विज्ञापन के दौर में जागरूक बने उपभोक्ता

24-12-1राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस आयोजित
विज्ञापन के दौर में जागरूक बने उपभोक्ता
उदयपुर, उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए आज विज्ञापनों का बोलबाला है, ऐसे में सही वस्तु का चयन एवं गुणवत्ता की परख के लिए आम उपभोक्ताओं को विशेष जागरूक होना होगा।
ये विचार बुधवार को जिला परिषद सभागार में रसद विभाग एवं उपभोक्ता संरक्षण मंच के साझे में अतिरिक्त जिला कलक्टर मनवीर सिंह अत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी के मौके पर जिला रसद अधिकारी हिम्मत सिंह भाटी ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भ्रामक विज्ञापनों से सावधान रहते हुए हमे उपभोक्ता वस्तुओं के चयन में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। धोखाधड़ी से बचाने के लिए आज सुदूर तक जागरूकता एवं शिक्षित होने का संदेश पहुचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पेकेजिंग एक्ट को उपभोक्ता हित संरक्षण के अनुकूल बनाया गया है। इससे उपभोक्ता सामग्री की गुणवत्ता, मूल्य एवं प्रामाणिकता की जानकारी ले सकते है। उन्होंने आगामी एक जनवरी से बैंक खाता संख्या आवश्यक तौर पर गैस एजेंसीज को जमा कराने बाबत भी व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत बतायी।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री अत्री ने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में विश्वस्त एवं श्रेष्ठ सेवा आधारित विपणन व्यवस्था का उपभोक्ता चयन करें तो वे ठगी से बच सकते है। उन्हें भ्रामक प्रचार-प्रसार की आड़ में धोखाधड़ी से सावधान होने की जरूरत है।
संगोष्ठी में उपभोक्ता संरक्षण विशेषज्ञ वाई.के.बोलिया ने विद्युत विभाग से संबंधित उपभोक्ता जागरूकता कानून का हवाला दिया और कहा कि अपने हितों के लिए उपभोक्ताओं को नवीन अधिनियमों की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सवा लाख की लागत में 30 फीसदी अनुदान पर मिलने वाले ऊर्जा प्लांट को घरेलू बिजली का स्रोत बनाने की जरूरत है इसमें कम यूनिट की खपत पर शेष बिजली की राशि उपभोक्ता के खाते में जमा की जा सकती है।
संगोष्ठी में मारूति सेवा समिति के सम्पतलाल जैन ने विभिन्न स्तर पर उपभोक्ता अपील, बाट-माप विज्ञान के भगवान लाल महावर सहित अन्य प्रतिभागीयों ने अपने अमूल्य विचार रखे। संगोष्ठी में विविध गैस एजेन्सी के ऑयल कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

आरोग्य मेला स्थगित

उदयपुर, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा फतह मैदान पर प्रस्तावित आरोग्य मेला 2014 अब 14 से 17 मार्च को आयोजित किया जाना प्रस्तावित है, पूर्व में यह 26 से 29 दिसंबर तक आयोजित होना था। यह जानकारी नॉडल अधिकारी एवं मदन मोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गौरीशंकर इंदौरिया ने दी।

सीईओ के निर्देश पर रैलिंग कार्य शुरू

उदयपुर, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती नेहा गिरी (आईएएस) के निर्देशानुसार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लोयरा में रैलिंग एवं अन्य मरम्मत कार्य शुरू हो चुका है।
श्रीमती गिरी द्वारा पूर्व में विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान विद्यालय में संभावित किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिये रैलिंग एवं सीढ़ी आदि अन्य मरम्मत कार्य की आवश्यकता के मद्देनजर सीईओ ने तुरन्त ग्राम सेवक को उक्त कार्य की स्वीकृति जारी करने के आदेश दिये थे।

तोषण निधि योजना के तहत 12 हजार 500 की आर्थिक सहायता मंजूर

उदयपुर, जिला कलक्टर आशुतोष ए.टी.पेडणेकर द्वारा गत 8 अप्रैल 2014 को सड़क दुर्घटना में गभ्भीर रूप से घायल नाड़ाखाड़ा निवासी राजेश चौधरी को तोषण निधि योजना के अन्तर्गत 12500 की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।

