9 मार्च, 2014 को हिन्दुस्तान जिंक जावरमाइन्स एवं पेसिफिक डेन्टल कॉलेज उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय केन्द्रीय चिकित्सालय में एक निःशुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया ।
इस शिविर का उद्घाटन श्री शरद मिश्रा, महा प्रबन्धक मानव संसाधन एवं डॉ चन्द्र शेखर मिश्रा ने अन्य उपस्थित अधिकारियों के साथ किया। शिविर में आसपास के अंगीकृत गॉवों के दन्त रोगियों ने अपने दॉतों की सफाई करवाई, खराब दॉतों को निकलवाया एवं दॉतों में मसाला भरवाया। दन्त चिकित्सा सम्बन्धित कार्य पेसीफीस कॉलेज से प्रशिक्षत डॉक्टरों की टीम ने किया। शिविर में 75 दन्त रोगियों ने अपने दॉतों का निःशुल्क इलाज का लाभ लिया।
शिविर के दौरान केन्द्रीय चिकित्सालय की टीम ने सदुेश दशोरा, पेसिफिक कॉलेज एवं श्री अशोक कुमार सोनी, ग्रामीण विकास अधिकारी ने अपना सहयोग किया।
निःशुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का आयोजन
द पैरालेटिक एसोसिएशन ऑफ फ्रांस राजस्थान के दौरे पर
‘…अब तो चुनाव के बाद होगा कामÓ
आचार संहिता लगते ही अधिकारी रटने लगे यह जुमला
उदयपुर। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई हैं। इसके बाद विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी और अधिकारी आम जनता की जरूरतों से जुड़े काम अटका रहे हैं। दफ्तरों में इन दिनों जुमला चल पड़ा है ‘आचार संहिता लगी हुई हैं, चुनाव के बाद काम होगा।ञ्ज ऐसे में जनता से सीधे जुड़े दफ्तरों में आम आदमी परेशान है। क्रमददगारञ्ज ने जब आचार संहिता का असर किन कामों पर पड़ता है इसकी पड़ताल की, तो सामने आया कि बुनियादी जरूरत से जुड़ा कोई भी कार्य नहीं रोका जा सकता। साथ ही आचार संहिता के दौरान शहर में चल रहे विकास के बड़े प्रोजेक्ट, सड़क की मरम्मत और पैचवर्क जैसे काम पर कोई फर्क नहीं पड़ता। सफाई, रोड लाइट व्यवस्था और पानी जैसी जरूरतें, तो किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होगी।
यह काम होंगे : 300 वर्ग के नीचे भवन निर्माण की इजाजत, नामांतरण, बेचान अनुमति और लीज मुक्ति प्रमाण पत्र जारी होंगे। सड़क, सीवरेज, नाली व नाला सहित अन्य तरह के विकास कार्यों के लिए, जो टेंडर आचार संहिता के पहले लग चुके हैं, उनकी प्रक्रिया जारी रहेगी और वर्कऑर्डर आचार संहिता हटने के बाद ही जारी होंगे। सभी तरह के प्रमाण पत्र भी बनेंगे, सफाई, रोड लाइट और पानी से संबंधित काम भी नहीं रुकेंगे। भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड, लीज मुक्ति प्रमाण पत्र, बेचान स्वीकृति, नामांतरण के काम से कोई इनकार नहीं कर सकता है। शहर में चल रहे बड़े प्रोजेक्ट भी रोक नहीं सकेंगे। सीवरेज, नाली, नाला, सड़क का चौड़ा करने के काम जो शुरू हो चुके हैं, उनको नहीं रोका जाएगा।
