एचआईवी ग्रस्त बच्चों ने किया लेकसिटी का भ्रमण

उदयपुर, नारायण सेवा संस्थान गत २७ वर्षो से नि:शत्त* एवं असहाय की सेवार्थ जनपयोगी विभिन्न सेवा प्रकल्प करना आ रहा है। इसी क्रम में आश्रय केयर होम, जयपुर के तत्वावधान में बाल कल्याण समिति, जयपुर के २५ एचआईवी ग्रस्त बच्चों का समूह ११ सहयोगी स्टाप* के सानिध्य में दो दिवसीय भ्रमण के लिए नारायण सेवा संस्थान आया। संस्थान में बच्चों का आत्मीय स्वागत कर उनके आवास व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था संस्थान के ब$डी स्थित आश्रम में की गई। डॉ. प्रशान्त अग्रवान ने बताया कि बच्चों एवं सहयोगी स्टाप* को संस्थान के विभिन्न पोलियो अस्पतालों का अवलोकन करा वहां हो रहे सेवा प्रकल्पों की जानकारी प्रदान की गई। दूसरे दिन बच्चों को उदयपुर भ्रमण करवाया गया।

झीलों की स्वच्छता के लिए प्रतिमाओं का इनमें न करे विसर्जित

विभिन्न संगठनों ने की अपील

उदयपुर, प्रतिमाएं झील में विसर्जित नहीं करने को लेकर सभी संगठन एक हो गरबा मण्डल से अनुरोध कर रहे है कि देवी प्रतिमाएं विसर्जन नहीं कर झीलों को स्वच्छ रखे।

झीलों में प्रतिमाएं विसर्जित ना हो झीलों की स्वच्छता बनी रहे इसके लिए बजरंग सेना, मेवाड शिव सेना आदि संगठन शहर के सभी गरबा मण्डलों से अपील कर रहे है कि प्रतिमाओं को झील किनारे प्रतिकात्मक विसर्जित कर सुरक्षित रख दिया जाए इसके लिए बजरंग सेना के कमलेन्द्र ङ्क्षसह पंवार ने बताया कि मेलडी माता मंदिर में प्रतिमाओं को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गयी है। मेवाड शिव सेना ने भी गरबा मण्डलों से झीलों में विसर्जन नहीं करने का आग्रह किया । तथा उन्होंने बताया कि गरबा महोत्सव के बाद झीलों में विसर्जन नहीं करने वालो को मेवा$ड शिव सेना द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

‘रोमांस के बादशाह’ यश चोपड़ा नहीं रहे

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बॉलीवुड के जाने-माने निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा का निधन हो गया है. रविवार की शाम मुंबई के लीलावती अस्पताल में उन्होंने आख़िरी सांस ली. वो 80 साल के थे.

वे डेंगु से पीड़ित थे. लीलावती के डॉक्टरों के अनुसार तबियत ख़राब होने पर उन्हें 13 अक्तूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और रविवार की शाम छह बजे के आस-पास यश चोपड़ा के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके कारण उनकी मौत हो गई.

हालाकि बीच में ऐसी ख़बरें आ रहीं थीं कि उनकी तबियत में सुधार हो रही है.

यश चोपड़ा अपने पीछे पत्नी पामेला चोपड़ा एवं दो लड़के आदित्य एवं उदय छोड़ गए हैं.

उनका पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह नौ बजे से 12 बजे तक यशराज फ़िल्म्स के स्टूडियों में रखा जाएगा और दोपहर तीन बजे चंदनवाड़ी में उनका दाह संस्कार किया जाएगा.

उनकी मौत की ख़बर आते ही पूरे फ़िल्म जगत में सन्नाटा छा गया.

फ़िल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्तियों ने ट्विटर और फ़ेसबुक के ज़रिए अपने शोक संदेश देने शुरू कर दिए.