गणतंत्र दिवस समारोह 2015: तैयारियों को लेकर बैठक 2 जनवरी को

उदयपुर, आगामी गणतंत्र दिवस 2015 (26 जनवरी) का आयोजन जिला स्तरीय समारोहपूर्वक किया जाना है। आयोजन के सिलसिले में आवश्यक तैयारियों एवं कार्यक्रम की रूपरेखा निर्धारित करने के लिए आवश्यक बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में 2 जनवरी को प्रातः 11 बजे रखी गई है। यह जानकारी अति.जिला कलक्टर छोगाराम देवासी ने दी।

पूर्व प्रधानमंत्री की जयंति के अवसर पर सुशासन विषयक पर भाषण प्रतियोगिता सम्पन्न

किसी भी राष्ट्र की प्रगति भौतिक एवं मानसिक सुख पर निर्भर – कोठारी
व्यक्ति अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करें – प्रो. सारंगदेवोत

IMG_0026उदयपुर , किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके भौतिक प्रगति एवं आम जन की मानसिकता पर निर्भर करती है। चीन, जापान, रूस आदि सम्पन्न देशों ने भौतिक प्रगति तो बहुत कर ली लेकिन मानसिक प्रगति से आज कोसो दूसर है। वहां का नागरिक आज भी तनाव में जी रहा है। ये बात जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को ‘‘सुशासन विषयक’’ पर विश्वविद्यालय के आईटी सभागार में आयोजित भाषण प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में उदयपुर शहर के प्रथम नागरिक मेयर चन्द्र सिंह कोठारी ने कही। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र कितनी प्रगति कर जब तक वहां का आम नागरिक मानसिक रूप से ठीक नहीं होगा वह कभी भी प्रगति नहीे कर सकता है। भौतिक प्रगति एवं मानसिक सुख दोनो एक दूसरे के पुरक है। उन्होंने ने कहा सुशासन की जिम्मेदारी हम सभी की है। सिर्फ सरकार का ही दायित्व नहीं है कि वे सुशासन दे। उन्होंने कहा कि हम हमारे अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों का भी निर्वाह करना चाहिए। इसकी शुरूआत अपने आप से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी ने एक छोटा सा अभियान चलाया स्वच्छता का। जब इसकी शुरूआत हुई तो आम जन के समझ में नहीं आई। लेकिन आज इस स्वच्छता अभियान ने पूरे देश में छा गया है और आज आम व्यक्ति में स्वच्छता के प्रति जागरूक हुआ है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि सुशासन के लिए सिद्वांत, आदर्श एवं नियमों में मधुर समंजस्य होना जरूरी हैं। बिना उच्च आदर्श के सुशासन की एक कोरी कल्पना है। इसके लिए पारदर्शिता एक आवश्यक शर्त है। सुशासन की श्ुारूआम व्यक्ति को अपने घर से करनी चाहिए।ऐसी अनेक छोटी छोटी जिम्मेदारी है जिसका निर्वाह अपने को करना है। शिक्षा संघीय ढांचे, कार्य पालिका के कार्यकलापों में बदलाव लाना होगा एवं उनकी सोच मंे सुधार करना होगा। समारोह की विशिष्ठ अतिथि प्रो. लक्ष्मी रूपल, निदेशक डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. जी.एम. मेहता ने कहा कि आम जन के लिए बनाये जाने वाले नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाना चाहिए। इसके लिए हर व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बनती है कि वह उनका पालन करें। उन्होंने कहा कि धूम्रपान करना कानुनी अपराध है लेकिन उनका कडाई से पालन नहीं हो पा रहा है। डॉ. एन.एस. राव, प्रो. एस.के. मिश्रा एवं प्रो. सुनिता सिंह ने निर्णायक की भूमिका निभाई। समारोह का संचालन डॉ. सिंघवी ने किया। धन्यवाद निदेशक डॉ. मनीष श्रीमाली ने दिया। वाद विवाद प्रतियोगिता में उदयपुर शहर के विभिन्न महाविद्यालयों के 70 प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने अपने अपने उद्गार व्यक्त किए।

