जश्ने विलादत हजरत अली मनाया

images (2)उदयपुर, पैगम्बर इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.) के दामाद व उनके उत्तराधिकारी मौला आलीरूल मोमिनी मुश्किल कुशा हजरत अली (अ) के जन्म दिन (विलादत) गुरूवार को एक दिवसीय महफीले मिलाद का आयोजन किया गया।
अजन्ता होटल की गली स्थित शिया जामा मस्जिद में आयोजित मिलाद में पटना से आये हुज्जतुल इस्लाम मौलाना नामदार अब्बास सा. ने अपनी तकरीर में बताया कि खत्मे नबूवत के बाद जिस ओहदे का आगाज होता है उस ओहदे का नाम है। ’इमामत’ मजहबे शीआ के मुताबिक पैगम्बर हजरत मोहम्मद (सअ.) ने इरशाद फरमाया था कि मेरे बाद मेरे १२ जानशीन होगें और रसूल (स.अ.) अपनी जिन्दगी मे ही अपने आखिरी हज से लौटते वक्त मैदाने-गदीर में अपने जानशीन का एलान इन अलफ़ाज़ में कर दिया था कि ’’मन कुन्तो मौला, फा हाजा अलीयुन मौला’’ यानी मैं जिस का मौला हं, अली (अ.) उसके मौला है यानी सरपस्त हाकिम ओर रहबर है। आज उसी मौला रहबर और रसूल (स.अ.) के जानशीन की विलादत का दिन है और हर मुसलमान अपने रसूल (स.अ.) के इस वसी व जानशीन की विलादत की खुशी मनाना और इस खुशी के जश्न में शरीक होना अपना फर्ज समझता है।
उन्हीं अमीरूल मोमिनीन अली इब्ने तालिब (अ.) की विलादत के सिलसिले में एक महफिले का एहतेमाम किया है जहां तमाम शोअरा हजरात और मौलानाओं ने इस खुशी के मौके पर नजरान-ए-एकीदत पेश की और महपि*ल के आखिर में देश में अमन ओर चेन की दुआ मांगी गई।

जीजा ने किया साली के साथ दुष्कर्म

rape-victim1a_398_042911120811उदयपुर, डबोक थाना पुलिस ने जीजा के खिलाफ साली को साथ ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार डबोक थानाक्षैत्र मंदेसर गांव निवासी किशोरी ने अपने जीजा बिछडी गांव निवासी लक्ष्मण उर्फ़ लखन पुत्र लोगर भील के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। कि २१ मई को परिजन काम से बाजार की तरफ गये थे। इस दौरान बाइक लेकर आया आरोपी सामान खरीदने के बहाने बाइक पर बैठा कर उदयसागर की तरफ ले गया जहां उसके साथ उसने दुष्कर्म किया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।

दुगना धन बनाने का लालच दे कर लाखों की धोखाधडी

images (1)उदयपु, हिरणमगरी थाना पुलिस ने दम्पत्ति सहित सात जनों के खिलाफ दुगुना धन बनाने का झासा देकर लाखों की नकदी हडपने का मामला दर्ज किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार राम मंदिर मोहल्ला बाला घाट एम पी निवासी संदीप कोठारी पुत्र प्रकाश चन्द्र कोठारी ने परिवाद जरिये आर के पुरम सवीना सेक्टर नो स्थित ग्रीन रिवोल्यवेशन मार्केटिंग प्रा लि, ग्रीन रायल रिवोल्यूशन प्रा लि कंपनी एवं संचालक विशाल पुत्र जुगलकिशोर दाडी, विक्रांत पुत्र जुगल किशोर, खुशबू पत्नी विशाल, द्रापदी पत्नी जुगलकिशार के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। कि १५ मार्च १२ को आरोपियों से संपर्क होने पर कंपनी में इन्वेस्ट मेन्ट के जरिये कम समय में दुगुना धन कमाने की बात कहीं इस पर आरोपियों को ८० हजार रूपये नकदी एवं २ लाख ४० हजार रूपये बैंक जरिये भुगतान करने पर आरोपियों ने दस्तावेजों पर भुगतान करवाये। लेकिन निर्धारित समय पश्चात आरोपियों ने न तो नकदी का भुगतान किया न ही जमा धन लौटाया। इसी तरह अन्य मामले में बनेरावाला घाट एम पी निवासी धमेन्द्र पुत्र रामकिशन डोगरे ने भी आरोपियों के खिलाफ आरोपियों एवं विजया बैंक के उपर गांधी बांग महाराष्र्ट के सी ए नितिन एन भुसारी के खिलाफ ४० हजार रूपये की धोखाधडी करने का प्रकरण दर्ज करवाया।

