उदयपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधराराजे की रविवार को मेवाड़ में चार जगह जनसभाएं होगी। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार वसुंधराराजे रविवार दोपहर 2.10 बजे हेलिकॉप्टर से कपासन क्षेत्र के शनि महाराज में पहुंचकर जनसभा को संबोधित करेगी। इसके बाद बांसवाड़ा जिले के जोलाना गांव (गढ़ी) और शाम पांच बजे डूंगरपुर जिले के ओबरी (सागवाड़ा) में राजे की सभा होगी। यहां से सड़क मार्ग से रवाना होकर वसुंधराराजे शाम सवा छह बजे डूंगरपुर जिले के सीमलवाड़ा पहुंचकर सभा लेगी। सभा के बाद राजे डूंगरपुर पहुंचकर रात्रि विश्राम करेगी।
वसुंधराराजे कल मेवाड़-वागड़ दौरे पर
सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय ने गांधीनगर विश्वविद्यालय को किया पराजित
उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय फु टबॉल पुरुष प्रतियोगिता के दूसरे दिन खेले गए मैचों में मीडिया प्रभारी चुन्नीलाल चंदेरिया ने बताया कि मेजबान सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय ने शानदार जीत का सिलसिला जारी रखते हुए आईआईटीई गांधीनगर विश्वविद्यालय को एक तरफा मैच में १६-० से पराजित किया। जिसमें मेजबान टीम ने रक्षा पंक्ति व अग्रिम पंक्ति के सभी खिलाडिय़ों ने बेहतर तालमेल का प्रदर्शन किया। मैच में प्रेमसिंह ने चार, लक्ष्यराज तीन, हाफिज तीन, बलराम दो गोल किए। मेजबान ने दूसरे मैच में भी पीआईएमएस अहमदनगर की टीम को ८-० से शिकस्त दी। इसमें हाफिज ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए तिकड़ी बनाई एवं बलराम ने भी तीन गोल दागे। प्रतियोगिता के अगले मैच गुजरात टेक्निकल विश्वविद्यालय और एसजीवी विश्वविद्यालय जयपुर के मध्य खेला गया, जो एक-एक से बराबर रहने के बाद ट्राईबे्रकर में ६-५ से एसजीवी ने जीत हासिल की। इसी प्रकार एमएनडीएस विश्वविद्यालय ने एसएनआर विद्यापीठ को ६-एक से हराया, पेसिफिक विश्वविद्यालय ने आरआर विश्वविद्याल जयपुर को ७-१ से हराया, एमडीएसयू अजमेर ने कोटा विश्वविद्यालय को ट्राईबेकर मुकाबले मे मात दी, जेएनवी विश्वविद्यालय जोधपुर ने पेसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर को ६-० से हराया, नार्थ एम विश्वविद्यालय ने जलगांव ने सूरत विश्वविद्यालय को पराजित किया, जलगांव विश्वविद्यालय ने एमपीयूटी उदयपुर को ५-० से हराया।
परिजन देखने गए ताजिये, पीछे से घर में हो गई चोरी
उदयपुर। धानमंड़ी थाना क्षेत्र में मोहर्रम देखने गए एक मकान से अज्ञात ने नकदी व जेवर चोरी कर लिए। पुलिस के अनुसार छतरी वाला चौक निवासी नदीम बक्ष पुत्र रहीम बक्ष शेख ने रिपोर्ट में बताया कि शुक्रवार को उसका परिवार मोहर्रम के पर्व में शामिल होने के लिए गया था। शाम को पूरा परिवार जब घर लौटा, तो देखा कि उसके घर में रखी अलमारी का ताला टूटा हुआ था।
इस पर अलमारी के तलाशी ले, तो पता चला कि उसकी अलमारी से सोने व चांदी के जेवर व नकदी चोरी हो गई। नदीम ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके का मुआयना कर नदीम की रिपोर्ट दर्ज की। इसी तरह सुंंदरवास निवासी शेख अब्दुल पुत्र शेख आलम ने प्रतापनगर थाने में रिपोर्ट दी कि कुछ समय पूर्व वह परिवार के साथ रिश्तेदारी में गया था, तभी पीछे से उसके मकान का ताला तोड़कर वहां से टीवी व घरेलू सामान चोरी हो गया।
