कैसे दिखें चश्में में सुन्दर? – nicc beauty tips

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sweeti-chhabaraस्मार्ट, जिंदादिल तथा प्रबुद्ध दिखाई देने के लिए चश्मा पहनना एक शानदार तरीका है। अपनी भौहें साफ रखने तथा अच्छी शेप में रखने से चश्मा पहनने के बावजूद आपकी आंखें विशिष्ट व अच्छी दिखाई देंगी। बीच के खाली स्थान को भरा दिखाई देने के लिए आईब्रो पाउडर व भौहों के सुव्यवस्थित दिखने के लिए ब्रो लाइनर का इस्तेमाल करें। चश्मा आपकी आंखों के नीचे काले घेरे, झुर्रियाँ या खामियों को उजागर करता है। काले घेरे और दाग-धब्बों से बचने के लिए, हल्के काले घेरों व धब्बों पर थोड़ा सा याने बूंद भर कन्सीलर रखें। मेकअप स्पंज को इसके साथ मिला लें। यहाँ चश्मे में खूबसूरत दिखाई देने के लिए nicc की डायरेक्टर स्वीटी छाबड़ा कुछ टिप्स बता रही है जिससे चश्मे पहनने के बाद भी आपका बोल्ड लुक सबको आकर्षित करेगा ।
1.अपनी भौहों को व्यवस्थित रखें अपनी भौहें साफ रखने तथा अच्छी शेप में रखने से चश्मा पहनने के बावजूद आपकी आंखें विशिष्ट व अच्छी दिखाई देंगी। बीच के खाली स्थान को भरा दिखाई देने के लिए आईब्रो पाउडर व भौहों के सुव्यवस्थित दिखने के लिए ब्रो लाइनर का इस्तेमाल करें।

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2. कन्सीलर का प्रयोग करें चश्मा आपकी आंखों के नीचे काले घेरे, झुर्रियाँ या खामियों को उजागर करता है। काले घेरे और दाग-धब्बों से बचने के लिए, हल्के काले घेरों व धब्बों पर थोड़ा सा याने बूंद भर कन्सीलर रखें। मेकअप स्पंज को इसके साथ मिला लें।

3. सही आई शेडो का प्रयोग करें वह रंग पहनें, जो आपके चश्मे के फ्रेम का पूरक हो। यदि आप अपनी आंखों व चश्मा दोनों को हाइलाइट करना चाहती हैं, तो वह शेड चुनें जो आपके चश्मे के फ्रेम के रंग के विपरीत हो। स्वाभाविक दिखाई देने के लिए तटस्थ रंगों को ही अपनाएं।

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4.आईलाइनर का प्रयोग करें अपनी आँखों को पॉप बनाने के लिए, आईलाइनर लगाएं। अपनी आंखों के केवल किनारों को ही लाइन करना सुनिश्चित करें तथा कोई धुंधला प्रभाव नहीं पैदा होना चाहिए। आप तेजस्वी दिखाई पड़ें न कि डरावनी।

 

 

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5.बोल्ड लिप कलर का प्रयोग करें अपना सारा ध्यान चश्मे पर ही न लगाएं। इसलिए यदि आप एक भूरे रंग या एक काले रंग का फ्रेम पहनती है,तो गहरे लाल या एक हाट गुलाबी जैसा गहरा रंग होठों पर लगाऩे के लिए चुनें। यदि आप रंगीला फ्रेम चुनती हैं,तो गुलाबी जैसे रंग को चुनें।

6. बालों को सही रखें ध्यान रखें कि आधे बाल ऊपर तथा आधे लटका कर रखना अच्छा रहता है।क्या लड़कियों के लिए चश्मे से चिपके रहना अच्छा है। चेहरा के अनुसार या तो बालों को खुला छोड़ दें, या उन्हें हल्के जूड़े में बांधे अथवा चोटी बना लें..और बहुत अच्छी दिखाई देंगी।