ये काम नहीं होंगे : नगर निगम की तमाम कमेटियों की बैठक, एम्पावर्ड कमेटी की बैठक व उनके द्वारा लिए गए फैसले, किसी भी प्रकार के पट्टे, शिलान्यास व उद्घाटन नहीं हो पाएंगे। 300 वर्ग गज के ऊपर के मकानों के निर्माण की इजाजत व भू-उपयोग परिवर्तन नहीं हो पाएगा। एम्पावर्ड कमेटी, नगर निगम, जिला परिषद् की बैठक महापौर, जिला प्रमुख व अन्य जनप्रतिनिधि सदस्य होने के कारण नहीं हो सकेगी। इसके अलावा नए विकास कार्यों की घोषणा व टेंडर जारी नहीं कर पाएंगे। नई नीलामी भी नहीं कर पाएगा। इसके अलावा वृद्धावस्था व विधवा पेंशन के नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे और न ही नए पीपीओ जारी हो सकेंगे।
सांसद रघुवीर मीणा ने नाराज कांग्रेसियों से मांगी माफी
मीणा ने कहा जीता तो सुधारूंगा गलतियां, असंतुष्टों ने कहा ये है नाकाफी
उदयपुर। लोकसभा चुनाव में अपना टिकट पक्का मान चुके उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा इन दिनों नाराज कांग्रेसियों को मनाने में लग गए हैं। श्री मीणा के निवास पर कांग्रेस की विभिन्न कमेटियों के पदाधिकारियों की गुप्त बैठकों का दौर जारी है, जहां से मान मनौवल की जा रही हैं, वहीं कई नाराज कांग्रेसी पदाधिकारियों ने इन बैठकों का बहिष्कार किया है, वहीं कई ने रघुवीर मीणा के माफी मांगने की बात को स्वीकार किया है।
16वीं लोकसभा के लिए सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू कर दिया हैं। वहीं कुछ पार्टियों में जिताऊ उम्मीदवार की खोज भी चल रही है। कांग्रेस की तरफ से भी राजस्थान में छह उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी हैं, जिसमें चित्तौड़ से केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास को दूसरी बार मौका दिया गया है। उदयपुर सीट के लिए सांसद रघुवीर मीणा का नाम लगभग तय माना जा रहा है। इसलिए श्री मीणा के निवास पर पिछले तीन दिनों से कांगे्रसियों की गुप्त बैठकों का दौर जारी है। पता चला है कि सांसद ने अपनी गलतियों की माफी मांगते हुए सभी को साथ रहने की अपील भी की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि जीत गया, तो सारी गलतियों को सुधारूंगा। रविवार सुबह सभी विधानसभा चुनाव में अपने वार्डों से हारे और जीते हुए कांग्रेस पार्षदों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों की अनुपस्थिति रही। बैठक में गए पार्षदों ने बाद में कहा कि सभी रघुवीर मीणा के साथ हैं और अपने वार्डों से जीताने का भरसक प्रयास करेंगे।
पांच साल तक हमें पूछा तक नहीं तो हम अब क्यों साथ दें! : रघुवीर मीणा से नाखुश आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों में से कुछ का मानना है कि पांच सालों तक सांसद ने हमे पूछा तक नहीं, हमारा एक भी काम नहीं किया ना ही कभी वार्ड में आकर जनता से मिले, तो अब हम क्यों साथ दे। जनता से कैसे कांग्रेस के नाम पर वोट मांगेंगे, नाम नहीं बताने की शर्त पर तीन पार्षदों ने कहा कि अगर मीणा को टिकट मिलता है, तो वह गिरिजा व्यास के चुनाव में प्रचार करने जाएंगे।
