दवा खाकर सोई थी महिला, सुबह उठी तो छिन चुका था खुशियों का खजाना

1696_31सेमारी। सराड़ा थाना क्षेत्र के करेली गांव मे बीती रात चोरों ने मकान के दरवाजे का ताला तोड़ साढ़े नौ तोला सोने, सवा किलो चांदी के जेवर, तीस हजार नकद चुरा लिए। जानकारी के अनुसार मकान मालिक वखतसिंह व उसका पुत्र भैरूसिंह उदयपुर में नौकरी करता है।

चोरी के वक्त घर पर अकेली महिला थी, जिसकी तबियत खराब होने से वह दवाई लेकर सोई थी। सुबह जागी तो कमरे और पेटी का ताला टूटा देखने पर चोरी का पता चला। सूचना पर मकान मालिक व उसका पुत्र करेली पहुंचे और सराड़ा थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस पर सराड़ा थाने से एएसआई रूपलाल पटेल मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया।

यह सामान गया चोरी
पीडि़तों ने पुलिस को बताया कि चोर साढ़े नौ तोला सोने के जेवर जिसमें साढ़े तीन तोला वजनी सोने की दो चेन, एक तोला वजनी दो मंगलसूत्र, दो जोड़ी कान के दो टॉप्स सवा दो तोला, टीका आधा तोला, डेढ़ तोला वजनी चार अंगूठियां, पौन तोला बजट्टी, एक किलो वजनी चांदी के दो तोड़े, बीस तोला चांदी का कंदोरा, तीन चांदी की अंगूठियां, 23 तोला वजनी तीन जोड़ी चांदी के पायल, चांदी का चूड़ा व तीस हजार रुपए नकद चुरा ले गए।
भानजी की शादी के लिए रखे थे गहने
पीडि़त परिवार का कहना है कि उनके घर से चोर जो गहने और नकदी ले गए हैं। उनमें से आधे से ज्यादा उनकी बहन के थे, जो भानजी की शादी के लिए संभाल कर रखे थे। पति की मौत के बाद उनकी बहन ने जोड़तोड़ कर गहने और नकदी बेटी की शादी के लिए बचाए थे। इनके चोरी चले जाने से दोनों परिवार पूरी तरह टूट गए हैं।

दिन में मैनेजर, रात में कुख्यात चेन स्नैचर

b636027-11-2013-03-58-16Hb635227-11-2013-03-58-33Nअब तक ये माना जाता था कि शरारती तत्व और पढ़ाई बीच में छोड़ देने वाले चेन स्नैचिंग में शामिल होते है। लेकिन बेंगलूरू पुलिस तब हैरान रह गई जब बीते रविवार को पकड़ा गया चेन स्नैचर एक जानी मानी एमएनसी फर्म का मैनेजर निकला।

एमबीए डिग्रीधारी सांईकट गुइन एक जानी मानी फाइनेंशियल संस्था में ऑपरेशन एनालिस्ट डेवलपमेंट मैनेजर के पद पर था। इस चेन स्नैचर का सहयोगी 20 साल का स्टूडेंट शौनक दत्ता था। जो स्थानीय कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता है।

दोनों ने मिलकर शहर में अब तक 20 से ज्यादा चेन स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम दिया है। मैनेजर और स्टूडेंट की जोड़ी पिछले एक साल से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है।

सांईकट और शौनक एक ही शहर कोलकाता के रहने वाले है। पुलिस के मुताबिक दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी। एक ही शहर केहोने के कारण दोनों दोस्त बने और फिर अपराध के पेश में सहयोगी भी।

d329427-11-2013-03-58-50W25 हजार रूपए की सैलरी पाने वाले सांईकट ने आलीशान जिंदगी जीने और खर्चो को पूरा करने के लिए चेन स्नैचिंग करना शुरू किया। सांईकट की योजना अगले महीने शादी करने की थी। जबकि शौनक ने अपने एजुकेशन लोन को चुकाने के लिए चेन स्नैचिंग का रास्ता चुना। लुटी गई चेन को दोनों ज्लैवर्स और ब्रोकर्स के पास बेच देते।

b265327-11-2013-03-58-42Dइस कुख्यात जोड़ी पर लगभग एक दर्जन से ज्यादा चेन स्नैचिंग की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। सांईकट के पास यामाहा आर15 जबकि शौनक के पास पिलियन बाइक थी। लेकिन बीते रविवार को दोनों पुलिस के चंगुल से बच नहीं पाए।

