
मोहम्मद उम्र ( पिता ) – 08854855786
मोहम्मद सलीम ( बड़े पापा ) – 08854891786
मोहम्मद उम्र ( पिता ) – 08854855786
मोहम्मद सलीम ( बड़े पापा ) – 08854891786
देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल की कीमतों में 36 पैसे प्रति लीटर की बढोतरी की है। इसके साथ ही डीजल की कीतमों में भी 87 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया है। पेट्रोलियम कंपनियों के मुताबिक नई कीमतें रविवार आधी रात से लागू हो जाएंगी। पिछले पखवाडे पेट्रोल के दाम में 50 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी जबकि डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया था। बता दें, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढाई थी। पेट्रोल पर पर 1.6 रूपये प्रति लीटर और डीजल पर 40 पैसे प्रति लीटर “एक्साइज ड्यूटी” बढाई गई थी हालांकि इसका उपभोक्ता पर असर नहीं पडा था लेकिन ये लाभ उपभोक्ता को मिलने की बजाय सरकार ने अपने कोष में जमा कर लिया।
टीपू सुल्तान की जयंती मनाने पर विरोध के दौरान पिछले हफ्ते कर्नाटक में दो लोग मारे गए. जैसा कि आजकल देश में बहुत सी हताश कर देने वाली चीजें हिंदू मुस्लिम का मुद्दा बन जा रही हैं, यह भी इसी क़िस्म का मुद्दा बन गया है.दुनिया के इस हिस्से में राजाओं को दो तरह से देखा जाता है- अच्छा जैसे अशोक और अकबर आदि और बुरा जैसे औरंगजेब और टीपू सुल्तान आदि.
एक ऐसे समाज और राष्ट्र में यह खास प्रवृत्ति बन गई है, जो इतिहास को तथ्यों या कारण के बजाय भावनाओं की नज़र से देखता है. यह अधिकांश अनपढ़ और अधिकांश नए पढ़े लिखे लोगों का संकेत भी है. टीपू और उनके जनरलों की प्रतिष्ठा को उन्हीं के ख़िलाफ़ इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है मानो वो हमेशा ही हिंदुओं के ख़िलाफ़ जिहाद चलाते थे. यह बकवास बात है, लेकिन यहां ये बताने की कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है. बेहतर हो कि लोग उनके बारे में किताबें पढ़ें और फिर सहमत हों, इसके बजाय कि उन्हें बताया जाए.
लेकिन यहां असल में मुश्किल ये है कि सभ्य दुनिया से उलट, भारत में बहुत कम किताबें लिखी गई हैं. हमारे यहां डायरी रखने और संस्मरण लिखने की कोई परम्परा नहीं है. ऐतिहासिक तथ्यों पर नया काम करने में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है. और इसीलिए टीपू पर कोई ऐसी किताब नहीं है जिसे किसी भारतीय ने लिखा हो. अगर किसी को इस राजा के बारे में कुछ जानना है तो उसे 19वीं शताब्दी में लुईस बॉवरिंग द्वारा लिखी किताब ‘हैदर अली, टीपू सुल्तान एंड स्ट्रगल ऑफ़ मुसलमान पॉवर्स ऑफ़ साउथ’ पढ़ना पड़ेगा. (बॉवरिंग ऐसा नाम है जिसे बंगलुरु के लोग अच्छी तरह परिचित हैं, क्योंकि इनके नाम पर ही सेंट मार्क्स रोड पर बॉवरिंग क्लब है.)
टीपू सुल्तान में जो दिलचस्पी दो-तीन बातों को लेकर है.
