“परमवीर” छात्र संघ अध्यक्ष

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उदयपुर 20 अगस्त को मो.सु.वि.वि. के केन्द्रीय छात्र संघ चुनाव में छात्र संघर्ष समिति प्रत्याक्षी परमवीर सिंह चुण्डावत ने निर्दलीय प्रत्याक्षी दिलीप सिंह चुण्डावत को हरा कर 538 मतों से विजयी दर्ज की जब की ABVP ने तीसरा स्थान प्राप्त किया छात्र संघ चुनाव में शनिवार को हुए मतदान की गणना के बाद घोषित परिणामो में अध्यक्ष पद प्रत्याक्षी छात्र संघर्ष समिति के परमवीर सिंह चुण्डावत ने 538 मतों से झीत दर्ज कर तीसरी बार छात्र संघर्ष समिति ने अध्यक्ष पद पर काबिज हुए , परमवीर सिंह ने 1976 मत प्राप्त किये निर्दलीय प्रत्याक्षी दिलीप सिंह सिसोदिया 1438 एवं ABVP के प्रत्याक्षी नयन कटारा 845 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहा , उपाध्यक्ष पद पर NSUI प्रत्याक्षी पल्कांश राव ने 2009 मत प्राप्त कर प्र्तिध्व्न्धी ABVP के मदन लाल तेली को हराया, महा सचिव पद पर निर्दलीय प्रत्याक्षी पर्वत सिंह राणा ने झीत दर्ज की उसने NSUI के प्रत्याक्षी पर 1033 मतों से विजय दर्ज की, जबकि संयुक्त सचिव पद पर NSUI के हितेश पालीवाल ने 2507 मत प्राप्त कर चिराग जैन पर 1500 से अधिक मतों से जीत दर्ज की संगठक महाविध्यालय छात्र संघ चुनाव की मतगणना में विधि महा विध्यालय अध्यक्ष पद पर केलाश डांगी, उपाध्यक्ष पर्वत सिंह झाला, महा सचिव पद पर दानिश खान , संयुक्त सचिव विवेक नंदवाना , विज्ञानं महाविध्यालय अध्यक्ष पद पर प्रदुमन सिंह राठोड उपाध्यक्ष अशोककुमार परमार महासचिव पद पर अरुण कुमार मीणा, संयुक्त सचिव प्रियंका व्यास कला महा विध्यालय अध्यक्ष पद पर विक्रम खटिक उपाध्यक्ष रेखा रानी रावल, महा सचिव प्रमोद मेनारिया , सयुक्त सचिव कृतिका सिंघवी और वाणिज्य महाविध्यालय पंकज बोराडा , उपाध्यक्ष आयुषी धबाई , महा सचिव आयुषी चोहान को विजयी घोषित किया ,

 

मतदान के दोरान छात्राओं ने प्रचार में ख़ास भूमिका निभाई मतदान समाप्ति के बाद शाम 4.45 बजे मतगणना केंद्र FMS महाविध्यालय में मतगणना शुरू हुई और करीब 8.30 बजे परिणाम आगये

 

 

राजस्थान में “एसर” का विस्तार

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एसर इंडिया ,ने राजस्थान में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की आज घोषणा की ,

 

होटल लीला रेजेन्सी में प्रेस्स्कोंफ्रेंस के दोरान एसर इंडिया के चीफ मर्केटिंग ऑफिसर राजेंद्रन ने बताया की राजस्थान में एसर विस्तार अभियान एसर दूर गामी योजना का एक भाग हे इस के तहत राजस्थान के 28 जिलो के 46 कस्बो में 326 एसर गेलेरी के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई हे , जिसमे एसर के सभी नए लोंच उत्पाद विक्रय के लिए स्टोक में रहेगे,

 

एसर अपने कार्यक्रमों को “एसर वेन केम्पेन” के जरिये सहयोग कर रहा हे इस कार्यक्रम के जरिये इस वेन में एसर के नेट्बूक्स और नोटबुक्स का प्रदशन किया जा रहा हे यह वेन 60 दिनों में 44 कस्बो का सफर करेगी और एसर के उत्पादों को पास से देखने और समझने का अवसर प्रदान करेगी

 

 

 

बिजली से मकान में दरार

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उदयपुर , आज सुबह धमाके के साथ बिजली गिरने से 4 मंजिला मकान में दरार आगई,

