नौकर ने किया मालिक के बेटे का अपहरण

rescued-childउदयपुर। शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में एक नौकर ने मालिक द्वारा पैसे नहीं दिए जाने पर मालिक के पुत्र का अपहरण कर लिया। नौकर इस मासूम को लेकर अहमदाबाद चला गया। सूचना मिलने पर पुलिस ने अहमदाबाद पुलिस की सहायता से इस मासूम को बरामद कर लिया है और आरोपी युवक को भी गिरफ्तार कर लिया है। जिसे लेकर पुलिस की टीम उदयपुर आ चुकी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार रणजीतसिंह पुत्र विजय राज सिंह निवासी पालम महु खुर्द जौनपुर हाल कालकामाता रोड़ का सात वर्षीय पुत्र अमनसिंह क्षेत्र में ही स्थित नवदीप एकेडमी में पढ़ता है। इस मासूम को इसी के साथ काम करने वाला सोनू चौहान निवासी दरियागंज उत्तरप्रदेश मंगलवार को स्कूल छोडऩे के लिए गया था। स्कूल की छुट्टी होने के बाद अमन घर पर नहीं आया तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। तलाशी में सोनू का भी पता नहीं चलने के कारण परिजनों के होंश उड़ गए। परिजनों ने दोपहर तक लगातार ढूंढा फिर भी मासूम और नौकर का पता नहीं चलने के कारण परिजन भागते हुए थाने पहुंचे और पुलिस को रिपोर्ट दी। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी युवक और मासूम की तलाश शुरू कर दी। इधर-उधर से जानकारी जुटाने के बाद पुलिस को मासूम और आरोपी के अहमदाबाद में होने का पता चला तो पुलिस ने अहमदाबाद पुलिस से सम्पर्क किया और उदयपुर से एक टीम को भी अहमदाबाद भेजा। जहां पर पुलिस ने मासूम को बरामद करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस की टीम आरोपी और मासूम को लेकर उदयपुर के लिए रवाना हो गए है। उदयपुर आने के बाद पुलिस ने आरोपी सोनू से पूछताछ की तो आरोपी ने अपना नाम सोनू उर्फ शैलेन्द्रसिंह पुत्र स्व. प्रेमनारायण चौहान निवासी दरियावगंज उत्तरप्रदेश होना बताया है। आरोपी ने बताया कि उसके माता-पिता की बचपन में ही मौत हो चुकी है और उसे रिश्तेदारों ने पाल पोस कर बढ़ा किया है। इधर अपहृत बालक के पिता ने किसी तरह की उधारी बाकी नहीं होना बताया है और बताया कि वह तो इस महिने आरोपी का सारा हिसाब करने वाले थे। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही थी।

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कड़ी से कड़ी जोडक़र पकड़ा आरोपी को

थानाधिकारी मंजीतसिंह ने बताया कि जानकारी मिलते ही आरोपी के उदयपुर में रहने वाले सभी रिश्तेदारों को बुलाया गया। रिश्तेदारों के आने पर पुलिस ने सभी से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उत्तरप्रदेश के ही रहने वाले बृजेश नामक युवक कुछ असहज दिखाई दिया। जिस पर पुलिस ने इस युवक से पूछताछ की तो सामने आया कि आरोपी सोनू बच्चे को लेकर अहमदाबाद चला गया है। बृजेश ने बताया कि अहमदाबाद में रहने वाले आरोपी सोनू के मामा मनोज चौहान के दो पुत्र सनी और अजय चौहान का बृजेश के पास फोन आया था और सोनू के साथ एक छोटे बच्चे के बारे में पूछा था तो बृजेश ने दोनों को यह बच्चा सोनू के मालिक रणजीतसिंह का होना बताया। इधर जैसे ही पुलिस को पता चला तो एक टीम को अहमदाबाद के लिए रवाना कर दिया। इधर पुलिस ने अजय व सनी से फोन पर सम्पर्क कर अपहरण के बारे में बताया और अपना एड्रेस देने के लिए कहा। यह सुनकर सनी और अमित घबरा गए और यह कहते हुए फोन काट दिया कि सोनू बच्चे को लेकर मुम्बई जाने वाली ट्रेन में बैठ गए है। यह सुनकर पुलिस के भी होंश उड़ गए और तत्काल मुम्बई जीआरपी से सम्पर्क कर इस बारे में बताया और बच्चे व सोनू का फोटो भेजकर स्टेशन पर तलाश करवाने के लिए कहा।

