पुनर्मतदान में शिव और जैसलमेर के बूथ पर जबरदस्त वोटिंग

vote in election265321-04-2014-12-17-99Wराजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर व चूरू लोकसभा सीट के चार बूथों पर पुनर्मतदान शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गया। पुनर्मतदान में 81.06 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके तहत चूरू सीट के एकमात्र बूथ पर 67.84 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। जबकि बाड़मेर-जैसलमेर सीट के तीन बूथों पर 86.03 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।

यहां पर शिव तहसील के एक बूथ पर 98.86 प्रतिशत मतदान हो चुका है। जबकि जैसलमेर के बूथ पर 97.12 प्रतिशत और बाड़मेर के बूथ पर 75.61 प्रतिशत मतदान हुआ है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने बताया कि इन चार बूथों पर पुनर्मतदान की सिफारिश पीठासीन अधिकारियों ने आयोग से की थी। आयोग ने सिफारिश को मानते हुए पुनर्मतदान की अनुमति दे दी थी। इन बूथों पर 90 फीसदी मतदान हुआ था जिससे यहां फर्जी मतदान होने की आशंका जताई गई थी।

ऑस्कर के एन्वेलप की कीमत है 12 हजार रुपए, जानें इससे जुड़ी खास बातें

6477_untitled-o24 कैटेगरी के 121 नॉमिनीज को मिलने वाला ऑस्कर का एन्वेलप सिर्फ अवॉर्ड के ऊंचे स्तर के लिहाज से ही खास नहीं है। ये एन्वेलप आर्ट और क्रिएटिविटी का उदाहरण भी हैं। इन्हें मार्क फ्रीडलैंड ने डिजाइन किया है। फ्रीडलैंड कहते हैं- इस एक एन्वेलप को बनाने में 100 घंटे लगते हैं। एक कार्ड की कीमत करीब 200 डॉलर (12 हजार रुपए) होती है।

मेटैलिक गोल्ड पेपर से बने इस कार्ड पर ऑस्कर स्टैचू और गोल्ड लीफ उकेरी जाती है। चारकोल इंक से अवॉर्ड कैटेगरी लिखी जाती है। हर नॉमिनी के नाम के साथ हर कार्ड पर एंड द ऑस्कर अवॉर्ड गोज टू लिखा होता है। प्रामाणिकता के लिए रेड और गोल्ड कलर से सील और लाल रंग की रिबन उकेरी जाती है।

6626_untitled-11

6498_untitled-o4सिर्फ विजेता ही रख सकते हैं यह कार्ड

सिर्फ विजेता ही इन कार्ड्स को अपने पास रख सकते हैं। बाकी कार्ड्स को नष्ट कर दिया जाता है, ताकि ये ईबे पर नीलाम होते हुए नजर नहीं आएं। इस 86 साल पुराने अवॉर्ड के शुरुआत के 12 साल तक कोई एन्वेलप इस्तेमाल नहीं किए जाते थे। उसके बाद से साधारण एन्वेलप बनना शुरू हुए। 2010 में फ्रीडलैंड ने एकेडमी से कहा कि उन्हें अब कुछ खास एन्वेलप तैयार करने चाहिए। तब से ये खास एन्वेलप बनना शुरू हुए।

भीड़ का फायदा उठाकर युवक ने की छेड़छाड़, अमीषा ने जड़ा थप्पड़

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3935_amबॉलीवुड एक्ट्रेस अमीषा पटेल के साथ छेड़ छाड़ का मामला सामने आया है। अमीषा हाल ही में एक ज्वैलरी शो रूम की लॉन्चिंग के सिलसिले में गोरखपुर,उत्तर प्रदेश गई थीं।

अमीषा को देखने के लिए शो रूम के बाहर भारी भीड़ लग गई। ऐसे में जब वह भीड़ से होते हुए शो रूम के अंदर जाने लगीं तो एक युवक ने उन्हें जबरदस्ती छुआ।

अमीषा उस युवक के ऐसा करने से बेहद गुस्से में आ गईं और उन्होंने उसे वहीं एक थप्पड़ जड़ दिया।.

