पहले हाथ मिलाने के लिए बच्ची को किया मजबूर, मना करने पर दी सजा

6188_5उदयपुर. जिला न्यायालय की एक महिला वकील की नाबालिग बेटी को हाथ मिलाने के लिए मजबूर करने के आरोपी किराना व्यवसायी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम चंद्र सिंह झाला ने बालकों का यौन अपराध से संरक्षण अधिनियम-2012 (पोक्सा एक्ट) के तहत 2 वर्ष की कड़ी कैद व 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा गुरुवार को दी।

शहर के लखारा चौक निवासी अधिवक्ता संगीता अरोड़ा ने 6 मई 2013 को किराना व्यवसायी हरीश जैन के खिलाफ धान मंडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में संगीता ने बताया कि वह नियमित रूप से वकालात की प्रैक्टिस करने कोर्ट जाती है। उसकी गैर मौजूदगी में दोनों बेटियों की देखरेख गट्टू बाई तेली करती है।

लखारा चौक में मारू किराना स्टोर का मालिक नाई निवासी हरीश जैन उसकी बेटियों पर बुरी नजर रखता है व इशारे करता है। 6 मई को अपराह्न साढ़े 3 बजे प्रार्थिया की 12 वर्षीय बड़ी बेटी गट्टू बाई की छत पर थी। अभियुक्त सुरेश ने छत पर पहुंच कर बालिका से जबरन हाथ मिलाने का प्रयास किया था।

किशोरी के मना करने पर आरोपी ने उसे 20 मिनट तक धूप में खड़े रहने की सजा दी। मजबूर होकर बालिका के हाथ मिलाने पर सहमत होने पर उसने छत से उतरने दिया।

लोक अभियोजक प्रणय सनाढ्य ने अभियुक्त के खिलाफ आठ गवाह और पांच दस्तावेज अदालत में प्रदर्शित कराए थे। सुनवाई पूरी करते हुए न्यायाधीश झाला ने आरोपी हरीश को दोषी माना और दो साल कैद की सजा सुनाई।

सरकार देती है प्रति छात्र चार रुपए परीक्षा शुल्क

उदयपुर। महंगाई के इस युग में राज्य सरकार अद्र्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा का खर्चा महज चार रुपए प्रति विद्यार्थी देती है। शहर के कई स्कूलों में तो यह राशि भी अब तक बकाया चल रही है। इस सत्र की राशि तो राज्य सरकार ने जारी ही नहीं की, जबकि कल से अद्र्धवार्षिक परीक्षा प्रारंभ हो रही है। कई संस्था प्रधान इस राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यह राशि स्कूल स्तर पर होने वाली तीसरी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए दी जाती है। इस राशि से दोनों परीक्षाओं का आयोजन कराना संस्था प्रधानों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। दो साल से आठवीं तक की परीक्षा स्कूल स्तर पर आयोजित की जा रही है। तब से यह परेशानी खड़ी हुई है। संस्था प्रधानों ने शिक्षा विभाग की वाक्पीठ संगोष्ठियों और अन्य बैठकों में इस मुद्दे को कई बार उठाया, लेकिन सरकार ने अब तक इस राशि को बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया है। संस्था प्रधानों और कई वरिष्ठ शिक्षकों का कहना है कि इस राशि को बढ़ाकर 50 रुपए किया जाना चाहिए। यह राशि भी परीक्षा से पहले स्कूलों के खाते में पहुंचनी चाहिए। पिछले साल की राशि जिन स्कूलों में नहीं पहुंची, उसे भी जल्दी जारी किया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारी कहते हैं कि इस संबंध में विभाग की बैठकों में कई बार मुद्दा उठा है, लेकिन बजट बढ़ाने का निर्णय सरकार के स्तर पर होना है। संस्था प्रधानों का कहना है कि कक्षा तीन से पांच तक चार पेपर हिंदी, अंग्रेजी, गणित व पर्यावरण के होते हैं। दोनों परीक्षाओं के कुल आठ पेपर हो गए। इसी प्रकार कक्षा छह से आठ तक छह पेपर हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक, विज्ञान व संस्कृत के होते हैं। दोनों परीक्षाओं के कुल 12 पेपर हो गए। इसके अलावा परीक्षा पुस्तिका, कॉपियां बांधने की डोर, अंक तालिका सहित अन्य खर्च भी होता है। कई बार तो संस्था प्रधानों को परीक्षा का खर्चा स्कूलों को दिए जाने वाले दूसरे अन्य बजट से एडजस्ट करना पड़ता है।