आज सुबह करीब 10 बजे तेज हवाओ के साथ मुसला धार बारिश शुरू हुई और बिजलियाँ कड़कना भी इस दोरान जारी रहा , करीब 11 बजे तेज गर्जना के साथ बिजली. नाडा खड़ा , जोगीपुरा में , बंसी लाल साहू के 4 मंजिला भवन पे गिरी जिससे बंसीलाल साहू और अमृत लाल मोची के माकन के बिच खासी दरार आगई और बंसीलाल साहू का मकान एक तरफ झुक गया मकान में रहने वालो को कोई हानी नहीं हुई लेकिन एहतियात के तोर पे माकन को खली करदिया गया हे

 

 

विधेयक पास होने तक अनशन :अन्ना

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रामलीला मैदान में अपना अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने कहा है कि अगर संसद के मौजूदा सत्र में जनलोकपाल विधेयक पेश नहीं किया, तो अनशन जारी रहेगा

शुक्रवार को तिहाड़ जेल से रामलीला मैदान पहुँचे अन्ना हज़ारे ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि सरकार गूंगी-बहरी हो गई है और इसी कारण उन्होंने अभी तक जनलोकपाल विधेयक पर ध्यान नहीं दिया. अन्ना हज़ारे ने कहा कि सरकार संसद और स्थायी समिति में बहुमत में है. लेकिन उन्होंने अपना आख़िरी निर्णय ले लिया है. उन्होंने कहा, “मैंने आख़िरी निर्णय ले लिया है. अगर इस सत्र में पेश नहीं हुआ, तो अनशन जारी रहेगा. जब तक शरीर में प्राण है, ये अनशन जारी है. दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए. पीछे हटेंगे नहीं, पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. सरकार को क्या करना है, उस पर कुछ नहीं कहना.” अन्ना हज़ारे ने कहा कि वे तो अभी जनसंसद के सामने आए हैं, जनसंसद को वे अपील करते हैं. सरकार ने 30 अगस्त तक बिल पास नहीं किया, तो वे देशभर के लोगों से अपील करते हैं कि लोग जेल भरें.  इस संवाददाता सम्मेलन में अन्ना हज़ारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण भी मौजूद थे.  अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार अन्ना हज़ारे से नहीं बल्कि लोगों से घबराई है. उन्होंने कहा कि ग़ैर सरकारी संगठनों के लोकपाल के दायरे में लाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लोकपाल का दायरा इतना नहीं बढ़ा देना चाहिए, जिससे समस्या पैदा हो.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एनजीओ के लिए पहले से कई क़ानून मौजूद हैं.

रामलीला पहुँचे अन्ना हज़ारे

तिहाड़ जेल में तीन दिन बिताने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे लोगों की भारी भीड़, नारेबाज़ी और देशभक्ति के गीत के बीच रामलीला मैदान पहुँचे. दिल्ली पुलिस ने अन्ना हज़ारे को रामलीला मैदान में 15 दिनों के अनशन की अनुमति दी है. लेकिन बारिश के बीच लोगों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए अन्ना हज़ारे ने कहा कि जब तक लोकपाल बिल नहीं आएगा, वे मैदान नहीं छोड़ेंगे.

मैंने आख़िरी निर्णय ले लिया है. अगर इस सत्र में पेश नहीं हुआ, तो अनशन जारी रहेगा. जब तक शरीर में प्राण है, ये अनशन जारी है. दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए. पीछे हटेंगे नहीं, पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. सरकार को क्या करना है, उस पर कुछ नहीं कहना           “अन्ना हज़ारे”

 

फोटो , खबर . सो.: याहू& बी.बी.सी.