वसुंधरा राजे ने ही कराई तुलसी और सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ हत्या

_DSC0426उदयपुर। आदिवासियों के दिग्गज नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने खुला आरोप लगाया है कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने ही फर्जी मुठभेड़ों में सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति की हत्याएं करवाई। सब कुछ क्रनम्बर वन की सहमति से हुआ है।

_DSC0412डॉ. किरोड़ी ने गुरुवार सुबह अपनी विजय संकल्प यात्रा पर रवाना होने से पहले यहा सर्किट हाउस में हुई विशेष बातचीत में यह सनसनीखेज जानकारी दी। डॉ. किरोड़ी से नम्बर वन के बारे में और खुलासा करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, नम्बर वन यानी मुख्यमंत्री। उस समय मुख्यमंत्री कौन थी- वसुंधरा राजे। सारा मामला साफ है। उन्होंने कहा कि सीबीआई को वसुंधरा से पूछताछ करनी चाहिए। सब कुछ सामने आ जाएगा। डॉ. किरोड़ी ने कहा, मैं यह मांग करता हूं कि इस मामले में तत्कालीन नम्बर वन से पूछताछ की जाए। उन्होंने कहा कि नम्बर वन की सहमति के बिना ऐसे काम नहीं हो सकते। कटारिया तो नीचे थे।

बाद डॉ. किरोड़ी, उनकी पत्नी श्रीमती गोलमा देवी और राष्ट्रीय जनता पार्टी के सुप्रीमो पीए संगमा ने बेणेश्वर धाम के लिए प्रस्थान किया, जहां से उन्हें अपनी राष्ट्रीय जनता पार्टी की विजय संकल्प यात्रा की शुरूआत की। तीनों आदिवासी नेताओं ने अपने रथ में सवार होकर दावा किया कि अगले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की ही सरकार बनेगी। राजपा की यह विजय संकल्प यात्रा 2 जून तक उदयपुर संभाग में रहेगी।

विजय संकल्प यात्रा का प्रस्तावित कार्यक्रम

>> 23 मई : बेणेश्वर धाम पर आम सभा

>> 24 मई : लोहागढ़ (स्वागत), धरियावद रात्रि विश्राम

>> 25 मई : पटियाला, छोटी सादड़ी, निम्बाहेड़ा में रात्रि विश्राम

>> 26 मई : बड़ीसादड़ी, भींडर, वल्लभनगर में रात्रि विश्राम

>> 27 मई : मावली, नाथद्वारा (स्वागत), खमनोर, गोगुंदा में रात्रि विश्राम

>> 28 मई : देवला, कोटड़ा, झाड़ोल में रात्रि विश्राम

>> 29 मई : फलासिया, खेरवाड़ा, केसरीयाजी (सेमारी) मेें रात्रि विश्राम

>> ३० मई : सलूंबर, डूंगरपुर, देवल (सभा), चौरासी-गैंजी घाटा में स्वागत, सीमलवाडा में रात्रि विश्राम

>> ३१ मई : चिखली-सभा, सागवाड़ा-बडग़ी में सभा, सागवाड़ा, गढ़ी-परतापुर- माहीपुल पर स्वागत, परतापुर (सांगेला) में रात्रि विश्राम

