चूड़ासमा के गुर्गे थे सोहराब और तुलसी

उदयपुर। सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई द्वारा पेश की गई पूरक चार्जशीट में महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है कि कुख्यात अपराधी सोहराब और तुलसी गुजरात के आईपीएस अभय चूड़ासमा और अन्य पुलिस अधिकारियों के लिए काम करते थे। सीबीआई ने उदयपुर के अपराधी शराफत अली उर्फ कालू व मुश्ताक अहमद के बयानों के आधार पर इस बात की पुष्टि करते हुए न्यायालय में चार्जशीट पेश की है। एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में छपी खबर के अनुसार सीबीआई को अभय चूड़ासमा के फर्जी मुठभेड़ में शामिल होने का शक था, लेकिन पर्याप्त साक्ष्य नहीं थे। हाल ही में मुंबई की एक अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया, जिसमें उदयपुर के शराफत अली के बयान से यह खुलासा हुआ कि चूड़ासमा फर्जी मुठभेड़ में लिप्त थे।

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शराफत अली के बयान: शराफत अली ने सीबीआई को सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दिए हैं, जिन्हें अब बदला नहीं जा सकता। अली ने बताया कि जब वह आम्र्स एक्ट के मामले में उदयपुर जेल में बंद था। उस दौरान वह तुलसी प्रजापति से मिला था और तुलसी ने उसको बताया था कि जब गुजरात में उसको चूड़ासमा ने गिरफ्तार किया था, तब चूड़ासमा सोहराबुद्दीन और तुलसी की गतिविधियों से खुश नहीं थे। तुलसी ने चूड़ासमा को कहा था कि हम क्या गलत कर रहे हैं और आपके सारे निर्देशों को मान रहे हैं। चूड़ासमा ने तुलसी को विश्वास में लेकर सोहराबुद्दीन का पता जाना था, तब चुड़ासमा ने कहा था कि हम उसका एनकाउंटर नहीं करेंगे। बस कोई छोटे-मोटे मामले में जेल में डाल देंगे। लेकिन बाद में सोहराबुद्दीन को गिरफ्तार कर एक फर्जी मुठभेड़ में उसे मार दिया गया।
मुश्ताक अहमद के बयान
उदयपुर के ही 55 वर्षीय अपराधी मुश्ताक के बयान भी आरोप पत्र में दर्ज है, जिसमें मुश्ताक ने बयान दिए है कि सोहराबुद्दीन की उससे साबरमति जेल में मुलाकात हुई थी, तब सोहराबुद्दीन ने उसको बताया था कि गुजरात के कई बड़े पुलिस अधिकारियों से उसके अच्छे संपर्क है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने चूड़ासमा को सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ के मामले में अप्रेल, 2010 में गिरफ्तार कर लिया था। चूड़ासमा ने सोहराबुद्दीन और तुलसी का एनकाउंटर करना स्वीकारा था। शराफत और मुश्ताक के बयान सीबीआई ने चूड़ासमा की गिरफ्तारी के बाद लिए थे। सोहराब और तुलसी क्रमश: 2005 और 2006 में फर्जी एनकाउंटर में मारे गए थे। उल्लेखनीय है कि सीबीआई द्वारा आरोप पत्र में राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री और प्रतिप्रक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया सहित चार जनों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है, जिसमें कटारिया की जमानत पर पांच जुलाई को सुनवाई है।

झलक दिखला जा के मंच पर सत्ते पे सत्ता‘

_DSC14047 नई वाइल्ड कार्ड इंट्री को 7 जुलाई, 2013 को रात 9 बजे कलर्स पर.

 

सेलीब्रिटी डांस रिएलिटी शो में इस बार दिन बीतने के साथ मुकाबले का स्तर ऊंचा उठता जा रहा है और मुकाबला तगड़ा होता जा रहा है। झलक के दो सीजन की मेजबानी करने के बाद, अपने भाई के साथ रोनित रॉय इस शो में मुकाबला करते नजर आएंगे, ।

पहले भी रिएलिटी शो का हिस्सा रहना और बॉलीवुड फिल्म के लिए एक आइटम नंबर करना ही मुक्ति मोहन के लिए काफी नहीं था। कंटमपरेरी और इंडियन क्लासिकल में प्रोफेशनली ट्रेन्ड डांसर मुक्ति झलक के मंच पर प्रतिस्पर्धा का लेवल ऊपर ले जाने के लिए तैयार हैं।

