गुजरात चुनाव की तीन देवियाँ

गुजरात विधान सभा चुनावों में कौन हैं वो तीन देवियाँ जो राजनीति के मैदान में अचानक प्रकट हो गईं हैं. किन सीटों से खड़ीं हैं यह देवियाँ और किसे मिलेगा इनका श्राप या आशीर्वाद.

 

 

श्वेता भट्ट

 

श्वेता भट्ट का ना राजनीति से ना ही कॉंग्रेस पार्टी से अब तक कोई खुला या लंबा नाता रहा है.

गुजरात के चर्चित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट क्लिक करें नरेन्द्र मोदी को उनके गढ़ मणि नगर से चुनौती दे रहीं है. श्वेता के पति संजीव भट्ट की प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से ठनी हुई है. श्वेता भट्ट ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया है.

संजीव भट्ट नरेन्द्र मोदी को गुजरात में साल क्लिक करें 2002 में हुए दंगों का ज़िम्मेदार ठहराते रहे हैं. भट्ट को गुजरात सरकार उनके आरोप लगाने के बाद एक अन्य मामले में जेल भी भेज चुकी है.

 

श्वेता भट्ट का ना राजनीति से ना ही कॉंग्रेस पार्टी से अब तक कोई खुला या लंबा नाता रहा है. यह उनकी पहली राजनीतिक पारी होगी.

 

इस चुनाव में यह उम्मीद किसी को नहीं है की वो नरेन्द्र मोदी को पछाड़ना तो दूर उनकी मणि नगर सीट पर मोदी को परेशान भी कर पाएंगी. कॉंग्रेस इस टिकट से एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रही है जो कि गुजरात ही नहीं गुजरात के बाहर भी काम करे.

 

भारतीय जनता पार्टी के अनुसार श्वेता भट्ट के लड़ने से यह साफ़ हो गया है की उनके पति द्वारा लगे गए सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे.

 

जागृति पंड्या

 

जागृति का कहना है कि वो अपने पति के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए लड़ रही हैं.

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता स्वर्गीय क्लिक करें हरेन पंड्या की पत्नी जागृति केशु भाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी के टिकट से अहमदाबाद के एलिसब्रिज क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं. उनके खिलाफ होंगे नरेन्द्र मोदी के ख़ास माने जाने वाले विवादास्पद नेता अमित शाह.

गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री रहे हरेन पंड्या एक ज़माने में नरेन्द्र मोदी के बेहद नज़दीकी थे. राजनीतिक पत्रकार अजय उमठ का कहना है कि पंड्या को पहला विधानसभा का टिकट दिलाने वाले मोदी थे. बाद में पंड्या केशुभाई पटेल और संजय जोशी के पक्के समर्थक हो गए और मोदी के राजनीतिक शत्रु.

 

साल 2003 में वो रहस्यमय हालात में अपनी कार में मृत पाए गए. कथित रूप से उनकी हत्या ‘चरमपंथियों’ ने की थी, लेकिन उनकी हत्या के आरोप में पकड़े गए सभी लोगों को अदालत ने निर्दोष करार दे दिया. अभी तक यह नहीं पता लगा है कि उनकी हत्या के पीछे कौन था.

 

जागृती पंड्या का कहना है कि उनके पति के हत्यारों को पकड़ने में किसी ने कोई रूचि नहीं दिखाई और अब वो न्याय के लिए और अपने पति के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए लड़ रही हैं.

 

जागृति भी जीतेंगी इसकी संभावना बहुत ही कम है लेकिन उनके माध्यम से उनकी पार्टी चर्चा में तो आ ही जायेंगी और अगर वो जीत गईं तो यह शायद गुजरात चुनावों के सबसे बड़े उलट फेर में से एक माना जाएगा.

 

संगीता पाटिल

 

 

संगीता पाटिल गुजरात के सूरत की लिंबायत सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरीं हैं. राजनीतिक अनुभव के नाम पर उनके खाते में केवल नरेन्द्र क्लिक करें मोदी समर्थक महिला मंडल की उपाध्यक्ष होना लिखा है. इस संगठन का दावा है कि उनकी सदस्य संख्य 75000 है.

 

इस संगठन की महिलाओं को कमल फूल बनी साड़ियाँ पहन कर नरेन्द्र मोदी और भाजपा की रैलियों में शिरकत करने के लिए सबसे ज़्यादा जाना जाता है.

