उफ् ये गर्मी…

garmi (1)कूल रहने के सस्ते घरेलू उपाय

उदयपुर। शनिवार… आज सुबह को… टेंप्रेचर ने इस बात के तो संकेत दे दिए हैं कि गर्मी अपने गर्म तेवर और दिखाएगी। इस बात की पुष्टि मौसम विभाग के अधिकारी भी कर रहे हैं, जिससे लोग और भी परेशान हो गए हैं। काम हैं तो घर पर भी नहीं बैठा जा सकता है। सभी को बाहर निकलना है और फेस करना है इस चिलचिलाती धूप को। सावधान, ये धूप आपको हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का शिकार भी बना सकती है।

क्या है सन स्ट्रोक

कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर का कहना है कि ब्रेन में हाइपोथैलेमस पार्ट होता है, जो बॉडी के टेम्प्रेचर को 95 से 98.6 फैरनहाइट के बीच में कंट्रोल करता है। जब हीट की वजह से हाइपोथैलेमस एबनॉर्मल काम करने लगता है, तो बॉडी का टेम्प्रेचर बढने लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में सन स्ट्रोक (लू लगना) कहते हैं।

पड़ते हैं कई दुष्प्रभाव

डॉक्टर का कहना है कि जब गर्मी बढ़ती है, तब बॉडी से इसे बाहर निकालना जरूरी होता है। आमतौर पर यह हीट पसीने के जरिए बाहर निकलती है। जब सन स्ट्रोक होता है, तब यह हैम्पर कर जाता है, जिसकी वजह से हाइग्रेड फीवर हो जाता है। कई बार सन स्ट्रोक की वजह से बॉडी के ऑर्गन पर भी प्रभाव पड़ता है। गर्मी की वजह से कुछ लोगों में ब्लड का आरबीसी टूटने लगता है, जिसे हाइपरथर्मिया कहते हैं। कुछ लोगों के ब्लड में पोटैशियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे हाइपरक्लेमिया कहा जाता है। इसकी वजह से हार्ट का रिदम डिसऑर्डर हो जाता है।

लू लगने के लक्षण

-लंबे समय तक तेज बुखार

-उल्टी-दस्त

-सिर दर्द

-चक्कर आना

-जी घबराना

ऐसे करें बचाव

-तेज गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचें और नंगे बदन और पैर धूप में न निकलें।

-घर से बाहर पूरे और ढीले कपड़े पहनकर निकलें।

-खाली पेट बाहर न जाएं और ज्यादा देर तक धूप में रहने से बचें।

-चेहरे को ढक कर बाहर निकलें और हो सके तो चश्मे का प्रयोग करें।

-बहुत ज्यादा पसीना आ रहा हो, तो तुरंत ठंडा पानी न पीएं। सादा पानी धीरे-धीरे पीएं।

-दिनभर में कम से कम 10-12 गिलास पानी पीएं।

-गर्म और हैवी मील लेने से बचें।

-लिक्विड डाइट लें।

-अपने शरीर में सॉल्ट और मिनरल्स की कमी न होने दें।

-कॉटन और खादी के कपड़े पहनें।

-दिन में दो बार ठंडे पानी से नहाएं।

-पानी के साथ-साथ रस भरे फलों का सेवन करें।

-जिम न जाने की हालत में घर पर ही एक्सरसाइज या योग करें।

-सुबह खुली हवा में टहले।

-आंखों के इंफेक्शन और धूल-मिट्टी से बचने के लिए सनग्लासेज लगाएं।

-ब्लैक की जगह हल्के रंग के छाते का इस्तेमाल करें।

सन स्ट्रोक के बाद का इलाज

-लू लगने की हालत में मरीज को ठंडी और छांव वाली जगह पर ले जाएं।

-शरीर पर गीला कपड़ा रखें।

-शरीर का तापमान कम करने की कोशिश करें।

-फीवर कंट्रोल न हो तो आइस की पट्टी रखें।

 

घरेलू उपायों से दूर करें परेशानी

-सन बर्न से बचने के लिए टमाटर का पेस्ट काफी कारगर है।

-धूप की वजह से झुलसे हुए चेहरे पर तरबूज और एलोवेरा का पेस्ट लगाएं।

-गुलाब जल, नींबू, खीरा और दही के मिश्रण को चेहरे पर लगाने से चेहरे की ताजगी बनी रहेगी।

