उदयपुर. एसबीआई की मधुबन ब्रांच में काउंटिंग के दौरान नकली नोट पाए जाने का मामला सामने आया है। एसबीआई, मधुबन ब्रांच के सहायक बैंक प्रबंधक केवल चंद भंसाली ने रिपोर्ट दी है कि काउंटिंग के दौरान 45 सौ रुपए के नकली नोट पाए। इनमें 3 नोट हजार के और 3 नोट पांच सौ के हैं। एसआई दयालाल ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी है। ब्रांच में काउंटिंग के समय ये नोट पकड़ में आए हैं। ये नोट किसने जमा कराए, इसके लिए विभिन्न रिकॉर्ड की जांच करेंगे।
एसबीआई में आए 4500 रुपए के नकली नोट, तीन नोट हजार के और तीन नोट पांच सौ के
राहुल होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार!
राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। इसे लेकर सभी की नजरें शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी की होने वाली बैठक पर टिकी हुई हैं। जब स्टेडियम को बैठक के लिए तैयार किया जा रहा था, तब बुधवार को राहुल ने कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में हिस्सा लेने का फैसला किया जिससे इस बात को और बल मिला की शुक्रवार को उनके नाम पर मुहर लग सकती है।
इस बात की भी अटकले हैं कि प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रधानमंत्री पद के लिए बैठक में राहुल के नाम का प्रस्ताव रख सकते हैं। हालांकि, पार्टी के कुछ नेता उन्हें पीएम पद का उम्मदीवार बनाए जाने के खिलाफ हैं।
उनका मानना है कि राहुल को उपाध्यक्ष से प्रधानमंत्री बना देना चाहिए, न की चुनावों में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। वहीं, एक नेता का कहना है कि शुक्रवार को होने वाली पार्टी की बैठक में राहुल के नाम पर मुहर लग सकती है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी में यह भी मानना है कि उन्हें चुनावों से पहले ही डॉक्टर मनमोहन सिंह को हटाकर उन्हे प्रधानमंत्री बना देना चाहिए। एक अन्य नेता ने कहा कि सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों की संख्या 9 से 12 करने और पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में कटौती करने के उनके फैसलों से आगामी आम चुनावों मे पार्टी को फायदा मिल सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, जो लोग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर रहे हैं, उनका मानना है कि ऎसा करने से गत विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली करारी हार के कारण हताश पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल नई ऊर्जा मिलेगी।
इन नेताओं का मानना है कि चुनावों मे पार्टी को बिना किसी चेहरे के नहीं उतरना चाहिए जब मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नरेन्द्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) मुख्य संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि जो नेता राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध मे हैं, उनका मानना है कि पार्टी ने ऎसा करने मे काफी देर कर दी है और पार्टी उपाध्यक्ष को काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
