फलासिया में 35 लाख की चोरी

उदयपुर। जिले के फलासिया (झाड़ोल) में बीती रात चोरों ने एक सोने-चांदी की दुकान को निशाना बनाया है। चोर इस दुकान का लकड़ी का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और ६० किलो चांदी, २०० ग्राम सोना और तीन लाख रुपए नकद ले गए। रात को जब चोर इस दुकान से निकलकर नदी की तरफ जा रहे थे, तो कुछ ग्रामीणों ने इनको देख भी लिया था। ग्रामीणों के पूछने पर चोरों ने बताया कि वे गवरी खेलकर उनके गांव लौट रहे हैं। सुबह चोरी की इतनी बड़ी वारदात का पता चलने पर पुलिस को सूचना दी गई, जिस पर झाड़ोल डिप्टी रामदेव और फलासिया थानाधिकारी रणजीतसिंह मौके पर पहुंचे। उदयपुर से एफएसएल टीम भी वहां पहुंची है, जो फुट और फिंगर प्रिंट ले रही है।

सूत्रों के अनुसार फलासिया निवासी राजमल चंपावत की घर के नीचे ही सोने-चांदी की दुकान हैं, जहां रात एक बजे बाद चोर दुकान का लकड़ी का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे। चोरों ने अंदर से सोने-चांदी के जेवरात से भरी पेटियां निकाल ली और तीन लाख रुपए नकद चुरा लिए। इसके बाद चोर वहां से भाग निकले। बताया जा रहा है कि रात ढाई बजे चोर वहां से निकले थे, जिनको कुछ ग्रामीणों ने देख भी लिया था। ग्रामीणों द्वारा पूछताछ करने पर चोरों ने उनको बताया क वे गवरी खेलकर उनके गांव लौट रहे हैं। सुबह चोरी का खुलासा होने के बाद ग्रामीणों में यही चर्चा रही कि जो लोग गवरी खेलकर उनके गांव जाने की बात कर रहे थे। उन्हीं ने इस वारदात को अंजाम दिया है।

आज सुबह राजमल चंपावत ने चोरी की सूचना उदयपुर में उनके भतीजे और भाजपा के युवा नेता जयेश चंपावत को दी। इस पर जयेश ने एएसपी ग्रामीण सुधीर जोशी से चर्चा की। एएसपी जोशी के निर्देश पर डिप्टी झाड़ोल और फलासिया थानाधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं, जिन्होंने जांच शुरू कर दी है। उदयपुर से गई एफएसएल टीम ने भी जांच शुरू कर दी है।

नदी में फेंकी पेटियां

राजमल चंपावत की दुकान से सोने-चांदी के जेवरात से भरी पेटियां चुराकर चोर गांव के बाहर स्थित नदी पर ले गए, जहां पर जेवरात निकालकर पेटियां वहीं नदी किनारे फेंक दी। आज सुबह पुलिस ने मौके पर जाकर उक्त पेटियों को बरामद किया है।

 

:चोरी की सूचना मिलने पर थानाधिकारी फलासिया के साथ मौके पर पहुंचा हूं। मौका-मुआयना किया जा रहा है। उदयपुर से आई एफएसएल टीम भी जांच कर रही है, चोरों की गिफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

-रामदेव, डिप्टी झाड़ोल

प्रीती जिंटा उदयपुर में कर रही है शूटिंग और मुम्बई में निकला गिरफ़्तारी वारंट

वकील ने कोर्ट में झूठ बोला कि प्रीति विदेश में हैं, जबकि प्रीति जिंटा उदयपुर में कर रही है शूटिंग

priti jintaउदयपुर। मशहूर फिल्म अभिनेत्री प्रीति जिंटा को मुम्बई कोर्ट ने पकड़ कर लाने के आदेश निकाल रखे है और प्रीटी जिंटा चाक चोबंद सुरक्षा में यहाँ झीलों की नगरी में फिल्म अभिनेता सन्नी देओल के साथ रूमानी अंदाज़ में रोमांटिक सीन की शूटिंग कर रही है। चेक बोउन्स के एक मामले में अंधे री के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने गुरुवार को गिरफ्तारी के आदेश निकाले प्रीति के वकील रत्नेश्वर झा ने कोर्ट को गुमराह करते हुए कहा की प्रीटी जिंटा विदेश में फिल्म शूटिंग के लिए गयी हुई है जब कि प्रीति पिछले ५ दिनों से उदयपुर में फिल्म भैया जी सुपरहिट की शूटिंग में हिस्सा ले रही है।