रविवार को दोनों अपनी बाइक के साथ शिकार की तलाश में थे। तभी उन्हें लावण्या जो कि अपने पति के साथ पिलियन बाइक पर थी, उन्हें नजर आई। दोनों ने उनका पीछा किया और ओरिएंटल बैंक के पास शौनक ने चेन पर झपट्टा मारा।

लावण्या ने शोर मचाते हुए खुद को संभाला। जिसके बाद सांईकट और शौनक ने भागना शुरू कर दिया। लेकिन लावण्या के पति रेड्डी ने अपनी पत्नी से कहा कि वह दोनों का पीछा करें। इसके साथ ही रेड्डी ने पुलिस को भी खबर की, जो शौनक और सांईकट को ढूंढ़ रहे थे। बाबूसाब पाल्या जंक्शन के पास दोनों अपराधियों को पुलिस ने दबोच लिया।

पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा, “हम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे है कि दोनों आरोपियों ने चैन स्नैचिंग की कितनी घटनाओं को अंजाम दिया है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है।

बेंगलुरू में हर साल चेन स्नैचिंग के औसतन 400 मामले दर्ज किए जाते है। एक सप्ताह पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चेन स्नैचिंग की घटनाओं को रोक पाने में असफल बेंगलुरू पुलिस की भत्र्सना की थी।

सुखाडिया विष्वविद्यालय खिताब से सिर्फ एक ओर जीत की दूरी पर

badminton 0024पश्चिम क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय बेड़मिंटन प्रतियोगिता
उदयपुर । विश्वविद्यालय क्रीडा मण्डल के प्रषिक्षक डॉ. दीपेन्द्र सिंह चौहान ने जानकारी देते बताया राजस्थान तकनीकी विष्वविद्यालय कोटा की मेजबानी में 25 नवम्बर से 28 नवम्बर 2013 तक आयोजित पश्चिम क्षेत्र अंतरविष्वद्यिालयी बेड़मिंटन प्रतियोगिता खेलते हुए सुखाडिया विष्वविद्यालय बेड़मिंटन पुरुश टीम ने तीसरे दिन पहले लीग मैच में एम एस युनिवरसिटी बडोदरा के विरुद्व आज खेले गए मैच में 3-0 से मुकाबला जीता।इसके पष्चात् सायं कालिन सत्र में दुसरे लीग मैच में षिवाजी युनिवरसिटी कोल्हापुर को भी 3-0 से परास्त किया जिसके पहले एकल में माइकल ने अपना मुकाबला जीता तथा दुसरे एकल में षानदार खेल से रजत राठौड ने अपने मैच जीतकर टीम को 2-0 से आगे किया फिर रजत व प्रंषात सेन की जोडी ने डबल मुकाबला जीत कर 3-0 से निर्णायक बढत ली। इस जीत के पष्चात् सुखाडिया विष्वविद्यालय बेड़मिंटन पुरुश टीम पश्चिम क्षेत्र अंतरविष्वद्यिालयी बेड़मिंटन प्रतियोगिता के खिताब से सिर्फ एक ओर जीत की दूरी पर है। खिताबी जीत हेतु कल सुखाडिया विष्वविद्यालय बेड़मिंटन टीम का निर्णायक मुकाबला मुम्बई विष्वविद्यालय मुम्बई से होगा।