भरारी’’ की खामोशी से कही मानव के विकास की गाथा

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उदयपुर,। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ में नाट्यशाला मुंबई के बाधित कलाकारों ने मेक नाटक ‘‘भरारी’’ में मानव के पिकास की गाथा को एक अनूठे अंदाज में बयां किया। संवाद विहीन इस प्रस्तुति में आंगिक अभिनय व संगीत प्रभाव सम्प्रेषण का प्रमुख स्रोत बन सका।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में रविवार शाम मुंबई के बाधित कलाकर्मियों ने भरत मोरे व अन्वय आष्टीवकर की संकल्पना व निर्देशन को श्रेष्ठ ढंग से मंच पर रूपायित किया। ‘‘भरारी’’ अर्थात उड़ान! इस प्रस्तुति में आकाशगंगा, पृथ्वी, सूर्य, चन्द्रमा के उदय से ले कर पृथ्वी पर जल, वनस्पति व जीवों के उद्भव के साथ-साथ वन युगीन मानव स ेले कर आज के मानव की संस्कृति को रोचक व सशक्त तरीके से अभिनीत किया गया।

प्रस्तुति में पाषाण युग, अग्नि की खोज, चक्र कर आविष्कार, प्शुपालन, यातायात के साधनों का विकास तथा विज्ञान के विकास की गाथा को अभिव्यक्त किया गया। कुशल प्रकाश संयोजन तथा ध्वनि प्रभाव ने प्रस्तुति को रोचक बनाने के साथ दर्शकों को बांधे रखा। आखिर में अंतरिक्ष की यात्रा के साथ प्रस्तुति का समापन हुआ। रंग दर्शक एक टक हो रक एक-एक घटनाक्रम को देख रहा था वहीं नवीन आविष्कारों विशेषकर मोटर साइकिल, आइपराइटर, कंप्यूटर, बिजली आदि के आविष्कार के दृश्यों पर दर्शकों ने करतल ध्वनि से कलाकारों का अभिवादन किया।
प्रस्तुति में संगीत आशीष गाडे, भरत मोरे व अन्वय आष्टीवकर का था प्रकाश योजना अरूण मडकईकर तथा वेश विन्यास मयूरी मोहिते, नीलम पोटे व प्राची भाट का था। सफेद रंगे मुख के आवरण के पीछे कलाकारों में मनाली खरे, पूजा भाट, अलका आलोलकर, प्राजक्ता पेंडुलकर, श्वेता शाह, आमी सिंग, पंकज लाड, नीलेश नयक, श्रीकांत जाधव, मंजूर शेख, सचिन सालूखे, विनोद कारकर, विशाल जाधव, शिवशंकर गवली, मोहन देवाडीगा, नवनीत कांडर, अमित पोर्टे, पृथ्वी केशरी, अंकित म्हात्रे, नीलम पेटे, मयूरी मोहिते व भरत मोरे शामिल हैं। प्रस्तुति के उपरान्त केन्द्र निदेशक श्री शैलेन्द्र दशोरा ने कलाकारों का माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया।

 

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जे. एस. जी. अरावली द्वारा डांडिया ब्लास्ट 2013 का आयोजन

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उदयपुर, जैन सोश्यल ग्रुप अरावली, उदयपुर द्वारा नवरात्रि स्थापना के उपलक्ष में एक दिवसीय डांडिया का आयोजन सौ फीट शोभागपुरा रोड, उदयपुर स्थित अशोक पैलेस में किया गया। जिसमें ग्रुप के सभी दम्पति सदस्यों ने सपरिवार विभिन्न पारम्परिक वेशभुषा में डांडिया डांस व माता भक्ति
का आनन्द लिया।डांडिया नृत्य युगल को इनाम स्वरूप रणकपुर स्थित माना होटल के एक दिन का पैकेज दिया गया व बेस्ट डांडिया ड्रेस में वैली व्यु होटल,प्रतापनगर, उदयपुर का एक दिन का पैकेज दिया गया। इसके अलावा बच्चों व बड़ो को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार वितरित किये गए।
निर्णायक के रूप में जे. एस. जी. मेवाड के अध्यक्ष गोखरू सा. को सपत्नी आमंत्रित किया गया।इससे पूर्व इस वर्ष पयूर्षण पर्व पर तप आराधना व उपवास करने वाले सदस्यों का सम्मान ग्रुप के फाउण्डर अध्यक्ष अनुभव चौधरी द्वारा किया गया। ग्रुप अध्यक्ष नितिन जैन द्वारा सभी का स्वागत किया गया। उपाध्यक्ष अमित कोठारी ने आगामी ब्लड डोनेशन केम्प व सम्मेद शिखर यात्रा कार्यक्रम की जानकारी दी। सभी ने विभिन्न स्वादिष्ट चटपटे व्यजनों का आनन्द लिया। अन्त में सचिव अनुपम लुहाडिया द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।

