पुलिस के पास कोई जादू नहीं

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उदयपुर। राजस्थान के नागौर में जमीन विवाद के चलते दलित और जाट समुदाय में हुए खूनी संघर्ष के आरोपियों को गिरफ्तारी नहीं होने पर मीडियाकर्मियों द्वारा आज सुबह उदयपुर में किए गए सवाल के जवाब में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि  “पुलिस के पास कोई जादू नहीं है”, जो तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार कर लें। आरोपियों की तलाश चल रही है। आखिर आरोपी कितना भागेंगे, गिरफ्तार हो ही जाएंगे। कटारिया आज सुबह यहां उनके निवास पर मीडियाकर्मियों से मुखातिब थे। उल्लेखनीय है कि नागौर में तीन दलितों की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी गई। इस दौरान महिलाओं से भी अमानवीय व्यवहार किए जाने का आरोप है। संघर्ष में कुल चार लोगों की मौत हुई। पुलिस ने कुल 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें 27 नामजद हैं। अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
फिर हमला होने के खौफ में पीडि़त : आरोप है कि जाटों ने अस्पताल में भर्ती घायलों पर भी हमले का प्रयास किया। जिसके बाद अस्पताल में पुलिस तैनात कर दी गई है। दलित समुदाय के लोगों ने मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्हें डर है कि इस दौरान आरोपी फिर से हमला बोल सकते हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।
यह है मामला : नागौर के डांगावास गांव में गुरुवार को 23 बीघा जमीन विवाद में पंचायत बुलाई गई। इसका बुलावा लेकर पहुंचे एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद गुस्साए जाटों ने दूसरे पक्ष के तनी लोगों को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला। बाद में यह झगड़ा और बढ़ गया जिसकी शिकार महिलाएं भी हुईं। हमले में मारे गए एक आदमी की आंखों में लकड़ी तक डाल दी गई।
घायल बोले : जहां छिपते, वहीं ट्रैक्टर चढ़ा देते
एक घायल महिला ने बताया, क्र250 लोगों की भीड़ से बचने को हम जहां भी छिपे, लोगों ने वहीं पर ट्रैक्टर चढ़ा दिए। घर की छत पर बचने को चढ़े तो मकान ही ढहा दिया। भीड़ ने महिलाओं को भी नहीं बक्शा, लाठी-सरियों से पीटा। दूसरे घायल खेमाराम ने बताया कि उसके परिवार के लोग पंचायत में थे, बातचीत के दौरान आरोपियों ने उनके एक सदस्य अर्जुन के सिर पर लाठी से वार कर दिया, सामने जाट समुदाय के लोग बंदूक लेकर बैठे थे, हमले के बाद अर्जुन एक बंदूकधारी के ऊपर गिरा, उसी दौरान अफरा-तफरी में ट्रिगर दबा और गोली रामपाल के लग गई।

