पूर्बिया समाज की महिलाओं ने मनाया सावन उत्सव

purbia saj ki mhilae sawan utsav me thkur ji ko jhula julate hue (1)उदयपुर, । पूर्बिया कलाल जागृति महिला मंडल की महिलाओं ने लहरिया धारण कर हाथीपोल स्थित पूर्बिया समाज के नोहरे में सावन उत्सव मनाया। इसके अन्तर्गत ठाकुर जी को सावन का झुला झुलाया और महिलाओं ने विधि प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

यह जानकारी देते हुए महिला मंडल की सदस्य तरूणा पूर्बिया ने बताया कि सावन उत्सव के अन्तर्गत लहरिया पहने महिलाओं ने सावन के गीत गाये और झुले में झुली। इस अवसर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बेस्ट लहरिया का खिताब श्रीमती कोमल पूर्बिया को मिला जबकि बेस्ट ड्रेस का पुरस्कार कांता पूर्बिया को प्रदान किया गया। अंत में मंडल की अध्यक्ष अनिता पूर्बिया ने सभी का आभार जताया

क्योंकि रक्षा बंधन है ख़ास तो क्यों न दमके बहनों का रूप – NICC BEAUTY TIPS

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Director NICC Sweeti chhabra

उदयपुर। रक्षा बंधन के मोके पर एन आई सी सी की डायरेक्टर स्वीटी छाबडा बहनों के लिए कुछ खास टिप्स बता रही है । जिससे बहनों का रक्षा बंधन त्यौहार आपके दमकते रूप से और खिल उठे और अपने व्यक्तित्व के साथ साथ रूप बो भी सवारें आप ताकि बन जाएं त्यौहारों की शान |
त्यौहार के आते ही आप घर के ढेर सारे कामों में व्यस्त हो जाती है ऎसे में खुद के लिए समय ही नहीं बचता। लेकिन यहां हम आपको बता रहें है कि महज 5 मिनट में अपना रूप निखारें सकती हैं और इस रक्षाबंधन पर एक अलग लुक पा सकती हैं जिससे सबकी नजरें आप पर ही ठहरे जाएं। तो गौर फरमाईये-

 

 

 

 

 

 

16अगर आप गहरे रंग रूप वाली, गोरी, सावंली, मोटी, लम्बी, पतली मोटे होठों वाली हर तरह की लडकियां सुंन्दर मानी जाती हैं। बस, फर्क इतना सा है कि उन्हें अपने रूप-रंग से जुडे दर पहलू पर नाज होता है। हर कमी को छुपाया जा सकता है।

सबसे पहले तो जो खुद पर सूट करे, वो पहनें। अपने बेसिक स्टाइल को दोहराते रहें, सिर ऊंचा और पीठ सीधी करके चलें। इस कॉन्फिटेंन्स के साथ जो आपको खूबसूरत ना माने ले, उसका सौन्दर्यबोध संदिग्ध होगा। आप अपने आपको आइने के सामने देखें और सोचें कि आपका कलर यलो, नहीं फेयर है। आपको कोई काला नहीं कह सकता, कलर भी तो चॉकलेटी हो सकते हैं।

अगर आपको कोई मोटा कहता है तो उसकी बात पर बिल्कुल ध्यान ना दें। आप मोटी नहीं हेल्दी हैं तो अगली वार जब खुद की व्याख्या करनी हो, तो इस ख्याल से कीजिएगा कि आपकी गहरी आंखों वाली आकर्षक मुस्कुराहट की स्वामिनी हैं। आपके जैसे ओर कोई नहीं और नहीं आपके जैसा दिखना आसान काम है।

स्टाइल में रहने का मतलब यह नहीं कि आप ढेर सारे कपडों को खरीदना होता, रूचिपूर्ण तरीके से त्यौहार पर तैयार होने से भी व्यक्ति सौम्य लगता है और जो आपमें खूबियाँ है उन्हें निखारें।

अगर बालों में ऑयल लगा हैं और भाई को राखी बांधने आपको अपने पीहर जाना है तो ऑयली बालों को लेकर परेशानी मत हों, आप सिर्फ 2-3 मिनट में आपकी ये मुश्किल दूर हो सकती है। सिर झुकाएं और बालों को पलटकर अच्छी तरह से ब्रश करें। इसके बाद आप चाहे तो हल्का सा पफ बनाकर जूडा बांध लें या क्लचर या बनाना पिंन लगा सकतीं हैं।

