29 वें राष्ट्रीय कृषि विपणन सम्मेलन का समापन

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उदयपुर , एम पी यू ए टी में कृषि अर्थशास्त्र विभाग एवं भारतीय कृषि विपणन समिति (आई एस ए एम, हैदराबाद) के साझा प्रयास से आयोजित तीन दिवसीय कृषि विपणन सम्मेलन का समापन शुक्रवार को अनुसंधान निदेशालय में संपन्न हुआ। सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता आई एस ए एम के अध्यक्ष प्रो. आर राधाकृष्णन ने की। इस अवसर पर, अर्थशास्त्र विभागाघ्यक्ष तथा सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. एस एस बुरड़क, सोसाइटी के सचिव डॉ टी सत्यनारायणन, जाने माने अर्थशास्त्री – कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ एस एस आचार्य, जे एन यू की एमिरिटस प्रो.शीला भल्ला सहित अनेक कृषि अर्थशास्त्र विशेषज्ञ उपस्थित थे।

प्रो. आर राधाकृष्णन ने सम्मेलन के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृषि विपणन के क्षेत्र में उत्पादक तथा उपभोक्ता दोनों के हितों में संतुलन बनाते हुुए मूल्य सुधरों को लागु किये जाने की आवश्यकता है ।
समापन सत्र के तीनों थीम एरिया पर आयोजित तकनीकि सत्रों के अध्यक्षों ने अपनी तकनीकि रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी।जिस पर सभी विशेषज्ञांें ने गहन मंथन किया। इस प्रकार तीन दिवसीय कृषि विपणन के राष्ट्रीय सम्मेलन में निम्न अनुशंषाऐं दी गयी ।

1. सम्मेलन के प्रथम थीम क्षेत्र का विषय दलहन, तिलहन, उद्यानिकी व रेशे वाली फसलों के विपणन में राज्यों की भूमिका पर केंद्रित रहा। इस दौरान शोध पत्रों के माध्यम से निम्न अनुशंषाऐं उभर कर आईः-

1.कृषि उत्पादों के विपणन में बाजार नियंत्रण को ब्लाक स्तर तक बढाने की अवश्यकता।
2. कृषि के क्षेत्र में सहकारी संस्थाओं की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाऐं जिससे उत्पादों की विपणन लागत को धटाया जा सकें।
3. कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन हेतु अधिकाधिक उद्योगों की स्थापना के प्रयास किए जाएंे।
4. कृषि उत्पादों के विपणन हेतु मोबाइल बाजार की सम्भावनाऐं तलाशी जाएंे जिससे कृषक के खेत से सीधे उपभोक्ता के द्वार तक ताजे व उच्च गुणवत्ता के उत्पाद पहुँचाएंे जा सकें।
5. दलहनों के लिये बफर स्टाक बनाया जाय तथा समर्थन मूल्यों का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
6. तिलहनों के 1980 के दशक के विपणन पैकेज को पुनः स्थापित किया जाए।

2 सम्मेलन की द्वितीय थीम मत्स्य एवं मत्स्य उत्पादों के विपणन में 12 शोध पत्रों का वाचन किया गया। इन शोधपत्रों के माध्यम से मुख्यतः निम्न अनुशंषाऐं सामने आईः-

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1 मछली पालन की विभिन्न विधाओं को बढावा दिया जाना चाहिए गरीबी उन्मूलन एवं रोजगार उबलब्ध करवाने में इसकी महती भूमिका सिद्ध होगी।
2 मत्स्य विकास प्राधीकरण एवं राष्ट्रीय मत्स्यकी विकास बोर्ड की मत्स्य विकास एवं नीतियों के पालन में महती भूमिका।
3 मत्स्यकी के क्षेत्र में आसान वित्त, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, नियंत्रित विपणन व बाजार की आवश्यकता।
4 बहुरंगी मछली पालन एवं व्यवसाय में स्वरोजगार प्रदान करने की अच्छी क्षमता को देखते हुए इसे बढावा देने की आवश्यकता ।
5 मछली निर्यात को बढावा देने के लिए नवीन पर्यावरण प्रबंध एवं गुणवत्ता की जाँच करने हेतु अधिक टेस्टिंग प्रयोगशालाओं की स्थापना की आवश्यकता।