पहला, यह कि अंग्रेजों के लिए उन्हें हराना बहुत मुश्किल हो गया था. जब हम पिछले समय के अंतिम महान इतिहासविद सर जदुनाथ सरकार का अध्ययन करते हैं तो यह बिल्कुल साफ हो जाता है कि मराठों से उलट, टीपू असली योद्धा थे. पानीपत की लड़ाई में करारी हार के बाद मराठों का जिस तरह मनोबल टूटा, इसके मुकाबले टीपू का लगातार ज़बदस्त टक्कर देना क़ाबिल-ए-ग़ौर है. ये घटनाएं 40 वर्षों में घटीं यानि, 1761 (जब अहमद अब्दाली ने पानीपत की लड़ाई जीती) और 1799 जब टीपू सुल्तान मारा गया. इन सालों में अंग्रेज़ों ने अपने सभी दुश्मनों का हरा दिया और केवल पंजाब बचा रहा गया, जो कुछ दशकों में रणजीत सिंह की मौत के बाद अपने आप हथियार डाल देता. यह केवल टीपू ही था, जिसकी ओर से उन्हें असली प्रतिरोध का सामना करना पड़ा. वह बहुत जांबाज जनरल था और उसे भू राजनीतिक विषयों की बहुत बारीक समझ थी (अंग्रेजों के ख़िलाफ़ फ्रांसीसियों को इस्तेमाल करना). इसके अलावा युद्ध के प्रति उसका नज़रिया बहुत अत्याधुनिक था.
दूसरी बात, यह जगजाहिर है कि टीपू की सेना ही पहली सेना या शुरुआती सेनाओं में से एक थी जिसने युद्ध में रॉकेट इस्तेमाल किए. उनके सिपाही रॉकेट में ब्लेड लगाते थे, जिन्हें दुश्मन की सेनाओं पर फ़ायर किया जाता था. टीपू को हराने के लिए ब्रितानी इतिहास के सबसे महान योद्धा आर्थर वेलेस्ली की सेवा लेनी पड़ी. वेलेस्ली, जिन्हें हम ‘ड्यूक ऑफ़ वेलिंगटन’ के नाम से जानते हैं, ने बाद में वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन को हराया. यह बड़ी निराशाजनक बात है कि टीपू की सैन्य और राष्ट्रीय उपलब्धियों को आजकल बहुत आसानी से नज़रअंदाज़ किया जा रहा है. टीपू के बारे में जो कुछ याद किया जा रहा है वो बस ये कि उसने हिंदुओं को मारा या धर्म परिवर्तन कराए, चाहे ये बात सही हो या ग़लत.
महान अशोक ने कलिंग को जीतने के बाद विदेशियों या मुसलमानों की हत्याएं नहीं कीं थीं. ये ओड़िया भाषी हिंदू ही थे जिन्हें उसने दसियों हज़ार की संख्या में क्रूरता पूर्वक मार डाला था, जैसा कि कहानियों में हमें बताया जाता है. लेकिन अशोक को महान कहा जाता है और उसका चिह्न ‘शेर’ भारतीय गणतंत्र का आधिकारिक चिह्न है. भारतीय झंडे में चक्र को अशोक चक्र कहा जाता है क्योंकि यह भी उसी का चिह्न है. हम क्यों अशोक का सम्मान करते हैं लेकिन टीपू का नहीं, जबकि दोनों पर ही एक ही जैसे अपराध करने के आरोप हैं? हम इसका जवाब जानते हैं और यह स्वाभाविक ही है. भारत में एक मुसलमान राजा को वैसे ही अपराध के लिए माफ नहीं किया जा सकता, जैसा एक हिंदू राजा ने किया हो. पटियाला की विशाल इमारत को महाराज आला सिंह ने बनवाया था. उनके नाम सैन्य उपलब्धियां शून्य के बराबर हैं. लेकिन आला सिंह ताक़तवर हो गए थे क्योंकि उन्होंने मराठाओं को हराने में अब्दाली का साथ दिया था और उन्हें अफ़गान शासकों की ओर से पुरस्कृत किया गया. क्या कोई आला सिंह या उनके पूर्वजों को देशद्रोही के रूप में देखता है?पटियाला के राजा लगातार महाराजा रणजीत सिंह का विरोध करते रहे, लेकिन उन्हें कोई भी राष्ट्र विरोधी के रूप में नहीं देखता. ऐसा बर्ताव केवल मुस्लिम राजाओं के लिए ही आरक्षित है. ऐसे लोगों के बारे में पढ़ने या लिखने में हमारी दिलचस्पी नहीं है, बल्कि ऐसे लोगों के बारे में बुरे से बुरा मान लेने और ऐसी चीजों के बारे में विरोध करने की हममें हमेशा दिलचस्पी रहती है, जिनके बारे में हम बहुत थोड़ा जानते हैं.