-पानी में फिटकरी मिलाकर आइस क्यूब में रखकर फ्रिज में जमा लें। इसे चेहरे पर रगडऩे से ताजगी मिलेगी।

-अगर गर्मी में बाहर निकल रहे हैं, तो अपने साथ पानी जरूर रखें और उसमें ग्लूकोज डालकर पिएं।

-आम का पन्ना, खाने में सैलेड के साथ कच्ची प्याज, तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा, पुदीने की चटनी और जलजीरा जैसी चीजों को रेगुलर यूज करें।

-धूप में जब भी निकलें तो सिर पर कोई कपड़ा या हेलमेट यूज करें।

-जब भी पॉसीबल हो सादे या ठंडे पानी से चेहरे और हाथों को धोएं।

-रात को नहाएं और अपने सिर पर पानी जरूर डालें।

-डिहाइड्रेशन की हालत में मरीज को नीबू पानी का घोल, ओआरएस या ग्लूकोज थोड़ी देर बाद देते रहें।

गर्मियों में सबसे ज्यादा सन बर्न, मुंहासे, रैशेज और इंफेक्शन की प्रॉब्लम होती है। ऐसे में स्किन को सूखा रखने के लिए पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए। खूब पानी पीना चाहिए और रसीले फलों का ज्यादा यूज करें। डाइट में आम, पपीता जैसे एंटी-ऑक्साइड पदार्थों को शामिल करें। दिन में तीन से चार बार चेहरे को ठंडे पानी से धोएं।

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की दमनकारी नीति का विरोध

उदयपुर। माइक्रोसोफ्ट की गैर जिम्मेदाराना एवं दमनकारी नीति के विरोध में संपूर्ण राजस्थान के 10 हजार से अधिक कंप्यूटर ट्रैडर्स एंव ऑपरेटर्स ने आज अपना कारोबार बंद रखकर विरोध प्रदर्शित किया। उदयपुर कंप्यूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के पवन कोठारी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपनी कार्यप्रणाली में अपना एकाधिकार मानते हुए राजस्थान के समस्त क्षेत्र के व्यापारियों को परेशान कर उनका शोषण कर रही है। इसके तहत कंपनी द्वारा झूठे मुकदमें दर्ज कराने की धमकी देकर आम उपभोक्ताओं को पांच से लेकर 25 हजार रुपए तक माइक्रो सोफ्टवेयर बेचने के लिए बाध्य कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट एक तरफ से राज्य सरकार से अनुबंध करके वहीं सॉफ्टवेयर शैक्षणिक गतिविधयों के लिए 500-500 रुपए में उपलब्ध करा रही है और वे ही सॉफ्ट वेयर आमजन को बेचने के लिए 20 से 25 हजार रुपए में बेचने के लिए व्यापारी वर्ग को बाध्य कर रही है।

 

विमंदित को माता-पिता की तलाश

उदयपुर। ट्रांसपोर्ट नगर (प्रतापनगर) से एक लावारिस हालत में मिले बालक को चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है। इस संबंध में रिपोर्ट प्रतापनगर थाने मे दर्ज कराई गई है। चाइल्ड लाइन की केंद्र समन्वयक विमला चौहान ने बताया कि बालक का नाम मानसिंह और उम्र 14 वर्ष है। बालक ने खाकी रंग की पेंट, आसमानी व लाल रंग का चौकड़ी वाला शर्ट पहन रखा है। बालक मंदबुद्घि होने के कारण अपने परिवार व घर का पता बता पाने में असमर्थ है। किसी भी सज्जन को इस बालक के बारे में कोई भी जानकारी मिले, तो वे नि:शुल्क दूरभाष सेवा 1098 या 0294-2453447, 2453442 पर कॉल कर सूचित कर सकते हैं

कांग्रेसी पार्षद और सांसद की लड़ाई बनी महापौर के मनो रंजन का साधन

 

उदयपुर, उदयपुर नगर निगम की महापौर रजनी डांगी रोज पट्टे दे कर वाह वाही लूट रही है समाचार पत्रों में उनके फोटो छापे जा रहे है ,लेकिन ये ही पट्टे आजकल महापौर के मनोरंजन का साधन भी बने हुए है ।