3. तृतीय थीम राजस्थान में कृषि विपणन के नवोन्मेषी सुधारों की स्थिति एवं समीक्षा पर केंद्रित रही । इस सेशन में 21 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। इस की मुख्य अनुशंषाऐं इस प्रकार रहीेें-

1 कृषि नवोन्मेषी परियोजना के अंतर्गत बुवाई के पूर्व एवं कटाई पूर्व फसल उत्पादन के मूल्यों का पूर्वानुमान 90 से अधिक सटीक साबित हुआ जिससे कृषकों को फसल की बुवाई एवं विपणन के निर्णय लेने में बहुत मदद मिली, अतः इस प्रकार की परियोजनाओं की निरंतरता बनाऐ रखने एवं देश के सभी जिलों में कम से कम एक ऐसा केंन्द्र स्थपित करने की आवश्यकता है।
2 स्थानीय फसलों की बहुलता व व्यापकता को देखते हुए क्षेत्र विशेष के विशिष्ट खाद्य संरक्षण , भंडारण, प्रसंस्करण व विपणन की व्यवस्थाओं को नीति निर्धारण में प्राथमिकता देने की आवश्यकता।
3 बाजार व विपणन की व्यापकता को देखते हुए ई-मार्केटिंग एवं ई-अँाक्श्न को बढाने की आवश्यकता।
4 कृषि उत्पाद विपणन समिति के अंतर्गत संचालित कृषक कल्याणकारी योजनोओं के पुनरावलोकन की आवश्यकता ।
5 राजस्थान की वर्षा आधारित फसलों के समर्थन मूल्यों की पुनः समीक्षा।

उपरोक्त अनुशंषाओं को भारत एवं राज्य सरकारों के साथ ही कृषि विपणन एवं नीति निर्माण से जुडी सभी प्रमुख संस्थाओं कृषि विश्वविद्यालयों इत्यादि को भेजा जाएगा। सम्मेलन के प्रस्तुत शोधपत्रों का प्रकाशन कृषि विपणन सोसाइटी द्वारा किया जाएगा।

कार्यक्रम का समापन अतिथियों को प्रतीक चिह्न देकर किया गया। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. एस एस बुरड़क ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ लतिका शर्मा ने किया।

डॉक्टरों की लापरवाही से महिला को सड़क पर हुआ प्रसव

IMG_0472

IMG_0471उदयपुर। अदालत ने गुरूवार को न्यायालय आदेश की अवमानना प्रकरण में निर्णय देते हुए तत्कालिन नगर विकास प्रन्यास अध्यक्ष सहित तीन जनों को दो माह के कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार परिवादी दया लाल चौधरी ने अदालत में परिवाद दिया था कि उसके पिता धनराज चौधरी का सवीना में तीस गुणा बीस वर्ग फिट का एक भूखण्ड है जिसको अवैध निर्माण बताते हुए यूआईटी निर्माण नहीं करने दे रही थी जिस पर २६ जुलाई २००३ को परिवादी अदालत से स्थगन आदेश लेकर आया। अदालत के निर्णय के विरूद्घ यूआईटी ने जिला सत्र न्यायालय में अपील दायर की जहां से न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को यथावत रखते हुए यूआईटी की अपील खारिज कर दी। परिवादी ने न्यायालय को बताया कि यूआईटी ने अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए १४ जून २००६ को उक्त भूखण्ड पर निर्मित एक एसटीडी बूथ, बाउण्ड्रीवाल एवं एक कोटडी को जबरन ध्वस्त कर दिया था। परिवादी ने इस मामले में तत्कालिन यूआईटी अध्यक्ष शिव किशोर सनाढय, यूआईटी सचिव उज्जवल राठौ$ड तथा तत्कालिन कार्यवाही तहसीलदार मुकेश जानी, जिला कलेक्टर शिखर अग्रवाल, एडीएम सिटी राजीव जैन तथा तत्कालिन सहायक आयुत्त* देवस्थान मुकेश बारहठ को मुल्जिम बनाया।
अदालत ने आज अपने पै*सले में यूआईटी अध्यक्ष सनाढय, सचिव राठौड तथा कार्यवाही तहसीलदार जानी को मामले में दोषी करार देते हुए दो माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई। शेष तीन को दोषी नहीं मानते हुए बरी कर दिया।

