12 साल पुराने हिट एंड रन मामले में मुंबई की एक अदालत ने सलमान ख़ान को दोषी क़रार देते हुए पाँच साल क़ैद की सज़ा सुनाई है.
सलमान ख़ान को ज़मानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ेगा.
मुंबई सत्र अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीडब्लू देशपांडे ने कहा कि सलमान ख़ान पर ग़ैर इरादत हत्या का मामला साबित हुआ है.
उन्होंने कहा कि सलमान ही नशे में गाड़ी चला रहे थे और उनके ख़िलाफ़ सभी आरोप सही साबित हुए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ जब जज ने सलमान को दोषी क़रार दिया, उस समय सलमान की आँखों में आँसू आ गए.
जज देशपांडे ने फ़ैसला सुनाते समय एलेस्टर परेरा और बीएमडब्लू मामले में संजीव नंदा केस का हवाला दिया.
बीबीसी संवाददाता मधु पाल के मुताबिक़ सज़ा पर बहस के दौरान सलमान ने कहा कि वो काफ़ी वक्त से मानवता के लिए काम कर रहे हैं, इस काम को ध्यान में रखा जाए, वो किसी भी तरह से मानवता विरोधी नहीं है.
सलमान ने कहा कि वो अगर जेल जाते हैं तो उनके अलावा कई लोगों को नुकसान होगा क्योंकि उनके उपर लगभग 200 करोड़ रूपए की ज़िम्मेदारी है.
सलमान ने ये भी कहा कि वो कान के इंन्फेक्शन से जूझ रहे हैं और सलमान को जेल में जाने से ये गंभीर हो सकता है.
मायूसी
सलमान ख़ान के भाई सोहेल ख़ान और बाबा सिद्दीकी साथ में बाहर आए लेकिन मीडिया से बात करने से मना कर दिया
सोहेल ख़ासे गुस्सा नज़र आ रहे थे और एक मीडियाकर्मी को मारने दौड़े.
सलमान के परिवार ने बात करने से बिल्कुल मना कर दिया है.
सलमान ख़ान के घर के बाहर मौजूद आयुष देशपांडे का कहना है सलमान के घर के बाहर ज्यादा भीड़ नहीं है, सलमान के फ़ैन्स का कहना है कि मायूसी है.
आरोप
सलमान ख़ान पर आरोप था कि 28 सितंबर 2002 की रात उन्होंने नशे में अपनी गाड़ी फुटपाथ पर सो रहे लोगों पर चढ़ा दी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए थे.
सलमान ख़ान ने इन आरोपों के इनकार किया था. सलमान का कहना था कि हादसे के समय वे न गाड़ी चला रहे थे और न ही नशे में थे.
सलमान के ड्राइवर अशोक सिंह ने भी अदालत से कहा कि उस दिन वही गाड़ी चला रहे थे और गाड़ी का टायर फटने के कारण ये हादसा हुआ.
सरकारी वकील का कहना है कि उन्होंने सलमान ख़ान के ख़िलाफ़ 27 गवाह पेश किए. उनका ये भी आरोप है कि सलमान हादसे के बाद मौक़े से भाग गए थे और न ही उन्होंने पुलिस को ही इस बारे में सूचित किया था. लेकिन सलमान का कहना था कि वे 15 मिनट तक घटनास्थल पर मौजूद थे.