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IMG_0036ये रहे प्रतिभागियों के विचार:-
सुशासन विषय पर आयोजित भाषण में आये छात्र छात्राओं के ये रहे विचार:-
हर व्यक्ति केा रोटी, कपड़ा एवं मकान मिले, हर व्यक्ति को रोजगार मिले, महिलाओं की सुरक्षा हो, आपदा प्रबंधन हो, महंगाई पर अंकुश लगाया जाये, सूचना तंत्र पूर्णतया कार्य करें।, आईटी सेक्टर को आगे बढ़ाया जाये, शासन चलाने एवं बनाने वाले अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करें, संविधान में बने नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाये। भय मुक्त समाज हो, नारी को सम्मान मिले, ग्रामीणों को आईटी का लाभ मिले,
ये रहे विजयी:-
सुशासन विषयक पर आयोजित प्रतियोगिता में किबुका गोडफ्रे प्रथम को पन्द्रह हजार, द्वितीय दो प्रतिभागी रहे जिसमें सिजो एवं गौरव बॉस को पांच-पांच़ हजार एवं तृतीय पर भी दो प्रतियोगी विजयी रहे जिन्हे 2500-2500 रू. की नकद राशि से अतिथियोंा द्वारा पुरस्कृत किया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्रों की क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ

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DSC_0214 उदयपुर , भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली उदयपुर द्वारा खण्ड -टप् के कृषि विज्ञान केन्दों की दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय में हुआ। इस कार्यशाला में राजस्थान व गुजरात के 20 निदेशक प्रसार व 70 कार्यक्रम समन्वयकों भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. एस. एल. मेहता पूर्व कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों की देश के कृषि विकास में अहम् भूमिका है और उन्होनें कृषकों को संदेश देते हुए कहा कि “जो हमसे जुडेगा उसे हम लखपति बनाएगें” एवं “जो हमसे जुडेगा उसकी तकदीर बदलेंगे”। यह तभी सम्भव होगा जब कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि में नवाचार का प्रयोग करेगें तथा इन केन्द्रों पर फलों एवं फलों के मातृ बगीचे, तकनीकी पार्क, इत्यादि स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन एवं उद्यानिकी के साथ ही साथ मधुमक्खी पालन का भी इस क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं यदि किसान एकीकृत व समन्वित रूप से इसे अपनाता है तो उसे आर्थिक सम्बल मिलेगा।
खण्ड -टप् के क्षेत्रीय परियोजना प्रबंधक प्रो. वाई. वी. सिंह ने सदन को जानकारी दी कि इस वर्ष मेें कृषि विज्ञान केन्द्रों ने 40,000 प्रक्षेत्र परीक्षण किये जिसके अन्तर्गत 350 कृषि तकनीकियों का परीक्षण किया गया, 21,000 प्रथम प्रक्षेत्र प्रदर्शन भी आयोजित किए गए। 1 लाख से अधिक कृषकों को प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया।
प्रो. आई. जे. माथुर निदेशक प्रसार, मप्रकृप्रौविवि, उदयपुर ने सभी आंगतुकों का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र को अपने-अपने केन्द्र पर कृषि सम्बन्धी विशेष स्थानीय महत्व की गतिविधि लेकर अपनी अलग पहचान बनानी चाहिये। जल, फसल उत्पादन मेें महत्वपूर्ण घटक है अतः इसे बचाना चाहिये। इस हेतु कृषि विज्ञान केन्देां को “जलवायु अनुरूप कृषि पर राष्ट्रीय पहल की परियोजना“ द्वारा विकसित की गई तकनीकियों का समावेश करना चाहिये ताकि जल का समुचित व दक्षतापूर्ण उपयोग हो सकेें। उन्होनंे कहा कि आज आवश्यकता है कि कृषक अपना व्यापारिक संघ बनाए इससे कृषक समुदाय की आर्थिक समृद्वि मंे विकास होगा। कार्यशला के संयोजक डॉ. एस.एस.राजपूत ने बताया कि कार्यशाला के दौरान डॉ. ए.एम. पारखीया, निदेशक प्रसार, जूनागढ़, कृषि विश्वविद्यालय, जूनागढ व डॉ. एस. एस. तोमर, निदेशक प्रसार, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा ने गुजरात एवं राजस्थान में कृषि क्षेत्र में की गई नवाचार गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पियुष जानी ने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन सभी कार्यक्रम समन्वयकों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के अधिकारियों को चित्तौडगढ कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उसे जुड़े प्रगतिशील किसानों के प्रक्षेत्र का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया जायेगा एवं कार्यशाला का समापन सत्र् भी आयोजित किया जायेगा कार्यक्रम का संचालन डॉ. लतिका व्यास एवं धन्यवाद डॉ. एम. एस. मीणा ने दिया।