सोजन्य –
उदयपुर। सुख-समृद्धि व वैभव का दीपोत्सव धनतेरस से शुरू होकर आज भाई दूज के साथ संपन्न हो गया। दीपावली पर बुधवार को शहर रोशनी में नहाया। हर घर-प्रतिष्ठान, बाजार, चौक-चौराहा व सरकारी भवन पर आकर्षक सजावट की गई। लोगों ने शुभ मुहूर्त पर लक्ष्मी पूजन कर खुशहाली की कामना की। पूरी रात आतिशबाजी का दौर जारी रहा।
अलसुबह महिलाओं ने परंपरानुसार गोवर्धन पूजा की। दीपावली के अगले दिन गुरुवार को रामा-सामा पर लोगों ने अपने परिजनों व परिचितों के यहां जाकर बड़ों से आशीर्वाद लिया। साथ ही अपनों से छोटों को उपहार देकर दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुलाकात का यह दौर देर रात तक जारी रहा। महिलाओं ने घरों में विशेष पकवान बनाकर मेहमानों का मुंह मीठा करवाया।
लक्ष्मी मंदिर में भक्तों की कतार :
दिवाली की अल सुबह से भटियानी चोहट्टा स्थित महालक्ष्मी मंदिर में भक्तों की कतारें लगी जो देर रात तक जारी रही। लक्ष्मी के दर्शन और पूजा के लिए महियें युवा घंटों लाइन में खड़े रहे। पुलिस ने लक्ष्मी मंदिर रोड का यातायात एक दिन पहले ही बंद कर दिया था। सुबह तो भक्तों की कतार जगदीश चोक तक पहुच गयी थी।
सजे बाज़ार बापूबाजार रहा फीका : इस बार हालाँकि शहर के हर हिस्से के बाज़ार रोशनी से जगमग रहे लेकिन शहर का हार्ट कहे जाने वाले बापूबाजार में व्यापारियों ने सजावट में कोई उत्साह नहीं दिखाया। बापूबाजार के अधिकतर व्यवसाई महापौर और नगर निगम के विरोध स्वरुप साज्जा नहीं की। गौर तलब है की शहर की आम जनता बापूबाजार में शाम को रोशनी देखने जरूर आती है।
खेखरे पर हुई गोवर्धन पूजा:
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा दिवाली के अगले दिन गुरुवार को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया। दीपावली के दूसरे दिन गो पूजा का विशेष महत्व होता है। महिलाओं ने अल सुबह गाय की पूजा के बाद गाय पालक (गाय की सेवा करने वाला) को गिफ्ट और अन्न दिया। गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही और तेल का दीपक जलाकर पूजा की। ऐसी मान्यता है कि इंद्र के कोप से बचने के लिए गोकुल वासियों ने जब गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली, तब उन्होंने 56 भोग बनाकर श्री कृष्ण को भोग लगाया था। इससे खुश होकर श्री कृष्ण ने आशीर्वाद दिया और कहा इंद्र से डरने की जरूरत नहीं है, वह गोकुल वासियों की हमेशा रक्षा करेंगे।
मेहमानों का सिलसिला सुर रामा शामा :
दिवाली के अगले दिन महिलाऐं गोवर्धन पूजा करती है तो घर के पुरुष इस दिन रामा-शामा करते है । जो लोग दीवाली की रात आतिशबाजी में व्यस्त रहे वो लोग गूरुवार के दिन रामा शामा करने में जुटे रहे। रामा शामा का ये सिलसिला दिन भर चलता रहा। इस दौरान लोगों ने अपने घर आने वाले मेहमानों का स्वागत किया और घर में बनी मिठाइयों से उनका मुंह मीठा कराया। इसी तरह का माहौल सियासी पार्टियों के दफ्तरों और प्राईवेट कंपनियों के संस्थानों में रहा। उधर, दिवाली की छुट्टियों के बाद बाहर के लोगों का घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया।
