बांसवाड़ा विधायक को समय मिले तो शुरू हो शहर का विकास

jpr2316766-largeनगरपरिषद में बोर्ड बनने के 60 दिन बाद भी एक भी बैठक नहीं हो सकी है। शहर के विकास के काम रुके पड़े है। जब तक बैठक नहीं होती तब तक कोई निर्णय नहीं लिए जा सकते। वर्तमान में भाजपा का बोर्ड है।

शहर विधायक धनसिंह रावत के दिशा निर्देश में ही बोर्ड अपने कामों को आगे बढ़ा रहा है। इससे साफ है रावत की इच्छा के अनुसार ही परिषद विकास के मुद्दों को आगे बढ़ाएगी। इस संबंध में सभापति ने भी विधायक की ओर से समय नहीं मिल पाने की वजह बताई। विधायक ने भी अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को स्वीकार किया है। उनके अनुसार बोर्ड की बैठक में उनकी उपस्थिति होनी जरूरी है।

सभापति के शपथ लेने के 67 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक साधारण सभा तो नहीं हुई, लेकिन साथ ही समितियों के गठन को लेकर भी कोई हलचल नहीं है। समितियों के गठन नहीं होने से शहर में विकास कार्य ठप पड़े हुए है। दूसरी नगर परिषद ने 2015 के लिए बजट तैयार करना शुरू कर दिया है। पिछले साल 15 फरवरी को बजट पेश किया गया था।

60 दिन में बैठक- 90 दिन में समितियां बनाना जरूरी

राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 55(5) के तहत नगर परिषद में कार्यपालक समितियों का गठन जरूरी है। इसी नियम के अनुसार 60 दिन में बैठक भी करनी होती है। हालांकि समिति गठित करने में 90 दिन का समय दिया गया है। जिसमें अभी करीब 27 दिन का समय शेष है।

बैठक में देरी को लेकर विधायक धनसिंह रावत से बात की गई। उन्होंने भी अप्रत्यक्ष रूप से उनकी वजह से देरी को कबूल किया –

Q. नगर परिषद का बोर्ड बने हुए 60 दिन से अधिक समय हो गया। एक बैठक भी नहीं हो सकी है।

A.अभी तक हम पूरी तरह पंचायत चुनाव में लगे हुए है। हमारी कोई चर्चा भी नहीं हुई है। आठ फरवरी के बाद फ्री होंगे।

Q.शहर में एक भी विकास का काम नहीं हो रहा है।

A.नगर परिषद शहर के विकास के लिए बनी है। पंचायत चुनाव के बाद बढ़िया तरीके से काम किया जाएगा। विकास में समय तो लगता ही है।

Q.नगर परिषद को फ्री हैंड किया जा सकता है।

A.कोई नया आदमी होता है तो दिशा-निर्देश तो लेगा। बात तो करेगा ही।

बजट की तैयारी शुरू कर दी है

बजट की तैयारियां शुरू कर दी गई है। सभी चुनाव में व्यस्त थे, बोर्ड कहेगा तभी बैठक होगी। मोहम्मदनसीम शेख, आयुक्त, नगर परिषद

भाई साहब के आने का इंतजार

भाईसाहब यानि बांसवाड़ा विधायक धनसिंह रावत आठ फरवरी को चुनाव से फ्री होंगे। इसके बाद बैठक बुलाएंगे। जल्द ही बैठक बुला लेंगे। -मंजू बाला पुरोहित, सभापति, नगर परिषद

केवल सफाई के बिलों पर ध्यान

बोर्ड उपाध्यक्ष महावीर बोहरा ने स्वीकार किया कि केवल सफाई कर्मियों और कर्मचारियों के वेतन के बिल पास हो रहे हैं। शेष कोई काम नहीं हो पा रहा है। हम चुनाव में व्यस्त थे।

इधर, ताला लगा देने की चेतावनी

कुशलबागमैदान के निकट रंगमंच तैयार हो चुका है। नगर परिषद काम अधूरा बता रही है। इस संबंध में यहां के इंटीरियर का काम करने वाली फर्म के सोनू भाई ने बताया कि आने वाले सप्ताह में बांसवाड़ा आएंगे। नगर परिषद या तो हैंडओवर कर लेगी, नहीं तो वह रंगमंच पर ताला लगा देंगे।

वर्ष 2013-14

मोक्ष वाहिनी खरीदी जानी।
हाइड्रोलिक एक्स से प्लेटफार्म।
रोड स्वीपर, मिनी ट्रैक्टर की खरीदी करना।
कंटेनर और पानी का टैंकर खरीदना।
शहर के मुख्य मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाना।