राहुल को पीएम पद का प्रत्याशी घोषित करने को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रार्टी प्रवक्ता और सांसद संदीप दीक्षित ने कहा, इस पर फैसला होगा या नहीं, यह बात 17 जनवरी को साफ हो जाएगी। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा की कांग्रेस कार्यकारी समिति और ऑल इंडिया कांग्रेस समिति में इसे लेकर क्या फैसला होता है।
जब उनसे पूछा गया कि आप ने कहा है कि सत्ता की लड़ाई भाजपा और उसके बीच होगी, कांग्रेस पिक्चर मे ही नहीं तो दीक्षित ने कहा कि दोनों (भाजपा और आप) नंबर दो के लिए लड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायध सामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुंण मौजूद हैं।
सुविवि में मौखिक आदेश से पेंशन रोकी
उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्व विद्यालय के करीब ५०० पेंशनधारियों को पिछले दो माह से पेंशन का भुगतान नहीं होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह राशि करीब १ करोड़ रूपये प्रतिमाह है, जिसे पिछली सरकार के आखिरी दिनों में मौखिक आदेशों से रोका गया, लेकिन अब सरकार बदल जाने के बाद भी चुकारा नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं पेंशन भुगतान नहीं करने के संबंध में कई ऐसे कारण बताए जा रहे हैं, जिसका मूल विषय से कोई लेना देना नहीं हैं।
कुल मिलाकर यह सामने आया है कि विश्व विद्यालय के विघ्न संतोषी कुल सचिव ने पूरे मामले को अनावश्यक विवाद में डालकर उलझा दिया है। फल स्वरूप खामियाजा उन ५०० परिवारों को भुगतना पड़ रहा है, जो पेंशन राशि पर ही अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
पेंशन योजना-
विश्व विद्यालयों में पेंशन योजना १ जनवरी १९९० को लागू की गई। इस पर अमल करते हुए तत्कालीन कुलपति ने ११ जुलाई १९९१ को एक सूचना प्रसारित कर सभी कार्यकर्ताओं को तीन माह में विकल्प पत्र प्रेेषित करने को कहा। तो कई कर्मचारियों ने अपने लिए पीएफ और अन्य ने पेंशन का विकल्प भरा। कुछ ने दोनों मे से कोई विकल्प नहीं भरा तो उनके लिए पेंशन का विकल्प मान लिया गया क्योंकि सूचना में ऐसा प्रसारित किया गया था। इसके बाद इस छूट की अवधि भी बढाई गई। इस दौरान कुछ कर्मचारी ऐसे भी थे, जिन्होंने पी.एफ का विकल्प बदल कर पेंशन का विकल्प भर दिया। इस पर आखिरी पत्र को मानते हुए विश्वविद्यालय ने भुगतान शुरू कर दिया।
दो मामले ऐसे भी सामने आए जो अवधि बीतने के पश्चात भी अपना विकल्प बदलना चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा किए जाने के विपरीत फैसला दिया। हालांकि ऐसी स्थिति सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में नहीं आई सुप्रीम कोर्र्ट ने यह भी कहा कि पेंशनरों की पेंशन लगातार जारी रहेंगी। बहरहाल प्रदेश के सभी सरकारी विश्व विद्यालयों में आदेश की पालना करते हुए पेंशन धारियों को निरंतर भुगतान किया जा रहा है, लेकिन एकमात्र सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय ही ऐसा है, जहां गैरकानूनी रूप से पेंशन का भुगतान रोक दिया गया हैं। इस बाबत मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय पेंशनर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉक्टर बी.पी.भटनागर ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को पत्र भेजकर पेंशनरों को अविलंब पेंशन भुगतान के आदेश देने की मांग की है। उनका यह भी कहना है कि विकल्प बदलने वाले ६० व्यक्तियों को छोड़कर बाकी का भूगतान कैेसे रोका जा सकता है।
:सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रकाश में राज्य सरकार पेंशन रोकने के आदेश विधिवत जारी करने जा रही है। आदेश पाइपलाइन में हैं।
-प्रो. आई.वी त्रिवेदी
कुलपति, सुविवि, उदयपुर
निगम अपनी नाकामी का ठीकरा ठेले वालों पर ना फोड़े : राजेश सिंघवी
उदयपुर। नगर निगम शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने में असफ ल रही है, इसलिए वह अपनी नाकामी का ठीकरा ठेले वालों पर फोड़ अपने दायित्वों के निर्वहन से बचने का प्रयास कर रही है। यह विचार माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने व्यक्त करते हुए बताया कि लोकसभा में फेरी वाले (आजीविका संरक्षण एवं सड़क फेरीवाला नियमन) विधेयक, 2013 पारित किया गया और इसी परिप्रेक्ष्य में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 13 सितंबर 2013 को एक निर्णय पारित कर देश की सभी नगर पालिकाओं को यह निर्देश दिया कि वह आदेश के एक माह में स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी बना आदेश के चार माह में स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी की सिफारिशों अनुसार फुटपाथ एवं सड़क पर फेरी या ठेला लगा अपना व्यवसाय करने वालों को नियमित कर उन्हें लाइसेंस प्रदान करें। उन्होंने कहा कि इस निर्णय में यह भी दिशा-निर्देश पारित किए गए कि स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी की सिफारिश अनुसार अगर किसी ठेला व्यवसायी को उसके व्यवसाय स्थल से हटाना आवश्यक हो, तो पहले उसे दूसरे समुचित स्थान पर रोजगार करने के लिए स्थापित करे और यह भी निर्देश जारी किए गए कि किसी भी फेरी या ठैला लगाकर व्यवसाय करने वाले को बिना पुनर्वास किए बेदखल नहीं किया जाए और न ही कोई माल जब्ती की जाए। सिंघवी ने कहा कि उन्होंने नगर निगम उदयपुर को इस कानून की जानकारी पूर्व में देकर इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने का आग्रह किया, लेकिन नगर निगम द्वारा कानून की पालना ना कर न्यायालय के आदेश की अवमानना कर शहर के अतिक्रमण व सुंदरता के नाम पर ठेले वालों को आए दिन खदेडऩे के साथ उनका सामान गैर कानूनी रूप से बिना फर्द जब्ती बनाए, जब्त किया जा रहा हैं जो कानून की नजर में लूट एवं डकैती का अपराध भी है।
खतरे में नन्हें-मुन्नों की जान
उदयपुर। विद्यार्थियों को घर से स्कूल और स्कूल से घर तक लाने-ले-जाने वाली वैनों का संचालन सुरक्षा मापदंड़ों के अनुरूप नहीं हो रहा है। इससे विद्यार्थी की जान को भी खतरा है, वहीं वैनों में घरेलू गैस का उपयोग किया जा रहा है, जो कभी भी दुर्घटना को अंजाम दे सकता है। दूसरों तरफ इन वैनों में क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाया जाता है और किराया भी मनमाना वसूला जाता है। वैन में सुरक्षा उपकरणों का भी अभाव होता है। यह सबकुछ जानते हुए पुलिस, परिवहन एवं शिक्षा विभाग इस तरफ से आंखें मूंदे हंै। कारवाई कि अगर बात करें तो आरटीओ ने इनकी निगरानी के लिए डीटीओ नियुक्त कर रखे हंै, लेकिन फिर भी साल में इक्का-दुक्का कारवाई नाम मात्र की होती है।
अधिकतर वैन घरेलु गैस से संचालित