विषानागर नवयुवक समिति का वार्षिक समारोह

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उदयपुर ! पुराने गीतों का सफर, मस्ती का झोंका, जोष में थिरकते कदम और हौसला आफजाई करती करतल ध्वनि। यह सब था विषानागर नवयुवक समिति के 25वें वार्षिकोत्सव एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में।
शनिवार अर्धरात्री बाद तक चले इस भव्य रंगारंग कार्यक्रम में पारख समाज के बच्चों तथा महिलाओं ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेन्द्र भाई मेहता, पुना थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पारख समाज के पंचायत अध्यक्ष नवनीतदास पारख ने की। विषिष्ट अतिथि श्रीमती आषा बेन पारिख थी।
कार्यक्रम में एकल व समूह नृत्य, गरबा रास, पुराने दिवंगत कलाकारों की याद में गीतों का सफर नामा आदि ने समाज के लोगों को देर रात्री तक जम रहने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में समिति अध्यक्ष अनिल पारख, सचिव ललित पारख, कोषाध्यक्ष अषोक पारख ने अतिथियों का स्वागत किया।
समिति के सचिव ललित पारख ने बताया कि वार्षिकोत्सव के अन्तिम दिन अक्षत, हल्दी, कंकु से आरती की थाली सजावट की स्पर्धा में महिलाओं ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम में विभिन्न स्पर्धाओं के विजेता प्रतिभागियों तथा समाज में कक्षावार प्रथम व द्वितीय रही प्रतिभाओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन रचना एवं भाग्यश्री ने किया। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद की रस्म अध्यक्ष अनिल पारख ने अदा की।

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धूमधाम से मनाई अग्रसेन जयंती

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उदयपुर। अग्रवाल समाज की और से अराध्य देव महाराज अग्रसेन की जयंती बड़े धूम धाम और पारंपरिक तरीके से मनाई गयी । इस मोके पर शहर भर में विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी जिसमे हजारों समाज जनों ने भाग लिया जगह जगह स्वागत द्वार लगे थे to हर जगह शोभायात्रा के स्वागत के लिए शहर वासी खड़े हुए थे।

मुख्य संयोजक आर.पी. गुप्ता ने बताया कि आरएमवी परिसर में हवन, पूजन, आरती और झंडारोहण के बाद 9 बजे शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा सिंधी धर्मशाला, सारंग मार्ग, अग्रसेन बाजार, सूरजपोल, अस्थल चौराहा, झीणीरेत चौक, लखारा चौक, बापू बाजार, सूरजपोल चौराहा से गुजरी।शोभायात्रा में कई तरह की झांकियां सजाई गई, वहीं बैंड धुनों पर युवा और बच्चे झूमते हुए चले। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी मौजूदगी रही। महिला, पुरुष विशेष परिधानों में नजर आए।
इधर, प्रवासी अग्रवाल समाज समिति द्वारा शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन सुखाडिय़ा रंगमंच टाउन हॉल पर आयोजित करने की तैयारियां की गई है। मीडिया प्रभारी अनिल अग्रवाल ने बताया कि हर साल अग्रसेन जयंती पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज के बच्चों, युवाओं द्वारा जोरदार प्रस्तुतियां दी जाती है। आयोजन में समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान भी किया जाना तय किया गया है।