बात कर रहे है हम वार्ड 22 पानेरियों की मादड़ी क्षेत्र की जहाँ के जरूरतमंदों के पट्टों के लिए वार्ड की कांग्रेसी पार्षद राजकुमारी मेनारिया अपनी ही पार्टी के सांसद रागुवीर मीणा के विरोध में उतर आई थी। गोरतलब है की कुछ समय पहले वार्ड 22 पानेरियों की मादड़ी में राज्य सरकार द्वारा पट्टे वितरण करने पर मेनारिया समाज ने रघुवीर मीणा का स्वागत समारोह रखा था जिसका राजकुमारी मेनारिया ने यह कहते हुए बहिष्कार किया था की अभी भी बहुत से लोगों को पट्टे मिलना बाकी है तो इसे में सम्मान किस बात का ।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पिछले एक महीने से इसी क्षेत्र के करीब 60 -70 पट्टे तैयार पड़े हुए है लेकिन महापौर वितरित नहीं कर रही है । शायद उन्हें एक कांग्रेसी पार्षद और सांसद की आपस की लड़ाई कुछ मनोरंजक लग रही है । क्यूंकि पट्टे नहीं मिलने से क्षुब्ध पार्षद अपनी ही पार्टी के सांसद के विरोध में मुफ्त में प्रचार कर रही है ।और यह बात महापौर के दिल बोहत भा रही है। जिन लोगों के पट्टे तैयार पड़े है वे महापौर के मनोरंजन और पार्षद 1 /ह्य सांसद की लड़ाई का साधन बने हुए है । जब अपने पट्टों के लिए लोग और पार्षद महापौर से पट्टों का तकाजा करते है तो कभी, अभी तैयार नहीं हुए है कुछ और पट्टे बनाने बाकी है , या कभी स्टाफ की कमी है जेसे बहाना बना कर टाल दिया जाता है ।

 

पट्टे तैयार पड़े हुए है लेकिन निगम में आर्थिक गणना कि वजह से स्टाफ कि कमी के चलते वितरित नहीं किये गए है इनको दो चार दिन में ही वितरित करदिये जायेगे , कांग्रेसी पार्षद और सांसद कि लड़ाई से मेरा या निगम का कोई लेना देना नहीं है इतनी छोटी सोच मेरी नहीं है मेने निष्पक्ष हो कर काम किया है । महापौर ,रजनी डांगी

 

पट्टे तैयार हुए लगभग एक महिना हो गया है लेकिन हमे वितरित नहीं किये जा रहे है हर बार कोई बहाना बना कर टाल दिया जाता है – राजेश मेनारिया .

 

कुछ पट्टे तैयार हो गए है और महापोर ने कहा हे की कुछ पट्टे और तैयार हो जायेगे उसके बाद हम एक साथ पट्टे वितरित करेगे , अभी शादियों की वजह से स्टाफ की भी कमी है – पार्षद वार्ड 22 राजकुमारी मेनारिया

 

रेडियो ग्राफर्स अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर

उदयपुर, महाराणा भूपाल चिकित्सालय के रेडियोग्राफर्स सामूहिक छुट्टी लेकर अनिश्तिच्कालीन हड़ताल पर चले गए है । राजस्थान रेडियो ग्राफर्स एसोसिएशन के आव्हान पर पिछले तीन दिनों से दो दो घंटे के कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे । सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने पर अब कड़ा रुख अपनाया जा रहा है ।

रेडियोग्राफर्स संघ के ओम शर्मा ने बताया की राज्य सरकार द्वारा अभी तक हमारी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है, न ही हमे कोई आश्वासन पत्र दिया जारहा है, अगर सरकार का यही रुख रहा तो आन्दोलन ख़त्म नहीं होगा । ओम शर्मा ने बताया की जनहित को देखते हुए ट्रोमा सेंटर और आपातकालीन की एक्सरे मशीन चालु है बाकि सभी विभागों के रेडियो ग्राफर्स सामूहिक अवकाश पर चले गए है ।

रेडियो ग्राफर्स ने आज अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे बाजी की बाद में सभा का आयोजन किया गया जिसमे रेडियो ग्राफर्स संघ के मनोहर सक्सेना ,सुन्दर लाल जीनगर रघुनाथ सिंह चौहान ललित अग्रवाल , अरुण सक्सेना ने अपने विचार रखे और सरकार के प्रति नाराजगी जताई । रेडियो ग्राफर्स का समर्थन एकीकृत महासंघ के सत्यवीर सिंह तंवर ने भी किया है ।

 

रेडियो ग्राफर्स की हड़ताल के चलते रोगी घंटों तक एक्स-रे कक्ष के बाहर इंतजार करते रहे और एक दूसरे से पूछते रहे कि कमरा कब खुलेगा?

