2015 तक अहमदाबाद लाइन ब्रॉडगेज में बदल सकती है

उदयपुर.रेलवे की सभी महत्वपूर्ण लाइनों का आमान परिवर्तन हो चुका है। उदयपुर क्षेत्र के कुछ खंडों में मीटर गेज लाइन अभी मौजूद है। वर्तमान पंचवर्षीय योजना के तहत सभी लाइनों का बड़ी लाइन में विस्तार कर यूनीगेज में बदलने की योजना है। रेलवे बोर्ड मेम्बर इंजीनियरिंग ए.पी.मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2015 तक अहमदाबाद लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि पिछले माह उदयपुर क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान उदयपुर-हिम्मत नगर के बीच चल रहे आमना परिवर्तन कार्यो का जायजा लिया था। आमान परिवर्तन कार्यो में गति लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

2015 तक अहमदाबाद लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने का लक्ष्य है। उदयपुर क्षेत्र में मावली-बड़ी सादड़ी तथा मावली-मारवाड़ रेल खंडों का आमान परिवर्तन करना प्रस्तावित है। मीटर गेज लाइनें समाप्ति की ओर हैं। मीटर गेज की गाड़ियां सीमित संसाधनों से चलाई जा रही हैं।

छोड़ गया पालने में नवजात

उदयपुर.चित्रकूट नगर स्थित महेशाश्रम के पालने में अज्ञात मंगलवार शाम को मेल नवजात छोड़ गया। महेशाश्रम के संस्थापक देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार शाम 4.50 बजे चित्रकूट नगर में लगे पालने का अलार्म बजा।

आश्रम के साधक द्वारा देखने पर पालने में नवजात बच्च मिला। अग्रवाल ने बताया कि नवजात की उम्र लगभग एक दिन है।

बाल चिकित्सालय के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र सरीन ने नवजात की जांच की। नवजात को सामान्य रूप से स्वस्थ पाया गया है। जांच के लिए रक्त नमूने लिए गए हैं।

नवजात को लालन-पालन और संरक्षण के लिए महेशाश्रम में रखा गया है। महेशाश्रम के पालने में आया यह 77 वां नवजात है।

रेमण्ड शॉ रूम से नकदी व कपडे चोरी

उदयपुर, शहर के टॉउन हॉल रोड स्थित रेमण्ड शॉ रूम से चोर नकदी व कपडे चुरा ले गये।

पुलिस सूत्रों के अनुसार रविवार रात में आये चोर टाऊन हॉल रो$ड पर स्थित रेमण्ड शॉ रूम में घूसे चोर ६२ हजार रूपये नकदी तथा एक लाख रूपये से अधिक कीमत के कप$डे चुरा ले गये। सोमवार सवेरे इसका पता चलने पर मेनेजर मुम्बई निवासी धवल पुत्र सुभाष ठक्कर ने पुलिस को सूचना कर प्रकरण दर्ज करवाया। पूछताछ में पता चला कि मुम्बई निवासी अपूर्वा देसाई ने श्रीनाथ रिटेल के नाम से रेमण्ड की प्रें*चाईजी लेकर उत्त* शॉ रूम का २६ अगस्त को शुभारंभ किया था। शनिवार रात में मेनेजर शॉ रूम बन्द कर गया था। सोवार को सवेरे शॉ रूम खोला तो कप$डे बिखरे प$डे थे तथा गल्ले से नकदी गायब थी। चोर शॉ रूम के पिछवा$डे में स्थित सुनसान बिल्डींग के चेनल गैट का ताला तो$ड कर छत वाले रास्तें से शॉ रूम दरवाजे तक पहुचे। जहां सरिये से दरवाजे को उंचा कर अन्दर प्रवेश कर वारदात को अंजाम देकर उसी मार्ग से प*रार हो गये। रेमण्ड शॉ रूम से पहले उत्त* भवन में पूं*टोस शॉ रूम में दो बाद वारदात हुई थी। वारदात के बाद रात में शॉ रूम के बाहर ख$डी कार के चार टायर भी चोर चुरा ले गये।