हाट बाजार ने पकड़ी रंगत, शिल्प के चहेते पहुंचे शिल्पग्राम

IMG_7129उदयपुर, लोक कला एवं शिल्प परंपरा के प्रोत्साहन के लिये उदयपुर के शिल्पग्राम में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित ‘‘शिल्पग्राम उत्सव-2014’’ के तीसरे दिन शिल्पग्राम के हाट बाजार ने अपनी रंगत व रफ्तार पकड़ी। दोपहर में बड़ी तादाद में लोग शिल्पग्राम पहुंचे व खरीददारी के साथ मेले का लुत्फ उठाया।
दस दिवसीय उत्सव के तीसरे दिन हाट बाजार में कलात्मक व घरेलु उपयोग की वस्तुओं को अपने घर ले जाने की चाह में बड़ी संख्या में लोग शिल्पग्राम पहुंचे तथा हाट बाजार का जायजा लेने के साथ-साथ खरीददारी की। हाट बाजार में अलंकरण में विभिन्न प्रकार के आभूषण शिल्पी दिन भर आने वाली महिलाओं को जेवर दिखाने में लगे रहे। इस बाजार में महिलाओं ने ब्रेसलेट, इयरिंग्स, चेन आदि के प्रति रूचि दिखाई।
हाट बाजार में ही पूर्वोत्तर राज्य से आये शिल्पकारों के उत्पाद लोगों का आकर्षण का केन्द्र रहे। इसमें बैम्बू क्राफ्ट, ड्राई फ्लॉवर्स, परिधान आदि प्रमुख हैं। हाट बाजार में लोगों ने सर्दी से निजात पाने के लिये नमदे की बनी जूतियाँ, कच्छी शॉल, पट्टू, वूलन जैकेट्स, लैदर जैकेट्स आदि की दूकानों पर अपनी पसंद को परखा व खरीदा। हाट बाजार में ही लोक कलाकारों बहुरूपियों ने लोगों को अपनी कला के बारे में जानकारी दी व कला प्रदर्शन किया। दोपहर में कई युवा कलाकारों के साथ थिरकते भी देखे गये। मेले में इसके अलावा लोगों ने खान-पान व ऊँट की सवारी आदि का आनन्द उठाया।
मेले में वारली झोंपड़ी के सामने बंजारा फूड जोन तथा वस्त्र बाजार के व्यंजन क्षेत्र में लोगों व कलाकारों को पारपंरिक दाल बाटी, ढोकला, पान्या आदि नियंत्रित मूल्य (तय शुदा दरों) पर भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
बस सेवा प्रारम्भ
शिल्पग्राम उत्सव-2014 में शहर से लोगों को शिल्पग्राम लाने व ले जाने के लिये परिवहन विभाग द्वारा बसेें मंगलवार से प्रारम्भ की गई। इस क्रम में संचालित मिनि बसें फतेह मेमोरियल, से शुरू हो कर सूरजपोल, देहलीगेट, हाथीपोल, चेटक सर्किल, फतेहपुरा, देवाली होती हुई शिल्पग्राम पहुंचेंगी। परिवहन विभाग द्वारा यातायात दबाव तथा पार्किंग स्थल को दृष्टिगत रखते हुए लोगों से ज्यादा से ज्यादा इन बस सेवाओं के प्रयोग की अपील की गई है।
IMG_7104रोगन कला ने ली करवट
उदयपुर, गुजरात के कच्छ अंचल की रोगन कला जो विलोपन की ओर अग्रसर हो रही थी उसे फिर से प्रचलन में लाने का प्रयास इसके शिल्पकार अरब हासम खत्री पिछले कई सालों से कर रहे हैं। अब उनके बेटेे अब्दुल हामिद खत्री ने इसी कला को अपना लिया है।
अरब हासम बताते हैं कि करीब 300 साल पहले रोगन कला पर्शिया से भारत आई। उनका परिवार इस कला को कई पीढ़ियों से संजो रहा है किन्तु पिछले कुछ सालों से इसके कद्रदान कम हो गये। गुजरात में सरकार ने इस कला को प्रश्रय भी दिया तथा इसके विकास में योगदान भी दिया। अब उम्र दराज होने तथा इस कला में बारीकी काम को देखते हुए उन्होंने यह कला अपने बेटे को भी सिखलाई है। रोगन काम कपड़े पर चित्रांकन की अनूठी कला है जिसमें केस्टरॉइल को गर्म करके गाढ़ा बनाया जाता है तथा बाद में उसमें नेचुरल पिगमेन्ट रंग मिलाया जाता है। इस प्रकार से तैयार पिगमेन्ट को लकड़ी पर मथ कर उससे निकलने वाले तारों से कपड़े पर डिजाइन बनाई जाती है। अरब हरसम की यह खूबी है िकवे बिना पहले सकैचिंग किये सीधे कपड़े पर चित्रांकन करते हैं। यही गुर उन्होंने अपने बेटे को भी सिखाया है।
आम तौर पर मेहनती काम होने से इसकी लागत ज्यादा आती है व खरदीदार कम होते किन्तु बावजूद इसके इस शिल्पकार न कइस कला सक वस्त्र, जैकेट, बैग आदि बनाये जो शिल्पग्राम मेें दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बने हैं।