क्यों निकले है, गिरफ्तारी के आदेश :
फिल्म के डाईलोग लिखने वाले अब्बास टायर वाला को प्रीति ने १८.९ लाख के चेक दिए थे चेक बोउन्स होने पर टायर वाला ने प्रीटी के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर कर दिया इस मामले की सुनवाई के चलते प्रीति लगातार अदालत के आदेशों की अवहेलना करते हुए चार बार कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई और अदालत ने इस बात के लिए पिछले बुधवार को प्रीटी पर ५००० रूपये का जुर्माना भी लगाया था लेकिन प्रीति कल गुरूवार को भी अदालत में हाजिर नहीं हुई जिससे अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए गैर जमानती वारंट जारी करते हुए आदेश दिए की प्रीति को पकड़ कर ले कर आओ ।

उदयपुर में प्रीति :
प्रीटी जिंटा फिल्म भैया जी सुपरहिट की शूटिंग के लिए को उदयपुर पहुचे और उसके बाद लगातार वे उदयपुर के विभिन्न हिस्सों में शूटिंग में व्यस्त है । आज भी प्रीटी होटल ट्राईडेंट में ठहरी हुई है और पिछोला किनारे आमेट हाउस में सन्नी देओल के साथ रोमांटिक सीन फिल्माए जारहे है ।

गिरफ्तारी के आदेश निकलते ही प्रीति ने सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया :
गिरफ्तारी के आदेश की सुचना पर प्रीति ने आने चारों तरफ कड़ी सुरक्षा का पहरा लगा दिया है जिससे की वे कहाँ इस बारे में किसी को पता नहीं चल; सके यही नहीं आमेट हाउस में शूटिंग हो रही है वहां यूनिट के सदस्यों के आलावा किसी और का प्रवेश भी निषेध है। और किसी अनजान या यूनिट के अलावा कोई सदस्य वहां जा रहा है तो निजी गार्ड पूरी तलाशी लेने के बाद की कही उसके पास मोबाइल या केमरा तो नहीं है यह तलाशी ले कर जाने दे रहे है । सूत्रों ने बताया की आमेट होउस के कर्म चारियों को भी शूटिंग एरिया में जाने की इजाज़त नहीं है ।

दिल्ली गैंगरेप: सभी दोषियों को मौत की सज़ा

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दिल्ली गैंगरेप मामले पर अदालत सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई है. अदालत ने चारों अभियुक्तों को पहले ही दोषी करार दे दिया था.

एक अभियुक्त की मौत हो चुकी है और एक अन्य नाबालिग दोषी को तीन साल की सज़ा पहले ही सुनाई जा चुकी है.
दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कार्यवाही को स्थगित करते हुए अदालत ने अपना फ़ैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था.

अदालत ने अपने फ़ैसले में इस मामले को अपवाद मानते हुए सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई है. अदालत ने अपने फ़ैसले में यह भी कहा कि इस मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था.

जज योगेश खन्ना ने कहा, “अदालत ऐसे अपराधों की तरफ आंख नहीं मूंद सकता. इस हमले ने समाज की अंतरआत्मा की आवाज़ को स्तब्ध कर दिया था. ये मामला सचमुच अपवाद का है और इसमें मृत्यु दंड ही दिया जाना चाहिए.”

जैसे ही जज योगेश खन्ना ने फ़ैसला सुनाया, दोषियों में से एक विनय शर्मा अदालत में ही रोने लगा.

वहीं बचाव पक्ष के वकील ने चिल्ला कर कहा, “ये सच की जीत नहीं बल्कि न्याय की हार है.”