अध्यापिका ने की आत्म हत्या

उदयपुर, । विषाक्त वस्तु सेवन करने से अचेत अध्यापिका की निजी चिकित्सालय में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इस पर पिता ने पति पर चरित्र पर सन्देह कर पुत्री को आत्म हत्या के लिए प्रेरित करने का प्रकरण दर्ज करवाया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार शहर के अम्बामाता थानान्र्तगत एकलव्य कोलोनी निवासी नीरा(३५) पत्नी प्रमोद मीणा ने रविवार रात में विषाक्त वस्तु का सेवन कर लिया। जिसे अचेतावस्था में पति प्रमोद ने उपचार के लिए मल्ला तलाई स्थित अरावली चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां देर रात में उसकी मृत्यु हो गई। इसकी सूचना मिलने पर आये मृतका के पिता ओगणा निवासी पीथाराम पुत्र देवा मीणा ने प्रमोद पर चरित्र पर सन्देह कर उसके साथ मारपीट कर पुत्री को आत्म हत्या के लिए प्रेरित करने का प्रकरण दर्ज करवाया।पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मृतका का पोस्टमार्टम करा शव उसके पिता को सुपुर्द किया। नीरा कोल्यारी स्थित राजकीय विद्यालय में तथा पति प्रमोद देव$डावास विद्यालय में अध्यापक पद पर कार्यरत है।

चंदन मिस्टर व सोनू मिस फ्रेशर

विद्यापीठ के एमसीए व बीसीए विभाग में फ्रेशर पार्टी का आयोजन

उदयपुर, राजस्थान विद्यापीठ कंप्यूटर एंड-आईटी विभाग में सोमवार को फ्रेशर पार्टी मनाई गई। इसमें एमसीए विभाग में चंदनसिंह को मिस्टर व सोनू नागदा को मिस फ्रेशर चुना गया। इसी तरह बीसीए में अमीर खान मिस्टर व भूमिका रानी मिस फ्रेशर चुनी गई। इससे पूर्व दोनों ही विभाग के स्टूडेंट्स ने जमकर नाच गाने का लुत्फ उठाया। जनसंपर्क अधिकारी घनश्याम सिंह भींडर ने बताया कि कार्यक्रम में देशा भक्ति, माता के भजनों, राजस्थानी तथा रिमिक्स सांग पर जमकर डांस किया। उसके बाद गरबा रास का आयोजन हुआ। इसमें स्टूडेंट्स के साथ साथ कर्मचारियों और प्रोफेसरों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत थे। अध्यक्षता आस्ट्रेलिया से आए प्रो. मुरे वुड्स ने थे। कार्यक्रम में केसरिया बालम…, एजी हां सा म्हारी.. मेरे देश की धरती…, माता ने बुलाया है.. आदि पर प्रस्तुतियां दी।

एचआईवी ग्रस्त बच्चों ने किया लेकसिटी का भ्रमण

उदयपुर, नारायण सेवा संस्थान गत २७ वर्षो से नि:शत्त* एवं असहाय की सेवार्थ जनपयोगी विभिन्न सेवा प्रकल्प करना आ रहा है। इसी क्रम में आश्रय केयर होम, जयपुर के तत्वावधान में बाल कल्याण समिति, जयपुर के २५ एचआईवी ग्रस्त बच्चों का समूह ११ सहयोगी स्टाप* के सानिध्य में दो दिवसीय भ्रमण के लिए नारायण सेवा संस्थान आया। संस्थान में बच्चों का आत्मीय स्वागत कर उनके आवास व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था संस्थान के ब$डी स्थित आश्रम में की गई। डॉ. प्रशान्त अग्रवान ने बताया कि बच्चों एवं सहयोगी स्टाप* को संस्थान के विभिन्न पोलियो अस्पतालों का अवलोकन करा वहां हो रहे सेवा प्रकल्पों की जानकारी प्रदान की गई। दूसरे दिन बच्चों को उदयपुर भ्रमण करवाया गया।

झीलों की स्वच्छता के लिए प्रतिमाओं का इनमें न करे विसर्जित

विभिन्न संगठनों ने की अपील

उदयपुर, प्रतिमाएं झील में विसर्जित नहीं करने को लेकर सभी संगठन एक हो गरबा मण्डल से अनुरोध कर रहे है कि देवी प्रतिमाएं विसर्जन नहीं कर झीलों को स्वच्छ रखे।

झीलों में प्रतिमाएं विसर्जित ना हो झीलों की स्वच्छता बनी रहे इसके लिए बजरंग सेना, मेवाड शिव सेना आदि संगठन शहर के सभी गरबा मण्डलों से अपील कर रहे है कि प्रतिमाओं को झील किनारे प्रतिकात्मक विसर्जित कर सुरक्षित रख दिया जाए इसके लिए बजरंग सेना के कमलेन्द्र ङ्क्षसह पंवार ने बताया कि मेलडी माता मंदिर में प्रतिमाओं को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गयी है। मेवाड शिव सेना ने भी गरबा मण्डलों से झीलों में विसर्जन नहीं करने का आग्रह किया । तथा उन्होंने बताया कि गरबा महोत्सव के बाद झीलों में विसर्जन नहीं करने वालो को मेवा$ड शिव सेना द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

‘रोमांस के बादशाह’ यश चोपड़ा नहीं रहे

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बॉलीवुड के जाने-माने निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा का निधन हो गया है. रविवार की शाम मुंबई के लीलावती अस्पताल में उन्होंने आख़िरी सांस ली. वो 80 साल के थे.

