पीएमसीएच में पॉच बच्चों सहित
45 वर्षीय व्यक्ति का सफल काँकलियर इम्प्लांट
एक साल में मिली 25 परिवारों को ख़ुशी
उदयपुर, काँकलियर इम्प्लांट के चौथे चरण में पेसिफिक मेडिकल काँलेज एंड हाँस्पीटल में पॉच बच्चों एवं 45 वर्षीय मेनएन्जाईटिस से पीडित चित्तौडगढ के अनिल जैन का सफल आँपरेशन के माध्यम से काँकलियर इम्प्लांट प्रत्यारोपित किए गए। सुनने और बोलने में अक्षम ये पॉचो बच्चें आगामी छ महिनों में बोलने एवं सुनने लगेगे। पीएमसीएच के ईएनटी विभाग के विभागाध्यक डॉं.पी.सी अजमेरा ने बताया कि जन्म से ही सुनने और बोलने में अक्षम इन पॉच बच्चों के मॉ बाप की खुशी का अब ठिकाना नहीं है क्यों कि अब इन बच्चों की किलकारियों को वह सुन भी सकेगें और अपनी बातों को भी अपने बच्चों को सुना भी सकेगें। ये सभी बच्चे तीन साल से आठ साल की आयु वर्ग के है। इन सभी पॉचो बच्चो के सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया भोपाल के डॉ एस.पी.दुवे पीएमसीएच के डॉ.पी.सी.अजमेरा, डॉ.राजेन्द्र गोरवाडा.,डॉ हेमेन्द्र बामनिया डॉ मनीष त्यागी,एनेस्थिसिया विभाग के डॉ.आर.के.सिंह एवं डॉ प्रकाश औदित्य की टीम ने।
डॉं. अजमेरा ने बताया कि 21 दिनों के अंतराल में अच्छी तरह से स्थापित होने के बाद बिशेषज्ञ चिकित्सकों द्धारा इस इम्प्लांट को स्वीच आँन किया जाएगा। इस सबके बाद आगामी 2 साल तक इन छहों मरीजो को स्पीच थैरेपी के माध्यम से प्रभाष राज एवं उषा भारती द्वारा बोलने और सुनने मे सक्षम बनाया जाएगा साथ ही बच्चो के अभिभावकों को भी कांउसिंलिग के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इस अवसर पर एक साल में 25 बच्चों को काँकलियर इम्प्लांट के माध्यम से सुनने की सौगात दे चुके पेसिफिक मेडिकल काँलेज एंड हाँस्पीटल के ईएनटी विभाग को पीएमसीएच के चैयरमैन राहुल अग्रवाल ने हार्दिक बधाई दी।
एक साल में मिली 25 परिवारों को ख़ुशी
रैली तथा संगोष्ठी द्वारा स्वास्थ्य योजनाओं का संदेश
उदयपुर में पासपोर्ट शिविर 16 से 21 नवंबर तक
एक मंच पर हिंदू-मुस्लिम प्रतिभाओं का सम्मान
उदयपुर. मुस्लिम महासभा ने एक मंच पर हिंदू-मुस्लिम प्रतिभाओं का सम्मान किया। महासभा के 8वें प्रदेश स्तरीय सम्मान समारोह में प्रदेश के समाज के 351 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य के लिए अन्य समाज के लोगों को भी सद्भावना अवार्ड से सम्मानित किया गया।
समारोह में सांप्रदायिक सद्भावना अवार्ड से सम्मानित होने वालों में उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महिपालसिंह रूपपुरा को दलित परिवारों की सेवा करने पर, जोधपुर के राम स्नेही संप्रदाय के संत रामप्रसाद का सभी धर्मों के लोगों के लिए सामाजिक कार्य करने पर, कोटा के ओ-नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले मोइन कुरैशी का सौ से अधिक बार जरूरतमंदों को ब्लड डोनेट करने पर तथा जयपुर की रेखा किराड़ के ट्राइबल क्षेत्र में जाकर बच्चों को खासकर बालिकाओं को इंदिरा गांधी, कल्पना चावला, मदर टरेसा का उदाहरण देकर शिक्षा के लिए प्रेरित करने पर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मुम्बई के उद्यमी दिनेश लोहार, महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. के. पठान और प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद आलम, प्रदेश उपाध्यक्ष शकील शेख ने कहा कि यह कार्यक्रम सांप्रदायिक सौहार्द का माध्यम है, जहां मुस्लिम समाज की प्रतिभाओं के साथ हिंदू समाज की प्रतिभाओं को नवाजा जाना एक परंपरा बनी है। संचालन मोइन रजा पठान और इरफान बरकाती ने किया।