त्यौहारों के मौके पर अगर आप एकदम बोल्ड लुक चाहती हैं। तो मेकअप में सिलीकॉन लिक्विड फाउन्डेशन का इस्तेमान करें क्योंकि सिलीकॉन लिक्विड फाउन्डेशन मॉइश्चराइजर बेस्ट होता है। फाउन्डेशन लगाने के बाद स्किन टोन के हिसाब से लूज पाउडर का यूज करें।

आंखों का मेकअप –
आंखों के मेकअप के लिए क्रीम बेस्ड आईशैडो का इस्तेमाल करें। आंखों को हाईलाइट करने के लिए आईब्रो बॉल या आईब्रो बोन पर लाइट पिगमेंट्स का 18इस्तेमाल होता है। गि्लमर स्टिक आईलाइनर लगायें फिर मस्कारा लगायें। मस्कारा लगाने से पहले आईश्लैश को कर्ल करें।

होंठों का मेकअप-
होंठों के मेकअप को हाईलाइट करने के लिए ड्रेस से मैंचिन्ग करता हुआ डार्क कलर के लिए लाइनर से होंठों की आउटलाइन करें, फिर लिपस्टिक लगायें। अगर आईस का मेकअप हैवी कर रखा है तो होंठों का मेकअप लाइट होना चाहिए।

 

 

 

हेयर स्टाइल-
20सबसे पहले बालों को दो भागों में बांट लें।
आगे के बालों में हेयर स्प्रे लगाएं और फ्लैट लुक देते हुए क्लिप की सहायता से साइड में पिन करें।
अब पीछे के बालों को कर्लिंग रॉड की सहायता से कर्ल करें। जब बालों में वेव्स अच्छी तरह से आ जाएं तब बालों को पिन की सहायता से हाफटाई करे लें। अगर आप सिम्पल लुक में रहना चाहती हैं तो बालों को ऎसे ही रहने दें, अगर आप किसी पार्टी का हिस्सा बनने जा रही हैं तो आर्टिफिशयल हेयर एक्सेसरीज से बालों को सजाएं।

छात्र संघ चुनाव में छात्रों की हो रही है मोज

2उदयपुर। पार्टियाँ, फिल्म , पिकनिक, और लातें घूसों के बिच सुखाडिया विश्व विद्यालय छात्र संघ के चुनाव धीरे धीरे अपने जोशो – जूनून पर आरहे है। हर संगठन अपने अपने वोटों की गणित के समीकरण बैठाने पर लगा हुआ है। और न्यू फ्रेशर छात्रों को लुभाने की हर संभव कोशिश की जा रही है । और उनके व् अपने समर्थकों के लिए रोज़ कही न कही पार्टियों और फिल्म शो का आयोजन करवाए जारहे है। एनएसयुआई अपने नए प्रत्याशी श्रीकांत श्रीवास्तव के साथ एक बार फिर दम ख़म के साथ मैदान में है। तो एबीवीपी और छात्र संघर्ष समिति अपने आप को झीता हुआ मान कर एक दुसरे पर आस्तीने चढ़ा रहे है । कल ही दिन में तीन बार दोनों पार्टियों के समर्थक आपस में भीड़ गए और लातों घूसों का दौर चलता रहा।

 

मल्टीप्लेक्स के शो फुल गार्डन में पार्टियाँ और केम्पस में राखी:

तीनो संगठन अपने अपने समर्थकों के लिए मल्टीप्लेक्क्स में सारे शो बुक करवा रखे है, तो यूनिवर्सिटी रोड पर स्थित वाटिकाओं में पार्टियों का दौर चल रहा है। नए फ्रेशर छात्रों का ख़ास तौर पर ध्यान रखा जा रहा है। क्यों कि ये ही वोटर सबसे अधिक वोट करते है, और इन्ही से झीत के समीकरण बनते बिगड़ते है। इस बार वोटरों में लड़कियों की संख्या भी लगभग ४० प्रतिशत है। तीनों संगठनों ने लड़कियों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए केम्पस में रक्षा बंधन तक मना रहे है, और अपने अपने प्रत्याशियों से को राखियाँ बंधवा रहे है।

 

रोज बदलते समीकरण में सीएसएसआगे :