चुनावी घमासान शुरू : उदयपुर जिले में कांग्रेस का पलड़ा भारी

उदयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि (एक दिसंबर, २०१३) की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है, जिससे कई सारी बातों को छोड़कर चुनाव-चर्चा ने विशेष प्रमुखता प्राप्त कर ली है। इस चर्चा में सर्व प्रथम हम उदयपुर जिले की आठ सीटों का वर्तमान क्रसिनेरियोञ्ज प्रस्तुत कर रहे हैं।

उदयपुर: यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के पास है। इन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस के पास लालसिंह झाला, नीलिमा सुखाडिय़ा और सुरेश श्रीमाली ही सर्वाधिक मजबूत प्रत्याशी माने गए हैं। फिर भी इनकी जीत सुनिश्चित नहीं हैं।

उदयपुर (ग्रामीण): इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती सज्जन कटारा बैठी हुई है। दावेदारी देवेंद्र मीणा ने भी की है। इनको चुनौती देने के लिए भाजपा के पास श्रीमती वंदना मीणा को ही टिकाऊ उम्मीदवार माना जा रहा है। सज्जन कटारा यह सीट निकाल सकती है।

सलूंबर: इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती बसंती देवी मीणा बैठी हुई है, ये सांसद रघुवीर मीणा की पत्नी है। यहां से रघुवीर मीणा व रेशमा मीणा की दावेदारी को ठीक माना गया है, जिन्हें भाजपा के अर्जुनलाल मीणा अथवा अमृत मीणा टक्कर देने के लिए तैयार बैठे हैं। वैसे रघुवीर मीणा यह सीट निकाल सकते हैं।

गोगुंदा: इस आरक्षित सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस के मांगीलाल गरासिया ने विजयश्री हासिल करके राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किया है। श्री गरासिया को लोहे के चने चबवाने के लिए भाजपा में महावीर भागोरा और चुन्नीलाल गरासिया का दावा ठीक माना गया है। इस सीट पर कड़ी टक्कर रहेगी।

खेरवाड़ा: इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के डॉ. दयाराम परमार का वर्चस्व है। इनको टक्कर देने के लिए भाजपा के पास नानालाल अहारी ही एकमात्र विकल्प है। यहां कांग्रेस मजबूत है।

वल्लभनगर: यह सीट वर्तमान में कांग्रेस के गजेंद्रसिंह शक्तावत के पास है, जो राजस्थान सरकार के सचेतक है। इनके अलावा सूरजमल मेनारिया और अशोक जैन ने भी मजबूत दावेदारी पेश की है। दूसरी तरफ भाजपा के आकाश वागरेचा, गीता पटेल और रणधीरसिंह भींडर ने चुनौती स्वीकार की है। यहां कांग्रेस की हालत पतली है।

मावली: यह सीट कांग्रेस के पुष्कर डांगी के पास है, जिनका क्षेत्र में काफी विरोध है। इनके अलावा कांग्रेस के पास शांतिलाल चंडालिया और गोपाल सिंह का विकल्प मौजूद है। उधर, भाजपा के पास धर्मनारायण जोशी और शांतिलाल चपलोत ही ऐसे प्रत्याशी हैं, जो यह सीट निकाल सकते हैं।

झाड़ोल: इस आरक्षित सीट पर भाजपा के बाबूलाल खराड़ी विधायक है। इनको कांग्रेस के सुनील भजात और हीरालाल दरंगी में से कोई भी एक चुनौती देने में सक्षम माना जा रहा है। यहां भी कड़ी टक्कर है।

यह प्रारंभिक आकलन है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर के साथ ही कांग्रेस का पलड़ा अपेक्षाकृत भारी दिखाई पड़ रहा है।

चुनावी घमासान शुरू : उदयपुर जिले में कांग्रेस का पलड़ा भारी

उदयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि (एक दिसंबर, २०१३) की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है, जिससे कई सारी बातों को छोड़कर चुनाव-चर्चा ने विशेष प्रमुखता प्राप्त कर ली है। इस चर्चा में सर्व प्रथम हम उदयपुर जिले की आठ सीटों का वर्तमान क्रसिनेरियोञ्ज प्रस्तुत कर रहे हैं।