वर्ष 2014-15

दो डंपर, एक जेसीबी की खरीदी करना।
चार ट्रैक्टर, एक जिप्सी खरीदना।

आम आदमी के काम भी अटके

नई सड़क बनाने के लिए टेंडर नहीं हो रहे।
निर्माण स्वीकृति जारी नहीं की जा रही।
डूंगरपुर रोड का काम आधा ही छोड़ दिया। पैसा भी चुका है। लोगों को परेशानी हो रही हैं।

सेवानिवृत्त व्याख्याता के घर में लाखों की चोरी, बिखेरा अंदर का सारा सामान

उदयपुर. गोवर्धन विलास थाना क्षेत्र के सेक्टर 11 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में चोर सेवानिवृत्त व्याख्याता के सूने घर से लाखों के जेवर, नकदी चोरी कर ले गए। परिवार कांकरोली में रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में गया हुआ था।

एसआई हेमाराम ने बताया कि रमेश चन्द्र पुत्र रंगलाल शर्मा सेवानिवृत व्याख्याता है। वे 28 जनवरी को परिवार सहित कांकरोली गए थे। शनिवार को लौटे तो घर के मैन गेट का ताला टूटा हुआ था और अंदर सारा सामान बिखरा था। अलमारी में रखे सोने के टॉप्स, चेन, अंगूठी सहित चांदी के बिछिया, पायजेब, सिक्के और 5 हजार रुपए नकदी चोरी हो चुकी थी। इसकी सूचना पुलिस को दी और रिपोर्ट दर्ज कराई।

यह रखें सावधानी

पुलिस ने बताया कि शादियों का सीजन में चोर सक्रिय हो जाते हैं। सूने घर की रैकी कर रात में वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने नसीहत दी कि परिवार कहीं समारोह में जाएं तो पुलिस और पड़ोसियों को सूचना कर जाएं। इसके अलावा इंतजाम इस तरह करें कि किसी को यह आभास हो कि घर में कोई नहीं है।

स्वाइन फ्लू के ज्यादातर केस प्रारंभिक लक्षण वाले, 40 मरीज ए कैटेगरी के

223_1422834512उदयपुर. साल की शुरुआत के साथ एक महीने में 15 मरीज पॉजिटिव आ चुके हैं। जिले के सबसे ज्यादा केस ए कैटेगरी में मिल रहे हैं। डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राघवेंद्र राय ने बताया कि करीब 40 लोग इस कैटेगरी में मिल चुके हैं, जिसमें शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं। यह मौके पर दवा देने पर ठीक हो जाते हैं। सी केटेगरी में मिलने वाले मरीजों को तुरंत रेफर किया जा रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में भी आईएलआई यानि इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस के मरीजों की अपडेट मिल रही है।
क्षेत्रों में पहुंची टीमें, अस्पतालों का निरीक्षण आज से
शहर में चार नए केस आते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। मरीजों के परिजनों के अलावा आसपास रहने वालों को भी टेमी फ्लू की दवाइयां दी। अफसर सोमवार से तीन दिन तक जिले के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण की व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। इसकी रिपोर्ट 6 फरवरी तक स्वास्थ्य निदेशालय को भेजी जाएगी। निरीक्षण अभियान 4 फरवरी तक चलेगा।
विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. आर.एन. बैरवा प्रतापगढ़, आयुष के मेडिकल ऑफिसर डॉ. रामबाबू शर्मा उदयपुर जिले के अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान स्वाइन फ्लू वार्ड, आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड में बैड, दवाइयों, सिरप, मास्क का स्टॉक, मरीजों की संख्या, ओपीडी के निरीक्षण के अलावा स्क्रीनिंग के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या आदि व्यवस्थाएं देखी जाएंगी।
सीएचसी और पीएचसी में अलग कमरे तैयार
जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी में आने वाले मरीजों के लिए अलग कमरे की व्यवस्था की गई है। इनमें सर्दी-जुकाम के मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। सभी ब्लॉक से डेली रिपोर्ट अपडेट की जा रही है।