वे डेंगु से पीड़ित थे. लीलावती के डॉक्टरों के अनुसार तबियत ख़राब होने पर उन्हें 13 अक्तूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और रविवार की शाम छह बजे के आस-पास यश चोपड़ा के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके कारण उनकी मौत हो गई.

हालाकि बीच में ऐसी ख़बरें आ रहीं थीं कि उनकी तबियत में सुधार हो रही है.

यश चोपड़ा अपने पीछे पत्नी पामेला चोपड़ा एवं दो लड़के आदित्य एवं उदय छोड़ गए हैं.

उनका पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह नौ बजे से 12 बजे तक यशराज फ़िल्म्स के स्टूडियों में रखा जाएगा और दोपहर तीन बजे चंदनवाड़ी में उनका दाह संस्कार किया जाएगा.

उनकी मौत की ख़बर आते ही पूरे फ़िल्म जगत में सन्नाटा छा गया.

फ़िल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्तियों ने ट्विटर और फ़ेसबुक के ज़रिए अपने शोक संदेश देने शुरू कर दिए.

उसके बाद फ़िल्मी हस्तियों का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया. पहले पहुंचने वालों में शाहरूख़ ख़ान, दिलिप कुमार, सायरा बानो, अनिल कुमार और करण जौहर थे.

जानी-मानी गायिका लता मंगेशकर ने उनको श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यश चोपड़ा एक बड़े फ़िल्मकार होने के साथ-साथ उससे भी ज़्यादा बड़े इंसान थे.

लता मंगेशकर के अनुसार उनका और यश चोपड़ा का रिश्ता सिर्फ़ फ़िल्मों के कारण नहीं था बल्कि वे दोनों एक भाई-बहन की तरह थे.

फ़िल्मकार मनोज कुमार ने कहा कि यश चोपड़ा ज़िंदगी भर अपनी फ़िल्मों के ज़रिए लोगों में प्यार बांटते रहे.

हिंदी फ़िल्मों में रोमांस को उन्होंने एक नए तरीक़े से पेश किया और उनकी कई फ़िल्मों में ऐसी कहानियां थीं जो कि उस समय के भारतीय समाज के लिए शायद बहुत बड़ी बात थी.

उनकी फ़िल्म ‘सिलसिला’ और ‘लम्हे’ ऐसी फ़िल्में थीं जिसमें उन्होंने समाज को चुनौती देने की कोशिश की थी.

यश चोपड़ा की फ़िल्म ‘जब तक है जान’ बन कर तैयार है और 13 नवंबर को रिलीज़ होने वाली है. इसमें शाहरूख़ ख़ान, कटरीना कैफ़ और अनुष्का शर्मा अहम भूमिका निभा रहें हैं.

फ़िल्में

यश चोपड़ा ने पिछले महीने ही फ़िल्म निर्देशन से रिटायर होने की घोषणा की थी.

27 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के लाहौर में उनका जन्म हुआ था.

यश चोपड़ा ने ‘धूल का फूल’ से फ़िल्म निर्देशन के करियर की शुरुआत की थी.

दाग़, दीवार, मशाल, सिलसिला, चांदनी, लम्हे, डर, दिल तो पागल है जैसी फ़िल्में बनाने वाले यश चोपड़ा हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के एक मज़बूत स्तम्भ थे.

सिनेमा में अमूल्य योगदान के लिए उन्हें 2001 में भारत का सर्वोच्च सिनेमा सम्मान ‘दादा साहेब फ़ाल्के’ पुरस्कार दिया गया था.

सो.- बी बी सी -हिंदी

ऐ ज़िंदगी गले लगा ले….

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उसकी ना हस्ती न हैसियत है, लेकिन एक दलित रिक्शाचालक बबलू के लिए बेटी नियामत है.

वो पिछले एक माह से अपनी नवजात बेटी को सीने से लगाये भरतपुर शहर में रिक्शा चलाते देखा जा सकता है. क्योंकि उस दूधमुँही के सर से पैदा होते ही माँ का साया उठ गया. घर में कोई और नहीं जो उस नन्ही परी का ख्याल रख सके. लेकिन हवा के थपेड़ो और रिक्शे पर झूलती जिन्दगी की राह ने उस नन्ही परी को बीमार कर दिया.वो दो दिन से भरतपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती है.