 

सब एक हो गए भ्रष्टाचार के खिलाफ

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उदयपुर रहा एतिहासिक बंद

हर एक ने दिल से अपना काम बंद रखा

 हर एक ने आवाज़ लगायी “में हूँ अन्ना “

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़

उदयपुर ,शुक्रवार को अन्ना हजारे के समर्थन में उदयपुर सम्भाग में बन्द रहा , बंद के लिए किसी को प्रेरित करने की जरूरत नहीं पड़ी सबने अपने प्रतिष्ठान खुद ही बन्द रखे , दिन भर बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा , बंद के दोरान सभी स्कूल कोलेज बंद रहे टेम्पो बसे भी बंद रही निजी प्रतिष्ठान, बेंक ,पेट्रोल पम्प ,पूर्णतया बन्द रहे ,

चेंबर ऑफ़ कोमर्स के आव्हान पर उदयपुर में एतिहासिक बन्द रहा दिन में चेंबर ऑफ़ कोमर्स के व्यापारी , भा.ज.पा.के कार्यकर्त्ता ,बार एशोसियेशन के वकील और अन्य सभी संगठन मिल के कलेक्ट्री पहुचे और प्रदशन किया भर्ष्टाचार का पुतला जलाया , और आन्दोलन के प्रति अपना समर्थन दिया ,

देहली गेट से निकलती रेली
बापू बाज़ार में पसरा सन्नाटा
सुरक्षा के इंतजाम भी कड़े रहे

हर हाथ अन्ना के साथ

बंद में रहे ये कुछ परेशां रहे
ये भी रहे अन्ना के साथ
"में हूँ अन्ना "
हर हाथ अन्ना के साथ

कलेक्ट्री पर प्रदशन

 

 

 

अन्ना के लिए उदयपुर बंद

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भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पे बेठे अन्ना के समर्थन में कल 19 अगस्त को चेंबर ऑफ़ कॉमर्स , और भा.ज.पा. ने उदयपुर बंद का एलान किया हे ,गोरतलब हे की पिछले तीन दिनों से उदयपुर में अन्ना के समर्थन में धरने प्रदशन , रेलियाँ , केंडल मार्च , हो रहे हे इसी के चलते उदयपुर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स और भा.ज.पा. ने शुक्रवार को उदयपुर बंद का ऐलान किया हे , चेंबर ऑफ़ कामर्स के अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया की कल उदयपुर के सभी प्रतिष्ठान बंद करवाए जायेगे और शहर के सभी सरकारी गेर सरकारी विभाग व्यापारिक प्रतिष्ठान , स्कूल , रोडवेज , ओटो , तक को बंद करवाया जायेगा ,और शहर वासियों से अपील की हे के उदयपुर बंद को सफल बनाने के लिए सभी सहयोग करे

 

नकली नोटों के साथ गिरफ्तार

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उदयपुर । चन्देरिया थाना पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 500 व 100 के नकली नोट बरामद किए है। पुलिस ने अभियुक्त के पास से 12 हजार 800 रूपये के नकली नोट जप्त किए है। जानकारी के अनुसार, चन्देरिया थानाधिकारी वृद्धिचंद ने मुखबीर की सूचना पर बडोदिया व बोरदा के बीच पारोली तिराहे पर बनाई यात्रियों के प्रतिक्षालय पर पहुंचे। जहां रतनलाल पिता नारायण गुजर निवासी पारोली पुलिस ने उसको पकड कर उसकी तलाशी ली तो उसकी जेब से पांच सौ रूपये के 22 व सौ रूपये के 18 नोट जिसमें अधिकांश नोट एक ही क्रमांक के पाए गए। पुलिस ने नोटो की क्रमांक चेक की तो 100 के 7 नोट जिनमें सीरियल नम्बर एस.डी.बी. 087745, 100 रूपयो के 4 नोट जिनमें सिरीयल नम्बर एस.डी.बी. 0877485, 100 रूपयो के 3 नोट जिनमे सीरियल नम्बर एस.डी.बी. 087777, 100 रूपयो के 2 नोट जिनमे सीरियल नम्बर 8 एफ.के. 938444, 100 रू के 1 नोट जिनमे सीरियल नम्बर 8 एफ.के.938488 पाए गए। 500 रूपयो के 7 नोट जिनके सिरियल न. 5ए.एच.906395, 500 रूपयो के 4 नोट जिनके सीरियल नम्बर 5ए.एच.906459, 500 रूपयो के 6 नोट जिनके सीरियल नम्बर 5बी.एच.201909, 500 रूपयो का एक नोट जिसके सीरियल नम्बर 8बी.एच.943959 पाए गए है। पुलिस ने 40 नोट जप्त कर कुल 12 हजार 800 रूपय के नकली नोट बरामद किए। इस सभी नोटो पर कागज चिकने थे और प्रिंटिंग के साथ ही इन नोटो में कई खामियां पाई गई। पुलिस ने रतनलाल गुजर को गिरफ्तार कर धारा धारा 489 ए.बी.सी.डी.भादस में प्ररकण पंजीबद्ध किया । अभियुक्त रतनलाल से पुलिस द्वारा गहनता से पुछताठ की जा रही है।

