आधी दुनिया ने “पावर फॉर रन” में अपनी दिखाई शक्ति

1500 से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लेकर दिया नारी सशक्तीकरण का संदेश

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उदयपुर। शहर की फतहसागर की पाल को मानो रविवार की खुशनुमा सुबह का ही इंतजार था। हवा के ठंडे झोंकों और पानी में आती-जाती लहरों के बीच पाल पर नारी शक्ति का संदेश देने इकट्ठा हुई 1500 से अधिक महिलाओं व युवतियों ने इतिहास रच दिया। मौका था महिलाओं की ओर से महिलाओं के लिए आयोजित ‘चिक्स कनेक्ट पावर रन मैराथन’ का। महिलाओं में जोश इतना था कि सुबह 8 बजे ही फतहसागर पाल का एक छोर नारी शक्ति के नारों से गूंज उठा। सफेद कैप में सजी महिलाओं ने ‘भारत माता की जय,’ ‘वंदे मातरम्’ सहित अन्य जोशीले नारे लगा समां बांध दिया। यहां कदम से कदम मिले और कारवां बढ़ता गया। ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन का दौर चला व उसके बाद चार-चार का समूह दौड़ के लिए तैयार हो गया।

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मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने चिक्स कनेक्ट की फाउंडर हुर्रतुल मलिका ताज, शोभागपुरा सरपंच कविता जोशी, सुधा भंडारी, पूजा भंडारी, बिंदु शर्मा, मोनिका, सोनाली मारू सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी प्रोफेशनल्स व एंटरप्रेन्योर्स की मौजूदगी में ‘पावर रन’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उदयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न जिलों व अन्य राज्यों से आईं प्रतिभागी महिलाओं ने जबर्दस्त उत्साह दिखाते हुए दौड़ के पहले पड़ाव की ओर कूच किया। कार्यक्रम के मुख्य सहयोगी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लि.,के अलावा हेरिटेज गल्र्स स्कूल, गोल्ड एन ब्लश पॉर्लर, टेक्नो एन जे आर कॉलेज, अरनोल्ड जिम, क्वीन्स कांर्सोट, अरबन कॉपरेटिव बैंक, पी बडी, एक्शन उदयपुर टीम, इनोवेटिंग हॉस्पिटालिटी, फोर्टिस हॉस्पिटल्स रेडिसन उदयपुर, पिंक्स एंड पिचेज, वेस्ट साइड, प्रोप्स गुरु, पुकार ग्रुप , ब्रुबैरी लेनी भट्ट डांस ऐकेडमी एवं एसआईसीपीएल आदि थे।

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सेल्फी की मची होड़ :
मैराथन के पहले पड़ाव पर बने सेल्फी बूथ पर प्रतिभागी महिलाओं ने जबर्दस्त उत्साह दिखाया। फतहसागर के बेकग्राउंड तथा वहां रखे प्रोब के साथ विशेष सेल्फी प्वाइंट पर सबने सेल्फी ली जिन्हें फेसबुक पर हैशटेग चिक्स रन पर अपडोल करना था। सबसे यादगार क्षण वह रहा जब चालीस पार की महिलाओं के समूह ने हास्ययोग करते हुए सेल्फी ली।
गो ग्रीन एक्टिविटी :
इस पड़ाव को पार करते ही प्रतिभागी अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए जिसका विषय ‘गो-ग्रीन’ था। यहां पर अपनी उपस्थित दर्ज कराते ही प्रतिभागियों ने वहां रखी बोतलों को आकर्षक ढंग से सजाया। उनमें मनी प्लांट लगाए व बोटल अपने साथ ले गए। कांसेप्ट यह था कि मनी प्लांट की तरह से लड़कियां भी जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करते हुए निर्बाध रूप से आगे बढ़ें।

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अंतिम पड़ाव बेहद दिलचस्प :
3.8 किलोमीटर की इस दौड़ का अंतिम पड़ाव दिलचस्प रहा। यहां पर कई टीमों के बीच मुकाबला बहुत करीबी रहा। तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ उत्साह बढ़ाते हुए लोगों ने टीमों का स्वागत करते हुए हौसला बढ़ाया। पहले पांच स्थानों पर रही टीमों को पुरस्कार के लिए चुना गया। इसके अलावा जिन टीमों के साथी दौड़ में पीछे रह गए उनमें से भी व्यक्तिगत स्तर पर प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। यहां स्लोगन स्पर्धा भी हुई जिसमें नारी शक्ति, नारी सशक्तीकरण आदि पर प्रतिभागियों ने सुुंदर कविताएं, स्लोगन आदि लिखे।