रिश्तों का त्रिकोण

बबलू, नन्ही बेटी और रिक्शा इंसानी रिश्तो का ऐसा त्रिकोण बनाते है जो बेटी को बिसारते समाज में उम्मीद की लौ जलाते दूर से ही दिखता है. बबलू और उनकी पत्नी शांति को पिछले माह ही पंद्रह साल की मिन्नत और मन्नतों के बाद पहली संतान के रूप में बेटी नसीब हुई थी.

मगर जल्द ही उस नन्ही परी को माँ के सुख और सानिध्य से वंचित होना पड़ा. बबलू बताता है खून की कमी के सबब शांति की हालत बिगड़ी और वो जच्चा बच्चा दोनों को अस्पताल ले गया. बबलू ने कहा “डॉक्टर ने खून लाने के लिए कहा, मैं खून लेकर आया,लौटा तो पता चला कि शांति की सांस हमेशा के लिए उखड़ गई, मेरी आँखों के आगे अँधेरा पसर गया.”

सो.- बी बी सी -हिंदी

खुद को नवजात बेटी की खातिर संभाला, ये कहते कहते बबलू की आँखे भर आई. वो बताता है कैसे उसने पत्नी के लिए दाह संस्कार के लिए मुश्किल से रूपये जुटाए.

पिता का भी भार

अपनी पत्नी के मौत के बाद नवजात बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी बबलू पर आ पड़ी. उसने खुद को संभाला, बेटी को कपडे़ के झूले में सुलाया और झूले को पेड़ की टहनी की तरह गले में लटका लिया.

भरतपुर ने वो मंजर देखा जब बबलू रिक्शे पर,गले मे नवजात बेटी और पीछे सावरिया बैठी. बबलू कहता है ‘हमदर्दी के अल्फाज तो बहुत मिले, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. रिश्तेदारों ने भी कोई मदद नहीं की.

बबलू पर बूढ़े हांफते कांपते पिता का भी भार है. वो कहता है “कभी कभी किराये के कमरे पर पिता के साथ बेटी को छोड़ जाता हूँ,बीच बीच में उसे दूध पिलाने लौट आता हूँ. ये शांति की अमानत है , इसलिए मेरी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है.”

कैसी है ज़िन्दगी

बबलू का एक कमरे का घर किराये पर है.वो पांच सो रूपये प्रति माह किराया देता है.फिर हर रोज उसे तीस रूपये रिक्शे के लिए किराया अदा करना पड़ता है. इन मुश्किलों के बीच बबलू रिक्शा चला कर बेटी के लिए बाबुल बना हुआ है.

बबलू का कहना है “शांति तो इस दुनिया में नहीं है,लेकिन मेरी हसरत है ये उसकी धरोहर फूले फले,मेरा सपना है उसे बेहतरीन तालीम मिले. हमारे लिए वो बेटे से भी बढ़ कर है”.

बहुतेरे लोग नवजात कन्या को लावारिस छोड़ जाते है.क्योंकि उन्हें बेटी भार लगती है.लेकिन बबलू की कहानी बताती है बेटी को नवाजने के लिए हस्ती और हैसियत होना जरूरी नहीं.बाबुल की हसरत होना काफी है.

शहर में डांडियों की धूम

उदयपुर, शहर में गली मौहल्लों में गरबा रास की धुम मची हुई है। डांडियों का नशा हर युवा बच्चों के सिर चढकर बोल रहा है । विभिन्न संगठनों द्वारा अलग-अलग पांडालों में गरबा आयोजन करवाए जा रहे है वहीं स्कूल कॉलेजों में भी गरबों की धुम मची हुई है।

नवरात्रा के पांचवे दिन गरबा रास की खास धुम रही युवक युवतियां आकर्षक पारम्परिक परिधानों में डांडियां खेलते नजर आये। विभिन्न संस्थाओं और सामाजिक संगठनों द्वारा वाटिकाओं और मोहल्लों में गरबो का आयोजन व गरबे के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही शत्ति*पीठों में धार्मिक अनुष्ठान हो रहे है जिसमें माता की प्रतिमा पर आकर्षक आंगी की जा रही है। स्कूल कालेजो में गरबे की धुम शुरू हो गयी है। गुरूनानक कालेज में छात्रा संघ व सांस्कृतिक समिति द्वारा डांडिया आयोजित किया जा रहा है। जिसमें छात्राओं ने आकर्षक परिधानों में जमकर डांडिया किया। तुलसी निकेतन रेजिडेन्शियल स्कूल में भी डांडियों का आयोजन किया गया।