डायन कहकर प्रताडि़त करने का मामला दर्ज

images (3)उदयपुर। बेकरिया थाना क्षेत्र के मालवा का चौरा गांव की एक विवाहिता ने पीहर पक्ष के लोगों पर डायन कहकर मारपीट करने के मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार मालवा का चौरा, बेकरिया निवासी भगवती पत्नी मनोज गरासिया ने रिपोर्ट में बताया कि बताया कि वह पांच दिसम्बर को अपने पीहर में अपने पुत्र को दूध पिला रही थी। इसी दौरान आरोपी रतना पुत्र भैरा गरासिया, तारमा पुत्र हुसा गरासिया, नारायण पुत्र रतना गरासिया, इसका भाई अमरा गरासिया, ललित गरासिया, शादा पुत्री तारमा गरासिया, शांति पुत्री रतना गरासिया, तेजकी पुत्री रतना गरासिया इसके घर में घुस गए और डायन कहते हुए मारपीट शुरू कर दी। इस पर विवाहिता के पिता ने आरोपी का विरोध किया, तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। मारपीट के कारण विवाहिता को गंभीर चोटे आई। जिसके चलते उसे उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती करया गया। जहां उपचार के बाद उसे छट्टी दे दी गई। इस पर विवाहिता ने उसके पीहर जाकर आरापियों के खिलाफ डायन बताकर मारपीट का मामला दर्ज कराया।

पांच हजार के लिए कर दी वृद्ध की हत्या

images (1)उदयपुर। चित्रकूटनगर स्थित श्मशान में मिले शव के मामले में सुखेर पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए भुवाणा निवासी प्रकाश उर्फ पकरिया डांगी और सूरजपोल निवासी प्रदीप उर्फ विक्की को गिरफ्तार किया है। पुलिस को इस मामले में मुख्य आरोपी शेरू की तलाश है। इन आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पुलिस के अनुसार पिछले दिनों भुवाणा श्मशान की दीवार के पास एक शव मिला था। सिर में चोट और पास में शराब की बोतल पड़ी थी। उसकी शिनाख्त भुवाणा निवासी खेमराज के रूप में हुई थी। उस दौरान मृतक के अंगुठे पर लगे स्याही के निशान को देखकर उसके बेटे ने हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि मृतक खेमराज का शुरू नाम के एक व्यक्ति से जमीन का सौदा चल रहा था, जो कि लगभग पांच लाख रुपए का था। शेरू ने मृतक से रजिस्ट्री करवाकर उसकी हत्या की सुपारी पांच हजार रुपए में दी थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए भुवाणा निवासी प्रकाश उर्फ पकरिया डांगी और सूरजपोल निवासी प्रदीप उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने खेमराज की हत्या करना कबूल किया।

स्वामी विवेकानंद कठपुतली नाटिका देशभर में मचा रही है धूम

DSC00005-300x225उदयपुर। भारतीय लोककला मंडल द्वारा स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर निर्मित कठपुतली नाटिका इन दिनों पूरे देश में धूम मचा रही है। अब तक देश के विभन्न शहरों में इस नाटिका के 70 मंचन हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद के 150वेें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में रामकृष्ण मिशन के सौजन्य से लोक कला मंडल के सहायक निदेशक श्याम माली के निर्देशन में इस नाटिका को कला मंडल के सिद्घ हस्त कलाकारों द्वारा निर्मित किया गया है। लगभग 72 मिनट की इस नाटिका मे स्वामी विवेकानंद के बाल्यकाल से ब्रह्मलीन होने तक के जीवनवृत का काठ से बनी पुतलियों के माध्यम से सजीव प्रस्तुतीकरण किया गया है। काठ से बनी बेजान पुतलियों में प्राण फूंकती कलाकारों की अंगुलियां प्रत्येक आयु वर्ग के दर्शक को प्रस्तुती के अंत तक बांधे रख कर आज के आधुनिक मनोरंजन के साधनों को फिर चुनौती देती प्रतीत होती है।
कठपुतली नाटिका के पात्र अपनी भाव भंगिमाआें से संवाद के साथ सामंजस्य करते हुए एेसा प्रदर्शन करते हैं, मानो कोई सजीव पात्रा संवाद कर रहे हो और यह दृश्य दर्शकों में इसके प्रति उत्सुकता पैदा कर देते हैं।
नाटिका का कथानक, संवाद, पात्रों की वेशभूषा तथा प्रभावी श्रव्य-दृश्य मिश्रण के कारण दर्शक इसे बार-बार देखने को उत्सुक होता है। एेसे मे लुप्त होती यह कठपुतली कला आधुनिक मनोरंजन के साधनों के समक्ष पुन: चुनौती देती दिख रही है।
इस नाटिका के राजस्थान सहित दिल्ली, गुजरात, सौराष्ट्र, पंजाब तथा झारखंड राज्य के विभिन्न शहरों में अब तक 70 मंचन हो चुके हैं तथा आगामी जनवरी 2014 के अंत तक बंगाल, बिहार और छत्तीस गढ राज्यों के विभिन्न शहरों में 30 से अधिक प्रदर्शन प्रस्तावित है।

