नासीर खान सदस्य मनोनीत

 

उदयपुर, राजस्थान सरकार ने जिला जन अभियोग एवं सतर्कता समितियों के सदस्यों का मनोनयन करते हुए अल्पसंख्यक श्रेणी से उदयपुर के पूर्व पार्षद मोहम्मद नासीर खान को समिति का सदस्य नियुक्त किया है।

नगर परिषद , यूआईटी ने पहले जनता को आग में झोंका अब मरहम लगाने की बात

निर्माण निषेध क्षेत्र मे निर्माण ध्वस्त का मामला

प्रभावित लोगों ने निकाली रैली

हाईकोर्ट में भी उपलब्ध नहीं अवैध निर्माण की सूची

उदयपुर, कोर्ट के आदेश आ गये निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण ना हो पूरा दिन जुबां पर यही चर्चा रही अब हजारों मकानों का क्या होगा जो निषेध क्षेत्र में है। आज जनता के हितो की बात करने वाले यूआईटी ओर नगर परिषद इन्होंने ही जनता को इस निषेध क्षेत्र की आग में झोंका है। अम्बामाता क्षेत्र में सैकडो प्रभावितों ने रैली निकाली।

जब से हाईकोर्ट ने निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण ध्वस्त करने के फैसले दिए थे और ४१ मकानों के आदेश थे तब से शहरवासी उन ४१ नामों की सूची का इंतजार कर रहे थे लेकिन हाईकोर्ट के पास ऐसी कोई सूची है या नहीं। हाईकोर्ट ने राजेन्द्र राजदान की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है राजदान ने भी ऐसी कोई सूचि नहीं दी थी उन्होंने होटलों का जो अवेध निर्माण हो रहा है उनको जरूर इंगित किया था। सूचि तो हाईकोर्ट ने नगर परिषद और यूआईटी से मांगी थी कि निर्माण निषेध क्षेत्र में कितने अवैध निर्माण है उसकी सूची भेजी इन दोनो जिम्मेदार ने बिना सोचे समझे जो शिकायत में पेडिंग नाम थे उनकी सूची भेज दी जिससे ऐसे कई नाम है जिनका मकान पिछले २० सालों से बना हुआ है।

निर्माण निषेध क्षेत्र आखिर सीमा और परिभाषा क्या है : निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण नहीं होना चाहिए आखिर कोई बताएगा कि निर्माण निषेध क्षेत्र कहां तक है। पिछोला, प*तहसागर, आखिर कहां है सीमांकन ना तो कभी नगर परिषद यूआइटी ने आज तक कोई सीमांकन नहीं किया कि निर्माण निषेध क्षेत्र कहां-कहां तक है इसका मापदण्ड कुछ नहीं है। ५०० मीटर का दायरा में निर्माण नहीं होना चाहिए तो फिर उस पांच सौ मीटर के दायरे का सीमांकन क्यों नहीं किया गया। जिस निर्माण निषेध क्षेत्र की बात परिषद ओर यूआईटी करती है वहां एक दर्जन कॉलोनियों में ७ से ९ हजार मकान बने हुए है। अगर यहां निर्माण निषेध क्षेत्र थे तो क्यों यहां कॉलोनियां कर दी इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। उदयपुर की जनता को यही फिक्र है और इस बात को लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारी जनता के हितों की बात कर रहे है जिन्होने जनता को इस आग में झोंका ओर अब या तो तमाशाबीन बने हुए है या झूठे वादे किये जा रहे है।

प्रभावित सैकडों लोगों ने अम्बामाता क्षेत्र में रैली निकाली जो कि मल्लातलाई, ब्रह्मपोल होते हुए जगदीश चौंक पहुंची। स्थानिय पार्षद कमलेश जावरिया ने कहाकि में जनता के लिए लडूंगा और विधिक राय लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

जिला स्तरीय आयुवर्ग शतरंज प्रतियोगिता आज से

उदयपुर, चेस इन लेकसिटी की मेजबानी में जिला स्तरीय ओपन अण्डर-७, ९, ११, १३, १५, १७, १९ व सीनियर बालक-बालिका वर्ग की २ दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता कल रविवार से श्रमजीवी महाविद्यालय लेकसिटी उदयपुर में आयोजित होगी। आयोजन सचिव व प्रशिक्षक विकास साहू ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में जिले के फीडे रेटेड व राष्ट्रीय खिला$डी हिस्सा लेगें। प्रतियोगिता अन्तर्राष्ट्रीय स्वीस पद्घति से ७ चक्रो में आयोजित होगी। प्रतियोगिता के मुख्य निर्णायक रिषि सालवी होंगे।