समारोह में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए अजमेर दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज के सदर असरार अहमद ने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि मुस्लिम समाज की बालिकाएं भी शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल दर्जा पाकर समाज का नाम रोशन कर रही हैं।
यह समाज के लिए गौरव की बात है। शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम समाज में खासकर महिलाओं का प्रतिशत कम रहा है, लेकिन आज वे भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि वतन की एकता के लिए हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बना रहे इसमें शिक्षा महत्वपूर्ण स्थान रखती है। समाज के भामाशाहों को चाहिए कि वे आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा के लिए सहयोग करें।
राजस्थान पुलिस बेड़े में बड़ा बदलाव, एसीबी डीजी और आईजी का ट्रांसफर,
जयपुर, राजस्थान सरकार ने पुलिस बेड़े में अप्रत्याशित और चौंकाने वाला बड़ा फेरबदल किया है। सरकार ने एक आदेश जारी कर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक नवदीप सिंह का तबादला कर दिया है। नवदीप सिंह को तत्काल प्रभाव एसीबी से हटाकर डीजी होमगार्ड के पद पर लगाया है।
इसी तरह से ब्यूरो में महानिरीक्षक पद संभाल रहे हवा सिंह घुमारिया को भी एसीबी से हटाकर महानिरीक्षक विशेष अपराध एवं आर्थिक अपराध शाखा सीबी-सीआईडी के पद पर लगाया है। एडीजी भूपेंद्र सिंह दक को फिलहाल के लिए एसीबी डीजी का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। सरकार ने तीसरा और महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए महानिदेशक गृह रक्षा जसवंत सम्पतराम का तबादला कर उन्हें अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजसीको लगाया गया है। कार्मिक विभाग ने तबादला आदेश जारी कर इन सभी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से अपने विभाग छोड़कर नए पद पर कार्य ग्रहण करने के आदेश दिए हैं।
इसलिए हटाया डीजी एसीबी नवदीप सिंह को
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ केंद्रीय गृह मंत्रालय को एसीबी डीजी नवदीप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थी। जिसके बाद इस बदलाव को हरी झंडी दी गई है।
बताया जा रहा है कि शिकायतों की जांच करने के संबंध में गृह मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेट्री (पुलिस) जीसी यादव ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है।
पत्र में मंत्रालय को मिली शिकायत पर उचित कार्रवाई कर इसकी जानकारी न केवल शिकायतकर्ता को देने बल्कि मंत्रालय को भी भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह मंत्रालय ने चिट्ठी के साथ श्रीगंगानगर जिले के भाजपा भ्रष्टाचार विरोधी मंच के शमशेर की उस शिकायत को भेजा है जो गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भेजी गई थी। शिकायत में शमशेर ने पार्टी एवं मुख्यमंत्री की छवि में लगातार आ रही गिरावट को रोकने के लिए नवदीप सिंह एसीबी के डीजी पद से हटाने की मांग की गई थी।
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व चेयरमैन नरेश साहनी के रिश्वत प्रकरण में एफआर सहित आधा दर्जन मामलों में नवदीप सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
इसमें बताया गया है कि किस तरह से भ्रष्टाचारियों से सांठगांठ करके उन्हें रियायत देने की कोशिश हो रही है। शिकायतकर्ता ने एसीबी के खिलाफ हाईकोर्ट की ओर से समय-समय पर की गई टिप्पणियों का भी हवाला दिया गया है।
उदयपुर से आठ नई उड़ानें शुरू