महंगाई ने किया लगन का रंग फीका

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TH15DHANTERAS_-300x187उदयपुर। महंगाई का भूत लोगों का पीछा छोडऩे का नाम नहीं ले रहा। इसका असर पहले त्योहार और अब लगन में दिखने लगा है। सब कुछ महंगाई की भेंट चढ़ता जा रहा है। इन दिनों लगन सीजन जोरों पर है। धूमधाम से शादी करने का सपना संजोये लोगों के लिए तो महंगाई से पसीने छूट रहे हैं।
सोना नहीं है बस का
लगन में सबसे बड़ा खर्चा रहता है गहनों पर, इस बार गोल्ड के चढ़े हुए रेट को देखकर लोगों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में लोगों के समझ में नहीं आ रहा है कि शादी में गोल्ड देने की रस्म को कैसे पूरा किया जाए। लगन सीजन काफी बिजी होने के बावजूद भी गोल्ड की एडवांस बुकिंग काफी डाउन है। लगन सीजन को देखते हुए बड़े दुकानदार कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए कई तरह के नए कलेक्शन लेकर आए हैं, पर इसके बावजूद कस्टमर्स फुटफाल में कोई इजाफा नहीं हो रहा है।
लिबास का भी खर्चा डबल
यूं तो लगन सीजन ऑन है पर अब तक लगन सीजन को देखते हुए इक्का-दुक्का को छोड़क र किसी भी अपेरेल्स शॉप्स में कोई ऑफर एनाउंस नहीं किया गया है। ऊपर से पिछले कुछ दिनों में अपेरेल्स के रेट में काफी तेजी से उछाल आया है। लगन होने के बावजूद भी सेल्स बिल्कुल डाउन है। पिछले लगन सीजन में काफी सेलिंग हुई थी, पर इस बार तो सन्नाटा पसरा हुआ है। मार्केट में सेल्स को देखते हुए तो लग ही नहीं रहा कि लगन चल रहा है। नॉर्मल डेज के कंपैरिजन में मार्केट 40 परसेंट तक गोता खा गई है।
:पिछले कुछ दिनों में कपड़ों के रेट में काफी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके चलते लगन सीजन में भी मार्केट की हालत काफी पतली है। सेल्स नॉर्मल से भी करीब 40 परसेंट डाउन है।
-कमलेश जैन, कपड़ा व्यापारी
:लगन सीजन ऑन है, फिर भी सोने की सेल ठप पड़ी हुई है। लगन सीजन काफी बिजी होने के बावजूद भी गोल्ड की एडवांस बुकिंग काफी डाउन है। इसका सबसे बड़ा कारण सोने की रेट में इजाफा होना हैं।
-दर्शन शर्मा, सोने-चांदी के व्यापारी