विद्या भवन विद्या बन्धु संघ का 26वाँ स्नेह मिलन समारोह

02_Viday Bandhu_Release of Mukhpatraमातृ-भाषा में शिक्षा से ही विद्यार्थियों का विकास सम्भव
विद्या भवन विद्या बन्धु संघ का 26वाँ स्नेह मिलन समारोह

उदयपुर। मस्तिष्क विज्ञान और शैक्षिक शोध अध्ययनों से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि बच्चों को शिक्षित करने का माध्यम उनकी मातृ-भाषा होनी चाहिए। इसके साथ ही अन्य भाषायें भी सिखायी जानी चाहियें।
यह विचार शिक्षाविद् प्रो. रघुराज सिंह ने व्यक्त किए। वे यहाँ विद्या भवन सभागार में रविवार शाम (20 अप्रेल 2014) को पूर्व छात्र-छात्राओं के संगठन ‘विद्या भवन विद्या बन्धु संघ’ की ओर से आयोजित 26वें स्नेह मिलन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। संस्थापक डॉ. मोहन सिंह मेहता की 119वीं जयन्ती पर आयोजित समारोह में 400 से अधिक विद्या बन्धु शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वर्द्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि विद्या भवन उन बड़ी संस्थाओं में है, जहाँ पूर्व विद्यार्थियों का प्रभावी संगठन है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्या बन्धु संघ नए दौर में भी अपनी विशिष्टताओं को कायम रखेगा। विद्या भवन सोसायटी के अध्यक्ष श्री रियाज़ तहसीन ने मातृ-संस्था में विकास कार्यों की सराहना करते हुए इसे ऋषि-ऋण की अदायगी में महत्वपूर्ण योगदान बताया।
समारोह में 1978-79 में उत्तीर्ण बैच के करीब 30 विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। सम्मानित बैच की ओर से उद्गार व्यक्त करते हुए वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आदित्य शास्त्री ने कहा कि जब विद्या भवन में प्रवेश लिया तो मिट्टी थे, यहाँ की गतिविधियों और शिक्षकों के प्रोत्साहन ने मानव बनाया। श्री लव मोडक ने श्रमदान, वनशाला, टैक्निकल सैक्शन में क्राफ्ट-वर्क आदि का विद्यार्थी-जीवन में भूमिका का उल्लेख किया। श्री प्रदीप कुमावत ने विद्या भवन स्कूल और बी.एड. कॉलेज के मुक्त वातावरण को उनके व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण बताया। ‘रश्मि दल’ की ओर से डॉ. रक्षिता कोठारी ने प्रार्थना सभागार के बाहर अंकित ‘चन्द्रमा विजयी मानव कब सूर्य विजेता बनेगा?’ के वाक्य के मद्देनज़र विद्या भवन की दूरगामी सोच को कायम रखने पर ज़ोर दिया। समारोह में सेवानिवृत्त कर्मचारियों श्री बशीर ख़ान व श्री हीरालाल गमेती का सम्मान किया गया।
इससे पूर्व, अतिथियों ने वार्षिक जर्नल ‘विद्या बन्धु मुखपत्र’ के 26वें अंक का विमोचन किया, जिसका सम्पादन डॉ. कुसुम माथुर ने किया। विद्या बन्धु संघ की नई वैबसाईट ूूूण्अपकलंइंदकीनण्वतह को लॉन्च किया गया। समूह गीत ‘एकता के स्वर’ प्रस्तुत किया गया, जबकि श्री निर्मल प्रकाश नागर ने ग़ज़ल पेश की।
प्रारम्भ में अतिथियों ने डॉ. मेहता की प्रतिमा पर पुष्पाँजलि अर्पित की। संघ उपाध्यक्ष पुष्पा शर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें विद्या बन्धुओं द्वारा स्कूल के भौतिक विकास एवं छात्रवृत्तियों के माध्यम से सहयोग का उल्लेख किया। आमोद-प्रमोद मन्त्री गोपाल बम्ब ने आभार व्यक्त किया। संचालन विद्या बन्धु शुभम शर्मा ने किया। देर शाम तक चले समारोह के बाद स्नेह भोज का आयोजन हुआ।
सचिव हरीश कपूरिया ने बताया कि 1978-79 बैच के विद्यार्थियों ने सुबह शाला का भ्रमण कर विद्यार्थी जीवन के लम्हों को याद किया और विद्यालय में विकास-कार्यों का अवलोकन किया। सह-सचिव जगमोहन दवे ने बताया कि पूर्व छात्रों ने संघ कार्यालय में अपने समय के चित्रों का अवलोकन किया।