सचिन के संन्यास पर पैसा बना रहीं शापिंग वेबसाइट्स
उदयपुर ,एक ओर सचिन जहां अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे हैं और सारी दुनिया सचिन को यादगार विदाई देने की तैयारी कर रही है वहीं इंटरनेट पर मौजूद ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स सचिन के संन्यास को खूब भूना रही है ।
ये वेबसाइट्स अपनी साइट्स पर कई तरह की वस्तुओं पर सचिन की फोटोग्राफ और ऑटोग्राफ प्रिंट कर के महंगे दामों पर बेच रही हैं जैसे कॉफी मग, कुशन कवर, क्रिकेट बैट ,कैप्स , सिल्वर कॉइन, टी-शर्ट और बुक्स और इन सब की प्राइज भी बहुत ज्यादा है । इंटरनेट पर मौजूद एक नही कई शापिंग वेबसाइट्स सचिन के संन्यास को किसी ना किसी तरह से भुनाना चाहती हैं ।
साइट्स पर इन चीजों की डिमांड भी लगातार बढ़ती जा रही है । सचिन के तस्वीर वाली टी-शर्ट जहां 600 रूपए तक बिक रही है वहीं सिल्वर कॉइन 499 और 999 रूपए की कीमत पर इन साइट्स पर मौजूद है। सचिन की तस्वीर वाले कॉफी मग 400 रूपए तक और पोस्टर 400 से लेकर 1000 रूपए में साइट्स पर मौजूद हैं ।
सर्दी बढ़ी, झीलों की नगरी में रात का पारा तीन डिग्री गिरा
उदयपुर. झीलों की नगरी में शुक्रवार को न्यूनतम पारे में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के बाद मौसम में ठंडक भी बढ़ गई है। शुक्रवार को चली ठंडी हवाओं से भी लोग परेशान रहे। बढ़ती सर्दी के चलते शहर के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर भी जल्द ही सन्नाटा पसर गया। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
सड़क पर तड़प रहा था पिता, बेटे के फोन करने के बाद भी नहीं पहुंची 108
उदयपुर। शहर में हादसों के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंच रही है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ जब दंपति हादसे में घायल हो गया, लेकिन दो बार फोन करने के बावजूद पौन घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। फिर निजी अस्पताल की एम्बुलेंस बुलानी पड़ी।
गायरियावास में संतोष नगर निवासी आजाद जैन ने बताया कि वे पति सुशील जैन के साथ बाजार से घर की ओर जा रही थीं। सुशील स्कूटी चला रहे थे। दंपति पुलिस लाइन फाटक के पास पहुंचा ही था कि पीछे से आ रही स्कूटी ने टक्कर मार दी। हादसे में दंपति घायल हो गया। सुशील बेहोश होकर गिर गए थे।
पत्नी ने खुद को संभाला और मौके पर इकट्ठे हुए लोगों से बेटे और परिचित मदन छाजेड़ को फोन करवाया, जो कुछ ही देर में आ पहुंचे। इन्होंने 108 एम्बुलेंस को फोन किया। बीस मिनट इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई तो दोबारा फोन किया। मदन ने बताया कि दोनों ही बार शहर, जिला, तहसील सहित कई सवाल किए गए, लेकिन मौके पर कोई नहीं आया। पौन घंटे तक इंतजार के बाद निजी अस्पताल में फोन कर एंबुलेंस बुलाई।
पंद्रह दिन पहले टेम्पो से अस्पताल पहुंचे थे घायल
एक नवंबर को देबारी स्थित जिंक चौराहा पर ट्रोला, टेम्पो और बस की टक्कर हो गई थी। हादसे में बस पलट गई थी। इससे कई सवारियां घायल हो गई थीं। इन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया गया।