उसके बाद फ़िल्मी हस्तियों का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया. पहले पहुंचने वालों में शाहरूख़ ख़ान, दिलिप कुमार, सायरा बानो, अनिल कुमार और करण जौहर थे.

जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यश चोपड़ा एक बड़े फ़िल्मकार होने के साथ-साथ उससे भी ज़्यादा बड़े इंसान थे.

लता मंगेशकर के अनुसार उनका और यश चोपड़ा का रिश्ता सिर्फ़ फ़िल्मों के कारण नहीं था बल्कि वे दोनों एक भाई-बहन की तरह थे.

फ़िल्मकार मनोज कुमार ने कहा कि यश चोपड़ा ज़िंदगी भर अपनी फ़िल्मों के ज़रिए लोगों में प्यार बांटते रहे.

हिंदी फ़िल्मों में रोमांस को उन्होंने एक नए तरीक़े से पेश किया और उनकी कई फ़िल्मों में ऐसी कहानियां थीं जो कि उस समय के भारतीय समाज के लिए शायद बहुत बड़ी बात थी.

उनकी फ़िल्म ‘सिलसिला’ और ‘लम्हे’ ऐसी फ़िल्में थीं जिसमें उन्होंने समाज को चुनौती देने की कोशिश की थी.

यश चोपड़ा की फ़िल्म ‘जब तक है जान’ बन कर तैयार है और 13 नवंबर को रिलीज़ होने वाली है. इसमें शाहरूख़ ख़ान, कटरीना कैफ़ और अनुष्का शर्मा अहम भूमिका निभा रहें हैं.

फ़िल्में

यश चोपड़ा ने पिछले महीने ही फ़िल्म निर्देशन से रिटायर होने की घोषणा की थी.

27 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के लाहौर में उनका जन्म हुआ था.

यश चोपड़ा ने ‘धूल का फूल’ से फ़िल्म निर्देशन के करियर की शुरुआत की थी.

दाग़, दीवार, मशाल, सिलसिला, चांदनी, लम्हे, डर, दिल तो पागल है जैसी फ़िल्में बनाने वाले यश चोपड़ा हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के एक मज़बूत स्तम्भ थे.

सिनेमा में अमूल्य योगदान के लिए उन्हें 2001 में भारत का सर्वोच्च सिनेमा सम्मान ‘दादा साहेब फ़ाल्के’ पुरस्कार दिया गया था.

सो.- बी बी सी -हिंदी

ऐ ज़िंदगी गले लगा ले….

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उसकी ना हस्ती न हैसियत है, लेकिन एक दलित रिक्शाचालक बबलू के लिए बेटी नियामत है.

वो पिछले एक माह से अपनी नवजात बेटी को सीने से लगाये भरतपुर शहर में रिक्शा चलाते देखा जा सकता है. क्योंकि उस दूधमुँही के सर से पैदा होते ही माँ का साया उठ गया. घर में कोई और नहीं जो उस नन्ही परी का ख्याल रख सके. लेकिन हवा के थपेड़ो और रिक्शे पर झूलती जिन्दगी की राह ने उस नन्ही परी को बीमार कर दिया.वो दो दिन से भरतपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती है.

रिश्तों का त्रिकोण

बबलू, नन्ही बेटी और रिक्शा इंसानी रिश्तो का ऐसा त्रिकोण बनाते है जो बेटी को बिसारते समाज में उम्मीद की लौ जलाते दूर से ही दिखता है. बबलू और उनकी पत्नी शांति को पिछले माह ही पंद्रह साल की मिन्नत और मन्नतों के बाद पहली संतान के रूप में बेटी नसीब हुई थी.

मगर जल्द ही उस नन्ही परी को माँ के सुख और सानिध्य से वंचित होना पड़ा. बबलू बताता है खून की कमी के सबब शांति की हालत बिगड़ी और वो जच्चा बच्चा दोनों को अस्पताल ले गया. बबलू ने कहा “डॉक्टर ने खून लाने के लिए कहा, मैं खून लेकर आया,लौटा तो पता चला कि शांति की सांस हमेशा के लिए उखड़ गई, मेरी आँखों के आगे अँधेरा पसर गया.”