 

किसी ज़माने में एक स्थानीय केबल टीवी चैनल की मराठी भाषी यह नेता अपना टिकट घोषित होने के बाद भाजपा के स्थानीय कार्यकार्ताओं के गुस्से का निशाना बनी.

 

लिंबायत सीट पर यूं तो मराठी भाषी मतदाताओं का खासा जोर है लेकिन भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता उन्हें बाहरी करार दे रहे हैं.

 

स्थानीय नेता उन्हें महज़ सी आर पाटिल का शिष्य करार दे रहे हैं उससे ज़्यादा कुछ नहीं.

 

पाटिल के जीतने की संभावना पंड्या और भट्ट से ज़्यादा है. अव्वल तो वो भाजपा के टिकट पर एक ऐसी सीट से लड़ रही हैं जहाँ शहरी मतदाता ज़्यादा है जिसमे भाजपा की काफी पैठ है.

 

दूसरे उनके खिलाफ कॉंग्रेस और एनसीपी दोनों ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं जिससे भाजपा विरोधी मतों के बंटवारे की संभावना बढ़ गयी है.

 

एनसीपी ने जहाँ राजदीप उर्फ़ ज़हीर खान पठान को चुनाव में उतारा है वहीं कॉंग्रेस के टिकट से मराठी दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेता सुरेश सोनवाने मैदान में हैं.
सो . बी बी सी

सावधानी के साथ जरुरी हे जागरूकता !

विश्व एड्स दिवस पर सामुदायिक केंद्र साकरोदा में व्याख्यानमाला

उदयपुर. एड्स एक धीमी और जानलेवा बिमारी है। इसका असर श्वेत रक्त कोशिकाओं में संक्रमण के दस वर्षों बाद सामने आता है। तब तक यह रोग पूरे शरीर में फैल चुका होता है। वैज्ञानिक स्तर पर इसके प्रति सावधानी रखना आवश्यक है, साथ ही लोगों को इस बिमारी के प्रति जागरुक करना भी आवश्यक हो चुका है। यह जानकारी राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने दी। अवसर था, सामुदायिक केंद्र साकरोदा में विश्व एड्स दिवस पर आयोजित एक दिवसीय व्याख्यानमाला का। इस अवसर पर आदिवासी महिलाओं ने ढोल नगाड़ो के साथ रैली निकाली तथा लोगों को इस रोग के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक डॉ. मंजू मांडोत थीं तथा अध्यक्षता डॉ. ललित पांडे ने की। इस अवसर पर एमबी अस्पताल की डॉ. नीरा सामर ने प्रमुख वक्ता के रूप में विषय पर गहन जानकारी उपलब्ध करवाई।

सावधानी से ज्यादा जागरुकता जरूरी : एमबी अस्पताल की डॉ. नीरा सामर ने इस अवसर पर कहा कि रोग के प्रति सावधानी जितनी जरूरी है, उतनी ही जरुरत जागरुकता की भी है। एड्स रोगी के प्रति सहानुभूति रखना बेहद जरूरी है। उसे यह रोग किस कारण से हुआ है, वो अहम है। इस अवसर पर डॉ. सामर ने रोग के होने के कारण, निवारण और उसके प्रति रखी जाने वाली जानकारी की भी जानकारी दी।

आदिवासी महिलाओं ने लिया संकल्प : कार्यक्रम के दौरान साकरोदा के आसपास के 15 गांव की 60 महिलाओं ने एड्स की सावधानी और जागरुकता के प्रति अपने परिवार से पहल करने का संकल्प लिया। महिलाओं ने कहा कि वे अपने घर से ही इस रोग के प्रति शुरूआत करेंगी। साथ ही इस रोग की जागरुकता एवं सावधानियों के लिए भी नियमित संकल्पबद्ध रहेगी। कार्यक्रम का संचालन जनता कॉलेज के सहायक आचार्य चितरंजन नागदा ने किया तथा धन्यवाद साकरोदा जनभारती केंद्र के प्रभारी राकेश दाधीच ने किया। स्वागत भाषण हरिश गंधर्व, डॉ. संजीव राजपुरोहित ने भी विचार व्यक्त किए।

 

