इन वजहों से मोदी सरकार से नाराज होगा मिडिल क्लास!

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मोदी सरकार अपने तीसरे बजट में गरीबों पर तो मेहरबान दिखी लेकिन नौकरीपेशा और मिडिल क्लास को उसने कोई बड़ी राहत नहीं दी.

इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं

पिछली बार की तरह इस बार भी नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग इनकम टैक्स में छूट और बढ़ने की उम्मीद लगाए हुए बैठा था लेकिन वित्त मंत्री के पिटारे से इस बार भी कुछ नहीं निकला. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया यानि टैक्स में छूट की सीमा पहले की तरह ढाई लाख रुपये ही है. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख कमाने वालों को 10 फीसदी, पांच से 10 लाख रुपये कमाने वालों को 20 फीसदी और 10 लाख से ज्यादा कमाने वालों को 30 फीसदी टैक्स लगता है.

सर्विस टैक्स बढ़ने से जेब ढीली

मोदी सरकार ने सर्विस टैक्स को 14.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है. अब इस पर आधा फीसदी किसान कल्याण कर वसूला जाएगा. यानि मीडिल क्लास को राहत तो नहीं मिली लेकिन बोझ जरूर बढ़ा दिया है. इसका मतलब ये हुआ है कि रेस्टोरेंट में खाना-पीना हो या फिर फोन, मोबाइल, बिजली के बिल या फिर और दूसरी सेवाएं इस पर अब आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी.

डिविडेंड ड्रिस्ट्रीब्यूशन टैक्स लगेगा

वित्त मंत्री ने बजट में एलान किया है कि अगर किसी शेयरधारक का डिविडेंड यानि लाभांश दस लाख रुपये या उससे ज्यादा है तो उसे अपनी आय पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा.

अगर आपने किसी कंपनी के शेयर खरीद रखें हैं और उससे आपको सालाना 10 लाख की आमदनी हो रही है तो आप इसके दायरे में आ जाएंगें यानि यहां भी आपकी जेब पर कैंची चलाई गई है.

छोटे करदाताओं को मामूली राहत

हालांकि वित्त मंत्री ने छोटे करदाताओं पर थोड़ी मेहरबानी जरूर दिखाई है. सालाना पांच लाख इनकम वालों को तीन हजार रुपए की अतिरिक्त छूट दी गई है. इसके साथ ही हाउस रेंट की छूट 24000 से बढ़ाकर 60000 रुपए कर दी गई है. इस छूट को इस तरह से समझ सकते हैं जिन कर्मचारियों को कंपनी हाउस रेंट अलाउंस यानि एचआरए नहीं देती है तो सरकार मकान किराया 24 हजार मानकर टैक्स में छूट दे रही थी. अब सरकार ने ने ये छूट 60 हजार रुपये तक बढ़ा दी है. वित्तमंत्री ने कहा कि छोटे टैक्सपेयर को राहत देने के लिए हाउस रेंट की छूट बढ़ाई जा रही है.

इस बजट में पहली बार मकान खरीदने वालों को भी छूट दी गई है. पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए 35 लाख तक के कर्ज पर 50 हजार रुपये ब्याज छूट दी गयी है बशर्ते मकान 50 लाख तक की होनी चाहिए.

Budget 2016: सरकार गरीबों पर मेहरबान, मिडिल क्लास पर महंगाई की मार

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मोदी सरकार अपने तीसरे बजट में गरीबों पर तो मेहरबान दिखी लेकिन नौकरीपेशा और मिडिल क्लास को उसने कोई बड़ी राहत नहीं दी. पिछली बार की तरह इस बार भी नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग इनकम टैक्स में छूट और बढ़ने की उम्मीद लगाए हुए बैठा था लेकिन वित्त मंत्री के पिटारे से इस बार भी कुछ नहीं निकला. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया यानि टैक्स में छूट की सीमा पहले की तरह ढाई लाख रुपये ही है. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख कमाने वालों को 10 फीसदी, पांच से 10 लाख रुपये कमाने वालों को 20 फीसदी और 10 लाख से ज्यादा कमाने वालों को 30 फीसदी टैक्स लगता है.

