उस वक़्त के मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने उन्हें एक दिन की हिरासत के बाद छोड़ दिया. एक जाँच आयोग ने शशिकांत सुतर और महादेव शिवांकर को निर्दोष बताया. लेकिन अन्ना हज़ारे ने कई शिवसेना और भाजपा नेताओं पर भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए.

सरकार विरोधी मुहिम

2003 में अन्ना ने कांग्रेस और एनसीपी सरकार के कथित तौर पर चार भ्रष्ट मंत्रियों-सुरेश दादा जैन, नवाब मलिक, विजय कुमार गावित और पद्मसिंह पाटिल के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी और भूख हड़ताल पर बैठ गए. हज़ारे का विरोध काम आया और सरकार को झुकना पड़ा. तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने इसके बाद एक जांच आयोग का गठन किया. नवाब मलिक ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. आयोग ने जब सुरेश जैन के ख़िलाफ़ आरोप तय किए तो उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया. 1997 में अन्ना हज़ारे ने सूचना के अधिकार क़ानून के समर्थन में मुहिम छेड़ी. आख़िरकार 2003 में महाराष्ट्र सरकार को इस क़ानून के एक मज़बूत और कड़े मसौदे को पास करना पड़ा. बाद में इसी आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन का रूप लिया और 2005 में संसद ने सूचना का अधिकार क़ानून पारित किया.  कुछ राजनीतिज्ञों और विश्लेषकों की मानें, तो अन्ना हज़ारे अनशन का ग़लत इस्तेमाल कर राजनीतिक ब्लैकमेलिंग करते हैं और कई राजनीतिक विरोधियों ने अन्ना का इस्तेमाल किया है. कुछ विश्लेषक अन्ना हज़ारे को निरंकुश बताते हैं और कहते हैं कि उनके संगठन में लोकतंत्र का नामोनिशां नहीं है.

सो. बी.बी.सी . हिंदी

 

ठंडा-ठंडा कूल कूल , अन्ना हजारे वण्डरफुल

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उदयपुर, 16 अगस्त।कड़वे प्रवचन शृंखला की अंतर्गत सायं कालीन सांस्क्रतिक आयोजन में मंगलवार को एक शाम देश के नाम विराट कवि सम्मेलन का आयोजन श्री महावीर युवा मंच संस्थान के बैनर तले हुआ। 

सूत्रधार उदयपुर के राव अजात शत्रु ने ठंडा-ठंडा कूल-कूल, अन्ना हजारे वण्डरफूल। ये आंखें अब कोई सपना नहीं देखे तो क्या देखे, तरूण पलको को में तो कवल तरूण सागर समाए हैं सुनाकर ठसाठस भरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। लखनऊ की शिखा श्रीवास्तव ने मस्जिद नहीं होती, ये शिवाला नहीं होता हर दिल में महोŽबत का उजाला नहीं होता, उस दिल को जमाने में कोई कीमत नहीं होती, जिस दिल का कोई चाहनेवाला नहीं होता। कविता सुनाकर दर्शको की खूब वाहवाही लूटी। शक्करगढ़ के राजकुमार बादल ने लाखेणी जिन्दगाणी झण्डु बाम होरी जी, सब जाणे छे मुन्नी क्यू बदनाम होरी जी सुनाकर खूब दाद बटोरी। क्वेटा की निशामुनि गौड़ ने ना धर्मों की सुनी कभी, ना मानी इमान की, केसी हालत कर दी तुमने मेरे हिन्दुस्तान की। सूर, मीरां, कबीरा, जायसी, रसखान की धरती, शहीदों की इबादत है, ये हिन्दुस्तान की धरती कविता प्रस्तुत की। मावली के मनोज गुर्जर ने घोड़ा ऐला मेला फररिया, न गदेड़ा चुनाव लड़रिया कविता सुनाई। काकरोली के सम्पžत सुरीला ने मेरे माता-पिता की ताई कीसी से अब क्या कहना के साथ ही कई फिल्मों की पेरोडियां प्रस्तुत की।                                 कवि सम्मेलन का आरंभिक संचालन सोनिका जैन ने कीया। संरक्षक राजकुमार फžकतावत ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी। अध्यक्ष श्याम नागोरी ने शॉल, माला एवं स्मृति चिन्ह से अतिथियों का स्वागत कीया। महामंत्री चन्द्रप्रकाश चोर्डिया ने आभार प्रदर्शन कीया।

 

 

