
महाघूस काण्ड के सभी आरोपियों की हुई जमानत

क्या निगम ने वरुण मॉल को सीज कर बाकी अवैध निर्माणकर्ताओं को सेटलमेंट करने की धमकी दी है ?

उदयपुर। वरुण मॉल जैसे बड़े शॉपिंग मॉल को अगर सीज कर सकते है तो बाकी को भी नहीं बख्शेंगे इसलिए चाहो तो सेटलमेंट के लिए रास्ता खुला है। ऐसे ही आरोप अब नगर निगम की सत्ता पक्ष और महापौर पर लगाए प्रतिपक्ष द्वारा लगाए जा रहे है। प्रतिपक्ष नेता मोहसिन खान का कहना है कि जहाँ शहर में सैकड़ों अवैध निर्माण है नियम के विरुद्ध बहुमंजिला इमारते खड़ी होगयी है वहां सिर्फ वरुण मॉल के गरीब दुकानदारों को निशाना बना कर। बहुमंजिला इमारतों के धन्ना सेठो को चेतावनी दी गयी है। इतने समय बाद भी इन धन्ना सेठों पर कार्रवाई नहीं कर महापौर की मंशा झलक रही है कि धन्ना सेठों से सेटलमेंट किया जासकता है।
वरुण मॉल को लेकर प्रतिपक्ष नेता मोहसिन खान ने महापौर की नियत पर सवाल उठाया है। जो बात सत्ता पक्ष के कुछ पार्षद दबी जुबान में कह रहे है वही बात विपक्ष के नेता और कांग्रेसी पार्षद खुल कर इस बात को बोल रहे है, कि वरुण माल पर कार्रवाई सिर्फ एक धमकी भरा दिखावा है। असल में एक तरह से शहर के उन सैकड़ों अवैध निर्माण कर्ताओं को दी गयी धमकी है, जिन्होंने नियमों के विरुद्ध बहुमंजिला निर्माण खड़े कर दिये है। उन बहुमंजिला निर्माण कर्ताओं को वरुण माल के जरिये सेटलमेंट के लिए न्योता दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो अब तक कितने ही अवैध बहुमंजिला निर्माणों पर निगम की कार्रवाई हो चुकी होती।
आज प्रतिपक्ष के नेता मोहसिन खान ने वरुण माल के मामले में महापौर को घेरते हुए सवाल उठाते और महापौर पर आरोप लगाया है। मोहसिन खान ने वरुण माल पर कारवाई सिर्फ एक धमकी है जो उन सेकडों बहुमंजिला निर्माण कर्ताओं को दी गयी है जिन्होंने नियमों के विरुद्ध जाकर निर्माण किये है। मोह्सिल ने कहा कि एक तरह से वरुण माल अवैध निर्माण कर्ताओं को दबाव में लेकर सेटलमेंट का जरिया बन गया लगता है। क्यों कि वरुण माल की कारवाई के बाद महापौर ने कहा था कि शहर के सभी नियमों के विरुद्ध कारवाई करने वालों के खिलाफ कारवाई होगी लेकिन आज तक एक भी कारवाई नहीं की गयी। ऐसे में महापौर भी शक के घेरे माँ आगये है उन कि नियत पर भी शक होता है। मोहसिन खान ने निशाना साधते हुए कहा की क्या सत्ता पक्ष इन बिल्डरों से सेटलमेंट करना चाहते है इसीलिए वरुण मॉल को हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया।
समझौता समिति की सदस्य कांग्रेस पार्षद अमिता गौड़ ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि वरुण मॉल तो सिर्फ बाकी के बिल्डरों को डराने के लिए की गयी कार्रवाई है। इसकी आड़ में जाने कितने खेल खेले जारहे है। इन सब में वरुण मॉल के व्यापारी सफर कर रहे है।
कैसे भारत के हाथ से छिटका कोहिनूर?
कोहिनूर हीरा एक बार फिर चर्चा में है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा है कि ये हीरा ना तो चुराया गया था और ना ही बलपूवर्क ले जाया गया था.
क्या है कोहिनूर और क्यों इतना मशहूर है यह. इसको लेकर जब तब इतनी चर्चा क्यों होती रहती है?

कोहिनूर में क्या क्या ख़ास है, देखिए एक नज़र में.
1. कोहिनूर दुनिया का सबसे मशहूर हीरा है. मूल रूप से आंध्र प्रदेश के गोलकोंडा ख़नन क्षेत्र में निकला था कोहिनूर.