सलमान ख़ान को पाँच साल जेल
हिट एंड रन केस: सलमान खान दोषी करार, सभी आरोप साबित
Udaipur. हिट एंड रन केस में मुंबई की सेशन कोर्ट ने बुधवार को अभिनेता सलमान खान को गैर-इरादतन हत्या, नशे में गाड़ी चलाने, बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने, दूसरों के जीवन के लिए खतरा बनने समेत सभी आरोपों में दोषी माना है। कोर्ट का फैसला जानने के लिए सलमान अपने परिवार के सदस्यों के साथ सेशन कोर्ट पहुंच चुके हैं। इससे पहले सलमान खान ने कोर्ट रवाना होने से पूर्व अपने पिता सलीम खान और मां सलमा खान के गले लगकर विदाई ली।
सलमान के घर पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक और मित्र उनसे मिलने पहुंचे। जिसके बाद सलमान सभी से विदा लेकर अपने भाईयों सोहेल, अरबाज और अपनी बहनों के साथ कोर्ट के लिए रवाना हुए।
वहीं दूसरी ओर कानून के जानकारों की मानें तो सलमान को दोषी पाया गया तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है। हालांकि कोर्ट फैसला सुनाने से पहले इसी मामले में पुलिस के खिलाफ झूठे साक्ष्य पेश करने की याचिका पर सुनवाई करेगा उसके बाद ही फैसला सुनाया जाएगा।
यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंड़कर ने लगाई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने कार में बैठे सलमान के दोस्त एवं चश्मदीद गवाह कमाल खान और उनके पुलिस बॉडीगार्ड रवीन्द्र पाटिल से पूछताछ नहीं की है।
सलमान को लेकर आने वाले संभावित फैसले को लेकर सोशल मीडिया में प्रार्थनाओं का सिलसिला चल रहा है। सलमान के फैंस उनके लिए दुआएं कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ सट्टा बाजार में सलमान को सजा या बरी होने को लेकर दो हजार करोड़ से अधिक का सट्टा लगा होने की खबर है।
मालूम हो कि सलमान खान के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला चल रहा है। सलमान पर आरोप है कि पश्चिम बांद्रा में एक अमेरीकन बेकरी के सामने सो रहे लोगों पर उन्होंने कार चढ़ा दी थी। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 4 लोग घायल हो गए थे।
खास बात यह है कि इस मामले की सुनवाई कर रहीं सेंशन जज डीडब्ल्यू देशपांडे का तबादला हो चुका है। आज फैसला सुनाने के बाद वे रिलीव हो जाएंगी।
सलमान पर कौन सी धाराएं व आरोप
गैर इरादतन हत्या (धारा 304-दो)
तेज रफ्तार व लापरवाही से वाहन चलाना (धारा 279)
गलत हरकत से संपत्ति को नुकसान पहुंचाना (धारा 427)
जान जोखिम में डज्ञलना व गंभीर चोट पहुंचाना (धारा 337 तथा 338)
बिना लाइसेंस व नशे की हालत में गाड़ी चलाने को लेकर भी धाराएं लगाई गईं हैं।
शाहरूख देर रात पहुंचे सलमान के घर
कोर्ट में फैसले की घड़ी से पहले मंगलवार देर रात शाहरूख खान सलमान के बांद्रा स्थित अपार्टमेंट उनसे मिलने पहुंचे। खबर है कि वे काफी समय तक सलमान के घर रुके। उन्होंने सलमान से उनके केस की स्थिति के बारे में भी बात की।
जब शाहरुख सलमान के घर पहुंचे तो वहां सलमान के वकील श्रीकांत शिवड़े, सलमान के बचपन के साथी और कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी, फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला, डेविड धवन भी मौजूद थे।
पंचायतीराज चुनाव मामला : झूठ बोलकर लड़ा चुनाव
उदयपुर जिले में गत पंचायत राज चुनाव में कुल 14 हजार में से 2 हजार उम्मीदवारों ने चुनाव लडऩे के लिए झूठे शपथ पत्र दे दिए। इनके घर में शौचालय है ही नहीं लेकिन शपथ-पत्रों में शौचालय होने का दावा कर दिया। इस संबंध में हुए सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। अब इन सभी पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