कलेक्टर साहब! यहां पूरे कुएं में घुली है भांग

परिवहन, माइनिंग और पुलिस विभाग की मिलीभगत से रोजाना खरका से भरी जा रही है सौ ट्रक बजरी, २०१३ में कोर्ट की रोक के बाद से लगातार जारी है खरका नदी में खनन, राजसमंद और उदयपुर के बजरी माफिया ने बनाया सिंडिकेट, जो सब तक पहुंचा रहा है बंधियां, कुराबड़ थाना पुलिस प्रत्येक ट्रक से ले रही है दस हजार और ट्रैक्टर से पांच हजार रुपए
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उदयपुर। कलेक्टर रोहित गुप्ता ने बीती रात बजरी से भरे ट्रैक्टरों को पकडक़र खरका नदी से हो रहे अवैध बजरी खनन का हाल खुद देखा। ये अवैध कारोबार २०१३ से चल रहा है, जिसमें परिवहन, माइनिंग और पुलिस विभाग की मिलीभगत है। अवैध कारोबार से इन तीनों विभागों के अधिकारी करोड़ों रुपए की चांदी काट रहे हैं। जानकारों के अनुसार राजसमंद और उदयपुर के बजरी माफिया द्वारा बनाए गए सिंडिकेट के तहत इन अधिकारियों तक घूस पहुंचाई जा रही है।
उदयपुर के पांचों जिलों में २०१३ से बजरी खनन पर न्यायालय ने रोक लगा रखी है। इस बीच राजसमंद के नाथद्वारा, हमीरगढ़ और बस्सी से रेती-बजरी यहां लाई जा रही है, लेकिन खरका नदी से रेती का अवैध कारोबार फिर भी बंद नहीं हुआ है। पता चला है कि रोज रात को करीब सौ से ज्यादा ट्रक खरका नदी से बजरी लेकर निकलते हैं, जो गींगला, मिथौड़ी, कुराबड़ होते हुए उदयपुर आते हैं। कुराबड़ में धोबीघाट पर माइनिंग विभाग की अस्थाई चौकी बना रखी है। पता चला है कि कुराबड़ पुलिस और माइनिंग विभाग वाले शामलात में प्रत्येक ट्रक से दस हजार रुपए घूस लेते हैं और देबारी चौकी से ट्रक पास होने पर दो सौ रुपए लिए जाते हैं। यहां आने पर प्रतापनगर चौराहे पर बजरी माफिया भी ट्रक मालिकों से एक फिक्स बंधी लेते हैं। यह पूरा कारोबार बजरी माफियाओं द्वारा बनाए गए सिंडिकेट के तहत चल रहा है। इस कारण खरका नदी से बजरी का खनन बेरोक-टोक जारी है।
ठेकेदारों ने बनाया सिंडिकेट
राजसमंद के ठेकेदारों ने यह सिंडिकेट बनाया है, जिसमें उदयपुर के बजरी माफिया भी शामिल है। इस सिंडिकेट का काम ही यही है कि अधिकारियों तक घूस पहुंचाए और रेती की ट्रकों को उदयपुर पहुंचाए। इस सिंडिकेट का ऑफिस हिरणमगरी में है, जहां से इस काम को अंजाम दिया जाता है।
सीएम को नहीं भेजी रिपोर्ट :
पिछले दिनों टीएसपी एरिया में बजरी खनन पर रोक हटाने के लिए मुख्य सेवक वसुंधरा राजे ने माइनिंग डिपार्टमेंट से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन ये रिपोर्ट आज तक नहीं भेजी गई। बताया गया है कि अगर खरका नदी से खनन पर रोक हट जाएगी तो माइनिंग, पुलिस और परिवहन विभाग में जा रही अच्दी खासी घूस बंद हो जाएगी। इसलिए ये रिपोर्ट नहीं भेजी गई। ये तीनों विभाग भी चाहते हैं कि खरका नदी से अवैध खनन होता रहे, ताकि उन तक लाखों रुपए की काली कमाई पहुंचती रहे।
मर्द कलेक्टर!
बजरी माफिया से निबटने के लिए उदयपुर जिले के नये कलेक्टर रोहित गुप्ता कल रात खुद की जान जोखिम में डालकर सडक़ पर दौड़ पड़े। जिसने भी यह सुना वह खुश हो गया। एक ने कहा बंदा क्रमर्दञ्ज है। दूसरे ने कहा जवानी का जोश है, बहुत ऊपर जाएगा। तीसरा बोला-महाराणा प्रताप के शहर में ऐसा अफसर ही चाहिए। बहरहाल यह वाक्या सुनकर पूर्व में रहे कलेक्टर आदर्श किशोर सक्सेना की याद आ गई, जिन्होंने हिंसा पर उतारू सैंकड़ों छात्रों की भीड़ को बड़े अस्पताल में अकेले ही ललकारा और काबू करके दिखाया। वह भी मर्द कलेक्टर ही थे।

NSUI चुनाव: प्रत्याशियों ने फिर उड़ाई कानून की धज्जियां

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nsui-election-जयपुर। प्रदेश और जिला कार्यकारिणी के लिए 18 मई से होने वाले भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के चुनाव से पहले प्रत्याशियों ने कानून की जमकर धज्जियां उड़ाईं।