सो.- बी बी सी -हिंदी

खुद को नवजात बेटी की खातिर संभाला, ये कहते कहते बबलू की आँखे भर आई. वो बताता है कैसे उसने पत्नी के लिए दाह संस्कार के लिए मुश्किल से रूपये जुटाए.

पिता का भी भार

अपनी पत्नी के मौत के बाद नवजात बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी बबलू पर आ पड़ी. उसने खुद को संभाला, बेटी को कपडे़ के झूले में सुलाया और झूले को पेड़ की टहनी की तरह गले में लटका लिया.

भरतपुर ने वो मंजर देखा जब बबलू रिक्शे पर,गले मे नवजात बेटी और पीछे सावरिया बैठी. बबलू कहता है ‘हमदर्दी के अल्फाज तो बहुत मिले, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. रिश्तेदारों ने भी कोई मदद नहीं की.

बबलू पर बूढ़े हांफते कांपते पिता का भी भार है. वो कहता है “कभी कभी किराये के कमरे पर पिता के साथ बेटी को छोड़ जाता हूँ,बीच बीच में उसे दूध पिलाने लौट आता हूँ. ये शांति की अमानत है , इसलिए मेरी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है.”

कैसी है ज़िन्दगी

बबलू का एक कमरे का घर किराये पर है.वो पांच सो रूपये प्रति माह किराया देता है.फिर हर रोज उसे तीस रूपये रिक्शे के लिए किराया अदा करना पड़ता है. इन मुश्किलों के बीच बबलू रिक्शा चला कर बेटी के लिए बाबुल बना हुआ है.

बबलू का कहना है “शांति तो इस दुनिया में नहीं है,लेकिन मेरी हसरत है ये उसकी धरोहर फूले फले,मेरा सपना है उसे बेहतरीन तालीम मिले. हमारे लिए वो बेटे से भी बढ़ कर है”.

बहुतेरे लोग नवजात कन्या को लावारिस छोड़ जाते है.क्योंकि उन्हें बेटी भार लगती है.लेकिन बबलू की कहानी बताती है बेटी को नवाजने के लिए हस्ती और हैसियत होना जरूरी नहीं.बाबुल की हसरत होना काफी है.

शहर में डांडियों की धूम

उदयपुर, शहर में गली मौहल्लों में गरबा रास की धुम मची हुई है। डांडियों का नशा हर युवा बच्चों के सिर चढकर बोल रहा है । विभिन्न संगठनों द्वारा अलग-अलग पांडालों में गरबा आयोजन करवाए जा रहे है वहीं स्कूल कॉलेजों में भी गरबों की धुम मची हुई है।

नवरात्रा के पांचवे दिन गरबा रास की खास धुम रही युवक युवतियां आकर्षक पारम्परिक परिधानों में डांडियां खेलते नजर आये। विभिन्न संस्थाओं और सामाजिक संगठनों द्वारा वाटिकाओं और मोहल्लों में गरबो का आयोजन व गरबे के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही शत्ति*पीठों में धार्मिक अनुष्ठान हो रहे है जिसमें माता की प्रतिमा पर आकर्षक आंगी की जा रही है। स्कूल कालेजो में गरबे की धुम शुरू हो गयी है। गुरूनानक कालेज में छात्रा संघ व सांस्कृतिक समिति द्वारा डांडिया आयोजित किया जा रहा है। जिसमें छात्राओं ने आकर्षक परिधानों में जमकर डांडिया किया। तुलसी निकेतन रेजिडेन्शियल स्कूल में भी डांडियों का आयोजन किया गया।

 

पुलिस अब होगी ऑन लाइन

उदयपुर, राजस्थान पुलिस को अब सभी विभागों को जोडने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए विभाग को ऑन लाईन किया जा रहा है ताकि देश के सभी विभागों से अपराधियों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके।