चित्रकूटनगर में शिवकथा तैयारियां

उदयपुर,19 अप्रेल। श्री चित्रकूटेश्वर महोदव चित्रकूट नगर की ओर से चित्रकूटनगर स्थित ई-ब्लॉक में आगामी चार मई से दस मई तक शिव कथा का आयोजन किया। आयोजन से जुडे राधेश्याम कुमावत के अनुसार नाथद्वारा वाले पंडित मदनमोहन शर्मा प्रतिदिन शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक शिवपुराणा का वाचन करेंगे। आयोजन को लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है।

राधेश्याम कुमावत
चित्रकूटनगर, भुवाणा स्कीम
मोबाइल-9982598903

दृष्टिहीन पड़ोसी के घर पर पटवारी का अवैध निर्माण, विरोध पर दी धमकी

1822_29उदयपुर. न्यू अहिंसा पूरी फतहपुरा का दीक्षित परिवार। सुशील कुमार, एसआईईआरटी से तो पत्नी सुबोध दीक्षित सरकारी स्कूल से शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त। सुशील कुमार की आंखों से रोशनी जाती रही तो सुबोध गत दिनों हुई दुर्घटना के बाद अपने पैरों से चल फिर नहीं सकती। ऐसे में पड़ोस के कृष्णकुमार मेहता ने मजबूरी का फायदा उठाते हुए दीक्षित परिवार के सेटबैक में ही कब्जा कर पक्का निर्माण कर लिया। असर, यह रहा कि अब दीक्षित परिवार को हवा और रोशनी से वंचित रहना पड़ रहा है। बेटी ने विरोध किया तो कृष्ण कुमार के पटवारी बेटे ने यह कहते हुए धमकाया कि मैं यूआईटी का पटवारी हूं, विरोध का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। काफी दिन गुजारने के बाद अब दीक्षित परिवार ने कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर से मामले में गुहार लगाते हुए समस्या के समाधान की गुजारिश की है।

परिवार ने कहा-पड़ोसी ने रोक दी हवा-रोशनी
ऐसे उठाया लाचारी का फायदा
दीक्षित परिवार के दोनों सदस्यों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठाया गया है। कृष्ण कुमार ने ग्राउंड फ्लोर पर कॉमन वॉल पर कॉलम खड़े कर दिए। उसके बाद फस्र्ट फ्लोर पर सैट बैक पर दीवार खड़ी कर निर्माण कर लिया। इससे उनकी हवा रोशनी बाधित हो रही है। दीक्षित ने बताया कि उन्होंने हाल ही में जिला कलेक्टर तक लिखित में शिकायत पहुंचाई,मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

कार्रवाई नहीं होने से स्थाई हो जाता है निर्माण
शहर में सेटबैक में अवैध निर्माण को लेकर यूआईटी व नगर निगम में कइयों शिकायतें पेंडिंग है। सेटबैक में निर्माण के दौरान ही पड़ोसी शिकायत लेकर यूआईटी व निगम में पहुंचते है, मगर समय रहते उन पर कार्रवाई नहीं होने से बाद में वह निर्माण स्थाई हो जाता है और उसकी परेशानी पड़ोस में रहने वाले परिवार को झेलनी पड़ती है। यदि समय रहते ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई की जाए तो लोग सेट बैक में कब्जा करवाना ही छोड़ देंगे।