रोड़वेज और प्राईवेट बसों में सवारियां खचाखच भरी रही। ऐसा ही हाल रेलगाड़ियों का भी रहा… रेलवे स्टेशनों पर रेलों के ज़रिये घर लौटने वालों की रेलमपेल देखि गई।
फिल्म: प्रेम रतन धन पायो
डायरेक्टर: सूरज बडजात्या
संगीत: हिमेश रेशमिया
कलाकार: सलमान खान, सोनम कपूर, अनुपम खेर, स्वरा भास्कर, नील नितिन मुकेश और अरमान कोहली
सलमान की जिस फिल्म का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था वह प्रेम रतन धन पायो रिलीज हो गई। दर्शक एक बार फिर से सलमान को प्रेम के रूप में देखकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। सलमान ने भी अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया है। सलमान ने एक बार फिर से प्रेम के रूप में खुद को साबित कर दिया है। फिल्म प्रेम रतन धन पायो एक फैमिली ड्रामा है। फिल्म के भव्य सेटों ने दर्शकों को काफी लुभाया है। सूरज बडजात्या और सलमान खान की जोडी ने एक बार फिर सये कमाल कर दिखाया है। फिल्म का संगीत तो पहले से ही लोकप्रिय हो चुका है। फिल्म के अन्य कलाकारों जैसे सोनम कपूर, अनुपम खेर,नील नीतिन मुकेश, स्वरा भास्कर ने भी प्रशंसनीय अभिनय किया है। फिल्म में सलमान खान को डबल रोल में दिखाया गया है। कुल मिलाकर फिल्म प्रेम रतन धन पायो पैसा वसूल फिल्म है।
कहानी: फिल्म की कहानी अयोध्या में शुरू होती है। प्रेम यानी सलमान खान जो कि बडे दिलवाला है उसे रामलीला जुबानी याद है। वह हर वक्त अपनी धुन में रहता है। वह अपनी कमाई वहां की राजकुमारी मैथिली यानी सोनम कपूर के चैरिटेबल ट्रस्ट में दान दे देता है। राजकुमारी मैथिली की प्रशंसा सुनकर प्रेम उनसे मिलने के लिए उत्सुक हो जाता है। प्रेम अपने दोस्त के साथ राजकुमारी से मिलने के लिए राजमहल पहुंच जाता है।
राजकूमारी मैथिली को फिल्म में बडा उदार और दूसरों की सहायता करने वाला दिखाया है। प्रेम राजकुमारी की इस उदारता से काफी प्रभावित होता है। प्रेम राजकुमारी से मिल लेता है। मैथिली से मिलने के बाद फिल्म में प्रेम का माहौल शुरू हो जाता है। फिल्म में सलमान के दूसरे रूप को राजकुमार विजय के रूप में दिखाया गया है। इसके बाद फिल्म रिश्तों के इर्द गिर्द घूमती है। फिल्म की कहानी काल्पनिक और पारिवारिक रिश्तों की बुनियाद पर बनाई गई है। फिल्म ने अंत तक दर्शकों को कुर्सी से बांधकर रखा है।
उदयपुर । नूरे इस्लाम नौजवान कमैटी ने ८० फिट रोड राता खेत पर इमाम हुसैन की याद में आम न्याज का आयोजन किया जिसमे शहर के कई मोहल्लों से हज़ारों लोग शामिल हुए।
रातखेत की नुरे इस्लाम कमेटी के जाकिर मंसूरी ने बताया कि सामाजिक कार्यों के लिए बनी युवाओं की नुरे इस्लाम कमिटी ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी इमाम हुसैन की याद में आम न्याज़ का आयोजन किया जिसमे सात क्विंटल तबर्रुक आम लोगों में वितरित किया गया । जाकिर ने बताया कि नुरे इस्लाम कमिटी के अलावा मोहल्ले के कई युवा और महिलाओं का इस आम नयाज के आयोजन को सफल बनाने में योगदान रहा। शहर के अन्य मोहल्ले