गौरतलब है कि पंचायत राज चुनाव में पंच से लेकर जिला परिषद सदस्य का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के लिए सरकार ने अनिवार्य रूप से शौचालय होने की शर्त रखी थी। लेकिन, चुनाव बाद हुए सर्वे में सामने आया है कि चुनाव लडऩे के लिए जिले में 2 हजार उम्मीदवारों ने शपथ पत्र झूठे दे दिए। इनमें कुछ जीते, कुछ चुनाव हार गए।
रिपोर्ट के मुताबिक जिले में कुल 14 हजार उम्मीदवार खड़े हुए थे, जिनमें से लगभग 2 हजार अभ्यर्थियों के घरों पर शौचालय नहीं है। जबकि, उन्होंने नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ पत्र में उन्होंने इसका उल्लेख किया था।
घर-घर किया सर्वे
स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत राज विभाग ने शपथ पत्रों की सच्चाई पकडऩे के लिए प्रदेश स्तर पर संबन्धित ग्राम सेवकों, सहायक ग्राम सेवकों के जरिये शौचालय संबन्धी सत्यापन कराया। इसके लिए पंच, सरपंच के साथ पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्य उम्मीदवारों के घर-घर दस्तक देकर भौतिक सत्यापन किया गया।
ले में केवल गिर्वा व बडग़ांव पंचायत समिति क्षेत्रों के उम्मीदवारों के शपथपत्र सही पाए गए। इन क्षेत्रों में क्रमश: 2199 व 570 उम्मीदवार थे और सभी के शपथ पत्र सही पाए गए।
अयोग्यता की तलवार
पंचायत राज विभाग के सूत्रों के अनुसार शपथ पत्र झूठा पाए जाने पर संबन्धित के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। प्रत्याशी को अगले चुनाव के लिए अयोग्य करार भी दिया जा सकता है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.सी. लखारा ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट मिल गई है। इसे पंचायतराज सहित निर्वाचन विभाग को भेजा जाएगा। निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जेल में हंगामा, कैदियों पर किया लाठीचार्ज
उदयपुर. केंद्रीय कारागृह में रविवार को अकेले तलाशी लेते जेल प्रहरी को कैदियों ने घेर लिया। धक्का-मुक्की के बीच प्रहरी को जान बचाकर भागना पड़ा।
बाद में उसके साथी प्रहरी कैदियों पर टूट पड़े। कैदियों पर उन्होंने लाठियां बरसाईं, जिसमें दो कैदी जख्मी हो गए। बीच-बचाव करते जेलर को भी चोटें आई।
घटना सुबह करीब छह बजे की है। प्रहरी कमलसिंह बैरक नम्बर 14 व 16 के बीच चौक में बंदियों को रोककर मोबाइल आदि की तलाशी ले रहा था।
कैदियों को यह नागवार गुजरा। विरोध करने पर प्रहरी ने रौब जमाया तो कैदी आक्रोशित हो उठे। उन्होंने प्रहरी को घेर लिया। वह जान बचाकर दौड़ा तो कैदी भी उसके पीछे दौड़े। इससे जेल में हड़कम्प मच गया।
सीटी की आवाज पर दौड़े प्रहरी
प्रहरी कमलसिंह ने सीटी बजाई, जिस पर साथी प्रहरी दौड़े आए। सभी प्रहरी बैरक 14 व 16 के बंदियों पर टूट पड़े। इस दौरान कैदी किशन व अहमद को चोटें आई। किशन की कलाई पर कट लग गया, जिसे टांके लगाए गए। अहमद की कोहनी में फ्रैक्चर हो गया।
जेल के बाहर पहुंची सूचना
घटना की सूचना एक-दो कैदियों ने मोबाइल पर अपने परिचितों को दे दी। दोपहर को अंजुमन सदर खलील अहमद भी वहां पहुंचे।
उन्होंने जेल अधीक्षक प्रीता भार्गव से मामले की जानकारी ली और कैदियों से भी मिले। हालांकि जेल प्रशासन ने पुलिस को कोई रिपोर्ट नहीं दी है।
सुरक्षा बढ़ाई
मोबाइल आदि की तलाशी लेने से गुस्साए बंदियों ने हमला करने की कोशिश की। स्थिति संभाल ली गई है। सुरक्षा बढ़ा दी गई है। किसी को गंभीर चोट नहीं आई है।
प्रीता भार्गव, जेल अधीक्षक
सरकारी स्कूलों में बच्चों को भर्ती करवाओ
सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय, ज्यादा से ज्यादा बच्चों को सरकारी स्कूलों में भर्ती कराने का सरकार ने दिया लक्ष्य