जिला पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा द्वारा शनिवार को ली गई क्राईम मिटिंग में जिले के सभी थानाधिकारियों, डिप्टी और एएसपी स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। क्राईम मिटिंग में एक लघु फिल्म बताई गई जिसमें विभाग के ऑन लाईन होने पर किस तरह के फायदे विभाग को मिल सकते है। पुलिस विभाग को भी ऑन लाईन किया जाएगा और इसे देश के सभी विभागों से जोडा जाएगा। जिसके तहत किसी भी राज्य के अपराधी द्वारा अपराध करते ही उसके बारे में सारी जानकारी राजस्थान में भी आसानी से उपलब्ध हो पाएगी। जिसमें अपराधी का फोटो, पता और उसके द्वारा किए गए अपराधों के बारे में बताया जाएगा। क्राईम मिटिंग में पुलिस अधीक्षक ने आने वाले त्यौहारों के सम्बन्ध में भी दिशा-निर्देश दिए। जिसमें त्यौहारों तक विशेष रूप से पैट्रोलिंग करना, असामाजिक तत्वों पर विशेष रूप से निगरानी रखने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही गत माह के अपराधों की समीक्षा की गर्ई और सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए।

थम नहीं रहा क्रिकेट संघ का विवाद

अब कप्पू ने लगाया विरोधीयों पर आरोप

उदयपुर, उदयपुर क्रिकेट संघ में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है दोनो गुटों से आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।

जिला क्रिकेट संघ में वर्चस्व ओर पदलोलुपता का घमासान थम नहीं रहा । रविन्द्रपाल ङ्क्षसह कप्पू और जिला क्रिकेट संघ के सचिव व उनके समर्थकों के बीच घमासान जारी है। पिछले दिनों वेटरंस ट्राफी के बीच कप्पू और अन्य के खिलाडियों के बीच हाथापाई तक हो गयी जिसकी दोनो पक्षों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी बाद में कप्पू व उनके समर्थकों ने कलेक्टर को कार्यवाही करने का ज्ञापन दिया व जिला क्रिकेट संघ में धांधली बाजी का आरोप लगाया इसके अगले ही दिन जिला क्रिकेट संघ के कई लोगों ने रविन्द्रपाल ङ्क्षसह कप्पू के विरोध में कलेक्टर को ज्ञापन दिया व उस पर अभद्र व्यवहार, क्रिकेट मैच में पद के लिए ब्लेकमेलिंग व असामाजिक तत्व होने का आरोप लगाया उसी के जवाब में कप्पू ने विज्ञप्ति जारी कर शपथ पत्र दिया कि वे अगले दस साल तक क्रिकेट संघ व किसी क्लब में कोई पद ग्रहण नहीं करेगें साथ ही उन्होंने स्थानिय थाने से चरित्र प्रमाण पत्र बनवा कर बताया कि आजकल उन पर कोई अपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है। तथा उन्होंने जिला क्रिकेट संघ के सचिव महेन्द्र शर्मा कोच मनोज चौधरी पर क्रिकेट संघ में बल्लेबाजी अनियमितताओं और क्रिकेटरों के भविष्य के साथ खिलवाड का आरोप लगाया है।

नासीर खान सदस्य मनोनीत

 

उदयपुर, राजस्थान सरकार ने जिला जन अभियोग एवं सतर्कता समितियों के सदस्यों का मनोनयन करते हुए अल्पसंख्यक श्रेणी से उदयपुर के पूर्व पार्षद मोहम्मद नासीर खान को समिति का सदस्य नियुक्त किया है।