शहर में बाल वाहिनी के तौर पर चलने वाली अधिकतर वैन घरेलू गैस से संचालित होती है, जिनकी कभी जांच नहीं होती। वैन में गैस रिसाव के चलते दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। शहर में चलने वाली कई वैन तो आरटीओ से एप्रूड गैस किट भी नहीं लगा रखा है। काली बड़ी टंकी के नाम पर धोखा देते हुए बिना एप्रूव्ड किट के लोकल किट से संचालित कर रहे हैं।
मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है
सबसे बड़ी बात अधिकतर वैन चलती गैस से हैं, लेकिन इनके किराया पेट्रोल के दाम बढऩे के साथ बढ़ते जाते हंै। कई बड़ी स्कूलों के वैन संचालक, तो स्कूल के की फीस के बराबर किराया वसूलते है। इनका किराया 1000 रुपए से शुरू होता है और प्रति किलोमीटर की दूरी के साथ बढ़ता जाता है। इस पर न परिवहन विभाग की लगाम ह और ना ही स्कूल संचालकों की।
बाल वाहिनी के नियम
> बाल वाहिनी का परमिट जरूरी है।
> गाड़ी का रंग पीला होना चाहिए।
> गाडी पर बाल वाहिनी लिखा होना चाहिए।
> क्षमता से अधिक विद्यार्थी नहीं होने चाहिए।
> वाहनों में सीज फायर का इंतजाम होना चाहिए।
> प्रत्येक स्कूल में यातायात संयोजक नियुक्त होना चाहिए।
> स्कूल की तरफ से चालक को परिचय पत्र होना चाहिए।
शहर में चलने वाली एक भी वैन इन नियमों को पूरा नहीं करती है और ना ही इन पर कभी कोई कारवाई होती है।
:इनकी जांच के लिए हमने डीटीओ लगा रखेे हैं, जो निरंतर कारवाई करते हैं। अगर शहर में बिना नियमों के बाल वाहिनियां चल रही है, तो डीटीओ को निर्देशित कर प्रभावी कार्रंवाई की जाएगी।
-मन्नालाल रावत, एटीआरओ, उदयपुर
कांग्रेस नोटंकी से रोक नहीं सकती मोदी की राह: किरण माहेश्वरी
उदयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि विगत ६५ वर्षों से कांग्रेस पार्टी पर एक परिवार का ही आधिपत्य रहा है। सारा देश जानता है कि कांग्रेस में सत्ता नियंत्रण के सूत्र गांधी परिवार के हाथ में है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह स्वयं यह स्वीकार कर चुके हैं। यह पार्टी पुरानी सामंतशाही एवं जमींदारी व्यवस्था का आधुनिक संस्करण मात्र है। किरण ने कहा कि राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी केवल नोटंकी ही है। अभी तक पर्दे के पीछे से सत्ता चलाने वाले विवश होकर सामने आ रहे हैं। विगत १० वर्षों में देश की दुर्दशा करने में गांधी परिवार की भूमिका को जनता समझती है। इस प्रकार के घटिया प्रचार से वे मोदी की राह नहीं रोक सकते हैं। किरण ने कहा कि कांग्रेस देश को लुटने की महादोषी है। जनरोष से हताश होकर कांग्रेस आम आदमी पार्टी को मोहरा बना कर वोट बांटने का कुत्सित प्रयास कर रही है। आज देश का युवा सुशासन, सक्षमता और आत्म गौरव चाहता है। भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो देश को संपन्न और समृद्ध बना सकती है।
अंतरराष्ट्रीय नृत्य एवं संगीत कार्यक्रम में अमेरिकन और उदयपुर के डांसरों ने मचाई धूम
उदयपुर। शक्ति केरावन प्रोजेक्ट के तहत रोटरी क्लब उदयपुर, द वेनावर केरावन तथा उदयुर शक्ति वर्कर्स के संयुक्त तत्वावधान में कल रोटरी बजाज भवन में अंतरराष्ट्रीय नृत्य एवं संगीत का धड़कन रोक देने वाला कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अमेरीका के वेनावर केरावन तथा उदयपुर शक्ति ग्रुप के सदस्यों ने नृत्य व संगीत की प्रस्तुति देकर माहौल में समां बंाध दिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के डांसर्स एवं म्यूजिशियन ने एकत्रित होकर यहंा पर प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम की शुरुआत 1925 में रूथ सेंट डेनिस द्वारा कोरियोग्राफ किए गए बकावली नॉच डांस को लिविया वेनावर की शानदार प्रस्तुति से हुई। इसके बाद दी वेनावर केरावन के संगीत पर भारतीय शक्ति ग्लोबल डांसर्स ने ब्राजील के मकूलेले नृत्य की संगीतमय प्रस्तुति देकर तालियां बाटौरी, इसी ग्रप ने बिल वेनावर, जोयल हन्ना, मिरांडा टेन ब्रोके तथा लिविया वेनावर के संगीत पर बल्गारिया के कोपानिस्टा तथा यमन व इजरायल के डांस इविनिंग ऑफ रोज गीत पर नृत्य की प्रस्तुति, बिल वेनावर के संगीत पर इजरायल के निगन अतिक तथा अमेरीका के बिक एप्पल स्वींग डांस पर मधु सरीन शक्ति ग्लोबल डांसर्स ग्रुप ने, पूर्वी शक्ति ग्लोबल डांसर्स ने अमेरीका के साल्टी डोग राग तथा ब्राजील के सांबा डांस पर, वेनावर, केरावन ग्रुप ने फिलिपिन्स सालिप भरत वर्मा के हार्टबिट्र्स ने बॉलीवुड के हिप होप डांस, भरत वर्मा एवं सदस्यों ने दक्षिणी अफ्रिका का डांस, जोयल हेना ने आयरलैंड के आइरिस ड्रम एण्ड डांस, दी वेनावर केरावन ग्रुप ने हंगामान्स रीयल डांस, शक्ति ग्लोबल डांसर्स ने ब्रेक दी चेन डांस पर ‘आइराइज माई आम्र्स टू द स्काई…Ó आदि प्रस्तुतियां दी गई।
वेनवर केरावन ग्रुप के संस्थापक निदेशक बिल व लिविया वेनावर जोयल हेना ने ड्रम, बेंजो, ढोलक सहित अनेक म्यूजिक सिस्टम पर फॉक संगीत के जरिये विभिन्न देशों कला एवं संस्कृति से परिचय कराया। शक्ति ग्लोबल डांसर्स की रीटा दीक्षित कुबिएक ने बताया कि शक्ति केरावन एक प्रोजेक्ट है, जिसके जरीये यह संस्था भारत से विलुप्त होती जा रही संगीत की कला एवं संस्कति को बचाने के लिए विद्यलय एवं कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों को संगीत एंव नृत्य की शिक्षा दे रही है।
मंहगा पड़ेगा क्रआपञ्ज को घेरना
उदयपुर। उत्तेजना, घृणा, अफवाह फैलाने, चीजों को तोडमरोडकर माहौल बनाने और आक्रामकता में भाजपा का कोई मुकाबला नहीं है। भाजपा ये सब जुमले कांग्रेस के खिलाफ आजमाती है तब तक तो ठीक है, क्योंकि कांग्रेस बहुत पुरानी पार्टी है और लम्बे समय तक सत्ता में रहने के साथ ही उसमें कई प्रकार की बुराइयों, भ्रष्टाचार आदि ने जन्म ले लिया है और उसका नैतिक अध:पतन हुआ है। हालांकि बडबोलापन और आक्रामकता में वह अब भी भाजपा से पीछे है। फिर भी कांग्रेस के खिलाफ आवाज बुलन्द करने से जनता में कोई विभ्रम की स्थिति नहीं बनती है और भाजपा को अच्छा समर्थन भी मिल जाता है। लेकिन, नई नवेली आम आदमी पार्टी के खिलाफ वह जिस प्रकार से आक्रामक बनी हुई है और उसे घेरने की कोशिश कर रही है, उससे जनता में विपरीत संदेश जा रहा है। हर छोटी-छोटी बात को पकडकर जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश करना, पार्टी बनने से पहले के गडे मुर्दे उखाडकर लाना और भ्रम फैलाने की कोशिश करना, आप की सरकार कुछ जनहित के काम करने की कोशिश करती है तो उसमें छिद्रान्वेषण कर उसकी मजाक उडाने की कोशिश करना, आप के वादों को एक ही झटके में, सरकार बनते ही एक ही दिन में पूरा नहीं कर पाने के लिए कोसना, सौतन की तरह उसकी हर अच्छी बात में भी बुराई खोजने और उसका बुरे रूप में ढिंढोरा पीटने की कोशिश करना; ये सब भाजपा के स्वयं के लिए नुकसानदेह है।