सज्जन नगर, मस्तान पीया कॉलोनी, फारुख आज़म नगर, अंम्बावगढ़ कच्ची बस्ती आदि से हज़ारों महिलाऐं बच्चे और पुरुष न्याज़ के लिए राताखेत पहुंचे जिन्हे न्याज़ का तबर्रुक तकसीम किया गया । इस आयोजन में नुरे इस्लाम कमेटी के साबिर खान, आबिद हुसैन, मोहम्मद शाकिर, मोहसिन हैदर, अनवर मंसूरी, निसार मंसूरी, इकराम, आदिल, इरफान, सईद, उमर, नदीम, आवेश, मुकर्रम, इदरिस, सलीम, शाकिर, शादाब, शादान, सौहेल, हामीद भाई, बबला, आजाद नाना, फिरोज, मोहम्मद रियाज, फरदीन, जीशान सहित नूरे इस्लाम नोजवान कमेटी के कई मेम्बरान मौजूद थे, जो कि कार्यक्रम के सफल आयेाजन के लिए कई दिनों से तैयारियों में लगे हुए थे।
उदयपुर। बिहार विधानसभा के आए नतीजो से उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने मादडी चोराहे पर आतिशबाजी की एवं एक.दुसरो को मीठा मुँह करा कर लड्डू वितरण किये !
नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष दिनेश श्रीमाली ने बताया की बिहार विधानसभा चुनावो में महागठबंधन को मिली ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने मादडी चौराहे पर भव्य आतिशबाजी की तथा एक.दुसरे का मुहँ मीठा करा कर मिठाई वितरण की !
इस दौरान कार्यकर्ताओ ने कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद सोनिया गाँधी जिंदाबाद राहुल गाँधी जिंदाबाद सी पी जोशी जिंदाबाद तथा सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगते हुए एक.दुसरे को बधाई दी साथ ही बिहार के प्रभारी पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ सीपी जोशी का आभार जताया जिनके नेतृत्व में ये करिश्मा हुआ साथ ही शुभकामनाये भी प्रेक्षित की !
कार्यकर्म में दिनेश श्रीमाली, पूर्व पार्षद भगवती लाल सुथार, पार्षद प्रमिला चौधरी, भूषण श्रीमाली, संजय सुथार, अरुण सुथार, पन्नालाल चौधरी, भानु गुर्जर, पंकज शर्मा, तरुण भटनागर, संतोष शर्मा, आशिफ खान, राम लाल, ब्रिजेश, प्रदीप,दुर्गेश सहित सेकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे !
उदयपुर । स्टेज पर एक ओर बॉलीवुड सिंगर सोनू कक्कड़ की शानदार प्रस्तुती, तो दूसरी ओर नीचे झूमते युवा। यह नजारा गुरूवार को नगर निगम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में देखने को मिला। कार्यक्रम में जैसे ही सोनू स्टेज पर परफॉर्म करने पहुंची, तो यंगस्टर्स का उत्साह देखने लायक था। यंगस्टर्स ने सोनू के साथ ना सिर्फ सिंगिंग में साथ दिया, साथ ही उनके गानों पर जमकर थिरकते भी नजर आए।
नगर निगम द्वारा आयोजित दीपावली मेला 2015 मे तहत आयोजित सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत अतिथियों के स्वागत से हुई। इस अवसर पर नगर निगम महापौर चंद्रसिंह कोठारी ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्रेस समिति अध्यक्ष हंसा माली ने बताया कि स्वागत रस्म के बाद उदयपुर के प्रियांश के शानदार नृत्य की प्रस्तुति हुई। इस प्रस्तुति के बाद सोनू ने परफॉर्मेंस की शुरूआत अपना प्रसिद्ध गीत बाबू जी जरा धीरे चलो बिजली गिरी यहां बिजली