सज़ा के बाद बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने कहा कि इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताया है. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया.

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अवमानना’
उन्होंने कहा, “अगर फाँसी देने से बलात्कार रुक जाएगा, तो हम इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील नहीं करेंगे.”

एपी सिंह ने कहा, “गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस मामले में दख़ल दिया है. ये कोर्ट की अवमानना नहीं है. अगर इस फैसले के बाद दो महीने के अंदर कोई बलात्कार या हत्या नहीं होती है तो हम अभियुक्तों के लिए ऊपरी अदालत में नहीं जाएँगे.”

सरकारी वकील का कहना था, “कोर्ट में लड़की के माता पिता और भाई भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि ये न्याय की जीत है. दोषी चुप थे. बचाव पक्ष के वकील के आरोप गलत हैं. इस मामले में पक्के सबूत थे और सुप्रीम कोर्ट ने पाँच न्यायिक फैसलों को आधार बनाते हुए फैसला दिया है.”

साकेत कोर्ट के कमरा नंबर 304 में अदालत ने दो बजकर 35 मिनट पर चारों दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनाई.

फ़ैसले के बाद अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा, “माननीय जज योगेश खन्ना ने सभी दोषियों को फाँसी की सजा दी है. निर्भया के माता पिता इस फ़ैसले से खुश हैं और संतुष्ट हैं. उन्होंने कोर्टरूम में ही जज, पुलिस और जनता को धन्यवाद दिया. जो जघन्य घटना में बर्बरतापूर्ण बलात्कार और कत्ल हुआ उसमें सभी दोषियों को सज़ा ए मौत सुनाई गई. दो बजकर 35 मिनट पर यह फ़ैसला सुनाया गया. फ़ैसले के वक्त पीड़िता का परिवार भावुक हो गया. उन्होंने इसे न्याय, दिल्ली पुलिस और आम जनता की जीत बताया. फ़ैसले से भी लोग संतुष्ट हैं. दोषी फ़ैसले को सुनकर चुप थे.”

बचाव पक्ष के न्यायालय पर दबाव के आरोपों को नकारते हुए अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि न्यायालय पूरी तरह स्वतंत्र हैं.

 

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क्या थे आरोप

मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने चारों को सामूहिक बलात्कार, हत्या, हत्या के प्रयास, अप्राकृतिक कृत्य और सबूत मिटाने जैसे अपराधों का दोषी पाया था.

अदालत ने चारों दोषियों को पुलिस द्वारा लगाई गई सभी 13 में से 12 धाराओं में दोषी करार दिया है.

क्लिक करें दिल्ली गैंगरेप: फ़ैसले से संतुष्ट पीड़िता का परिवार

पिछले साल दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार के चारों अभियुक्तों को अदालत ने मंगलवार को दोषी करार दिया था.

इन चारों पर सामूहिक बलात्कार, हत्या, हत्या के प्रयास, अप्राकृतिक कृत्य, सुबूत मिटाने और डकैती के आरोप थे.

इस मामले में एक नाबालिग़ दोषी को तीन साल की सज़ा पहले ही सुनाई जा चुकी है. एक अभियुक्त की सुनवाई के दौरान जेल में ही मौत हो चुकी है.

हाउसिंग बोर्ड के मकानों की लॉटरी: 672 रहे लकी, फ्लैट मिलने में लगेंगे ढाई साल

8378_43उदयपुर। आवासन मंडल की पानेरियों की मादड़ी योजना में 672 लोगों का घर का सपना पूरा हुआ, लेकिन ये घर उन्हें करीब ढाई साल बाद मिलेंगे। कारण यह है कि जिन फ्लैट्स की लॉटरी गुरुवार को निकाली गई वे अभी बने नहीं है। मंडल का दावा है कि एक साल में फ्लैट बनाकर दिए जाएंगे।