उदयपुर। उदयपुर जिले में 1200 से अधिक निजी स्कूल है और इतने ही सरकारी स्कूल भी है। सरकारी स्कूलों की बजाय अभिभावक अपने बच्चों निजी स्कूलों में दाखिला दिलवाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यह स्थिति शहर की ही नहीं, बल्कि गांवों की भी है। ऐसे में सरकारी स्कूल में नामांकन बढ़ाने के लिए अब सरकार ने जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय कर दी है। प्रत्येक जनप्रतिनिधि की यह जिम्मेदारी रहेगी कि वो अपने अधीन आने वाले क्षेत्र या गांव के अधिक से अधिक बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूल में कराए।
बच्चों और अभिभावकों को सरकारी स्कूल के प्रति आकर्षित करने के लिए संस्था प्रधान, सरपंच और वार्ड पंचों की स्कूल स्तर पर बैठक होगी, जिसमें ज्यादा से ज्यादा बच्चों को सरकारी स्कूलों में भर्ती कराने के लिए एजेंडा तय किया जाएगा।
इस वर्ष शिक्षा विभाग ने अपनी गाइडलाइन के मुताबिक कम से कम 20 प्रतिशत नामांकन बढ़ाना है। प्रति शिक्षक को 5-5 बच्चों की संख्या बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार और शिक्षा विभाग ने पहले से ही दे दी है। इसको लेकर भी शिक्षक अपने स्तर पर प्रयासरत है। दरअसल 2010 में सर्व शिक्षा अभियान की ओर से ट्रेकिंग सर्वे कराया गया था। जिसमें 45 हजार से ज्यादा बच्चे ऐसे मिले थे, जो स्कूलों की दहलीज से दूर है। उन बच्चों को जोड़ते हुए यह कदम उठाने है। दरअसल शिक्षा विभाग ने पिछले कुछ वर्षों से लगातार निजी शिक्षण संस्थानों को ज्यादा तवज्जो दिया है। इसके चलते नई पीढ़ी की सोच भी बदली और अभिभावक यहीं चाहते हैं कि निकट स्थान पर जो भी निजी स्कूल हो, वही बच्चे का एडमिशन कराया जाए। इसी सोच के चलते सरकारी स्कूलों में नामांकन कम हुआ है। उदयपुर जिले में ही वर्तमान में करीब 1200 से अधिक निजी स्कूलें संचालित की जा रही है। हालांकि बोर्ड परिणाम सरकारी स्कूल की तुलना में निजी स्कूलों में बेहतर रहता है। यह भी आकर्षण का कारण है।
आज सुबह से वन्यजीव गणना शुरू
उदयपुर। वन विभाग ने आज सुबह 10 बजे से सालभर की सबसे बड़ी गतिविधि वन्यजीव गणना शुरू कर दी है। इसके लिए उदयपुर डिवीजन के वनों में 200 वाटर हॉल में करीब 500 वन्यजीव प्रेमी और वनकर्मी 24 घंटे तक निगरानी रखेंगे। वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की दूधिया रोशनी में उदयपुर वाइल्ड लाइफ डिविजन के फुलवाड़ी की नाल, जयसमंद, सज्जनगढ़, बागदड़ा और वन क्षेत्र के साउथ, नॉर्थ डिवीजन वन्यजीवों की गणना का रोमांच रहेगा। विभाग ने हर वाटर हॉल पर कम से कम दो और अधिकतम चार जनों को तैनात किया है। वन्यजीव प्रेमी, एनजीओ और विभाग के एक्सपर्ट की टीम जगह जगह तैनात है। वन क्षेत्रों में कई जगह मचान बनाकर भी गणना की जा रही है। सज्जनगढ़ अभ्यारण में कैमरों द्वारा गणना की जा रही है। गणना में वन विभाग के अधिकारियों, वनकर्मियों, स्कूली छात्र और शिक्षक, वन्यजीव प्रेमी सहित कई लोग शामिल है।
मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेंगे : गणना के दौरान कोई भी कार्मिक अपने मोबाइल का उपयोग नहीं करेगा। यही नहीं किसी भी प्रकार की खुशबू वाली वस्तु का इस्तेमाल भी नहीं करेगा। कार्मिक जो जूते और चप्पल पहन कर जाएंगे, उनको मचान के ऊपर ही रखना होगा।
सांस भी रोकनी पड़ती है : मचान पर बैठे लोगों को जब दूर से जानवर आते दिखाई देते हैं तो कई बार सांस भी रोकनी होती है। कारण सांस की आवाज सुन कर भी जानवर लौट जाया करते हैं। साथ ही मचान पर बैठे लोगों को बीड़ी, सिगरेट पीने तक की मनाही होती है।
यह वन्य जीव है जिले में : पैंथर, जंगली कुत्ते, रोजड़ा, जंगली सुअर, सियार, जरख, लोमड़ी, भेडिय़ा, सियागोश, जंगली बिल्ली, कब्र बिज्जु, नेवला, वनियोर, चींटी खोर, सेही आदि।
वर्जन…
आज सुबह 10 बजे से वन्य जीव गणना शुरू हुई है, जो कल सुबह 10 बजे तक चलेगी। सज्जनगढ़ अभयारण में कमरों से ट्रेकिंग की जा रही है, बाकि जगह मचान बनाकर कार्मिक निगरानी रख रहे हैं।
-टी. मोहनराज, डीएफओ वाइल्ड लाइफ
रुबीना का ब्लेकमेलिंग केस, एक सोचा समझा षड्यंत्र ?