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अंतिम पड़ाव राजीव गांधी उद्यान पर विजेताओं के पहुंचने के कुछ देर बाद तक प्रतिभागियों के आने का क्रम चलता रहा। कुछ प्रतिभागी वॉक करके भी पहुंचे। राजीव गांधी उद्यान के बाहर बने विशेष स्टेज पर पुरस्कार वितरण समारोह हुआ जिसमें प्रतिभागियों ने भी धमाकेदार प्रस्तुतियां दीं। इंडियन ऑयल कॉरर्पोरेशन लिमिटेड के सीनियर मैनेजर सुदीप्तो, हैरिटेज गल्र्स स्कूल की निदेशक सुधा भंडारी, एसआईसीपीएल की डायरेक्टर अंजु गिरी, टेक्नो एनजेआर कॉलेज की निदेशक श्रीमती मीरा सहित अन्य अतिथियों ने मैराथन की प्रथम पांच विजेताओं को पुरस्कृत किया। इसके अलावा गो ग्रीन की ओर से भी पांच पुरस्कार प्रदान किए गए। स्टेज पर बैंड अद्भुत की गीतों भरी पेशकश ‘ओ री चिरैया..अंगना में फिर आना रे..’ सबको खूब पसंद आई। थ्रिलर डांस एकेडमी की नन्जी बालिकाओं ने अपनी परफॉरमेंस से दिल जीत लिया। युवतियों व महिलाओं ने अपने अनुभव सुनाए और नारी सशक्तीकरण के नारे लगाए।

केंसर से बचाव और युवाओं में जागरूकता से ही केंसर को रोका जा सकता है- मारवाड़ी युवा मंच

mym logoउदयपुर। केंसर रोग के लिए जागरूकता अभियान के लिए प्रतिबद्ध मारवाड़ी युवा मंच लगातार अपनी कोशिशों को अंजाम देता जारहा है। मारवाड़ी युवा मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हर शहर में केंसर के प्रति जागरूकता अभियान चला कर जनता और ख़ास कर युवाओं को इसकी भयावहता के बारे में बता रहे है। मारवाड़ी युवा मंच का मानना है कि कैन्सर की भयावहता दिन पर दिन बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है। कैन्सर से बचाव और जागरूकता ही एकमात्र रास्ता है कि इस बीमारी को रोका जा सके।
मारवाड़ी युवा मंच की प्रदेश केंसर संयोजक डॉ. काजल वर्मा ने केंसर से लड़ाई के इस मिशन को प्रदेश भर में बहुत आगे बढ़ाया है और यह कोशिश युवाओं में एक नयी सोच जगा रही है। मारवाड़ी युवामंच का हर पदाधिकारी हर एक कार्यकर्ता जन जन में जागरूकता फैला कर अपने केंसर से लड़ने की अलख जगाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश भर के मारवाड़ी युवा मंच के कार्यकर्ता इस अभियान को बखूबी अंजाम दे रहे है।

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इसी कड़ी में मारवाड़ी युवा मंच जयपुर मूमल शाखा द्वारा बुधवार को पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में एक सेमिनार आयोजित किया। सेमिनार में जयपुर के प्रसिद्ध दुर्लभ जी अस्पताल की वरिष्ठ कैन्सर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उमेश खंडेलवाल ने कैन्सर की भयावहता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ खंडेलवाल ने केंसर से बचने और उसके लक्षणों के बारे में खुल कर चर्चा की। डॉ खंडेलवाल ने आज के युवाओं में केंसर जनित मादक पदार्थों के सेवन को लेकर चिंता जाहिर की। यूनिवर्सिटी में इस कार्यक्रम को करने का उद्देश्य भी यही रहा कि ज़्यादातर छात्र इस उम्र में धूम्रपान, गुटखा और कई अन्य कैन्सर जनित चीज़ों का सेवन करना शुरू करते हैं और अपने जीवन को ख़तरे में डाल लेते हैं। जिसका परिणाम आने वाले समय में उनको और उनके परिवार को भुगतना पड़ता है। इसे छात्रों को जागरूक केसे किया जाय और उन्हें इस घातक व्यसनों से केसे छुटकारा दिलाया जाय। कार्यक्रम में लगभग 300 छात्र छात्राओं की उपस्थिति इस कार्यक्रम में रही और सभी से कैन्सर जागरूकता से सम्बंधित डूडल पेपर भरवाए गए। कार्यक्रम में जयपुर मूमल की अध्यक्ष रेणु गुप्ता जयपुर केपिटल के अध्यक्ष अनूप कासलीवाल व् मंच के अन्य सदस्यों ने उपस्थित होकर सहयोग किया।