>> १ जून : तलवाड़ा, बांसवाड़ा घाटोल में रात्रि विश्राम

>> २ जून : प्रतापगढ़ (कुशालपुरा), घंटाली, दानपुर में सभा, कुशलगढ़ में रात्रि विश्राम

सज्जनगढ़, बागीदौरा, मानगढ़ धाम पर समापन

रेलवे के तत्काल टिकिट की ब्लैक में अधिकारीयों की भी मिलीभगत

indian-railways-160911उदयपुर अगर रेल में तत्काल टिकट चाहिए, तो उदयपुर के सिटी स्टेशन पर ब्लैक में मिल रहे हैं। हां, यह खेल रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत से एजेंटों के जरिये खेला जा रहा है। इस गौरखधंधे में शामिल एजेंट इतने शातिर है कि वे विधायक व सांसद के नाम पर भी पांच सौ रुपए अधिक लेकर किसी का भी तत्काल टिकट बनवा कर उन्हें सांसद, विधायक बताते हुए रेल की यात्रा करवा सकते हैं। तत्काल टिकट की ऑनलाइन बुकिंग सर्वर डाउन होने के कारण संभव नहीं हो पाती है। ऐसे में सिटी रेलवे स्टेशन पर तत्काल टिकट बुकिंग की खिड़की सुबह दस बजे मात्र एक या दो मिनट के लिए खुलती है और बाद में वहां पर वेटिंग का बोर्ड टंग जाता है। इससे आम आदमी को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है।

इन दिनों ट्रेन से अरामदायक सफर करना है और तत्काल टिकट बुक कराना है, तो भूल जाइये, क्योंकि तत्काल टिकट की बुकिंग में एजेंटों और रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत से कालाबाजारी की जा रही है, जबकि तत्काल टिकट की बुकिंग के लिए आम लोग घंटों सिटी रेलवे स्टेशन पर बुकिंग की खिड़की पर खड़े रहते हैं, लेकिन टिकट नहीं मिलता है। इसकी पड़ताल की, तो सामने आया कि रेलवे स्टेशन पर तत्काल टिकट बुकिंग के लिए एजेंट सक्रिय हैं। ऐसे ही एक एजेंट से जब मुलाकात हुई, तो उसने इस गोरखधंधे का पूरा राजफाश किया। पता चला है कि एजेंटों के जरिये एक मोटा हिस्सा अधिकारियों तक भी पहुंचता है। इस कारण यह काला धंधा वहां पर धड़ल्ले से चल रहा है और यात्रियों को इस सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है या फिर अधिक रुपया देकर तत्काल की टिकट लेनी पड़ रही है। एक एजेंट ने बताया कि उसकी अंदर तक सेटिंग है। उसको तत्काल का टिकट बुक कराने के लिए सिर्फ यात्रियों का नाम, पता और उम्र चाहिए। उसके बाद वह अंदर सौ या दो सौ रुपए अधिक देता है और किसी का भी तत्काल टिकट बनवा देता है। उदयपुर से 13 ट्रेनें चलती है, जिनमें रोजना दो सौ से तीन सौ तत्काल टिकट बुक होते हैं, लेकिन यह आम आदमी की पहुंच से बाहर है कि वह अपना तत्काल टिकट बुक करवा ले। ये सिर्फ और सिर्फ एजेंटों के जरिये ही किया जा सकता है, जो इस योजना का पूरा लाभ खुद भी उठा रहे हैं और अधिकारियों को भी पहुंचा रहे हैं।

पांच बजे से लगती है लाइन

तत्काल टिकट बुकिंग के लिए सुबह पांच बजे से लाइन लगनी शुरू हो जाती है, लेकिन यह खिड़की सुबह दस बजे खुलती है, वो भी एक या दो मिनट के लिए, क्योंकि वहां पर तत्काल की टिकट बुकिंग के लिए वेटिंग का बोर्ड लग जाता है। इस बीच किसी भाग्यशाली यात्री का नंबर आ गया तो ठीक नहीं, तो फिर एजेंट के जरिये ही तत्काल का टिकट बुक हो पाता है।