विभिन्न पदों के लिए नामांकन भरने पहुंचे प्रत्याशियों ने प्रशासन की अनुमति बगैर ही रैलियां निकाल कर सभी नियम तोड़ दिए, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। 
गुरुवार को नामांकन भरने का आखिरी दिन होने से प्रत्याशी दमखम दिखाने के लिए समर्थकों और लग्जरी गाडि़यों की भारी भीड़ के साथ बनीपार्क स्थित यूथ कांग्रेस कार्यालय पहुंचे, जहां जमकर नारेबाजी करते हुए नामांकन दाखिल किए। कलक्ट्रेट सर्किल में दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक टै्रफिक जाम की स्थिति बनी रही। 
एक प्रत्याशी विवि से पहुंचे कार्यालय तक
प्रदेशाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे पूर्व कॉमर्स कॉलेज के अध्यक्ष रह चुके प्रत्याशी तो राजस्थान विश्वविद्यालय से वाहन रैली लेकर कार्यालय तक पहुंचे, जिसमें उन्होंने 11 किमी से अधिक का सफर तय किया। 
जहां से यह रैली गुजरी, वहां  ही ट्रैफिक जाम हो गया। लग्जरी गाडि़यों में पहुंचे नामांकन भरने चुनाव के लिए नामांकन भरने पहुंचे प्रत्याशियों ने धन का प्रदर्शन किया। 
नामांकन भरने आए सभी प्रत्याशी कम से कम 10 लग्जरी गाडि़यों के लवाजमे के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचे। प्रदेश कार्यकारिणी के 1 अध्यक्ष, 6 उपाध्यक्ष, 7 महासचिव, 7 सचिव और जिला कार्यकारिणी के 7 अध्यक्ष, 4 उपाध्यक्ष, 5 महासचिव, 5 सचिव और चार नेशनल डेलीगेट को चुनने के लिए 13000 प्रतिनिधि वोट डालेंगे।  

स्कूल बस और ट्रक में भिडंत – मासूमों की जान पर बनी

school busउदयपुर एकलिंगपुरा से बलीचा जाने वाले मार्ग के बीच गिरिजा व्यास पैट्रोल पम्प स्थित हाई वे पर गुरूवार सुबह एक ट्रक ने स्कूली बस को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में बस की खिड़की पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।

गनिमत रही की इस मामले में स्कुलों बचचों को चोट नहीं लगी । हादसा उस वक्त हुआ जब महाराणा मेवाड़ स्कूल की बस बच्चों को लेकर गोकुल विहार से लेकर हाईवे पार कर सेक्टर नौं की तरफ जा रही थी ।

तभी एकलिंगपुरा की और से आ रहे ट्रक ने बस को चपेट में ले लिया । ड्राईवर साईड से बस का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया ।

एक्सीडेंट में स्कुल बस की खिडकियों पर लगे कांच और एल्युमिनियम की जालिया टुट गई । हालांकि एल्युमिनियम की जालिया होने से बच्चों की जान बच गई ।

हादसे के बाद बस और ट्रक दोनो आपस में उलझ गए । स्कुल बस मे करीब पैंतिस बच्चे थे जो कि हादसे में बाल बाल बच गए ।