एक और सेलीब्रिटी हैं जो क्रिकेट की पिच से निकल कर झलक की पिच पर अपना कारनामा दिखाने के लिए तैयार है, वे और कोई नहीं रोचेली मरिया राव हैं। कुछ-कुछ होता है की अंजली के नाम से जानी जाने वाली साना सईद शो का हिस्सा बनने को लेकर काफी उत्साहित हैं।

टेलीविजन एक्टर करण पटेल झलक के मंच पर पहली बार डांस करते हुए नजर आएंगे।

शहद जैसी आंखों वाले वत्सल सेठ को आशा है कि वे अपने साथी प्रतियोगियों को कड़ी टक्टर देने में कामयाब होंगे। एक और हरफनमौला-आरजे मंत्रा, जो एक एक्टर, टेलीविजन प्रस्तोता, मॉडल, रेडियो जॉकी और वोइस ओवर आर्टिस्ट हैं, अब डंास के नए क्षेत्र में अपने हाथ आजमाते नजर जाएंगे।

शेर खान ने दिया 20 लाख का मौताणा,पुलिस ने फिर निभाई बिचोलिये की भूमिका

Image3-300x219उदयपुर। चित्तौडग़ढ़ के सावा कस्बे में डम्पर की चपेट में आए युवक की मौत के बाद भड़के दंगे में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बिचौलिये की भूमिका निभाई और सावा के शेर खान से मृतक के परिजनों को २० लाख का मौताणे का चेक दिलवाया है। जबकि शुक्रवार को ही राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एचआर कुड़ी ने मौताणा मामले में पुलिस को बिचौलिये की भूमिका निभाने से बचने के निर्देश दिए थे। हालांकि शेर खान ने कहा है कि उन्होंने किसी को कोई मौताणा नहीं दिया है और ना ही पुलिस व प्रशासन के दबाव में कोई राशि दी है। उन्होंंने कहा कि कस्बे में शांति व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए यह मुआवजा टैंकर मालिक से दिलवाया गया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कभी यहां पर हिंदु-मुस्लिम दंगें नहीं हुए हैं। यह पहला मौका है, जब बाहरी तत्वों ने आकर इस घटना को अंजाम दिया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सावा में डम्पर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई थी। बाद में ग्रामीणों द्वारा आगजनी और तोडफ़ोड़ की गई। बाद में कुछ लोग ख्वाजा बाग स्थित मोहम्मद शेर खान के ख्वाजा बाग मकान में तोडफ़ोड़ के लिए गए, जिन्हें फायरिंग करके खदेड़ा गया।

: आजादी के बाद सावा में कभी हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ। यहां सभी भाईचारे से रहते हैं। सिर्फ कुछ शरारती तत्वों ने इस हरकत को अंजाम दिया है। हमने 20 लाख रूपए सिर्फ गांव में शांति व्यवस्था बहाली और गांव के बच्चे के परिवार की सहायता के लिए दिए हैं।
-मोहम्मद शेर खान, मार्बल व्यवसायी, सावा

घटना को लेकर सावा व्यापरियों का बंद: कल की घटना और बचे लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सावा के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे हैं। व्यापारियों की मांग है की कल फायरिंग की घटना व आगजनी में शामिल कई लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिनको गिरफ्तार किया जाए।
समय पर पुलिस पहुंचती तो घटना नहीं होती: सूत्रों के अनुसार डम्पर की चपेट में युवक के आने पर डम्पर चालक को सीधा स्थानीय लोग थाने में ले गए और सरेंडर करवाया। इसके बाद भी पुलिस ने तुरंत एक्शन नहीं लिया, जिससे मामला बढ़ गया। कुछ उपद्रवियों ने मिलकर आगजनी कर दी, जिससे घटना ने सांप्रदायिक रूप ले लिया।

कटारिया की अगली सुनवाई 6 जुलाई को

gulabchand katariyaउदयपुर। सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ के मामले में आज सुबह मुम्बई के लोअर कोर्ट में नेता प्रतिपक्ष और शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया मार्बल व्यवसायी विमल पाटनी सहित दो आईपीएस अधिकारी मुम्बई की लोअर कोर्ट में पेश हुए जिन्हें 6 तारीख को फिर पेश होने को कहा गया है।
एडवोकेट रोशनलाल जैन ने बताया कि सीबीआई की ओर से दायर चार्ज शीट मामले में शनिवार को मुंबई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख आगामी 6 जुलाई तय की है।

