बाबेल प्रकरण में जैन समाज क्यो मौन?

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उदयपुर। हाल ही सं‍पन्‍न हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद देशभर में सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस पूरी तरह मौन हो गई है। पांच माह बाद होने वाले निगम के चुनावों को लेकर भी कांग्रेसियों में कोई उत्साह नहीं दिखाई पड़ रहा है। निगम के एक्‍सईएन समरथसिंह बाबेल का सत्‍तारूढ पार्टी से परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में भी कांग्रेसी पार्षदों का मौन रहना यह साबित करता है कि उदयपुर शहर कांग्रेस वेंटिलेटर पर है, जो विधानसभा और लोकसभा चुनावों में हुई करारी हार से पूरी तरह टूट चुकी है। चुनाव पूर्व एमएलए और एमपी का टिकट पाने के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट थी, जो भी अब सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि चं‍द लोगों ने जरूर विरोध किया, जिनमें दिनेश श्रीमाली, अजय पोरवाल और जेपी निमावत के नाम शामिल है।
आश्चर्य तो इस बात पर है कि उल्लेखनीय है नगरनिगम के वरिष्ठ इंजीनियर श्री बाबेल के पिछले दिनों दूध तलाई क्षैत्र में अपनी कलाई काटकर आत्महत्या का प्रयास कि या था। इस बारे में आरोप यह है कि श्री बाबेल पर गलत काम करने के लिए इतना दबाव डाला कि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए। दिगम्‍बर जैन समाज, श्‍वेतांबर समाज, ओसवाल बड़े साजन, ओसवाल छोटे साजन, महावीर युवा मंच, महावीर युवा मंच संस्‍थान, महावीर जैन परिषद, जैन जाग्रति सेंटर, अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन, दिगंबर जैन बीसा नर्सिंगपुरा जैन समाज सहित 100 से ज्‍यादा संस्‍थाएं उदयपुर में समाज उत्‍थान का काम कर रही है, लेकिन समरथसिंह बाबेल के समर्थन में एक भी संस्‍थान का अभी तक नहीं आना साबित करता है कि जैन समाज भी सत्‍तारूढ़ पार्टी के चंगुल में फंसा हुआ है।
: अगर समाज के किसी व्‍यक्ति को उसके आफिस में प्रताडित‍ किया जा रहा है तो यह सरासर गलत है, ऐसे लोगों या पार्टी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसका हम विरोध करते हैं, वैसे मैं चार दिन से बाहर हूं।
-निर्मल पोकरण, अध्‍यक्ष महावीर युवा मंच
: मुझे इस मामले की बिल्‍कुल जानकारी नहीं है, कल शाम को ही बाहर से आया हूं। धन्‍यवाद।
-राजकुमार फत्‍तावत, अध्‍यक्ष पोरवाड समाज।
: इस मामले में पुलिस अगर कोताही बरत रही है तो हम उच्‍चाधिक‍ारियों और भाजपा नेताओं से बात करेंगे। व्‍यक्ति किसी भी समाज का हो। इस प्रकार कि घटना का न होने देना ही उदयपुर के लिए पर्यटन का बढावा है।
-जिनेन्‍द्र शास्‍त्री,प्रदेशाध्‍यक्ष,अखिल भारतीय जैन युवा फै डरेशन।

राजस्थान में आजादी के बाद दुष्कर्म के मामलों में हुई 20 गुना बढ़ोतरी

पुलिस ने डकैती पर पाया काबू, अन्य सारे अपराध अनियंत्रित
चोरों का आतंक बढ़ता रहा
पुलिस का शिकंजा चोरों पर भी कमजोर रहा क्योंकि आज़ादी के वक्त राÓय में अगर अपराध होते थे, उनमें चोरी के मामले सबसे अधिक थे। 1947 में 8058 मामले दर्ज हैं, जो 201& में बढ़कर 28928 हो गए। अगर रिकॉर्ड की बात मानें तो यह अपराध चार गुना तक बढ़ा है, लेकिन एक पहलु यह भी है कि सबसे अधिक अगर कोई अपराध होता है, तो वह है चोरी और चोरी के कई मामले थाने में दर्ज भी नहीं किए जाते है। किसी भी अधिकारी और थाने की अगर सबसे बड़ी कमजोरी है, तो वह उस थाना क्षेत्र में कोई चोरी की वारदात होना। आला अधिकारी इस बात को मानते हंै कि चोरी के कई मुक़दमे दर्ज ही नहीं किए जाते।