सेट बैक में नहीं है निर्माण
॥मैं वहां नहीं रहता हूं, मकान मेरे पिता जी का है। हमने सैट बैक में कोई निर्माण नहीं किया है। जैसा पड़ोसी का है वैसा निर्माण हमारा भी है।
राजेश मेहता, यूआईटी में कार्यरत पटवारी

निर्माण गलत करवाया है तो हर हाल में होगी कार्रवाई
॥मामला गंभीर है, सैट बैक में निर्माण करने वाला चाहे यूआईटी का पटवारी ही क्यों न हो। मैं कल ही इस मामले को दिखवा लेता हूं और यदि गलत निर्माण हुआ है तो हर हाल में कार्रवाई होगी।
आशुतोष पेडणेकर, कलेक्टर एवं चेयरमैन यूआईटी

दूधतलाई पर घुड़सवारी का रोमांच शुरू

1329_28उदयपुर. प्रशासन और पशुपालन विभाग की ओर से दूधतलाई पर रविवार सुबह हॉर्स राइडिंग की शुरुआत की गई। सुबह-सुबह हॉर्स राइडिंग के लिए बच्चे और बुजुर्ग समय से दूधतलाई पहुंच गए। राइडिंग के लिए मारवाड़ी नस्ल के घोड़े उपलब्ध करवाए गए हैं।

सुबह सात बजे कलेक्टर आशुतोष पेडणेकर ने अश्व पूजन कर हॉर्स राइडिंग की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से न सिर्फ मारवाड़ी घोड़ों के संरक्षण में सहयोग मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सुबह के समय आने वाले विदेशी सैलानियों के लिए यह एक्टिविटी रोचक रहेगी। पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ललित जोशी ने बताया कि सुबह 16 अश्व मालिक घोड़े लेकर आए।घुड़सवारी के लिए 20 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। विदेशी सैलानियों, बुजुर्ग और बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराकर अपनी पसंद के घोड़े चुने और सवारी शुरू की। साढ़े नौ बजे के बाद भी घुड़सवारी के लिए लोगों में उत्साह बरकरार रहा तो प्रशासन ने समय एक घंटा बढ़ा दिया।

सवारी के साथ सिखाई घोड़ों से दोस्ती: राइडिंग शुरू करने से पहले मालिक ने राइडर को घोड़े के नाम बादल, बिजली, नूरी, काजल, शाहबाज, उसकी खासियत आदि बताई। घोड़े पर सवार होने के तरीके सहित नाल पकडऩा, घोड़े से दोस्ती करने के तरीके, उसके व्यवहार को समझने के तरीके आदि की जानकारी दी। हॉर्स राइडिंग कर पीछोला के पिछले गेट तक पहुंचे विदेशी सैलानियों ने बड्र्सकी फोटोग्राफी की।

इतना अच्छा कभी नहीं लगा
हॉर्स राइडिंग के लिए 12 वर्षीय सिमरन अपने पिता ओमप्रकाश राजपाल के साथ दूधतलाई पहुंची। सिमरन ने बताया कि उसे हॉर्स राइडिंग का बहुत शौक है। उदयपुर में वह पहली बार घोड़े पर बैठी। उसे किसी भी गेम में इतनी खुशी नहीं मिली, जितनी हॉर्स राइडिंग करके अच्छा लगा। विभाग की ओर से हॉर्स राइडिंग का ट्रेनिंग कैम्प लगाया जाएगा तो वह ज्वॉइन करेगी।