 

नहीं हुई वैकल्पिक व्यवस्था: स्थानीय एसोसिएशन ने आपातकालीन एक्स-रे विभाग चालू रखने की बात कही थी। लेकिन वास्तविकता कुछ और रही। रोगी जब आपातकालीन विभाग में गए तब उन्हें खाली हाथों लौटना पड़ा।

 

आपातकालीन इकाई में एक्सीडेंट केस के अतिरिक्त किसी भी केस का एक्स-रे करने से मना कर दिया। जिस कारण शहर के बाहर से आए लोगों में भारी रोष देखा गया।

महापौर गुपचुप पहुंची जयपुर!

dangi-1उदयपुर। नगर निगम महापौर अपने कुछ पार्षदों के साथ गुपचुप जयपुर पंहुची है, जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी। हालांकि महापौर ने इसे अपनी निजी यात्रा बताया है, लेकिन कुछ पार्षदों का कहना है कि महापौर समितियों के पुन: गठन को लेकर जयपुर में शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया से चर्चा करने गई है। गुटबाजी की भेंट चढ़े निगम के भाजपा बोर्ड में एक तरफ जहां कमल मित्र मंडल के पार्षद वसुंधरा से मिलने की तैयारियां कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अचानक महापौर के कुछ पार्षदों के साथ जयपुर जाने से दोनों ही धड़ों में खलबली मच गई है।

सभी को फोन पर जयपुर जाने के दिए निर्देश: नाम नहीं बताने के शर्त पर कुछ पार्षदों ने बताया कि महापौर ने शुक्रवार को सभी को फोन कर जयपुर जाने के लिए कहा था। क्यों जाना है, इसके बारे में किसी को नहीं बताया था।

भाई साहब से मिलकर समितियों पर होगी चर्चा: उदयपुर से करीब 17 पार्षद महापौर के साथ जयपुर गए हैं। इनमें कुछ तो समिति अध्यक्ष के सपने लेकर गए हैं। इनमें से एक पार्षद ने कहा कि हम तो सिर्फ भाई साहब की कुशलक्षेम पूछने जा रहे हैं।

 

17 पार्षद शामिल है।:

ये पार्षद थे शामिल : जयपुर गए पार्षदों के प्रतिनिधि मंडल में सत्यनारायण मोची, प्रेमसिंह शक्तावत, धनपाल स्वामी, राखी माली, कंचन सोनी, भूपेंद्र जैन, के.के. कुमावत, कविता मोदी, अब्दुल खलील, वंदना पोरवाल, गंगाराम तेली सहित करीब

 

लालबत्ती की गाड़ी लेजाना भी रहा चर्चा में

महापौर को लालबत्ती की गाड़ी मिलने के साथ ही नियम भी कड़े हो गए हैं। उन्हें उदयपुर से बाहर जाने के लिए जयपुर से पहले स्वीकृति लेनी पड़ती है। विभागीय जानकारी के अनुसार महापौर को 24 मई को जाने की स्वीकृति दी गई थी। 25 मई की जानकारी विभाग के पास नहीं है। ऐसे में महापौर के लालबत्ती की गाड़ी ले जाने से विपक्षी पार्षदों में रोष है और उन्होंने इसे सरकारी पैसे का दुरुपयोग बताया।

 

उदयपुर से बाहर जाने के लिए पहले तो जयपुर से एक पत्र महापौर को आता हैं। बाद में मेरे पास स्वीकृति के लिए उस पत्र की कॉपी आती है। 24 मई को उनके जाने का पत्र मेरे पास आया था, लेकिन 25 मई को जाने की जानकारी मेरे को नहीं है। अगर विभाग में पत्र भी आया, तो मुझे नहीं पता।

-दिनेश कोठारी, उप निदेशक, उदयपुर नगर निगम

: सरकारी छुट्टी होने के बावजूद महापौर जयपुर गई है। इससे साफ होता है कि वह अपने व्यक्तिगत काम से गई है। उनके जाने की जानकारी नगर निगम को नहीं है। अगर व्यक्तिगत कार्य से गई है, तो लाल बत्ती की गाड़ी का प्रयोग नहीं करना चाहिए है। यह सरकारी धन का दुरुपयोग है।

