सैंकडों भक्त नंगे पैर खिचेंगें भगवान जगन्नाथ के रथ को

३२ झांकियों का रजिस्ट्रेशन किया गया
२० हजार भक्तों के खाने की व्यवस्था
उदयपुर, आगामी २९ जून को स्थानीय जगदीश मन्दिर से निकलने वाली विशाल रथयात्रा की तैयारिया जोर शोर से की जा रही है। रथ की साफ सफाई, रंगाई पुताई का कार्य समिति के की देखरेख में किया जा रहा है।
भगवान जगन्नाथ के रथ को आमजन द्वारा भी नंगे पैर व मेवाडी वेषभूषा के साथ खिचेंगे। पारम्परिक मन्दिर परिक्रमा में रथ के अलावा नगर भ्रमण के लिए रथ में १०८ अलग-अलग पुर्जो को जोडने का कार्य कल जगदाश चौक प्रांगण में किया जावेगा। रथ के सभी भागों को जोडकर रथ को २८ जून को जगदाश चौक प्रांगण में रखा जायेगा।
रथयात्रा में इस बार १ हाथी ११ घोडे, ४ बैण्ड, सैकडों कलश लिये महिलाए, से.नं. ७ स्थित जगन्नाथधाम मंदिर की मूल प्रतिमाओं के साथ ही विभिन्न समाज संगठनों की ३२ झांकियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
यात्रा की सफलता के लिए जगन्नाथ यात्रा समिति व पुजारी परिषद के बीच में महत्वपूर्ण वार्ता हो चुकी है इस बार रथ के जनता को अधिक से अधिक दर्शन लाभ हो इसके लिए रथ के अन्दर २ पुजारी व २ चंवर वाले, १ गोठाधारी की सेवा रहेगी पुजारी बारी-बारी से अपनी सेवा देंगे इस बार की यात्रा में मुख्य पुजारी जगदीष मन्दिर के हुकमराज पुजारी रहेंगे। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के पश्चात् प्रभुश्री जगदीश की महाप्रसादी ३० जून को आसिन्द की हवेली पार्किग पर प्रसादी की तैयारिया जारे शोर से की जा रही है इस प्रसादी के लिए २० हजार भक्तों के खाने की व्यवस्था की जा रही है।

बाल नाट्य शिविर का समापन पेड़ों में सींचा ‘‘अमृत जल’’