ऐसे पहुंची पुलिस की टीम बच्चे तक

थानाधिकारी मंजीतसिंह ने बताया कि जैसे ही अजय व सनी ने फोन काट दिया तो पुलिस के सामने इतने बड़े अहमदाबाद में अजय व सनी को ढूंढना एक बड़ी चुनौती बन गई थी। इसी दौरान बृजेश ने बताया कि अजय व सनी का गांव उसके गांव के पास ही है। जिस पर पुलिस ने बृजेश के भाई से उसके गांव में सम्पर्क किया और इस बारे में बताते हुए अजय व सनी के पिता मनोज चौहान के नम्बर प्राप्त करने के लिए कहा। इधर बृजेश ने अजय व सनी के गांव में जाकर मनोज चौहान के नम्बर लेकर आए। इसके बाद पुलिस ने अजयसिंह से फोन पर सम्पर्क किया और उसका पता पूछा तो उसने नवी पुलिस चौकी अहमदाबाद के पास होना बताया। जिसके बाद पुलिस ने स्थानीय पुलिस से सम्पर्क किया और इसी दौरान पुलिस की एक टीम अहमदाबाद पहुंच चुकी थी। दोनों टीमों ने मिलकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और बच्चे को पकडक़र उदयपुर के लिए रवाना हो गई। जो शाम तक उदयपुर पहुंच गई।

मात्र ४५ हजार के लिए अपहरण

थानाधिकारी मंजीतसिंह ने बताया कि सोनू चौहान पिछले एक वर्ष से रणजीतसिंह के पास काम कर रहा था। रणजीतसिंह की आदत थी कि वह लोगों के पैसे नहीं देता था। वहीं आरोपी सोनू ४५ हजार रूपए मांगता था। इसी कारण उसने इस बच्चे का अपहरण किया था। हालांकि बच्चे के साथ आरोपी ने कोई गलत कदम नहीं उठाया है।

 

जमीन हड़पने के लिए भाई पर ही हमला

उदयपुर। जिले के पहाड़ा थाना क्षेत्र में गत रात्रि को बड़े भाई की जमीन हड़पने की नियत से छोटे भाई ने अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर बड़े भाई के घर पर हथियारों से लैस होकर हमला कर दिया। जिसमें मारपीट के दौरान बड़े भाई की मौके पर ही मौत हो गई और मृतक की दो पत्नियां घायल हो गई।

पुलिस सूत्रों के अनु सार मगनलाल पुत्र नानजी मीणा निवासी मगराफला महुआल मंगलवार रात्रि को अपने घर पर था। मगनलाल की दो शादियां होने से दो पत्नियां ईला और सविता घर पर थी। मगनलाल के मात्र एक ही संतान थी वो भी लडक़ी। इसके अलावा कोई अन्य संतान नहीं थी। मगनलाल ने इस लडक़ी की भी शादी करवा दी थी। इसके बाद से ही मगनलाल की दर्जनों बीघा जमीन का कोई वारिस नहीं था। मगनलाल का भाई नरेश पिछले कई समय से इस जमीन को स्वयं के नाम पर करने का प्रयास करवा रहा था, परन्तु मगनलाल मान नहीं रहा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा चल रहा था। सोमवार रात्रि को मगनलाल दोनों पत्नियों के साथ घर पर ही था। इसी दौरान आरोपी नरेश ने अपने रिश्तेदार सवजी पुत्र रतना मीणा, गोविन्द पुत्र नरेश, सवजी पुत्र रतना मीणा, बंशीलाल और वालचंद पुत्र सवजी मीणा, जगदीश मीणा, मोहन मीणा, सवजी की पत्नी और वालजी की पत्नी ने मगनलाल के घर पर हमला बोल दिया।