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उदयपुर। आजादी के बाद जितना विकास बाकी सारे क्षेत्र में हुआ उतना ही विकास अपराधों में भी हुआ है। 67 सालों में राजस्थान में अपराधियों के हौसले बुलंद हुए है, और क़ानून को ठेंगा बताते हुए कई क्षेत्रों में अपराध में भारी वृद्धि हुई है। पुलिस के पिछले 67 सालों के रिकॉर्ड तो यही बताते हैं। इसमें अगर सबसे अधिक चिंता का विषय हैं तो आजादी के बाद बलात्कार की घटनाओं में बीस गुना वृद्धि होना।
साथ ही बलवा और गुटों के संघर्ष और दंगे भी बढ़े हैं। अगर किसी अपराध को पुलिस ने कम किया है, तो वह है डकैती।
रेप केस में बीस गुना वृद्धि
राÓय के पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार ऐसा लगता है कि सच में उस वक्त लोग भले हुआ करते थे, क्योंकि 1947 से 1974 तक 27 सालों में पूरे राÓय में पुलिस रिकॉर्ड में एक भी रेप का मुकदमा दर्ज नहीं है। 1975 में 164 रेप के मुक़दमे दर्ज हुए, जो की 201& में 20 गुना तक बढ़ते हुए &285 तक पहुंच गए। बढ़ते बलात्कार के मामले यह दर्शाते हैं कि जो समाज आज़ादी के वक्त साफ़ सुथरा था, अब उसका चेहरा बदल कर विकृत हो गया है। हालांकि पुलिस अधिकारियों की अगर बात मानें, तो इन में कई मामले झूठे होते हैं या फिर कई समय तक आपसी सहमति से होते हैं, लेकिन जब किसी बात को लेकर अनबन होती है, तो महिला द्वारा रेप का मुकदमा लगा दिया जाता है। ख़ासकर आदिवासी क्षेत्रों में यह Óयादा होता है और रेप के मुक़दमें वहां गांव-ढाणियों में अधिक दर्ज होते हैं। अधिकारी कहते हैं कि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की रेप के मामले पहले के मुकाबले अब बढ़ोतरी हुई है। इसके कई कारण है सामाजिक, आंतरिक, घरेलु, बाहरी, युवाओं की सोच में माहौल की वजह से जो विकृति पैदा हुई है, यह भी एक कारण है। पुलिस वैसे इन पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है।
डकैती पर लगी लगाम
आज़ादी के बाद अगर राजस्थान पुलिस ने सबसे अधिक लगाम लगाई है, तो वह है डकैती पर। 1947 में पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार &20 मामले दर्ज हैं, जबकि 201& में सिर्फ 59 मामले ही रिकॉर्ड में दर्ज है। आज़ादी के बाद डकैती का ग्राफ निरंतर गिरता रहा, बाकी अपराध चाहे बढे हो और कभी घटे हो, लेकिन यह अपराध एक ऐसा है जिस पर पुलिस ने अपना पूरा शिकंजा कसा। इसकी वजह अधिकारी बताते हैं कि पहले डकैत हुआ करते थे, लेकिन धीरे-धीरे कइयों को समर्पण करवा दिया। कइयों को गिरफ्तार कर आतंक ख़त्म कर दिया।
बलवा, दंगों में भी आगे
दंगों की बात करें, तो इसका ग्राफ उतरता चढ़ता रहा और 1947 से आज की तुलना में तो दंगे कम हुए है, लेकिन बीच के सालों में 10 से 15 गुना तक बढ़ गए थे। 1947 में जहां दंगों के 772 मामले दर्ज हैं, वही 201& में 542 लेकिन 2004 के बाद कम हुए उसके पहले इनकी संख्या में इजाफा होते हुए 1997 में बढ़कर 21565 तक पहुंच गए थे। 2002 में इनकी संख्या 7178 दर्ज की गई। उसके बाद मामलों में कमी आना शुरू हुई, जो 201& में सिर्फ 542 मुक़दमे ही दर्ज है। अधिकारियों का कहना है यह सिर्फ सांप्रदायिक दंगों का ही रिकॉर्ड नहीं है। दंगे का मतलब पांच से अधिक लोग मिलकर किसी पर हमला करे, वह भी दंगे की श्रेणी में आता है। हालांकि उनका मानना है कि सांप्रदायिक दंगे भी कई सालों में बहुत अधिक हुए है। यह जब एक बार कही शुरू होते हैं, तो राजनैतिक से प्रेरित होकर राÓयभर में बढ़ाते चले जाते हैं। हत्या के रिकॉर्ड पर अगर नजऱ डाले, तो यह भी निरंतर बढ़ता हुआ चार गुना हो गया है। 1947 में जहां राÓयभर में 421 मामले दर्ज किये गए थे, वही 201& में यह बढ़कर 157& हो गए हैं।