गौरतलब है कि इस मामले में पिछले दिनों मुंबई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसमें कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 जून की तारीख तय की थी। सोहराबुद्दीन मामले में ही कटारिया ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी भी लगा रखी है।

उस पर सुनवाई आगामी 5 जुलाई को होनी है। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं व कटारिया समर्थकों की निगाहें अब आगामी जुलाई माह की 5 व 6 तारीख पर जा टिकी है। अगर 5 जुलाई को मुंबई अपर कोर्ट द्वारा जमानत कि अवधि नहीं बड़ाई जाती है तो कटारिया कि मुश्किलें बढ सकती है ।

मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया कप्तान साहब ने:ङॉ.गिरिजा

उदयपुर। केन्द्रीय शहरी विकास एंव गरीबी उन्मूलन मंत्री डॅा. गिरिजा व्यास ने कहा कि कप्तान दुर्गाप्रसाद चोधरी ने अपने जीवन ने कभी मूल्यों से समझौता नही किया। उन्हेोनं अपने जीवन में पत्रकारिता करना ,आजादी की जंग एवं किसानों के हितों के लिए लडऩा जैसे मुख्य कार्र्य किए। दैनिक नवज्योति के संपादक दीनबन्धु चौधरी उन्हंी के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके व्यक्तित्व को छूने का प्रयास किया।

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रविन्द्रनाथ टेगौर मेडीकल कॉलेज में आयोजित कप्तान दुूर्गांप्रसाद चौधरी पत्रकारिता पुरूस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए उक्त बात कही। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ पत्रकारिता के अर्थ भी बदल गए हैं। दैनिक नवज्योति ने इस बदले युग में भी अपना स्थान बनाये रखा है। कितने ही बदलाव हुए लेकिन प्रिन्ट मीडिया का स्थान आज भी है और कल भी रहेगा।
दैनिक नवज्योति के मुख्य उप संपादक एल. एल. शर्मा ने बताया कि वर्ष 1996 में शुरू किया गया कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी पुरस्कार आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ख्याति अर्जित कर चुका है। पुरस्कार पूर्व में प्रतिवर्ष एक ही पत्रकार को दिया जाता था लेकिन समय के साथ अब इनकी संख्या बढ़ाकर 5 कर दी गई है। इसके चयन के लिए निर्णायक कमेटी गठित की गई। इस बार मेवाड़ को ध्यान में रखते हुए पुरस्कार का चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस बार प्रथम पुरस्कार 31 हजार रुपए नकद बांसवाड़ा के दीपक श्रीमाल को प्रदान किया गया। इसके साथ उन्हें पगड़ी पहनाकर शॉल, स्मृति चिह्न, प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त पांच अन्य पुरस्कार 11 हजार रुपए नकद के डॉ. केशव पथिक, सुदर्शनसिंह भाटी, लोकेन्द्रसिंह, हरीश कुमार पण्ड्या और राजकुमार कोठारी को प्रदान किए गए। कार्यक्रम में सांसद रघुवीरसिंह मीणा, महापौर रजनी डांगी, यूआईटी चेयरमैन रूप कुमार खुराना भी अतिथियों के रूप में मौजूद थे।
इससे पूर्व दया किशन ने डॉ. गिरिजा व्यास को स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया। इससे पहले दैनिक नवज्योति के जयपुर संस्करण के संपादक महेश शर्मा ने विधायक सज्जन कटारा को बुके भेंट कर स्वागत किया। शालिनी चौधरी ने महापौर रजनी डांगी को शॉल ओढ़ा बुके भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर हर्ष चौधरी, नवज्योति के स्थानीय ब्यूरो चीफ बी. एम. गोयल भी मौजूद थे।