-दिनेश श्रीमाली, नेता प्रतिपक्ष

: मेरा जयपुर जाने का काम पड़ता रहता है। अभी में अपने व्यक्तिगत काम से आई हूं। गुलाब जी वहीं पर होंगे, तो उनसे भी मिलना हो जाएगा। पार्षद भी अपने काम से जयपुर आए हैं।

-रजनी डांगी, महापौर, उदयपुर

कटारिया पर पांच करोड़ का सट्टा

gulabchand katariyaउदयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, नगर विधायक गुलाबचंद कटारिया पर यहां सट्टा बाजार में पांच करोड़ से अधिक की राशि दाव पर लगाई जा चुकी है। साथ ही जैसे चार जून की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे उनके भाव नीचे गिरते जा रहे हैं। यानी दांव लगाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। उक्त तिथि पर श्री कटारिया को मुंबई की सीबीआई कोर्ट में पेश होना है।
सट्टा बाजार के सूत्रों के अनुसार सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री कटारिया को क्रजेल भेजे जानेञ्ज या क्रनहीं भेजे जानेञ्ज पर दाव लगाए जा रहे हैं। दोनों के बीच ७० पैसे की ऊंच-नीच चल रही है। जिन सटोरियों का मानना है कि सीबीआई कटारिया को गिरफ्तार करके जेल भेज देगी, वे एक रूपए पर तीस पैसे का भाव लगा रहे हैं। यदि ऐसा ही होता है, तो दाव लगाने वाले को एक हजार रुपए के १३ सौ रुपए अदा किए जाएंगे। इसके विपरीत यदि सीबीआई द्वारा श्री कटारिया को गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो उनके पक्षधर सटोरिये को एक हजार रुपए पर, एक हजार रुपए ही अदा किए जाएंगे। इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की कितनी सीटें आएंगी। पर भी करोड़ों का सट्टा लगा दिया गया है। कुल मिलाकर सट्टा बाजार में आईपीएल के साथ ही इन दिनों सोहराबुद्दीन प्रकरण में काफी रूचि ली जा रही है।
सट्टा करोबार से जुड़े सूत्रों के अनुसार श्री कटारिया को सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद वे क्रचुनाव लड़ेंगे या नहींञ्ज पर भी सट्टा लग चुका है। कटारिया चुनाव लड़ेंगे पर एक रुपए पर ६० पैसे का भाव चल रहा है, जबकि कटारिया क्रचुनाव नहीं लड़ेंगेञ्ज पर एक रुपए पर ४० पैसे का भाव चल रहा है। सटोरियों ने राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव पर भी सट्टा लगाना शुरू कर दिया है। बुकियों के अनुसार राजस्थान में इस बार १०७ सीटें भाजपा की और ६४ सीटें कांग्रेस की आएंगी।
शहर में १५ बुकी
उदयपुर शहर में १५ बुकी काम कर रहे हैं, जिनके कई फंटर है, जो आईपीएल के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियों पर भी दांव लगवा रहे हैं। इस करोबार में कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल है, जो लाखों का सट्टा लगा रहे हैं। शहर के एक प्रतिष्ठित क्लब मेें रोज रात को आगामी विधानसभा चुनाव और सोहराब प्रकरण को लेकर सट्टा लगाया जा रहा है।