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आजादी के बाद की सबसे खराब सरकार- यादव, स्वराज की आस लिए देश में ही गुलाम है आदिवासी

dr yogendr yadavउदयपुर . उदयपुर जिले के कोटड़ा में आयोजित मिलन मेले में शिरकत करने आए डॉ. योगेन्द्र यादव ने कहा कि इस तरह की किसान विरोधी सरकार आजादी के बाद कभी नहीं आई है। इस सरकार में किसानों के हालत और दयनीय हुए है, राजस्थान का कोटड़ा इलाका इसका सबसे ताजा और बड़ा उदाहरण है।
आप पार्टी के पूर्व नेता व् स्वराज इंडिया के संस्थापक डॉ योगेंद्र यादव ने आदिवासियों का मिलन मेला में शिरजकत करने के बाद आज यहाँ पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि आज भी आदिवासियों से हमारी सरकार का आज भी वेसा रिश्ता है जैसा अंग्रेजों के जमाने में इस देश से था। आदिवासियों की हालत देखकर यादव ने साफ किया कि यहां पर स्थिति आज भी दयनीय है, कैंद्र सरकार हो या राज्यसरकार आदिवासियों के साथ वैसा ही बर्ताव किया जा रहा है, जैसा अंग्रेजों ने भारत के साथ किया था। डॉ. यादव ने कहा कि जंगल जन जमीन आंदोलन समिति पिछले एक दशक से आदिवासियों के हितों के लिए काम कर रही है और इस समिति की मेहनत के बुते ही आदिवासियों में नई ताकत का इजाफा होगा। आज आदिवासियों को देश में बहूत पिछड़ा माना जाता है, स्वराज के नाम पर आदिवासी इलाकों में कुछ भी नहीं है आज भी यहां के लोग गुलामी की जिन्दगी सफर कर रहे है। सरकार ने सारे अधिकार इनसे छिन लिए
है। वन अधिकार कानून की भी यहां पर सही ढंग से पालना नहीं हो रही है। कई बार आंदोलन के बाद भी सरकार ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है, लेकिन अब आदिवासियों को जागने की जरूरत है, उग्र आन्दोलन ही उन्हें उनके हक दिलाएगा। आपको बता दे कि आगामी छ मार्च को जंगल जन जमीन आंदोलन समिति की ओर से संभाग व्यापी आंदोलन किया जा रहा है, अगर सरकार ने फिर भी इनकी मांग को नहीं माना तो आंदोलन अनवरत जारी रहेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगाी। आदिवासियों की प्रथक राज्य की मांग के सवाल पर डॉ यादव
ने कहा कि प्रथक राज्य बन जाए तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है लेकिन उसके बनने के साथ ही वहां की प्रजा के लिए काम हो, क्योंकि जहां जहां भी आदिवासियों के हितो के देखते हुए अलग से राज्य बने है। वहां पर भी सरकार आदिवासियों के लिए काम नहीं कर पाई है। इतना ही नही मौताणा और चढोतरा जैसी आदिवासी कुप्रथाओं के मुद्दे पर डॉ यादव ने कहा कि परम्पराओं को
सुधारने के लिए बाहर के लोग काम नहीं कर सकते हैं, जो परम्पराओं को मानते है है उन्हीं लोगों को मिलकर इनमें बदलाव करना होगा या सुधारना होगा।
पांच राज्यों के चुनावों के परिणामों के सवाल पर डॉ यादव ने कहा कि किसी भी राज्य में मुद्दों पर चुनाव नहीं हो रहे है। पंजाब में हरित क्रान्ति पर कोई नहीं बोल रहा, उतराखण्ड में पहाडों और
मैदान की रक्षा के लिए कोई नहीं बोल रहा, गोवा में माइनिंग मामले पर कोई नहीं बोल रहा। यह कहा जा सकता है कि राज्य की खास समस्या को गौण रखकर चुनाव लडा जा रहा है। चिन्ता यह नही है कि कौनसी पार्टी का घोड़ा इस चुनाव में आगे बढ़ेगा चिन्ता तो यह है कि परिणाम के बाद वह घोड़ा कितना टिकेगा। इसके साथ ही डॉ यादव ने कहा कि आगामी दो अक्टूबर को स्वराज इण्डिया पार्टी की अधिकृत घोषणा हो जाएगी और दिसम्बर में दिल्ली में होने वाले निकाय चुनावों में पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी।