जिलाध्यक्ष के नाम से लिए गए पैसे किसके पास? : विधानसभा चुनाव के दरमियान जिलाध्यक्ष ने चार हजार रुपए फोटो कॉपी के नाम से लिए थे। यह बात काफी दिनों से चर्चा में हैं, लेकिन शनिवार को रघुवीर मीणा के यहां हुई दिग्गजों की बैठक में इस बात पर खूब हंगामा हुआ। वरिष्ठ कांग्रेसी रामचंद्र मेनारिया की डायरी में इस राशि को जिलाध्यक्ष द्वारा लिए जाने का हवाला है, लेकिन वह पैसे किसके पास है? इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई। भूषण श्रीमाली ने कहा कि दिनेश दवे ने नीलिमा सुखाडिय़ा के घर पर उससे फोटो कॉपी के नाम से पैसे लिए बाद में क्या हुआ? उन्हें नहीं पता। जब दिनेश दवे से पूछा गया तो वह चुप्पी साधे रहे, जबकि नीलिमा ने कहा कि यह दोनों बेवजह मुझे बदनाम कर रहे हैं।
॥मैंने दिनेश दवे को चुनाव के दरमियान चार हजार रुपए दिए थे। दवे ने कहा कि वोटर लिस्टों की फोटो कॉपी के लिए चार हजार रुपए चाहिए। बाद में वह मुझे नीलिमाजी के घर लेकर गया और वहां रुपए लिए थे।
-भूषण श्रीमाली, कांग्रेस कार्यकर्ता
सचिन पायलट उदयपुर आए थे, तब भी मुझ पर लगे आरोप की बात उठाई थी। शनिवार को भी रघुजी के यहां बैठक में यह बात उठाई थी। दिनेश श्रीमाली ने कहा कि रामजी बाऊ जी की डायरी में आपको चार हजार रुपए दिए, इसका हवाला है। बाद में भूषण श्रीमाली ने दिनेश दवे को मेरे नाम से पैसे देने की बात स्वीकारी, लेकिन दवे कुछ नहीं बोला। भूषण श्रीमाली और दिनेश दवे में से किसने मेरे नाम से रुपए लिए, इसकी जांच होनी चाहिए। मुझे बेवजह बदनाम किया जा रहा है, जो काफी गलत है।
-नीलिमा सुखाडिय़ा,जिलाध्यक्ष।
मुझे इस घटना की बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं आपसे बाद में आकर मिलता हूं।
-दिनेश दवे, पूर्व प्रवक्ता शहर
होली के रंग नेताजी के संग
॥ दुकानों पर बिक्री के लिए उपलब्ध विभिन्न रंगों की नमो गुलाल
॥ बाजार में सज गई फिल्मी सितारों के चित्र वाली पिचकारियां
उदयपुर। होली का रंग-रंगीला त्योहार बस एक सप्ताह बाद है, जिसका शहर पर खुमार चढ़ चुका है। अबीर-गुलाल की दुकानें सज चुकी हैं, तो पिचकारी और रंग भी मार्केट में चारों ओर नजर आने लगे हैं। मगर इस बार की होली कुछ खास है। लोकसभा इलेक्शन की डेट डिक्लेयर हो चुकी है, तो होली के रंगों और पिचकारी पर भी नेताजी का खुमार चढ़ा हुआ है।
नमो चाय के बाद बाजार में अब नमो गुलाल भी आ गई है। होली पर्व आते ही बाजार में गुलाल व फिल्मी सितारों के चित्रों वाली पिचकारियों की बिक्री शुरू हो गई है। दुकानदारों को इस बार नमो गुलाल की डिमांड ज्यादा रहने की उम्मीद है। रंग विक्रेता ने बताया कि नमो गुलाल सात रंगों में आई है। इस बार यह लोगों को आकर्षित करेगी। लाल, गुलाबी व केसरिया हर्बल गुलाल की डिमांड अधिक है। बुजुर्ग गुलाल-अबीर तथा युवा गुलाल व कलर से होली खेलते हैं। बाजार में कलाकारों के चित्र वाली पिचकारियों की भी डिमांड है। बाजारों में फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर व अभिनेता सलमान खान, आमिर खान के साथ ही सिंघम, दबंग टू एवं धूम थ्री की पिचकारियां काफी पसंद की जा रही है। पिचकारी विक्रेता ने बताया कि यह पिचकारियां दिल्ली, मेरठ व गुजरात के कई शहरों से मंगवाई जाती हैं। पिचकारियों में विशेष रूप से छोटा भीम, प्रेशर गन, टॉम एंड जैरी, जेम्स, डोरेमन ब्रांड, एलिफेंट, फिश, मोटर गन, बाइक गन, डॉग, कछुआ व मोबाइल के आकार की पिचकारियां भी बच्चों को लुभा रही है। बाजार में तीन रुपए से लेकर 125 रुपए तक की पिचकारियां उपलब्ध हैं।