काफी देर एंबुलेंस के नहीं आने पर पुलिस ने सवारियों को टेम्पो से अस्पताल पहुंचाया था। सवारियों को अस्पताल पहुंचाने के बाद रास्ता खोलने के लिए पुलिस ने क्रेन बुलाकर बस खड़ी करा दी, इसके बाद 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची थी। तब तक वहां उसकी जरूरत खत्म हो चुकी थी।
॥गाडिय़ों का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। शहर में अभी तीन 108 एम्बुलेंस ही ऑन रोड हैं। इनमें से दो के हॉर्न और सायरन खराब हैं। ऐसे में गाडिय़ां मौके पर देर से पहुंचती हैं। अफसरों को इस संबंध में कहा गया है, लेकिन वे सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं। ऐसे में हम भी किसी हादसे का कॉल आने पर मामले के अनुसार ही जवाब देते हैं।
आजम, जिला अध्यक्ष 108 एम्बुलेंस
जोश -ओ- खरोश के साथ निकले ताजिये
उदयपुर। पैगम्बर हज़रत मुहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों कि याद में शुक्रवार को मुहर्रम की दस तारीख पर योमे आशुरा एहतराम और अक़ीदत के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शहीदों कि याद में ताजियों की सवारियों को पुरे जोश खरोश के साथ निकाली गयी | शहर में ताजिये दो चरण में निकाले जा गए। जिसमे सुबह की सवारी १० बजे हाथी पोल शुरू हुई तो शाम कि सवारी में बड़े ताजिये ३ बजे तीज के चोक से नाव घाट तक ले जाई गयी।
सुबह की ताजियों कि सवारी में शहर के सभी मुस्लिम मोहल्लों के करीब २० ताजिये व् कई छोटी बड़ी मेहदियों का जुलुस हाथी पोल हर्वेन जी के खुर्रे से रवाना हुआ सब से आगे महावत वाड़ी के ताजिये थे उसके बाद सिलावट वाड़ी, कल्ले सात, आदि कई मोहल्लों के सजे धजे ताजिये थे अबरक से बना ताजिया आकर्षण का केंद्र रहा, ताजियों की सवारी पुरे जोश खरोश, और या हुसैन या हुसैन की मातमी गुंजों के साथ आगे बड़ा साथ में युवा ढोल नगाड़ों पर मातमी ताल बजाते चल रहे थे।
घंटा घर पर घेरा बना कर कई देर तक युवाओं ने या हुसैन या हुसैन कर मातम मनाया जुलुस घंटा घर से गणेश घाटी होता हुआ पांडू वाड़ी पंहुचा जहा पर ताजियों और मेह्न्दियों को ठंडा किया गया। कई जागरूक लोगों ने ताजियों को ठंडा नहीं किया और झील बचाओ का नारा लगते हुए पानी का छिटा लगा कर वापस ले आये। सुबह कि सवारी में मुस्लिम समाज के मोतबीर लोगों ने युवाओं के जोश को पूरी तरह काबू में रखा और कही कोई अनहोनी नहीं हो जाए इस के लिए मोतबीर लोगों कि कमेटी पूरी तरह तैनात रही ।
बड़े ताजियों का जोश शाम की सवारी में :
धोलीबावड़ी, पलटन, व् अलीपुरा के बड़े ताजियों के साथ शाम कि सवारी तीज के चौक से ३ बजे शुरू हुई जिसमे बड़े ताजियों के साथ अन्य मोहल्लों के करीब ३० से अधिक ताजिये शामिल थे। शाम को शुरू होने वाले बड़े ताजियों के दुसरे चरण मे अकीदतमन्द भारी संख्या में मोजूद रहे । दुसरे चरण के ताजियों के लिए तीनों बड़े ताजियों के अलग अलग खंड जुलुस के रूप में १ बजे से तीज के चोक में लाना शुरू हो गए अलीपुरा, बड़ी पलटन , और धोलीबावड़ी के बड़े ताजिये तीज के चोक में जमा होकर वही सारे खंड जमाये गए और करीब ३ बजे वहां से ताजियों का जुलुस निकला गया |