हास्य और मनोरंजन के बीच थियटर पर एक गम्भीर सोच

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रंगशाला में ‘‘अनारकली’’ का मंचन
उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगाशाला’’ में रविवार शाम नाटक ‘‘अनारकली’’ मंचित किया गया जिसमें हास्य और मनोरंजन के साथ-साथ थिएटर तथा थिएटर पर एक गम्भीर सोच को रोचक ढंग से पेश यिा गया।
जोधपुर की अपूर्वा थिएटर रेपर्टरी के कलाकारों ने शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में मनोहर सिंह द्वारा लिखित व अजय करण जोशी द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘अनारकली’’ का मंचन किया गया। नाटक रंगकर्म के प्रति एक गम्भीर सोच के साथ शुरू होता है जिसमें एक नवोदित निर्देशिका ऊषा जी के निर्देशन में नाटक खेला जाता है। जिसमें एक सीनियर कलाकार बीच में नाटक छोड़ कर चला जाता है उसके एवज में नया कलाकार रखने के लिये प्रयास किये जाते हैं। इसके बावजूद नाटक के मंचन में अन्य कई प्रकार की सामाजिक व पारिवारिक अड़चने आती हैं। किसी की बीवी नाटक के खिलाफ है तो किसी का पिता। कुल मिला कर थिएटर के प्रति लोगों की सोच और रवैये को लेकर नाटक का ताना बाना बुना गया। जिसे जोधपुर के रंगकारों ने बखूबी मंच पर बेहतरीन तालमेल और श्रेष्ठ अभिनय से प्रस्तुत किया।
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Anarkali-2नाटक के निर्देशक अजय करण जोशी स्वयं एक एक्टर के किरदार में दिखे व अपने अभिनय का जौहर दिखाया किन्तु साथ ही एक निर्देशक के तोश्र नाटक के प्रत्येक पक्ष को भलिभांति उभारने तथा उसे प्रस्तुत कर पाने में सफल हो सके। सलीम व सरूप् के किरदार में परमानन्द रामदेव का अभिनय लरजवाब बन सका वहीं अनारली व ऊषा की भूमिका में पूजा जोशी का अभिनय श्रेष्ठ बन सका। पूजा ने अनारकली के किरदार के साथ-साथ एक उदीयमान निदै्रशिका के भावों को सशक्त ढंग से प्रस्तुत किया। प्रस्तुति में जांनिसार की भूमिका निभा रहे कलाकार सैफुल्लाह खान, अकबर अजय सिंह गहलोत, कलाकार की पत्नी आशिमा गुप्ता ने अपने अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन किया व अपनी छाप छोड़ी। नाटक का संगीत पक्ष जहां प्रभावशाली रहा वहीं समापन पर प्रस्तुत गीत प्रेरणादायी व उर्जावान बन सका।

मोबाइल पर अनलिमिटेड विदेश बात करो, मात्र 10 पैसे प्रति मिनट!

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isdUdaipur. विदेश बात करने वालों के लिए बढिया खबर है। अब आप केवल 10 पैसे प्रति मिनट के हिसाब से मोबाइल पर बात कर सकते हैं।

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बांसवाड़ा शहर में नहीं थमा जुआ-सट्टा

foulplayRPJHONL009010220152Z18Z14 AMबांसवाड़ा। पुलिस के आला अधिकारियों की लाख कोशिशों के बावजूद शहर में जुआ-सट्टा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। कोतवाली थाना क्षेत्र के कस्टम चौराहा, राजतालाब क्षेत्र, पुराना बस स्टेण्ड, पुरानी सब्जी मंडी, पृथ्वीगंज सहित अन्य कई इलाकों में बड़े स्तर पर जुए-सट्टे का कारोबार संचालित है।

इनके खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। जानकारों के अनुसार शहर में हर दिनों लाखों रूपए का जुआ-सट्टा चलता है।

छुटपुट कार्रवाई और इतिश्री
गौरतलब है कि बीते महीनों में कोतवाली पुलिस कार्रवाई करते हुए अलग-अलग स्थानों से छापेमारी कर छुटमुट जुआ-सट्टा के खिलाफ कार्रवाई तो की, लेकिन बड़े स्तर पर जुआ-सट्टा का काम करने वालों के खिलाफ शहर में एक भी कार्रवाई नहीं हुई। इससे मामले में पुलिस की मिलीभगत का भी अंदेशा है।

एसपी ने दिए थे सख्त निर्देश
जिले में जुआ-सट्टा के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई के लिए बीते महीनों में पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने सभी थाना अधिकारियों को निर्देश दिए थे। बावजूद जुआ सट्टा बंद नहीं हुआ है।

उल्लेखनीय है कि अधिकारियों के आदेश के बाद पुलिसकर्मी कुछ दिन कार्रवाई करते हैं इसके बाद हालात फिर पहले की तरह हो जाते हैं।

महिलाओं को “घूरना” सेहत के लिए घातक

aaमहिलाएं खुद हो या उनकी तस्वीरें, इन्हें ज्यादा देर घूरना सेहत के लिहाज से खतरनाक हो सकता है।