बाल अधिकारों पर अधिवक्ताओं का अभाव: बेनीवाल

हर कार्य में बच्चों का उपयोग करना बाल अधिकारों का हनन
बाल मजदूरी समाप्त करने में समाज के योगदान की आवष्यकता

विश्वविद्यालय विधि महाविद्यालय द्वारा आयोजित ‘‘विस्तार व्याख्यानमाला’’ में आज राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य गोविन्द बेनीवाल ने बालकांओ के अधिकारों एवं उनसे सम्बन्धित कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हर कार्य में चाहे वह चुनाव आयोग द्वारा इस बार चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान हो, या किसी मंत्री या अधिकारी या नेता का कोई कार्यक्रम हो या फिर अन्य कोई भी कार्यक्रम जिसमें बच्चों का उपयोग किया जाता है खुलम-खुला बाल अधिकारों का उल्लंघन है। वर्तमान में बालक अधिकारों के संरक्षण से सम्बन्धित विभिन्न कानूनी एवं संवैधानिक अधिकार उपलब्ध होने के बावजुद भी हमारे समाज में पर्याप्त जानकारी एवं सजगता का अभाव पाया जाता है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग बालकों के अधिकारों के रक्षा हेतु सतत् रूप से राजस्थान मेें कार्यरत है। वर्तमान में देष भर मेें 23 राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग कार्यरत है। गोविन्द बेनीवाल में अपने उद्बोधन मंे बालकों से सम्बन्धित कानूनों के तहत चलाये जा रहे विभिन्न बाल संरक्षण गृहों, बाल सुधार गृहों की जानकारी दी ओर बताया कि शीघ्र ही देश भर में बाल न्यायालय का गठन किया जायेगाा। राज्य के निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार के तहत् 25 प्रतिशत आरक्षित स्थान समाज के पिछडें बच्चों को वास्तव में लाभ नहीं मिल रहा है जो दुःखद स्थिति है। परिवार एवं अन्य स्थानों में बच्चों के साथ हो रहे अन्याय एवं अत्याचार के लिए कोई अलग से अधिनियम नहीं है। बालकों की आयु अलग-अलग अधिनियमों में अलग-अलग है इसको अन्तर्राष्ट्रीय मानदण्डों के अनुरूप 18 वर्ष किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में विधि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आनन्द पालीवाल, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शिल्पा सेठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजश्री चौधरी एवं अन्य संकाय सदस्य तथा शोधार्थी तथा छात्र संघ अध्यक्ष अक्षय सिंह राणावत अन्य छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।

फोरेस्ट मैनेजमेन्ट संस्थान के विद्यार्थियों की क्षैत्रिय अनुभव सेमिनार

IMG_0937पानी की उपलब्धता अल्प जहां, उद्यमिता, समरसता व जीवन्तता अधिक वहां – मेहता