छात्र संघ चुनाव के समीकरण रोज बदल रहे है । पहले एबीवीपी के अध्यक्ष पद के लिए हिमांशु चौधरी था तो एबीवीपी की स्थिति मजबूत थी बाद में हिमांशु के अनुत्तीर्ण हो जाने पर टक्कर सीएसएस और एनएसयुआई के बिच हो गयी लेकिन एनएसयुआई का प्रत्याशी दिनेश भोई भी अनुत्तीर्ण हो जाने से अब झीत सीएसएस के पाले में दिख रही है, हालाकिं इस बिच एबीवीपी को जितेन्द्र सिंह शक्तावत के रूप में एक मजबूत प्रत्याशी मिल गया है, लेकिन एनएसयुआई के नए प्रत्याशी श्रीकांत श्रीवास्तव और जितेन्द्र सिंह शक्तावत एक ही कोलेज के होने से सीएसएस की स्थिति मजबूत है ।

 

1एबीवीपी ने घोषणा पत्र जारी किया :

शनिवार को इ बी वि पि ने पत्रकार वार्ता के दौरान अपने प्रत्याशियों से रूबरू करवाया और २५ सूत्रीय घोषणा पत्र जारी किया छात्र संघ के निवर्तमान अध्यक्ष पंकज बोराणा ने कहा की विद्यार्थी परिषद् हमेशा छात्र हितों का काम करती आई है और इसलिए इस बार भी विद्यार्थी परिषद् का प्रत्याशी ही वजयी होगा |

हार के डर और धनबल के अभाव में चुनाव नहीं लड़ा दिनेश भोई

परीक्षा में फैल होने की गलत सूचना देकर किया गुमराह

1149005_10200405891450463_877790666_nउदयपुर। आगामी 24 अगस्त को होने वाले छात्र संघ चुनावों से पूर्व एक चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। इस चुनाव में उम्मीदवारी करने वाले एक प्रत्याशी ने हार के डर और धन बल के नहीं होने की वजह से अपना नाम वापस लेने के लिए एक कहानी रच डाली।

जी हां आपको भी सुनकर आश्‍चर्य होगा पिछले वर्ष खुद की अलग ही पार्टी डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स सोसायटी खोलकर दूसरे छात्रसंगठनों का मुकाबला करने वाले दिनेश भोई ने हाल ही में अपने साथियों के साथ एनएसयूआई ज्वाईन की थी। पता चला है कि एनएसयूआई के एक बडे़ पदाधिकारी ने दिनेश भोई और उनके समर्थकों को कहा था कि तुम चुनाव की तैयारी करों पैसा हम भिजवा देंगे। लेकिन चुनाव की तारीख आने के बाद भी जब पैसा इन लोगों के पास नहीं पंहुचा तो अचानक दिनेश भोई के फैल होने की सूचना मीडिया में आ गई और इसे ही चुनाव नहीं लड़ने का मुख्य कारण बताया गया।

अब यहां यह सवाल खडा हो जाता है कि परिणाम आने से पूर्व कैसे फेल होने की पुष्‍टि हो सकती है। इन सब सवालों पर जब दिनेश भोई से जानकारी ली गई तो वह सभी को टालते हुए अपनी सफाई देते नजर आए।

लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण सिटी पैलेस देख हुए अभिभूत

Photo1उदयपुर। साउथ वेस्टर्न आर्मी के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भूषण ने सपरिवार शनिवार को उदयपुर प्रवास के दौरान स्थानीय सिटी पैलेस संग्रहालय का भ्रमण किया। उन्होंने सिटी पैलेस संग्रहालय के अलावा फतहप्रकाश पैलेस कन्वेशन सेंटर स्थित क्रिस्टल गैलेरी भी देखी। सिटी पैलेस पहुंचने पर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के उपसचिव प्रशासन भूपेन्द्र सिंह आउवा ने उनका स्वागत किया।

सिटी पैलेस संग्रहालय भ्रमण के दौरान आउवा ने उनको संग्रहालय के इतिहास एवं वर्तमान में उनके संरक्षण एवं मेवाड़ के गौरवमयी 450 वर्ष के इतिहास की जानकारी दी। श्री भूषण ने ऐतिहासिक महल के संरक्षण, संवद्र्धन के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए फाउण्डेशन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा मानव मूल्यों की सेवा के लिए किए जा रहे अनेकानेक सेवा कार्यों की भी सराहना की। इसके बाद उन्होंने फतहप्रकाश पैलेस कन्वेशन सेंटर स्थित क्रिस्टल गैलेरी का भ्रमण किया।