पूर्व यूआईटी अध्यक्ष सहित तीन को २ माह का कारावास

imagesउदयपुर। अदालत ने गुरूवार को न्यायालय आदेश की अवमानना प्रकरण में निर्णय देते हुए तत्कालिन नगर विकास प्रन्यास अध्यक्ष सहित तीन जनों को दो माह के कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार परिवादी दया लाल चौधरी ने अदालत में परिवाद दिया था कि उसके पिता धनराज चौधरी का सवीना में तीस गुणा बीस वर्ग फिट का एक भूखण्ड है जिसको अवैध निर्माण बताते हुए यूआईटी निर्माण नहीं करने दे रही थी जिस पर २६ जुलाई २००३ को परिवादी अदालत से स्थगन आदेश लेकर आया। अदालत के निर्णय के विरूद्घ यूआईटी ने जिला सत्र न्यायालय में अपील दायर की जहां से न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को यथावत रखते हुए यूआईटी की अपील खारिज कर दी। परिवादी ने न्यायालय को बताया कि यूआईटी ने अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए १४ जून २००६ को उक्त भूखण्ड पर निर्मित एक एसटीडी बूथ, बाउण्ड्रीवाल एवं एक कोटडी को जबरन ध्वस्त कर दिया था। परिवादी ने इस मामले में तत्कालिन यूआईटी अध्यक्ष शिव किशोर सनाढय, यूआईटी सचिव उज्जवल राठौ$ड तथा तत्कालिन कार्यवाही तहसीलदार मुकेश जानी, जिला कलेक्टर शिखर अग्रवाल, एडीएम सिटी राजीव जैन तथा तत्कालिन सहायक आयुत्त* देवस्थान मुकेश बारहठ को मुल्जिम बनाया।
अदालत ने आज अपने पै*सले में यूआईटी अध्यक्ष सनाढय, सचिव राठौड तथा कार्यवाही तहसीलदार जानी को मामले में दोषी करार देते हुए दो माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई। शेष तीन को दोषी नहीं मानते हुए बरी कर दिया।

उदयपुर में आदित्य बिरला ग्रुप के प्लेनेट फैशन शोरूम का भव्य शुभारभ

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उदयपुर | झीलों की नगरी उदयपुर में आदित्य बिरला  ग्रुप की चेन प्लेनेट फैशन के  पहले शोरूम शुभारम्भ  रविवार  अशोक नगर में रोड पर हुआ ।
शुभारभ के पहले दिन शहर के गणमान्य उद्योगपति और नागरिकों के आलावा शोरूम पर ग्राहकों की खासी भीड़ रही । शोरूम का उद्घाटन मुख्य अतिथि विहान नोवाल द्वारा किया गया  । शोरूम के प्रोप्राइटर शुभम शर्मा व ज्योतिर्विद और वास्तुशास्त्री कल्पना शर्मा ने बताया कि शोरूम पर कम्पनी के सभी प्रमुख आठ ब्रांड उपलब्ध रहेंगे । ब्रांड में विशेष रूप से लिनन , एलेन सोली , लुइ फ्लिप , वेन हुसेन ,लिवाइस आदि ब्रांड के उत्कृष्ट उत्पाद की सम्पूर्ण  रेंज उपलब्ध हे  । फेस्टीवल सीजन में शोरूम पर ग्राहकों के लिए कई सारे ऑफर उपलब्ध हे इनमे 6500 की खरीद पर ग्राहक को मात्र 5000  रुपयों का  ही भुगतान करना पड़ेगा।  वही 10,000 की खरीद पर ग्राहक को मात्र 7500  रुपयों का  ही भुगतान करना पड़ेगा , साथ में खरीदी करने वाले गाहक को आकर्षक बेग  उपहार  में दिया जाएगा ।