2. मूल रूप में ये 793 कैरेट का था. अब यह 105.6 कैरेट का रह गया है जिसका वजन 21.6 ग्राम है. एक समय इसे दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता था.
3. कोहिनूर के बारे में पहली जानकारी 1304 के आसपास की मिलती है, तब यह मालवा के राजा महलाक देव की संपत्ति में शामिल था.
4. इसके बाद इसका जिक्र बाबरनामा में मिलता है. मुगल शासक बाबर की जीवनी के मुताबिक, ग्वालियर के राजा बिक्रमजीत सिंह ने अपनी सभी संपत्ति 1526 में पानीपत के युद्ध के दौरान आगरा के किले में रखवा दी थी. बाबर ने युद्ध जीतने के बाद किले पर कब्ज़ा जमाया और तब 186 कैरेट के रहे हीरे पर भी कब्जा जमा लिया. तब इसका नाम बाबर हीरा पड़ गया था.
5. इसके बाद ये हीरा मुगलों के पास ही रहा. 1738 में ईरानी शासक नादिर शाह ने मुगलिया सल्तनत पर हमला किया. 1739 में उसने दिल्ली के तब के शासक मोहम्मद शाह को हरा कर उसे बंदी बना लिया और शाही ख़जाने को लूट लिया. इसमें बाबर हीरा भी था. इस हीरे का नाम नादिर शाह ने ही कोहिनूर रखा.
6. नादिर शाह कोहिनूर को अपने साथ ले गया.1747 में नादिर शाह के अपने ही लोगों ने उनकी हत्या कर दी. इसके बाद कोहिनूर नादिर शाह के पोते शाह रुख़ मिर्ज़ा के कब्ज़े में आ गया.
7. 14 साल के शाह रुख़ मिर्ज़ा की नादिर शाह के बहादुर सेनापति अहमद अब्दाली ने काफी मदद की तो शाह रुख़ मिर्जा ने कोहिनूर को अहमद अब्दाली को ही सौंप दिया.

8. अहमद अब्दाली इस हीरे को लेकर अफ़ग़ानिस्तान तक पहुंचा. इसके बाद यह हीरा अब्दाली के वंशजों के पास रहा.
9. अब्दाली का वंशज शुजा शाह जब लाहौर पहुंचा तो कोहिनूर उसके पास था. पंजाब में सिख राजा महाराजा रणजीत सिंह का शासन था. जब महाराजा रणजीत सिंह को पता चला कि कोहिनूर शुजा के पास है, तो उन्होंने उसे हर तरह से मनाकर 1813 में कोहिनूर हासिल कर लिया.
10. रणजीत सिंह कोहिनूर हीरे को अपने ताज में पहनते थे. 1839 में उनकी मौत के बाद हीरा उनके बेटे दिलीप सिंह तक पहुंचा.
11. 1849 में ब्रिटेन ने महाराजा को हराया. दिलीप सिंह ने लाहौर की संधि पर तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी के साथ हस्ताक्षर किए. इस संधि के मुताबिक कोहिनूर को इंग्लैंड की महारानी को सौंपना पड़ा.
12. कोहिनूर को लॉर्ड डलहौजी 1850 में लाहौर से मुंबई ले कर आए और वहां से छह अप्रैल, 1850 को मुंबई से इसे लंदन के लिए भेजा गया.
13. तीन जुलाई, 1850 को इसे बकिंघम पैलेस में महारानी विक्टोरिया के सामने पेश किया गया. 38 दिनों में हीरों को शेप देने वाली सबसे मशूहर डच फर्म कोस्टर ने इसे नया अंदाज दिया. इसका वजन तब 108.93 कैरेट रह गया. यह रानी के ताज का हिस्सा बना. अब कोहिनूर का वजन 105.6 कैरेट है.
14. स्वतंत्रता हासिल करने के बाद 1953 में भारत ने कोहिनूर की वापसी की मांग की थी, जिसे इंग्लैंड ने अस्वीकार कर दिया था.
15. 1976 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फ़िकार अली भुट्टो ने भी इसकी मांग की थी, जिसे ब्रिटेन ने ख़ारिज़ कर दिया था.