वकीलों का प्रदर्शन , मुख्यमंत्री का पुतला फूंका

gdshdsgsउदयपुर | संभाग में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना के लिए संघर्षरत अधिवक्ताओं ने हड़ताल को विराम देते हुए आन्दोलन जारी रखने का निर्णय लेते हुए शनिवार को अधिवक्ताओं ने रैली निकाल कर प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कोर्ट चौराहे पर मुख्य मंत्री अशोक गहलोत का पुतला फूंका। संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना ने कहा की मेवाड़ में हाईकोर्ट बैंच नहीं खुलने का मुख्य कारण मुख्य मंत्री अशोक गहलोत है| जिन्होंने अन्य शहरों में मेवाड़ के खिलाफ आन्दोलन खड़े करवाए। आज दिन में साडे बारह बजे अधिवक्ताओं ने रैली निकाली जो कोर्ट चोराहे से शुरू होकर देहली गेट, बापूबाजार , सूरजपोल , कलेक्ट्री होते हुए पुनः कोर्ट चौराहे पर आई जहाँ मुख्य मंत्री अशोक गहलोत का पुतला दहन किया गया। और राज्य सरकार के खिलाफ जम कर प्रदर्शन किया गया |

हड़ताल समाप्त आन्दोलन जारी रहेगा :

बार अध्यक्ष भारत जोशी ने बताया की सोमवार से सभी अधिवक्ता काम पर लौट आयेगे लेकिन हाईकोर्ट बैंच के लिए संघर्ष जारी रहेगा और कोर्ट के बहार विधान सभा चुनाव की आचार संहिता नहीं लगने तक क्रमिक धरना जारी रहेगा प्रतिदिन ११ वकील कोर्ट के बहार धरना देगें। तथा हर महीने की ७ तारीख को हाईकोर्ट बैंच की मांग के विरोध में न्यायिक कामों का बहिष्कार जारी रहेगा।कार्यक्रम का संचालन व नेतृत्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत कुमार जोशी, महासचिव भरत कुमार वैष्णव, उपाध्यक्ष मंजूर हुसैन शेख, सचिव अंकुर टांक, वित सचिव स्वाती रॉबर्ट, पुस्तकालय सचिव अभिनव द्विवेदी, संयोजक रमेश नंदवाना, महासचिव शांतिलाल पामेचा, जिला संयोजक सत्येन्द्रपाल सिंह छाबड़ा, जिला महासचिव मनीष शर्मा, संगठन मंत्री कैलाश भारद्वाज ने किया।

दाऊदी बोहरा जमात का 18वां सामुहिक निकाह सम्पन्न

samuhik nikah me mojud dulhe (6)12 जोडो ने लिया जिंदगी भर साथ निभाने का वादा

उदयपुर, । दाऊदी बोहरा जमात का 18वां सामुहिक निकाह का शनिवार को स्वप्नलोक में सम्पन्न हुआ जहां 12 जोड़ों ने एक साथ निकाह कुबुल करते हुए जिंदगी भर साथ निभाने का वादा लिया। इस अवसर पर समाज और गणमान्य लोगों ने उनके भावी जीवन की शुभकामनाएं की।

यह जानकारी देते हुए प्रवक्ता अनिस मियांजी ने बताया कि 18वां सामुहिक निकाह में शनिवार को स्वप्नलोक में मुल्ला पीर अली के नेतृत्व में 12 मुल्लाओं ने 12 जोड़ों की निकाह की रस्म अदा करायी। इस बार स्टेज पर दुल्हा-दुल्हन ने एक साथ निकाह कुबुल किया। इस मौके पर दाऊदी बोहरा जमात के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे। सामुहिक निकाह में खाडी देशों से आये मेहमानों ने भी शिरकत की।

इसके बाद स्वप्नलोक से दुल्हों की बारात बैंड बाजों के साथ रवाना हुयी जो अश्विनी बाजार, बस्तीराम जी की बाड़ी होते हुए रसुलपुरा मस्जि़द पर जाकर सम्पन्न हुयी जहां वर-वधु पक्षों ने बारात का परम्परागत तरीके से जोरदार स्वागत किया। बारात में समाज के लोग नए वस्त्रों में चल रहे थे। बारात का जगह-जगह स्वागत द्वार बनाकर फूलो से स्वागत किया गया। रात को फील्ड क्लब में सभी जोड़ों का एक साथ स्वागत एवं आर्शीवाद समारोह आयोजित किया गया जिसमें समाज के लोगों के साथ उदयपुर के प्रतिष्ठित लोगों ने वर-वधु को आर्शीवाद दिया।

रुपया आखिर लुढ़कता ही क्यों जा रहा है?