शिवमय हुई शहर की फिज़ा – हर जगह भोले के भक्तों की कतारें

20_1457398028उदयपुर। शुक्रवार को शिवरात्रि की जिले भर में धूम रही। महाशिवरात्री का पर्व शहर के कोने कोने में बडे ही हर्षो उल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर शहर के सभी शिवालयों में सुबह से भक्तों की भारी भीड रही। भक्तों का सुबह से ही मंदिरों में जमावड़ा लगा रहा, जो देर रात तक जारी रहा। शिव मंदिरों के बाहर और रास्तों में मेले सा माहोल रेहा।
महाशिवरात्रि पर शहर-देहात के शिव मंदिरों में शुक्रवार अल सुबह से ही पूजा अर्चना, जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक का दौर शुरू हो गया। भोलेनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले हर श्रद्धालु की जुबां भी जय भोलेनाथ, बम-बम भोले के जयकारे थे। भोले बाबा के दर्शन कर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की। शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित एकलिंगनाथ के दर्शनार्थ कैलाशपुरी में भक्तों की भीड़ गुरूवार रात से ही जुटने लगी। शिव भक्तों की टोलियां रात भर पैदल चलकर मंदिर पहुंचीं। शहर से लेकर पूरे मार्ग में स्टॉलें लगी। मंदिर में चारों प्रहर तक पूजा-अर्चना की जा रही है। शिवरात्रि के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए विशेष सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। वहीं, मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया। शहर के प्रसिद्ध महादेव मंदिर महाकालेश्वर मंदिर में सुबह पांच बजे से ही दर्शनार्थियों की आवाजाही शुरू हो गई। इस अवसर पर भगवान का विशेष शृंगार व पूजा-अर्चना और रूद्राभिषेक किया गया। इसके अलाव अमरखजी महादेव, हजारेश्वर, सोमेश्वर, नीलकंठ, उभयेश्वर, नांदेश्वर, बैद्यनाथ, झामेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं ने आक के फूल, जल व दूध शिवलिंग पर अर्पित कर पूजा की। साथ ही प्रसाद का भोग चढ़ाकर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। बच्चे, युवा, प्रौढ़ से लेकर वरिष्ठजन भी भोलेनाथ का स्मरण करते हुए शिवालय पहुंचे। शिवभक्तों ने पंचामृत ओर दुध से शिवलिंग पर अभिषेक किया। शहर के सबसे बडे शिवालय महाकालेश्वर मंदिर में हजारों भक्तों ने दर्शन किये। मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए विशेष इंतजाम किये गये ताकि यहां पर आने वाले भक्त भगवान शिव के दर्शन कर अपनी मनोकामना की प्रार्थना कर सके। महाकालेश्वर मंदिर में उज्जैन के महाकालेश्वर भगवान के तर्ज पर पूजा अर्चना की जाती है। वही दिन भर रूद्राभिषेक सहित पूजा अर्चनाओं का दौर चला। देर शाम गंगा आरती और चारो प्रहरी का आयोजन किया गया। शहर के सभी शिव मंदिरों पर श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही, शिव मंत्रों के साथ अभिषेक हुए। शहर के आसपास भीमहाकालेश्वर, अमरख जी, उबेश्वर महादेव, नांदेश्वर, झामेश्वर महादेव, गुप्तेश्वर महादेव सहित जिलेभर के शिवालयों
में इस महापर्व को मनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई। पैदल यात्रा करने के वाले शिवभक्तों के लिए शहरवासियों ने जगह— जगह फल, आहार, सेगारी, दूध, आदि प्रसाद के काउन्टर लगाए थे।

पागल बता कर फिर आरोपी हत्यारे को बचाने की कोशिश – रुचिता की ह्त्या के आरोपी दिव्य का इलाज मानसिक डॉक्टर से करवा रहा है जेल प्रशासन