सर्विस टैक्स बढ़ने से जेब ढीली
मोदी सरकार ने सर्विस टैक्स को 14.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है–अब इस पर आधा फीसदी किसान कल्याण कर वसूला जाएगा. यानि मीडिल क्लास को राहत तो नहीं मिली लेकिन बोझ जरूर बढ़ा दिया है–इसका मतलब ये हुआ है कि रेस्टोरेंट में खाना-पीना हो या फिर फोन, मोबाइल, बिजली के बिल या फिर और दूसरी सेवाएं–इस पर अब आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी.

डिविडेंड ड्रिस्ट्रीब्यूशन टैक्स लगेगा
वित्त मंत्री ने बजट में एलान किया है कि अगर किसी शेयरधारक का डिविडेंड यानि लाभांश दस लाख रुपये या उससे ज्यादा है तो उसे अपनी आय पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा. अगर आपने किसी कंपनी के शेयर खरीद रखें हैं और उससे आपको सालाना 10 लाख की आमदनी हो रही है तो आप इसके दायरे में आ जाएंगें. यानि यहां भी आपकी जेब पर कैंची चलाई गई है.

छोटे करदाताओं को मामूली राहत
हालांकि वित्त मंत्री ने छोटे करदाताओं पर थोड़ी मेहरबानी जरूर दिखाई है. सालाना पांच लाख इनकम वालों को तीन हजार रुपए की अतिरिक्त छूट दी गई है. इसके साथ ही हाउस रेंट की छूट 24000 से बढ़ाकर 60000 रुपए कर दी गई है. इस छूट को इस तरह से समझ सकते हैं जिन कर्मचारियों को कंपनी हाउस रेंट अलाउंस यानि एचआरए नहीं देती है तो सरकार मकान किराया 24 हजार मानकर टैक्स में छूट दे रही थी. अब सरकार ने ने ये छूट 60 हजार रुपये तक बढ़ा दी है.

वित्तमंत्री ने कहा कि छोटे टैक्सपेयर को राहत देने के लिए हाउस रेंट की छूट बढ़ाई जा रही है. इस बजट में पहली बार मकान खरीदने वालों को भी छूट दी गई है. पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए 35 लाख तक के कर्ज पर 50 हजार रुपये ब्याज छूट दी गयी है बशर्ते मकान 50 लाख तक की होनी चाहिए.

आम बजट 2016 : किसके लिए क्या लाए जेटली, अहम बातों पर खास नजर

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नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गंभीर संकट है, लेकिन इस संकट के दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है। हमें विरासत में खराब अर्थव्यवस्था मिली, लेकिन हम लगातार बढ़ रहे हैं। बजट 2016-17 में जेटली ने किसानों और गांवों पर खास फोकस रखा। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। इसके साथ ही नए कर्मचारियों के लिए भी खुशखबरी दी। पेश हैं बजट की खास बातें-

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जैविक खेती को बढ़ावा
वित्त मंत्री ने कहा कि जैविक खेती के लिए खास प्रावधान किए जा रहे हैं। 5 लाख एकड़ जमीन में जैविक खेती की जाएगी। बीपीएल परिवारों को रसोई गैस देने की नई योजना लाई जा रही है। मनरेगा योजना को भी नया जीवनदान दिया जा रहा है। मनरेगा के लिए 38, 500 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।

-एक करोड़ से ऊपर की आय वालों पर अब 15 प्रतिशत सरचार्ज
-60 वर्ग मीटर तक के घरों पर सर्विस टैक्स नहीं
-सभी डीजल गाडि़यों पर 2.5 प्रतिशत तक टैक्स बढ़ा
-12 राज्यों में किसानों के लिए ई-पोर्टल
-गांवों के लिए डिजिटल साक्षरता मिशन
-75 लाख घरों ने रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी
-ग्राम पंचायतों को अब 80 लाख रुपये से ज्यादा