पुलिस का निकम्मापन उजागर

अख्तर खान

समरथसिंह बाबेल मामले में आज तक घटनास्थल पर नहीं गई घंटाघर पुलिस, क्रमददगारञ्ज ने किया मौका मुआयना, मौके पर आज भी पड़ी है खून से सनी ब्लैड और टोपी-चश्मा, बयानों के आधार पर ही मान ली दुर्घटना

 दिन दयाल पार्क का घटना स्थल जहां बैठ कर एक्सईएन ने हाथ की नसें काटी, पांच दिन बाद भी खून से सनी हुई ।

दिन दयाल पार्क का घटना स्थल जहां बैठ कर एक्सईएन ने हाथ की नसें काटी, पांच दिन बाद भी खून से सनी हुई ।

उदयपुर। नगर निगम के एक्सईएन समरथसिंह बाबेल द्वारा आत्महत्या के प्रयास के कथित मामले में घंटाघर पुलिस की घोर लापरवाही उजागर हुई है, जिसे निकम्मापन भी कहा जा सकता है। घंटाघर पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते बाबेल के बयानों को आधार मानकर इस गंभीर मामले को दुर्घटना मान लिया है, जबकि बाबेल जहां घायल पड़े मिले। उस जगह का मौका मुआयना तक नहीं किया। पुलिस ने जहां उसे बताया गया, उसे ही घटनास्थल मान लिया है, जबकि बाबेल ने म्युजिकल फाउंटेन के पीछे आत्महत्या का प्रयास किया था, वहां खून से सनी ब्लैड, बाबेल की टोपी और चश्मा आज भी पड़ा है। क्रमददगारञ्ज ने जब मौका मुआयना किया, तो घंटाघर पुलिस की यह घोर लापरवाही सामने आई। घटना को पांच दिन बीत गए हैं। समरथसिंह बाबेल ने सोमवार दोपहर दूधतलाई स्थित दीनदयाल उपाध्याय पार्क के म्युजिकल फाउंटेन के पीछे पानी की पाइपलाइन पर बैठकर हाथ की नसें काटी थी, जहां ढेर सारा खून आज भी पड़ा है। खून से सनी ब्लैड, बाबेल की टोपी और चश्मा भी पड़ा है। हो सकता है हाथ की नसें काटने के बाद बाबेल या तो लुढ़क कर या फिर चलते हुए पहाड़ी के नीचे तक गए थे, जहां जाकर वे बेहोश हो गए।