गमेती समाज का सामुदायिक भवन पर कब्जा

85901132उदयपुर। शादी समारोह के महौल में निगम के ही एक कर्मचारी को जिन मुसीबतों का सामना करना पड़ा, वह बेहद की चौंकाने वाला था। घर के बाहर खड़ी बारात को ठहराने के लिए बुक कराए गए सामुदायिक भवन की चाबी पार्षद ने यह कहकर देने से मना कर दिया कि यह भवन गमेती समाज का है और समाज किसी अन्य समाज को उपयोग के लिए नहीं देगा।
नगर निगम के ही कर्मचारी निजामुद्दीन की बेटी कि शादी 23 मई को थी, उन्होंने बारात ठहराने का इंतजाम एकलव्य कोलोनी के सामुदायिक भवन में कर रखा था। इसके लिए उन्होंने नियमानुसार दो महीने पहले ही नगर निगम से बुक करा 500 रूपये कि रसीद भी कटवा ली थी। बारात आने के दो दिन पूर्व उन्होंने पूरे सामुदायिक भवन के बाहर साफ-सफाई भी करवा दी थी। शादी वाले दिन जब वे पार्षद जीवन लाल गमेती से सामुदायिक भवन कि चाबी लेने के लिए गए, तो पार्षद ने चाबी देने से मना कर दिया। पार्षद ने कहा कि यह सामुदायिक भवन गमेती समाज का है किसी और समाज के व्यक्ति को उपयोग के लिए नहीं दिया जा सकता। निजामुद्दीन ने निगम के कमिश्नर, महापौर से भी बात की, लेकिन चाबी उन्हें नहीं मिली। आखिर उन्हें दोगुने दाम देकर बरात को कहीं और रुकवाने पड़ा। शाम तक पार्षद पर जब चाबी देने का दबाव आया, तो उन्होंने निजामुद्दीन को फोन कर चाबी ले जाने को कहा, लेकिन साथ में धमकाते हुए यह भी कह डाला कि अगर तुम्हारी बारात ठहरी और गमेती समाज के लोगों ने वहां कोई अप्रिय वारदात कि तो उसकी जिम्मेदारी मेरी नहीं होगी। आखिरकार निजामुद्दीन ने चाबी नहीं ली।
> मेरी बेटी की शादी के लिए दो महीने पहले एकलव्य कोलोनी का सामुदायिक भवन बुक कराया था और एनवक्त पर पार्षद ने चाबी देने से यह कहकर इनकार कर दिया कि गमेती समाज के अलावा किसी अन्य समाज को यह भवन नहीं दिया जा सकता। -निजामुद्दीन
> मेरी तरफ से कोई मनाही नहीं है, लेकिन समाज का विरोध है। समाज के लोग नहीं चाहते कि यहां किसी और समाज का कोई कार्यक्रम हो।
-जीवन लाल गमेती, पार्षद, वार्ड आठ
> सामुदायिक भवन सार्वजनिक होता है। किसी एक समाज विशेष का नहीं। यदि ऐसा हुआ है, तो इसकी जांच करवाई जाएगी। कमिश्नर को भी जांच के लिए कहा गया है।
-रजनी डांगी, महापौर,
नगर निगम

रोशनी दूसरों की जिंदगी में कर रही अंधेरा

images (4)रफ्तार के सौदागर नियमों को तोड़कर हाइवे पर ही नहीं, बल्कि सिटी में भी हाई पॉवर बीम हेडलाइट्स लगाकर गाडिय़ां दौड़ा रहे हं। उन्हें इस बात की तनिक भी फिक्र नहीं कि जिस रोशनी को वे अपनी सहूलियत व सुरक्षा के लिए प्रयोग कर रहे हैं, वो दूसरों की दुनिया को अंधेरे में डूबो सकती है। बावजूद इसके न तो ट्रैफिक पुलिस हाईबीम लाइट लगाने वालों को रोक पा रही है और ना ही आरटीओ ऑफिसर्स को नियम टूटने की कोई चिंता है।

हमको नहीं पता रूल्स :
सिटी में लोग हाईबीम हेडलाइट का यूज कर रहे हैं, एक्सीडेंट हो रहे हैं। लेकिन इससे शायद ट्रैफिक पुलिस को कोई मतलब नहीं है। ट्रैफिक पुलिस के एक जवान से बातों में पता चला कि उसे गाडिय़ों की हेडलाइट से संबंधित किसी भी नियम की जानकारी नहीं है। इस संबंध में आरटीओ के एक अधिकारी से बात करने पर मीटिंग में व्यस्त होना कहकर फोन रख दिया।