गूंज उठा देश

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dehli

भ्रष्टाचार के खिलाफ गूंज उठा देश का कोना कोना , अन्ना की गिरफ़्तारी काया हुई पुरे भारत में अन्ना  का साथ देने लोग सडको पे उतर गए देश के हर गली हर कोने से एक ही आवाज़ आरही हे भ्रष्टाचार ख़त्म करो , अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हे , एसे ही कुछ फोटो जो देश के अलग अलग शेहरो से , हर आम का एक ही नारा हे भ्रष्टाचार ख़त्म करो ,

गिरफ़्तारी के बाद अन्ना हजारे
अन्ना की गिरफ़्तारी का विरोध दिल्ली में
chandigar me anna ke sath aawam
दिल्ली में गिरफ़्तारी
दिल्ली में गिरफ़्तारी
दिल्ली
दिल्ली
हेदराबाद
हेदराबादमुंबई
मुंबई
मुंबई

 

फोटो : सो. याहू

अवाम की आवाज़ अन्ना के साथ

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भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पे बेठने के पहले ही अन्ना को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लेलिया , जेसे ही अन्ना के पुलिस हिरासत में होने की खबर देशा में फेली वेसे ही देख के हर कोने में धरने प्रदशन होने शुरू होगये , उदयपुर में भी सुबह ११ बजे से आम जनता और करीब ५० संगठनों से जुड़े लोग कलेक्ट्री पर जमा होना शुरू होगये और धरना प्रदशन दिन भर चलता रहा , किसी ने सर्कार का पुतला जला के तो किसी ने सर्कार विरोधी नारे लगा के , तो किसी ने सर मुंडवा के प्रदशन किया , वोक सोसाइटी ने १५ अगस्त को फतेहसागर पर केंडल मार्च निकला था उन्होंने आज सुबह ११ बजे से शाम ५ बजे तक कलेक्ट्री पे धरना दिया सोसाइटी के अध्यक्ष अजयराज पण्डे ने बताया की भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे साथ शहर के करीं ३० संगठन और शहर की जनता हमारे साथ हे , वही शिवदल के लीलाधर कुमावत , समाजसेवी भेरुलाल , महेश नागदा और गिरीश खत्री ने सर मुंडवा के विरोध प्रदशन किया , कलेक्ट्री के बहार अन्ना की टोपी भी बोहत लोकप्रिय हो गयी हर सर पे अन्ना की नेहरु चाप टोपी नज़र आई

 

 

 

 

 

सुहाने मोसम में मैच रोमांचक रहा

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उदयपुर , स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में सोमवार को होटल शिकारबाडी के मैदान पर पार्षद इलेवन एवं लेक सिटी प्रेस क्लब के मध्य खेले गए मैत्री क्रिकेट मैच में पार्षद इलेवन ने लेकसिटी प्रेस क्लब को पराजित किया ,

 

अरावली की पहाडियों के बीच कुदरत की खूबसूरती से सजी हुई होटल शिकारबाडी के मैदान पर पार्षद इलेवन के कप्तान धनपाल स्वामी ने पहले टास झीत कर लेकसिटी प्रेस क्लब को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया ,

 

पूर्व में यह मेच 20 ओवर का था लेकिन बारिश के चलते यह मेच 15 ओवर का कर दिया गया लेकसिटी प्रेस क्लब की तरफ से सलामी बल्लेबाज नरेन्द्र पुर्बिला और निर्मल चोबीसा उतरे पुरबिया ने 15 बोल में 4 चोके की मदद से 20 रन बनाये तथा रन आउट हो गए , निर्मल चोबीसा ने 24 गेंदों में अपनी टीम के लिए 7 रनों का इजाफा किया और वह भी रन आउट होगये . प्रेस क्लब के लिए सबसे ज्यादा 29 रन सावन दोषी ने बनाये और नोट आउट रहे , भगवन लाल ने 1 मो.इलियास ने 11 चंचल सनाद्य ने 1 1 रन का योगदान दिया , जब की संजय खाब्या बिना कोई रन बनाये आउट होगये , निर्धारित 15 ओवर में प्रेस क्लब का स्कोर 93 रनों का रहा ,

 

जवाब में पार्षद इलेवन ने 3 खिलाडियों के नुकसान पर लक्ष्य पूरा कर मैच झीत लिया , पार्षद इलेवन को झिताने में बल्लेबाज रखेश खोखावत का विशेष योगदान रहा इन्होने ने 35 गेंदों में 44 रन बना कर अपनी टीम को झीत दिलाई और नोट आउट रहे पार्षद इलेवन के लिए मनोहर सिंह ने 8 अजय पोरवाल ने 1 भंवर सिंह ने 12 और रझेश सिंघवी ने 3 रन बनाये मेन ऑफ़ दी मेच पार्षद इलेवन के रखेश खोखावत रहे इस अवसर पर सभापति रजनी डांगी ने दोनों टीम के खिलाडियों को स्म्रति चिन्ह दिए ,