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उदयपुर। एक बेरहम हत्यारे को पहले पुलिस ने साइकोसिस बता कर बचाना चाहा था, अब उससे एक कदम आगे उदयपुर का जेल प्रशासन उसको पागल घोषित करवा कर संदेह का लाभ दिलवाना चाह रहा है जिससे कि जधन्य हत्याकांड का आरोपी हत्यारा पागल घोषित हो कर बच जाए।
बहुचर्चित रुचिता हत्याकांड का आरोपी दिव्य कोठारी को अब जेल प्रशासन पागल बनाने पर तुला हुआ है। दिव्य कोठारी को गुरुवार को एम्बुलेंस में कोर्ट में पेश किया गया, पुलिस वें में नहीं ला कर एम्बुलेंस में लाने के पीछे जेल प्रशासन की यह मंशा है कि कोर्ट को यह बताया जा सके की दिव्य कोठारी मानसिक रोगी है। इससे पहले जेल प्रशासन ने दिव्य कोठारी को बीमार कैदियों के साथ महाराणा भूपाल चिकित्सालय के मानसिक अस्पताल भी भेजा गया था और वहां मानसिक रोगी के डॉक्टर को चेकअप करवा कर एक बार तो मासिक रोगी वार्ड में भर्ती करने की तय्यारी भी कर ली थी, लेकिन मामला बड़े अधिकारियों तक पहुचा और उन्होंने आपत्ति जताई, उसके बाद वापस उसको जेल भेजा गया। लेकिन जेल प्रशासन के अधिकारी हत्यारे के रसूखदार परिजनों के एहसान तले ऐसे दबे हुए है कि उन्होंने गुरुवार को जब कोर्ट में पेशी के लिए भेजा तो बजाय पुलिस वेन के एम्बुलेंस में भेजा। वरिष्ट अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह हिरन का कहना है कि अभियुक्त दिव्य कोठारी को एम्बुलेंस में इसलिए लाया गया है नकी उसको संदेह का लाभ दिलाया जासके।
दिव्य को एमबी हॉस्पिटल लाने के आदेश के संबंध में जेल अधीक्षक प्रीता भार्गव कोई बात नहीं की उनका मोबाइल ही स्वीच ऑफ हो गया। जेल के डॉक्टर अरविंद मेहता के अनुसार दिव्य जेल के माहौल में मामूली डिप्रेशन में है, उसमें मानसिक रोगी जैसी कोई बात नहीं है, वह बिलकुल नॉर्मल है। मामूली डिप्रेशन के कारण ही उसे एमबी हॉस्पिटल मानसिक रोग विभाग में भेजा था। वहां डॉ. सुशील खैराड़ और डाॅ. सुरेश कोचर ने इसका रुटीन चेकअप भी किया है।
गौरतलब है की एक दिसंबर को रुचिता की ह्त्या कर दिव्य कोठारी ने फतहपुरा पुलिस चोकी में सरेंडर किया था। बाद में पुलिस ने उसको साइकोसिस का मरीज बताते हुए पूरी एक मनघडंत कहानी मीडिया को सूना दी थी, जिसके बाद पुलिस की काफी फजीहत हुई थी।अपनी फजीहत करवाने के बाद पुलिस को समझ में आया और उसने अपनी भूल मानते हुए सही दिशा में जांच की। लेकिन अब वो ही कहानी जेल प्रशासन दोहरा रहा है बल्कि उसको मासिक रोगी के डॉक्टरों से चेकअप करवा कर हत्यारे को पागल बनाने पर मुहर लगा रहा है।

उदयपुर में बनेगा 300 करोड़ की अनुमानित लागत का क्रिकेट स्टेडियम

phpThumb_generated_thumbnailउदयपुर . महाराणा प्रताप खेलगांव में अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम के लिए आरसीए को किया गया जमीन आवंटन निरस्त कर दिया गया है। अब वहां करीब 300 करोड़ की लागत से पीपीमोड पर स्टेडियम का निर्माण होगा।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) को खेलगांव में स्टेडियम निर्माण के लिए करीब 40 बीघा जमीन आवंटित की गई थी। गुटबाजी में उलझे आरसीए ने जमीन आवंटन के बाद अब तक निर्माण शुरू नहीं किया। गत वर्ष युवा व खेल मामलों के मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर ने खेलगांव का निरीक्षण किया था। यूआईटी व खेलगांव अधिकारियों ने आरसीए की ओर से चार वर्ष में कोई भी निर्माण नहीं करने पर आपत्ति जताई थी। इस बारे में राज्य सरकार को भी पत्र भेजा गया था।