कलर्स पर खोज परक धारावाहिक शैतान-ए क्रिमनल माइंड शुरू

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कलर्स पर खोजपरक धारावाहिक शैतान-ए क्रिमनल माइंड शनिवार से शुरू हुआ है। अभिनेता शरद केलकर होस्ट है।यह धारावाहिक अपराधियों के मनोभावों यानी हमारे दिमाग में बैठे शैतान के विश्लेषण पर केंद्रित है। इस धारावाहिक ने शरद के नरम पक्ष की खोज की है। कहानियों के बारे में शरद का कहना है, दुनिया कितनी अलग और कठिन है यह जानकर मुझे धक्का लगा। जिस समय हम अपनी शूटिंग और दैनिक जीवन में व्यस्त रहते हैं तो हम अपने आसपास की दुनिया के बारे में भूल जाते हैं और फिर आप इस तरह की खबर सुनते हैं। यह आपको बैठकर, आसपास की कटु हकीकत के बारे में विचार करने और जीवन का पूरी तरह जीना शुरू करने पर विवश करती है। शैतान के साथ हमें आशा है कि हम लोगों को यह बताने में कामयाब होंगे कि क्या गलत हुआ और उसे कैसे बदला जा सकता था।

टफ दिखाई देने वाले अभिनेता शरद उस समय अपने भावनात्मक पक्ष पर काबू नहीं रख सका जब उन्हे कोलकाता की लडक़ी सुदिता पाल के मामले का पता चला। जब उसके परिवार को इस लडकी के प्रेम संबंध का पता चला तो इस लडक़ी ने अपने परिवार को मार दिया।

 

फिल्म समीक्षा -तलाश , सस्पेंस फिल्मों की बादशाह

बैनर : एक्सेल एंटरटेनमेंट, आमिर खान प्रोडक्शन्स, रिलायंस एंटरटेनमेंट

निर्माता : फरहान अख्तर, आमिर खान, रितेश सिद्धवानी

निर्देशक : रीमा कागदी

कथा-पटकथाकार : रीमा कागदी, जोया अख्तर

गीत : जावेद अख्तर

संगीत : राम सम्पत

राजेश कुमार भगताणी

 

कलाकार : आमिर खान, करीना कपूर, रानी मुखर्जी, राजकुमार यादव, नवाजुद्दीन सिद्दकी

हिन्दी फिल्मों में साठ और सत्तर का दशक ऎसा रहा है जिसमें कई सस्पेंस फिल्में बनी जिन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण और संगीत के बुते दर्शकों में अमिट छाप छोडी। अस्सी के दशक में जब अमिताभ बच्चन का आगमन हुआ सिनेमा में बदलाव आया और फिर इस तरह की फिल्में बनना बन्द हो गई। लम्बे समय बाद अब जाकर एक ऎसी फिल्म देखने का मौका मिला है जिसे हम सस्पेंस फिल्मों का बादशाह कह सकते हैं। “तलाश” नामक यह फिल्म आने वाले समय में हिन्दी सिनेमा में कुछ ऎसे बदलाव लाने में कामयाब होगी जिसकी आज आवश्यकता महसूस की जा रही है। फिल्म निर्देशिका रीमा कागदी ने अपने निर्देशन में बनी इस फिल्म से यह सिद्ध किया है कि यदि फिल्म की कथा-पटकथा पर शुरू से ही तीखी नजर रखी जाए तो कामयाब फिल्म बनाना बेहद आसान है

 

फिल्म में जितने भी किरदार हैं उन्हें माला में मोतियों की तरफ गूंथा गया है। एक भी किरदार बिखरा हुआ नहीं है। अपने पहले दृश्य से जैसे-जैसे फिल्म आगे बढती है फिल्म पर निर्देशक का प्रभाव साफ नजर आने लगता है। रीमा ने फिल्म के रहस्य को अन्त तक बनाए रखा है। रीमा ने जो क्लाइमैक्स दिया है उसके बारे में तो दर्शक सोच ही नहीं पाता है। तमाम अटकलों को ध्वस्त करते हुए उन्होंने फिल्म का अन्त किया है तो काबिले तारीफ है। अखरता है तो सिर्फ फिल्म की गति का धीमा होना लेकिन यह धीमी गति अपने चुस्त निर्देशन व सम्पादन के बूते पर रीमा ने दर्शकों पर हावी नहीं होने दी है।