उदयपुर. दिल्ली व मुंबई के लिए इंडिगो एयरलाइंस की उड़ान सेवा रविवार से शुरू हो गई। इसके तहत चार उड़ान मुंबई-उदयपुर के बीच और चार उड़ान दिल्ली से उदयपुर के बीच निर्धारित की गई है। सवा घंटे में उदयपुर से दिल्ली पहुंच सकेंगे और एक घंटे में दिल्ली से उदयपुर। इसी तरह डेढ़ घंटे में उदयपुर से मुंबई और उतने समय में मुंबई से उदयपुर जा सकेंगे। इंडिगो एयरलाइंस ने 1 अक्टूबर से ही विमानों की टिकट व कारगो बुकिंग शुरू कर दी थी। कंपनी ने चारों जहाज बोइंग-320 शुरू किए हैं। प्रत्येक में 180 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। देशी-विदेशी पर्यटकों के आगमन के सीजन में चार नए विभाग चलने से 720 हवाई यात्री अधिक सफ र कर सकेंगे। उदयपुर रूट पर विमानों का संचालन करने वाली इंडिगो चौथी कंपनी है। इससे पहले एयर इंडिया, जेट एयरवेज और स्पाइस जेट कंपनियों की उड़ानें महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से संचालित हैं।
यह है समय सारिणी
विमान संख्या-कहां से कहां तक- उड़ान का समय- अवतरण का समय-किराया
6ई 746- दिल्ली- उदयपुर-8.25-9.45-2699
6ई 747- उदयपुर-दिल्ली-2.20-3.35-2699
6ई 751-दिल्ली-उदयपुर-1.40-2.45-2699
6ई 752- उदयपुर-दिल्ली-शाम 7.40-शाम 8.40-2699
6ई 749-मुंबई-उदयपुर-12.25-1.50-2699
6ई 748- उदयपुर-मुंबई-10.15-11.40-2699
6ई 764- मुंबई-उदयपुर-शाम 5.20- शाम 6.50-2699
6ई 753- उदयपुर-मुंबई-3.15-4.35-2699
ऐश्वर्या बीएड कॉलेज में नवआगन्तुक छात्रों का स्वागत
उदयपुर । ऐश्वर्या शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के नवआगन्तुक विद्यार्थियों का पाँच दिवसीय अभिनवन कार्यक्रम का शुभारंभ 26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2015 तक आयोजित किया गया। प्राचार्य डॉ. कय्यूम अली बोहरा ने बताया कि अभिनवन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुरली मनोहर शर्मा, सेवानिवृत सह -निदेशक एस.आई.ई.आर.टी. थे। उन्होंने नवआगन्तुक विद्यार्थियों को कहा कि- वह व्यक्तितव का विकास करे एवं उसे अभिव्यक्त करे, अपने उद्देश्यों को स्पष्ट रखे, अपनी प्रतिभा को पहचान कर उसका सदुपयोग करे। विद्यार्थी स्वयं में परिवर्तन लाए जिससे समाज अपने आप बदलेगा। अपनी प्रतिभा को पहचान कर समाज का नवनिर्माण करें, अवसरों का लाभ प्राप्त करें, निराशा का त्याग करें, सृजनात्मकता लाए, स्वयं में सकारात्मक सोच विकसित कर स्व-सीखने की प्रवृति विकसित करें।
अभिनवन कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए परिचय सत्र, खोज एवं प्रतिभा सत्र, वाद-विवाद प्रतियोगिता, टेलेन्ट ऑडिशन आदि मनोरंजक कार्यक्रम रखे गए एवं नवाचार तकनीक ;च्च्ज्द्ध का प्रयोग करते हुए छात्राध्यापकों को दो वर्ष तक होने वाले वर्षपर्यन्त शैक्षिक व सह-शैक्षिक गतिविधियों से अवगत कराया गया।
बी.एड में नवआगन्तुक छात्राध्यापकों का पाँच दिवसीय अभिनवन कार्यक्रम का समापन शुक्रवार 30 अक्टूबर को रखा गया, स्मृति चिन्ह पूर्व छात्र मोहन लाल मीणा ने एवं धन्यवाद की रस्म श्रीमती मोनिका भादवीया द्वारा प्रदान की गई ।
29 वें राष्ट्रीय कृषि विपणन सम्मेलन का समापन
उदयपुर , एम पी यू ए टी में कृषि अर्थशास्त्र विभाग एवं भारतीय कृषि विपणन समिति (आई एस ए एम, हैदराबाद) के साझा प्रयास से आयोजित तीन दिवसीय कृषि विपणन सम्मेलन का समापन शुक्रवार को अनुसंधान निदेशालय में संपन्न हुआ। सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता आई एस ए एम के अध्यक्ष प्रो. आर राधाकृष्णन ने की। इस अवसर पर, अर्थशास्त्र विभागाघ्यक्ष तथा सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. एस एस बुरड़क, सोसाइटी के सचिव डॉ टी सत्यनारायणन, जाने माने अर्थशास्त्री – कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ एस एस आचार्य, जे एन यू की एमिरिटस प्रो.शीला भल्ला सहित अनेक कृषि अर्थशास्त्र विशेषज्ञ उपस्थित थे।