दूर तक जाती है पानी के फुंवार : पंप वाली पिचकारी दो से पांच फीट लंबी होती है। सबसे लंबी पिचकारी करीब 30 फीट दूर खड़े व्यक्ति को रंग से भिगो सकती है।
रेट भी बजट में : ऐसा नहीं है कि चुनाव के तहत मार्केट में आई मोदी की पिचकारी और राहुल के रंग की डिमांड ज्यादा है। मोदी की पिचकारी जहां २० से ४० रुपए में बिक रहीं है, वहीं राहुल का रंग भी बहुत मंहगा नहीं हैं। गुलाल विक्रेता ने बताया कि क्वालिटी के अनुसार बाजार में छह से 150 रुपए किलो तक की गुलाल उपलब्ध है। अच्छी क्वालिटी की गुलाल चेहरे को नुकसान नहीं पहुंचाती है।
खरीददारों की भीड़ : होली नजदीक आने के साथ ही मार्केट में खरीददारों की भीड़ भी उमडऩे लगी है। यही वजह है कि कंपनीज ने चुनावी माहौल को भुनाने के लिए पॉलीटिकल पिचकारी मार्के ट में उतार दी है। वैसे मार्केट में आई राजनेताओं के नाम व चित्र की पिचकारी और रंगों की डिमांड अच्छी खासी हैं।
ज्योतिषियों में मोदी पर विवाद
उदयपुर। देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? यह सवाल हर भारतवासी के दिमाग में चल रहा है। कोई कहता है इस बार तो मोदी ही पीएम बनेंगे, तो कोई मोदी के नकारात्मक पक्ष को गिनाता है। चुनावों में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व रहता है। बडे़-बड़े नेता इस दरमियान ज्योतिषाचार्यों की शरण में जाते है और आंकड़ों की गणित बिठाने के प्रयास करते हैं। इस बार के चुनावों को लेकर भी ज्योतिषियों की अलग-अलग राय है। पिछले दो दिनों में उदयपुर के जवाहर नगर में हुए ज्योतिषियों के महासंगम में मोदी के नक्षत्रों के हिसाब से उनके प्रधानमंत्री नहीं बनने की घोषणा करके एक ज्योतिषी ने एक नई बहस को जन्म दे दिया, वहीं दूसरे ज्योतिषी ने किसी भी हाल में मोदी के ही प्रधानमंत्री बनने की बात पर मुहर लगा दी। दुबई के अशोक भाटिया ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं, नक्षत्र उनका साथ नहीं दे रहे हैं। हालाकि श्री भाटिया ने एनडीए की ही सरकार बनने का दावा किया है, लेकिन ताजपोशी किसी बुजुर्ग या महिला के सर होने की बात कही है। एेसे में माना जा रहा है कि अगर एनडीए सत्ता में आती है, तो लालकृष्ण आडवाणी या फिर सुषमा स्वराज को यह मौका मिल सकता है। वहीं ब्यावर के दिलीप नाहटा ने कुंडली के अनुसार मोदी को प्रधानमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार बताया है। उन्होंने कहा कि कुण्डली के हिसाब से मोदी ही प्रधानमंत्री बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य दिलीप ने कहा कि अभी तक उनकी ज्यादातर भविष्यवाणियां सही साबित हुई है।
अप्रैल में टीसी चाहिए, तो जून तक देनी होगी फीस!