लम्बे इंतजार के बाद कांग्रेस की कार्यकारणी घोषित

images (6)उदयपुर. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को उदयपुर शहर जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान की ओर से घोषित कार्यकारिणी में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.सी.पी.जोशी और रघुवीर मीणा का दबदबा साफ नजर आ रहा है। हलाकि घोषित कार्यकारिणी में जिन कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है उनमें से अधिकांश कार्यकर्ता पिछली कार्यकारिणी में पदाधिकारी रह चुके है,मगर विवादों के चलते कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। नई कार्यकारिणी में आठ उपाध्यक्ष बनाए गए है।
इनमें पंकज शर्मा, शराफत खान, अर्जुन राजोरा, जसवंत टांक, भरत आमेटा, बतुल हबीब, गणेश राजोरा व शंकर भाटिया शामिल है। जबकि महामंत्री कमलनयन खंडेलवाल, राजेश जैन, प्रेम घावरी, अजय सिंह, दिनेश दवे, प्रमोदनी बक्षी, मधु सालवी व प्रमोद खाब्या को बनाया गया है।
महामंत्री कमल नयन खंडेलवाल, राजेश जैन, प्रेम घावरी, अजयसिंह राजपूत, दिनेश दवे, प्रमोदनी बक्शी, मधु सालवी, प्रमोद खाब्या को बनाया गया है। कोषाध्यक्ष मानमल कुदाल जैन, पार्टी प्रवक्ता फिरोज शेख और दीपक औदिच्य को बनाया गया है। इसके साथ ही सचिव पद पर अंकिता वैश्य, रोशन साहू, राहुल व्यास, राजेश चुघ, भगवतीलाल सुथार, जसवंत गन्ना, सोमेश्वर मीणा, अली कौसर, दुर्गा नवल, रंजना साहू, कमला मीणा, हरीश शर्मा, केजी मूंदड़ा, नजमा मेवाफरोश, पुरूषोत्तम डोडेजा को बनाया गया है। इस कार्यकारिणी में 19 कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं।

शराब तस्करी में पुलिस की दलाली का खुलासा

रिपोर्ट – मनीष गौड़ ( मददगार के क्राइम रिपोर्टर )
STORY-CARTOON-28-6-13-2-245x300उदयपुर। राजस्थान से पड़ौसी राज्य गुजरात में रोजाना हो रही करोड़ों रूपए की शराब तस्करी के कारोबार में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आई है। पता चला है कि पुलिस फोर्स के एक दर्जन से अधिक कर्मचारी तस्करों से जुड़े हुए हैं। इन्हें क्रकांस्टेबल गिरोह का नाम दिया गया है। इन्हें कुछ अफसर भी संरक्षण दे रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांस्टेबल्स का एक गिरोह पूरी तरह से इस कारोबार में लगा हुआ है, जो शराब की ट्रकों को लूटने, पकडऩे और तस्करों से सांठगांठ कर बॉर्डर तक पायलेटिंग करने का काम तक करता है। पुलिस अधीक्षक ने ऐसे करीब चार से ज्यादा कांस्टेबल्स को नामजद करके जिला बदर करने की तैयारी कर ली है।
हरियाणा, दमन और अन्य राज्यों में निर्मित शराब को राजस्थान होकर गुजरात तस्करी करने का धंधा काफी पुराना है। इस धंधे में सर्वाधिक उदयपुर, जोधपुर और मारवाड़ के तस्कर शामिल है, जो पुलिस विभाग की क्रमेहरबानीञ्ज से बेधड़क इस कारोबार को चला रहे हैं। इस धंधे से अच्छी खासी इनकम पुलिस को होती है। इसलिए खासतौर पर इस कारोबार के लिए पुलिस अधिकारियों ने मुखबिरों की एक फौज बनाई थी, जो अब पुलिस के लिए ही परेशानी का कारण बन गई है। बहरहाल एसपी हरिप्रसाद शर्मा ने ऐसे मुखबिरों पर नकेल कसने के साथ ही इस धंधे में लिप्त चार कांस्टेबल्स को जिला बदर करने की तैयारी कर ली है। इनमें हाल ही में गिरफ्तार अनिल चौधरी, लाइन हाजिर सुमित कुमार, एक थाना क्षेत्र के एसआई और उसका कांस्टेबल बेटा शामिल है। हालांकि इस गिरोह में दस से ज्यादा कांस्टेबल है, जो शराब तस्करी में लिप्त है। उल्लेखनीय है कि शराब की ट्रक छोडऩे की एवज में ५० हजार की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार अनिल चौधरी ने पूछताछ में एक बड़े अधिकारी का नाम लिया है, जिसकी सत्यता की जांच की जा रही है। इस संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करते हुए एसीबी चित्तौडग़ढ़ की टीम ने अनिल का दो दिन का रिमांड मांगा था। अनिल की रिमांड अवधि का आज दूसरा दिन है।