पुलिस इंस्पेक्टर सुरजन सिंह शेखावत (आमिर खान) अपनी खूबसूरत पत्नी रोशनी (रानी मुखर्जी) और प्यारे बेटे के साथ खुश हैं। पुलिस डिपार्टमेंट में शेखावत की इमेज ऎसे दबंग इंस्पेक्टर की है जो किसी भी मुश्किल से मुश्किल केस की तह तक पहुंचना जानता है। अचानक, एक दिन सुबह शेखावत को फोन पर कोई एक दुघर्टना और हत्या के बारे में सूचना देता है। इस केस की तफतीश करते हुए शेखावत को रेड लाइट एरिया की गंदी गलियों में घुसना पडता है। शेखावत जब भी इस केस की तह तक जाने में कामयाब होने लगता है, तभी उसके साथ बहुत कुछ अजीब घटता है। उसकी पारिवारिक जिन्दगी दांव पर लग जाती है। उसकी पत्नी उसके चरित्र पर संदेह करने लगती है। इसके बाद रीमा कागदी ने कहानी में कुछ ऎसे रोचक मोड डाले हैं जिनका जिक्र करके फिल्म के रहस्य को समाप्त करना नहीं चाहेंगे।

आमिर खान के अभिनय के लिए कुछ कहना अतिश्योक्ति होगी। पिछले चार साल में दो फिल्में देने वाले आमिर खान की यह फिल्म तीन साल बाद आई है। उन्होंने शेखावत के किरदार की हर जरूरी बात को अपने चेहरे के साथ-साथ शारीरिक लोच से भी प्रदर्शित किया है। रीमा कागदी ने उनकी चाल का उपयोग अपने किरदार के दृश्य के अनुरूप रखा है। डिस्टर्ब फैमिली लाइफ, ऎक्सिडेंट, हत्या के केस की छानबीन के दौरान आमिर के चेहरे पर पल-पल बदलते हाव-भाव देखते ही बनते हैं। रानी मुखर्जी एकबार फिर वही टिपिकल वाइफ के किरदार में अपने पुराने अंदाज और लुक में नजर आईं प्रचार में करीना के किरदार के बारे में विस्तृत रूप से कुछ जाहिर नहीं किया गया लेकिन इस फिल्म की सबसे बडी यूएसपी करीना ही हैं। उनकी खूबसूरती और बोलने का अंदाज दर्शकों को भाता है। इन तीन नामी सितारों पर अपनी संक्षिप्त भूमिका के साथ अभिनय में हावी रहे हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी।

गैंग्स ऑफ वासेपुर के बाद नवाज दर्शकों में कितने लोकप्रिय हो चुके हैं इसका अहसास उनके प्रथम दृश्य के वक्त होता है जब दर्शक उनके परदे पर देखते ही तालियां बजाना शुरू करता है। समय रहते यदि इस अदाकार को अच्छे निर्देशक व पटकथाएं मिली तो निश्चित रूप से यह सितारा आने वाले समय में हिन्दी सिनेमा उद्योग में एक नया इतिहास लिखेगा। इस तरह की फिल्मों में संगीत की अपनी एक अहम भूमिका होती है। यहां भी संगीत है और बेहद कर्णप्रिय है लेकिन सभी गीत पाश्र्व में हैं। सितारों के ऊपर कोई गीत नहीं है। गीतकार जावेद अख्तर ने बडे अर्थ वाले बोलो को लिखा है जिन्हें संगीतकार रामसम्पत ने कर्णप्रिय धुनों में पिरोया है। इसके तीन गीत जिया लागे न, होना है क्या और जी ले जरा.. … कई म्यूजिक चार्ट में टॉप फाइव पर बना है। राम सम्पत ने ऎसी कहानी में, जहां म्यूजिक कहानी की रफ्तार रोकता है, गानों को ऎसे अंदाज में तैयार किया, जो कहीं न कहीं फिल्म का हिस्सा बन जाते हैं। कुल मिला कहा जा सकता है कि तलाश आमिर खान के प्रशंसकों को कहीं से भी निराश नहीं करेगी। यह सिर्फ उन दर्शकों को निराश कर सकती है जो फिल्म में अर्द्धनग्न दृश्य और बेसिरपैर की घटनाओं को देखने के आदी हैं।

 