-कथित ब्लैकमेलिंग केस में आया नया मोड़
-कोर्ट में क्यों पेश नहीं कर रही पुलिस अश्लील क्लिपिंग और फोटोग्राफ्स ?
-ब्लैकमेलिंग के आरोपों से घिरी रुबीना की कहानी का एक पहलु यह भी,
उदयपुर । ब्लेकमेलिंग के आरोपों से घिरी रूबीना ने जमानत मिलने के दूसरे दिन इस ’षडयंत्र’ से जुडे कई खुलासे कर सभी को चौंका दिया है । अपने आप को पीड़ित बताने वाले परिवादी भी इस खुलासे और राज़ सामने आने से भयभीत है । । साथ ही पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई भी एक तरफ़ा और सोची समझी षड्यंत्र का हिस्सा लग रही है। रुबीना ने चुनौती देते हुए कहा कि पुलिस के पास मेरी कोई अश्लील क्लिपिंग है तो उसको सार्वजानिक करे । इधर पुलिस पहले ऑडियो का हवाला देते हुए गिरफ्तारी की बात कर रही थी अब १८ मिनट की वीडियो क्लिप होने का दावा करते हुए जाँच की बात कर रही है।
रुबीना ने उदयपुर पोस्ट को बताया कि उस पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाने वाले परिवादी मोहम्मद शरीफ व् उसके साथियों ने पति प्रवीण कुमावत के साथ मिल कर पुलिस को रिश्वत देकर झूठा केस दर्ज करवाने का आरोप लगाया है। रुबीना ने कहा कि पुलिस ने बिना सबुत बिना जांच किये मुझपर ब्लैकमेलिंग, जिस्म फरोशी , और मसाज पार्लर चलाने जैसे गंभीर आरोप लगाये है। जब कि इनमे से एक भी आरोप के साक्ष्य पुलिस ने कोर्ट में पेश नहीं कर सकी । रुबीना ने अपने ऊपर ब्लेकमेलिंग का आरोप लगाने वाले मोहम्मद शरीफ और उसके सफ़ेदपोश साथियों को मुंबई लडकिया सप्लाई करने वाला दलाल बताया है।
रुबीना ने दावे के साथ कहा कि पुलिस या फिर उस पर आरोप लगाने वालों के पास अगर उसकी अश्लील वीडियो और फोटोग्रॉफ्स हो तो उन्हें सार्वजनिक किया जाए । उसका कहना है कि ऐसी कोई क्लिपिंग न तो उसने बनाई और ना ही किसी दूसरे ने बनाई है। रुबीना ने बताया कि जो अश्लील फोटो उसके बता कर वायरल किये जारहे है वह उसके है ही नहीं। जो उसके फोटो है, वह उसके फेसबुक अकाउंट और उसके पति द्वारा वायरल किये जारहे है ।
रूबीना के इस बेबाक खुलासने के बाद पुलिस की सम्पूर्ण कार्रवाई शक के दायरे में आ गई है । गौरतलब है कि पुलिस ने अश्लील फोटो खीच कर ब्लेकमेलिंग करने के आधार पर रुबीना को आरोपी बनाया है, लेकिन हकीकत यह है कि पुलिस कोर्ट में भी इस केस का यह मजबूत साक्ष्य पेश नहीं किया है। रुबीना के वकील राव रतनसिंह ने अनुसंधान अधिकारी को कोर्ट में ऐसे कई सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है, जिसके जवाब उनके पास नहीं है।
रुबीना का कहना है कि प्रवीण कुमावत उसका पति है, जिसने और शरीफ और उसके साथियों ने मिलकर उसके खिलाफ ये षडय़ंत्र रचा है। उसका कहना है कि शरीफ उसे रखैल बनाकर रखना चाहता था, जो उसे मंजूर नहीं था। उसी वजह से उसने शरीफ से डेढ़ साल पहले ही दूरियां बना ली और प्रवीण कुमावत के खिलाफ उसने महिला थाने में घरेलु हिंसा का मुकदमा कर रखा है। प्रवीण चाहता था कि उसके खिलाफ पीटा एक्ट की कार्रवाई हो जाए, ताकि उसे घरेलु हिंसा के मामले में मदद मिले। उसने बताया कि अप्रैल माह के पहले सप्ताह में इन लोगों के खिलाफ उसने गोवर्धनविलास थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी कि ये लोग उसके मोबाइल नंबर कई लोगों को बांट रहे हैं, जो उसे कॉल करके गंदी बाते करते हैं, जब यह बात शरीफ को पता चला तो उसने पुलिस के साथ मिलकर ये सारा षडय़ंत्र रचा है।