आरटीओ के डर से भागे चालक की पुलिया से गिरकर मौत

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उदयपुर । आरटीओ की फ्लाइंग की पिटाई के डर से भागे एक ट्रेलर ड्राइवर की देबारी पुलिया से गिरकर मौत हो गई। यह घटना देबारी माताजी मंदिर के पास हुई। बताया जा रहा है कि वारदात के बाद आरटीओ की फ्लाइंग वहां से भाग गई। आज सुबह रेती एसोसिएशन के पदाधिकारी और परिजनों ने शव को एमबी हॉस्पीटल पहुंचाया। वहां शव रखकर सभी लोग प्रतापनगर थाने पहुंचे, जहां आरटीओ की फ्लाइंग के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की जा रही थी। इसी बीच पोस्टमार्टम करके शव प्रतापनगर थाने पहुंचाया गया। परिजनों का आरोप है कि उनकी बिना मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया गया। रेती एसोसिएशन की पदाधिकारी और मृतक के परिजन प्रतापनगर थाने से शव को लेकर आरटीओ ऑफिस पहुंचे, जहां शव रखकर प्रदर्शन किया गया। बाद में पुलिस की समझाइश के बाद परिजन शव को लेकर चले गए ।
जानकारी के अनुसार कुराबड़ निवासी मनोहरसिंह (४५) पुत्र लालसिंह राजपूत बीती रात साढ़े 11 बजे रेलमगरा से रेती भरा ट्रेलर लेकर उदयपुर की तरफ आ रहा था। इसी बीच देबारी माताजी मंदिर के पास आरटीओ की फ्लाइंग ने ट्रेलर को रोका और मनोहरसिंह को ओवरलोड ट्रेलर की रसीद कटवाने के लिए कहा। पता चला है कि इस बात को लेकर फ्लाइंग कर्मचारियों और मनोहरसिंह के बीच मारपीट हो गई। मनोहरसिंह डरकर वहां से भागा, तो अंधेर में देबारी पुलिया से नीचे गिर पड़ा।
फ्लाइंग के एक कर्मचारी ने पीछे आ रही ट्रक के ड्राइवर जमनालाल को बताया कि ट्रेलर का ड्राइवर पुलिया से नीचे गिर गया है। जमनालाल ने उसकी ट्रक के मालिक ताराशंकर को यह जानकारी दी। इस पर ताराशंकर मौके पर पहुंचा और रेती एसोसिएशन के अध्यक्ष अंतोष चौधरी व संरक्षक प्रेमसिंह को मौके पर बुलाया। इन लोगों ने रात को पुलिया के नीचे ड्राइवर की तलाश की, लेकिन अंधेरे के कारण कुछ दिखाई नहीं दिया। आज सुबह ग्रामीणों ने पुलिया के नीचे लाश को देखी और पुलिस को सूचना दी।
सुबह लाश मिलने के बाद काफी संख्या में रेती एसोसिएशन के पदाधिकारी व ट्रक ड्राइवर मौके पर एकत्र हो गए। मृतक मनोहरसिंह का बेटा राजेंद्र व किशन, भाई पे्रमसिंह और साला डोलसिंह भी वहां पहुंच गए। इन लोगों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर देबारी से गुजर रहे हाइवे और पुलिया के नीचे के रास्तों पर पत्थर व कांटा डालकर जाम लगा दिया। करीब चार घंटे की समझाइश के बाद पुलिस जाम खुलवाने में सफल रही।
मृतक मनोहरसिंह के परिजनों का कहना है कि सुबह उन्होंने शव को एमबी हॉस्पीटल पहुंचाया, जहां से कार्रवाई के लिए वे सभी लोग प्रतापनगर थाने पहुंचे। इसी बीच मनोहर सिंह का शव पोस्टमार्टम के बाद एम्बुलेंस में प्रतापनगर थाने पहुंचाया गया, जहां पर मनोहर सिंह के परिजनों और रेती एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उनकी बिना मौजूदगी में पोस्टमार्टम होने पर नाराजगी जताई।
आरटीओ के बाद प्रदर्शन : प्रतापनगर थाने से सभी लोग मनोहरसिंह की लाश को लेकर आरटीओ के नये ऑफिस पहुंचे, जहां आरटीओ ऑफिस के बाहर लाश रखकर जोरदार प्रदर्शन किया। यहां इन लोगों ने जमकर नारेबाजी की, लेकिन आरटीओ का कोई अधिकारी बाहर नहीं निकला। इस दौरान प्रतापनगर थानाधिकारी चंद्र पुरोहित और सुखेर थानाधिकारी हरेंद्रसिंह जाब्ते के साथ पहचे और काफी समझाइश के बाद परिजन शव को लेकर गए। मृतक के परिजनों और रेती एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दस लाख रुपए मुआवजा, मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने और फ्लाइंग के सभी कर्मचारियों को बर्खास्त करने की मांग की है।
इनका कहना ………..
घटनाक्रम के बाद मैं स्वयं मौके पर जाकर आया। मौके पर लगा जाम खुलवाया। मामले की जांच की जा रही है। अगर आरटीओ की फ्लाइंग होगी तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
-भंवरलाल, आरटीओ