घटना स्थल पर नसें काटने के लिए प्रयोग में लाई गयी ब्लेड जो घटना के पांच दिन बाद भी वही पड़ी हुई थी ।
घटना स्थल पर नसें काटने के लिए प्रयोग में लाई गयी ब्लेड जो घटना के पांच दिन बाद भी वही पड़ी हुई थी ।

इस मामले में पुलिस शुरू से ही राजनीतिक दबाव में रही। पुलिस ने बाबेल के बयान लेकर जांच वहीं खत्म कर दी। पुलिस को आसपास के इलाके में पूरी तरह छानबीन करनी चाहिए थी। बाबेल द्वारा किए गए प्रयास के कारणों तह तक जाना चाहिए था। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में बाबेल आत्महत्या करने का कारण तक लिख चुका है, लेकिन पुलिस ने सच्चाई जानने की कोई कोशिश नहीं की। पुलिस ने सिर्फ और सिर्फ बाबेल के कथित बयानों को ही सच मान लिया। जबकि वह बयानों में बता रहे हैं कि सीढिय़ों से लुढ़कने के कारण घायल हुए है, लेकिन घटनास्थल पर दूर-दूर तक सीढिय़ा नहीं है। पुलिस को बाबेल के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का मामला और उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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:नगर निगम के एक्सईएन समरथसिंह बाबेल के आत्महत्या के प्रयास के मामले में अगर घंटाघर पुलिस ने कोई लापरवाही बरती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मैं अभी पुलिस को भेजकर मौका दिखवाता हूं।
डॉ. राजेंद्र भारद्वाज, एएसपी (सिटी)

पीछोला के रूण में पुलिस वालों की दारू पार्टी

मनीष गौड़

घंटाघर थाने की हॉक के पुलिसकर्मी आए दिन करते हैं पार्टी, क्रमददगारञ्ज के कैमरे में कैद हुए शराबी पुलिसकर्मी

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उदयपुर। नगर निगम के एक्सईएन समरथसिंह बाबेल की आत्महत्या के प्रयास के मामले में गंभीर लापरवाही बरतने वाली घंटाघर पुलिस की हॉक में शराबी पुलिसकर्मी गश्त करते हैं। ये शराबी पुलिसकर्मी पीछोला के रूण में क्रदारू पार्टीञ्ज करते हुए क्रमददगारञ्ज के कैमरे में कैद हुए हैं।पता चला है कि इन पुलिस कर्मियों ने पीछोला के रूण को अपनी क्रदारू पार्टीञ्ज का अड्डा बना रखा है, जहां पर वे मच्छी मार, नशेडिय़ों और गरदुल्लों को पकड़कर उनसे रुपए ऐंठते हैं। इस राशि से उनकी क्रदारू पार्टीञ्ज होती है। कल मददगार ने इन पुलिसकर्मियों का पीछा किया, तो यह सच्चाई सामने आई। इस क्रदारू पार्टीञ्ज में हॉक इंजार्च लक्ष्मणसिंह और पुलिस लाइन का जवान मुकेश भी शामिल था। अन्य पुलिस कर्मी आसपास के इलाकों में नशेडिय़ों को पकडऩे में व्यस्त थे।
ये हो सकती है कार्रवाई: यदि कोई पुलिस जवान नौकरी के दौरान किसी प्रकार के नशे का सेवन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ पुलिस सेवा नियमों के आधार पर अनुशासन हीनता का मामला बनता है। मामले की जांच पुलिस अधिकारियों द्वारा की जाती है। साथ ही आरोपी को १६ व १७ सीसी का नोटिस दिया जाता है।

उदयपुर। पीछोला के रूण में क्रदारू पार्टीञ्ज करते हॉक के पुलिसकर्मी। (इनसेट) में जीप नंबर