पहले आरोपियों ने मगनलाल को जमीन नाम पर करवाने के लिए कहा। मना करने पर आरोपियों ने ल_ और सरियों से हमला कर दिया। जिससे मगनलाल के सिर में गंभीर चोंटे आई। बीच-बचाव करने आई सविता और ईला पर भी आरोपियों ने हमला किया, जिससे सविता को ज्यादा चोंटे आई। रात्रि को ही घायलों को चिकित्सालय में लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने मगनलाल को तो मृत घोषित कर दिया और सविता को खेरवाड़ा चिकित्सालय में रैफर कर दिया। घटना की सूचना पर मौके पर थाने से जाब्ता पहुंचा। पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है, वहीं पुलिस ने कार्यवाही करते हुए हत्या के मामले में बंशीलाल और वालजी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का सर्किट हाउस पर हंगामा

Protest-528x336उदयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष के उदयपुर आने पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस में जमकर हंगामा मचाया। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ओबीसी प्रकोष्ठ के देहात अध्यक्ष को बनाने के लिए पैसों लेने का आरोप लगाया।

कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष श्रवण तंवर के प्रदेशाध्यक्ष बुधवार को उदयपुर आए थे। उदयपुर में जनसुनवाई के साथ-साथ गांधी ग्राउण्ड में एक विशाल सम्मेलन था। सम्मेलन से निपटने के बाद जब तंवर सर्किट हाउस में पहुंचे तो वहां पर देहात के कार्यकर्ता भी पहुंच गए। देहात के कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस में जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। गौरतलब है कि तंवर की ओर से ओबीसी प्रकोष्ठ के देहात अध्यक्ष हरिश धाबाई को बनाने पर विरोध जताया। सर्किट हाउस पहुंचे डांगी समाज के लोगों ने बताया कि क्षेत्र में डांगी समाज का ज्यादा लोग रहते है। ऐसे में देहात अध्यक्ष के पद पर किसी डांगी समाज के व्यक्ति को ही लगाना चाहिए था। इसी बात को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। इस दौरान आए मदन पण्डित ने पैसे लेकर धाबाई को अध्यक्ष बनाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही इस सम्मेलन में देहात और शहर कांग्रेस अध्यक्ष को नह बुलाने का आरोप लगाया है। इस दौरान विष्णु पटेल, धर्मसिंह सुहालका सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

जिलाध्यक्ष की राय नहीं लेने का आरोप

सर्किट हाउस देहात कांग्रेस के कमल चौधरी ने प्रदेशाध्यक्ष पर आरोप लगाया कि ओबीसी प्रकोष्ठ देहात जिलाध्यक्ष बनाने पर देहात कांग्रेस अध्यक्ष की राय नहीं लेने का आरोप लगाते हुए जोरदार हंगामा किया।

 

एक बच्ची ने खोजा 11.5 करोड़ साल पुराना डायनासोर

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ब्रिटेन में पांच साल की उम्र में साढ़े ग्यारह करोड़ साल पुराने क्लिक करें डायनासोर के जीवाश्म खोजने वाले लड़की के नाम पर ही डायनासोर की इस नई प्रजाति का नाम रखा गया है.

 

वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लिक करें जीवाश्म के ये अवशेष एक नई बिल्कुल प्रजाति के मालूम होते हैं. डैजी मोरिस नाम की बच्ची को ये जीवाश्म 2009 में आइल ऑफ विट द्वीप के तट पर मिला था.

 

वैज्ञानिकों ने इसकी पहचान उड़ने वाले एक सरीसृप की नई प्रजाति के तौर पर की है. ये जीव कौवे का आकार का रहा होगा.

 

इससे पता चलता है कि उस वक्त यूरोप में अलग अलग आकार के उड़ने वाले सरीसृप रहते होंगे.

 

बड़ी खोज

 

अब नौ वर्ष की हो चुकी डैजी खुद डायनासोर की खासी शौकीन है और चार साल पहले वो आर्थरफील्ड के तट पर टहल रही थी कि उसके पैर इस जीवाश्म से टकराए.

 

सोमवार को प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध पत्र के अनुसार डैजी के नाम पर ही इस जीवाश्म को वैट्रीड्रेको डेजीमॉरिसे का नाम दिया गया है.

 

जीवाश्म विशेषज्ञ मार्टिन सिंपसन कहते हैं कि ये मामला दिखाया है कि किस तरह बड़ी क्लिक करें बड़ी खोजें नौसिखिए लोग कर लेते हैं.

डैजी के परिवार ने इस जीवाश्व के बारे में साउथएंप्टन यूनिवर्सिटी के सैम्पन से ही संपर्क किया था.