वल्लभनगर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला

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उदयपुर। विधानसभा चुनाव में राजस्थान की सबसे हॉट सीट वल्लभनगर सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। यहां भाजपा के बागी रणधीरसिंह भींडर तीसरी शक्ति के रूप में उभरे हैं और पूरे दमखम के साथ पहले पायदान पर है। इनका विरोध करके भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया भी मुश्किल में फंसे हुए हैं और कटारिया को राजपूतों का विरोध झेलना पड़ रहा है, लेकिन मुकाबला यहां पर त्रिकोणीय है।
इस सीट से आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस के गजेन्द्र सिंह शक्तावत का कब्जा है, जो कांग्रेसी प्रत्याशी है। भाजपा से गणपत मेनारिया मैदान में है, जिन्हें ब्राह्मण होने के साथ ही सांठगांठ के कारण भाजपा से टिकट मिला है। इस सीट पर कांग्रेस को वोट बंटने का, तो भाजपा को बागी का खतरा है, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी गणपत मेनारिया को कांग्रेस से लाकर आखिरी वक्त में भाजपा का प्रत्याशी घोषित किया गया है। वल्लभनगर में मतदाताओं की संख्या 221674 है। इनमें से 113019 मतदाता पुरूष और 108६55 मतदाता महिलाएं हैं। पिछली बार कांग्रेस के गजेन्द्रसिंह शक्तावत यहां से विजयी हुए थे।
वोट बंटने का खतरा: कांग्रेस ने इस बार मौजूदा विधायक गजेन्द्रसिंह शक्तावत को ही मैदान में उतारा हैं। हालांकि उनकी स्थिति भाजपा के बागी रणधीरसिंह भींडर के मैदान में होने से मजबूत समझी जा रही है, लेकिन रणधीरसिंह भींडर यह कहकर प्रचार कर रहे हैं कि शक्तावत कांग्रेसी प्रत्याशी है, मेनारिया मूल रूप से कांग्रेसी है, जिनको भाजपा ने टिकट दिया है। इनके अलावा राजपा प्रत्याशी भी टिकट मिलने से पहले कांग्रेस से ही जुड़ा था। टिकट नहीं मिलने के कारण रणधीरसिंह भींडर के प्रति पूरे क्षेत्र में एक सहानुभूति का माहौल बन गया है, जो शायद भाजपा से टिकट मिलने के बाद भी नहीं बन पाता।
ब्राह्मण कार्ड हो सकता है फेल: सबसे ज्यादा मुसीबत यहां पर भाजपा की है। भाजपा ने इस सीट पर मेवाड़ के ब्राह्मणोंं को खुश करने के लिए गणपत मेनारिया को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में गणपत मेनारिया कांग्रेस के बागी के रूप में चुनाव लड़े थे और इस बार उन्हें स्वयं को सभी जगह भाजपा का प्रत्याशी बताना पड़ रहा है। सबसे बड़ा खतरा मेनारिया को रणधीरसिंह भींडर से है, जो भाजपा के बागी है। भींडर मेवाड़ के राजपूतों के सहानुभूति और समर्थन से मजबूत स्थिति में है। दूसरी और वल्लभनगर क्षेत्र में कटारिया का भारी विरोध है और मेनारिया को कटारिया समर्थित होने का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
निर्दलीय होने का डर: इस सीट से भाजपा के सबसे प्रबल दावेदार रणधीर सिंह भींडर ही माने जा रहे थे, लेकिन कटारिया से विवाद के कारण उनका टिकट कट गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं के भारी समर्थन के चलते भींडर बागी बन निर्दलीय खड़े हो गए। 2003 में भींडर यहां से भारी मतों से विजयी हुए थे। इस बार उन्हें राजपूतों का भारी समर्थन हासिल है, लेकिन पार्टी सिम्बोल नहीं होने से उन्हें हर जगह अपने सिम्बोल क्रबल्लेञ्ज का प्रचार करना पड़ रहा है। क्षेत्र के अधिकतर मतदाता भींडर को कमल निशान से ही पहचानते हैं। वल्लभनगर सीट पर पूरे जिले की नजर है।