दिमाग का सूप पीने वाले आदमखोर को मिली उम्रकैद

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इलाहाबाद. इलाहाबाद की एक अदालत ने आज नरपिशाच राजा कलंदर और उसके साले बछराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों पर 10-10 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगा है। कोर्ट ने उसे पत्रकार धीरेंद्र सिंह समेत कई लोगों की हत्या का दोषी करार देते हुए इसे रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर केस माना था। उसके खिलाफ यह केस करीब 12 साल से चल रहा था।

बताते चलें कि पत्रकार की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। उसकी लाश के टुकड़े कर उन्हें जंगल और नदी में फेंक दिया गया था। इस अपराध को अंजाम देने वाले राजा कलंदर की असलियत 2000 में लोगों के सामने आई, जब उसने एक पत्रकार की हत्या की थी। पत्रकार के घरवालों ने हत्या का संदेह जताया। पुलिस जांच के दौरान तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य फूलन देवी के घर पहुंची। वहां से धीरेंद्र सिंह का सामान मिला था। राजा कलंदर फूलन का पति है, उसने पुलिस के सामने गुनाह कबूल कर लिया।

राजा कलंदर के बारे में कहा जाता है कि उसे जो भी शख्स नापसंद होता था, उसे वह अपने फार्म हाउस या आस-पास की जगहों पर बुलाकर बेरहमी से क़त्ल कर देता था। लाश के टुकड़े-टुकड़े कर उसके कुछ हिस्से को फार्म हाउस में छिपा देता था। बाकी मध्य प्रदेश और यूपी के जंगलों, नदियों में फेंक देता था। इतना बेरहम था कि उसने कई लोगों को मारने के बाद उनकी खोपड़ी का मांस भी भूनकर खाया था। दिमाग को उबाल कर सूप पीता था। क़त्ल करने वाले लोगों की खोपड़ियों को वह फ़ार्म हाउस के एक पेड़ पर टांग देता था।

सज़ा सुनाये जाने से कुछ घंटे पहले अदालत में लाये जाने पर वह खुद को बेगुनाह बताता रहा। उसका कहना था कि उसे सियासी रंजिश की वजह से फंसाया गया है। हालांकि तमाम पत्रकारों और गांव वालों की मौजूदगी में की गयी छापेमारी में फार्म हाउस से चौदह नर कंकाल बरामद होने की बात पर वह कोई जवाब नहीं दे सका था।

इलाहाबाद में एक अखबार के चीफ रिपोर्टर धीरेद्र सिंह नरपिशाच राजा कोलंदर के गांव के पास के ही रहने वाले थे। राजा को शक हो गया था कि धीरेन्द्र को उसके गुनाहों के बारे में जानकारी मिल चुकी है। वह किसी भी दिन अपने अखबार में उसकी करतूतों की खबर छाप सकते हैं। इसलिए उसने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। आर्डिनेंस फैक्ट्री के एक कर्मचारी को उसने महज़ इसलिए मौत के घाट उतारा था, क्योंकि वह कायस्थ बिरादरी का था। उसका मानना था कि कायस्थ लोगों का दिमाग काफी तेजी से काम करता है। इसलिए कर्मचारी को क़त्ल करने के बाद वह कई दिनों तक उसकी खोपड़ी के हिस्से को भूनकर खाता रहता था।

एस.डी.बाली को एसोसिएट बैंक ओफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद मनोनीत

उदयपुर, एसोसिएट बैंक ओफिसर्स एसोसिएट (स्टेट बैंक समूह) के हाल ही हैदराबाद में सम्पन्न हुए त्रिदिवसीय अधिवेशन में वष्र २०१२-१५ हेतु एस.डी.बाली को एसोसिएट बैंक ओफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद मनोनीत किया गया। संगठन के उदयपुर अंचल के सचिव ओ.पी.मूथा ने बताया कि अधिवेशन में स्टेट समूह के ५ बैंक तथा स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपु, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक आफ त्रावकोर एवं स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के समस्त अधिकारी संगठन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

एड्स दिवस पर रैली

उदयपुर, विश्व एडस दिवस के मोके पर स्वास्थ्य इकाई उदयपुर द्वारा जिला एडस बचाव एवं नियत्रण ईकाई द्वारा एडस जागरूकता रैली का आयोजन किया गया है जो कि ९.३०बजे टाउनहाल से प्रांरभ होकर सूरजपोल, बापूबाजार, देहलीगेट होते हुए मेडीकल कालेज में सम्पन्न होगी। रैली में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी नर्सिंग कालेज के छात्र छात्राएं एडस पर कार्यरत स्वयं सेवी संस्थाए आदि भाग लेगें।