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छोटे घर पर सर्विस टैक्स नहीं
बजट की एक और खास बात यह रही कि इसमें छोटे घर (60 वर्ग मीटर) पर सर्विस टैक्स नहीं लगाया जाएगा। स्वच्छ भारत के तहत कचरे से खाद बनाई जाएगी। एसयूवी कारों पर 4 प्रतिशत हाई कैपेसिटी टैक्स लगेगा।

-भारतीय फसलों के बाजार में 100 प्रतिशत FDI
-गरीब परिवार को 1 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा
-सरकारी बैंकों के लिए 25 हजार करोड़
-160 हवाई अड्डों का विकास किया जाएगा
-मार्च 2017 तक तीन लाख राशन की दुकानें
-वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.8 फीसदी
-इस साल 10,000 किलोमीटर सड़कें बनेंगी
-ग्रामीण विकास के लिए 87,000 करोड़

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5 लाख तक कर में 3000 की राहत
5 लाख से कम आय वालों को 3000 रुपए की राहत दी गई है। हालांकि छोटे उद्यमियों के लिए कारपोरेट टैक्स 29 प्रतिशत रहेगा। तंबाकू उत्पादों पर अब 15 प्रतिशत उत्पाद टैक्स लगा दिया गया है, जिससे यह उत्पाद महंगा हो जाएगा।

-10 लाख से महंगी गाड़ी पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त कर
-सभी सेवाओं पर आधा फीसदी कृषि कल्याण सेस
-एनपीसी के 40 प्रतिशत हिस्से पर टैक्स छूट
-1 मई 2018 तक सभी गांवों में बिजली
-सोने और हीरे के गहने महंगे
-50 लाख तक के मकान पर 50 हजार की छूट
-बीड़ी के अलावा हर तंबाकू उत्पाद महंगा

शिल्पा बोली, शादी की सिल्वर जुबली पार्टी उदयपुर में

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उदयपुर. उदयपुर. फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी रविवार को उदयपुर पहुंची। इसके पहले अपनी पसंदीदा अभिनेत्री की एक झलक पाने के लिए सड़क पर भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ देखकर लग रहा था कि मानो आधा शहर शिल्पा का दीवाना हो गया है।

हर किसी के अंदर उन्हें देखने ही बेताबी दिखी। यूपी-बिहार लूटने वाली को अपने सामने देख मोबाइल में कैद करने की होड़ मच गई। अपने फैंस को बाय-बाय कर वह अंदर चली गई। जहां उन्होंने पीसी ज्वेलर के शोरूम का उद्घाटन किया।
इसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उदयपुर मुझे काफी पसंद है। लगता है कि यहां से मेरा पिछले जन्म का नाता है। शोरूम का उद्घाटन तो बहाना है, मैं यहां खुद आना चाहती थी। 12764601_918793178218935_5627228425089770271_o

यहां की झीलों के लहरें मेरे दिल को छू जाते हैं। यहां के महल मुझे अपनी ओर खींचते हैं। इतने के बावजूद यहां आकर शादी न करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका मुझे दुख है, लेकिन शादी की सिल्वर जुबली उदयपुर में ही मनाऊंगी।

बजट के सवाल पर उन्होंने कहाकि आम लोगों की तरह मुझे भी बजट से काफी उम्मीद है। क्योंकि बजट का असर हम लोगों पर भी पड़ता है। बलात्कार के बढ़ते मामले पर उन्होंने कहा कि बलात्कारियों का परवरिश ठीक से नहीं होता है। तभी तो वह इतना घिनौना काम करते हैं।
 महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। स्कूलों में पहली क्लास से ही महिलाओं के प्रति सम्मान का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए।
आईपीएल से राजस्थान रायल्स टीम के निष्कासन से प्रदेश की छवि धूमिल होने के सवाल पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। सिर्फ उदयपुर और पीसी ज्वेलर के बारे में बात करने का आग्रह किया।