मुगल बादशाह अकबर के वंशज ने गरीब नवाज़ की चोखट चुमी

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अजमेर मुगल बादशाह अकबर के वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने मंगलवार को ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हाजिरी दी। उन्होंने गरीब नवाज के मजार पर मखमली चादर और फूल पेश कर दुआ मांगी। प्रिंस तूसी याकूब दोपहर करीब 12.15 बजे दरगाह पहुंचे।

उन्होंने गरीब की मजार पर मखमली चादर और गुलाब के फूल पेश किए। याकूब ने जन्नती दरवाजे पर मन्नत का धागा बांधा। उन्होंने बादशहा अकबर द्वारा दरगाह में दी गई बड़ी देग के अलावा शाहजहांनी मस्जिद को देखा। अपने वंशजों द्वारा बनाई इमारतों और दरगाह की व्यवस्थाओं को देखकर वे बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने करीब 1.25 लाख रुपए का नजराना भी दिया।
याद आए बादशाह अकबर

देग और दरगाह की व्यवस्थाओं को देककर याकूब को बादशाह अकबर याद आए। अकबर ने दरगाह में इंतजामात के लिए 22 गांव गोद दिए थे। इन गांवों से मिलने वाली राशि का उपयोग दरगाह में आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए होता था। 1947 में इन गांवों को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया। इसकी एवज में दरगाह को सालाना 60 हजार रुपए दिए जाते हैं।

 

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बेटी शैला खान बनी सेना में लेफ्टिनेंट

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shaila-khan-5552c15394320_lजयपुर, तालीम में तेजी से अपना मुकाम बना रहे मुस्लिम समुदाय की बेटी ने सेना में कदम रखकर समाज का नाम रोशन किया है। जयपुर की शैला रईस खान सेना में लेफ्टिनेंट हैं।

फिलहाल जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात हैं। वैशाली नगर की गंगा सागर कॉलोनी में रहने वाली शैला ने एम-टेक किया है। वे एमबीए फाइनेंस भी कर चुकी हैं। इसके अलावा खेल के मैदान में भी चमक बिखेर चुकी हैं। शैला ने मैराथन और जूडो में गोल्ड मैडल जीते हैं।
बेटियों ने दी पहचान
पिता रईस खान ने बताया कि उनके दो ही बेटियां हैं। हमने कभी बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं समझा। आज हमें हमारी बेटी के नाम से पहचाना जाता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। शैला की बड़ी बहन सना मुंबई में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है।
दोस्तों व पड़ोसियों से मिली प्रेरणा
शैला ने बताया कि मां शाहीदा खान भी एथलीट रही हैं। इसलिए मां ने बचपन से मेरी फिटनेस पर ध्यान दिया। कॉलेज में जाने पर दोस्तों और परिचितों ने सेना में जाने की प्रेरणा दी। 
शैला कहती हैं, ‘मैंने भी ठाना कि मैं आर्मी में जाऊंगी और परिजनों को यह बात बताई। शैला कहती हैं कि परिजनों ने हर कदम पर हौसला बढ़ाया। 
बाद में हसनपुरा के पैतृक निवास से उन्होंने वैशाली नगर में आर्मी एरिया में मकान शिफ्ट किया। यहां भी उन्हें आर्मी का माहौल मिला, जिसके बूते अपना सपना पूरा कर सकी।

महाराणा प्रताप जयंती पर रक्तदान

maharana-pratap-jayanti-उदयपुर. महाराणा प्रताप के 475 वीं जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार से सात दिवसीय कार्यक्रमों का आगाज महा आरती के साथ हुआ।

शहर के आलोक विद्यालय में प्रताप की प्रतिमा की महा आरती के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत हुई।

नगर निगम और मेवाड़ क्षत्रिय महासभा की ओर से  शहर में   सात दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

पहले दिन प्रताप की आरती के बाद रक्तदान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम संयोजक कमलेन्द्र सिंह पंवार ने बताया कि सुबह 10.30 बजे आलोक संस्थान की ओर से गवरी चौक पर महाराणा प्रताप की आरती की गई।

सुबह 11.30 बजे महाराणा प्रताप सेना की ओर से लोक मित्र ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर लगाया गया।

हड़ताली रेजीडेंट्स को करो निलंबित!