उदयपुर: यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के पास है। इन्हें टक्कर देने के लिए कांग्रेस के पास लालसिंह झाला, नीलिमा सुखाडिय़ा और सुरेश श्रीमाली ही सर्वाधिक मजबूत प्रत्याशी माने गए हैं। फिर भी इनकी जीत सुनिश्चित नहीं हैं।

उदयपुर (ग्रामीण): इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती सज्जन कटारा बैठी हुई है। दावेदारी देवेंद्र मीणा ने भी की है। इनको चुनौती देने के लिए भाजपा के पास श्रीमती वंदना मीणा को ही टिकाऊ उम्मीदवार माना जा रहा है। सज्जन कटारा यह सीट निकाल सकती है।

सलूंबर: इस सीट पर कांग्रेस की श्रीमती बसंती देवी मीणा बैठी हुई है, ये सांसद रघुवीर मीणा की पत्नी है। यहां से रघुवीर मीणा व रेशमा मीणा की दावेदारी को ठीक माना गया है, जिन्हें भाजपा के अर्जुनलाल मीणा अथवा अमृत मीणा टक्कर देने के लिए तैयार बैठे हैं। वैसे रघुवीर मीणा यह सीट निकाल सकते हैं।

गोगुंदा: इस आरक्षित सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस के मांगीलाल गरासिया ने विजयश्री हासिल करके राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किया है। श्री गरासिया को लोहे के चने चबवाने के लिए भाजपा में महावीर भागोरा और चुन्नीलाल गरासिया का दावा ठीक माना गया है। इस सीट पर कड़ी टक्कर रहेगी।

खेरवाड़ा: इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के डॉ. दयाराम परमार का वर्चस्व है। इनको टक्कर देने के लिए भाजपा के पास नानालाल अहारी ही एकमात्र विकल्प है। यहां कांग्रेस मजबूत है।

वल्लभनगर: यह सीट वर्तमान में कांग्रेस के गजेंद्रसिंह शक्तावत के पास है, जो राजस्थान सरकार के सचेतक है। इनके अलावा सूरजमल मेनारिया और अशोक जैन ने भी मजबूत दावेदारी पेश की है। दूसरी तरफ भाजपा के आकाश वागरेचा, गीता पटेल और रणधीरसिंह भींडर ने चुनौती स्वीकार की है। यहां कांग्रेस की हालत पतली है।

मावली: यह सीट कांग्रेस के पुष्कर डांगी के पास है, जिनका क्षेत्र में काफी विरोध है। इनके अलावा कांग्रेस के पास शांतिलाल चंडालिया और गोपाल सिंह का विकल्प मौजूद है। उधर, भाजपा के पास धर्मनारायण जोशी और शांतिलाल चपलोत ही ऐसे प्रत्याशी हैं, जो यह सीट निकाल सकते हैं।

झाड़ोल: इस आरक्षित सीट पर भाजपा के बाबूलाल खराड़ी विधायक है। इनको कांग्रेस के सुनील भजात और हीरालाल दरंगी में से कोई भी एक चुनौती देने में सक्षम माना जा रहा है। यहां भी कड़ी टक्कर है।

यह प्रारंभिक आकलन है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर के साथ ही कांग्रेस का पलड़ा अपेक्षाकृत भारी दिखाई पड़ रहा है।