बदले की आग में जला दिया घर – कोई नहीं आया बचाने

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उदयपुर. जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर कैलाशपुरी क्षेत्र के रामा गांव में विवाहिता को भगाने का आरोप लगाते हुए आदिवासियों ने रविवार दोपहर दलित परिवार के मकान में चढ़ोतरा (हमला) कर दो झोंपडि़यों में जमकर तोडफ़ोड़ करने के बाद आग लगा दी। हमलावरों ने एक टेम्पो व दो मोटरसाइकिलें भी फूंक दी। घटना मकान में रखे नोट, जेवर व घरेलू सामान के अलावा तीन मुर्गियां जिंदा जल गईं। पुलिस के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंच स्थिति को नियंत्रण में किया। चार दमकल ने आग पर काबू पाया। अभी गांव में स्थिति नियंत्रण में, लेकिन तनावपूर्ण है। मौके पर पुलिस बल तैनात है।

पुलिस के अनुसार चढ़ोतरा दलित परिवार की देऊ बाई के मकान पर किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि देऊबाई का पुत्र गोपाल निकट ही मोटा भीलवाड़ा गांव के कमला गमेती की पत्नी दूदी को भगा ले गया था। इसी से खफा होकर वहां के ग्रामीणों ने उसके मकान पर हमला किया। इधर, गोपाल ने विवाहिता को भगाने से इनकार किया है। सुखेर थाना पुलिस ने गोपाल की रिपोर्ट पर तोडफ़ोड़ और आगजनी का मामला दर्ज किया है।

हमला कर लगाई आग

प्रभावित परिवार के लोगों ने बताया कि देऊबाई उसकी बड़ी बहू रेखा व पोते अंकित, राजू व गिरीश के साथ गांव में रोटी मांगने गए थे। मकान में गोपाल, उसके बड़े पापा शायर व पुत्र ऋषि थे। करीब दो बजे बालू भील व उसके साथ आए 25-30 आदिवासियों ने हमला बोल दिया। मकान में तोडफ़ोड़ कर गोपाल की पिटाई की। गोपाल ने मकान के पिछवाड़े भागकर जान बचाई, तो आरोपितों ने मकान में रखे गैस सिलेण्डर को निकालकर आग लगा दी। देखते ही देखते पूरे मकान में आग लग गई। घटना में दो केलूपोश घरों में रखे, कपड़े, बिस्तर, पलंग, घरेलू सामान, जेवर व करीब एक लाख रुपए की नकदी जल गई। आरोपितों ने जाते समय बाहर रखा गोपाल का टेम्पो व दो मोटरसाइकिलों को आग में फूंक दिया। देखते ही देखते आग से दोनों केलूपोश मकान खाक हो गए।

 

हेलिकॉप्टर बनाने पर पुलिस ने युवक को बताया ISIS का आतंकी

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उत्तरप्रदेश में एक युवा को अपना टैलेंट दिखाना महंगा पड़ गया। उसने अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए हेलिकॉप्टर बना लिया परन्तु प्रशासन ने उसकी प्रतिभा को नकारते हुए इस्लामिक स्टेट से जुड़ा आतंकी बता दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि उसने ये हेलिकॉप्‍टर नरेंद्र मोदी को मारने के लिए बनाया है। इसके बाद से वह युवक डर के मारे अपने घर में ही छिपा हुआ है।

ये है पूरा मामला

गरीब परिवार से आने वाला युवक रामचंद्र उर्फ नारद एक आठवीं पास इलेक्ट्रिक मिस्त्री है। उसने कुछ समय पहले एक खिलौने के शेप का हैलीकॉप्टर बनाकर उसको उड़ाने का प्रयास किया और सफल होने पर असली हेलीकॉप्टर बनाने में जुट गया। दिन रात मेहनत करके उसने इसे बना भी लिया और अपने पड़ौस के खेत में ही खड़ा कर दिया।