गिरी… से की। इसके बाद उन्होंने ‘अजीब दास्ता हैं ये कहा शुरू कहां खत्म…’ व एक के बाद एक कई गाने सुना आवाज का जादू बिखेरा। सोनू कक्कड़ ने मंच पर ये कसूर, मदारी मदारी, ये जो हलका हलका, लंदन ठुमक दा, हिप हिप हुर्रे, आली रे आली जैसी शानदार प्रस्तुतियों के साथ ही पंजाबी मेडली व हिंदी फिल्मी गीत पेश कर अपनी दमदार आवाज के बलबूते उदयपुर के युवाओं को देररात तक झूमने के लिए मजबूर कर दिया। सोनू कक्कड़ ने युवाओं की पसंद को मद्देनजर रखते हुए सहित अन्य डांस सांग पेश किए।
ये रहे अतिथि : समाज सेवी विरेन्द्रसिंह बापना, शंभू जैन, कैलाश शर्मा, हरिश मीणा, सोनू अहारी, जगदीशराज श्रीमाली, मोह मद अयूब सहित अन्य अतिथि मौजूद थे।
बच्चों को भा रहा हैं मिकी माउस : इस बार बच्चो के लिए 2 बडे मिकी माउस मेला प्रांगण में लगाए गए है साथ ही बच्चों के झुलों में एक से एक वैरायटी इस बार लाई गई है। बच्चों का खास आकर्षण हैलीका ट झुला लाए बच्चों को काफी पंसद आ रहा है इसके साथ ही ड्रेगन, टोरा-टोरा, सल बो, ब्रेकडांस जैसे कही झुले उपलब्ध है। बडो के लिए बडे झुले जेसमीन व नाव लगाई गई है।
आकर्षक है विद्युत सज्जा : मेला संयोजक एवं सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष जगदीशचन्द्र मेनारिया ने बताया कि मेला प्रांगण में इस बार विशेष विद्युत व्यवस्था की गई है। निगम के सभी द्वारों पर आकर्षण लाईटें लगाई गई है इसके साथ ही शहरवासियों का सांस्कृतिक संध्याओं के प्रकाशन में किसी भी प्रकार की कोई दुविधा न हो इसके लिए प्रोजेक्टर की व्यवस्था भी की गई है। इसके साथ ही निगम भवन पर मनमोहन विद्युत सज्जा की गई है। उन्होंने बताया कि पानी की समुचित व्यवस्था शहरवासियों के लिए की गई है। इस क्रम में नारायण सेवा संस्थान की ओर से काउंटर भी मेला स्थल पर लगाया गया है। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि यह मेला शहर की जनता के लिए पूर्णत: नि:शुल्क है और ज्यादा से ज्यादा सं या में आकर मेले का आनंद उठाएं।
सजी स्टालें : इस बार मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से व्यापारी आए हुए है। उन्होंने बताया कि इस बार पहली बार व्यापारियों में भी उत्साह है और प्रथम दिन से ही काफी सं या में व्यापारियों ने व्यवसाय शुरू कर दिया है। मेलार्थियों की भींड मेले की रंगत के साथ बढ़ रही और जम कर खरीददारी के साथ खाने पीने के चटखारे मेलार्थी ले रहे हैं। महिलाओं के शृंगार की भी मेले में अनेक सामग्री मौजूद है।
आज गुुदगुदाएंगे राजीव व चिराग वाधवानी : प्रेस समिति अध्यक्ष हंसा माली ने बताया कि सांस्कृतिक संध्याओं के क्रम में आज हास्य अभिनेता राजीव निगम व लाफ इंडिया लाफ-फेम के चिराग वाधवानी आज शहरवासियों को गुदगुदाएंगे।