प्रो. आर राधाकृष्णन ने सम्मेलन के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृषि विपणन के क्षेत्र में उत्पादक तथा उपभोक्ता दोनों के हितों में संतुलन बनाते हुुए मूल्य सुधरों को लागु किये जाने की आवश्यकता है ।
समापन सत्र के तीनों थीम एरिया पर आयोजित तकनीकि सत्रों के अध्यक्षों ने अपनी तकनीकि रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी।जिस पर सभी विशेषज्ञांें ने गहन मंथन किया। इस प्रकार तीन दिवसीय कृषि विपणन के राष्ट्रीय सम्मेलन में निम्न अनुशंषाऐं दी गयी ।
1. सम्मेलन के प्रथम थीम क्षेत्र का विषय दलहन, तिलहन, उद्यानिकी व रेशे वाली फसलों के विपणन में राज्यों की भूमिका पर केंद्रित रहा। इस दौरान शोध पत्रों के माध्यम से निम्न अनुशंषाऐं उभर कर आईः-
1.कृषि उत्पादों के विपणन में बाजार नियंत्रण को ब्लाक स्तर तक बढाने की अवश्यकता।
2. कृषि के क्षेत्र में सहकारी संस्थाओं की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाऐं जिससे उत्पादों की विपणन लागत को धटाया जा सकें।
3. कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन हेतु अधिकाधिक उद्योगों की स्थापना के प्रयास किए जाएंे।
4. कृषि उत्पादों के विपणन हेतु मोबाइल बाजार की सम्भावनाऐं तलाशी जाएंे जिससे कृषक के खेत से सीधे उपभोक्ता के द्वार तक ताजे व उच्च गुणवत्ता के उत्पाद पहुँचाएंे जा सकें।
5. दलहनों के लिये बफर स्टाक बनाया जाय तथा समर्थन मूल्यों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
6. तिलहनों के 1980 के दशक के विपणन पैकेज को पुनः स्थापित किया जाए।
2 सम्मेलन की द्वितीय थीम मत्स्य एवं मत्स्य उत्पादों के विपणन में 12 शोध पत्रों का वाचन किया गया। इन शोधपत्रों के माध्यम से मुख्यतः निम्न अनुशंषाऐं सामने आईः-
1 मछली पालन की विभिन्न विधाओं को बढावा दिया जाना चाहिए गरीबी उन्मूलन एवं रोजगार उबलब्ध करवाने में इसकी महती भूमिका सिद्ध होगी।
2 मत्स्य विकास प्राधीकरण एवं राष्ट्रीय मत्स्यकी विकास बोर्ड की मत्स्य विकास एवं नीतियों के पालन में महती भूमिका।
3 मत्स्यकी के क्षेत्र में आसान वित्त, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, नियंत्रित विपणन व बाजार की आवश्यकता।
4 बहुरंगी मछली पालन एवं व्यवसाय में स्वरोजगार प्रदान करने की अच्छी क्षमता को देखते हुए इसे बढावा देने की आवश्यकता ।
5 मछली निर्यात को बढावा देने के लिए नवीन पर्यावरण प्रबंध एवं गुणवत्ता की जाँच करने हेतु अधिक टेस्टिंग प्रयोगशालाओं की स्थापना की आवश्यकता।
3. तृतीय थीम राजस्थान में कृषि विपणन के नवोन्मेषी सुधारों की स्थिति एवं समीक्षा पर केंद्रित रही । इस सेशन में 21 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। इस की मुख्य अनुशंषाऐं इस प्रकार रहीेें-
1 कृषि नवोन्मेषी परियोजना के अंतर्गत बुवाई के पूर्व एवं कटाई पूर्व फसल उत्पादन के मूल्यों का पूर्वानुमान 90 से अधिक सटीक साबित हुआ जिससे कृषकों को फसल की बुवाई एवं विपणन के निर्णय लेने में बहुत मदद मिली, अतः इस प्रकार की परियोजनाओं की निरंतरता बनाऐ रखने एवं देश के सभी जिलों में कम से कम एक ऐसा केंन्द्र स्थपित करने की आवश्यकता है।
2 स्थानीय फसलों की बहुलता व व्यापकता को देखते हुए क्षेत्र विशेष के विशिष्ट खाद्य संरक्षण , भंडारण, प्रसंस्करण व विपणन की व्यवस्थाओं को नीति निर्धारण में प्राथमिकता देने की आवश्यकता।
3 बाजार व विपणन की व्यापकता को देखते हुए ई-मार्केटिंग एवं ई-अँाक्श्न को बढाने की आवश्यकता।
4 कृषि उत्पाद विपणन समिति के अंतर्गत संचालित कृषक कल्याणकारी योजनोओं के पुनरावलोकन की आवश्यकता ।
5 राजस्थान की वर्षा आधारित फसलों के समर्थन मूल्यों की पुनः समीक्षा।