नारद के अनुसार कुछ दिनों बाद उसे दिल्ली नोएडा से आए पुलिस अधिकारी बताने वाले प्रशासनिक अधिकारियों ने घेर लिया। उन्होंने उसे इस्लामिक स्टेट का आतंकी बताते हुए ढेरों सवाल पूछें और आरोप लगाया कि वह पीएम नरेन्द्र मोदी को मारने के लिए हेलीकॉप्टर बना रहा है। इसके बाद उसे जेल में बंद करने तथा फांसी चढ़ा देने की धमकी देते हुए उसके हेलीकॉप्टर को वापस डिसेम्बल करवा दिया और दुबारा से ऐसा प्रयास न करने की चेतावनी भी दी।

वहीं दूसरी और जिले के डीएम सुरेश कुमार ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है, लेकिन किसी की प्रतिभा को इस तरह नहीं कुचला जा सकता। उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच करवाएंगे और रामचन्द्र की हरसंभव मदद की जाएगी

 

वीडियो कोच में शराब की तस्करी

tudddd_1456614458उदयपुर। परसाद थाना पुलिस व आबकारी विभाग ने अलग-अलग कार्रवाई कर वीडियो कोच बस से करीब 35 लाखा रुपए की हरियाणा निर्मित अंग्रेजी  शराब बरामद की। परसाद पुलिस ने चालक व खलासी को गिरफ्तार किया। वहीं, आबकारी दल की कार्रवाई में आरोपित फरार हो गए, जिनकी तलाश जारी है। शराब तस्करी के लिए इन बसों को विशेष तरह से तैयार किया था।

चमचमाती बस में सवारी के बजाए शराब
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि मुखबिर से सूचना पर एएसपी चन्द्रशील ठाकुर के नेतृत्व में परसाद थानाधिकारी भरत योगी मय टीम ने थाने के बाहर हाईवे पर नाकाबंदी की। इस दौरान उदयपुर नंबर की चमचमाती बस में सिर्फ चालक व खलासी ही दिखा। अंदर सवारी नहीं होने पर पुलिस को शक हुआ।

पूछताछ पर चालक ढाणी सेमारी निवासी जगदीश रेबारी और राजू रेबारी ने ट्यूरिस्ट बस होना बताया। पूरे रास्ते एक भी सवारी नहीं बिठाने पर पुलिस को शक हुआ। अंदर जाने पर परफ्यूम की खुशबू मिली तथा बस की सीट व खिड़की की सीट की लंबाई समान मिली। गैलेरी में जाने पर पांच फीट के ऊपर वाले जवान अंदर घुस ही नहीं पाए। जवानों के सिर बस की छत से टकरा रहे थे।

शक होते ही चालक व खलासी से पूछताछ की तो वे घबरा गए। कड़ाई से पूछा, तो उन्होंने बस की गैलेरी में मेटिंग के नीचे शराब होना बताया। स्क्रू को खोलकर मेटिंग हटाई तो गैलेरी में बने बॉक्स में 267 पेटी हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब मिली। चालक व खलासी को गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बस्सी सलूम्बर निवासी क्रूर सिंह को नामजद किया है।

गुजरात जाकर फोन करना था
आरोपितों ने बताया कि शराब तस्करी के लिए ही इस बस को उदयपुर में तैयार किया गया था। शराब हरियाणा से भरने के बाद सीधे ही गुजरात खाली करनी थी। गुजरात जाकर उन्हें बस्सी के ही एक तस्कर के नम्बर दिए गए थे और वहां पहुंचने के बाद बताई जगह पर शराब पहुंचानी थी। एक ट्रिप के लिए चालक व खलासी को 15 से 20 हजार रुपए तय किए थे। आरोपितों ने इससे पूर्व भी गुजरात शराब पहुंचाई। रिमांड लेकर बस मालिक व तस्करी के इस रैकेट का खुलासा किया जाएगा।