कटारिया की राजपूतों को मानाने कि कोशिश , संघ भी साथ में

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उदयपुर। शहर से भाजपा प्रत्याशी गुलाबचंद कटारिया राजपूत , और ब्राह्मण समाज में फैली नाराज़गी को दूर करने का भरकस प्रयास कर रहे है । जहाँ एक और कटारिया इन समाज के प्रबुद्ध लोगों से बैठकें कर मानाने का प्रयास कर रहे है वही दूसरी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारकों ने भाजपा प्रत्याशी गुलाबचंद कटारिया के समर्थन में उदयपुर में डेरा डाल दिया है।
बुधवार को हरिदास जी की मगरी स्थित थाणा हाउस में कटारिया ने राजपूत समाज के साथ बैठक की जिसमे क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष बालुसिंह कानावत ने कहा की पूरा समाज भाजपा के साथ है। भाजपा ने राजस्थान में सीटों के वितरण में 14 सीट राजपूतों को दी, मुख्यमंत्री राजपूत को प्रपोज किया इसके विपरीत कांग्रेस ने हमारे समाज के विधायकों के टिकिट काटे। शिक्षाविद मनोहरसिंह कृष्णावत ने कहां कि हम विकास के साथ है। और मोहनलाल सुखाड़िया के बाद अगर कोई मेवाड़ का विकास कर सकता है, तो वह गुलाबचन्द कटारिया है और कटारिया को समर्थन करके मेवाड़ का विकास करवाना है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहां की राजपूत समाज मेरा परिवार है। और इस समाज को साथ लेकर ही वह विधानसभा में मेवाड़ के लिए आवाज बुलन्द करेंगे।
इधर राजपूतों और ब्राह्मणों से कटारिया की चल रही नाराजगी के मद्देनजर संघ आगे आया है। संघ कार्यालय में मंगलवार को संघ के वरिष्ठ प्रचारकों ने बैठक लेते हुए राजपूत और ब्राह्मण नेताओं को कटारिया के समर्थन में चुनाव में एकजुट होकर प्रचार करने के निर्देश दिए हैं।
संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्रीवद्र्धनजी ने मंगलवार को उदियापोल स्थित संघ कार्यालय में बैठक ली। इस बैठक में ब्राह्मण समाज की तरफ से हेमशंकर दीक्षित, मोहनशंकर जानी, गोपाल त्रिवेदी, अविनाश सनाढ्य, देवकिशन मेनारिया, गिरीश श्रीमाली, पूर्व सभापति रवींद्र श्रीमाली, उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत जोशी और राजपूत समाज की तरफ से बीएस कानावत, प्रेमसिंह शक्तावत, गजपालसिंह, तख्तसिंह, घनश्यामसिंह चौहान, तनवीरसिंह कृष्णावत, करणसिंह शक्तावत और अक्षयसिंह राणावत मौजूद थे। इस दौरान संघ के वरिष्ठ प्रचारक रामप्रसाद भी मौजूद थे। श्रीवद्र्धन ने दोनों ही समाज के प्रतिनिधियों को जातिवाद से ऊपर उठकर भाजपा के प्रत्याशी गुलाबचंद कटारिया को विजयी बनाने के लिए प्रचार करने के निर्देश दिए हैं।

सौतन का विवाद ले गया जान

120909_DX_BreadWinnerB.jpg.CROP.rectangle3-largeउदयपुर। सुखेर थाना क्षेत्र के कविता गांव में बीती रात सोतन को घर पर लाने के विवाद के चलते पत्नी ने १६ वर्षीय बेटे के साथ मिलकर लाठियों से पति को पीट-पीटकर मार डाला। सूचना पर आज सुबह पुलिस पहुंची, जिन्होंने मां-बेटे को हिरासत में ले लिया है और शव को एमबी अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया है। मृतक के दोनों पत्नियों से पांच बच्चे हैं।
पुलिस के अनुसार डालू (४०) दौला गमेती उसकी पत्नी भूरीबाई के साथ शराब पी रहा था। इसी दौरान उसक १६ वर्षीय बेटा भी वहां पर था। डालू चार साल पहले टमूड़ी नामक महिला को नाते लाया था, जिससे उसको एक बेटा भी है, लेकिन परिजनों के विरोध के चलते दोनों एक साल से अलग रह रहे हैं। बीती रात डालू ने टमूड़ी को घर लाने की बात की, जो उसकी सौतन भूरीबाई को रास नहीं आई। दोनों में इस बात को लेकर झगड़ा बढ़ गया। भूरीबाई ने लाठी से डालू गमेती पर वार कर दिया। इस दौरान डालू के बेटे ने भी लाठी उठा ली और मां के साथ मिलकर पिता की पीट-पीटकर हत्या कर दी। सूचना मिलने पर आज सुबह सुखेर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर भूरीबाई और उसके बेटे को हिरासत में ले लिया है।
डालू का एक बेटा मनोज बैंगलोर में काम करता है। इसके अलावा उसके भूपेंद्र और बंसती नामक दो बच्चा-बच्ची और हैं। शव को एमबी अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया है, जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई चल रही है।

तरूण तेजपाल ने सप्लाई की थी कॉल गर्ल

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tejpal3326-11-2013-05-42-50Nमहिला पत्रकार के साथ गंदी हरकत करने वाला तरूण तेजपाल पत्रकारिता में नाम कमाने के लिए गंदे तरीकों का भी इस्तेमाल कर चुका है। तहलका ने मार्च 2001 में सैन्य डील में कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया था।