उदयपुर, जिन क्षैत्रों में बरसात की कमी से पानी की उपलब्धता अल्प रही है, वहां के समाज में उद्यमिता, समरसता व जीवन्तता अधिक है। राजस्थान के शेखावटी व मारवाड़ सहित पूरा पश्चिमी राजस्थान इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इस क्षैत्र ने उच्च कोटि के साहित्यकार, उद्योगपति, रंगकर्मी दिये है। वहीं जहां पानी की बहुतायतता है, वहां आपसी मनमुटाव, झगड़े ज्यादा है। इस दृष्टि से यह अनुमान कि पानी की कमी युद्व का कारण बनेगी, नकारा जा सकता हैं।
यह विचार विद्या भवन पॉलीटेक्निक के प्राचार्य अनिल मेहता ने भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संचालित भोपाल स्थित फोरेस्ट मैनेजमेन्ट संस्थान के प्रबन्धन विद्यार्थियों की क्षैत्रिय अनुभव सेमिनार में व्यक्त किये। मेहता ने कहा कि जल का बेहतर प्रबन्धन समृद्धि सुनिश्चित करता है, वहीं बैतरतीब दुरपयोग, अतिउपयोग, विनाश का सूचक है।
उदयपुर एवं भोपाल की झीलों की स्थिति का तुलनात्मक विवेचन करते हुए मेहता ने कहा कि भोपाल का झील संरक्षण मोडल ज्यों का त्यों उदयपुर के लिये लागू नहीं किया जा सकता है। झीलों की सही व वैज्ञानिक परिभाषा व समझ के अभाव में झीलें सिकुढ़ रही है। फोरेस्ट मैनेजमेंट संस्था के भास्कर सिन्हा ने कहा कि पर्यावरण व जल संरक्षण में संस्थाओं के निरन्तर प्रयास निःसन्देह प्रंशसनीय है तथापि सरकार व संस्थाओं में अधिक गतिशील समन्वय स्थापित करना होगा।
इस अवसर पर पॉलीटेक्निक द्वारा संचालित रोजगारोन्मूखी कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण देते हुए सीडीटीपी के सलाहकार सुधीर कुमावत ने कहा कि तकनीकी व्यवसायों में गांव स्तर पर स्वरोजगार स्थापित होने से पहाड़, पानी सहित समस्त प्रकृति संसाधन बच सकेंगे। विद्या भवन प्रकृति साधना केन्द्र के समन्वयक आर. एल. श्रीमाल ने युवाओं, पहाड़, पानी के संरक्षण के लिये विद्या भवन द्वारा किये जा रहे जमीनी प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने युवा समूह को झीलों की पर्यावरणीय स्थिति के बारे में मौके पर ले जा कर अवगत कराया।युवाओं को वन विभाग के अधिकारी डी. के तिवारी ने भी संबोधित किया।

सर्दी ने बढ़ा दी गलन, निगम ने खोले रेन बसेरे

India Weather24उदयपुर। उदयपुर में पिछले दिनों से चल रही ठंडी बयार ने सर्दी बढा दी है। गई रात इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात थी। मौसम विभाग की माने, तो आगामी दिनों में सर्दी में इजाफा होगा एवं दिसंबर के आखिर में लेकसिटी में जमकर ठंड पड़ेगी। वहीं, बढ़ती सर्दी को देखते हुए नगर निगम द्वारा शहर के प्रमुख चौराहों पर रैन बसेरे भी स्थापित कर दिए गए हंै। लेकसिटी में पिछले दो दिनों से शाम होते ही ठंडी हवाएं चलने लगी है। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। बीती रात को पारा लुढ़कर नौ डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार आज दिन में अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री पर है। तेज ठंडी बयार ने पिछले दो दिनों से शहर के रात के तापमान में गलन का एहसास पहले ही करा दिया था।
मौसम विभाग की माने, तो आने वाले दिनों में लेकसिटी के तापमान में लगातार कमी होगी और दिसंबर के अंत तक कड़ाके की ठंड पड़ेगी। सर्दी के बढऩे के साथ ही नगर निगम द्वारा स्थापित रैन बसेरों में बसने वालों की संख्या बढ़ गई है। इनमें यात्रियों एवं दिहाड़ी मजदूरों की संख्या में इजाफा हो गया है।
इसके लिए नगर निगम द्वारा शहर में पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। नगर निगम महापौर रजनी डांगी ने बताया कि शहर में बढ़ती सर्दी को देखते हुए चेटक सर्कल पर भंडारी दर्शक मंडप, उदियापोल पर निगम के सेक्टर कार्यालय की ऊपरी मंजिल पर तथा गोवर्धन विलास चुंगीनाके पर रैन बसेरे स्थापित किए जा चुके हैं। आगामी दिनों में शहर के प्रतापनगर क्षेत्र सहित कई अन्य क्षेत्रों में रैन बसेरे स्थापित किए जाएंगे।
रातों में पसरा सन्नाटा
गर्मी एवं बारीश के मौसम में शहर के पर्यटन स्थल फतहसागर एवं पिछोला झील के किनारे जहां शहरवासियों की भीड़ दिखाई देती है, वहीं शहर में बढ़ रही सर्दी के साथ ही रात नौ बजे बाद ये पर्यटन स्थल भी सुने दिखाई देने लगे हंै। रात 10 बजे बाद शहर की सडकों पर भी सन्नाटा पसरने लगा है।
बाजार में आई सर्दी की खुराक
सर्दी की दस्तक के साथ ही शहर के बाजारों में सर्दी की खुराक गजक, तिलपट्टी व पिनखजूर बिक्री के लिए बाजारों में आ गई है। तेज सर्दी के कारण इनकी मांग भी बढऩे लगी है। शहर के चौराहों एवं प्रमुख सब्जी बाजारों मे जगह-जगह थैलों पर ये सर्दी की खुराकें दिखाई देने लगी है।
समोर बाग में भीड़
सर्दी की दस्तक के साथ शहर में अक्टूबर से फरवरी माह तक समोर बाग में लगने वाले तिब्बतियन मार्केट में भी शहरवासियों की भीड़ दिखाई दे रही है। छुट्टी के दिन तो शहरवासी अपने परिवार सहित ऊनी वस्त्रों की खरीदारी में लगे रहते है। वहीं मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि इस बार ऊनी बाजार में कलरफुल जैकेट की मांग बढी है वहीं कई युवा इस बार क्रमल्टीपरपस स्कार्फÓ की ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं, ताकि वाहन चलाते समय तेज सर्दी से चेहरे का बचाव किया जा सकें।

ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन के चुनाव 22 को

downloadउदयपुर,। दी उदयपुर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन के द्विवार्षिक चुनाव 22 दिसम्बर को होने जा रहे हैं। मतदान 22 दिसम्बर रविवार को प्रतापनगर स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के संगठन कार्यालय पर चुनाव अधिकारी एडवोकेट जयकृष्ण दवे की देखरेख में सम्पन्न होंगे।
चुनाव अधिकारी एडवोकेट जयकृष्ण दवे ने जानकारी देते हुए बताया कि दी उदयपुर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाईजेशन के जनवरी, 2014 से दिसम्बर, 2015 तक के लिए उपरोक्त पदों हेतु 22 दिसम्बर प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक प्रतापनगर ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संगठन कार्यालय पर मतदान किया जायेगा। नामांकन वापस लेने पश्चात कुल 13 उम्मीदवार मैदान में रहे है। जिसमें अध्यक्ष पद पर चंचल कुमार अग्रवाल, नवीन नागौरी, उपाध्यक्ष पद के लिये अजीतसिंह खिंची, महावीर प्रसाद चित्तौड़ा, श्यामसुन्दर भराड़िया, रामेश्वर प्रसाद राठी, सचिव/महामंत्री पद पर श्रीभगवान शर्मा, लाकेश चौधरी, सहसचिव पद पर ललित कुमार झंवर, धर्मपाल चौधरी, संजय जैन, कोषाध्यक्ष पद पर रमेशचन्द्र माहेश्वरी जगदीशचन्द्र पण्डा होंगे। मतदान पश्चात मतगणना होगी एवं परिणाम उसी समय घोषित किये जायेगें।

सिद्घ हस्तशिल्पियों एवं कुशल बुनकरों से राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु आवेदन मांगे

उदयपुर, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2012 के लिए सिद्घ हस्तशिल्पियों एवं कुशल बुनकरों को उनकी श्रेष्ठतम कलाकृतियों पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने हेतु जिले के हस्तशिल्पि निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक विपुल जानी के अनुसार आवेदन पत्र एवं कलाकृति 15 दिसम्बर तक क्षेत्रीय कार्यालय सहायक निदेशक (हस्तशिल्प) हस्तशिल्प विपणन एवं सेवा विस्तार केन्द्र उदयपुर में जमा करा सकते है। जो कलाकृतियां पुरस्कार हेतु प्रस्तुत कर रहे है उसका उत्पादन एवं निर्माण का पूर्ण विवरण भी संलग्न हस्तशिल्पी को करना होगा। जिस कलाकृति को राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार नही मिला है उसे प्राथमिकता दी जायेगी। पुरस्कार हेतु आवेदन पत्र जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते है।