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IMG_7298कलांगन पर ‘नृत्य रूपा’ से प्रस्फुटित हुई शास्त्रीय शैलियाँ, वांगला ने रंग जमाया
उदयपुर यहां शिल्पग्राम मंे चल रहे दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव-20214 के तीसरे दिन मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर मिजोरम का वांगला नृत्य ने अपनी प्रस्तुति से मन मोह लिया वहीं विशेष प्रस्तुति ‘नृत्य रूपा’ में हमारी शास्त्रीय नृत्य शैलियों का कलात्मक समावेश देखने को मिला।
रंगमंच पर आयोजित सांस्कृतिक सांझ में गोवा का देखणी नृत्य दर्शकों को द्वारा काफी पसंद किया गया वहीं कश्मीर का रौफ पर भुम्बरो…. भुम्बरो… सुन दर्शक झूम उठे। रंगमंच पर मंगलवार को संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रायोजित ‘‘नृत्य रूपा’’ नृत्य नाटिका प्रमुख आकर्षण रही। शास्त्रीय नृत्य भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है इसका प्रतिरूप् शिल्पग्राम में कला प्रेमियों को देखने को मिला। प्रस्तुति में भरतनाट्यम का लास्य, कथक के ठुमके, ऑडिसी की भाव भंगिमाएँ, मणिपुरी नृत्य की सौम्यता व कथकली का नृत्याभिनय दर्शनीय बन सका। समूची प्रस्तुति एक पुष्प की भांति इन नृत्यों को एक माला में सुंदरता व लावण्यता के साथ परोसा गया। प्रस्तुति में भरतनाट्यम के अरूण शंकर, कथक में गौरी दिवाकर, ऑडिसी में शगुन भुटानी, कथकली में एम. अमलजीत तथा मणिपुरी में देवीसिंह ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में मेघालय का वांगला दर्शकों के लिये लुभावनी पेशकश रही। बड़े ढोल पर गारो जाति के कलाकारों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में इसके अलावा इसके अलावा बैगा करमा, व मयूर नृत्य ने अपने नृत्य से अनुपम छटा बिखेरी।
शिल्पग्राम उत्सव में आज
उदयपुर, दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव-2014 में बुधवार को रंगमंच पर दर्शकों को नृत्य रूपा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दोबारा देखने को मिल सकेंगी वहीं पूर्वोत्तर राज्य के नृत्य के साथ साथ गोटीपुवा, रौफ आदि नृत्य देखने को मिल सकेंगे।

निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन

01 (1)उदयपुर , श्री गोकुल गौशाला संस्था ट्रस्ट की ओर निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन मंगलवार को प्रातः 11 बजे श्रीनाथजी मन्दिर, श्रीनाथजी की हवेली के पार्किंग स्थल के प्रंगण मंे किया गया।
संस्था के संस्थापक सचिव एवं मैनेजिंग ट्रस्टी गजेन्द्र औदिच्य ने बताया कि शिविर का विधिवत उद्घाटन नगर निगम महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने किया। विशिष्ट अतिथि उप महापौर लोकेश द्विवेदी, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पारस सिंघवी थे। महापौर का स्वागत संस्था के संस्थापक सचिव गजेन्द्र औदिच्य ने माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। विशिष्ट अतिथि उप महापौर का स्वागत संस्था के स्वागताध्यक्ष राजेश बी. मेहता ने किया। वार्ड-12 पार्षद श्रीमती राधा सालवी का स्वागत समाजसेवी श्रीमती तुलसीदेवी औदिच्य ने किया।
शिविर मंे पशुओं में होने वाली बीमारी जैसे खुरपका, मुंहपका, पॉलिथीन से होने वाली गैस, पेट में सूजन के निराकरण के लिए पशुओ को टीके लगाये गये व दवाईयां दी गई साथ ही सर्दी में होने वाले रोगो से बचाव हेतु पशु पालको को सुझाव दिये गये। शिविर में कुल 62 पशुओं का इलाज किया गया।
शिविर में पूर्व पार्षद श्रीमती निर्मला तलेसरा, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी मण्डल अध्यक्षा श्रीमती सुनीता अग्रवाल, हेमन्त लोढा, लखन परियानी, विभोर जोशी, अरूण दुबे, श्रीनाथजी मन्दिर के अधिकारी लीलाधर पालीवाल, महेन्द्र तलेसरा, विपिन पुरोहित, हिम्मतसिंह राजपूत, गौरव बागोरा, गौरव सेन, मनोज सेन आदि उपस्थित थे।

द सांता किड्स के बच्चों ने जमाया रंग

santa kidsउदयपुर। यहां महावीर कॉलोनी स्थित द सांता किड्स स्कूल के बच्चों ने पहले वार्षिकोत्सव में रंगारंग प्रस्तुति देते हुए अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। नन्हें बच्चों की लोकरंग प्रस्तुति से मौजूद अभिभावक प्रभावित हो उठे। अभिभावकों को एकबारगी यकीन नहीं हुआ कि उनके बच्चे कम समय में इतनी जोरदार प्रस्तुति देंगे। बच्चों ने कविता के माध्यम से राष्ट्रभक्ति, सामाजिक एकता के संदेश भी दिए। श्रीमती एवं श्री केदारसिंह राठौड़ के मुख्य आतिथ्य में देवाली-फतहसागर रोड स्थित विद्याभवन ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह में स्कूल के प्ले, जूनियर केजी-सीनीयर केजी तथा पहली कक्षा के बच्चों ने राजस्थानी, गुजराती एवं पाश्चात्य धुन पर ग्रुप डांस कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में भारत की विभिन्न संस्कृतियों को दर्शाया गया। समारेाह के दौरान बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल निदेशक प्रदीप शर्मा ने आभार जताया।