‘सुकून’ की हेल्पलाईन सेवा 9828073690 जारी

sukoon logoउदयपुर | खारोल कोलोनी स्थित ‘सुकून’ ने हेल्पलाईन सेवा 9828073690 शुरु की है। जिस पर फोन करके कोई भी जरुरतमंद व्यक्ति या संस्था कुछ भी उपयोगी सामान निःषुल्क प्राप्त कर सकता है।
‘सुकून’ के फाऊंडर सम्पत बापना ने बताया की पिछले एक़ वर्ष से लगभग 20-25 स्वेच्छिक सेवाभावी साथीयों के साथ हम यह कार्य कर रहे हे, दीपावली पर लोग घर एवं आफीस से अनेकों काम में आने लायक नये-पुराने उपयोगी सामान कपड़े, जुते, किताबे, फर्निचर, इलेक्ट्रोनिक सामान, वॉकर, साइकिल, वाहन, बर्तन, आर्टिफिशल ज्वेलरी, टॉयस, पर्स, सिलाई मशीन, चश्में, बेल्ट, घड़ी, तस्वीरें, म्यूजिकल इन्स्ट्रूमेन्ट, पर्दे, गैस चूल्हा, खेल सामग्री, चार्जर, मोबाईल, कम्प्यूटर, प्रिंटर, पेनड्राईव, कम्बल, दरी, रजाई, बिस्तर, गिफ्ट आर्टिकल, धार्मिक किताबें, मेग्जीन, स्टेशनरी, सेनेट्री या हार्डवेयर सामान, कोठी या ड्रम, खेतीबाड़ी बागवानी का सामान, औजार, मषीन, टुल्स इत्यादि कई उपयोगी सामान ‘सुकून’ सेंटर आकर गिफ्ट कर रहे है। महंगी उपयोगी वस्तुएं देने वाले ये लोग कहते है कि आपके यहां से किसी जरुरतमंद को यह सामान निःषुल्क मिल जाता है तो इससे हमें भी सुकून मिलता है।
सम्पत बापना ने बुद्विजीवी लोगो से भी आग्रह किया है कि आपके घर एवं आफीस के आस पास या गांव मे कोई भी जरुरतमंद व्यक्ति या संस्था को किसी भी सामान की जरुरत दिखाई पड़े (दवाईयां एवं पैसे के अलावा क्योंकि हम दवाई एवं पैसे किसी से लेते ही नहीं है।) तो ऐसे व्यक्तियों की जानकारी नाइन एट टु एट जीरो सेवन थ्री सिक्स नाइन जीरो द्वारा कभी भी सुबह से शाम बिना किसी अवकाश के हम तक पहुंचाकर इस देशव्यापी मिशन का हिस्सा बनकर सुकून के भागीदार जरुर बनें।

नन्हें कलाकारों ने दिखाया हुनर

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उदयपुर। जिस कला को सिखने और पारंगत होने में कलाकारों को वर्षों मेहनत और अभ्यास की जरूरत होती है, उसी कला को चंद घंटों में कलात्मकता को साकार कर नन्हे बच्चों ने अपना हुनर दिखाया और आकर्षक कलाकृति एक दिन की कार्यषाला में पहली बार में ही तैयार कर दिखाई। मौका था सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल में इंटेक (इंडियन ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज) उदयपुर चैप्टर की ओर से विरासत जागरूकता कार्यषाला के आयोजन का।
भावी पीढ़ी युवाओं ने लगन और तल्लीनता से टेराकोटा से भगवान गणेष की मूर्ति को आकार दिया वहीं पिछवाई कला में अपनी नन्हीं कूचियों से श्रीनाथ जी का रूप साकर किया। वर्तमान पीढ़ी को प्राचीन विरासत से रूबरू कराने एवं पारंपरिक कलाओं के संरक्षण हेतु उन्हें जागरूक करने के उद्देष्य से आयोजित इस कार्यषाला में महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल, सीपीएस, आलोक संस्थान एवं सेट ऐन्थॉनी सी.सै.स्कूल के कुल 80 स्टूडेंट्स ने पद्मश्री मोहन लाल कुम्हार, राजा राम शर्मा एवं राजेष वैष्णव के सानिघ्य में नाथद्वारा के मुलेला गांव की प्रसिद्ध टेराकोटा कला , पिछवाई एवं जल सांझी कला को सीखा और उसकी बारीकियों को समझा। कार्यषाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डा. महेन्द्र्र भानावत, इंटेक छत्तीसगढ़,रायपुर के राज्य संयोजक ललित सुरजन चित्रकार डा.शैल चोयल ने ने अपने व्यक्तव्य में पांरपरिक कलाओं को संरक्षित करने पर जोर देते हुए युवाओं को इस क्षेत्र में अपना योगदान देने का आह्वान किया। इंटेक के स्थानीय संयोजक एस.के.वर्मा ने स्कूलों में हैरिटेज क्लब गठित करने पर सीपीएस की डायरेक्टर अल्का शर्मा को विद्यार्थियों के लिए विरासत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर आभार जताया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा बनाई गई टेराकोटा की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में सीपीएस की मंजू देवासा, अवनी पंड्या, उर्वषी, दीप पांचाल, महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल की वर्तिका राठी एवं आलोक सी.सै. स्कूल हिरन मगरी की रितिका भानू का चयन किया गया। वहीं पिछवाई पेंटिग में सीपीएस की ओसिन शर्मा, आयुष बंसल, सेंट एन्थोनी सी.सै. स्कूल के दिव्यराज सिंह राठौड़ एवं आलोक सी.सै. स्कूल के रोहित प्रजापत की कृतियों सर्वश्रेष्ठ रही। कार्यषाला में सीपीएस की डायरेक्टर अल्का शर्मा ने आभार व्यक्त कर स्कूली बच्चों एवं संस्थाओं को विरासत से जुड़े रहने और उनके संरक्षण पर कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने रॉक वुड हाई स्कूल में भी हेरिटेट क्लब गठन कर विरासत संरक्षण हेतु कार्य करने का निर्णय लिया।