Amrit_Jalउदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से बागोर की हवेली में आयोजित ‘‘बाल नाट्य कार्यशाला’’ के समापन पर गुरूवार शाम शहर की बाल प्रतिभाओं ने नाटक ‘‘अमृत जल’’ के माध्यम से पेड़ों को अमरत्व का वरदान देने की लालसा जतलाई।
बागोर की हवेली के कमल चौक में आयोजित विशेष नाट्य संध्या में बाल नाट्य कार्यशाला में श्री भार्गव ठक्कर द्वारा परिकल्पित, रचित व निर्देशित नाटक ‘‘अमृत जल’’ का मंचन किया गया। नाटक का कथानक एक वृद्ध की कथा से शुरू होता है जो बालकों को अपनी लम्बी उम्र का राज बताता है। बातचीत में बूढ़े मगर हरे-भरे वृक्षों की चर्चा निकलती है। तब बालकों की जिज्ञासा शांत करने के लिये वह राजा जनक सिंह की कथा सुनाता है जिसने अपनी प्रभुसत्ता बढ़ाने के लिये कई युद्ध किये।
ऐसे ही एक युद्ध में राजा जनक सिंह घायल हो जाते हैं तथा मरणावस्था तक पहुंच जाते हैं। तब उनकी सेना में मौजूद दो वैद्य दवा नहीं होने की स्थिति में 20 कोस दूर एक झरने का जिक्र करते हैं जिसका जल अमरता प्रदान करता है। राजा को घायलावस्था में झरने तक ले जाया जाता है। राजा जैसे ही जल पीने लगता है तो वहां मानसिंह नाम का वयोवृद्ध राजा आता है तथा बताता है कि उसने भी जनक सिंह की भांति युद्ध लड़े व बाद में इस झरने का जल पी कर अमरता प्राप्त की। किन्तु बाद में प्रजा ने उसके साथ बुरा बर्ताव किया व उसे राजपद छीन लिया गया।
इस पर राजा जनक सिंह घायल अवस्था में झरने का जल लते हैं और वहां लगे तीन पेड़ों को सींच देते हैं। इसके उपरान्त राजा जनक सिंह की मृत्यु हो जाती है किन्तु वृक्ष झरने का जल पीकर अमरत्व प्राप्त करते हैं। इस कथा से प्रेरित हो कर बच्चे दुनिया के सारे वृक्षों को उस झरने का जल पिलाने का संकल्प लेते हैं। प्रस्तुति में बाल कलाकारों ने विभिन्न किरदारों को उत्कृष्ट ढंग से निभाया तथा बेहतरीन सामंजस्य के साथ प्रस्तुति की रोचकता को बनाये रखा। नाटक में गीत-संगीत तथा ध्वनि प्रभावों ने प्रस्तुति को सशक्त बनाया। वृद्ध राजा के किरदार में सिद्धान्त भटनागर, प्रधान की भूमिका में सदिसा नूर खान तथा राजा जनक सिंह के चरित्र में रिया परमार ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी। वैद्य के रूप में सृष्टि भटनागर व प्राची जोशी, सैनिको की भूमिका में बिपाशा बोल्या, युक्ति बोल्या, ध्रुव पालीवाल के अलावा भैरवी चौहान, माही जोशी, सुविका गेहलोत, नमिता लुंकड़, खुशाल पुरोहित, एंजिल सुखवानी, विनीत जैन, अश्लेषा भटनागर, रीमी नागदा, हिमांशु जैन, जॉय शर्मा, हिरल मुर्डिया, प्रणव गांधी, तनिष्क सोनी का अभिनय सराहनीय बन सका।

शाम ए ग़ज़ल में गूंजे मशहूर फनकारो के तराने

DSC_0012 (1) उदयपुर, आकाशवाणी तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत् गुरूवार 26 जून की शाम को रेल्वे टेªनिंग संस्थान सभागार में शाम ए गजल की महफिल सजी जिसमें ख्यातनाम ग़ज़ल गायकों ने मशहूर शायरों के कलाम पेषकर आमंत्रित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
DSC_0009शाम ए ग़ज़ल के आरंभ में कलाकारों का स्वागत करते हुए उपनिदेशक (कार्यक्रम) श्री माणिक आर्य ने कहा कि ग़ज़ल गायकी का फ़न हर किसी के नसीब में नही होता, क्योकि ग़ज़ल गायकी वो विधा है जिसमें शास्त्रीय संगीत की लयात्मक गणित, सुगम संगीत की नज़ाकत भरी स्वर लहरियां और लोक संगीत के अल्हडपन का का मस्ती भरा माधुर्य होता है।
शाम ए ग़ज़ल का आगाज स्थानीय ग़ज़ल गायक डॉ. देवेन्द्र हिरण और डॉ. प्रेम भंडारी के जुगलबंदी से हुआ जिसमें उन्होने सुरेन्द्र चतुर्वेदी के कलाम दिये है उसने कई इम्तिहान बचपन में, के जिसकी काटी गई जुबान बचपन में सुनाई। उसके बाद डॉ. देवेन्द्र हिरण ने शमीम जयपुरी का कलाम इष्क पे जब शबाब होता है, सारा आलम शराब होता है और ज़मीर काज़मी का कलाम रिवाजों रस्म निबाहने की क्या जरूरत है, मेरे हो तुम तो जमाने की क्या जरूरत है सुनाकर दाद बटोरी। उदयपुर के ही प्रसि़द्ध ग़ज़ल गायक डॉ. प्रेम भंडारी ने केसर उल जाफरी की नज्म पेश की जिसमें झूठी बात नही है यारो सच्ची राम कहानी है थोड़ी हमने खुद लिख दी है थोड़ी और लिखवानी है तथा अपनी खुद की ग़ज़ल- घटा जाने कब कहां से बरसे वो निकले ही नही इस डर से, घर से सुनाकर वाहवाही लूटी। कोटा के मशहूर ग़ज़ल गायक रोशन भारती ने डॉ. सागर फराज के कलाम से शुरूआत की -उसके हंसते चेहरे से तो ऐसा लगता है शायद उसको मेरा मिलना अच्छा लगता है और शाहिद कबीर का कलाम बेसबब बात बढ़ाने की जरूरत क्या है हम खफा कब थे मनाने की जरूरत क्या है सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया। महफिल में मुम्बई के प्रख्यात् ग़ज़ल गायक घनश्याम वासवानी, ने निदा फाजमी के कलाम से-अपनी-अपनी सीमाओं का बंदी हर पैमाना है, उतना ही दुनिया को समझा जितना खुद को जाना है। और शहरयार के कलाम – शम्मे दिल शम्मे तमन्ना ना जला मान भी जा, तेज़ आंधी है मुखालिफ है हवा, मान भी जा को तरन्नुम में सुनाकर श्रोताओं मंत्र मुग्ध कर दिया।
इस कार्यक्रम में ग़ज़ल गायकों के साथ संगत कलाकारों ने तबले पर रशीद अहमद व वसीम जयपुरी, संतुर पर अनवर हुसैन, सितार पर नियाज हुसैन और नरेश वैयर तथा सांरगी पर मोईनुद्दीन व इकराम कलावत ने साथ दिया। कार्यक्रम का संयोजन कार्यक्रम अधिकारी विनोद शर्मा व संचालन पूर्व सहायक निदेषक,महेन्द्र मोदी ने किया। कार्यक्रम के अंत में निदेषक अभियात्रिकी एवं केन्द्राध्यक्ष राजेन्द्र नाहर ने आभार व्यक्त किया।