राज्य क्रीडा परिषद ने गत दिनों इस आवंटन को निरस्त कर दिया। उल्लेखनीय है कि गत माह उदयपुर प्रवास पर आए मंत्री खींवसर ने खेलगांव का पुन: अवलोकन किया था।
सूत्रों के अनुसार स्टेडियम निर्माण के लिए कई निजी फर्मों से बातचीत जारी है। सब कुछ ठीक रहा तो मार्च के अंत तक स्टेडियम निर्माण शुरू हो जाएगा। उदयपुर में तय मापदंडों के अनुसार एक भी क्रिकेट स्टेडियम नहीं है।

आरसीए को जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। अब पीपीपी मोड पर स्टेडियम का निर्माण करवाया जाएगा। इस कार्य के लिए कई निजी कंपनियों से बातचीत जारी है।
ललित सिंह झाला, जिला खेल अधिकारी उदयपुर

उदयपुर फतहसागर से नीमच माता के बिच चलेगा रोप-वे

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उदयपुर . फतहसागर के देवाली छोर से नीमजमाता मंदिर तक स्थापित होने वाले रोप-वे का खाका सोमवार को संबंधित फर्म ने जिला कलक्टर व यूआईटी के चेयरमैन के समक्ष पेश किया।
यूआईटी सभागार में अधिकतम बोलीदाता फर्म दामोदर रोप-वे प्रा. लि., कोलकाता के प्रतिनिधियों ने प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि रोपवे की लम्बाई 384.00 मीटर तथा दोनों टर्मिनल के बीच की ऊंचाई का अंतर 151.00 मीटर के करीब होगा। इस रोप-वे में मॉनो केबल पलसिटेड फिक्स ग्रिप की तकनीक उपयोग में ली जाएगी। यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि एसआईईआरटी छात्रावास के पास रिक्त भूमि से मंदिर तक रोप-वे स्थापित किया जाएगा।

यूआईटी इस फर्म के साथ 25 साल के लिए अनुबंध करेगी और इसमें प्रति यात्री 100 रुपए टिकट दर तय की जाएगी। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य अभियंता ए.के. गुप्ता, अधिशासी अभियंता मुकेश जानी, वरिष्ठ लेखाधिकारी दलपत सिंह राठौड़ आदि उपस्थित थे। फर्म के प्रतिनिधियों ने बाद में जिला कलक्टर रोहित गुप्ता को कलक्टरी में प्रजेंटेशन बताया, कलक्टर ही रोप-वे संचालन के लिए लाइसेंस देने के लिए अधिकृत है।

क्या शहर का सबसे ख़ास आदमी हो सकता है आम आदमी का उम्मीदवार ?

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उदयपुर। आम आदमी ने शहर के सबसे ख़ास आदमी से चुनाव लड़ने की पेशकश कर दी। दिल्ली के उपमुख्य मंत्री आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया ने शहर के सबसे ख़ास आदमी राज घराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ को अगले राजस्थान विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ने की पेश काश करने और भाजपा के वरिष्ठ नेता शांति लाल चपलोत से मुलाक़ात के बाद मेवाड़ की राजनीति में खलबली मच गयी है।
दिल्ली के उपमुख्य मंत्री आम आदमी पार्टी के मनुइश सिसोदिया जीएसटी की बैठक के लिए उदयपुर आये हुए है। अगले विधानसभा चुनाव में राजस्थान से २०० ही सीट पर अपने प्रत्याशी उतारने का मन बना चुकी आम आदमी पार्टी के अजेंडे को आगे बढ़ने के लिए तीन दिन तक उदयपुर में ही कार्यकर्ताओं और कुछ ख़ास लोगों से मुलाक़ात कर मेवाड़ में अपने कदम जमाने की कोशिश कर रहे है। मेवाड़ के राजनीति हलके उस वक़्त खलबली मच गयी जब मनीष सिसोदिया ने शहर के सबसे खास माने जाने वाले मेवाड़ राजघराने के उत्तराधिकारी महेन्द्र सिंह मेवाड़ से आम आदमी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने की पेशकश कर डाली। महेन्द्र सिंह मेवाड़ पूर्व में चित्तौड़गढ़ के सांसद भी रह चुके हैं, और सांसद का चुनाव हारे भी चित्तौड से हैं। दोनेा ही बार महेन्द्र सिंह अलग – अलग पार्टियों से चुनाव लड़े थे। ऐसे में अब अगर श्री मेवाड़ अगले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह से लड़ते है तो कांग्रेस और भाजपा दोनो के ही कार्यकर्ताओं में बिखराव हो सकता है। क्योंकि दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने श्री मेवाड़ के चुनाव के दौरान काम कर रखा है। वैसे आपको बता दे कि आम आदमी पार्टी इस बार राजस्थान की सभी 200 विधानसभाओं से अपने उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी में है और जिस तरह से उदयपुर में मेवाड राजघराने के वंशज के सामने पेशकश की है, उससे तो लगता है कि पार्टी आम को नहीं खास को ही राजस्थान की चुनावी रण में उतारने की मेहनत में लगी हुई है।