शरीफ का झांसा :
रुबीना ने बताया कि प्रवीण से अलग होने के बाद वह सेक्टर १४ में फ्लैट लेकर रह रही है। इसी बीच उसकी शरीफ से नजदीकियां बढ़ी। नौकरी दिलाने के नाम पर उसे एक बार शरीफ मंबई लेकर गया, जहां पर किसी से नौकरी की बात नहीं कराई। बाद में अखबार में मदरसा बोर्ड की नौकरी का विज्ञापन दिखाकर बबली मामा नामक व्यक्ति के साथ उसे कार में भीलवाड़ा भेजा, लेकिन वहां पर भी नौकरी की बात नहीं हुई। बबली मामा ने कार में छेडख़ानी की, विरोध करने पर बबली मामा बाद में आगे की सीट पर बैठ गया और उदयपुर आ गए। रुबीना ने बताया कि शरीफ ने नौकरी का झांसा देकर उसे जयपुर भेजा, जहां उसे एक होटल में भेजा गया, वहां कमरे में पहले से मोहम्मदी भाई नामक व्यक्ति था, जिसे देखकर वह वापस उदयपुर लौट आई। इसके बाद से शरीफ से उसका कोई संपर्क नहीं है। उसने कहा कि शरीफ से वह पिछले डेढ़ वर्ष से नहीं मिल है, जिसका पता कॉल डिटेल निकालकर लगाया जा सकता है। रुबीना का कहना है शरीफ के भाई रफीक ने उसके खिलाफ जो पहली एफआईआर दर्ज कराई है, उसे वह जानती तक नहीं है। इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद शरीफ ने भी ऐसी ही एक और एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें बताया गया है कि अश्लील क्लिपिंग के जरिये उसने इन दोनों भाइयों को ब्लैकमेल किया है। ऐसी कोई अश्लील क्लिपिंग नहीं है। रुबीना ने बताया कि क्रमैं फ्लैट में मसाज पार्लर चलाती हूं और किताबों के पीछे मोबाइल छुपाकर अश्लील क्लिपिंग बनाती हूं, लेकिन मेरे घर में मसाज पार्लर के कोई एक्यूपमेंट्स या किताबें है ही नहीं। पुलिस को भी अभी तक ऐसे कोई फोटो या वीडियो कही से नहीं मिले जिस कि वजह से उसपर ब्लेकमेलिंग का आरोप सिद्ध हो सके, रुबीना का कहना है कि उसके वायरल किए गए फोटोग्राफ और एक डांस की क्लिपिंग उसके पति प्रवीण ने ही लिए थे। इसके अलावा कोई क्लिपिंग और फोटोग्राफ नहीं है।
रुबीना ने मोहम्मद शरीफ उसके सफेदपोश साथी विशाल लूथरा, सैफुद्दीन तोपवाला, लोकेश पालीवाल, युनुस सलीम जिन्होंने इस ब्लेकमेलिंग मामले में झूठी गवाही दी है, पर मुंबई और जयपुर बड़े बड़े लोगों को शहर की लड़कियां सप्लाई करने का भी आरोप लगाया है। रुबीना ने कहा कि शरीफ ने कई बार उसको भी कई लोगों के सामने परोसने के प्रयास किये । उसको इस बात के लिए भी जिद्द करता रहा की तेरे संपर्क में और लड़कियां होतो बता। रुबीना ने बताया कि जिन्होंने गवाही दी है वे सभी इसके साथी है और सभी का यही काम है।
सवाल मांगते जवाब
-फरियादी शरीफ बरकत कॉलोनी, सवीना का रहने वाला है, जबकि उसने एफआईआर में गलत पता अंकित करवाया?
-रुबीना रिहायशी इलाके के अपार्टमेंट में मसाज पार्लर चलाती है, तो आस-पड़ोस से पुलिस ने बयान क्यों नहीं लिए और कोई एक्यूपमेंट बरामद क्यों नहीं किए?
-घटना कितने समय पूर्व की है, एफआईआर में अंकित नहीं है।
-रिपोर्ट गोवर्धनविलास थाने में दर्ज करानी चाहिए थी, जबकि डीवाईएसपी पूर्व के ऑफिस में जाकर रिपोर्ट दी गई। इसका क्या कारण है?