 

डैजी मॉरिस खुद डायनासोरों को खूब पसंद करती है
डैजी मॉरिस खुद डायनासोरों को खूब पसंद करती है

वो बताते हैं, “मुझे पता था कि मैं एक बहुत ही विशेष चीज देख रहा था. और मैं सही था.”

 

‘डायनासोर की राजधानी’

 

सिम्पसन के अनुसार “जिस द्वीप के तट पर ये जीवाश्म मिला, उसका तट इस तरह का है कि अगर ये डैजी को न मिला होता तो ये बह जाता और बर्बाद हो जाता.”

 

जीवाश्म 2009 में मिलने के बाद ही नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम को दान कर दिया गया था. इस संग्राहलय ने आइल ऑफ विट को हाल ही में ‘ब्रिटेन की डायनासोर राजधानी’ का नाम दिया है.

 

हफ्ते भर पहले ही इस द्वीप पर 12 फुट लंबे एक डायनासोर के कंकाल का लगभग पूरा ढांचा मिला है.

 

 

सो. बी बी सी

होली के त्योहार के लिए बाजार में मिल रही हे हर्बल और खुशबू वाली गुलाल

images (4)उदयपुर. होली पर इस बार हर्बल और खुशबू वाली गुलाल की खूब खरीदारी हो रही है। त्वचा को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए शहरवासियों व व्यापारियों ने पक्के व केमिकल वाले रंग से दूरियां बना ली है। शहर के प्रमुख स्थानों पर लगने वाली स्टॉल्स पर भी पक्का रंग बहुत कम ही बिकता नजर आ रहा है। अधिकांश स्टॉल्स पर गुलाल ही बेची जा रही है।

 

अलग-अलग खुशबू वाली गुलाल है खास : इस बार खास तौर पर अलग-अगल खुशबू वाली सेंटेड गुलाल की मांग ज्यादा है, बाजार में इसके कई फ्लेवर उपलब्ध हैं। होलसेल व्यापारी पराग कस्तूरी ने बताया कि होली पर अब अधिकांश व्यापारी व आमजन अच्छी क्वालिटी वाली गुलाल की मांग करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए खुशबू वाली गुलाल मंगाई गई है, जो 8 रंग में गुलाब, केवड़ा आदि खुशबू में उपलब्ध है। गुलाल के उत्पादों में आरा रोट, गणेश नं. 1, कमल ब्रांड मखमली गुलाल शामिल है, यह 20 से 100 रुपए किलो तक में उपलब्ध है।

 

पक्के रंगों की मांग आधी

व्यापारी दीपक जैन ने बताया कि साल-दर साल पक्के रंग की मांग कम होती जा रही है। इस बार तो इनकी मांग पिछले साल से आधी रह गई है। अब तो गांव में भी यह नहीं बिक रहा है। खरीदारी कम होने का कारण इन रंगों से त्वचा संबंधी रोग होना माना जा रहा है।जो बाद में उभरकर सामने आती है।

इस बार 10 से 20 प्रतिशत दाम अधिक : मालभाड़ा और मजदूरी बढऩे के कारण इस बार गुलाल के भाव 15 से 20 प्रतिशत अधिक हैं। पिछले साल 10 में रुपए बिकने वाला पैकेट इस बार 12 से 15 रुपए में बिक रहा है। वहीं हर्बल गुलाल का 100 ग्राम का पैकेट 25 से बढ़कर 30 रुपए हो गया है।

 

वन विभाग ने बनाई 10 क्विंटल हर्बल गुलाल

होली को ध्यान में रखते हुए इस बार वन विभाग द्वारा 10 क्विंटल हर्बल गुलाल बनाई गई है। जो पिछले साल की तुलना में 2 क्विंटल अधिक है। वनपाल फिरोज हुसैन ने बताया कि विभाग द्वारा दिल्ली और अहमदाबाद में भी हर्बल गुलाल भेजी गई है। उदयपुर शहर में बुधवार से कार्यालय में हर्बल गुलाल की ब्रिक्री शुरू की जाएगी। हर्बल गुलाल का दाम इस बार 120 रुपए प्रतिकिलो रखा गया है। हर्बल गुलाल रंग ए पलाश, रंग ए गुलाब, रंग ए अमलताश और रंग ए हरियाली में उपलब्ध है।

क्या आप अपने सभी फेसबुक दोस्तों से मिले हैं?