सबसे आगे धोलीबावड़ी के ताजिये थे जिसको अलनावाज़ कमेटी के युवा सफ़ेद लिबास में सर पर सफ़ेद रुमाल बांधे बड़े अदब और एहतराम से अपने कंधों पर उठाये रखेगें | सब युवा या हुसैन के नारों के साथ साथ में माइक पर नात और मर्सियाह पढ़ते हुए आगे बढे । धोली बावड़ी के बड़े ताजिये अपने आप में एक कारीगरी और आर्ट का नमूना है ताजियों पर बड़ी बारीकी से पेपर और रंग बिरंगे पन्नी और थर्मा कोल का खुबसूरत काम किया गया है।दुसरे न. पर अलीपुरा के ताजिये रहेगें उनको भी स्थानीय युवाओं ने बड़े करीने से काँधे पर उठा कर चलेगें और सबसे आखिर में बड़ी पलटन के बड़े ताजिये थे , सभी ताजिये भडभुजा घटी बड़ा बाजार घंटा घर जगदीश चोक होते हुए रात ८ बजे तक लाल घाट स्थित कर्बला पहुचे जहाँ ताजियों को ठंडा किया गया। बड़े ताजियों की सवारी देखने के लिए शहर के हर समाज हर तबके के लोग ताजियों कि सवारी को देखने के लिए उमड़ते है |
मन्नतें उतारी गयी :
दुसरे चरण की सवारी में बड़े ताजियों पर कई अकीदतमंद अपनी मन्नतें उतारी गई तो कई लोग मन्नते ली , कोई ताजियों के आगे लोटते हुए आगे बढ़ा। तो कोई अपने बच्चे को लेकर ताजियों के निचे से निकलता रहा , जगह जगह महिलाओं द्वारा फूल के सेहरे और नारियल पेश किये।
हर जगह सबिले लगायी गयी थी | जिसमे शरबत चाय , पानी , हलवा , आइस क्रीम , पुलाव हलिम आदि खिलाये जारहे थे , हलिम तो शाम होते होते हर मुस्लिम मोहल्ले की हर गली में बनता हुआ दिखाई दिया ।
यौमे आशुरा कि नमाज़ पड़ी रोज़े रखे :
शहर कि अधिकाँश मस्जिदों में आज सुबह से ही हज़रत इमाम हुसैन की याद में नाअत और मर्सिये पढ़े गए और करीब १० बजे यौमे आशुरा की नमाज़ अदा की गयी। आज के दिन अधिकतर मुस्लिमों ने नफली रोज़े भी रखे है।
अस्सी लाख रूपये की लागत से हिन्दुस्तान जिंक देगा युवाओं को प्रषिक्षण
व्यावसायिक प्रषिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभःआदिवासी युवाओं को होगा लाभ
उदयपुर, अजमेर, भीलवाडा एवं चित्तौडगढ के 500 युवा प्रषिक्षण प्राप्त कर जुड सकेंगें रोजगार से
उदयपुर,15 नवंबर, वेदान्ता ,हिन्दुस्तान जिंक द्वारा ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत् चार जिलो के स्थानिय लोगो को आवष्यकता आधारित व्यवसायिक प्रषिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, टाया मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट आई हॉस्पीटल, देबारी में शुक्रवार को हेड कार्पोरेट रिलेषन्स, वेदान्ता श्रीमती विकास गोस्वामी द्वारा किया गया।
वेदान्ता हिन्दुस्तान जिंक द्वारा संकल्प संस्थान के सहयोग से बेरोजगार युवाओं को प्रषिक्षित करने के उद्धेष्य से चार जिलों उदयपुर, अजमेर, भीलवाडा एवं चित्तौडगढ़ के 500 पंजीकृत युवाओं को विभिन्न ट्रेड माईनिंग ,वेल्डिंग, ड्रिलिंग ,इलेक्ट्रिष्यिन, कटिंग, टेलरिंग एवं एम्ब्रोयडरी का प्रषिक्षण दिया जाएगा। इस हेतू अलग अलग जिलो से आए प्रषिक्षणार्थियों को भोजन एवं आवास व्यवस्था की सुविधा उपलब्ध होगी। हिन्दुस्तान जिंक प्रति प्रषिक्षु 15,690 रूपये की राषि व्यय करेगा तथा इस संपूर्ण कार्यक्रम की कुल लागत अस्सी लाख रूपये होगी।