करोड़ों का ठेका दिलाने के बहाने २५ लाख हडपे

नौकरी और उदयुपर-अहमदाबाद ब्राडगेज में ठेका दिलवाने का मामला

उदयपुर, शहर के नजदीक डबोक थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने एक आरोपी के खिलाफ रेलवे में उसके पुत्र को नौकरी और उसे उदयुपर-अहमदाबाद में ब्राडगेज में ठेका दिलवाने के नाम पर २५ लाख रूपए नकद हडपने का मामला दर्ज हुआ है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार बाबूलाल पुत्र चंदना डांगी निवासी मंदेसर ने मामला दर्ज करवाया कि आरोपी ईस्माईल पुत्र जीवा भाई शेख निवासी पाटन मेहसाणा गुजरात के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि आरोपी ईस्माईल कुछ समय पूर्व रामलाल पुत्र देवा डांगी निवासी मंदेसर के घर पर आया था। आरोपी ने अपने आपको अहमदाबाद के कालूपुर में रेलवे में अच्छे पद पर बताया। इसके साथ ही आरोपी ने बताया कि उसकी रेलवे में अधिकारियों से अच्छी जान-पहचान है और वह किसी को भी आसानी से भर्ती करवा सकता है। आरोपी ने बताया कि उदयपुर के रेलवे अधिकारी भी उसे अच्छी तरह से जानते है और उदयपुर-अहमदाबाद ब्रोडगेज में मशीनरी का काम दिलवाने का झांसा दिया।

यह देखकर बाबूलाल ने इस्माईल से अपने पुत्र कैलाश् को रेलवे में नौकरी दिलवाने के लिए कहा तो आरोपी आसानी से मान गया और कहा कि पहले उच्चाधिकारियों को संतुष्ट करना होगा इसके लिए उसने ५० हजार रूपए मांगे। जो उसने गांव के ही जगदीश के सामने आरोपी को दिए। ३ दिन बाद आरोपी फिर से आया और अपने साथ स्टॉम्प व रेलवे विभाग की सरकारी मुहर लेकर आया था। आरोपी ने स्टॉम्प पर उसके पुत्र के हस्ताक्षर करवाए और कहा कि दो माह रेलवे की ओर से लैटर आएगा जिसमें उसके पुत्र कैलाश की नियुक्ति होगी। २२ दिन बाद आरोपी फिर से आया और शीघ्र ही उसके पुत्र कैलाश को नौकरी लगवाने की बात कहता हुआ ५० हजार रूपए ले लिए।

इसी दौरान आरोपी ने उदयपुर-अहमदाबाद ब्रोडगेज में बिना टेंडर किए ठेका दिलवाने का झांसा दिया। आरोपी ने बताया कि यह ठेका करोडों रूपए का है और एक बार काम पूरा होने पर पूरे परिवार को जीवन में कभी काम करने कीह आवश्यकता नहीं पडेगी। इसके एवज में आरोपी ने ३० से ३५ लाख रूपए की व्यवस्था करने के लिए कहा। जिस पर उसने अपने ट्रके, ट्रेक्टर और जमीन को गिरवी रखकर २५ लाख रूपए की व्यवस्था की। ३ जुलाई २०११ को आरोपी आया और बोला कि साहब उदयपुर आ रहे है और उनसे मिलाने के बहाने आरोपी पीडित बाबूलाल को उदयपुर लेकर आ गया। इसके बाद आरोपी ने जगदीश पुत्र गणेशलाल निवासी डबोक, कन्हैयालाल पुत्र नंदा डांगी डबोक, पुष्कर पुत्र चैनराम डांगी निवासी बाठेडा की सराय और राममाल पुत्र देवा गमेती निवासी मंदेसर के सामने आरोपी को २५ लाख रूपए नकद दिए।