टाय मोरिन अपने सभी फेसबुक दोस्तों से मिलना चाहते हैं.
टाय मोरिन अपने सभी फेसबुक दोस्तों से मिलना चाहते हैं.

क्या आपने कभी सोचा है कि क्लिक करें फेसबुक पर आप जिन लोगों के साथ तस्वीरें शेयर करते हैं या बातचीत करते हैं वो आपके दोस्त हैं या फिर सिर्फ जान पहचान वाले.

 

ये सवाल हम सभी के मन में आता है लेकिन अमरीका के टाय मोरिन ने इस सवाल का जवाब खोजने की कोशिश की है.

 

टाय मोरिन अपने सभी फेसबुक दोस्तों से मिल रहे हैं. मोरिन के कुल 788 मित्र हैं फेसबुक पर और वो अगले कुछ वर्षों में इन सभी से मिलने वाले हैं.

 

मोरिन बताते हैं, ‘‘मैं अब तक 20 फेसबुकिया दोस्तों से मिल चुका हूं. उनकी तस्वीरें ले चुका हूं और उनसे आमने सामने बात कर पाया हूं. कुल 788 दोस्त हैं. ये गजब की ट्रिप होगी. इन लोगों से मिलना मज़ेदार होगा.’’

 

मोरिन कनेक्टिकट से ग्रैजुएट हुए हैं और उनके इस प्रोजेक्ट को किकस्टार्टर फंड कर रहा है.

 

ऑनलाइन दोस्तों पर डॉक्यूमेंट्री

 

 

मोरिन कहते हैं, ‘‘ मैं प्रोफाइल के पीछे के व्यक्ति को जानना चाहता हूं. उनके बारे में जानकारियां होती हैं लेकिन जब आप उनसे आमने सामने मिलते हैं तो क्या होता है. ये जानना चाहता हूं.’’

 

मोरिन अपने कुछ दोस्तों से मिल भी चुके हैं.
मोरिन अपने कुछ दोस्तों से मिल भी चुके हैं.

मोरिन एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना रहे हैं जिसका नाम ही रखा गया है फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्टेड. अपनी मुलाक़ातों के दौरान वो अपने मित्र की फोटो खींचते हैं. उसे वीडियो पर रिकार्ड करते हैं जिसे वो डॉक्यूमेंट्री के लिए इस्तेमाल करेंगे.

 

लेकिन फोटो क्या यूं ही होती है.

 

मोरिन कहते हैं, ‘‘मैं लोगों की तस्वीरें कुछ ऐसा करते हुए खींचता हूं जिसे करने में उन्हें मज़ा आता हो. अलग अलग शौक है लोगों के. जैसे किसी को व्यायाम का शौक है तो किसी को चिट्ठी लिखने का.’’

 

है न मज़ेदार काम. वर्चुअल वर्ल्ड के दोस्तों से रियल वर्ल्ड में मिलने की मोरिन की ये कोशिश.

 

सो. बी बी सी

शराब के रुपए नहीं दिए तो केरोसीन डालकर मां को जलाया

2878_fireउदयपुर. अंबामाता थाना क्षेत्र में एक युवक के खिलाफ शराब के नशे में अपनी मां को जलाकर मारने के प्रयास का मामला दर्ज हुआ है।

 

पुलिस सूत्रों के अनुसार मगरी स्कूल के पीछे ओटीसी बी ब्लॉक अम्बामाता निवासी संजय पुत्र अशोक कल्याणा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि गत 13 मार्च को मां दुर्गा पत्नी अशोक कल्याणा अपने कमरे में सो रही थी, इसी दौरान छोटा भाई संदीप कल्याणा शराब के नशे में आया और मां के कमरे में गया। मां के पर्स से 300 रुपए निकाले।

 

मां ने रुपए देने से मना किया तो आक्रोश में आकर केरोसीन से भरा स्टोव मां के ऊपर उड़ेल दिया और आग लगा दी। चीख सुनकर पड़ोसी आए और आग को बुझाकर महिला को झुलसी अवस्था में एम.बी. चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।

 

अम्बामाता थाना पुलिस ने संजय की रिपोर्ट पर उसके भाई संदीप कल्याणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बताया गया है कि मां 40 फीसदी झुलस गई है। थानाधिकारी ने इस संबंध में बताया कि अस्पताल प्रशासन ने समय पर सूचना नहीं दी इसलिए पांच दिन बाद इस घटना का मामला दर्ज हुआ।

चार बजे ‘मालिश’ करने का ऑफर, ब्रितानी महिला ने छलांग लगाई

tourist02_660_031913050056उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने कहा है कि एक ब्रितानी महिला होटल की बालकनी से गिरने के बाद घायल हो गई है.