देसी फंदे में फंसा पेंथर

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उदयपुर.  शहर से मावली रोड पर 8 किलोमीटर की दूरी पर पातलपुरा गांव में अज्ञात व्यक्ति द्वारा सड़क के पास लगाये फंदे में पैंथर आ गया। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के शूटर ने बेहोश कर पैंथर को कब्जे में लिया। उथनोल ग्राम पंचायत के पातलपुरा की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग के ठीक पास एक बंजर खेत पर रविवार सुबह फंदे में बंधे पैंथर को किसी व्यक्ति ने देखा। जिसकी सूचना सुबह 6 बजे  वन विभाग को फोन से मिलने पर स्थानीय वन अधिकारी देवेन्द्र पुरोहित, राजेश मेहता एवं राजसमंद की टीम पहुंची। स्थिति को देखने के बाद उन्होंने आला अधिकारियों को सूचित किया। इस पर उदयपुर से शूटर सतनाम सिंह भी पहुंचे। उन्होंने पैंथर को ट्रेंकूलाइज गन से शूट कर बेहोश किया। उसके बाद कब्जे में लेकर वहां से रवाना हो गए। इस दौरान मौके पर उपवन सरंक्षक कपिल चन्द्रावल, नाथद्वारा का पुलिस जाब्ता आदि मौके पर पहुंचे।

दूसरे शूट में हुआ बेहोश

सतनाम सिंह द्वारा पहला शूट किया गया उस दौरान बेहोशी के इंजेक्शन का शूट पैंथर के पास निकल गया। उसके बाद दूसरा इंजेक्शन तैयार करने के बाद उस पर शूट किया गया जो सीधा उसेही जाकर लगा।

लोगों की भीड़ जमा

पातलपुरा के यहां पर हुए इस घटनाक्रम को देखने के लिए नाथद्वारा मंडीयाना, मावली, उथनोल तथा आसपास से लोग पहुंच गए। उथनोल सरपंच पुष्करलाल जाट, दिनेश, जगदीश सहित कई लोग आदि थे।

लोहे का फंदा

अज्ञात व्यक्ति द्वारा यहां लगाये फंदे को पूरा लोहे का बनाया हुआ था। इसके लगभग एक से डेढ़ फीट लंबी लोहे की सांकल भी बंधी हुई थी। जिसे जमीन में एक फीट से अधिक गहराई में दबा रखी थी। इसके मुंह पर एक चपटी लोहे कआंकड़ी भी लगा रखी थी । जिससे यह फंदा जानवर के अंदर फंस जाने के बाद भी एकाएक बाहर नहीं निकल पाए।

पाकिस्तान की पारी 83 रन पर सिमटी – तू चल में आया

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पाकिस्तान ढाका में टी 20 एशिया कप में पाकिस्तान की पूरी टीम 83 रन पर सिमट गई है. पाकिस्तानी बल्लेबाज़ सिर्फ 17.3 ओवर ही खेल सके.

टॉस भारत ने जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाज़ी करने को कहा, लेकिन पाकिस्तान के बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. सरफ़राज़ अहमद को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज़ टिक कर नहीं खेल सका.

भारत की ओर से हार्दिक पंड्या ने आठ रन देकर तीन विकेट लिए, रविंद्र जडेजा ने भी दो विकेट चटकाए.

पाकिस्तान के लिए सबसे अधिक रन सरफ़राज़ ने बनाए. उन्हें रविंद्र जडेजा ने बोल्ड आउट किया. सरफ़राज़ ने 24 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 25 रन बनाए.

शाहिद अफ़रीदी

सरफ़राज़ के अलावा सिर्फ़ खुर्रम मंज़ूर ही दहाई के आंकड़े तक पहुँच सके. खुर्रम ने 10 रन बनाए.