मंत्रालय चाहता है, लेकिन अधिकारी नहीं : रेल मंत्रालय चाहता है कि आम आदमी को ज्यादा से ज्यादा और सस्ती सुविधाएं मिले, लेकिन अधिकारियों और एजेंटों की मिलीभगत से इस सुविधा का अधिकार हकदार तक नहीं पहुंच पाता है। रेल मंत्रालय और आईआरसीटीसी लगातार ऑनलाइन टिकिटिंग प्रमोट कर रहे हैं, लेकिन फिर भी रेलवे स्टेशन पर लगी रहती है, क्योंकि दस बजे ही आईआरसीटीसी का सर्वर डाउन हो जाता है। रेलवे अधिकारी मानते हैं की तत्काल के वक्त सर्वर स्लो हो जाता है, जबकि सर्वर पहले से अपग्रेट किया हुआ है। पहले ड्यूल कौर था अब हेक्सा कौर कर दिया गया है, पहले सर्वर की रैम आठ जीबी थी, जबकि अब 64 जीबी कर दी गई है। कुछ समय पहले ही सर्वर पर रेल विभाग द्वारा 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन अभी भी इसकी स्पीड और बढ़ाने की आवश्यकता है। बहरहाल इससे रेल यात्रा का सफर करने वाले लोग काफी सुविधाओं से या तो वंचित रह जाते हैं या फिर एजेंटों के चक्कर में आकर अधिक रुपया देकर उन्हें रेल सुविधा हासिल करनी पड़ती है।

भड़का अधिकारी : जब तत्काल टिकट के ब्लैक होने के संबंध में क्षेत्रीय रेलवे अधिकारी हरफूलसिंह चौधरी से पूछा गया, तो वो भड़क गए। उन्होंने कहा कि ये उनका सरकारी नंबर नहीं है। उनसे बात करके ऐसा लगा कि जैसे यह गोरखधंधा उनकी जानकारी में होता है।

ठेका कर्मचारियों और रेडियोग्राफर्स की हड़ताल जारी

_DSC0407उदयपुर। बाल चिकित्सालय और कॉर्डियोलोजी विभाग के ठेका कर्मचारियों ने गुरुवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखते हुए सुबह सात से नौ बजे तक कार्य का बहिष्कार किया। इस दौरान इन ठेका कर्मचारियों ने आरएनटी के प्राचार्य के कक्ष के सामने प्रदर्शन करके ठेका प्रथा का विरोध किया और ठेका कर्मचारियों को संविदा पर लेने की मांग की। संघ के महामंत्री अशोक कल्याण ने बताया कि अगर मांगे नहीं मानी गई, तो हड़ताल को यथावत रखा जाएगा। अन्य ठेका कर्मचारियों को भी हड़ताल शामिल किया जाएगा। दूसरी तरफ, एमबी हॉस्पीटल में रेडियोग्राफर्स की हड़ताल के चलते तीसरे दिन भी मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दो घंटे की रेडियो ग्राफर्स की हड़ताल के चलते अस्पताल के सभी एक्सरे कक्ष के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और एक्सरे के लिए मरीजों को गर्मी में घंटों इंतजार करना पड़ा। गौरतलब है कि राजस्थान रेडियोग्राफर्स के आह्वान पर एमबी हॉस्पिटल के रेडियोग्राफर्स सुबह आठ से 10 बजे तक कार्य का बहिष्कार कर हड़ताल रहे।

पेट्रोल पम्प उड़ा रहे है नियमों की धज्जियाँ

p1उदयपुर, हर पेट्रोल पंप पर पीने के पानी, टॉयलेट और हवा भरने की सुविधा होनी ही चाहिए। यदि कोई पेट्रोल पंप ऐसा नहीं करता हैं, तो उस पर पैनाल्टी हो सकती है। शहर में पेट्रोल पंप का जायजा लिया जाय तो पता चला कि शहर में कई पेट्रोल पंप पर ये सुविधाएं हैं ही नहीं। शहर के पटेल सर्कल, सूरजपोल व चेटक स्थित पेट्रोल पंप का जायजा लिया, तो वहां पर मौजूद जिम्मेदारों के पास कोई जवाब नहीं था और था भी तो उसे गुमा फिरा कर बताया गया।