कारण ये बताया गया है कि उसे कथित तौर पर परेशान किया जा रहा था जिससे बचने के लिए उसने बालकनी से छलांग लगा दी.

 

इस महिला ने पुलिस को बताया, “मैने होटल में बोल कर रखा था कि सुबह चार बजे मुझे जगा दिया जाए लेकिन जब होटल का मालिक उठाने आया तो वो मालिश करने का ऑफर देने लगा. जब वो जाने के लिए तैयार ही नहीं हो रहा था तो मैने दरवाज़ा बंद कर लिया और नीचे कूद गई और भाग गई.”

 

पुलिस ने होटल मालिक को पकड़ लिया है. भारत में ब्रितानी हाई कमिशन के प्रवक्ता का कहना है कि अधिकारियों ने महिला से बात की है.

 

बलात्कार के मामले

 

आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुभाष चंद्र दुबे ने बीबीसी को बताया कि महिला की टाँग में लगी चोट के लिए उनका इलाज कर दिया गया है और उन्हें दूसरे किसी होटल में ठहराया गया है.उन्होंने ये भी बताया कि सुरक्षा के लिए दो महिला सुरक्षाकर्मी दी गई हैं.

 

पुलिस अधिकारी दुबे के मुताबिक होटल मालिक का दावा है कि वे महिला को उठाने के लिए कमरे में इसलिए गए थे क्योंकि महिला का इंटरकॉम काम नहीं कर रहा था. जब महिला ने फोन पर जवाब नहीं दिया तो वो कमरे में गया.

 

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने भारत आने वाली ब्रितानी महिलाओं के लिए हाल ही में नए दिशा निर्देश जारी किए थे. इसमें कहा गया था कि वे सार्वजनिक यातायात के साधनों पर रात को अकेले न जाएँ.

 

कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश से भी कथित सामूहिक गैंगरेप की घटना सामने आई है.

सो. बी बी सी

 

दुल्हन बिकाऊ है: महाराष्ट्र में 30 हजार में बिक रही हैं लड़कियां!

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images (3)महाराष्ट्र में सूखा बहुत बड़ा संकट लेकर आया है। इसे पिछले 40 सालों का सबसे भयंकर सूखा माना जा रहा है। सूखे की मार सबसे ज्यादा विदर्भ और मराठवाड़ा के इलाकों पर पड़ी है। (लाचार होकर 4 से 12 हजार में बीवी-बेटियों को बेच रहे लोग)

 

इस मुश्किल भरे वक्त में विदर्भ और मराठवाड़ा के इलाकों में दुल्हनों की खरीद-फरोख्त का कारोबार जोरों पर है। दुल्हनों के ऐसे कारोबार में लगे हुए एजेंट सूखे से उपजी गरीबी का फायदा उठाने से नहीं चूक रहे हैं। वैसे महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु से लड़कियों को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब ले जाकर बेचने का शर्मनाक काम काफी पहले से चल रहा है। लेकिन महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में सूखे की वजह से इस चलन ने जोर पकड़ लिया है। (पेट की आग बुझाने को जिस्‍म की मंडी में बेच रहे बहू-बेटियां, इज्‍जत पर भारी पड़ रही भूख)

 

चंद्रपुर से गायब हुई थीं 5 लड़कियां, 30 से 50 हजार में बेची गईं

 