वहाब रियाज़ को रविंद्र जडेजा ने एलबीडब्ल्यू आउट किया था. रियाज़ सिर्फ़ चार रन ही बना सके थे.

आठवें ओवर में कप्तान शाहिद अफ़रीदी सिर्फ़ दो रन बनाकर आउट हो गए. उनका विकेट 42 रन के योग पर गिरा.

शोएब मलिकImage copyrightAFP

सातवें ओवर की आखिरी गेंद पर हार्दिक पंड्या ने शोएब मलिक को महेंद्र सिंह के हाथों कैच कराया. अगले ही ओवर की पहली गेंद पर युवराज ने उमर अकमल को एलबीडब्ल्यू आउट कर पाकिस्तान को पाँचवां झटका दिया. अकमल का विकेट 35 के योग पर गिरा.

पारी के छठे ओवर में ख़ुर्रम मंज़ूर को विराट कोहली ने रन आउट किया. खुर्रम के रूप में पाकिस्तान को तीसरा झटका लगा. खुर्रम ने 18 गेंदों पर 10 रन बनाए. उनका विकेट 32 के स्कोर पर गिरा.

इससे पहले, अपना पहला ओवर मेडन फेंकने के बाद जसप्रीत बुमराह ने शरजील ख़ान को रहाणे के हाथों कैच कराया. शरजील ख़ान सात रन ही बना सके थे. पाकिस्तान ने दूसरा विकेट 22 रन के योग पर गंवाया.


मोहम्मद हफ़ीज़ के रूप में पाकिस्तान को पहला झटका लगा. आशीष नेहरा ने उन्हें विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के हाथों कैच कराया. पाकिस्तान ने पहला विकेट 4 रन के योग पर गंवाया.


पाकिस्तान चार तेज़ गेंदबाज़ों के साथ मैदान में उतरा है.

बांग्लादेश के ख़िलाफ़ जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम में एकमात्र बदलाव आजिंक्य रहाणे के रूप में किया गया है, रहाणे को घायल शिखर धवन की जगह अंतिम एकादश में शामिल किया गया है.

जहाँ तक टी-20 मुक़ाबलों की बात है तो भारत और पाकिस्तान के बीच कुल मिलाकर छह मैच खेले गए हैं, जिसमें पाँच में भारत की जीत हुई है, जबकि पाकिस्तान सिर्फ़ एक ही मुक़ाबला जीत सका है.

जेएनयू भाजपा और संघ के लिए चुनौती क्यों?

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दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किए जाने के बाद देश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के बारे में तरह-तरह के सवाल किए जा रहे हैं.

कन्हैया को दोषी साबित करने के लिए कुछ ट्वीट और वीडियो भी सामने आए हैं जो कथित तौर पर नकली और फर्जी पाए गए हैं.

फ़ाइल फोटो

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जब स्थापित किया गया था, उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उसे सरकार के विभिन्न क्षेत्रों के लिए उच्च पेशेवर अधिकारियों को प्रशिक्षण देने वाला विश्वविद्यालय बनाने की सोच रही थीं, लेकिन बाद में उसे एक अनुसंधान संस्थान में बदलने का फैसला किया गया.

पहले सरकार ने जेएनयू शुरू करने के लिए कुछ बेहतरीन लोगों को इकट्ठा किया और इस विश्वविद्यालय को एक ऊंचे दर्जे वाले और वैज्ञानिक नज़रिए के शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने की पूरी ज़िम्मेदारी उन शुरुआती प्रोफ़ेसरों पर छोड़ दी. कुछ ही समय में यह भारत का एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय बन गया.

फ़ाइल फोटो

जेएनयू में शुरुआत से ही बौद्धिक रूप से प्रबुद्ध, उदारवादी और वामपंथी प्रवृत्ति के प्रोफ़ेसरों की नियुक्ति की गई थी. यह देश की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बनी जो अपने हर फैसले के लिए अधिकृत थी.