भाजपा को सोचना चाहिए कि सरकार बनने के बाद व्यवस्था संभालने और 66 वर्षों में जड़ बनी भ्रष्ट व्यवस्था को सुधारने, जीवंत बनाने में कुछ तो वक्त लगेगा ही; फिर भी आप की सरकार ने सत्ता संभालते ही लोगों के लिए नि:शुल्क पानी, आधी दर पर बिजली उपलब्ध करवाने के लिए पहल की है, बेरोजगारों के लिए ऑटो के लाइसेंस देने का मार्ग प्रशस्त किया है, लोगों को जल्दी न्याय सुलभ करवाने के लिए 45 नई अदालतों का मार्ग प्रशस्त किया है, रेन बसेरों में गरीब आदमी न ठिठुरे इसके लिए कुछ तो व्यवस्था की है, नर्सरी स्कूलों में बच्चों के बिना डोनेशन प्रवेश के मामले में कुछ तो हस्तक्षेप हुआ है। संविदाकर्मियों को स्थाई करने के मामले में समयबद्ध कार्यक्रम बना है। इस तरह के और भी कई निर्णय हुए और हो रहे हैं। मात्र 15 दिन में इतना कुछ करना यह उपलब्धि नहीं है? क्या जिन राज्यों में भाजपा प्रचण्ड बहुमत में आई है, वहां सत्ता संभाले हुए एक माह हो गया, कुछ राज्यों में पहले से ही भाजपा का शासन है, किसी एक पखवाडे में या एक माह में भी इतना काम हुआ है? दिल्ली में भी सबसे बडे दल के नाते सरकार बनाने का पहला अवसर तो उसी को मिला, उसने नहीं बनाई और क्रक्रआप को बिना मांगे कांग्रेस ने आगे बढकर समर्थन दिया और उसके घोषणा पत्र की 18 शर्तों का बिना शर्त समर्थन किया, तो क्रक्रआपग ने सरकार बनाई और वह अपनी घोषणा व क्षमता के अनुरूप काम कर रही है।
इससे भाजपा के पेट में उकाले नहीं उठने चाहिए और साल-दो साल के अवसर के बाद या कोई बडी गलती होने पर ही उसे क्रआपञ्ज पर आक्रमण करना चाहिए। ध्यान रहे जनता अब सब समझने लगी है और उसे आंकलन करना आता है। कुछ लोगों को उकसाने अथवा इस प्रकार की उत्तेजना, घृणा, अफवाह फैलाने, चीजों को तोडमरोडकर माहौल बनाने और आक्रामकता की नीतियों से भाजपा को ही नुकसान होने वाला है। कहा जाएगा कि खिसियानी बिल्ली खंम्भा नोंचे। भाजपा नेताओं में अहंकार भी बहुत है, उसे भी छोडकर विनम्रता और विवेक से काम लेना चाहिए, अन्यथा देशभर में नरेन्द्रभाई मोदी और भाजपा के पक्ष में जो माहौल बना, उसे भाजपा स्वयं पलीता लगा रही है, यही कहा जाएगा। आप-आप करने की बजाय भाजपा को सिर्फ कांग्रेस को ही टार्गेट करना चाहिए, क्योंकि उसी से उसे फायदा मिला है और भविष्य में भी उसी से कुछ और फायदा मिल सकेगा कुमार विश्वास के खिलाफ बरेली में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 295 ए के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मुकदमा दर्ज करवाया गया है। किन्तु यह टांय-टांय फिस्स होने वाला है, क्योंकि इस धारा में मुकदमा दायर करने, संज्ञान लेने से पूर्व दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 196 के तहत राज्य अथवा केन्द्र सरकार की मंजूरी आवश्यक है। बिना इस स्वीकृति अथवा केन्द्र या राज्य सरकार के आदेश के इस धारा में मुकदमा संभव नहीं है। और केन्द्र या राज्य सरकार तब तक यह आदेश या स्वीकृति नहीं दे सकते, जब तक कि इस मामले की सक्षम अधिकारी से जांच न करवा ली जाए। बहुत सारे वकील साहबानों को भी यह बात अथवा प्रक्रिया ध्यान में नहीं है।
कोटड़ी और मोहेड़ा के बाद प्रतापगढ़ में भी कफ्र्यू