महिलाओं को आमतौर पर उनकी शारीरिक बनावट के आधार पर आंका जाता है। इसे अक्सर कामुकता से भी जोड़ा जाता है और यहां तक कि महिलाओं के सिर्फ शारीरिक अंगों को ही देखा जाता है।

लिहाजा कई बार नकारात्मक नतीजे भी भुगतने पड़ते हैं। यह निष्कर्ष है पुरूषों व महिलाओं पर किए गए एक शोध के। यह शोध अमरीका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय ने किया। शोध मनोविज्ञान पत्रिका फ्रंटियर में छपा है।

दिक्कत कहां
सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान कार्यक्रम की शोधार्थी मेरी जेन अमॉन ने कहा, महिलाओं को घूरने से तुरंत नकारात्मक असर यह होगा कि आत्मविश्वास में गिरावट आ सकती है। मस्तिष्क की सक्रियता में कमी हो सकती है।

खुद के लिए भी खतरनाक
अमॉन की मानें तो असल में महिलाओं को घूरा जाना अन्य लोगों के लिए घातक है ही, खुद महिलाओं के लिए भी ज्यादा खतरनाक है। ऎसा लंबे समय तक होने पर महिलाएं खुद के फिगर के आधार पर मूल्यांकन करना शुरू कर देती हैं।

दो समूहों में बांटा
शोध में लोगों को दो समूहों में बांटा गया। पहले में कॉलेज छात्र-छात्राएं तो दूसरे में केवल छात्र शामिल थे। दोनों समूहों केसामने तस्वीरें खींची गई। इनसे दृश्य उत्तेजना से जुड़ी जांच पर मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया मांगी गई। लोगों, प्राकृतिक दृश्य, कला, जानवर और कार्टूनों की तस्वीरें दिखाई गई। फिर इनकी प्रतिक्रिया ली गई।

यह निकला निचोड़
पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की तस्वीरें ज्यादा और लंबे समय तक देखी जाती है।
पुरूष-महिला समूहों में भी महिलाओं की तस्वीरें ज्यादा बार देखी जाती है।
महिलाओं की तस्वीरों को सबसे पहले व आखिर में भी देखा गया। ऎसा करने वाले पुरूष्ा व महिलाएं बराबर थी।

जोधपुर में मिनीबस-ट्रक की जोरदार भिड़त, 11 मरे

jodhpurRPJHONL009010220155Z27Z12 PMजोधपुर। एक मिनी बस और ट्रक के बीच जोधपुर बायपास पर हुई जोरदार भिड़ंत में 11 जनों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया जबकि उनके साथ सफर कर रहे 14 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

डीसीपी पूर्व राहुल जैन के मुताबिक चंदन गांव के 25 लोग मिनी बस में सवार होकर जोधपुर-जयपुर बायपास पर स्थित पाली जिले के बोलुंदा गांव में पंचायत चुनाव के दौरान मतदान करने जा रहे थे।

उन्होंने बताया कि बनाड़ पुलिस थाने के नजदीक जोधपुर बायपास पर तेज गति से आ रहे एक ट्रक के साथ यह मिनी बस टकरा गई।

बस में सवार 11 जनों ने तो घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया जबकि बाकी घायलों को इलाज हेतु तत्काल जोधपुर के एमडीएम अस्पताल रवाना किया गया। घायलों लोगों में से सात जनों की हालत गंभीर बताई जाती है।

हादसे का शिकार बने सभी लोग चंदन गांव के मजदूर बताए जाते हैं।

जिला कलेक्टर पाली रोहित गुप्ता ने मृतकों के परिवारों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 50 हजार की सहायता राशि की घोषणा की है।

15 लाख बेरोजगारों से वसूले 76 करोड़, नौकरी एक को भी नहीं

rtetजयपुर। राज्य सरकार बीते चार साल में 15 लाख से अधिक प्रशिक्षित बेरोजगारों से शिक्षक योग्यता परीक्षा के नाम पर 76 करोड़ रूपए से अधिक वसूल चुकी है, लेकिन अब तक नौकरी एक को भी नहीं दी।

शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से 2011 और 2012 में दो बार राजस्थान टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (आरटेट) आयोजित करवाया। वर्ष 2013 में फिर परीक्षा के लिए आवेदन भरवा लिए, लेकिन परीक्षा करवाई नहीं।