तीन दोस्तों ने पहली बार साथ की हॉर्स राइडिंग
हमेशा से दूधतलाई आने वाले तीन दोस्तों ने पहली बार एक साथ हॉर्स राइडिंग कर लाइन में अलग अनुभव को जोड़ा। सीनियर सिटीजन रणछोड़ सिंह चौहान, राजेन्द्र कुमार अग्रवाल और डॉ. यशवंत कोठारी ने हॉर्स राइडिंग की। चौहान ने बताया कि तीनों की दोस्ती वर्षों पुरानी है। हम अधिकतर दूधतलाई आते हैं, लेकिन इतना अच्छा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ। तीनों ने साथ में पहली बार हॉर्स राइडिंग की। इस उम्र में हॉर्स राइडिंग का एक अलग ही एक्सपीरियंस रहा है। अगले रविवार भी जरूर आएंगे।

ओवरटेक करने के प्रयास में हुआ ऐसा हादसा, लगा जैसे नैनो पेड़ से उतर रही हो

1041_8प्रतापगढ़. ट्रैक्टर को ओवरटेक करने के प्रयास में नैनो कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। हादसे के बाद कार पेड़ पर इस तरह अटक गई, जैसे वह पेड़ से उतर रही हो। चालक को सिर में मामूली चोटें आईं। हादसा प्रतापगढ़- रतलाम मार्ग पर चूपना से 2 किमी दूर फरेडी गांव के पास शनिवार रात 12 से 1 बजे के बीच हुआ। शनिवार रात को असावता निवासी मनीष मीणा (30) नैनो कार से रतलाम से असावता की ओर आ रहा था। चूपना में फरेडी गांव के पास दो ट्रैक्टर आगे चल रहे थे। इनको ओवरटेक करने के प्रयास में कार अनियंत्रित होकर रोड से नीचे उतर कर एक पत्थर से टकराई।

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1038_7कार को देखने के लिए भीड़ लगी
हादसे में कार का अगला पहिया पत्थर पर चढऩे से कार करीब आधा फीट उछली और रोड किनारे खड़े पेड़ से टकरा गई। कार का पिछला हिस्सा पेड़ पर और आगे का हिस्सा जमीन पर टिक गया। रात का समय होने से आस-पास कोई नहीं था। मनीष जैसे-तैसे कर कार से बाहर निकला और अपने परिजनों को फोन कर घटना स्थल पर बुलाया। उसके बाद मनीष के परिजन उसे अस्पताल ले गए। मनीष के सिर और हाथ-पैर में मामूली चोटें आईं हैं। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद मनीष को छुट्टी दे दी गई।

कोटड़ा में डेढ़ घंटे में दो इंच बारिश, झाड़ोल में बिजली गिरने से मां-बेटी की मौत

9429_25उदयपुर. शहर सहित संभाग के कई हिस्सों में रविवार को भी बारिश का दौर चला और कई जगह ओले गिरे। मौसम ठंडा हो गया और खेतों में पड़ी फसलें खराब हो गईं। जिले के कोटड़ा में डेढ़ घंटे में दो इंच और ऋषभदेव में एक घंटे में डेढ़ इंच बारिश हुई। उदयपुर शहर में दोपहर बाद घने बादल छा गए और दो बजे बाद शाम तक 3 मिमी बारिश हुई। तेज अंधड़ चला और तेज गर्जना के साथ बिजलियां कौंधती रहीं। नालियों में उफान से सड़कों पर पानी भर गया। राजसमंद के कुंभगलढ़ में तेज बारिश के साथ चने के आकार के ओले गिरे। झाड़ोल के खरवणिया फलां निवासी धर्मी देवी पत्नी सुखलाल वढेरा व उसकी करीब 8 वर्षीय पुत्री आशा कुमारी की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। आमेट, भीम, नाथद्वारा, देवगढ़, रेलमगरा, कुरज, केलवा, दरीबा कुंवारिया, झौर क्षेत्रों में बारिश हुई। शहर में दूसरे दिन भी बारिश

बारूद से उड़ाई जा रही है पहाडिय़ां!