खूनी रंजिश
शराब तस्करी के इस कारोबार का नाता उदयपुर से काफी पुराना है। उदयपुर के कई बदमाश इस कारोबार में बरसों से जुड़े हैं। करीब ३० बरस पहले कुराबड़ के [quote_right]हमारी जानकारी में आया है कि कुछ कांस्टेबल शराब तस्करों के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे बदमाश कांस्टेबल्स को जिला बदर करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में आईजी साहब से भी चर्चा की गई है। -हरिप्रसाद शर्मा, एसपी उदयपुर [/quote_right]कैलाश जैन नामक शराब माफिया (अहमदाबाद का वाइन किंग) की हत्या भी केवड़े की नाल में की जा चुकी है। कैलाश जैन का संबंध अहमदाबाद के माफिया लतीफ से था, जिसकी भी कुछ बरस पूर्व एनकाउंटर में मौत हो गई। उसके बाद से लेकर अब तक कई हत्याएं हुईं, जिनमें कई मुखबिरों को जान गंवानी पड़ी। पिछले बरस गोगुंदा क्षेत्र के मुखबिर सुरेश पालीवाल उर्फ सुरेश मांजरिया की हत्या करके लाश डबोक क्षेत्र में हाइवे पर फेंक दी गई।
मुखबिर तंत्र बना मुसीबत
करीब तीन सौ करोड़ की अवैध शराब प्रतिमाह तस्करी के जरिये उदयपुर होते हुए गुजरात ले जाई जा रही है। इस कारोबार का एक बड़ा हिस्सा हड़पने की गरज से पुलिस ने जो मुखबिर तंत्र खड़ा किया था, अब वहीं तंत्र पुलिस के लिए मुसीबत बन चुका है, क्योंकि शराब तस्करी की ट्रकें पकडऩे के लिए पहले मुखबिर को २० पेटी और बाद में ५० पेटी शराब दी जाती थी, लेकिन जब मुखबिरों को लगा कि यह कम है, तो उन्होंने पुलिस के ही कुछ कांस्टेबलों के साथ मिलकर शराब तस्करों के लिए काम करना शुरू कर दिया। मासिक बंधियां बांध ली। पता चला है कि गोगुंदा के मुखबिर सुरेश मांजरिया की मंथली इनकम करीब ढाई लाख रूपए से ज्यादा थी, यह रकम तस्कर उसे ट्रकें नहीं पकड़वाने की एवज में देते थे। इसी प्रकार इस कारोबार से जुड़े सिपाहियों की मासिक इनकम भी लाखों में हैं।

 

गुंडों पर कार्रवाई चाहिए आम लोगों पर नहीं

policeउदयपुर। फतहसागर किनारे सुकून के पल बिताने आए शहरवासियों और पर्यटकों को बीती रात पुलिस ने  डंडा मार कार्रवाई करते हुए भगा दिया। अफसोस है कि पुलिस ने ऐसी कार्रवाई की, जिससे आमजन का विश्वास पुलिस के प्रति संदिग्ध हो गया।
होना तो यह चाहिए था कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होती, पुलिस की गश्त चलती रहती और आमजन तथा पर्यटक पुलिस निगरानी में आराम से फतहसागर के किनारे का लुत्फ लेते, लेकिन पुलिस ने अफसोसनाक कार्रवाई की है।  एसपी हरिप्रसाद शर्मा से अपील करता है कि फतहसागर किनारे शराब पीकर उत्पात मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें, न कि आमजन और पर्यटकों को वहां से भगाए।  उल्लेखनीय है कि महीने के आखिरी बुधवार को फतहसागर किनारे शराबी और बदमाश युवक उत्पात मचाते हैं।आए दिन वहां पर शराब पीकर महिलाओं और युवतियों पर गंदी फब्तियां कसते हैं। इस दिन मुंबइयां बाजार भी बंद रहता है, जिससे इन बदमाशों के हौसलें और भी बढ़ जाते हैं और बाजार बंद होने के कारण पुलिस गश्त भी नहीं होती है। इस संदर्भ में  समाचार प्रकाशित किया, तो गुरुवार रात को पुलिस ने फतहसागर घूमने आए शहरवासियों और पर्यटकों को भी लाठी के जोर से भगा दिया। कुछ लोगों को मार भी खानी पड़ी। मुंबइयां बाजार के दुकानदारों पर भी सख्ती की गई और बाजार जल्दी ही बंद करा दिए।
पुलिस कार्रवाई से लोगों में रोष
पुलिस द्वारा कल रात की गई कार्रवाई से लोगों में रोष है। बीती रात अपने परिवार के साथ फतहसागर किनारे बैठे भरत व्यास ने कहा कि पुलिस समाज कंटकों पर कार्रवाई करने की बजाय वहां आए परिवारों और दुकानदारों पर सख्ती बरत रही थी। उन पर डंडे बरसा रही थी, जबकि पुलिस को चाहिए था कि समाज कंटकों से वहां आने वाले परिवारों और महिलाओं को सुरक्षा देंवे। हमको व कई अन्य परिवारों को भी वहां से भगा दिया गया, जो कि गलत है। सुशील जैन ने बताया कि वह भी उसकी पत्नी के साथ रात 10 बजे एफएस पर पहुंचे थे। रात 11 बजे करीब पुलिस के 8-10 जवान आए और बिना कुछ बताए, वहां बैठे लोगों को भगाने लगे। विरोध करने पर युवाओं पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। मानो जैसे हम असामाजिक लोग