उदयपुर। राज्य सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। निजी स्कूलों के इस लालची और सख्त रवैये से कई अभिभावक परेशान है। ऐसा ही मामला सामने आया है यूनिवर्सिटी रोड पर स्टेनवर्ड स्कूल का, जहां स्कूल से टीसी निकलवाने पर अभिभावकों से दो महीने की अतिरिक्त फीस मांगी जा रही है।
जानकारी के अनुसार कालका माता रोड निवासी किशन सिंह के पुत्र नव्यसिंह और प्राची सिंह स्टेनवर्ड स्कूल में नर्सरी व प्रथम कक्षा में अध्ययनरत है। किशन सिंह ने बताया कि वे अपने बच्चों को इस स्कूल से निकाल कर अन्य स्कूल में दाखिला करवाना चाहते हैं। जबकि स्कूल प्रशासन मई और जून माह की फीस अनुचित तरीके से मांग रहा है और फीस नहीं देने पर टीसी नहीं देने और बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने के लिए दबाव बना रहा है। किशनसिंह ने बताया कि स्कूल में जब दाखिला करवाया था, तब वह मई, जून 2013 की फीस जमा करा चुका है।
अब जब उसको अपने बच्चों को यहां नहीं पढ़ाना है और मार्च में ही अपने बच्चों को टीसी दिलाना चाहता है, तो फिर से मई, जून 2014 की फीस का अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। किशन सिंह ने अपनी शिकायत जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को भी लिखकर दी है।
:नियम के अनुसार स्कूल को 12 महीने की फीस लेने का अधिकार है। यह बात जिला कलेक्टर से मीटिंग में भी साफ कर ली गई है। हमने उनसे कोई अतिरिक्त फीस नहीं मांगी है। 12 महीने की फीस मांग रहे हैं।
-सत्य प्रकाश मूंदड़ा, डायरेक्टर स्टेनवर्ड स्कूल
:स्कूल प्रशासन अनुचित तरीके से मई-जून माह की फीस की मांग कर रहा है। जबकि मैं अपने बच्चों को मार्च एग्जाम के बाद स्कूल से निकालना चाहता हूं। तो फिर यह फीस क्यों दंू, जबकि मेरे बच्चे अध्ययनरत थे। उस वर्ष की मई और जून की फीस में दे चुका हूं।
-किशन सिंह, अभिभावक
पत्थर बाजी में छह गिरफ्तार, दो मामले दर्ज
उदयपुर। अंबामाता क्षेत्र में गत रात को हुए पत्थरबाजी में पुलिस ने दो मामले दर्ज करके दोनों पक्षों के आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्हें आज न्यायालय में पेश किया जाएगा।
जांच अधिकारी नारायणसिंह ने बताया कि बीती रात गांधीनगर क्षेत्र में एक ऑटो में सवार तीन बदमाशों ने समाज विशेष को लेकर अपशब्दों का प्रयोग किया, वहां से जा रहे एक व्यक्ति ने इसका विरोध किया। इस पर तीनों बदमाशों ने उसकी पिटाई कर दी। इस पर दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। दोनों तरफ से १५ से २० लोग वहां जमा हो गए। आपस में गाली-गलौज और पत्थरबाजी हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से लोगों को खदेडऩा शुरू कर दिया। पुलिस ने आज सुबह फारूख आजम कॉलोनी निवासी चंदा पत्नी श्यामजी व वहीं के रहने वाले मोहम्मद अजहर उर्फ मोगली की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों ही पक्षों के पृथ्वी पुत्र राकेश हरिजन, श्रवण हरिजन, बाबूलाल, मोहम्मद एजाज, वसीम, फारूख को गिरफ्तार किया है। इन सभी को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पैंथर आया तो क्या करेगा वन विभाग?