 

 

 

 

“मक्क़ा” जहा के हर ज़र्रे में नूर बरसता हे

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            रमजान के इस पाक महीने में हमारे उदयपुर पोस्ट के एडवायजर इमरान शैख़ इन दिनों उमरा पर हे , और वो हमे मक्का , खाना-ए-क़ाबा , के रमजान के रोनक की हर वक़्त के फोटो पोस्ट कर रहे हे , जहा जाना हर मुसलमान का पहला और आखरी ख्वाब हे वह की रोनक से वो हर वक़्त हमे रूबरू करवा रहे हे , और हमारे हक़ में दुआ कर रहे हे , हम यहाँ उनकी ली हुई ताज़ा लाइव तस्वीरे पोस्ट कर रहे हे ,  

 सभी फोटो : इमरान शैख़

काबातुल्लाह, ईशा के वक़्त 15.8.2011

संगे सफा
खाना-ए-क़ाबा दिन में ३ बजे
आबे ज़म ज़म
संगे सफा के ऊपर की का गुम्मद
बाद-ए-क़ाबा और मकामे-ए-इब्राहीम
मस्जिदे हरम
अब्दुल अज़ीज़ दरवाज़ा
अब्राज़ अल बेत टॉवर
अब्दुल अज़ीज़ दरवाज़ा
मगरीब की नमाज़ के बाद खाना-ए-क़ाबा में इमरान शैख़

 

 

उदयपुर बोला मै हूँ अन्ना

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भ्रष्टाचार के खातो के लिए सशक्त लोकपाल कानून की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समर्थन में आज दिन भर शहर में धरने और प्रदशन का दोर जारी रहा ,हर जगह हर युवा बुज़ुर्ग का एक ही नारा था “में हु अन्ना ” और शाम को जगह जगह केंडल मार्च और मशाल जुलुस निकाल कर अन्ना के आन्दोलन को जारी रखने का ऐलान किया ,

 

भारतीय जनता पार्टी सहित शहर के कई संगठनों ने अन्ना के आन्दोलन का समर्थन करते हुए अनशन में भाग लिया , अन्ना के नेत्रत्व में उदयपुर के वकीलों ने भी उग्र आन्दोलन कर देहली गेट पे मानव श्रंखला बना कर प्रदशन किया मो.सु.वि.वि. के ABVP के प्रत्याशी नयन कटारा और अन्य कार्यकर्ता छात्रों ने में हु अन्ना की पट्टी बांध कर अन्ना का समर्थन किया ,

 

मुस्लिम महासभा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने शाम को आयद पुलिया से केंडल मार्च निकाल कर अन्ना के साथ होने की आवाज़ बुलंद की , दौड़ी बोहरा जमात ने भी अन्ना हजारे के आन्दोलन का भरपूर समर्थन किया ,

 

 

 

 

आपणा अन्ना

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भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन में आम आदमी को जोड़ने वाले 73 साल के सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे का मूल नाम किसन बापट बाबूराव हज़ारे है.

 

उनका जन्म 15 जून, 1938 को महाराष्ट्र के भिंगारी गांव के एक किसान परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम बाबूराव हज़ारे और मां का नाम लक्ष्मीबाई हजारे है. अन्ना के छह भाई हैं. अन्ना का बचपन बहुत ग़रीबी में गुज़रा. परिवार की आर्थिक तंगी के चलते अन्ना मुंबई आ गए. यहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की. कठिन हालातों में परिवार को देख कर उन्होंने परिवार का बोझ कुछ कम करने के लिए फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रूपए महीने की पगार पर काम किया.