 

दस अतिक्रमणों को चिन्हित किया

उदयपुर,। नगर परिषद की राजस्व समिति ने शुक्रवार सुबह अतिक्रमणों की शिकायत पर हिरणमगरी क्षेत्र में अभियान चलाया तथा करीब १० अतिक्रमणों को चिन्हित किया। अभियान के दौरान परिषद दस्ते को घेर विरोध भी किया। ४० अतिक्रमणों की शिकायत मिलने पर राजस्व समिति अध्यक्ष किरण जैन के नेतृत्व में नगर परिषद दस्ते ने सुबह हिरणमगरी से ३ व ४ में कार्यवाहीशुरू की व करीब १० अतिक्रमण चिन्हित किये। राजस्व समिति की गत दिनों हुई बैठक में परिषद को मिली शिकायतों के आधार पर अध्यक्ष किरण जैन के नेतृत्व में समिति सदस्य राखी माली, संजय पगारिया आदि ने हिरणमगरी सेक्टर ३,४, ५ में जांच अभियान शुरू किया जांच के दौरान दस्ते की क्षेत्रवासियों ने घेर कर कडा विरोध किया। लेकिन दस्ता अतिक्रमणों को चिन्हित कर आगे बढ गया। अध्यक्ष किरण जैन ने बतायाकि ४० अतिक्रमणों की सूचना पर यह कार्यवाही की जा रही है और करीब १५ अतिक्रमण चिन्हित किये जा चुके है जिनमें आवासीय व कमर्शियल भवनों में स्वीकृति के विरूद्घ निर्माण सामने आया है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट बना कर कमिश्नर व सभापति को दी जाएगी।

नाटक ‘‘रोमियो जुलियट एण्ड सेवन क्लाउन्स‘‘ का मंचन २ को

उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाटय संध्या ‘‘रंगशाला‘‘ में २ दिसम्बर को चंडीगढ के नाट्य कलाकारों द्वारा नाटक ‘‘रोमियो जुलियट एण्ड सेवन क्लाउन्स‘‘ का मंचन किया जायेगा।

केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने केन्द्र के यह जानकारी देते हुए बताया कि रंगमंचीय विधा को बढावा देने तथा यंग जेनरेशन को थियेटर की ओर आकर्षित करने के लिये केन्द द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में नाट्य संध्या का आयोजन किया जा रहा है।

 

बीमा कंपनी से नकदी चोरी

उदयपुर, शहर के अश्विनीबाजार स्थित यूनाईटेड इंडिया इंश्योंरेन्स कम्पनी कार्यालय का ताला तोड कर चोर नकदी चूरा ले गये।

पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरूवार रात में आये चोर अश्विनी बाजार में स्थित यूनाइटेड इण्डिया इश्योरेंस कम्पनी मण्डलीय कार्यालय चैनल गेट को तो$ड कर केश बॉक्स चूरा ले गये जिसमें १ लाख १६ हजर ९०३ रूपये तथा प्रिमियम के प्राप्त १० चैक ६१हजार ८७ रूपये के थे। शुक्रवार सवेरे चतुर्थश्रेणी कर्मचारी दयाशंकर कार्यालय खोलने पहुचा तो प्रवेश द्वार के ताले टूटे हुए देख अधिकारियों को घटना बताई। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने मोके पर पहुच कर डिविजनल मेनेजर एन सी सिंधी की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। रात में आये चोर भूतल पर लगे चेनल गेट का ताला तोड प्रथम तजल पह पहुचे जहां चेनल गेट एक ताला तो$डा दूसरे में सफलता नहीं मिलने पर गेट को चोडा कर अंदर घूसे जहां लेखाधिकारी व केशियर की अलमारी के ताले तोड वारदात को अंजाम देकर फरार हो गये। इससे पूर्व शहर में शक्क्तिनगर एवं बैंक तिराहा पर स्थित बीमा कार्यालयों में नकदी व चैक चोरी हो चुके हैं। लेकिन बदमाशों का अब तक सुराग हाथ नहीं लगा।