नगर परिषद , यूआईटी ने पहले जनता को आग में झोंका अब मरहम लगाने की बात

निर्माण निषेध क्षेत्र मे निर्माण ध्वस्त का मामला

प्रभावित लोगों ने निकाली रैली

हाईकोर्ट में भी उपलब्ध नहीं अवैध निर्माण की सूची

उदयपुर, कोर्ट के आदेश आ गये निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण ना हो पूरा दिन जुबां पर यही चर्चा रही अब हजारों मकानों का क्या होगा जो निषेध क्षेत्र में है। आज जनता के हितो की बात करने वाले यूआईटी ओर नगर परिषद इन्होंने ही जनता को इस निषेध क्षेत्र की आग में झोंका है। अम्बामाता क्षेत्र में सैकडो प्रभावितों ने रैली निकाली।

जब से हाईकोर्ट ने निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण ध्वस्त करने के फैसले दिए थे और ४१ मकानों के आदेश थे तब से शहरवासी उन ४१ नामों की सूची का इंतजार कर रहे थे लेकिन हाईकोर्ट के पास ऐसी कोई सूची है या नहीं। हाईकोर्ट ने राजेन्द्र राजदान की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है राजदान ने भी ऐसी कोई सूचि नहीं दी थी उन्होंने होटलों का जो अवेध निर्माण हो रहा है उनको जरूर इंगित किया था। सूचि तो हाईकोर्ट ने नगर परिषद और यूआईटी से मांगी थी कि निर्माण निषेध क्षेत्र में कितने अवैध निर्माण है उसकी सूची भेजी इन दोनो जिम्मेदार ने बिना सोचे समझे जो शिकायत में पेडिंग नाम थे उनकी सूची भेज दी जिससे ऐसे कई नाम है जिनका मकान पिछले २० सालों से बना हुआ है।

निर्माण निषेध क्षेत्र आखिर सीमा और परिभाषा क्या है : निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण नहीं होना चाहिए आखिर कोई बताएगा कि निर्माण निषेध क्षेत्र कहां तक है। पिछोला, प*तहसागर, आखिर कहां है सीमांकन ना तो कभी नगर परिषद यूआइटी ने आज तक कोई सीमांकन नहीं किया कि निर्माण निषेध क्षेत्र कहां-कहां तक है इसका मापदण्ड कुछ नहीं है। ५०० मीटर का दायरा में निर्माण नहीं होना चाहिए तो फिर उस पांच सौ मीटर के दायरे का सीमांकन क्यों नहीं किया गया। जिस निर्माण निषेध क्षेत्र की बात परिषद ओर यूआईटी करती है वहां एक दर्जन कॉलोनियों में ७ से ९ हजार मकान बने हुए है। अगर यहां निर्माण निषेध क्षेत्र थे तो क्यों यहां कॉलोनियां कर दी इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। उदयपुर की जनता को यही फिक्र है और इस बात को लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारी जनता के हितों की बात कर रहे है जिन्होने जनता को इस आग में झोंका ओर अब या तो तमाशाबीन बने हुए है या झूठे वादे किये जा रहे है।

प्रभावित सैकडों लोगों ने अम्बामाता क्षेत्र में रैली निकाली जो कि मल्लातलाई, ब्रह्मपोल होते हुए जगदीश चौंक पहुंची। स्थानिय पार्षद कमलेश जावरिया ने कहाकि में जनता के लिए लडूंगा और विधिक राय लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

जिला स्तरीय आयुवर्ग शतरंज प्रतियोगिता आज से

उदयपुर, चेस इन लेकसिटी की मेजबानी में जिला स्तरीय ओपन अण्डर-७, ९, ११, १३, १५, १७, १९ व सीनियर बालक-बालिका वर्ग की २ दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता कल रविवार से श्रमजीवी महाविद्यालय लेकसिटी उदयपुर में आयोजित होगी। आयोजन सचिव व प्रशिक्षक विकास साहू ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में जिले के फीडे रेटेड व राष्ट्रीय खिला$डी हिस्सा लेगें। प्रतियोगिता अन्तर्राष्ट्रीय स्वीस पद्घति से ७ चक्रो में आयोजित होगी। प्रतियोगिता के मुख्य निर्णायक रिषि सालवी होंगे।