चलती कार में अचानक लगी आग,सेहम गया परिवार

0333_1उदयपुर. सुखाडिय़ा सर्कल के पास बुधवार रात साढ़े 10 बजे चलती हुई कार में अचानक आग लग गई। आग फैलने से पहले कार में सवार जोधपुर का परिवार बाहर आ जाने से सभी की जान बच गई। थोड़ी ही देर में कार लपटों से घिरकर कबाड़ में तब्दील हो गई। जलती कार को देख भीड़ जुट गई इधर, परिवार के चेहरे पर दहशत साफ झलक रही थी। आर-जे-27 -2सी-0185 नंबर की कार से परिवार सुखाडिय़ा सर्कल घूमने आया था। लौटते समय पंचवटी पुलिया के पास आग का अंदेशा हुआ। परिवार की शहर में डेयरी कारोबारी से रिश्तेदारी है। कार में गैस किट लगा होने से धमाके जैसी आवाजें आती रहीं।
देरी से आई दमकल

एक शोरूम के गार्ड ने कहा कि समय रहते दमकल आ जाती तो कार राख न होती। आधे घंटे बाद पुलिस और दमकल आई। कार में सवार लोगों में तीन बच्चे भी थे जो सहम गए। रेलवे ट्रेनिंग स्कूल के गेस्ट हाउस में मौजूद लोगों ने परिवार को संभाला।

अर्न्तराष्ट्रिय ब्यूटीशियन डे मनाया

DSC07180लेकसिटी ब्यूटी क्लब, उदयपुर के तत्वाधान मे अर्न्तराष्ट्रिय ब्यूटीशियन डे के अवसर पर सेल्फ आई मेकअप, प्रतियोगीता का आयोजन पचंवटी स्थित प्रभात हेयर एण्ड ब्यूटी एकेडमी मे किया गया।
संगठन की अध्यक्ष मन्जु शर्मा व संचिव आशा कालरा ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि प्रतियोगीता मे बेहतर मेकअप करने पर प्रिया तलरेजा, मिनाक्षी ,रेखा जैन और प्रेमलता माली को सम्मानीत किया गया।
संगठन के सदस्यो ने निर्णय किया कि लेकसिटी ब्यूटी क्लब की और से अगस्त माह मे फेन्टेसी मेकअप, हेयर स्टाईल व नेल आर्ट के लिए सैमिनार किया जाएगा व संगठन का सम्मेलन करके कार्यकारीणी का पुनः गठन भी किया जाएगा।
कार्यक्रम मे एचबीओ के राज्य अध्यक्ष अशोक पालीवाल ने ब्यूटीशियन डे का महत्व समझाते हुए एकता व प्रशिक्षण की और सभी का ध्यान केन्द्रित किया।
कार्यक्रम का सयोजन मन्जु शर्मा व अनीता गेहलोत ने किया।