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130610183619_indian_currency_rupee_624x351_reutersपिछले महीनो में भारतीय रुपए की कीमत में आई अप्रत्याशित गिरावट ने न सिर्फ़ बैंक बाज़ार में बल्कि भारत में करोड़ों निवेशकों को सकते में डाल दिया है.

 

भारतीय शेयर बाज़ारों की हालत भी खस्ता ही चल रही है और कुछ लोगों का मानना है कि इसमें भी रूपए की घटती साख का योगदान है.

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इस गिरावट की वजह क्या है.

 

क्लिक करें सबसे बड़ी गिरावट

 

भारतीय रुपए की कीमत में आई गिरावट के सवाल पर सरकार और केंद्रीय रिज़र्व बैंक को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

 

रुपए के गौरव को बचाए रखने की दिशा में क्या कोशिशें की जा रही हैं?

 

अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपए में आई रिकॉर्ड गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में छाई मंदी ने शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में कोहराम मचा दिया.

 

‏शेयर बाजार

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62 रूपए का एक डॉलर और बीएसई सेंसेक्स में अगर एक ही दिन में 700 से ज्यादा अंकों की गिरावट आ जाए तो लाज़िमी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर उठने वाले सवाल कई गुना बढ़ जाएंगे.

 

भारतीय अर्थव्यवस्था में इन दिनों कुछ ऐसा ही मंज़र चल रहा है.

 

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ये वही अर्थव्यवस्था है जिसने कुछ साल पहले आई वैश्विक मंदी की मार का डट कर सामना किया था और बच के निकल भी गई थी.

 

लेकिन अब ऐसा क्या हुआ कि सरकार के मंत्रियों को दूसरे देशों में जाकर निवेश के लिए गुहार लगानी पड़ रही है.

 

आर्थिक मामलों के जानकार परन्जोय गुहा ठाकुरता कहते हैं, “उस समय भारत वर्ष का अर्थव्यवस्था में इतनी कमजोरी नहीं थी. सकल घरेलू उत्पाद में लगातार इजाफा हुआ था और मुद्रास्फीति भी इतनी नहीं बढ़ी थी. एक तरह से भारत की अर्थव्यवस्था उतनी कमजोर नहीं थी. इसी कारण से विश्वयापी आर्थिक संकट का असर भारत पर उतना नहीं पड़ा. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. एक तरह से पश्चिमी देश खासकर पश्चिमी यूरोप में अभी मंदी का दौर चल रहा है और इसका असर चीन में, भारत में और दूसरे विकासशील देशों पर भी पड़ रहा है.”

 

साख

130816195831_reserve_bank_of_india_mumbai_headquarter_624x351_apअगर भारतीय रुपए के इतिहास पर गौर किया जाए तो साल 1991 में जब भारत सरकार ने अपने बाज़ार खोले थे और आर्थिक उदारवाद का सहारा लिया था. तभी से भारतीय अर्थव्यवस्था ने अर्से तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

 

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यहाँ पर भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका को भी नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता.

 

रिज़र्व बैंक ने हमेशा इस इस बात को सुनिश्चित किया कि भारतीय बैंक और बाजारों में रूपए की साख बनी रहे.

 

इसके नतीजे कई वर्षों तक साफ़ तौर पर दिखते रहे हैं.

 

बैंक ऑफ बडौदा के पूर्व कार्यकारी निदेशक आर के बक्शी कहते हैं, “1991 के बाद आयात बढ़ने लगे क्योंकि यह उद्योग क्षेत्र की जरूरत थी और लोगों की चाहतें भी बढ़ी थी. लेकिन उसके साथ साथ उदारीकरण की वजह से हमारे उद्योगों में बाहर से निवेश बढ़ा और निर्यात में भी इजाफा देखा गया और सबसे बड़ी बात यह रही कि आईटी के निर्यात ने हमारे महान घाटे को पाटने में मदद की.”

 

सोना

130816200306_gold_jewellery_india_624x351_gettyसवाल यह भी उठता है की एकाएक भारतीय अर्थव्यवस्था को ऐसा क्या हुआ कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में रूपए की साख गिरने लगी.