यहाँ कक्षाओं और कक्षाओं से बाहर खुले बहस-मुबाहिसे की ऐसी परंपरा स्थापित हुई जो देश के किसी अन्य विश्वविद्यालय में संभव नहीं हो सकी. इस विश्वविद्यालय का बजट भी अन्य विश्वविद्यालयों से बेहतर था.

यहां प्रवेश का ऐसा सिस्टम लागू किया गया कि इस संस्था में अगर बड़ी संख्या में देश के बड़े शहरों के पॉश वर्ग के बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं तो साथ में हजारों ऐसे दूरदराज के ग्रामीण बच्चे भी प्रवेश पाते हैं जो अत्यधिक गरीबी के बावजूद पहली बार शिक्षा तक पहुँच पाए हैं, कन्हैया भी उन्हीं में से एक है.

इंदिरा गांधी (फ़ाइल फोटो)

जेएनयू की प्रतिष्ठा और विकास के बाद इंदिरा गांधी की यह तमन्ना थी कि वह जेएनयू के छात्रों को संबोधित कर सकें, लेकिन छात्रों ने उन्हें कैंपस में दाखिल नहीं होने दिया.

छात्र आपातकाल के लिए उनसे माफ़ी चाहते थे जिसके लिए वह तैयार नहीं थीं.

परिसर में पारंपरिक रूप में उदारवादियों और उदार विचारों के शिक्षकों और छात्रों का वर्चस्व रहा है. कैंपस में वामपंथी छात्र संगठनों के साथ साथ मुक्त विचारक और लोहियावादी विचारधारा से जुड़े छात्र राजनीति की धुरी रहे हैं.

फ़ाइल फोटो

पिछले चालीस साल से कांग्रेस, भाजपा और आरएसएस ने कैंपस में अपना प्रभाव बढ़ाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन वह कोई विशेष सफलता प्राप्त न कर सके. पिछले कुछ सालों में कैंपस में वामपंथियों का एक ऐसा समूह मजबूत हुआ है जिसकी राष्ट्रीय राजनीति में लगभग कोई भूमिका नहीं है.

जेएनयू हमेशा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सवालों पर आधारित स्थापित विचारों को चुनौती देती रही है और कमोबेश हमेशा यह मौजूदा सरकार के ख़िलाफ़ रही है. पहले भी इस पर राष्ट्र विरोधी होने के आरोप लग चुके हैं.

जेएनयू के बाहर आमतौर पर इसे ‘वामपंथी’ प्रभुत्व वाला विश्वविद्यालय माना जाता है, लेकिन इस विश्वविद्यालय में हर राजनीतिक और धार्मिक विचारधारा को चुनौती दी गई है और हर पहलू पर सवाल उठाए जाते हैं. यहाँ कक्षाओं में, सेमिनार हॉल में, मेस में और छात्रावासों के कमरों में, हर जगह चर्चा और बहस की एक अच्छी और स्वस्थ परंपरा कायम है. यहाँ बिना डर के किसी भी विषय पर सार्वजनिक बहस की जा सकती है.

फ़ाइल फोटो

जेएनयू किसी विचारधारा के अधीन नहीं है. यह यूनिवर्सिटी ज्ञान के नए रास्तों की खोज और वैज्ञानिक सिद्धांतों का केंद्र रही है. यहां छात्र केवल अध्ययन करके ही नहीं निकलते, बल्कि यहां उन्हें मानवीय रिश्तों, मूल्यों और सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जटिलताओं से परिचित कराया जाता है ताकि वो समाज की वास्तविकताओं की पृष्ठभूमि में खुद सोच पैदा कर सकें.

अतीत में भारत की हर बड़ी राजनीतिक पार्टी और आरएसएस जैसे संगठनों ने जेएनयू में अपनी विचारधारा के ज़रिए हावी होने की कोशिश की है लेकिन हर बार उन्हें हार मिली है.

News Source – BBC HINDI ,