हाल ही में महाराष्ट्र के चंद्रपुर से पांच लड़कियों के गायब होने के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया था। दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की थी। जांच में पता चला था कि मध्य प्रदेश के कुछ गैरशादीशुदा पुरुषों के हाथ झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली इन लड़कियों को बेच दिया गया था। इन लड़कियों की उम्र 16 से 20 के बीच बताई गई। मामले की छानबीन कर रही पुलिस टीम ने मध्य प्रदेश के अशोक नगर का दौरा किया। पांच लड़कियों में से एक नाबालिग लड़की को बेचने वाला एजेंट पुलिस के हत्थे चढ़ गया। एजेंट ने उस लड़की को अशोक नगर के शडोरा गांव के रहने वाले एक शख्स को बेचा था। जांच कर रही पुलिस टीम को पता चला कि ऐसी लड़कियों और महिलाओं को पुरुषों के हाथ बेचने वाले एजेंट को हर लड़की या महिला के एवज में 30 हजार से 50 हजार रुपये मिलते हैं।

 

 

हालांकि, चंद्रपुर से गायब हुई पांच लड़कियों में से एक अपने एजेंट के पास कुछ समय बाद लौट आई। उसने एजेंट से उस आदमी के खराब बर्ताव की शिकायत की, जिसके हाथों वह 30 हजार रुपये में बेची गई थी। इससे एजेंट और खुश हो गया और उसने दूसरी बार उस लड़की को बेचकर 35 हजार रुपये कमाए। लेकिन सवाल खड़ा होता है कि लड़कियों को खरीदने वाले पुरुष के चंगुल से आजाद होने के बाद भी ऐसी लड़कियां अपने परिवार की बजाय एजेंट के पास क्यों लौटती हैं।

‘ठग विवाह’ के जरिेए बनी दुल्हन को सामाजिक रुतबा नहीं मिलता

 

महाराष्ट्र में सक्रिय कैंपेन अगेंस्ट ब्राइड ट्रैफिकिंग से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता शफीक उर रहमान खान के मुताबिक, ‘एजेंट के जरिए बेची गई महिलाओं की शादी को ‘ठग विवाह’ कहा जाता है। इस तरह से शादी करने वाली लड़की को शायद ही कभी सामाजिक तौर पर पत्नी का दर्जा दिया जाता हो। ऐसी लड़कियों को शादी के बाद पारो दुल्हन (जिसे चुराया गया हो) या मोल्की दुल्हन (जिसे खरीदा गया हो) पुकारा जाता है। मोल्की दुल्हनों को शारीरिक तौर पर एक से ज्यादा पुरुष को संतुष्ट करने के अलावा खेतों में मजदूरी भी करनी पड़ती है।’

 

एजेंटों से खरीदी गई दुल्हन अक्सर जाती हैं भाग!

 

दुल्हनों की खरीद-फरोख्त के कारोबार का एक ‘साइड इफेक्ट’ यह भी है कि ऐसी महिलाओं से शादी कर चुके पुरुषों के लिए शादीशुदा रहना भी मुश्किल हो रहा है। जयपुर के एक 50 साल के कारोबारी ने महाराष्ट्र की एक महिला से शादी की थी। उस शख्स ने पहले भी एजेंट के जरिए दो दुल्हनों को खरीदा था, लेकिन वे भाग गई थीं। दो महीनों में कारोबारी ने तीन दुल्हनों पर 2.5 लाख रुपये खर्च किए थे। लेकिन जयपुर के उस कारोबारी की तीसरी पत्नी भी भाग गई। पुलिस की जांच में पता चला कि ऐसी दुल्हनों और उनके एजेंट के बीच सांठगांठ होती है।

 

इस तरह का काम कर रहे एजेंट दुल्हन के कारोबार को वेश्यावृत्ति के कारोबार से ज्यादा मुनाफे वाला और सुरक्षित मानते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता शफीक उर रहमान को लगता है कि महाराष्ट्र में सूखे के चलते एजेंट जमकर लड़कियों की खरीद-फरोख्त में जुटे हुए हैं। रहमान का मानना है कि बहुत ही गरीब परिवारों में लोग लड़कियों को एजेंट के हाथों बेच भी देते हैं, क्योंकि इससे उन्हें न सिर्फ थोड़े-बहुत पैसे मिल जाते हैं, बल्कि उन्हें लगता है कि एक सदस्य के पेट को भरने से मुक्ति मिली।

 

हरियाणा के कई गांव में एजेंटों से खरीदी गई दर्जनों दुल्हनें

 

महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों से बिक्री के लिए ले जाई गईं ऐसी लड़कियों-महिलाओं की तादाद का कोई अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता रहमान का कहना है कि हरियाणा के कई गांवों में ऐसी दर्जनों लड़कियां ब्याही हुई हैं। चूंकि, एजेंट ऐसी दुल्हनों के प्रस्ताव के साथ अक्सर जरूरतमंद पुरुषों के पास जाते रहते हैं। इसलिए कई बार पुरुष खरीदी गई दुल्हन को बेचकर नई दुल्हन ले लेता है। ऐसे में किसी दुल्हन के लिए एक ही घर में बहुत दिनों तक रहना मुश्किल है। रहमान का कहना है कि ये मामला जानवरों की खरीद-फरोख्त जैसा ही है।

 

एक-तिहाई महाराष्ट्र पर सूखे की मार

 

एक-तिहाई महाराष्ट्र सूखे की चपेट में है। बताया जा रहा है कि 1972 के बाद से महाराष्ट्र में अब तक का यह सबसे ज्यादा बर्बादी वाला सूखा है। मार्च के अंत तक हालात और खराब होने की आशंका है। महाराष्ट्र में पानी ट्रेनों के जरिए कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से मंगवाना पड़ सकता है। मध्य और पश्चिम भारत में पानी का स्तर लगातार नीचे गिरते जा रहा है। नासा की ओर से जारी तस्वीरें बताती हैं कि भारत में गंगा के मैदानों में पानी का जितना दोहन हो रहा है, उतना दुनिया के किसी भी हिस्से में नहीं। सेंट्रल ग्राउंडवाटर बोर्ड के आंकड़े भी नासा के दावे को सही ठहराते हैं।

 

25-30 सालों में हालात और खतरनाक होंगे: अन्ना

 

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में सूखा कुदरत का कहर नहीं, बल्कि इंसान की गलती का नतीजा है। पानी से जुड़े संसाधनों के दोहन, भ्रष्टाचार और राजनीतिक उपेक्षा ने प्रदेश में सूखे की स्थिति पैदा की है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में पानी के प्रबंधन का अनोखा काम कर चुके अन्ना का कहना है कि हमने धऱती में पानी को रिचार्ज किए बिना कई सालों तक अंधाधुंध तरीके से धरती से पानी निकाला है। हजारे ने कहा कि अगर समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले 25-30 सालों में हालात और खतरनाक होंगे।

 

“Debu” Still Cant Sleep Alone

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Vedanta Khushi - DebuBolangir is one of the poorest districts in Odisha. This story has been sent to Vedanta Khushi by Sharad Pattanayak a social worker who works in Bolangir.

“Debu” is a small girl of 5-6 years from Odisha from district Bolangir. Her parents work on daily-wage basis and the meals from hand to mouth. They some how managed to get work to run their daily meals but nothing beyond that.

Sharad Pattanayak has been in social field for almost 10 years. For creating awareness about immunization he travels from villages to villages. One day he heard cries of a small girl coming from a small hut locked from outside. He tried speaking to the child but the child could not respond as she was crying profusely. Sharad had no alternative but to call for help. The villagers gathered but could not calm down the child.

Ultimately, Sharad decided to break the door. The door was broken and the child came out running and crying. After giving some water, the child calmed down. She was holding Sharad tight and was saying “dont send me with uncle, I wont go, I want to live with you Babu”.

After some consoling the child said her name as “Debu”. What “Debu” narrated was terrible. “Debu” had heard her parents talking a night before about sending her to one of her uncle’s place for working in the house, as they could not afford her anymore. “Debu” narrated how her mother was crying whole night and her Babu (father) never agreed to keep her any more. While her parents left her sleeping, the horrifying dream frightened her. “Debu” also spoke about the problem of daily meals in the family. She too slept some times empty stomach. She has been complaining her parents about the meals.

Sharad hugged her and took her to the nearby NGO who adopted her immediately and gave her a homely atmosphere. The NGO run by an old lady met Sharad after six months and said everything is fine Sharad with “Debu”, but only thing is ‘Debu still cant sleep alone’. She still has that fear in her mind that one day she would be sent to her uncle’s place for doing house-hold work. Thus she sleeps with her every night and never leaves her alone.

As for parents of “Debu” they never came searching for her. “Debu” remembers her mother and cries some times but the old lady has given her enough love and care to cope up with the new surrounding.

“Debu” goes to school today and is learning Oriya as well as English.