सो . – बीबीसी हिंदी
IPL के लिए भगौड़े ललित मोदी के संपर्क में CM : कांग्रेस
जयपुर। आईपीएल के तीन मैचों की मेजबानी महाराष्ट्र से जयपुर को मिलने के साथ ही अब इसे लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने जयपुर में आईपीएल मैचों के आयोजन को निराधार बताया है। साथ ही राज्य सरकार को इस मामले में आढ़े हाथ लेने की कोशिश भी की है।
कांग्रेस पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने राज्य सरकार पर हल्ला बोला है। उन्होंने आईपीएल मैचों के जयपुर में आयोजन के लिए प्रदेश की सीएम के भगौड़े ललित मोदी से संपर्क होने की ओर इशारा किया है।
डूडी ने कहा कि ये साफ़ जाहिर है कि देश के भगौड़े ललित मोदी से प्रदेश की मुख्यमंत्री के ताल्लुकात अभी भी बने हुए हैं क्योंकि खींवसर मुख्यमंत्री से बिना पूछे कोई कदम नहीं उठा सकते।
‘सरकार ने दिया दुविधाओं को न्यौता’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना किसी होमवर्क के आईपीएल मैचों के आयोजन का निर्णय लेकर दुविधाओं को न्यौता है क्योंकि राज्य सरकार के पास क्रिकेट विषेषज्ञों और मैचों के आयोजन से संबंधित संसाधन का अभाव है। जिसके लिए उसे राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) पर निर्भर रहना पड़ेगा। लेकिन आरसीए विवादों में घिरी है और उसका नियंत्रण देश के भगौड़े ललित मोदी के हाथों में है।
‘इतनी फुर्ती सूखे-पानी संकट ने निपटने पर दिखाये सरकार’
डूडी ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह की फुर्ती आईपीएल मैचों को लेकर दिखाई है ऐसी ही फुर्ती वो प्रदेश में व्याप्त सूखे, पानी की कमी, ऊर्जा संकट जैसे मुद्दों का सामना करने में भी दिखाते।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वे क्रिकेट खेल के विरोधी नहीं है, लेकिन राजस्थान और महाराष्ट्र में व्याप्त सूखे की स्थिति और पानी की कमी के हालात में कोई अंतर नहीं है। यदि प्रदेश में हालात ठीक हों तो क्रिकेट मैचों के आयोजन हो सकते हैं, लेकिन आज के हालात ऐसे नहीं है कि यहां मैच कराये जा सकें।
‘प्रदेश की स्थिति मैच के लिए सही नहीं’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्रिकेट मैच के आयोजन से बड़ा प्रश्न यह है कि राज्य सरकार प्रदेश में व्याप्त सूखे और पानी की कमी से मुकाबले के लिए क्या कार्रवाई कर रही है। पूरे प्रदेष में पशुओं के लिए चारा और पानी का संकट है। प्रदेश के नगरों, कस्बों से लेकर गांव-ढाणियों तक सुचारू पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। चारों तरफ पानी की कमी साफ दिख रही है। राजधानी जयपुर भी इससे अछूता नहीं है।
डूडी ने कहा कि ऐसे में राज्य सरकार ने आईपीएल मैच के आयोजन का निर्णय लेकर कोई समझदारी नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदेश में तत्काल सूखा घोषित करना चाहिए और पानी की कमी से जूझती जनता को राहत पहुंचानी चाहिए।
Fingerprint से खुलेगी सालों बाद होने वाली डिजीज!