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उदयपुर – हवाई अड्डे पर वन्यजीवों को पकड़ने पिंजरा लगाया गया

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उदयपुर,  महाराणा प्रताप हवाई अड्डे पर विमानों एवं यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र वन विभाग द्वारा वन्य जीवों को पकड़ने के लिए एयरपोर्ट परिसर में संवेदनशील स्थान पर पिंजरा लगा दिया गया है जिससे कि सियारों को पकड़ कर दूर वन क्षेत्र में छोड़ा जा सके।

सहायक वन संरक्षक लायक अली खान ने एयरपोर्ट के अधिकारियाें के साथ रनवे एवं उसके आस-पास के क्षेत्र का स्थिति का जायजा लिया और इसके बाद यह प्रबंध किया गया।

इस बारे में सोमवार को हुई एयरपोर्ट पर्यावरण समिति की बैठक में भी एयरपोर्ट परिसर की सीमा से सियारों को बाहर करने एवं अंदर प्रवेश रोकने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें एयरपोर्ट के अधिकारियों को विमान के उड़ान भरने से पहले विशेषकर रात्रि के समय रनवे को चैक करने की सलाह दी गई।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों महाराणा प्रताप हवाई अड्डे के रनवे पर जेट एयरवेज के विमान से उड़ान भरते समय एक सियार के टकरा जाने से विमान की इमरजेंसी लेण्डिंग करनी पड़ी थी और इससे एक बड़ा हादसा टल गया था। 

उल्लेखनीय है कि हवाई अड्डे की सीमा में बड़ी-बड़ी घास, ड्रेन, निर्माणाधीन रडार के लिये खोदे गये पिट एवं कुछ प्राकृतिक चट्टानों जैसी अनुकूल आवासीय परिस्थितियां पाये जाने के कारण संभवतया सियारों ने यहां अपना बसेरा बना लिया है जो रात्रिचर होने के कारण दिन में छुपे रहते हैं तथा सूर्यास्त होते ही बाहर निकलकर कई बार रनवे पर आ जाते हैं जिससे विमान दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

एयरपोर्ट के अधिकारियों से सूचना प्राप्त होने पर जिला प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा इस स्थिति को गम्भीरता से लिया गया। वन विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंच निरीक्षण किया गया। इसके बाद यह कार्यवाही की गई।