आईआईटी में लेकसिटी का चित्रांग देश में पहले स्थान पर

Chitrangकुशाल बाबेल को मिली २७वीं रैकिंग
उदयपुर, आईआईटी जेईई एडवांस परीक्षा के गुरूवार को घोषित हुए परिणाम में लेकसिटी के चित्रांग मुर्डिया ने देश में पहला स्थान प्राप्त कर लेकसिटी को गौरवान्वित किया है। चित्रांग डीपीएस स्कूल के विद्यार्थी है। वहीं लेकसिटी के एक और छात्र कुशाल बाबेल को इसमें २७वीं रेंक मिली है।
आज घोषित परिणामों में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के चित्रांग मुर्डिया ने देश में ३६० में से ३३४ अंक प्राप्त किये । शहर के ही एक और छात्र एम डी एस स्कूल के कुशाल बाबेल ने २७ वीं रैंक प्राप्त की है इनके अलावा भी कई छात्रों में सफलता प्राप्त की जिसमे आशीष नासा (डीपीएस), गौरव पारीख (डीपीएस), पल्लव जैन (डीपीएस), सिद्घार्थ अग्रवाल (एमडीएस ६४७), दिव्यांश आमेटा (एमडीएस ६९९), स्नेहिल विजय (एमडीएस १५९४), अमन यादव (एमडीएस- १६८८), मनोज मालवीय (एमडीएस १८१२), अर्पित जैन (एमडीएस १८१४), लोकेश वसिटा (एमडीएस २८८७), निखिल ढाका (एमडीएस २९६१), नीरव सोनी (एमडीएस ३८८२), रोहित सिंघटवादीअ (एमडीएस ४२.५), अराफात खान (एमडीएस ४३३७), सुनील कुमावत (एमडीएस ५८१५), श्रेयांश हिंगड (एमडीएस ८५२३), विश्वास चौधरी (एमडीएस ८७४८), आत्मन मंत्री (एमडीएस), काविश (एमडीएस), व्योम नगाइच (एमडीएस), हर्षित पुरोहित (एमडीएस) और निशांत बडोला (एमडीएस) है।
पहले भी मिल चुकी है स्कॉलरशिप: लेकसिटी के इस होनहार चित्रांग ने पहले भी शहर को गौरवान्वित किया है। मनीष मुर्डिया और सोनाली मुर्डिया के पुत्र चित्रांग ने इससे पूर्व भारत सरकार के किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में स्कॉलरशिप के लिए परीक्षा दी और अखिल भारतीय स्तर पर ५७वां स्थान प्राप्त किया था।

प्राणघातक हमला

images (2)उदयपुर, शहर के गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ युवक पर प्राणघातक हमला करने का मामला दर्ज किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार शहर के ओडबस्ती मल्लातलाई निवासी अम्बाबाई पत्नी नंदा ओड ने एकलव्य कॉलोनी मल्ला तलाई निवासी विक्की पुत्र लाला, शौभालाल पुत्र मुन्ना, जस्सु पुत्र मुन्ना, रतनलाल पुत्र उदयलाल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। १५ जून को पुत्र महेन्द्र व आरोपी वलिचा स्थित ढाबे पर खाना खाने के लिए गए। जहां किसी बात को लेकर कहासूनी होने पर आरोपियों ने पुत्र महेन्द्र के साथ मारपीट की तथा विक्की चाकू से हमला कर मोके से फरार हो गया। इसका पता चलने पर पुलिस ने घायल को एम बी चिकित्सालय मोर्चरी में रखवा परिजनों को सूचना कर मामला दर्ज किया। इस मामले में पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

दुकान से डीजल व सामान चोरी

thief-running-19825305उदयपुर, शहर के प्रताप नगर थाना क्षैत्र में स्थित दुकान से चोर डिजल व अन्य सामान चुरा ले गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार शहर के प्रताप नगर थाना में स्थित मेवाड डिजल्स दुकान की खि$डकी तो$ड कर अंदर घूसे चोर ८ डिजल पंप सेट, पडोसी दुकान से वेल्डींग मशीन उसके पास स्थित तीसरी दुकान से ३ बैटरिया चुरा ले गए। गुरूवार को दुकान पर पहुचे मालिक सज्जन नगर निवासी हेमन्त पुत्र गोवर्धनलाल वर्मा ने अज्ञात चोर के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया।