खुलासे के लिए तहलका ने सेना के तीन अधिकारियों को कॉल गर्ल सप्लाई की थी। मामला सामने आने पर तेजपाल को गिरफ्तार करने की भी मांग हुई थी। तहलका ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान छुपे हुए कैमरों का इस्तेमाल किया था। स्टिंग के दौरान सेक्स एक्ट की भी रिकॉर्डिग की गई थी। उस वक्त टेप सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी और वेंकटस्वामी कमीशन को सौंपे गए थे।

तहलका ने उन सीक्रेट वीडियो टेप्स को प्रसारित किया था जिनमें नेताओं,नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों को रिपोर्टरों के हाथों घूस लेते हुए दिखाया गया था। ये रिपोर्टर आर्म्स एजेंट बनकर डील करने गए थे। डिफेंस अधिकारियों को सेक्स वर्कर सप्लाई करने का खुलासा उस वक्त हुआ था जब संसद चल रही थी और यूटीआई संकट,कश्मीर में हिंसा और आर्थिक मंदी को लेकर सरकार घिरी हुई थी।

उस वक्त तहलका के सीईओ तरूण तेजपाल ने सेना के अधिकारियों को सेक्स वर्कर सप्लाई करने की पुष्टि करते हुए एक वेबसाइट को बताया था कि हमने पब्लिक को टेप्स नहीं दिखाए थे लेकिन हमने उनको छिपाया भी नहीं। हम इसे दबाना नहीं चाहते। हमारी बॉटम लाइन यह थी कि हम उच्च स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहते हैं।

तेजपाल ने बताया था कि 13 मार्च 2001 को मीडिया को वीडियो टेप्स दिखाए गए थे। उस दौरान कुछ सेक्स एक्ट को भी दिखाया गया था। दिल्ली के एक लग्जरी होटल में सेना के एक अधिकारी को सेक्स वर्कर के साथ सेक्स करते हुए दिखाने के लिए सीक्रेट कैमरे लगाए गए थे। जब दो वैश्याएं होटल के रूम में पहुंची तो तहलका के प्रतिनिधी वहां से चले गए।

इसके कुछ देर बाद एक डिफेंस ऑफिशियल और सेक्स वर्कर भी रूम छोड़कर चले गए। अन्य अधिकारी सेक्स वर्कर के साथ रूका रहा। रूम में लगाए गए सीक्रेट कैमरे में दोनों को सेक्स करते हुए फिल्माया गया। नवंबर में तहलका के रिपोर्टर तीसरे अधिकारी और सेक्स वर्कर के साथ होटल में आए। उस वक्त अधिकारी ने यह कहते हुए सेक्स करने से मना कर दिया था कि वह इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं है।

उस वक्त स्टिंग करने वाले पत्रकार अनिरूद्ध बहल ने एक वेबसाइट को बताया था कि जब सेना के अधिकारियों ने सेक्स की डिमांग रखी थी तो हम हैरान रह गए। हमने विरोध भी किया लेकिन डिमांड इतनी फोर्सफुल थी कि हम उसे पूरा किए बगैर अपने ऑपरेशन को आगे नहीं बढ़ा सकते।

हमने इसलिए सेक्स वर्कर प्रोवाइड करवाई ताकि यह दिखा सकें कि सेना के अफसर किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं। तहलका के पत्रकारों ने दावा किया था कि उन्होंने सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को बिना संपादित किए टेप मुहैया कराए थे।

वसुंधरा को बदनाम करने के लिए बनाई डर्टी सीडी

raje3226-11-2013-08-00-46Nउदयपुर  ,राजस्थान में भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार वसुंधरा राजे की छवि खराब करने की कोशिशें जारी है। मीडिया कर्मियों को डाक के जरिए एक गंदी सीडी भेजी गई है। सीडी को लेकर भाजपा ने जयपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच को शिकायत की है।