आरोपी उसे अपने साथ उदयपुर लेकर आया और उदयपुर में उसे पश्चिमी रेलवे के कार्यालय में कई स्थानों पर घुमाया और जाते समय ५ हजार रूपए भी लेकर चला गया। जाते समय आरोपी ने दो माह में उसके पुत्र का रेलवे की नियुक्त पत्र आने का आश्वासन दिया। इसके बाद आरोपी ने फोन नहीं किया तो उसने एक माह बाद आरोपी को फोन किया तो आरोपी ईस्माईल ने अधिकारियों से वार्ता करने की बात कहते हुए कुछ दिन ठहरने के लिए कहा। कुछ दिनों बाद फिर से फोन किया तो आरोपी ने उसे पहचानने से इंकार कर दिया। इसके बाद से ही उसका फोन बंद आर रहा है। इस बारे में जब उसने उदयपुर आकर रेल्वे में सम्पर्क किया तो रेलवे के अधिकारियों ने उदयपुर-अहमदाबाद ब्रोडगेज का ठेका दिल्ली से होने और किसी ईस्माईल नामक युवक को जानने से इंकार कर दिया। इसके बाद उसने न्यायालय के माध्यम से थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

चरनोट भूमि से कब्जा हटवाया

उदयपुर, शहर के समीप भुवाणा ग्राम पंचायत में चरनोट की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करवा रखी चार लोगों का कब्जा हटवाया गया। इधर क्षेत्रवासियों ने आक्रोश व्यक्त किया कि क्षेत्र में बसी पूरी कॉलोनी ही अवैध है और पंचायत की ओर से सभी को फर्जी पट्टे दिए गए है।

भुवाणा ग्राम पंचायत में भुवाणा क्षेत्र के पास बनी राजेश्वर नंद कॉलोनी में शनिवार को गिर्वा तहसील का अतिक्रमण निरोधी दस्ता पहुंचा और कॉलोनी में सबसे अंत में बने चार प्लोटों की बाउण्ड्रीवॉल तोडनी शुरू कर दी। यह देखकर क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्यक्त कर दिया। एक प्लोट की बाउण्ड्रीवॉल को तोडने के बाद जब दूसरी दूसरी बाउण्ड्री वॉल को तोडने का प्रयास किया तो मौके पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। लोगों ने विरोध किया तो दस्ते ने जिला कलेक्टर के आदेश होना बताया। परन्तु क्षेत्रवासियों के मांगे जाने पर दस्ते के पास कोई आदेश नहीं मिला। इसके साथ ही शनिवार को छुट्टी के दिन अतिक्रमण तोडने पर विरोध व्यक्त किया। लोगों के विरोध को देखते हुए एक बार तो दस्ता वहां से चला गया। क्षेत्रिय लोगों ने बताया कि पूरी कॉलोनी को चरनोट की भूमि में बसी हुई है और करीब ५०० मकान बने हुए है। क्षेत्रिय लोगों ने बताया कि सभी को पंचायत की ओर से ही पट्टे दिए गए है। इसके बाद केवल ३ या ४ लोगों के खिलाफ सरपंच अपनी मनमर्जी से कार्यवाही करवा रही है। इधर इस बारे में जब सरपंच पति से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर ने जांच कर इसे तोडने के लिए आदेश दिया था। इसी कारण कब्जों को हटाने के लिए गिर्वा, पंचायत समिति से इस्पेक्टर और दस्ता आया था, अतिक्रमण तोडा गया।

पिता से झगडा कर युवक फांसी पर झूला

उदयपुर, शहर के अंबामाता थाना क्षेत्र में पिता से झगडने के बाद एक युवक ने फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली।

पुलिस सूत्रों के अनुसार संदीप (१९) पुत्र कालूलाल शर्मा निवासी जावद नीमच पिछले कई वर्षों से उदयपुर शहर में रह रहे है। वर्तमान में कालूलाल शर्मा साईफन कॉलोनी में हिम्मतसिंह के निमार्णाधीन मकान में रह रहा है और वहीं पर चौकीदारी करता है। संदीप शहर में ही नौकरी करता है। शुक्रवार शाम को वह अपने घर पर गया जहां पर उसका पिता के साथ किसी बात को लेकर झगडा हो गया था। जिससे आवेश में आकर वह फंदे पर लटक गया। जिससे उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी पर रात्रि को ही मौके पर थाने से जाब्ता पहुंचा और मृतक के शव को नीचे उतारकर मोर्चरी में रखवाया। सुबह पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। इधर मृतक के परिजनों की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के परिजनों के मृतकोंका अंतिम संस्कार करवाने वाले राजू भाई से सम्पर्क किया। राजू भाई के सहयोग से मृतक का अंतिम संस्कार करवाया गया।

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

उदयपुर। शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार चुन्नीलाल पुत्र कन्हैयालाल मेनारिया निवासी पुरोहितों की मादडी ने दुर्गाशंकर पुत्र गंगाराम मेनारिया निवासी पानेरियों की मादडी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि आरोपी ने मृतका संतोष और हगामी बाई के का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था जिसमें मृत्यु की दिनांक गलत लिखवा दी। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