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doctors-on-strike-5552f0ff3fe04_lजयपुर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों के रेजीडेंट्स एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरएस मित्तल से विवाद का समाधान नहीं होने पर बुधवार सुबह हड़ताल पर चले गए। 
उधर, हड़ताल के बाद सुबह कॉलेज प्राचार्य की बैठक हुई। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. यूएस अग्रवाल ने बताया कि सभी विभागाध्यक्षों ने सुझाव दिया कि रेजीडेंट की परीक्षाओं को एमसीआई के नॉम्र्स से आयोजित किया जाए और इनके मुताबिक हड़ताल पर जाने वाले रेजीडेंट को निलंबित किया जाए। 
उधर, प्राचार्य ने दावा किया है कि 80 फीसदी रेजीडेंट्स सुबह अस्पतलों में काम पर मौजूद रहे। वहीं जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर के अध्यक्ष डॉ. राजवेंद्र चौधरी ने बताया कि सुबह चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ से वार्ता हुई, जिसमें उनकी मांगों पर उचित कार्यवाही के लिए तीन आईएएस अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। दोपहर तक हड़ताल खत्म होने की संभावना है। 

तेल निकाल रहा मुम्बई का टिकट

train-full-5551cdeb46e24_ltrain-full-5551cdeb46e24_lउदयपुर. यहां से मुम्बई 900 किलोमीटर का सफर यात्रियों की जेब पर इतना भारी पड़ रहा है कि रेलवे का प्रथम एसी श्रेणी का किराया भी पीछे छूट जाए।

गर्मी की छुट्टियों में मुम्बई के लिए रोडवेज बस नहीं होना, बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेन के सप्ताह में केवल तीन दिन होने से खचाखच चल रही है। निजी बस संचालक चांदी काट रहे हैं।

हाल ये हैं कि इन दिनों प्रति यात्री ढाई से तीन हजार रुपए तक वसूले जा रहे है। इधर, किसी तरह केवल सीट मिल जाने को यात्री राहत समझ रहे हैं।

 

ओवरलोड निजी बसों में मुम्बई जाने के लिए भारी किराया चुकाने के बाद भी चालक के केबिन या सीटों के बीच गैलेरी में रखी मुड्डियों पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं।

यात्रियों को हो रही परेशानी की असलियत जानने के लिए    निजी बस संचालकों से मुम्बई का टिकट लेने का प्रयास किया तो पहले टिकट उपलब्ध होने से इनकार कर दिया।

लौटने पर बस संचालकों ने आवाज दी कि एक-दो टिकट बाकी हैं, लेकिन महंगे हैं। बाद में वे 3000 रुपए मंे मुम्बई ले जाने के लिए तैयार हो गए। सीट के बजाए केबिन या मुड्डी पर बैठाने के लिए 1500 रुपए मांगे।
बांद्रा एक्सप्रेस भी खचाखच

सप्ताह में तीन दिन चलने वाली उदयपुर-बांद्रा एक्सप्रेस में 18 जून से पहले किसी श्रेणी में टिकट उपलब्ध नहीं हैं।  मुम्बई की यात्रा के लिए लोग मजबूरी में बसों की ओर दौड़ रहे हैं।

टे्रन में स्लीपर का किराया 475 रुपए, थर्ड एसी का 1250 रुपए व सैकण्ड एसी का 1785 रुपए किराया है।

परेशान यात्रियों ने बताया कि उदयपुर-बांद्रा सप्ताह के सातों दिन चलने लगे तो लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।

बंद हो गई रोडवेज बस

पहले रोडवेज की एक बस मुम्बई के लिए संचालित थी, लेकिन यात्री भार नहीं होने से बंद कर दी गई।

दरअसल सीजन में तो रोडवेज को जमकर यात्री मिलते हैं, लेकिन जुलाई खत्म होते-होते यात्रियों का टोटा हो जाता है। उस समय निजी बस संचालक 300-350 रुपए में भी मुम्बई ले जाने को तैयार हो जाते हैं।