चित्तौड़गढ़ में सांप्रदायिक हिंसा, दुकानें-वाहन फूंके

images (5)चित्तौड़गढ़। शहर के निकटवर्ती सावा गांव में शुक्रवार सुबह दुर्घटना में युवक की मौत के बाद तीन डम्पर फूंक दिए गए। मामले ने बाद में साम्प्रदायिक उपद्रव का रूप धारण कर लिया। बस स्टैण्ड पर दुकानों व दुपहिया वाहनों में आग के बाद दोनों समुदायों के लोग भिड़ गए। एक समुदाय के पथराव व फायरिंग में दो जनों के जख्मी होने की सूचना है।

पुलिस ने लाठीचार्ज कर दोनों पक्षों को खदेड़ा। जिला कलक्टर सहित पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर ही डटे थे। कस्बे में कर्फ्यू के हालात थे। पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कन्नौज मार्ग पर एक डम्पर की टक्कर से सुबह बाइक सवार उदयलाल(22) पुत्र ओगड़ मेघवाल मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं पहुंचने से आक्रोशित ग्रामीणों ने वहां एक डम्पर को आग लगा दी।

इधर,बस स्टैण्ड पर दूसरे समुदाय के लोग एकत्र हो गए। इस बीच,ग्रामीणों ने दो और डम्पर फूंक दिए और बस स्टैण्ड की ओर बढ़ गए। यहां दोनों समुदाय आपस में भिड़ गए। आधा दर्जन दुकानों व दो दर्जन से अधिक दुपहिया वाहनों को आग लगा दी गई।

मौताणे में पुलिस बिचौलिये की भूमिका न निभाएं

photo (3)उदयपुर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच.आर. कुड़ी ने कहा है कि आदिवासी समाज में मौताणा एक सामाजिक बुराई है, जिसको समाप्त करने के प्रयास आयोग अपने स्तर पर कर रहा है। मौताणा को खत्म करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए एक रिपोर्ट आयोग की तरफ से तैयार करके राज्य सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो सबसे ज्यादा अहम है, वो यह है कि पुलिस को मौताणों के मामलों में बिचौलिए की भूमिका नहीं निभानी चाहिए।
श्री कुडी ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में यह विचार रखे। कुड़ी ने बताया की वह जहाँ भी जाते है और यहाँ भी दो दिन के दौरान अधिकतर मामले पुलिस को लेकर ही होते है और अधिकतर को पुलिस के व्यवहार से शिकायत होती है । इसके लिए हम पुलिस के आला अधिकारीयों से बातचित कर व्यवहार सुधारने के लिए सेमीनार कार्यशाला करते है और हिदायत देते रहते है ।कुड़ी ने बाल श्रम पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा की यह समस्या पुरे देश की है। और राजस्थान में इससे निपटने के लिए हम एक पूरी रिपोर्ट तैयार कर रहे है जो राज्य सरकार को सोंपी जायेगी।
कुड़ी ने कहा कि पिछले दो दिनों की उदयपुर प्रवास के दौरान दो जनसुनवाई और पेंडिंग पड़े 40प्रकरणों में से करीब ७० से ८० प्रतिशत प्रकरणों का निस्तारण किया तथा दो दिन तक सर्किट हॉउस में भी जन सुनवाई के दौरान ५० से अधिक प्रकरण आये जिसमे अधिकतर का मोके पर अधिकारीयों को निर्देश दे कर निपटारा कराया तथा सम्बंधित अधिकारीयों को दिशा निर्देश दिए ।