ये है दुर्घटनाएं होने के मोटे-मोटे कारण
50 की जगह 150 वॉट का बल्ब
जानकारी के अनुसार कंपनियों से कार व अन्य एसयूवीज में 12 एम्पियर का 60/55 वॉट का बल्व लगा होता है। इस बल्व के एक images (5)ही ग्लॉस में दो फिलामेंट होते हैं। जिनके इस्तेमाल से लाइट को ऊपर-नीचे किया जाता हैं। वहीं दूसरी ओर रफ्तार के सौदागर और हाइवे पर चलने वाले अक्सर इस बल्व की जगह वाहनों में 100/90 वॉट का बल्व लगवा लेते हैं। जिससे कि तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर रोड पर ज्यादा दूरी तक नजर आए। इस बल्व की कीमत भी बहुत अधिक नहीं होती है। केवल 200 रुपए में ऐसे हेडलाइट बल्व मिल जाते हैैं। कुछ लोग इससे भी अधिक रोशनी व बल्व को फ्यूज होने से बचाने के लिए साथ में रिले भी लगा लेते हैं। इतना ही नहीं हेडलाइट की जगह 150 वॉट तक का कटआउट भी लगवा लेते हैं।
लगवा लेते हैं एचआईडी किट :
बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैैं, जो इससे भी अधिक रोशनी के लिए गाड़ी में एचआईडी किट लगवा लेते हैं। जिसमें दो बल्व और [quote_right] ॥इस प्रकार की कोई भी लाइट गाड़ी में नहीं होनी चाहिए। अगर होती है तो हम समझाइश कर उसे हटवाते है। नहीं हटाने पर कई बार चालान भी काटे गए है। बड़े शहरों व मेट्रो सिटी में गाडिय़ों को डिपर पर रखकर ही चलाया जाता है। – महेंद्रसिंह, ट्राफिक डिप्टी[/quote_right]ब्लास्टर लगे होते हैं। इसके लिए अलग से वायरिंग होती है। इसकी कीमत 5000 रुपए के करीब है। इन हाईबीम हेडलाइट्स की रोशनी के आगे किसी की आंख टिक पाना मुश्किल होता है। फिर लोग इन्हीं हाईबीम लाइट्स का इस्तेमाल हाइवे पर ही नहीं सिटी में गाड़ी चलाने पर करते हैं, जिसकी तेज रोशनी की वजह से सामने से आ रही गाड़ी के ड्राइवर को आगे कुछ नजर नहीं आता है। ड्राइवर एक्सीडेंट से बचने के लिए गाड़ी की स्पीड धीमी करने व लेफ्ट साइड गाड़ी ले लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में अगर आगे जा रही गाड़ी पास में या फिर लेफ्ट साइड में है, तो टकरा जाती है।
हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा :
सिटी में हर साल आपराधिक घटनाओं से ज्यादा रोड एक्सीडेंट्स हो रहे हैं। सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट्स शाम और रात को हो रहेे[quote_simple]रोड पर खड़े रहते हैं यमदूत : ऐसी हालात में रोड पर खड़ी की गई गाडिय़ां काफी खतरनाक साबित होती हैं। शहर की सड़कों पर वाहनों की संख्या दो लाख से अधिक हो चुकी है। पार्किंग न होने की वजह से रोड पर ही गाडिय़ां खड़ी रहती हैं। इनके खिलाफ ट्रैफिक पुलिस कुछ खास कार्रवाई नहीं करती है। बाइक, कार ही नहीं ट्रक, बस आदि भी सड़क पर ही खड़े रहते हैं।[/quote_simple] हैैं। इसके भी कई कारण है। एक तो सिटी की सड़कें अंधेरे में डूबी रहती हैं। शहर इस तरह की कई सड़के हैं, जो कि शाम से ही अंधेरे में डूब जाती हैं।
हो जाती है टक्कर :
अंधेरे में डूबी सड़कों पर सामने वैसे भी कुछ नजर नहीं आता है, ऐसे में हाईबीम हेडलाइट्स खतरे को और भी बढ़ा देती हैं। इन हाईबीम हेडलाइट्स की वजह से सामने से आ रही बाइक व अन्य गाड़ी के ड्राइवर के सामने अंधेरा सा छा जाता है। वह रोड पर खड़े ट्रक, पोल आदि में टकरा जाता है। कुछ इन्हीं वजहों से गुरुवार शाम को हाइवे पर जा रही दो युवतियों को सामने से आ रहे एक ट्रक ने चपेट में ले लिया। हादसे में दोनों युवतियों की मौके पर ही मौत हो गई। हाई पॉवर बीम लाइट के इस्तेमाल के कारण अधिक रोड एक्सीडेंट होते है। सिटी में तो इनका कतई यूज नहीं किया जाना चाहिए।
रोड पर खड़े रहते हैं यमदूत :
ऐसी हालात में रोड पर खड़ी की गई गाडिय़ां काफी खतरनाक साबित होती हैं। शहर की सड़कों पर वाहनों की संख्या दो लाख से अधिक हो चुकी है। पार्किंग न होने की वजह से रोड पर ही गाडिय़ां खड़ी रहती हैं। इनके खिलाफ ट्रैफिक पुलिस कुछ खास कार्रवाई नहीं करती है। बाइक, कार ही नहीं ट्रक, बस आदि भी सड़क पर ही खड़े रहते हैं।
ट्रांसफॉर्मर व पोल बने मुसीबत :
सड़क पर पोल व ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं। अंधेरे में लोग इनसे टकरा न जाएं, इससे बचाने के लिए रेडियम कॉशन बोर्ड भी नहीं लगे हुए हैं। जब सामने से आने वाली गाड़ी की हाईबीम लाइट पड़ती है, तो नॉर्मली ड्राइवर गाड़ी को लेफ्ट साइड कर लेता है, लेकिन गाड़ी इन पोल्स व ट्रांसफॉर्मर से टकरा जाती है, जिससे ड्राइवर व गाड़ी में सवार लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है।