-रुबीना एक कार शो रूम में काम करती है, वहीं से उसकी गिरफ्तारी की गई है, तो वह मसाज पार्लर कब चलाती थी?
-रफीक ने एफआईआर दर्ज कराई थी, उसमें शरीफ गवाह है, तो सात दिन बाद अचानक ऐसा क्या हुआ, जो शरीफ ने भी रुबीना के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों कराई।
-रफीक और शरीफ की एफआईआर में चार गवाह बनाए गए हैं, जिनमें एक प्रवीण कुमावत रुबीना का पति है।
-गवाहों का कहना है कि उन्हें भी रुबीना ने ब्लैकमेल किया था, तो क्या उनकी भी क्लिपिंग बनाई गई थी। अगर बनाई गई, तो वो क्लिपिंग और शरीफ और रफीक की बनाई गई क्लिपिंग कहां है?
यही सारे सवाल रुबीना के अधिवक्ता राव रतन सिंह ने सुनवाई के दौरान डिप्टी माधुरी वर्मा से किये थे जिसमे से एक भी सवाल के जवाब माधुरी वर्मा नहीं दे पाई थी , इस पर कोर्ट ने फटकार भी लगाईं थी। पुलिस अभी भी इन सवालों के जवाब देने से बच रही है।
पति प्रवीण ने चार बार गिराया मेरा गर्भ :
रुबीना ने बताया कि उसने घर वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर प्रवीण से शादी की थी। शादी के बाद से जब भी वह गर्भवती होती, उसे दवाइयां देकर गर्भ गिरा दिया जाता। उसने बताया कि एक दफा प्रवीण और उसकी मां वीना उसे वल्लभनगर ले गए, तब उसे सात माह का गर्भ था। वहां सरकारी अस्पताल में उसका गर्भ गिरा दिया गया। इसके बाद उसका पति उसे फतहपुरा पर एक होटल में छोडक़र चला गया। रुबीना ने बताया कि उसकी पहचान एडवोकेट रागिनी शर्मा से थे, जिन्हें उसने फोन किया। तब उसके शरीर में पोइजन फैल गया था, उसे पांच दिन तक एमबी हॉस्पीटल में भर्ती रहना पड़ा। इसी दौरान उसने प्रवीण और उसकी मां वीना के खिलाफ अंबामाता थाने में १४ जून, २०११ को मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन बाद में दोनों मां-बेटे ने उसे समझा-बुझाकर समझौता कर लिया।
उदयपुर में बनेगा “विश्वतीर्थम्”
उदयपुर। जिला कलेक्टर आशुतोष एटी पेढनेकर ने उदयपुर से विदाई के अवसर पर एक ऐसे सपने का विमोचन किया, जो आने वाले समय में इस शहर का विश्वव्यापी ख्याति में एक और सुनहरा पृष्ठ जोड़ सकता है। यह सपना है निकटवर्ती कोडिय़ात गांव में विश्वतीर्थंम् के निर्माण का, जिसे देखा है शहर के प्रसिद्ध गाइड आचार्य विक्रम देव ने । वे सन् १९७७ से एक परियोजना बनाने में जुटे हुए है, जिसे कोडिय़ात की एक पहाड़ी पर साकार किया जाना हैं। वे उक्त पहाड़ी पर दुनिया के सभी धर्मों के देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्थापित करके दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करना चाहते हैं। इनमें मिश्र के आतुम, नट, गेव, रा(सूर्य), थोथ, माट, अमान, ऑसिरिस आदि हैं। इसी प्रकार यूनान के सेऊस, रेहा, क्रोनस, युद्ध के देवता आर.एस, अपोलो, पे्रम की देवी एप्प्रोडाइट, रोम के द्विशिरा, सेटन, ज्युपिटर आदि शामिल है। इनके अलावा आयरलैण्ड व स्काटलैण्ड के काल्टिंक , लग, धागदा, मोरीगन, स्कोण्डिनेविया के अदुम्बला आदि भी शामिल है। सनातन धर्मावलाम्बियों के ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ विश्व के सभी सभ्यताओंं के पूज्य देवताओं को एक साथ लाने की यह एक अभूतपूर्व योजना है। आचार्य विक्रमदेव के अनुसार सभी पूज्य देवाधिदेव विश्वतीर्थंम् में आने के लिए आतुर है। उन्होंने बताया कि कोडिय़ात के उक्त स्थल पर सर्वप्रथम शिवमंदिर का निर्माण कर उसे सृजनेश्वरम का नाम दिया गया हैं। श्री विक्रमदेव के अनुसार पहाड़ी के शिखर को दिव्य आकृतियों से शिल्पांकित करने तथा दिव्य वनस्पतियों से अच्छादित करने के लिए देश – विदेश के अनेक विशेषज्ञ और गुणिजन तत्पर हैं। “विश्वतीर्थंम” प्रतिकृति का विमोचन करते हुए जिला कलेक्टर श्री पेढनेकर ने उक्त परियोजना की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हुए सफलता की कामना की।