उदयपुर। प्रतापगढ़ जिले के कोटड़ी और मोहेड़ा गांव में बीती रात दो समुदायों के बीच हुई गोलीबारी और आगजनी की घटना में तीन लोग मारे गए हैं, जबकि ११ जने घायल हो गए हैं। मृतकों के शव उदयपुर के एमबी अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाए गए हैं, वहीं घायलों को भर्ती भी किया गया है। इस घटना के विरोध में आज प्रतापगढ़ बंद है। प्रशासन की तरफ से दोनों गांवों सहित प्रतापगढ़ में कफ्र्यू लगाया गया है। आईजी जीएन पुरोहित ने बताया कि रात की घटना के बाद जिले में माहौल शांत है। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इधर, एमबी अस्पताल में आज सुबह मुर्दाघर के बाहर क्षत्रिय महासभा के बीएस कानावत और बीएन छात्रसंघ अध्यक्ष राजदीपसिंह के नेतृत्व में काफी संख्या में क्षत्रिय समाज और आरएसएस कार्यकर्ता पहुंचे, जहां एडीएम सिटी यासीन पठान को आईजी के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रत्येक मृतक के परिवारों को २५-25 लाख रुपए मुआवजा और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की गई। ये लोग मुआवजे की घोषणा नहीं होने तक शव नहीं उठाने को लेकर अड़े हुए हैं। अस्पताल परिसर में इन लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया है। मुर्दाघर के बाहर एएसपी ग्रामीण सुधीर जोशी, एएसपी सिटी लक्ष्मण रॉय राठौड़, डिप्टी अनंत कुमार, गोवर्धनलाल, हिरणमगरी थानाधिकारी गजेंद्रसिंह, हाथीपोल थानाधिकारी नरपतसिंह सहित भारी जाब्ता तैनात है, जो समझाइश कर रहा है।
प्रतापगढ़ बना छावनी : बताया जा रहा है कि १५ दिन पूर्व कोटड़ी के सरकारी स्कूल में कुछ शरारती तत्वों ने दीवार पर आपत्तिजनक टिप्पणियां लिख दी थी, जिससे दो समुदायों के बीच कहासुनी हो गई थी। उसके बाद बीती रात मकर संक्रांति के कार्यक्रम में आरएसएस कार्यकर्ता जा रहे थे, जिनसे समुदाय विशेष के लोगों की कहासुनी हो गई तो दोनों पक्षों ने हथियार निकाल लिए और गोलीबारी तथा आगजनी हो गई। सूचना पर संभागभर से भारी जाब्ता प्रतापगढ़ भेजा गया है। …
आईजी जीएन पुरोहित भी प्रतापगढ़ में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। प्रतापगढ़ सहित आसपास के संवेदनशील इलाकों में भी जाब्ता तैनात किया गया है।
दो की मौत उदयपुर में हुई : इस वारदात में मोहेड़ी निवासी फिरोज पुत्र वाहिद की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। उसकी पीठ में चाकू का घाव और पसलियों में एक गोली लगी है। इसी प्रकार कोटड़ी निवासी दिनेश पुत्र खेमा गायरी के शरीर में सौ से ज्यादा छर्रे लगे और मोहेड़ी निवासी भंवरसिंह पुत्र शंभूसिंह को तीन गोलियां लगी है। इन दोनों की यहां एमबी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। तीनों के शव यहां मुर्दाघर में रखवाए गए हैं।
ये हुए घायल : इस वारदात में कोटड़ी निवासी जितेंद्र (३२), देवेंद्र उर्फ राहुल (२६), रघुराज (२६), गमेरसिंह (३५), भंवरसिंह और मोहेड़ी निवासी कंवरलाल (३०) सहित 11 जने घायल हो गए, जिन्हें यहां एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
:मृतकों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। उदयपुर में भी सभी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस बल को सतर्क कर दिया गया है। महौल शांत है।
-सुधीर जोशी, एएसपी ग्रामीण
अमिताभ बनें देश के राष्ट्रपति: भाजपा नेता
शत्रुघ्न सिन्हा ने की अमिताभ बच्चन को राष्ट्रपति बनाने की वकालत, माधुरी दीक्षित के साथ दोबारा काम करने को लेकर जूही चावला डांवाडोल और सलीम ख़ान किस बात में अपने बेटे सलमान ख़ान को अपने जैसा मानते हैं.
अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की अमिताभ बच्चन से प्रतिद्वंद्विता किसी से छिपी नहीं है. वो समय-समय पर अमिताभ बच्चन की आलोचना करते रहे हैं. लेकिन बीती रात मुंबई में हुए क्लिक करें स्क्रीन पुरस्कार समारोह में उन्होंने अमिताभ बच्चन को राष्ट्रपति बनाने की वकालत तक कर डाली.
अमिताभ को इस समारोह में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें स्टेज पर ये पुरस्कार शत्रुघ्न सिन्हा ने दिया.
अमिताभ की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा, “अमिताभ बच्चन फ़िल्म इंडस्ट्री और देश का गौरव हैं. उन्हें देश का राष्ट्रपति बनना चाहिए.”
कई फ़िल्मों में साथ काम कर चुके अमिताभ और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच लंबे समय से आत्मीय संबंध नहीं रहे. शत्रुघ्न सिन्हा ने तब खुलकर नाराज़गी भी ज़ाहिर की थी, जब अमिताभ ने उन्हें अपने बेटे अभिषेक की शादी में नहीं बुलाया था.
‘माधुरी संग दोबारा आने की उम्मीद नहीं’
जूही चावला फ़िल्म ‘गुलाब गैंग’ में पहली बार क्लिक करें माधुरी दीक्षित के साथ नज़र आएंगी. 90 के दशक की इन दोनों मशहूर अभिनेत्रियों ने अपने करियर के शीर्ष पर कभी एक दूसरे के साथ काम नहीं किया.
और जूही चावला को नहीं लगता कि वो दोबारा माधुरी के साथ काम कर पाएंगी. उन्होंने एक समारोह के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि ‘गुलाब गैंग’ के ज़रिए मुझे पहली और आख़िरी बार माधुरी के साथ काम करने का मौक़ा मिला है. मुझे नहीं लगता कि भविष्य में ऐसा मौक़ा फिर मिलेगा.”
‘गुलाब गैंग’ की कहानी बहुत सशक्त है और जूही को लगता है कि इस तरह की कहानियां बहुत कम होती हैं, इसलिए वह और माधुरी को साथ देखने को लेकर उतनी आशावादी नहीं हैं.
जूही ने आगे कहा, “यह कभी-कभी होता है जब हमें अच्छी कहानी मिलती है और हम समर्पण से काम कर सकते हैं. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि हम दोबारा साथ काम करेंगे.”
सलमान बिलकुल मेरे जैसे: सलीम ख़ान
मशहूर लेखक सलीम ख़ान का मानना है कि उनके बेटे क्लिक करें सलमान ख़ान कई मायनो में उनके जैसे ही है. एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में सलीम ख़ान ने कहा, “सलमान की ज़िंदगी में जितनी भी महिला मित्र आईं बाद में उनसे भले ही सलमान का संबंध टूट गया हो वो उनके संपर्क में रहते हैं. एक या दो उदाहरण को छोड़ दिया जाए तो सलमान की दोस्ती अब भी उनकी पुरानी गर्लफ़्रेंड्स से है. उसी तरह से मैं भी अपनी पुरानी महिला मित्रों के संपर्क में रहता था.”
सलीम ख़ान कहते हैं कि यही वजह है कि संबंध टूट जाने के बावजूद उनकी अपनी पुरानी गर्लफ़्रेंड्स से रिश्तों में कड़वाहट नहीं आती.