चैक का दुरूपयोग कर नोटिस भिजवा दिया

उदयपुर, शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में व्यक्ति ने अपने पार्टनर और एक अन्य युवक के खिलाफ चैक के दुरूपयोग का मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मांगीलाल पुत्र शिवलाल जैन निवासी हिरणमगरी ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी और एक साथी चन्द्रप्रकाश के साथ मिलकर पार्टनर शिप में आदिनाथ फर्म लगाई थी। पार्टनरशिप के दौरान उसने अपने हस्ताक्षर युक्त चैक को अमल का कांटा स्थित अपने कार्यालय में रखे हुए थे। दोनों के बीच मनमुटाव होने के कारण आरोपी चन्द्रप्रकाश् ने उसके हस्ताक्षर युक्त चैक में ८ लाख रूपए की रकम भरकर महेन्द्र पुत्र पुखराज जैन निवासी गोरेगांव मुम्बई को भेजकर माल मंगवा लिया। महेन्द्र ने मुम्बई में इन चैकों को बैंक में डाला और अनादरित करवाकर चैक अनादरण का नोटिस भिजवा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ध्वस्त होगें फतह प्रकाश होटल के ३० कमरे

उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति जारी

वोल्केम का कार्यालय भी होगा ध्वस्त

उदयसागर के पेटे से हटेगी होटल

उदयपुर, झील निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण तोडने के आदेश में हाईकोर्ट का फैसला आ गया जिसमें एचआरएच को फतह प्रकाश होटल, सिघंल के वाल्केम कार्यालय और उदयसागर स्थित वर्धा एंटरप्राइजेज की निर्माणाधीन होटला को दो महिने में तोडने के आदेश दिये है।

उल्लेखनिय है कि झील निर्माण निषेध क्षेत्र में हो रहे निर्माणों को लेकर झील हितेषी राजेन्द्र राजदान ने हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी जिसका फैसला आ गया है और उसमें एचआरएच द्वारा फतह प्रकाश होटल के बनाये गये ३० कमरों को पूर्ण तरीके से अवैध माना है। तथा उसको दो महिनों में तोडने के आदेश दिये है। स्वरूप सागर पर वाल्केम इण्डिया के कार्यालय में नव निर्माण को भी दो महिने में तोडने के आदेश दिये है।

हाईकोर्ट ने बडा फैसला लेते हुए उदयसागर झील मे अरबों रूपये का मैसर्स वर्धा एंटरप्राइजेज के पांच सितारा होटल प्रोजेक्टों को पूर्ण तरीके से अवैध माना है और यूआईटी व अन्य द्वारा दी गयी स्वीकृति को निरस्त करते हुए दो महिने मे तोडने के आदेश दिये है। तथा वर्धा गु्रप को १ करोड रूपये का जुर्माना भरने के आदेश दिये है जो कि इस निर्माण के दौरान जो पर्यावरण को नुकसान हुआ उसको विकसित करने में खर्च होगें। दो महिने के भीतर यह निर्माण तोडने व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज करने के यदि इसके बाद नहीं तोडा जाता तो यह कार्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

झीलों को उदयपुर की लाईफ लाईन मानते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि झील अथवा आय$ड नदी में अब कचरा, प्लास्टिक या कोई भी अपशिष्ठ नहीं डाला जाये और प्रशासन को ताकीद की कि किसी भी मकान या हॉल का अपशिष्ठ झीलों में नहीं गिरे यदि ऐसा हो और कोई व्यक्ति कचरा फैकता हुआ पाया जाये तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।

हाईकोर्ट ने पिछोला और फतहसागर के आसपास की क्षेत्र को नो प्लास्टिक जोन घोषित कर दिया है और इसकी निगरानी के लिये नगर परिषद, यूआईटी को पाबंद किया है तथा फतहसागर के मुंबईया बाजार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वहां ऐसी किसी वस्तु की बिक्री ना हो जो प्लास्टिक से बनी है तथा ना ही प्लास्टिक की थैलियां प्रयोग में लाई जाये। हाईकोर्ट ने चित्रकुट नगर स्थित डम्पिंग यार्ड को तुरंत हटाने के निर्देश दिये।