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड कार्पोरेट कम्यूनिकेषन पवन कौषिक ने बताया ‘‘हिन्दुस्तान जिंक द्वारा आयोजित यह प्रषिक्षण कार्यक्रम विषेष रूप से आदिवासी क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिए है जिनकी पढाई अधूरी छूट गयी है। यह प्रषिक्षण युवाओं को बाजार में मांग के अनुसार अलग अलग क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार एवं स्वरोजगार से जोडने मे लाभदायक साबित होगा। प्रषिक्षण के पाठ्यक्रमों को समय – समय पर रोजगार के बाजार के विश्लेषण के आधार पर चयनित किया गया है एवं प्रशिक्षण से तकनीकी कौशल के साथ व्यक्तित्व विकास, कम्यूटर साक्षरता एवं अंग्रेजी षिक्षा भी होगी, जिसका लाभ प्रषिक्षणार्थियों को निष्चित ही मिलेगा।‘‘
इस अवसर पर संकल्प संस्था के अध्यक्ष श्री मनीष नलवाया ने कहा ‘‘इस प्रषिक्षण से ये पुरा प्रयास रहेगा कि प्रषिक्षणार्थी व्यावसाय से जुडे एवं लाभ ले। हिन्दुस्तान जिंक की इस पहल की संकल्प संस्थान सहराहना करती है।‘‘ कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक के सीएसआर विभाग की इंचार्ज श्रीमती सुषमा शर्मा एवं अनेको प्रषिक्षणार्थी उपस्थित थे।
दोस्ती कर किया दुष्कर्म, अश्लील फोटो खींचे
जयपुर। राजधानी जयपुर के करणी विहार थाना क्षेत्र में नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने और अश्लील फोटो खींचने का मामला सामने आया है। पीडिता ने इस्तेगासे के जरिए रिपोर्ट दर्ज कराकर आरोप लगाया कि युवक ने उसे शादी का झांसा दिया और लम्बे समय तक उसका देहशोषण भी किया। महिला थाना पश्चिम ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
करणी पैलेस रोड निवासी 25 वर्षीया पीडिता ने रिपोर्ट दी है कि उसके पड़ोसी युवक सतवीर कुमावत से उसकी लंबे समय से दोस्ती थी। पीडिता का आरोप है कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर झूठे प्रेमजाल में फंसाया और कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला दिया। इसके बाद उससे दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील फोटो भी खींच ली।
पीडिता ने बताया कि आरोपी लंबे समय से शादी का झांसा देता रहा और देहशोषण करता रहा। अब उसने शादी से इंकार कर दिया। पीडिता ने महिला थाना पश्चिम में इस्तगासे के जरिए रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
उदयपुर संभाग में मूल रूप से मुसलमान कांग्रेस के साथ हैं !
उदयपुर , पिछले एक दशक में हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने मुसलमानों के बीच कुछ थोडी बहुत पैठ बनाई है लेकिन उदयपुर में कांग्रेस की मुसलमानों पर मजबूत पकड बरकरार है। जुलाई २०१० में उदयपुर जिले में खैरवाडा के पास सराडा गांव में मुसलमानों के विरुद्घ हिंसा की जो घटना घटी थी उसने कांग्रेस को मिलने वाले मुस्लिम समुदाय के समर्थन को प्रभावित नहीं किया है।
मुस्लिम छीपा समाज, उदयपुर, के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवत्त*ा मोहम्मद शरीफ छीपा ने कहा, ’’जहाँ तक मुसलमानों का प्रश्न है, भाजपा विकल्प नहीं है।’’
उन्होंने आगे कहा, ’’उदयपुर में मुसलमान अधिकतर गरीब और शिक्षा की दृष्टि से पिछडे हुए हैं और महसूस करते हैं कि उनकी प्रगति के लिये शैक्षणिक उन्नति आवश्यक है। हालांकि बहुत कुछ करने की आवश्यकता है लेकिन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों की मदद के लिये कुछ योजनायें शुरु करके एक शुरुआत की है।’’
शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय एन जी ओ, लाइफ प्रोग्रेसिव सोसाइटी, के अध्यक्ष डा. खलील मोहम्मद अगवानी इस बात से सहमत थे कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अधिक पिछडे होने के कारण उदयपुर के मुसलमानों को शैक्षणिक उन्नति के लिये सहायता की आवश्यकता है।
राष्ट्रदूत जिन लोगों के साथ साक्षात्कार किया उनमें से कई लोगों ने इस भावना की पुष्टी की। तथापि, पिछले एक दशक में, कुछ मुस्लिम एक्टिविस्ट भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया के व्यत्ति*गत प्रयासों के कारण भाजपा में शामिल हुए हैं।
इनका मानना है कि उदयपुर में मुस्लिम नेतृत्व क्रब्रिस्तान, मस्जिद तथा दरगाहों के मुद्दों के आगे देख ही नहीं रहा है। समुदाय की $जरुरतों और मांगों के प्रति समुदाय का जो रुख है उसे लेकर अपनी चिंता जताते हुए एक युवा मुस्लिम एक्टिविस्ट, इकराम रशीद कुरैशी ने कहा, ’’हमें अपना सोच ब$डा करने की $जरुरत है और इन मुद्दों से आगे ब$ढकर सोचना चाहिये।’’
इकराम रशीद कुरैशी भाजपा प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्षों में एक हैं।
इकराम रशीद ने कहा, ’’समुदाय की आकांक्षाओं और उम्मीदों को ऐसे मुद्दों तक सीमित करने से हमारी दृष्टि संकीर्ण होती है। हमें समग्र विकास की कल्पना करनी चाहिये, जो कि उस समिति में संभव नहीं, यदि समुदाय भाजपा को अनदेखा करता है। क्योंकि भाजपा एक ब$डी राजनीतिक ताकत है।’’
उदयपुर जिले में आठ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं जिनमें से २००८ में कांग्रेस ने सात तथा भाजपा ने एक सीट जीती थी। मुस्लिम मतदाता मुख्यत: उदयपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में केन्द्रित हैं, जहाँ इनकी संख्या लगभग ३२ ह$जार है, जबकि उदयपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में करीब १० से १२ ह$जार मुसलमान हैं।
सन् २०१० जुलाई में उदयपुर जिले के सरा$डा गांव में हुई साम्प्रदायिक हिंसा से जहाँ राज्य के विभिन्न भागों के मुसलमान उत्तेजित हुए, वहीं उदयपुर के मुस्लिम एक्टिविस्ट इस घटना को कुछ दूसरी तरह से देखते हैं।
यह घटना २५ जुलाई, २०१० को घटी, जब आदिवासियों के एक झुण्ड ने सरा$डा गांव में मुसलमानों के करीब ७० घरों को लूटा और आग लगा दी। यह घटना एक आदिवासी, शराब विक्रेता मोहन मीना की ३ जुलाई को हुई हत्या को लेकर मुसलमानों और आदिवासियों के बीच पैदा हुए तनाव का नतीजा थी। कथित रुप से शराब के नशे में हुई ल$डाई में एक शह$जाद खान ने मोहन मीना की हत्या कर दी थी।
पुलिस ने ९ जुलाई को गुजरात से शह$जाद खान को गिरफ्तार कर लिया लेकिन आदिवासी खुश नहीं थे तथा बदला लेना चाहते थे। बातचीत के माध्यम से मुस्लिम और आदिवासी समुदायों के बीच सामान्य स्थिति बहाल करने के निरन्तर किये जा रहे प्रयासों के बावजूद तनाव बना रहा।
एक पंचायत के बाद २५ जुलाई को आदिवासी समुदाय ने मुस्लिम घरों पर हमला कर दिया। छितरे हुए घरों में रह रहे मुस्लिम परिवारों ने पहले ही अपने घरों को छो$डकर पुलिस स्टेशन में पनाह ले ली थी। उनकी अनुपस्थिति में घरों को लूटा गया तथा करीब ७० घरों में आग लगा दी गई।
२६ जुलाई को, आदिवासियों की तरफ से और अधिक हिंसा की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने इन मुस्लिम परिवारों को उस क्षेत्र से बाहर भेज दिया तथा बाद में उन्हें उदयपुर लाया गया।