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मनीष सिसोदिया के तीन दिन के उदयपुर प्रवास के दौरान एक और चौंकाने वाली घटना यह भी रही, जब वे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा के दिग्गज शान्तिलाल चपलोत से मिलने उनके घर पर पंहुच गए। पिछले दिनो श्री चपलोत की दिल्ली के अस्पताल में बायपास सर्जरी करवाई थी। मनीष सिसोदिया यहां पर उनकी कुशलक्षेम पूछने आए थे और चपलोत से डेढ घण्टे वार्ता भी की। इस वार्ता के बाद कयास लगाए जा रहे है कि कहीं जनसंघ के समय से राजनीति में उतरे और कट्टर भाजपाई रहे चपलोत कहीं आम आदमी पार्टी की राजस्थान में अगुवाई नहीं कर ले। यह आश्चर्य जनक ही रहा है कि पूरे देश में प्रधान मंन्त्री सहित भाजपा के सभी वरिष्ठ और छुटभईए नेता भी आम आदमी पार्टी और उसके सुप्रीमों आलोचना करते है, और भाजपा के वरिष्ठ नेता शान्तिलाल चपलोत के निवास पर दिल्ली के उप मुख्य सेवक सिसोदिया माल्यार्पण कर स्वागत किया जाता हैं, इतना ही नहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यों की भी श्री चपलोत ने भरपूर प्रशंसा की।

हिन्दुस्तान जिंक की कायड़ खदान ‘5 स्टार रेटिंग माइन अवार्ड’ से सम्मानित

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उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक की इकाई कायड खदान को वर्ष 2017 में खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए भारत सरकार के खान मंत्रालय के अधीन इण्डियन ब्यूरो ऑफ माइन ने कायड़ खदान को ‘5 स्टार रेटिंग माइन अवार्ड’ से सम्मानित किया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत सरकार के माननीय ऊर्जा, कोल, न्यू एण्ड रिन्यूवबल एनर्जी खान मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय नेषनल कान्क्लेव ऑन माइन्स एण्ड मिनरल्स समारोह में प्रदान किया। यह पुरस्कार हिन्दुस्तान जिंक की ओर से कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील दुग्गल एवं कायड़ खदान के इकाई प्रधान श्री के.सी. मीना ने ग्रहण किया। हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेषन, पवन कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक विष्व का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता उत्पादक है और भारत में चांदी का सबसे बड़ा उत्पादक के साथ दुनिया में अलौह धातु क्षेत्र उत्पादन में भारत का नेतृत्व भी करता है।

अवैध होटल रेडिसन ब्लू में हुई सरकार के वैध क़ानून “GST” लागू करने की बैठक

उदयपुर में हुई अवैध और गैर कानूनी होटल में कानून बनाने की
कवायद, देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित 33 प्रदेशों के 125 लोगों ने की शिरकत

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उदयपुर . शहर के पांचसितारा गैरकानूनी अवैध होटल में एक नया क़ानून बनाने के लिए केंद्र सरकार सहित कई राज्यों की सरकार के नुमाइंदे और मंत्रियों ने बैठ कर नए क़ानून बनाने पर चर्चा की।
जीएसटी कानून लागू करने के लिए जीएसटी कौंसिल की बैठक शहर के पञ्च सितारा होटल रेडिसन ब्लू में शनिवार को आयोजित हुई जिसमे केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली सहित ३३ राज्यों के वित्त मंत्री और कई अधिकारी मोजूद रहे। रेडिसन होटल को हैकोर्ड ने भी अवैध माना है और इसको पूर्व में सीज करने के निर्देश दे चुका है।