 

हालांकि कई मौके आए जब सरकार और रिज़र्व बैंक ने अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट को रोकने की पूरी कोशिश की.

 

क्लिक करें अर्थव्यवस्था बेहाल

 

बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास रखने वाले पैसे पर ब्याज की दरें भी बढाई गईं लेकिन कुछ दिनों की रुकावट के बाद रुपए ने फिर से नीचे की ओर रुख कर लिया.

 

आरके बक्शी को लगता है कि सिर्फ यही एक वजह सिर्फ नहीं है.

 

वह कहते हैं, “पिछले दो सालों से कुछ ऐसा हुआ है कि लोग यह भारत में सुधारों की रफ्तार धीमी होने के बारे में सोचने लगे हैं. घरेलू मोर्चे पर भी परियोजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं. भारत के बड़े उद्योगों ने भी बड़े कर्जे लेकर निवेश कर रखे हैं. इसके नतीजे के तौर पर आमदनी के हालात अच्छे नहीं दिख रहे हैं. विश्व व्यापार संगठन से किए गए वादों और जीवनस्तर में होने वाले बदलाव जैसे पहलुओं को मिलाजुलाकर देखें तो आयात में वृद्धि होती रही है. सोना भारतीयों की बड़ी कमजोरी रही है, तेल हम खरीदते रहे हैं. लेकिन हमारे निर्यात में वृद्धि नहीं हुई जबकि आयात बढ़ते रहे हैं.”

 

विदेशी मुद्रा

130626134601_dollar_india_624x351_afpहालांकि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर निचले स्तर तक पहुंच जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक दिन पहले ही उम्मीद जताई थी कि सुस्ती का यह दौर ज्यादा लंबा नहीं खिंचेगा.

 

उन्होंने कहा था कि स्थिति में सुधार लाने के लिये सरकार कड़ी मेहनत कर रही है.

 

क्लिक करें पटरी पर लाने की चुनौती

 

वैसे इस आश्वासन के ठीक पहले रिजर्व बैंक ने दूसरे देशों में भारतीय कंपनियों की ओर से किए जाने वाले निवेश और देश से बाहर धन भेजने पर अंकुश लगाने समेत कुछ कठोर उपायों की घोषणा ज़रूर की थी.

 

इसका मकसद विदेशी मुद्रा के देश से बाहर जाने से रोकना बताया गया था .

 

केन्द्रीय बैंक ने घरेलू कंपनियों के लिये विदेशों में प्रत्यक्ष निवेश सीमा को उनकी नेटवर्थ के 400 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया. इससे सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को छूट दी गई है.

 

चुनौतियां

130816201002_coal_industry_india_624x351_gettyरिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया था कि सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनियों ओएनजीसी विदेश और ऑयल इंडिया द्वारा विदेशों में गैर-पंजीकृत इकाईयों में निवेश की यह सीमा लागू नहीं होगी.

 

आर्थिक मामले के जानकारों को लगता है कि सरकार के चुनौतियां ज्यादा है और उसके पास उपाय कम हैं.

 

क्लिक करें रिज़र्व बैंक के नए गवर्नर

 

परन्जोय गुहा ठाकुरता कहते हैं, “सरकार कह रही है कि यह संकट विश्वव्यापी है. लेकिन सरकार की जो जिम्मेदारी है, उसने वह नहीं पूरी की. जो कदम पहले उठाए जाने चाहिए थे, वे नहीं उठाए गए.”

 

लेकिन सच्चाई यही है कि शुक्रवार को अगर भारतीय रुपया अमरीकी डॉलर के मुकाबले 62 पर गिर चुका है तो अब सरकार और रिज़र्व बैंक दोनों के पास इसे थामने के लिए समय फिसलता जा रहा है.