एक समाचार चैनल के मुताबिक यह शिकायत भाजपा की लीगल सेल के कार्यकारी सदस्य कान सिंह राठौड़ ने की है। शिकायत आईटी लॉ और इनडिसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वूमन लॉ के तहत दर्ज कराई गई है। जयपुर पुलिस ने 12 नवंबर को एक बाइंडर और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।

इनके पास से वसुंधरा के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री की कॉपीज बरामद हुई थी। जांच उस वक्त रोक दी गई जब मामले में सीकर के एक कांग्रेसी नेता का नाम सामने आया। उसी आपत्तिजनक सामग्री को अब वीसीडी में डाला गया है।

अगर पुलिस पहले वाले मामले की सही तरीके से जांच करती तो इसे रोका जा सकता था। वीसीडी में वसुंधरा की गलत तस्वीर पेश की गई है। सीडी में आपत्तिजनक और अपमानजनक निजी हमले किए गए हैं। कहा जा रहा है कि यह गंदी सीडी कांग्रेस का गेम हो सकता है। सीडी शायद दिल्ली से पोस्ट की गई है। भाजपा का कहना है कि इस तरह की हरकतों से कांग्रेस की हताशा झलकती है।

तलवार दंपति को फांसी हो: हेमराज की पत्नी

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131125112730_rajesh_nupur_talwar_624x351_pti (1)आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरुषि के माता-पिता को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है.

इस फैसले का भारत से दूर नेपाल में भी काफी बेसब्री से इंतज़ार था. तलवार दंपति के घर में मृत नौकर हेमराज नेपाल का ही रहने वाला था.

उनकी पत्नी खुम काला बंजादे ने नेपाली सेवा से बातचीत करते हुए कहा है कि तलवार दंपति को फांसी की सजा होनी चाहिए.

काला ने

कहा, “तलवार दंपति ने मेरे पति पर झूठा आरोप लगाया. पहले उन्होंने अपनी बेटी की हत्या की और फिर मेरे पति की. इसके बाद मेरे पति पर झूठा आरोप मढ़ दिया कि उनकी बेटी की हत्या करके हेमराज फरार हो गया.”

‘निर्दोष था मेरा पति’

काला के मुताबिक उनके पति हेमराज को इस मामले में कुछ भी लेना-देना नहीं था, लेकिन उसे तलवार दंपति के यहां काम करने की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी.

काला ने  कहा, “मेरे पति एक सामान्य और ईमानदार आदमी थे. वे पूरी तरह निर्दोष थे.”

यह बात सीबीआई की विशेष अदालत ने मानी है और नौकर हेमराज और आरुषि की हत्या के लिए तलवार दंपति को ही जिम्मेदार ठहराते हुए उम्र कैद की सजा भी सुनाई है.

लेकिन खुम काला इस सजा को कम मानती हैं. उन्होंने बीबीसी से कहा, “इस हत्या के तलवार दंपति को मौत की सजा मिलनी चाहिए.”

मुआवजे की मांग

आरुषि और हेमराज की हत्या 15-16 मई 2008 को की गई थी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले राजेश तलवार पर हत्या का शक जाहिर किया था.

बाद में तलवार के घरेलू नौकर हेमराज पर हत्या का शक जाहिर किया गया और कहा गया कि वह हत्या करके भाग गए हैं लेकिन आरुषि की हत्या के अगले ही दिन 16 मई को तलवार के फ्लैट की छत पर हेमराज का शव मिला.

इसके बाद एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत शक की सुई राजेश तलवार पर आ गई और उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

इस मामले में डॉक्टर तलवार के एक सहायक और उनके परिचितों के घर काम करने वाले दो नौकरों समेत तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था और जाँच के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.

अब जबकि तलवार दंपति को सजा सुनाई जा चुकी है, हेमराज की पत्नी की मांग है कि उन्हें उनके पति की मौत उचित मुआवजा भी मिले.

सो. बी बी सी