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कहां से आ रहा है भारी मात्रा में प्रतिबंधित विस्फोटक ?
-अख्तर खान-
उदयपुर। हाईकोर्ट के आदेशों, मास्टर प्लान में शहर के आसपास की पहाडिय़ों को संरक्षित करने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से प्रतिबंधित विस्फोटकों के जरिये पहाडिय़ों को उड़ाया जा रहा है। निजी कॉलोनाइजर्स और भूमाफियाओं ने सैकड़ों पहाडिय़ों को प्लाटिंग, रिसोर्ट और होटल्स बनाने के लिए समतल कर दिया है। दूसरी तरफ, इनके संरक्षण के लिए प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार वन क्षेत्र और निजी खातेदारी की पहाडिय़ों को सिर्फ विकास के लिए एक निश्चित ऊंचाई तक ही समतल किया जा सकता है।
चारों दिशाओं में समतल हो रही है पहाडिय़ां : पिछले कुछ सालों में जमीनों की दरें आसमान छूने लगी, तो भूमाफियाओं की नजर निजी खातेदारी और गैर खातेदारी की पहाडिय़ों पर पड़ी। चित्रकूटनगर के पास रघुनाथपुरा की कई पहाडिय़ां, ईसवाल हाइवे के आस-पास की पहाडिय़ां, उमरड़ा और नाई के आगे खेड़ा गांव तक पहाडिय़ों में बारूद भरकर उन्हें उड़ाकर समतल कर दिया गया है। इन पर प्लाटिंग काटी जा रही है, रिसोर्ट और होटल्स विकसित किए जा रहे हैं। रघुनाथपुरा में तो इन पहाडिय़ों को समतल करने के लिए पिछले कई दिनों से रोज शाम को ब्लास्ट किए जा रहे हैं। ना तो इन भू-माफियाओं को कोई रोकने वाला है और ना ही इनसे कोई पूछने वाला। हर शाम बारूद से ब्लास्ट करने के बाद दिन-रात जेसीबी और डंपरों से भराव हटाया जा रहा है।
कहां से आता है बारूद ? : इन पहाडिय़ों के लिए निजी कॉलोनाइजर्स भारी मात्रा में प्रतिबंधित विस्फोटक सामग्री ला रहे हैं। इन विस्फोटकों में सैन्य विस्फोटक भी शामिल है, जो बाजार में आ रहा है, यह एक गंभीर चिंता का विषय है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और कार्रवाई नहीं होने के कारण इनका बेखौफ इस्तेमाल किया जा रहा है। पता चला है कि इन पहाड़ों को उड़ाने के लिए डायनामाइट, जिलेटिन की छड़े, बारूद उपयोग में लाए जा रहे हैं। कई विस्फोटक तो ऐसे हैं, जिन्हेें केवल मिलिट्री ही उपयोग में ले सकती है। ऐसे विस्फोटक भी इनके पास आ रहे है, जिसमे मर्करी फल्मिनेट और टीएनटी जैसे घातक तत्व शामिल है।
सुनने को तैयार नहीं यूआईटी सचिव : यूआईटी सचिव को जब यूआईटी के क्षेत्राधिकार में आने वाली रघुनाथपुरा की पहाडिय़ां पर विस्फोट होने की जानकारी दी गई, तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ये हमारा मामला नहीं है। यह तो माइनिंग विभाग का मामला है, जबकि पिछले दिनों इन पहाडिय़ों के आसपास कब्जे होने पर यूआईटी ने ही पुलिस बुलाकर वहां से कब्जे हटाए थे।
यह है नियम : हाईकोर्ट के सख्त आदेश हैं कि शहर की पहाडिय़ों का स्वरूप नहीं बिगाड़ा जाए, यदि विकास के लिए आवश्यक है, तो सिर्फ एक निश्चित ऊंचाई तक ही पहाडिय़ों को काटा जा सकता है, जिसमेें भी यह देखना जरूरी है कि इससे पहाडिय़ों का वास्तविक रूप नहीं बिगड़ेगा। झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता ने बताया कि उदयपुर का सौंदर्य इन पहाडिय़ों की वजह से ही बना हुआ है। यह पहाडिय़ां ही शहर में झीलों को भरने का मुख्य स्रोत है। इनको अगर ढहने से नहीं बचाया गया, तो संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी।
मास्टर प्लान में भी पहाडिय़ों को किया गया संरक्षित : यूआईटी सचिव पहाडिय़ों को विस्फोटकों से उड़ाने की बात सुनने तक तैयार नहीं है, जबकि यूआईटी द्वारा तैयार मास्टर प्लान 2011-31 में इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखा गया है कि विकास के लिए भी उदयपुर की पहाडिय़ों का वास्तविक रूप नहीं बिगड़े। उदयपुर शहर का धरातल तस्तरीनुमा है, जहां सघन पौधरोपण की जरूरत है, क्योंकि इन्हीं पहाडिय़ों से बरसाती पानी शहर की झीलों को भरने में बहुत हद तक मदद करता है।