लेकिन अब तक की योजनाओं में मंडल कम से कम ढाई साल का वक्त लेता रहा है। ये फ्लैट आर्थिक दृष्टि से कमजोर (ईडब्ल्यूएस), अल्प आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग-अ (एमआईजी-ए) के लोगों को दिए जाने हैं। गुरुवार को लॉटरी का कुछ लोगों ने विरोध भी किया। उन्हें ऑनलाइन लॉटरी पर अविश्वास था, वे गोटी पद्धति से लॉटरी चाहते थे। बाद में कुछ आवेदकों के दखल पर प्रक्रिया सुचारू हुई।

पसंदीदा रंग और जन्म वर्ष पूछने पर जगी दिलचस्पी

उप आवासन आयुक्त ने लॉटरी से पहले पासवर्ड लेने के लिए पांच प्रश्न तीन चरण में पूछे। इसमें पसंदीदा रंग, पसंदीदा शहर, पर्यटन स्थल, उम्र, जन्म वर्ष पूछा गया। लॉटरी के समय यह प्रश्न पूछे गए तो लोगों की दिलचस्पी बढ़ती रही। हर बार पासवर्ड सार्वजनिक कर कमेटी सदस्यों से हस्ताक्षर के बाद डायल किए गए और लॉटरी के प्रिंट निकाले गए। इस प्रिंट को सार्वजनिक चस्पा करने के साथ ही नामों का खुलासा भी अंत में किया गया। साथ ही वेबसाइट पर भी इसे अपलोड करने की जानकारी दी।

कलेक्टर प्रतिनिधि ने प्रक्रिया को सही बताया, फिर भी पुष्टि के लिए चार बार ट्रायल

कुछ लोगों के विरोध को देखते हुए कलेक्टर प्रतिनिधि रुचि प्रियदर्शिनी ने कंप्यूटर लॉटरी को सही ठहराया और किसी भी नाम पर मिलीभगत होने की संभावना से इंकार किया। इसकी पुष्टि के लिए चार बार ट्रायल लॉटरी निकाली गई। पहली ट्रायल में कंप्यूटर के पास काफी संख्या में विरोध करने वाले लोग जमा रहे। ये गलत पद्धति का विरोध करने के लिए आना बता रहे थे। बुजुर्ग लोग व महिलाओं ने इन लोगों का विरोध शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें बाहर किया। तीन ट्रायल लॉटरी महिलाओं की मौजूदगी में निकाली गई।

महिलाओं ने लोगों को इस लॉटरी पर सहमति जताई। उसके बाद लॉटरी प्रक्रिया शुरू हुई। कमेटी में कलेक्टर प्रतिनिधि के अलावा संपदा प्रबंधक एम.एस. झाला, आवासीय अभियंता खंड द्वितीय मनमोहन सिंह और उप आवासन आयुक्त एम.एम. माथुर थे।

आगे क्या

अब कितने रुपए जमा होंगे

जिन के नाम लॉटरी खुली है। उन्हें आवासन मंडल की ओर से जल्दी ही आरक्षण पत्र भेजा जाएगा। इसमें फ्लैट मिलने से पहले तीन किश्तों में सीड मनी जमा करानी होगी। कमजोर आय वर्ग के चयनित लोगों को 5-5 हजार रुपए की तीन किश्तों में, अल्प आय वर्ग के चयनितों को 10-10 हजार तीन किश्तों में और मध्यम आय वर्ग -ए के लिए पहली किश्त 40 हजार, दूसरी और तीसरी किश्त 30-30 हजार रुपए की जमा करानी होगी। .