घटिया निर्माण के चलते एक बारिश में धंस जायेगी सडक

images (1)पर्यटन स्थल पर डेढ घंटे में बना ली एक किमी. लम्बी सडक
घटिया निर्माण के चलते एक बारिश में धंस जायेगी सडक
जनता के पैसों का हो रहा दुरूपयोग
उदयपुर, दूधतलाई शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। जहां पर उदयपुर आने वाला हर पर्यटक एक बार जरूर आता है । और यही पर नगर निगम द्वारा बनाई जा रही रोड काम चलाऊ विधि से मात्र डेढ घंटे में बना कर तैयार कर दी। ऐसे अस्थायी काम को देख कर स्थानीय व्यापारियों ने निगम के अधिकारियों के समक्ष विरोध भी जताया लेकिन फिर भी ठेकेदार नगर निगम के जेईएन की देख रेख में लगभग एक किलोमीटर रोड को बना कर चलते बने।
बुधवार को दूधतलाई पर दिन में माणिक्य लाल वर्मा पार्क से जलदाय विभाग के पम्प हाउस तक का लगभग एक किलोमीटर पवार रोड का कार्य शुरू जो जो मात्र डेढ घंटे में अस्थायी काम कर पूरा कर दिया जानकारी के अनुसार इस रो$ड का वर्क ऑर्डर पेवर बनाने का हुआ है, लेकिन यहां पर सिर्फ डामर की गिट्टी की एक परत बिछाकर पूरा कर दी। वहां प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रोड बनाने के पहले ना तो प्रेशर से रोड साफ की ना ही कही कोई गड्डे भरे बस तुरत फुरत में मात्र डेढ घंटे में पूरी रोड बना कर तैयार करदी । आश्चर्य की बात तो यह है की मोके पर नगर निगम की सहायक अभियंता अपूर्वा निगम भी खडी थी उन्ही की देखरेख में ठेकेदार ने चालू रोड बना कर काम खत्म करदिया। इस तरह से रोड बनाने का विरोध स्थानीय व्यापारियों ने भी किया और उन्होंने उसकी शिकायत नगर निगम अधिकारियों से भी की। रोड बनाने के अगले दिन ही रोड की गिट्टियां उखडने लग गयी। जानकारी के अनुसार अगर पेवर रोड बनाई जाती है, तो पहले रोड को थोडी खोद कर गिट्टी भरी जाती है उसको लेवल किया जाता है, उसके बाद फिर डामर की एक लेयर बिछाकर लेवल किया जाता है, फिर छोटी गिट्टी और डामर डालकर पानी के साथ लेवल किया जाता है। अगर रो$ड नहीं खोद कर ऊपर ही पेवर रोड बनानी है तो पहले पुरानी रोड को प्रेशर से अच्छी तरह साफ किया जाता है । उसके बाद अगर उसमे कही गड्डे हो तो उनको भरा जाता है फिर डामर की लेयर उसके बाद बडी गिट्टी की लेयर और उसके बाद फिर डामर के साथ छोटी गिट्टी की लेयर बिछा कर रोलर से लेवल किया जाता है । लेकिन यहां पर ऐसे किसी नियम का पालन नही हुआ जानकारों के अनुसार ऐसी रोड बारिश का एक झटका भी नहीं झेल पाएगी। और जहां पर रोड बनाई हुई है वहां से ही दूध तलाई के दोनों पार्क और रोपवे पर पर्यटकों का आना जाना रहता है ।
इनका कहना है….
अभी रोड का काम चल रहा है रोड अधूरी है । और जो रोड बानी हे वह सही बनी हुई है । फिर भी अगर रोड सही नहीं बानी है तो ठेकेदार के विरुद्घ कार्रवाई की जायेगी ।
-अपूर्वा निगम,
सहायक अभियन्ता, नगर निगम
मुझे इसकी जानकारी नहीं है लेकिन अगर खराब रोड बानी है तो क्वालिटी कंट्रोल अधिकारीयों से इसकी जाँच करवा ली जायेगी
-हिम्मतसिंह बारहठ,
नगर निगम आयुक्त