लग सकती है पैनाल्टी : पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मैंबर बताते हैं कि पेट्रोलियम कंपनी का सख्त निर्देश है कि सभी पेट्रोल पंप पर पब्लिक के लिए टॉयलेट, पीने के लिए पानी और हवा चैक करने की सुविधा होनी चाहिए। अगर ये सुविधाएं नहीं है, तो उन पर पैनाल्टी चार्ज की जा सकती है।

 

p2पटेल सर्कल के पास स्थित एक पेट्रोल पंप पर पर टायलेट की सुविधा तो थी, लेकिन पानी की सुविधा नहीं थी।

 

पलटन मस्जिद के पास बने एक पेट्रोल पंप पर तो चौकाने वाला नजारा था, वहां पर तीनों सुविधाएं नदारद थी। पानी के नाम पर कोई स्थाई सुविधा नहीं और न ही टायलेट की सुविधा। वहां पर अगर टायलेट के लिए पूछा जाता है, तो सार्वजनिक टायलेट की तरफ इशारा कर दिया जाता है।

 

कोर्ट चौराहे से अस्पताल जाने वाली रोड़ पर स्थित पेट्रोल पंप पर हवा भरने की मशीन तो है, लेकिन उस पर आउट ऑफ ऑर्डर का बोर्ड लगाकर सारी जिम्मेदारी से ही छुटकारा पा लिया है।

 

होटल देव दर्शन के पास बने एक पेट्रोल पंप पर भी सभी सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया है। साथ ही पेट्रोल भरने वाले कर्मचारियों के लिए छत तक नहीं है, जिससे उन्हें तपती दोपहरी में दिनभर खड़ा रहकर काम करना पड़ता है।

॥पेट्रोल पम्प पर नियमों के अनुसार सुविधाओं का होना जरुरी हैं। अगर किसी पम्प पर सुविधाएं नहीं है तो कम्पनी के ओर से एक नोटिस दिया जाता है। जिसमें सुविधाओं के नहीं होने के कारण की जानकारी मांगी जाती हैं। सुविधाओं के अभाव में पम्प मालिक पर कार्रवाई का प्रावधान हैं।

 

सोहराबुद्दीन का भूत ढूंढ़ रहा हे अपने हत्यारे को

उदयपुर, राजस्थान की राजनीति में भूचाल आने के खतरनाक संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ के मामले में किरोड़ीलाल मीणा के हवाले से नंबर वन को जानकारी होने का इशारा किया है, जिसके कई निहितार्थ हैं। इन्हीं को पकड़ते हुए तत्कालीन नंबर वन वसुंधरा राजे ने भी उन्हें लपेटे जाने की आशंका जाहिर की है। श्रीमती वसुंधरा ने निवाई की आमसभा में कहा, आज कटारिया, कल मैं, परसों और कोई राजनेता। मतलब साफ है कि सोहराबुद्दीन के भूत ने भाजपा के कई बड़े नेताओं की नींद उड़ा रखी है।

कुख्यात अपराधी सोहराबुद्दीन की मौत मुठभेड़ में हो जाती, तो कोई बात नहीं थी, लेकिन उसका अपहरण करके हत्या की गई और उसे मुठभेड़ का रूप दिया गया, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सोहराब की बीबी कौसर बी की भी नृशंस हत्या करके उसका शव जला दिया गया और अस्थियां गुजरात के पुलिस अधिकारी डीजी बंजारा के फार्म हाउस के कुएं में डाल दी गई, जिन्हें बाद में वहां से सुबूत के तौर पर बरामद किया गया। सरकार द्वारा गैर सरकारी तौर पर हत्याओं का यह सिलसिला और आगे बढ़ा। सोहराब के साथी शूटर तुलसी प्रजापति को भी पुलिस ने मार दिया, जबकि तुलसी ने उदयपुर की एक अदालत में उसे फर्जी मुठभेड़ में मार देने की आशंका जताते हुए सुरक्षा की गुहार की थी। अदालत को दिया गया वह पत्र आज भी मौजूद है। फिर भी पुलिस ने उसे मार दिया।