कर्बला के शहीदों को सलाम

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उदयपुर। हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और कर्बला में शहीद हुए तमाम शहीदों की याद में शनिवार को योमे आशूरा अकीदत और रंजो गम के साथ मनाया गया और शहर भर में ताजियों के जुलुस दो चरण में निकाले गए सुबह और शाम को निकलने वाली ताजियों की सवारी में अपार जन समूह उमड़ा।
शनिवार को ‘या हुसैन-या हुसैन’ की सदाओं के बीच ताजियों का जुलुस अपार जान समूह के साथ निकाला गया। मुहर्रम की दस तारीख को योमे आशुरा मनाया जाता है, ताजियों का जुलुस दो चरण में निकाला गया जिसमे सुबह १० बजे से शहर के सभी मुस्लिम मोहल्लों के के करीब २० ताजिये व् कई छोटी बड़ी मेह्न्दियों का जुलुस हाथीपोल हर्वेन जी के खुर्रे से रवाना हुआ सब से आगे महावत वाड़ी के ताजिये थे उसके बाद सिलावट वाड़ी, कल्ले सात , आदि कई मोहल्लों के सजे धजे ताजिये थे अबरक से बना ताजिया आकर्षण का केंद्र रहा, ताजियों की सवारी पुरे जोश खरोश , और या हुसैन या हुसैन की मातमी गुंजों के साथ आगे बड़ा साथ में युवा ढोल नगाड़ों पर मातमी ताल बजाते चल रहे थे ।
घंटा घर पर घेरा बना कर कई देर तक युवाओं ने या हुसैन या हुसैन कर मातम मनाया जुलुस घंटा घर से गणेशा घाटी होता हुआ पांडू वाड़ी पंहुचा जहा पर ताजियों और मेह्न्दियों को झीलों में ठंडा ना कर के पानी का छींटा दे कर वापस ले आये ।
शाम को शुरू हुआ बड़े ताजियों का दुसरा चरण जिसमे अकीदतमन्द भारी संख्या में मोजूद रहे । दुसरे चरण के ताजियों के लिए तीनों बड़े ताजियों के अलग अलग खंड जुलुस के रूप में १ बजे से तीज के चोक में लाना शुरू हो गए अलीपुरा, बड़ी पलटन, और ढोली बावड़ी के बड़े ताजिये तीज के चोक में जमा होकर वही सरे खंड जमाये गए और करीब ४ बाजे वहां से ताजियों का जुलुस निकला गया तिन बड़े ताजियों के साथ विभिन्न मोहल्लों के छोटे ताजिये भी थे ।

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सबसे आगे धोलीबावड़ी के ताजिये जिसको अलनावाज़ कमिटी के युवाओं ने अपने कंधों पर उठा रखा था सर पर सबके सफ़ेद रुमाल बंधा हुआ और सब युवा या हुसैन के नारों के साथ ताजियों को आगे ले कर बड़ा रहे थे साथ में माइक पर नात और मर्सियाह भी पड़ा जारहा था । धोली बावड़ी के बड़े ताजिये अपने आप में एक कारीगरी और आर्ट का नमूना थे ताजियों पर बड़ी बारीकी से पेपर और सुनहरी पन्नी और थर्मा कोल का खुबसूरत काम किया गया था।
दुसरे न. पर अलीपुरा के ताजिये थे उनको भी स्थानीय युवाओं ने बड़े करीने से काँधे पर उठा रखा था और सबसे आखिर में बड़ी पलटन के बड़े ताजिये थे, सभी ताजिये भडभुजा घटी बड़ा बाजार घंटा घर जगदीश चोक होते हुए रात ८ बजे तक लाल घाट स्थित कर्बला पहुचे जहाँ ताजियों को पानी का छींटा दिया गया ।
इस बिच बड़ा बाजार स्थित चिल्ले की मस्जिद पर ताजियों का मुकाम रुकवा कर सभी रोजदारों का रोजा खुलवाया गया और जगदीश चोक में विहंगम द्रश्य देखने को भरी जन सैलाब उमड़ा अन्धेरा होते ही सभी ताजिये आकर्षक रौशनी से जगमगा उठे ।
झीलों में ताजिये ठन्डे नहीं किये :
झीलों के बचाव के लिए न्यायालय आदेश के अनुसार इस बार समुदाय और समाज की कमेटियों ने तय किया था कि झीलों में ताजिये ठण्डे नहीं किए जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन पहले ही समाज के प्रतिनिधियों से बैठककर चुका है। सुबह और शाम को जुलुस के साथ लाये गए ताजिये भी झील में ठण्डे होने के बजाय पानी का छींटा लगाकर वापस ले आए।
मन्नतें उतारी :
दुसरे चरण की सवारी में बड़े ताजियों पर कई लोगों ने अपनी मन्नतें उतारी तो कई यों ने मन्नते ली , कोई ताजियों के आगे लोटा तो कोई अपने बच्चे को लेकर ताजियों के निचे से निकला , जगह जगह महिलाओं ने फूल के सेहरे और नारियल पेशा किये ।
हर जगह सबिले लगायी गयी थी जिसमे शरबत चाय , पानी , हलवा , आइस क्रीम , पुलाव हलिम आदि खिलाये गए , हलिम तो शाम होते होते हर मुस्लिम मोहल्ले की हर गली में बनता हुआ दिखाई दिया ।