श्री विष्णु भगवान दशावतार मंदिर के भव्य उद्घाटन

DSC_0014जालौर के श्री विष्णु भगवान दशावतार मंदिर में पांच दिन के अनूठे भव्य उद्घाटन समारोह का आयोजन हो रहा है जिसकी शुरूआत 17 जून से हुई । आज इस मंदिर ने पूजाओं, आरतियों और मंत्रों के निरंतर उच्चार के बीच अपने दरवाजे आम लोगों के लिए खोल दिए हैं। इस मंदिर के लक्ष्य के बारे में एक दशक पहले सोचा गया था और यह मंदिर पूजा, शांति और सेवा के शुभ कार्य में मदद करेगा।
इस समारोह के उद्घाटन दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए महोत्सव के अध्यक्ष सिरोही के हिज रॉयल हाइनैस महाराजा दरबार साहब ने कहा, ‘ये केवल स्थानीय समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के हिन्दुओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और मैं लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने इस पहल में हमारी मदद की। मुझे आज ये घोषणा करते हुए बहुत रोमांच हो रहा है कि सुमेर ग्रुप और अन्य शुभेच्छुओं के प्रयासों से इन ऐतिहासिक प्राचीन मूर्तियों को जालौर के शानदार दशावतार मंदिर में प्रतिष्ठित कर दिया गया है। इस मंदिर के पुर्नस्थापित होने से उस धर्मपारायण आबादी में बेहद जोश देखा जा रहा है जो इस भव्य समारोह में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रही है।’
DSC_0002महोत्सव के पहले दिन उत्सव एवं समारोह की शान बढ़ाने वाले कुछ प्रमुख धर्माचार्यों में श्री महत अखिल भारतीय श्री पंच निखारी अनि अखाड़ा हनुमानगढ़ी-अयोध्या के श्रीमन धर्मदास जी महाराज, राष्ट्रीय महासचिव भारतीय श्री पंच निर्वाण अनि अखाड़ा हनुमानगढ़ी -अयोध्या के श्री महंत गौरी शंकर दास, मुख्य बैठक अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाण अनि अखाड़ा-चरण पादुका रामघाट-अयोध्या के महंत श्री रामकृपाल दास जी, प्रधान मंत्रीवैष्णव त्रियाणी अखाड़ा-अयोध्या के श्री माधव दास जी महाराज और श्री राम चरित्र मानस भवन विभीषण कुंड-अयोध्या के श्री महंत अवध बिहारी दास जी शामिल हैं।

आईआईटी में उदयपुर के चित्रांग देश में अव्वल

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उदयपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) के ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जाम के आज घोषित हुए परिणाम में पूरे देश में उदयपुर के चित्रांग मुर्डिया अव्वल रहे हैं। उदयपुर के ही कौशल बाबेल २७वें स्थान पर रहे हैं। चित्रांग पुत्र मनीष मुर्डिया डीपीएस के १२वीं कक्षा के छात्र हैं। डीपीएस की प्राचार्य नीरू टंडन ने बताया कि चित्रांग काफी काबिल और होशियर छात्र है। इससे पूर्व भी कई प्रतियोगिता परीक्षा में वह अव्वल रह चुका है। अभी चित्रांग परिवार के साथ जयपुर में हैं, जो कल उदयपुर पहुंचेगा। कौशल बाबेल पुत्र सत्यवीर बाबेल एमडीएस स्कूल का छात्र है। स्कूल संचालक शैलेंद्र सोमानी ने बताया कि कौशल मेधावी छात्र है, कौशल की उपलब्धि पर पूरे स्कूल को नाज है।