बच्चों में होने वाली दांत की बीमारियों का पता अब बचपन में ही चल जाएगा। इसकी जानकारी बच्चे के फिंगरप्रिंट से ली जा सकेगी। यह शोध लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की डेंटल फैकल्टी (पीडियाट्रिक एंड प्रिवेेंटिव डेंटिस्ट्री) की डॉ. गरिमा जिंदल ने किया है। उनके मुताबिक, दांत से जुड़ी गंभीर बीमारियां जेनेटिक होती हैं और फिंगरप्रिंट का सीधा संबंध जीन से होता है।
तीन तरह के होते हैं फिंगर प्रिंट
फिंगरप्रिंट पैटर्न तीन प्रकार के होते हैं। इनमें ट्रू वर्ल, लूप्स और प्लेन आर्च हैं। अध्ययन में पाया गया है कि ट्रू वर्ल वाले बच्चों के दांत सामान्य जबकि लूप्स फिंगरप्रिंट वाले बच्चों का ऊपरी जबड़ा आगे की तरफ व प्लेन आर्च वाले बच्चों का निचला जबड़ा आगे की तरफ निकलता है।
बचपन के फिंगरप्रिंट कारगर
डॉ. गरिमा ने बताया, बच्चों के दांत और जबड़े में बदलाव एक साल से लेकर वयस्क होने तक जारी रहता है। ऐसे में तीन-चार साल की उम्र में फिंगरप्रिंट लिए जाएं तो किशोरावस्था या वयस्क होने पर होने वाली दांत की बीमारियों का पता चल जाएगा। शोध 12 से 16 वर्ष की उम्र के 237 बच्चों पर किया गया है। पीडियाट्रिक एंड प्रिवेेंटिव डेंटिस्ट्री के हैड डॉ. आरके पांडेय के नेतृत्व में यह शोध हुआ।
अमिताभ- जया 24 को उदयपुर में
उदयपुर. बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन और जया बच्चन 24 अप्रेल को उदयपुर में कल्याण ज्वेलर्स के एक्सक्लूसिव शोरूम का उद्घाटन करेंगे।
जानकारी के अनुसार, कल्याण ज्वेलर्स के ब्रांड एम्बेसेडर्स अमिताभ बच्चन और जया बच्चन 24 अप्रेल को जयपुर, उदयपुर और जोधपुर में फर्म के तीन एक्सक्लूसिव शोरूम का उद्घाटन करेंगे। कल्याण ज्वेलर्स के चेयरमैन टीएस कल्याणरमन ने बताया कि अमिताभ और जया एक ही दिन राजस्थान के तीनों शहरों का दौरा करेंगे। सबमें समूचे देश से कल्याण की लोकप्रिय पोलकी, गोल्ड, डायमंड और रत्नजडि़त आभूषणों की विस्तृत शृंखला पेश की जाएगी। कल्याण के चर्चित ब्रांडों के प्रदर्शन के लिए विशिष्ट स्थान रखा गया है। इसके लिए तीनों शोरूम में अलग से मंजिल होगी। गौरतलब है कि कल्याण ज्वेलर्स के वित्तीय वर्ष 2015-16 में अब तक 13 नए शो रूम्स लॉन्च होने के अलावा एक महीने में राजस्थान में तीन सहित छह नए शोरूम खोलने की योजना से कंपनी 100 शो रूम्स के आंकड़े पर पहुंच जाएगी।
नगर हुआ महावीरमय
उदयपुर । भगवान महावीर के 2615वां जन्म कल्याणक महोत्सव शहर भर में हर्सोल्लास के साथ मनाया गया। सकल जैन समाज द्वारा भगवान महावीर के जन्मोत्सव के उपलक्ष में विशाल शोभायात्रा निकाली गयी। पूरा शहर महवीरमय हो गया। शहर के विभिन्न चौराहों, गली-मोहल्ले आदि की विशेष सजावट की गई। हर ओर भगवान महावीर और शोभायात्रा के झंडे लहरा रहे थे । सकल जैन समाज और उसके विभिन्न संगठन द्वारा सुबह प्रभातफेरी भी निकाली गयी।
भगवान महावीर के 2615वां जन्म कल्याणक महोत्सव पर झीलों की नगरी भगवान महावीर के आदर्शों और संदेशों के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा सुबह 8.30 बजे नगर निगम परिसर से तपोनिधि अलंकरण जीवनसिंह लीलादेवी मेहता के ध्वजा रोहण से शुभारम्भ हुआ । शोभायात्रा टाउनहॉल लिंक रोड से रवाना होकर बापू बाजार, देहलीगेट, भूपालवाड़ी, सिंधी बाजार, मुखर्जी चौक, मार्शल चौराहा, सूरजपोल होते हुए फतह स्कूल पहुंची। यात्रा का विभिन्न समाज और संगठनोपन द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया।
शोभायात्रा के आरंभ में जैन ध्वज से सजी धजी एस्कॉर्ट थी। इसके पीछे बच्चे स्केटिंग करते आगे बढ़ रहे थे। शहनाई वादक भक्ति धुनें बिखेरते चल रहे थे। शोभायात्रा में सामाजिक कुरीतियों की रोकथाम के साथ पर्यावरण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता, भगवान महावीर के 5 महाव्रत, कन्या भ्रूण हत्या रोकने, जल संरक्षा, सेवा एवं परोपकार, नशामुक्ति तथा शाकाहार से सम्बन्धित झांकियां सजी हुई थी।