उदयपुर। वन विभाग के पास टे्रंक्वलाइजर्स का स्टॉक खत्म हो गया है। ऎसी स्थिति में अगर पैंथर या कोई बड़ा जानवर आबादी वाले इलाके में आ जाए तो विभाग कुछ नहीं कर पाएगा। नीमच और रानी रोड के आस-पास आए दिन पैंथर देखे जाने की सूचना आती रहती है।
यही नहीं, गत दिनों नाथद्वारा में पैंथर ने एक युवक को घायल कर दिया था। ऎसी स्थिति उदयपुर में आने पर विभाग की दिक्कतें दुगुनी हो जाएंगी। बडे जानवरों को काबू करने के लिए वन विभाग इंदौर से टे्रंक्वलाइजर मंगवाता है, लेकिन वहां भी टे्रंक्वलाइजर उपलब्ध नहीं है। उप वन संरक्षक सतीश शर्मा ने बताया कि छोटे जानवरों के लिए लो कंसन्टे्रट टे्रंक्वलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी भी सामान्य मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है, लेकिन बडे जानवरों को काबू करने के लिए हाई कंसन्टे्रट टे्रंक्वलाइजर की जरूरत होती है जो उदयपुर में उपलब्ध नहीं है। लेकिन हाल-फिलहाल इंदौर में भी हाई कंसन्टे्रट वाला टे्रंक्वलाइजर उपलब्ध नहीं है।
नहीं पकड़ा गया उत्पाती बंदर
डबोक एयरपोर्ट पर एक बंदर ने उत्पात मचा रखा है। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम शनिवार को बंदर को पकड़नेे के लिए एयरपोर्ट पहुंची, लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी बंदर पर काबू नहीं पाया जा सका। बताया गया कि बंदर को टे्रंक्वलाइजर चलाकर पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वह कूद कर किसी कोने में जा छिपा और बच कर निकल गया। विभाग की ओर से रविवार को फिर से कोशिश की जाएगी। इसके लिए एयरपोर्ट पर पिंजरा भी लगाया जाएगा।
अब लेकसिटी को “फॉल्ट फ्री” करने की तैयारी
उदयपुर। शहरवासियों को शीघ्र बिजली ट्रिपिंग की समस्या से निजात मिल सकती है। अजमेर विद्युत वितरण निगम ने फॉल्ट फ्री सिटी बनाने के लिए लेकसिटी में प्रयोग शुरू किया है। फिलहाल, ग्रिड गोद देकर सहायक अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की जा रही है। प्रयोग सफल रहने पर प्रदेश में इसे मॉडल के तौर पर अपनाया जाएगा। पहले चरण में शहर के 33/11 केवी ग्रिड स्टेशनों में से चार ग्रिड पर प्रयोगात्मक दौर चलेगा।
इसके लिए शहर के सभी सहायक अभियंता अपने-अपने जीएसएस का सर्वे करवा रहे हैं। देखा जाएगा कि, किस स्टेशन पर सबसे कम दिक्कतें आ रही हैं। सर्वे 24 मार्च तक पूरा होने के बाद पहले चरण में चार ग्रिड का चयन किया जाएगा। इसके बाद अभियंताओं से ग्रिड को फॉल्ट फ्री रखने के लिए होने वाले खर्च का एस्टीमेट बनना शुरू होगा। एस्टीमेट व रोड मेप आदि काम अपे्रल मध्य तक पूरा करने के लिए पाबंद किया गया है। जुलाई तक चार ग्रिड के फाल्ट फ्री होने की संभावना है। इसके बाद अन्य ग्रिड हाथ में लिए जाएंगे।
एईएन को गोद
योजना को प्रभावी बनाने के लिए सम्बन्घित सहायक अभियंताओं को ग्रिड गोद दिए जाकर उनकी देखरेख में सारा काम काज होगा। इसके बाद भी ग्रिड पर उनकी नजर रहेगी।
यह होगा फायदा
बार बार ट्रिपिंग के चलते मरम्मत के लिए लाइन से जुड़े अन्य उपभोक्ताओं को भी शटडाउन का सामना करना पड़ता है। चूंकि दुनिया की प्रमुख पर्यटन नगरी है अत: विदेशी पर्यटक भी शहर की अच्छी छवि लेकर लौटेंगे।
यूं होगा ट्रिपिंग लेस
अमूमन ट्रिपिंग की समस्या का कारण ग्रिड स्टेशन व विद्युत लाइन को लेकर है। फेस टू अर्थिग के चलते लाइन फाल्ट की समस्या आम है। इस योजना में ग्रिड पर तकनीकी समस्याओं को दिखवाकर उन्हें आधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा। साथ ही फेस टू अर्थिग समस्या के निपटारे के लिए लाइनों को मेंटेन करवाया जाएगा। पतले तारों के स्थान पर जरूरी होने पर मोटे तार वाली लाइन डाली जाएगी। इंसूलेटर सिस्टम को भी बेहतर करवाने का प्रावधान किया है।