आखिर पुलिस ने ऐसा क्यों किया? पैसे के लिए अथवा पदौन्नति के लिए? या दोनों के लिए! कुछ बरस पहले तक तो समाजकंटक माफिया द्वारा ही सुपारी के लेनदेन की बातें कही-सुनी जाती थी, लेकिन इस मामले के बाद तो यह साफ हो गया है कि नेता और अफसर भी सुपारी का लेन-देन करते है और वह भी हत्या जैसे संगीन अपराध के लिए। कहानी तो यही है। और इन नकली मुठभेड़ों में राजस्थान और गुजरात के बड़े पुलिस अफसर शामिल हुए हैं। ऐसा ये लोग खुद के बूते पर तो कतई नहीं कर सकते। डोर तो ऊपर से ही हिली है। अब यह पता चलना ही चाहिए कि वह ऊपर वाला है कौन? नंबर वन, टू या थ्री।

धरना प्रदर्शन करने वाले भी यही कह रहें है कि असलीयत सामने आनी चाहिए। सबकी निगाहें 4 जून पर टिकी हुई है, जब इस मामले पर मुंबई की सीबीआई कोर्ट फिर सुनवाई करेगी।

लड़की को मौत के मुंह में पहुंचाया फेसबुक फ्रेंड ने

बेंगलुरु। अगर आप फेसबुक पर अंजान लोगों को फ्रेंड बनाकर उनसे चैट करते हैं या फिर दोस्‍ती बढ़ा रहे हैं, तो यह खबर जरूर पढ़ें। उम्‍मीद है आप सतर्क हो जायेंगे। यह घटना बैंगलोर की है, जहां के गिरीनगर में रहने वाली पूनम श्रीनिवासन (काल्‍पनिक नाम) के फेसबुक फ्रेंड विनय टीआर ने उसे मौत के मुंह तक पहुंचा दिया। यह सिलसिला शुरू हुआ दो साल पहले जब पूनम और विनय की मुलाकात फेसबुक पर एक ग्रुप के पोस्‍ट पर कमेंट करते वक्‍त हुई। विनय ने पूनम को फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेजी और उसने एक्‍सेप्‍ट कर ली। देखते ही देखते दोनों में चैटिंग शुरू हो गई। दो अंजान दिल कब एक हो गये पता ही नहीं चला। फिर एक दिन आया जब दोनों ने मोबाइल नंबर एक्‍सचेंज किये और बैंगलोर के रेस्‍त्रां में उनकी मुलाकातें शुरू हो गईं।

 