नो हेलमेट-नो पेट्रोल का आदेश निरस्त
उदयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेशभर में हेलमेट अनिवार्यता लागू करने के साथ-साथ संभागीय मुख्यालयों पर दो पहिया वाहन पर पीछे बैठने वालों के लिए भी आज से हेलमेट लागू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर 15 दिन पूर्व अधिवक्ता एसएल मांडावत द्वारा लगाई गई जनहित याचिका पर सुनाई करते हुए न्यायालय ने “नो हेलमेट-नो पेट्रोल” के आदेश को निरस्त कर दिया है। अधिवक्ता एसएल मांडावत ने बताया कि अब वे डबल हेलमेट पर स्टे लाने की तैयारी कर रहे हैं।
उदयपुर में पिछले तीन साल से टू-व्हीलर चालक के लिए हेलमेट अनिवार्य है, लेकिन ये अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है। पुलिस ने पहले समझाइश की और फिर सख्ती, दोनों ही तरीके अपनाए। पिछले एक साल में केवल हेलमेट पर ही लाखों लाख रुपए के चालान काटे जा चुका है। उदयपुर में लगभग दो लाख दो पहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। ट्रैफिक पुलिस के चालान आंकड़ों पर नजर डालें तो एक साल में हेलमेट नहीं पहनने वाले लगभग 20 से 25 हजार वाहनों के चालकों के चालान बनाए गए हैं। इनसे 200 रुपए चालान के हिसाब से लगभग 46 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया गया। उसके बावजूद अभी भी शहर के मात्र पांच प्रतिशत वाहन चालक ही स्वैच्छा से हेलमेट लगाते हैं, शेष लोग केवल पुलिस अथवा चालान के डर से हेलमेट लगाते हैं। ऐसे में पीछे बैठने वाले पर हेलमेट लगाना कैसे संभव हो पाएगा। ये सोचने का विषय है।
नो हेलमेट-नो पेट्रोल का आदेश निरस्त :
जिला कलेक्टर आशतोष पेडणेकर ने लगभग २० दिन पूर्व “नो हेलमेट-नो पेट्रोल” का आदेश दिया था। इसके तहत शहर व उसके आस-पास के सभी पेट्रोलपंप को आदेश दिए गए थे कि पेट्रोल पंप पर लगे कर्मचारी हेलमेट पहने वाले दो पहिया वाहन चालकों को ही पेट्रोल देंवे। आदेश आने पर अधिक्ता एसएल मांडावत ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसकी सुनावाई करते हुए आज न्यायाधीश पंकज भंडारी ने कहा कि धारा १३३ सीआरपीसी के तहत जिला कलेक्टर इस प्रकार का आदेश नहीं दे सकते हैं, क्योंकि पेट्रोल पंप निजी संपति में आते हैं। पंप पर वाहन बंद होता है ओर बंद वाहनों पर इस हेलमेट की अनिवार्यता नहीं होती है। इस पर न्यायाधीश ने “नो हेलमेट-नो पेट्रोल” के आदेश के निरस्त कर दिया।
प्रदेश में निगम सीईओ और 16 कलेक्टर सहित 48 आईएएस के तबादले
जयपुर. सरकार ने बुधवार को 48 आईएएस के तबादले कर दिए। इनमें जयपुर निगम के सीईओ सहित 16 जिलों के कलक्टर भी बदले गए हैं। इनमें तीन बड़़े जिले उदयपुर, बीकानेर और कोटा कलेक्टरों के तबादले किए गए हैं।
एसीएस अशोक संपतराम के कृषि पशुपालन विभाग में केवल उद्यानिकी जोड़ा गया है। गुरजौतकौर को एसीएस महिला एवं बाल विकास विभाग से एसीएस एवं महानिदेशक एचसीएम रीपा लगाया गया है। उद्यानिकी के एसीएस बी एल मीणा को अध्यक्ष राजस्थान कर बोर्ड अजमेर के पद पर लगाया गया है।