उपरोक्त अनुशंषाओं को भारत एवं राज्य सरकारों के साथ ही कृषि विपणन एवं नीति निर्माण से जुडी सभी प्रमुख संस्थाओं कृषि विश्वविद्यालयों इत्यादि को भेजा जाएगा। सम्मेलन के प्रस्तुत शोधपत्रों का प्रकाशन कृषि विपणन सोसाइटी द्वारा किया जाएगा।
कार्यक्रम का समापन अतिथियों को प्रतीक चिह्न देकर किया गया। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. एस एस बुरड़क ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ लतिका शर्मा ने किया।
डॉक्टरों की लापरवाही से महिला को सड़क पर हुआ प्रसव
उदयपुर। अदालत ने गुरूवार को न्यायालय आदेश की अवमानना प्रकरण में निर्णय देते हुए तत्कालिन नगर विकास प्रन्यास अध्यक्ष सहित तीन जनों को दो माह के कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार परिवादी दया लाल चौधरी ने अदालत में परिवाद दिया था कि उसके पिता धनराज चौधरी का सवीना में तीस गुणा बीस वर्ग फिट का एक भूखण्ड है जिसको अवैध निर्माण बताते हुए यूआईटी निर्माण नहीं करने दे रही थी जिस पर २६ जुलाई २००३ को परिवादी अदालत से स्थगन आदेश लेकर आया। अदालत के निर्णय के विरूद्घ यूआईटी ने जिला सत्र न्यायालय में अपील दायर की जहां से न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को यथावत रखते हुए यूआईटी की अपील खारिज कर दी। परिवादी ने न्यायालय को बताया कि यूआईटी ने अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए १४ जून २००६ को उक्त भूखण्ड पर निर्मित एक एसटीडी बूथ, बाउण्ड्रीवाल एवं एक कोटडी को जबरन ध्वस्त कर दिया था। परिवादी ने इस मामले में तत्कालिन यूआईटी अध्यक्ष शिव किशोर सनाढय, यूआईटी सचिव उज्जवल राठौ$ड तथा तत्कालिन कार्यवाही तहसीलदार मुकेश जानी, जिला कलेक्टर शिखर अग्रवाल, एडीएम सिटी राजीव जैन तथा तत्कालिन सहायक आयुत्त* देवस्थान मुकेश बारहठ को मुल्जिम बनाया।
अदालत ने आज अपने पै*सले में यूआईटी अध्यक्ष सनाढय, सचिव राठौड तथा कार्यवाही तहसीलदार जानी को मामले में दोषी करार देते हुए दो माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई। शेष तीन को दोषी नहीं मानते हुए बरी कर दिया।
पूर्व यूआईटी अध्यक्ष सहित तीन को २ माह का कारावास
उदयपुर। अदालत ने गुरूवार को न्यायालय आदेश की अवमानना प्रकरण में निर्णय देते हुए तत्कालिन नगर विकास प्रन्यास अध्यक्ष सहित तीन जनों को दो माह के कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार परिवादी दया लाल चौधरी ने अदालत में परिवाद दिया था कि उसके पिता धनराज चौधरी का सवीना में तीस गुणा बीस वर्ग फिट का एक भूखण्ड है जिसको अवैध निर्माण बताते हुए यूआईटी निर्माण नहीं करने दे रही थी जिस पर २६ जुलाई २००३ को परिवादी अदालत से स्थगन आदेश लेकर आया। अदालत के निर्णय के विरूद्घ यूआईटी ने जिला सत्र न्यायालय में अपील दायर की जहां से न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को यथावत रखते हुए यूआईटी की अपील खारिज कर दी। परिवादी ने न्यायालय को बताया कि यूआईटी ने अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए १४ जून २००६ को उक्त भूखण्ड पर निर्मित एक एसटीडी बूथ, बाउण्ड्रीवाल एवं एक कोटडी को जबरन ध्वस्त कर दिया था। परिवादी ने इस मामले में तत्कालिन यूआईटी अध्यक्ष शिव किशोर सनाढय, यूआईटी सचिव उज्जवल राठौ$ड तथा तत्कालिन कार्यवाही तहसीलदार मुकेश जानी, जिला कलेक्टर शिखर अग्रवाल, एडीएम सिटी राजीव जैन तथा तत्कालिन सहायक आयुत्त* देवस्थान मुकेश बारहठ को मुल्जिम बनाया।
अदालत ने आज अपने पै*सले में यूआईटी अध्यक्ष सनाढय, सचिव राठौड तथा कार्यवाही तहसीलदार जानी को मामले में दोषी करार देते हुए दो माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई। शेष तीन को दोषी नहीं मानते हुए बरी कर दिया।