उदयपुर। एसीबी द्वारा कोर्ट पे पेश की गयी तीन हज़ार पेज की चार्ज शीट के अनुसार अगर इस घूसकांड का सबसे बड़ा कोई सूत्रधार था तो वह दलाल संजय सेठी था। निलंबित खान विभाग का प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी तो अधिकारियों की पोस्टिंग तक संजय सेठी से पूछकर करता था। संजय सेठी ही बताता था कि किस खान मालिक को किस तरह से नोटिस देना है और कब देना है, कितने में बात तय करनी हे यह भी संजय सेठी ही करता था। गिरफ्तार अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत और पुष्कर आमेटा को अशोक सिंघवी नहीं और संजय सेठी अशोक सिंघवी के नाम से निर्देशित करता था। आज कोर्ट में पेश की गयी चार्जशीट के पहले पन्ने की शुरुआत दलाल संजय सेठी के कारनामों और उसकी कहानियों से हो रही है। चार्जशीट के पहले पन्ने से साफ़ लिखा गया है कि खान विभाग के आला अधिकारियों और खान मालिकों के बीच की कड़ी था संजय सेठी, जो खान मालिकों की खाने बंद करवा कर उनसे अधिकारियों के लिए करोड़ों की उगाही करता था। शेर खान वाले मामले में भी यही था शेर खान की १४ में से छह खानों को खान विभाग ने बंद करवा दिया था, जिसको शुरू करवाने के लिए संजय सेठी ने पांच से दस करोड़ के बीच मामला सेट करने की बात खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत से कही। जब शेर खान ढाई करोड़ रुपये देने को राजी हो जाता है तो संजय सेठी सचिव अशोक सिंघवी को कॉल पर ही बताता है कि शेर खान सवा करोड़ रुपये में माना है। एक करोड़ रुपये का घाला रख कर संजय सेठी एक करोड़ रुपया अपने पास ही रखना चाहता था। इसके अलावा चार्जशीट में दर्ज फोन कॉल की रिकॉर्डिंग का विस्तृत ब्योरा है। कई ऐसे पुख्ता साबुत है जिसमे कई सफ़ेद पोशों के राज छुपे हुए है जो अब उजागर होने की संभावना है।
महा घुस काण्ड के ७३ गवाह :
कोर्ट में पेश की गयी चार्ज सहित के अंदर कुल ७३ गवाह है जो कोर्ट में गवाही देंगे । ये ७३ गवाह में कुछ फिल्ड क्लब के कर्मचारि है जहां पर बैठ कर महाघुस काण्ड का खेल रचा जाता था। कुछ खान विभाग के ही निचले स्तर के कर्मचारी है जिन्हे पता तो सब है लेकिन कभी उच्च अधिकारियों के विरोध में बोलने की हिमाकत कभी किसी ने नहीं की। और कुछ फैक्ट्रियों और माइंसों के कर्मचारी है जो इस महाघुस काण्ड में पैसे लेनदेन का काम भी किया करते थे, साथ ही उन्हें संजय सेठी और खान मालिकों के बीच की डील के बारे में विस्तृत जानकारी थी।
४८१३ कॉल की बात चित :
चार्जशीट में आठों आरोपियों के बिच एक जनवरी से १६ सितम्बर के बिच घुस लेनदेन की बातचीत का ब्यौरा शब्द दर शब्द पेश किया गया है। आठों आरोपियों के बिच कुल 4813 कॉल घूसकांड को लेकर हुई। जिसमे
आरोपी अशोक सिंघवी, मोबाईल नम्बर 9829229874 — 135 कॉल
आरोपी अशोक सिंघवी, मोबाईल नम्बर 9829011666 — 62 कॉल
आरोपी संजय सेठी, मोबाईल नम्बर 9929429910 — 278 कॉल
आरोपी संजय सेठी, मोबाईल नम्बर 8696182268 — 301 कॉल
आरोपी संजय सेठी, मोबाईल नम्बर 9829490022 — 320 कॉल
आरोपी पंकज गहलोत, मोबाईल नम्बर 9414065509 — 382 कॉल
आरोपी पंकज गहलोत, मोबाईल नम्बर 9414275509 — 433 कॉल
आरोपी पूष्करराज आमेटा, मोबाईल नम्बर 9414109911 — 547 कॉल
आरोपी श्याम एस सिंघवी, मोबाईल नम्बर 9829041507 — 327 कॉल
आरोपी शेरखान, मोबाईल नम्बर 9829246511 — 860 कॉल्
आरोपी रशीद खान, मोबाईल नम्बर 9829246544 — 1168 कॉल