इन तीनों ही परीक्षाओं में 15 लाख से अधिक बीएड और बीएसटीसी योग्यताधारी अभ्यर्थियों ने आवेदन किए, लेकिन पहली दो परीक्षाएं सरकारी ढिलाई और अधिकारियों की लापरवाही के कारण विवादित हो चुकी हैं और तीसरी आयोजित ही नहीं हुई है।

सूचना के अधिकार के तहत राजस्थान उच्च न्यायालय के एडवोकेट संदीप कलवानिया ने हाल में बोर्ड से ये जानकारी मांगी। उन्होंने बोर्ड से पूछा कि आखिर तीन परीक्षाओं के नाम पर कितना पैसा वसूला गया। कलवानिया का कहना है कि तीनों ही परीक्षाओं का मकसद आज तक पूरा नहीं हुआ। ऎसे में सरकार को तुरंत सभी अभ्यर्थियों को उनकी ओर से भरी गई आवेदन की राशि लौटा देनी चाहिए।

रीट के नियम स्पष्ट नहीं
राज्य सरकार ने आरटेट को बंद कर अब रिक्रूटमेंट कम एलिजिबलिटी टेस्ट (रीट) का प्रावधान कर दिया है। इस व्यवस्था की घोष्ाणा को करीब आठ माह बीत चुके हैं। अब तक इसके नियम स्पष्ट नहीं किए गए हैं।

पीड़ा ऎसी: पैसा गया और समय भी
दौसा जिले के भंडारेज की रहने वाली प्रेमलता कुमावत ने बताया कि वर्ष 2010 में बीए किया। वर्ष 2011 में बीएड। इसके बाद टेट की तैयारी के लिए जयपुर आकर कोचिंग की। पहले टेट के दोनों चरणों के लिए परीक्षा ली गई, शुल्क भी वसूला गया और सफल होने पर प्रमाणपत्र भी दिया गया, जिसकी वैधता 7 साल थी।

कुछ ही माह में सरकार ने स्पष्ट किया कि बीएड किए हुए अभ्यर्थी टेट के प्रथम लेवल के योग्य नहीं होंगे। इससे पूरी फीस बेकार गई और प्रमाण-पत्र धूल खा रहा है।

दोबारा टेट दी तो आरक्षण का प्रावधान कर दिया गया और 55 प्रतिशत अंक आने पर पास कर दिया गया। फिर नया नियम बताया गया कि आरक्षण पर असमंजस रहेगा। मामला कोर्ट में गया। इसके बाद फिर से तीसरी बार टेट का आवेदन भर दिया। अब परीक्षा रद्द कर रीट का प्रावधान कर दिया गया है। अब इसका भी क्या भरोसा?

पूर्व सीएम अशोक गहलोत को स्वाइन फ्लू ने जकड़ा

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gehlotजयपुर। राजस्थान में स्वाइन फ्लू के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं।

इस खतरनाक बीमारी से मरने वालों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है।

खबर है कि इस बीमारी ने राजस्थान के पू्र्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी चपेट में ले लिया है।

अशोक गहलोत का स्वाइन फ्लू टैस्ट पॉजिटिव आया है। इसकी पुष्टि खुद अशोक गहलोत ने ट्वीट कर की है।

“मुझे भी स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आया है लेकिन मैंने समय पर इलाज शुरू कर लिया, अब इंप्रूवमेंट है।”

अपने ट्वीट में अशोक गहलोत ने इस खतरनाक बीमारी से निपटने के सरकारी प्रयासों पर असंतोष जताते हुए लिखा है

“प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस का राजधानी में ये हाल है तो बाकी जिलों में हालात क्या होंगे?”

“स्वाइन फ्लू की नि:शुल्क जांच के आदेश तीन दिन बाद लागू हो रहे हैं, इससे पता चलता है कि प्रशासन और शासन कितने गंभीर हैं।”

अपने शासनकाल के बारे में बात करते हुए गहलोत ने ट्वीट किया है

“पिछली सरकार में जब यह पहली बार आया था तभी हमने स्वाइन फ्लू की जांच फ्री कर दी थी तो अब बार-बार जांच को लेकर नाटक की जरूरत क्यों पड़ रही है?”

अपना दर्द बयान करते हुए वह लिखते हैं

“सरकार द्वारा पहले से समय रहते जागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाया गया? लोगों को जानकारी के अभाव में मौत का शिकार होना पड़ रहा है।”

अशोक गहलोत ने लोगों को संदेश देते हुए लिखा है

“हर व्यक्ति जागरूक रहे और समय पर इलाज ले तो इससे बचाव संभव है, लोगों को डरने और घबराने की जरूरत नहीं है।”