मुस्लिम मुसाफिर खाना, उदयपुर, के अध्यक्ष इब्राहिम खान ने कहा, ’’सरा$डा से करीब १५० मुसलमान उदयपुर लाये गये और यहाँ उन्हें एक सामुदायिक भवन में रखा गया।’’ उन्होंने आगे कहा, ’’जिन मुसलमानों को उदयपुर लाया गया वो अधिकतर वही थे जिन्होंने पुलिस स्टेशन में शरण ली थी।’’ उन्होंने आगे कहा कि हालांकि तत्कालीन गृह मंत्री, शांति धारीवाल एवं राजस्थान मदरसा बोर्ड चेयरमैन फ$जालुल हक इन लोगों से मिलने आये और उनकी शिकायतें सुनीं, लेकिन भोजन तथा अन्य आवश्यकताओं को स्थानीय मुसलमानों ने पूरा किया, जिनमें प्रमुख थे हाजी अब्दुल गफूर मेवाफरोश।
जिस तरीके से मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने राज्य की राजधानी जयपुर में इस मुद्दे को उठाया उसकी कई लोगों ने आलोचना की। एक एक्टिविस्ट ने कहा, ’’जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार को पूरी तरह से दोषी ठहराने के चक्कर में इन नेताओं ने ना तो स्थानीय सामाजिक असलियत को समझा ना ही इस तथ्य को पहचाना कि अत्यधिक उत्तेजित माहौल के बावजूद घटना में एक भी मुसलमान ना तो घायल हुआ ना ही मरा।’’
उदयपुर के एक और एक्टिविस्ट, ने कहा, ’’यह संभव नहीं हो सकता था, यदि पुलिस तथा जिला प्रशासन ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया होता, और यह तथ्य, कि पुलिस ने मुसलमानों को पूरी सुरक्षा दी और आक्रामक आदिवासी उन पर हमला नहीं कर पाये, दर्शाता है कि वहाँ पर मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये पुलिस ने कार्यवाही की।’’
एक स्थानीय मुस्लिम पत्रकार ने कहा ’’लोग, विशेषकर वे लोग जो नेतृत्व पाने का दावा कर रहे हैं, उन्हें हिंसा रोकने के लिये अधिकारियों द्वारा किये गए प्रयासों को पहचानना चाहिये। प्रशासन और पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर जैसे अधिकारियों के कार्य का निर्णय केवल नतीजों के आधार पर नहीं करना चाहिये।’’
यह मुसलमान करीबन १५ दिन की अवधि में सरा$डा लौटे हैं। दंगाइयों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये गए हैं और लूट, आगजनी एवं दंगा करने के लिये करीबन ६० आदिवासी गिरफ्तार किये गए हैं।
इसके बाद जो मुद्दा शेष रहता है वह संपदाओं की हानि के लिये बेहद कम मुआवजे का है।
इस मुद्दे पर न$जरिया पेश करते हुए इब्राहीम $खान ने कहा कि सरा$डा में मुसलमान पठान पल्टन के वंशज हैं जो आक्रामक रुप से स्वतंत्र आदिवासियों में व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये पुराने मेवा$ड राज्य में सेना के हिस्से के तौर पर यहां तैनात की गई थी। इस क्षेत्र में एक $िकला भी है जो पूर्व कालीन मेवा$ड रियासत के सबसे उद्घंड अपराधियों के कारागार के रुप में काम आता था।
इब्राहीम $खान ने कहा ’’आदिवासी मानसिकता में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अब भी मुसलमानों के बारे में समझ को आकार देती है।’’ उदयपुर दिखाता है कि जब समाज और इसकी सोच को देखने की बात आती है तो अनेक न$जरिये होना मुमकिन है और जो दृश्य के न$जदीक होते हैं वे अक्सर वह तथ्य देख पाते हैं जो दूर के स्थानों के लोगों द्वारा अनदेखे कर दिये जाते हैं।