प्रणीती को मिला 50,000/- का नकद पुरस्कार

photoदिल्ली पब्लिक स्कूल, उदयपुर की कक्षा चार की छात्रा प्रणीती फुलमारे को नेशनल साइबर ओलम्पियाड में अपने अभूतपूर्व प्रतिभा कौशल के लिए पुरस्कृत किया गया। साइन्स ओलम्पियाड फाउण्डेशन के द्वारा प्रतिवर्ष नेशनल साइबर ओलम्पियाड का आयोजन किया जाता है। इस ओलम्पियाड में 16 विभिन्न राष्ट्रों के 27,000 विद्यालयों ने भाग लिया जिसमें प्रणीती ने प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का परिचय दिया। चिन्मय मिशन लोधी रोड़, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रणीती को अपने अद्भुत प्रदर्शन के लिए एक स्वर्ण पदक, प्रमाण पत्र के साथ 50,000/- रुपए का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
प्रणीती ने अपनी इस शानदार सफलता का श्रेय अपने विशुद्ध प्रयासों तथा माता-पिता व अध्यापकों से मिलने वाले मार्गदर्शन को दिया। विद्यालय की प्रधानाचार्या नीरु टंडन ने प्रणीती को उसकी शानदार सफलता के लिए बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

महिलाओं ने दिया कलेक्ट्री में धरना

IMG_1094झीलों में नहाने-धोने पर रोक का जोरदार विरोध
उदयपुर। कोई भी कोर्ट या प्रशासन नगर की झीलों में नहाने-धोने पर रोक नहीं लगा सकता, फिर भी राठौड़ी में ऐसा किया जा रहा है, जो कानूनन गलत है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
यही बात कहने जगदीश चौक क्षेत्र की महिलाएं आज सुबह कलेक्ट्री आई और सिटी मजिस्ट्रेट के दफ्तर के सामने धरना देकर बैठ गई। इन महिलाओं ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन देकर बताया कि सारे घाट नहाने-धोने के लिए ही बनाए गए हैं। इसलिए वहां पर नहाना-धोना उनका कानून सम्मत अधिकार है। उन्होंने लेक पेट्रोलिंग वालों पर महिलाओं, ब’चों और बुजुर्गों से अभद्र व्यवहार एवं मारपीट करने का आरोप भी लगाया। इसी क्रम में एक महिला कांस्टेबल के खिलाफ घंटाघर थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है। महिलाओं ने यह चेतावनी भी दी कि भविष्य में ऐसी घटना हुई, तो अशांति फैलेगी, जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।

टोटकों के बाद भी प्रतापनगर थाने में चोरी!

1-3उदयपुर। शहर के प्रतापनगर थाने में चोरी हो गई। चोर थाना परिसर के अंबामाता मंदिर में प्रतिमा का मुकुट और उस पर लगा चांदी का एक छत्र चुरा ले गए। ये आभूषण चांदी के थे। वारदात दस दिन पहले हुई लेकिन बदनामी के डर से इसे दबा दिया गया। रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की।
बताया गया है कि थाने का रायफलधारी संतरी उक्त मंदिर के आसपास घूमते हुए ही पहरा देता है। इसके अलावा ड्यूटी ऑफिसर की डेस्क भी सामने ही लगी हुई है। इसलिए उसकी नजर भी हर समय दर्शन करने वालों पर लगी रहती है। वैसे भी थाने के स्टॉफ के अतिरिक्त मुश्किल से 10-20 लोग ही यहां दर्शन करने आते हैं। चोरी की इस वारदात के बाद मंदिर पर ताला लगाया जाने लगा है। वैसे भी इस थाने को अपशकुनी माना जाता है। यहां अब तक लगा हर इंचार्ज किसी न किसी संकट का शिकार होता आया है। इस कारण वास्तुदोष बताया गया, तो उसे ठीक कराने के लिए इमारत में बदलाव भी किया गया, बैठक व्यवस्था भी बदली गई। सारे टोटके करने के बाद कुछ समय शांति से गुजरा लेकिन मंदिर में चोरी की इस वारदात ने फिर शंकाएं पैदा कर दी है।