कोषाध्यक्ष कुलदीप नाहर ने बताया कि सम्पूर्ण जुलूस की व्यवस्था जैन जागृति सेंटर के अध्यक्ष महेन्द्र तलेसरा के नेतृत्व में सभी पदाधिकारी ने संभाली। सभी पदाधिकारियों को वॉकी टॉकी दिए गए थे जिन्होंने रास्ते भर जुलूस की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा। शहर के सभी मुख्य मुख्य चौराहों पर शहर के टेंट हाउस की ओर से भव्य सजावट की गई । रास्ते में स्वाागत द्वार लगाए गए थे । रास्ते में स्टॉलें लगाकर शीतल पेय, मिल्क रोज, छाछ आदि का वितरण किया गया ।
मुख्यसंरक्षक फत्तावत ने बताया कि शोभा यात्रा के बाद फतह स्कूल में हुआ सम्मान समारोह में समाज के विशिष्ट लोगों को 2016 के अलंकरणों से नवाजा गया। इसमें सूरत के मिलन एम शाह को समाज भूषण, सूरत के धनपतराज जैन को समाज गौरव, गोगुंदा के व्यवसायी शांतिलाल दिनेश कुमार हर्षकुमार मेहता को समाज रत्न, भारतीय जैन संगठन के प्रदेशाध्यक्ष संप्रति सिंघवी को समाज विभूति, कोयम्बटूर के प्रमोद सामर को समाज निधि, पूर्व महापौर रजनी डांगी को नारी गौरव, युवा व्यवसायी अौर सीए डॉ. महावीर चपलोत को युवा रत्न और युवा उद्यमी नितुल चंडालिया को युवा गौरव सम्मान से नवाजा गया।
साली से एक तरफा इश्क के चलते साडू की करदी ह्त्या

भारत में व्हाट्सऐप पर जल्द लग सकता है बैन
पिछले साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने व्हाट्ऐप, स्नैपचैट, आई-मेसेज पर बैन लगाने की इच्छा जाहिर की थी। अब जबकि व्हाट्ऐप ने एंड टु एंड इंक्रिप्सन फीचर पेश कर दिया है तो सरकार और व्हाट्ऐप के बीच तनातनी बढ़ सकती है। एंड टु एंड इंक्रिप्सन के आने से व्हाट्ऐप किसी भी देश की सरकार की पहुंच से दूर हो गया है। इससे कई देश इसे बैन करने का मन बना रहे हैं। इन देशों में भारत भी शामिल है।
भारत में इस पर प्रतिबंध लगने की खबर आ रही है। भारत में WhatsApp पर प्रतिबंध इसलिए हो सकता है क्योंकि Whatsapp ने अपने फीचर में एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन जोड़ा है। यह फीचर भारतीय टेलीकॉम नियमों के खिलाफ बताया गया है।
Whatsapp में यूजर्स सिर्फ 40-बीट इनक्रिप्शन का ही इस्तेमाल कर सकते है पर इसे 256-बीट इनक्रिप्शन का यूज किया जा रहा है।
जो लोग भारत में इसका इस्तेमाल कर रहे है उसे गैरकानूनी तरीका माना जा रहा है। जो यूजर्स Whatsapp के इन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करना चाहते है उन्हें पहले सरकार से अनुमति लेना पड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
मेरे ख्वाजा के दीवानों का उमडा सैलाब – उर्स की रोनक रही शबाब पर
उदयपुर . हिंदल वली हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 804वें उर्स में आज कुल की रस्म के साथ चिश्तिया रंग छा गया है। दरगाह क्षेत्र में हर तरफ गरीब नवाज के दीवाने नजर आ रहे हैं। गरीब नवाज की सदाएं लगाते जुलूस के रूप में चादर लाने का सिलसिला अब भी जारी है। आशिकान ए ख्वाजा के सिरों पर गरीब नवाज के दर की दस्तारबंदी नजर आ रही है। हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के उर्स के छोटे कुल व छठी की रस्म में शरीक होने के लिए गरीब नवाज के दीवानों व मतवालों का बुधवार रात को सैलाब उमड़ पड़ा। उर्स की रौनक शबाब पर है और हर तरफ चिश्तिया रंग छाया हुआ है।
कुल की फातेहा में हिन्दुस्तान से आये हर ख्वाजा के दीवाने ने मुल्क में अमनो अमन की दुआ मांगी. घंटों तेज धुप में खड़े ख्वाजा के दीवानों की दीवानगी का यह आलम था के आँखों से आंसू बह रहे थे और हाथ दुआ में उठे हुए थे . कुल की फातेहा के दौरान सिर्फ दरगाह में ही नहीं पुरे क्षेत्र की आसपास की इमारतों सडकों पर लोगों के हाथ दुआ में उठे हुए थे .