प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से खत्म होता जा रहा है झीलों का
लालच : कैचमेंट निजी कॉलोनाइजर और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से निजी खातेदारी तथा गैर खातेदारी की पहाड़ी जमीनों को औने-पौने दामों पर खरीदकर सेना के बारूद से उड़ाया जा रहा है। इससे निजी कॉलोनाइजर्स को वहां पर प्लाटिंग करके लाखों-करोड़ों का लाभ हो रहा है, जिसका एक निश्चित हिस्सा अधिकारियों तक भी पहुुंचाया जा रहा है। इन लोगों के लालच के कारण संरक्षित पहाडिय़ां खत्म होती जा रही है, इतना ही नहीं यह कार्य पर्यावरण के लिए खतरनाक होने के साथ ही झीलों के कैचमेंट को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
लाचारी : हाईकोर्ट के सख्त आदेश है कि शहर की पहाडिय़ों का स्वरूप नहीं बिगाड़ा जाए। यदि विकास के लिए आवश्यक है, तो सिर्फ एक निश्चित ऊंचाई तक ही पहाडिय़ों को काटा जा सकता है, जिसमें भी यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि पहाडिय़ों का मूल स्वरूप नहीं बिगड़े। लेकिन निजी कॉलोनाइजर्स द्वारा दिए जा रहे लालच के कारण अधिकारी भी माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं कर रहे हैं और भूमाफिया धड़ल्ले से शहर के आसपास की पहाडिय़ों को विस्फोटकों से उड़ा रहे हैं। अधिकारियों को यह तक परवाह नहीं है कि पहाडिय़ों को उड़ाने के लिए सेना के विस्फोटक को काम में लिया जा रहा है, जो कहां से आ रहा है? इसकी कौन खरीद-फरोख्त कर रहा है? अपने फायदे के लिए अधिकारियों ने इन सवालों पर भी पर्दा डाल दिया है।
॥पहाडिय़ों को विस्फोटकों से हटाया जा रहा है, तो चिंता का विषय है। मैं आज ही इस मामले में दिखवाता हूं और रघुनाथपुरा में भी संबंधित अधिकारियों को भिजवाकर कार्रवाई करवाता हूं।
-आशुतोष पेढणेकर, जिला कलेक्टर
॥बिना परमिशन अगर पहाडिय़ों को विस्फोटकों से ढहाया जा रहा है, तो गलत है। यह अपराध की श्रेणी में आता है। सैन्य और दूसरी तरह का विस्फोटक कहां से आ रहा है। इसकी तुरंत जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
-अजयपाल लांबा, एसपी उदयपुर
॥इस बारे में आप माइनिंग विभाग से जानकारी लो, हमारे अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। रघुनाथपुरा में अगर कोई विस्फोट कर रहा है, तो उसकी निजी खातेदारी होगी।
-आरएन मेहता, यूआईटी सचिव
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