 

                                            सेना में भर्ती                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 

भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार की अपील पर अन्ना सेना में बतौर ड्राइवर भर्ती हुए थे.  वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील पर अन्ना 1963 में सेना की मराठा रेजीमेंट में बतौर ड्राइवर भर्ती हुए थे. 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अन्ना हज़ारे खेमकरण सीमा पर तैनात थे. 12 नवंबर 1965 को चौकी पर पाकिस्तानी हवाई बमबारी में वहां तैनात सारे सैनिक मारे गए. इस घटना ने अन्ना की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया. घटना के 13 साल बाद अन्ना सेना से रिटायर हुए लेकिन अपने जन्म स्थली भिंगारी गांव भी नहीं गए. वे पास के रालेगांव सिद्धि में रहने लगे. 1990 तक हज़ारे की पहचान एक ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता हुई, जिसने अहमदनगर जिले के रालेगांव सिद्धि को अपनी कर्मभूमि बनाया और विकास की नई कहानी लिख दी.

आदर्श गांव

 

इस गांव में बिजली और पानी की ज़बरदस्त कमी थी. अन्ना ने गांव वालों को नहर बनाने और गड्ढे खोदकर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया और ख़ुद भी इसमें योगदान दिया. अन्ना के कहने पर गांव में जगह-जगह पेड़ लगाए गए. गांव में सौर ऊर्जा और गोबर गैस के जरिए बिजली की सप्लाई की गई.

 

 इसके बाद उनकी लोकप्रियता में तेजी से इज़ाफा हुआ.

 

1990 में ‘पद्मश्री’ और 1992 में पद्मभूषण से सम्मानित अन्ना हज़ारे को अहमदनगर ज़िले के गाँव रालेगाँव सिद्धि के विकास और वहां पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विभिन्न तरीक़ों का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है.

 

 ‘भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन’

 

भ्रष्टाचार के धुर विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचान नब्बे के दशक में बनी

 

अन्ना की राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार के धुर विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचान नब्बे के दशक में बनी जब उन्होंने 1991 में ‘भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन’ की शुरूआत की. महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा की सरकार के कुछ ‘भ्रष्ट’ मंत्रियों को हटाए जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की. ये मंत्री थे- शशिकांत सुतर, महादेव शिवांकर और बबन घोलाप. अन्ना हज़ारे ने उन पर आय से ज़्यादा संपत्ति रखने का आरोप लगाया था. सरकार ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन हारकर दो मंत्रियों सुतर और शिवांकर को हटाना ही पड़ा. घोलाप ने उनके खिलाफ़ मानहानि का मुकदमा कर दिया. लेकिन अन्ना इस बारे में कोई सबूत पेश नहीं कर पाए और उन्हें तीन महीने की जेल हुई. हालांकि उस वक़्त के मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने उन्हें एक दिन की हिरासत के बाद छोड़ दिया. एक जाँच आयोग ने शशिकांत सुतर और महादेव शिवांकर को निर्दोष बताया. लेकिन अन्ना हज़ारे ने कई शिवसेना और भाजपा नेताओं पर भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए.

सरकार विरोधी मुहिम

2003 में अन्ना ने कांग्रेस और एनसीपी सरकार के कथित तौर पर चार भ्रष्ट मंत्रियों-सुरेश दादा जैन, नवाब मलिक, विजय कुमार गावित और पद्मसिंह पाटिल के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी और भूख हड़ताल पर बैठ गए. हज़ारे का विरोध काम आया और सरकार को झुकना पड़ा. तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने इसके बाद एक जांच आयोग का गठन किया. नवाब मलिक ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. आयोग ने जब सुरेश जैन के ख़िलाफ़ आरोप तय किए तो उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया. 1997 में अन्ना हज़ारे ने सूचना के अधिकार क़ानून के समर्थन में मुहिम छेड़ी. आख़िरकार 2003 में महाराष्ट्र सरकार को इस क़ानून के एक मज़बूत और कड़े मसौदे को पास करना पड़ा. बाद में इसी आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन का रूप लिया और 2005 में संसद ने सूचना का अधिकार क़ानून पारित किया.  कुछ राजनीतिज्ञों और विश्लेषकों की मानें, तो अन्ना हज़ारे अनशन का ग़लत इस्तेमाल कर राजनीतिक ब्लैकमेलिंग करते हैं और कई राजनीतिक विरोधियों ने अन्ना का इस्तेमाल किया है. कुछ विश्लेषक अन्ना हज़ारे को निरंकुश बताते हैं और कहते हैं कि उनके संगठन में लोकतंत्र का नामोनिशां नहीं है.

सो. बी.बी.सी . हिंदी