द ललित में लज़ीज़ कबाब फेस्टिवल

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उदयपुर। द ललित लक्ष्मी विलास में २३ अक्टूबर से १ नवंबर तक “कबाब इस्की” फ़ूड फेस्टिवल आयोजित किया जारहा है। कबाब फ़ूड फेस्टिवल के दौरान लजीज और विभिन्न प्रकार के कबाब गेस्ट को सर्व किये जायेगें।
द ललित लक्ष्मी विलास पैलेस के मास्टर शेफ विजेन्द्र सिंह ने बताया पूर्व में कबाब फेस्टिवल आने वाले मेहमानों द्वारा काफी सराहा गया था। मास्टर शेफ विजेन्द्र ने बताया कि वेज और नॉन वेज कबाब मेहमानों को ड्रिंक्स के साथ परोसा जाएगा अगर कोई मेहमान ड्रिंक्स नहीं चाहेगा तो बिना ड्रिक्स के परोसे जाने की भी सुविधा है।
वेज और नॉन वेज कबाबों में चार-चार तरह के कबाब का ज़ायका इस फ़ूड फेस्टिवल में उठाया जा सकता है। वेज कबाब में अफगानी पनीर टिक्का कबाब, दही और अंजीर का कबाब, भट्टी के दम आलू कबाब, और सांगरी और चने कि टिक्की के कबाब परोसे जायेगे।
नॉन वेज कबाब में अफगानी मुर्ग, सुर्खिला काकोरी कबाब, सरसों वाली मच्छी तथा बन्नों कबाब परोसे जायेगे। वेज और नॉन वेज प्लेटर के साथ सूप स्वीट डिश और नान के साथ बलूची दाल भी परोसी जायेगी।
असिस्टेंड फ़ूड मेनेजर मानवेंद्र सिंह ने बताया कि वेज कबाब के साथ एल्कोहल १६०० रुपये बिना एल्कोहल ११०० रुपये तथा नॉन वेज के लिए एल्कोहल के साथ १८०० रुपये तथा बिना एल्कोहल १३०० रुपये प्रत्येक डिश पर चार्ज किया गया है। मानवेंद्र सिंह ने बताया कि शहरवासियों और पर्यटकों द्वारा कबाब का यह फ़ूड फेस्टिवल काफी पसंद किया जारहा है।

शाम-ए-गरीबॉं में कर्बला की शहादत का सजीव चित्रण

sham -a- gariba me taqreer pesh karte hue  irfan alvi  (2)उदयपुर, बोहरा यूथ द्वारा मोहर्रम की 10 वी तारीख पर गुरूवार की देर रात बोहरवाड़ी स्थित वजीहपुरा मस्जिद में शाम-ए-गरीबॉं का आयोजन हुआ जिसमें मस्जिद की सभी बत्तियां (लाईट) बन्द करके मोमबत्ती की रोशनी में कर्बला की शहादत व उसके बाद के मंजर को कुछ इस तरह सजीव बयॉं किया कि उपस्थित जन के जार-जार ऑंसू बह निकले।
यह जानकारी देते हुए बोहरा यूथ के प्रवक्ता अनिस मियांजी ने बताया की मोहर्रम की 10 वी तारीख पर शाम-ए-गरीबॉं के आयोजन में बोहरा यूथ के स्त्री-पूरूष व बच्चों ने भाग लिया । वजिपुरा में आयोजित इस शाम-ए-गरीबॉं में कर्बला में हर इन्सान की शहादत को इंजीनियर इरफान अल्वी नें ऐसे बयान किया कि जेसे सजीव चित्रण हो रहा हो। माहौल को गमजदा बनाने के लिए मस्जिद की सभी लाईटें बंद कर दी गई और मोमवत्ती की रोशनी में कर्बला की शहादत और उसके बाद के खौफनाक मंजर को तकरीर में पेश किया गया । मंजर का हाल जानकर वहॉं मौजूद हर शख्स की ऑंखों से ऑंसू बह निकले और वे हजरत इमाम हूसैन और शहिदों की याद में मातम मनाने लगे । शाम -ए-गरीबॉं का यह आयोजन देर रात तक चलता रहा।
दस दिनों तक मोहर्रम के विविध आयोजनों में खिदमत देने वालों का दाउदी बोहरा जमात की ओर से सचिव हिपतुल्ला अतारी ने आभार जताया ।