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होटल रेडिसन ब्लू का नाम पहले शेरेटन होटेल था और बाद में रेडिशन ग्रुप ने ले लिया। कुछ समय पूर्व ही इस होटेल के अवैध होने के पुष्टि हाईकोर्ट ने करते हुए जिला प्रशासन से इस पर तुरन्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। प्रशासन की शिथिलता या, रसूखदारों का अधिकारियों से तालमेल के चलते हाईकोर्ट के निर्देश की पालना नहीं हो सकी। बाद में होटल के मालिक ओपी अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने का मौका मिल गया। गौर तलब है कि युआइती ने पूर्व में होटल रेडिसन को नोटिस दिया था जिसमे उसने राजस्व ग्राम उदयपुर के खसरा नंबर १ , २ , १० मीन और खसरा नंबर ११ कि सरकारी जमीं पर होटल द्वारा कब्जा कर वहां पर अवैध निर्माण बना लिया है। यु आई टी ने इसके बाद दो और नोटिस दिए थे जिसमे कहा था कि उसकी निजी आराजी १९३०/१० और आराजी २०४७ पर इमारत की दो मंजिलों का स्वीकृत नक़्शे के विरुद्ध हट कर अवैध निर्माण कर लिया गया है। यु आई टी ने होटल की जमीं से अवैध कब्जा हटाने के आदेश भी दिए थे। यही नहीं हाईकोर्ट में भी होटल के इस करती को गंभीर मानते हुए कारवाई के निर्देश दिए थे। प्रशासन की शिथिलता या,होटल मालिक के अधिकारियों से रसूख की होटल पर कभी कोई कारवाई नहीं हो सकी और मालिक ओपी अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने का मौका मिल गया। यही नहीं मालिक ओ पी अग्रवाल हाईकोर्ट से केस हारने के बाद आरोपी अग्रवाल ने प्रशासन को यहां पर कब्जे वाली जगह के एवज में उतनी ही जगह कहीं ओर देने का प्रस्ताव भी दिया था जो एक तरह से हास्यास्पद था। होटल ने जी प्लस 3 की परमिशन ली और नियमांे को ताक में रखते हुए जी प्लस 5 बनादी। उस समय भी उपरी दो मंजिल तोड़ने के आदेश हुए थे लेकिन तत्कालिन अधिकारियों ने यह आदेश फाइलों में ही दबाकर रखे, और होटल मालिक कमाई करता गया। इतना ही नहीं होटल चलाने के लिए जो जरूरी लाईसेंस होते है वह भी होटल ने नहीं ले रखे थे। जिनमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, प्रदूषण नियंत्रण पर क्लीन चीट आदि शामिल है। आरोपी अग्रवाल ने होटल के बाहर करीब 20 हजार से ज्यादा स्क्वायर फीट सरकारी जमीन पर निर्माण कर उसे अपने कब्जे में ले लिया है। इतना ही नहीं मस्तान पिया कॉलोनी को जोड़ने वाली सरकारी सड़क को भी कब्जे में लेकर उसके निशान तक खत्म कर दिए। आश्चर्य की बात तो यह है कि इतनी सारी कमियों और कोर्ट में चल रहे वाद के बावजुद भी जिला प्रशासन की ओर से इस बैठक को यहां आयोजित कराने की योजना कहां से आई। शहर भर और क्षेत्रवासियों के बीच दिन भर सिर्फ यही बात चर्चा में रही कि ऐसा नही हो सकता है कि संभागीय आयुक्त या

जिला कलेक्टर इस होटल के अवैध होने के बारे में अनभिज्ञ हो, कईयों में तो यही चर्चा रही कि इस बैठक के बाद होटल मालिक अपनी बात मजबूती से कोर्ट में रख सकता है, कि इतनी बड़े बिल को पास करने की सरकारी बैठक उसकी होटल में रखी गई तो क्यो न उसे वैध मानते हुए क्लीन चीट दे दी जाए। वाकई यह एक बड़ा खेल है जो प्रशासन और होटल मालिक के बीच
खेला गया और पूरी की पूरी सरकार इसकी गवाह बन गई।