अवैध निर्मार्णों के लिए अधिकारी दोषी: अतिक्रमण औरे अवैध निर्माण के लिये हाईकोर्ट में पूरी तरह से अधिकारियों को दोषी माना है कि उन्हीं की लापरवाही के चलते झीलों के आसपास अवैध निर्माण हो पाये है तथा उन्हें निर्देशित किया है कि यूआईटी, नगर परिषद के अधिकारी न्यायलय के आदेशों की पालना सख्ती से करवाऐं और तीन महीने के भीतर उच्च न्यालय को रिपोर्ट करें।

मांगी थी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची: झील निर्माण निषेध क्षेत्र की जिस सूची को सबको इंतजार था ऐसी कोई सूची हाईकोर्ट के आदेश में नहीं आई बल्कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि झील निर्माण निषेध क्षेत्र में जो निर्माण बिना स्वीकृति के बने है उन्हें िगराया जाये। जबकि पहले हाईकोर्ट ने नगर परिषद और यूआईटी से अवैध निर्माणों की सूची मांगी थी इन्हीं होटलों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची भेजनी थी जबकि इन्होंने अपने चहेतों को बचाने के लिये कई गरीब जनता के नाम सूची में भेज दिये।

२३ हजार रिश्वत लेते सीडीपीओं गिरफ्तार

उदयपुर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों टीम ने आंगवाडी केन्द्रों पर वितरीत पोषाहार के बिल का भुगतान करने के एवज में आंगनवाडी कार्यकर्ता से २३ हजार रूपये रिश्वत लेते महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी झाडोल शिला तिवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों के पुलिस एव अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि आंगनवाडी कार्यकर्ता बेलन्यिा निवासी किशन कुंवर पत्नी स्व दलपतसिंह राजपूत ने १८ अक्टूबर को कलस्टर जेताणा पोषाहार का बील पास करवाने के एवज मे हिरणमगरी सेक्टर ५ निवासी हॉल महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी झाडोल शिलातिवारी पत्नी योगेश अग्निहोत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दी। जिसका सत्यापन करने के बाद शुक्रवार को योजनानुसार किशन कुंवर ने परियोजना अधिकारी कार्यालय झाडोल पहुच कर सीडीपीओं को २३ हजार रूपये रिश्वत दी। इसका इशारा मिलते ही मांके पर मौजूद ब्यूरो के पुलिस उप  अधीक्षक राजीव जोशी,अख्तर खान  हेडकास्टेबल हिम्मत सिंह, कास्टेबल जितेन्द्र सनाड्य, ,संतोष कुमार, शेलेन्द्र, बाबूलाल, मुनिर मय टीम में सीडीपीओं को रिश्वतराशी लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज किया।कार्यवाहीं के बाद पुलिस उप निरीक्षक सुन्दरलाल सोनी, कास्टेबल हेमन्त, नन्दकिशोर पण्ड्या, भगवत सिंह, शंकरलाल, युडीसी कैलाश व्यास, एलडीसी धमेन्द्र मय टीम ने आरोपी के उदयपुर हिरणमगरी स्थित निवास पर पहुच कर तलाशी शुरू की। पूछताछ में पता चला कि ३०७ आंगनवा$डी केन्द्र है, १० गांवों पर एक कलस्टर होता है तथा इससे ३ उपर समिति सदस्य जो शक्कर, चने की दाल, गेहू खरीद कर पोषाआहार तैयार कर राज्य सरकारी की ओर से दुग्धपान महिला, ३ वर्ष के बच्चो एवं गर्भवती सहिलाओं को सप्ताह में एक बार वितरण किया जाता हैं। कलस्टर द्वारा सामग्री खरीदने पर सीडीपीओं द्वारा निरीक्षण कर उसका बिल पास किया जाता है। शीला के अधीन १८ में से एक कलस्टर जेताणा का ३ माह का ४ लाख ६२ हजार रूपये का बील था। जिसकी समिति सदस्य किशन की मां सज्जन कुवर वृद्घ होने पर वह सीडीपीओं के पास बील पास करवाने गई। जहां परियोजना अधिकारी ने उत्त* बील पास करवाने के एवज में १० प्रतिशत रिश्वत की मांग की। दोनों के बीच हुई वार्ता में २३ हजार रूपये में मामला तय होने पर आरोपी ने पीएनबी बैंक के नाम तीन माह का चैक सुपुर्द किया कर रिश्वत की मांग की। इस पर किशन पुंॅ*वर ने ब्यूरों को शिकायत की। आरोपी सीडीपीओं शीला तिवारी के पति योगेश रोडवेज में ओ एस के पद पर कार्यरत है।