22-facebook-killerशादी तक पहुंच गई और पूनम के करीबी दोस्‍त के अनुसार दोनों के परिवार शादी के लिये राजी थे, लेकिन दोनों के सेटेलमेंट का इंतजार कर रहे थे। करीब एक साल पहले विनय को नौकरी से निकाल दिया गया। ऐसा होने पर भी पूनम की ओर से प्‍यार कम नहीं हुआ। चूंकि वो खुद भी नौकरी करती थी तो वो विनय की आर्थिक मदद करती रही। इस मदद के बदले विनय ने क्‍या किया, यह रोंगटे खड़े कर देने वाला है। सोमवार की दोपहर विनय का फोन आया और उसने पूनम को घर बुलाया। प्‍यार में पागल पूनम विनय के घर गई। दोनों ने साथ में लंच किया और फिर कंप्‍यूटर पर फिल्‍म देखी। शाम को करीब 6:30 बजे विनय ने पूनम से पैसे की डिमांड की और उसकी बैंक चेकबुक मांगी। पूनम ने जब यह कहा कि उसके पास अब पैसे नहीं हैं, तो विनय को गुस्‍सा आने लगा। थोड़ी देर की तीखी नोक-झोंक के बाद विनय ने डाइनिंग टेबल पर रखे एक बड़े चाकू से पूनम पर वार कर दिया। पूनम ने एक हाथ से बचाव किया तो हाथ लहूलुहान हो गया। फिर दूसरे हाथ पर फिर पीठ पर और देखते ही देखते विनय ने पूनम पर कई सारे वार किये। पूनम वहीं जमीन पर गिर पड़ी। विनय को लगा वो मर गई है और वह अपने घर का दरवाजा बाहर से लॉक करके फरार हो गया। लेकिन पूनम के अंदर हिम्‍मत और जान दोनों बाकी थी। थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया, तो उसी लहूलुहान हालात में घिसड़ते-घिड़ते मोबाइल तक पहुंची और अपने पिता को फोन कर अपनी हालत के बारे में बताया। पूनम के पिता तुरंत पुलिस के साथ विनय के घर पहुंचे और उसे तुरंत निम्‍हांस अस्‍पताल ले गये। जहां से उसे एक मल्‍लेश्‍वरम के अस्‍पताल में रिफर कर दिया गया। पूनम फिलहाल खतरे से बाहर है। पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर लिया है और विनय को खोजने के लिये संदिग्‍ध ठिकानों पर दबिश डाली जा रही है।

 

पिता की ही तरह हनुमान बने थे विंदू

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6538_b2आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग से जुड़े होने के आरोप में गिरफ़्तार क्लिक करें अभिनेता विंदू दारा सिंह मशहूर पहलवान और रुस्तम-ए-हिंद के खिताब से नवाजे गए दारा सिंह के बेटे हैं.

 

आईपीएल में क्लिक करें स्पॉट फ़िक्सिंग के आरोप में गिरफ़्तार होने वाले वे बॉलीवुड से जुड़े पहले व्यक्ति हैं. उन्हें एक सटोरिए के बयान के आधार पर गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि विंदू ख़ुद भी सट्टा लगाते थे.

6537_b1मीडिया में आई कुछ तस्वीरों में वे क्लिक करें भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी कर रहे महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी के साथ स्टेडियम में बैठे नजर आए हैं. इसके अलावा उन्हें आईपीएल के मैचों के बाद होने वाली पार्टियों में भी देखा जाता था.

 

फ़िल्मी करियर

 

विंदू ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1994 में आई फ़िल्म ‘करन’ से की थी. उन्होंने अपने पिता की पंजाबी फ़िल्म में भी काम किया है.

 

इस साल मार्च में आई फिल्म ‘हिम्मतवाला’ में भी विंदू दारा सिंह नज़र आए थे. पिछले साल आई फ़िल्म,‘सन ऑफ सरदार’ में उन्होंने टीटू नाम का किरदार निभाया था. इसके अलावा उन्होंने हाउसफुल पार्ट टू, हाउसफुल, पार्टनर और गर्व जैसी फ़िल्मों में भी काम किया है.

 

टीवी चैनल कलर्स पर प्रसारित होने वाले रिएलिटी शो बिग बॉस के तीसरे संस्करण (2009) के विजेता विंदू ने 11 टीवी धारावाहिकों और कुछ अन्य रिएलिटी शो में भी काम किया है.

 

टीवी सिरीयल ‘जय श्री हनुमान’ में विंदू दारा सिंह ने अपने पिता की ही तरह हनुमान का किरदार निभाया था.

 

पेप्सी के विज्ञापन में विंदू अभिनेता रणबीर कपूर के साथ नजर आए थे.

 

उनकी पहली शादी 1980-90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री फ़रहा नाज़ के साथ हुई थी लेकिन उनकी यह शादी बहुत दिन तक नहीं चल सकी और बाद में दोनों ने अलग होने का फ़ैसला किया. दोनों के दो बच्चे हैं.

 

 

सो. बी बी सी