 

क्योंकि अंतररराष्ट्रीय बाज़ारों में इससे भारतीय रुपए की साख के साथ साथ निवेशकों के मंसूबों पर भी बट्टा लगता जा रहा है

सो. बी बी सी

 

 

थानेदार पत्नी के पास फरियाद आते ही रिश्वत लेने पहुंच जाता पति

7438_469राजसमंद। राजसमंद महिला थाना प्रभारी वीना लोठ और उसके पति अब्दुल कादिर को एसीबी की चित्तौडग़ढ़ टीम ने 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

एसीबी चित्तौड़ की टीम ने 15 अगस्त को राजसमंद बस स्टैंड पर यह ट्रैप किया। सरकारी क्वार्टर से एक लाख 71 हजार रुपए जब्त किए हैं। उत्पीडऩ के मामले को हल्का करने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।

एसीबी चित्तौडग़ढ़ ब्यूरो के एएसपी भूपेंद्रसिंह चूंडावत ने बताया कि यह रिश्वत रेलमगरा के पनोतिया निवासी नंदलाल पुत्र वेणीराम माली से ली गई थी।

रिश्वत लेते समय आरोपी पति, पत्नी कार से आए थे, जिन्हें एसीबी ने दबोच लिया। दोनों को शुक्रवार शाम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।

2005 के बैच की सब इंस्पेक्टर वीना की यह पहली पोस्टिंग है, जो मूलत: उदयपुर में मल्लातलाई के गांधीनगर की रहने वाली है। पति अब्दुल कादिर का नाम कई आपराधिक मामलों में भी आ चुका है और कांग्रेस का पदाधिकारी रहा है।

थानेदार पत्नी के पास फरियाद आते ही रिश्वत लेने पहुंच जाता पति

महिला अत्याचार से जुड़ी फरियाद महिला थाने में आते ही एसएचओ का पति लग जाता था रिश्वत के जुगाड़ में। इधर, शिकायत दर्ज हुई या नहीं कि पति दूसरे पक्ष से संपर्क कर लेता।

कई मामलों में पति या फिर दोनों निजी कार लेकर निकल पड़ते थे ठिकाने तक। घूसखोरी के पीछे एसएचओ पत्नी की कानूनी ताकत और पति राजनीति का प्रभाव और दिमाग इस्तेमाल होता था।

15 अगस्त को राजसमंद बस स्टैंड पर हुए एसीबी के ट्रैप ने यह गठजोड़ उजागर किया है। एसीबी की चित्तौड़ टीम ने गुरुवार को एसएचओ वीना लोठ और उसके पति अब्दुल कादिर को 15 हजार रुपए की घूस लेते पकड़ा। ट्रैप के बाद एसीबी की पड़ताल और जानकारों ने कई बातों का खुलासा किया है।

महिला आयोग को भी मिली थीं शिकायतें

सूत्र बताते हैं कि घूसखोरी की बढ़ती शिकायतों को लेकर स्टाफ से लेकर अधिकारी भी वाकिफ थे। हाल ही में यहां साधना शिखर में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लाडकुमारी जैन की मौजूदगी में हुई जन सुनवाई के दौरान इनके खिलाफ ढेरों शिकायतें आई थीं।

महिलाओं ने एसएचओ पर सामने वाले पक्ष से मिलकर मामला रफा-दफा करने के आरोप लगाए थे। कई महिलाओं ने बताया कि बार-बार गुहार लगाने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया जाता है। सूत्र इस कार्रवाई को जन सुनवाई के असर से भी जोड़कर देख रहे हैं।

पकड़ते ही बोला, गहलोत साहब से बात करा दो

दो अगस्त को परिवादी रिश्वत लेकर पहुंचा, लेकिन दंपती बाहर था। 15 अगस्त को एसीबी टीम सीआई जयमलसिंह के नेतृत्व में दो राजपत्रित अधिकारी के साथ राजसमंद पहुंची। बस स्टैंड पर दोनों कार लेकर आए और नंदलाल से 15 हजार रुपए लेकर डेशबोर्ड पर रख दिए।

इस दौरान एसीबी ने रिश्वत राशि समेत दोनों को गिरफ्तार कर लिया। टीम में कांस्टेबल रमेशचंद्र, दलपतसिंह, शेरसिंह, किशनलाल आदि शामिल थे। एएसपी चुंडावत ने बताया कि ट्रैप के दौरान कई लोगों के फोन आते रहे। अब्दुल कादिर ने तो यहां तक कह दिया कि एक बार गहलोत साहब से बात करा दो।

रिश्वत की वसूली करता था पति, घर से मिले 1 लाख 71 हजार

वसूली के लिए दोनों तीन बार गए थे फरियादी के गांव

एसीबी के मुताबिक ट्रैप से सामने आया कि फरियादी पनोतिया निवासी नंदलाल माली के गांव थानाप्रभारी वीना व इनके पति अब्दुल कादिर तीन बार कार लेकर गए थे। यहां पर रिश्वत के 20 हजार रुपए तय कर 5 हजार रुपए अब्दुल कादिर ने लिए थे। आने-जाने के लिए मारुति डिजायर कार का उपयोग करते थे। रिश्वत की योजना और हिसाब अब्दुल ही रखता था।