रेवाशंकर शर्मा को ’शिल्प गुरू सम्मान’

राष्ट्रपति के हाथों होंगे अलंकृत
उदयपुर। मेवाड क्षेत्र के ख्यातनाम तूलिका कलाकार रेवाशंकर शर्मा को हस्तकला के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय ‘‘शिल्प गुरू सम्मान’’ से अलंकृत किया जाएगा।
यह सम्मान भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों एक जुलाई को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा। शर्मा का मिनिएचर पेंटिंग्स के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार २०११ के लिए चयन किया गया है। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की ओर से हस्तशिल्पियों को दिये जाने वाले इस महत्वपूर्ण पुरस्कार के तहत शर्मा को एक लाख रुपये नकद, ताम्रपत्र एवं अंगवस्त्र से अलंकृत किया जाएगा। यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित समारोह के दौरान दिया जाएगा।

जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर तैयारी बैठक

u25junph-2विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया
उदयपुर, जगन्नाथ रथयात्रा समिति के तत्वावधान में २९ जून को आयोजित होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा को और अधिक भव्य एवं विशाल रूप देने के लिये विभिन्न समाज एवं संगठनों एवं प्रतिनिधियों की बुधवार को आसिन्द की हवेली पर बैठक आयोजित हुई।
बैठक में उपस्थित सभी समाजों, संगठनों एवं प्रतिनिधियों ने समिति द्वारा रथ यात्रा हेतु बनाये गये निर्देशों और रथयात्रा को एक एतिहासिक स्वरूप प्रदान कराने का संकल्प लिया।
बैठक में मुख्य अतिथि पद महापौर रजनी डांगी ने प्रशासन द्वारा यात्रा को सफल बनाने के लिये व्यापक स्तर पर प्रयास किये जा रहे है यह आष्वासन दिया। बैठक की अध्यक्षता प्रेमसिंह शत्त*ावत ने की।
महाआरती होगी:जगन्नाथ रथ यात्रा समिति व आलोक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आर.एम.वी. से लेकर कालाजी गोराजी तक महाआरती के लिये संस्थान के १२०० से अधिक स्वयंसेवक अध्यापक लगाये जायेगे। महाआरती की सुरक्षा व्यवस्था हेतु व्यापक प्रबन्ध किये गये है। उन्होने कहा कि आरएमवी से लेकर कालाजी गोराजी तक कोई भी स्वागत द्वार न लगाने का सुझाव दिया ताकि श्रद्घालुओं को आरती के दर्शन हो सके।
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: समिति के दिनश मकवाना ने बताया कि रथयात्रा में शामिल होने वाली सभी समाज संगठनों की झांकियों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है बिना रजिस्ट्रेशन की झांकियों को सम्मिलित नहीं किया जा सकेगा। सम्मिलित होने वाली झांकियों को मध्यांह २ बजे तक रंग निवास तक पहुंचना अनिवार्य होगा। झांकिया रंग निवास वाले रास्ते से ही आयेगी।
अबीर-गुलाल वर्जित: समिति द्वारा बैठक में आव्हान किया कि रथयात्रा का स्वागत पुष्पवर्षा से ही करें, अबीर, गुलाल वर्जित रहेगा, समाज बन्धुओं को पारम्परिक रूप से वेशभुषा पहन कर यात्रा में शामिल होने के लिये सुझाव दिया गया। रथयात्रा का मार्ग में सैक$डों जगह भव्य स्वागत किया जायेगा स्वागत के दौरान वितरित किये जाने वाले खाद्य एवं पेय के डिस्पोजल सामग्री के निस्तारण हेतु उचित कचरा पात्रों की व्यवस्था करें। रथयात्रा के पश्चात जगदीश मंदिर में भजन संध्या होगी एवं रथयात्रा के ३० जून को महाप्रसादी का आयोजन होगा।