मीरा गर्ल्स कोलेज में केम्पस इंटरव्यू

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उदयपुर. संभाग के सबसे बड़े कन्या महाविद्यालय मीरा कन्या महाविद्यालय में पहली बार केम्पस इंटरव्यू का आयोजन किया गया है । कोलेज में आईटी सेक्टर से जुडी १२ कम्पनियाँ आई हुई है । शनिवार को हुए केम्पस इंटर व्यू में छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया । केम्पस प्लेसमेंट को लेकर छात्राएं खासी उत्साहित नज़र आई । यह पहला मोका है जब मीरा कन्या महाविद्यालय में केम्पस प्लेसमेंट आयोजित किया जा रहा है ।
१२ आई टी सेक्टर की कम्पनियाँ उदयपुर सहित राज्य भर से आई हुई है। शनिवार को हुए पहले दिन छात्राओं की तय्यारी और उत्साह को देख कर कंपनियों के प्रतिनिधियों का कहना है की । उन्हें चयन प्रक्रिया में काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी ।
खुद को बेहतर साबित करने के फेर में इन छात्राओं ने भी जबरदस्त तैयारियां की है। इंटरव्यू के दौरान अपनी बारी का इंतजार करने से पहले आईटी सेक्टर से जुड़े विभिन्न कंसेप्ट को भी क्लियर कर लिया था।
साक्षात्कार देकर आई एक छात्रा ने बताया कि कंपनियों के प्रतिनिधियों ने काफी सामान्य प्रश्न पूछे हैं। उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, यहां के संचार माध्यम और प्रमुख कंपनियों की जानकारी के अतिरिक्त यहां के खान पान और रीति रिवाज से जुड़े प्रश्न पूछे।

 

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विधि छात्रों ने ली बाल एवं किशोर संरक्षण की जानकारी

उदयपुर। विधि महाविद्यालय के छात्रों ने क्रक्रकिशोर सुधार गृहञ्जञ्ज का अवलोकन किया और निराश्रित बाल गृह एवं इससे जुड़े सभी नियमों एवं धाराओं की जानकारी प्राप्त की। किशोर सुधार गृह के अध्यक्ष ईश्वरीय प्रसाद वर्मा विधि ने संघर्षरत किशोर एवं किशोरियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्री मीना वीर चंदानी, जो सम्पे्रषण गृह की अध्यक्ष है ने छात्र छात्राओं को संरक्षण के अधिकारी बालक बालकों के बारें में विस्तृत जानकारी दी। इस अध्ययन कार्य में विधि महाविद्यालय के विधि शास्त्र के व्याख्याता डॉ. धर्मेश जैन की निगरानी रही। इस में महाविद्यालय के एल एल बी द्वितीय एवं अंतिम वर्ष के छात्र छात्रा शामिल थे। इसमें नेता निशान्त बागड़ी एवं सुरेन्द्र सिंह राठौड़ भी शामिल थे।

शारीरिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची संबंधित आपत्तियां आमंत्रित

उदयपुर। शिक्षा उपनिदेशक (माध्यमिक) कार्यालय उदयपुर मंडल के अधीन जिला शिक्षाधिकारियों द्वारा प्रसारित तृतीय वेतन श्रृंखला शारीरिक शिक्षकों की स्थायी वरिष्ठता सूची के आधार पर मंडल स्तरीय मिश्रित (पुरूष-महिला) 1971-2008 तक की अस्थाई वरिष्ठता सूची प्रसारित कर 15 दिन में आपत्तियां आमंत्रित की गई है। प्रभावित कार्मिक अपनी आपत्तियां संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से उक्त कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। प्राप्त आपत्तियों का नियमानुसार निराकरण करते हुए अस्थायी वरिष्ठता सूची स्थायी घोषित की जाएगी। शिक्षा उपनिदेशक (माध्यमिक) भरत मेहता ने बताया कि संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं संस्था प्रधान इस अस्थायी सूची का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर कार्मिकों को दिखाने के प्रमाण स्वरूप हस्ताक्षर प्राप्त करेंगे। इसके बाद प्राप्त आपत्तियों का जिला स्तरीय वरिष्ठता सूची में परीक्षण कर समस्त पत्रादि के प्रांरभिक शिक्षा सहित संकलित कर निर्धारित अवधि के पूर्व कार्यालय को भिजवा दिया जायेगा। आपत्ति निराकरण के वक्त जिले की मूल वरिष्ठता साथ ले जाना आवश्यक है।