एक केस दबाने की कीमत 20 हजार रुपए

एसीबी के एएसपी चूंडावत ने बताया कि गत 31 जुलाई को पनोतिया निवासी नंदलाल माली ने परिवाद पेश किया। उसके परिवार के खिलाफ महिला थाना में महिला उत्पीडऩ का मामला चल रहा है। परिजनों के नाम निकालने तथा कार्रवाई हल्की करने के नाम पर वीना लोठ 20 हजार रुपए रिश्वत मांग रही थी। 31 जुलाई को पांच हजार रुपए देकर शिकायत का सत्यापन किया।

कानून ही नहीं राजनीति में भी दखल, आपराधिक प्रवृत्ति का है अब्दुल

कांग्रेस में प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रहा। उदयपुर जिला कांग्रेस व नगर कांग्रेस में सक्रिय रहा। पिछले साल मुख्यमंत्री के जन्मदिन समारोह में सक्रियता दिखाई थी। दिसंबर 2012 में फेसबुक पर टिप्पणी के बाद फैले तनाव के दौरान गिरफ्तार हुआ।

मल्लातलाई निवासी भैरुलाल पर तलवार से जानलेवा हमले करने का आरोप लगा। घंटाघर थाने में पुलिसकर्मियों से हाथापाई, आगजनी, जानलेवा हमले, सड़क दुर्घटना व धोखाधड़ी के 6 केस दर्ज हैं। इस मामलों में आरोपी के खिलाफ चालान हुए हैं।

विधानसभा चुनाव में जब्त हो गई थी वीना की जमानत

2005 के बैच की सब इंस्पेक्टर वीना लोठ की बतौर थाना प्रभारी राजसमंद महिला थाने में पहली पोस्टिंग है। वीना मूलत: उदयपुर के मल्लातलाई गांधीनगर निवासी है।

वीना ने 30 जून 2012 से राजसमंद के महिला थानाधिकारी के पद पर है। 2004 में वो विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी है, जिसमें जमानत जब्त हो गई थी। अब्दुल कादिर और दोनों ने लव मैरिज की। अब्दुल कादिर पर वीना के घर जानलेवा हमला भी हो चुका है।

 

VEDANTA KHUSHI: KOYAL IS MY FIRST CHILD

Story 21

Radheshyam works as an auto-rickshaw driver in Mumbai. He meets different people every day and some talk nicely to him and some are rough and rude. He is not bothered as he knows his profession does not engage with nice people all the time.
His auto looks like others and like many auto-rickshaw drivers Radheshyam sings while driving. He has a picture of a cute girl placed in his auto and while driving he keeps looking at her. Out of curiosity I asked him, “she is your daughter, right”. He smiled, “she is my FIRST CHILD, Koyal”. First child, I smiled, how many children do you have? I asked him. “I have only one child and Koyal is my first child”. “So how long you have been married”, I asked him. “I am not married. Actually I was married but not married now. My wife left me just two years after the marriage”, Radheshyam was smiling and talking. People often smile while talking about this state of mind. His smile had satisfaction and contentment of coming back to single status, the bachelorhood, but then this child.
Radheshyam was ready with a reply, “sir, I have adopted Koyal and she is my life-support. She does not know she has been adopted and I don’t tell her also. Why should I? I adopted her just 2 months after my wife left”. But my question was why he is saying “Koyal is the first child”. “Sir, I am adopting another child, this time a boy to complete my family. And the adoption is going to happen very soon. My mother and father take care of Koyal and they are keen to have one more adoption. I am their own son and they want to see me happy. Koyal has put life in my parents who were shattered the day my wife left me. Now they spent most of the time playing with her.”
“But what about your marriage”, I asked Radheshyam. “Sir, marriage is not on cards, I love this bachelorhood and he laughed.”
I was supposed to travel by cab and as it was getting late, I travelled by auto, never thought life comes across with such experiences in such beautiful way. Radheshyam dropped me at my destination but kept me thinking, “we do discussions and debates and deliberations but here people lead simple life and have their own way of streamlining their lives.”
I was seeing “VEDANTA KHUSHI” being implemented.