ट्रक की टक्कर से दो युवतियों की मौत

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उदयपुर। प्रतापनगर थाना क्षेत्र के मादड़ी स्थित रिको औद्योगिक क्षेत्र में गुरुवार शाम को कंपनी में छुट्टी के बाद अपने घरों को लौट रही दो युवतियों को पीछे से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में दोनों ही युवतियों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार मादड़ी स्थित पायरोटेक की टेमसंग कंपनी में काम करने वाली भीलवाड़ा हाल भुपालपूरा महाराष्ट्र भवन के पास निवासी श्रुति (22) पुत्री भूपेंद्र त्रिवेदी और इसकी एक साथी कुंभानगर चित्तौड़ हाल मादड़ी निवासी प्रियंका (24) पुत्री अरूण त्रिपाठी, दोनों कंपनी में काम खत्म कर घर जा रही थी। उसी दौरान रोड नंबर दो पर स्थित बिनानी सीमेंट के गोदाम के सामने पीछे से आ रहे एक ट्रक ने स्कूटी सवार दोनों लड़कियों को कुचल दिया। चालक, आगे निकलने के बाद ट्रक को खड़ा कर खलासी के साथ फरार हो गया। सूचना मिलने पर मौके पर थानाधिकारी, डिप्टी अनंत कुमार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तेजराजसिंह भी पहुंच गए। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मौका-मुआयना कर दोनों युवतियों के बिखरे हुए शवों को एमबी अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया। दोनों की युवतियों के परिजनों के आने पर दोनों को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिए गए। हादसे में कर्मचारी की मौत पर टेमसंग कंपनी के अधिकारियों ने आज कंपनी में अवकाश रखकर शोक व्यक्त किया।
मुर्दाघर के बाहर गमगीन माहौल : आज सुबह पोस्टमार्टम के समय एमबी अस्पताल के बाहर काफी संख्या में लोग मौजूद थे। इन युवतियों के परिजन वहां पर फूट-फूट कर रो रहे थे, जिन्हें परिचित व रिश्तेदार ढांढ़स बंधा रहे हैं।
बीस लाख की शराब जब्त, दो गिरफ्तार
उदयपुर। खेरवाड़ा पुलिस ने अवैध रूप से ले जा रही 20 लाख रुपए की शराब पकड़ते हुए दो युवकों को गिरफ्तार किया है।
एएसपी (ग्रामीण) सुधीर जोशी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि खेरवाड़ा क्षेत्र से अवैध रूप से एक शराब से भरा ट्रक जा रहा है। इस सूचना पर उन्होंने खेरवाड़ा थानाधिकारी हजारीलाल ने मय टीम के साथ परबीला कट के पास उदयपुर से गुजरात जाने वाले रोड पर नाकाबंदी की। नाकाबंदी के दौरान वहां से गुजर रहे एक ट्रक को पुलिस ने रूकवा कर तलाशी ली, तो उसमें शराब के कर्टन भरे थे। पूछताछ में ट्रक चालक ने अपना नाम कोट थाना हथीन पलवल हरियाणा निवासी हन्नान पुत्र इजराइल मेव व खलासी पंचगावा तावडु जिला नूह मेवात हरियाणा निवासी इकबाल पुत्र मोहर खां मेव बताया। ट्रक में विभिन्न कम्पनियों के कुल 871 कार्टून हरियाणा निॢमत अवैध शराब पाई गई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रक में भरी शराब को जब्त कर लिया है। पुलिस के अनुसार पकड़ में आई शराब करीब 20 लाख रूपए मूल्य की है।