बाकी राशि कब्जे के समय

जिन लोगों के नाम फ्लैट खुला है उन्हें सीड मनी जमा कराने के बाद कब्जे के समय शेष राशि जमा करानी होगी। किराया क्रय पद्धति वालों की किश्तें कब्जे के समय शुरू होंगी। नकद में खरीदने वालों को कब्जा लेने से पहले पूरी राशि जमा करानी होगी।

कब मिलेगा रिफंड

जिन के फ्लैट नहीं खुले हैं, उन्हें अगले कुछ दिनों में फार्म के साथ जमा कराई राशि रिफंड की जाएगी। यह राशि आवेदक के बैंक अकाउंट नंबर के हिसाब से खाते में ट्रांसफर की जाएगी। मंडल के अनुसार एक महीने में इस प्रोसेस को निबटाया जाएगा।

 

 

सलूंबर-बांसवाड़ा रोड की चौड़ाई दो मीटर बढ़ा दी, 118 पुल छोड़ दिए सकड़े

IMG_0143उदयपुर। सलूंबर से बांसवाड़ा रोड (स्टेट हाइवे) की चौड़ाई दो मीटर बढ़ा दी और मार्ग के बीच 118 पुल-पुलियाओं को संकरा ही छोड़ दिया। मामले का खुलासा होने पर अब लोक निर्माण विभाग ने इन पुल-पुलियाओं की चौड़ाई बढ़ाने के टेंडर जारी किए हैं। बांसवाड़ा के ही कुछ लोगों ने न्यायालय में परिवाद दायर कर अधूरे मार्ग पर टोल टैक्स वसूली रोकने की मांग की है।

बांसवाड़ा के कालिका रोड निवासी सुनील आचार्य व कुशल बाग पैलेस निवासी गोपी राम अग्रवाल ने शहर के सिविल न्यायालय वरिष्ठ खंड में वाद दाखिल कराया है। परिवाद में बताया गया है कि छह माह पूर्व सलूंबर-बांसवाड़ा के बीच 93 किमी लंबे स्टेट हाईवे नंबर 32 के विस्तार का काम हुआ था।

लोक निर्माण विभाग ने बीओटी सिस्टम के अंतर्गत 5 मीटर चौड़ी सड़क की चौड़ाई 7 मीटर करने का कार्यादेश मुंबई की जीएचवी इंडिया प्रा.लि. कंपनी को दिया था। लेकिन रोड के बीच स्थित 118 पुल-पुलियाओं की चौड़ाई बढ़ाने को नजरंदाज कर दिया गया। लिहाजा सड़क के बीच के सभी पुलों की चौड़ाई सड़क से 2 मीटर कम रह जाने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।

उदयपुर-सलूंबर रोड के काम में गलती सुधारी

रोड के साथ 200 पुल चौड़ा करने के भी टेंडर

उदयपुर से सलूंबर के बीच रोड चौड़ा करने की योजना में गलती को सुधारा गया है। दूसरे चरण के तहत हालही किए गए टेंडर में रोड चौड़ा करने के साथ ही 200 पुल-पुलियाओं को चौड़ा करने का काम भी शामिल किया गया है। इस रोड की चौड़ाई बढऩे के साथ ही उदयपुर से जयसमंद व सलूंबर तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। कुछ जगह मोड़ खत्म होने से दूरी घट भी सकती है।

 

शिक्षकों की डीपीसी की जांच शुरू, सीनियर बाबू को हटाया

image_galleryउदयपुर। थर्ड से सेकंड ग्रेड में हुई डीपीसी प्रक्रिया में अनियमितता के आरोपों की जांच के लिए बीकानेर निदेशालय से गठित चार सदस्यीय टीम गुरुवार को उदयपुर पहुंची। टीम ने डीपीसी से जुड़ी परिवेदनाओं तथा पदस्थापना संबंधित दस्तावेजों की जांच की। सदस्य शुक्रवार को दस्तावेज लेकर वापस बीकानेर जाएंगे, जहां इनकी जांच होगी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में डीडी माध्यमिक में सेवारत वरिष्ठ लिपिक लक्ष्मीकांत दशोरा को संस्थापक से हटाकर सामान्य शाखा में भेजा गया है।

यह आदेश जांच टीम की सूचना पर शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा ने जारी किए हैं। भास्कर से बातचीत में जांच समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद्र मावर ने बताया कि उपनिदेशक कार्यालय में करीब 2500 परिवेदनाएं मिली हैं। जांच में परिवेदनाओं के साथ पदोन्नति, पदस्थापन संबंधित दस्तावेज शुक्रवार तक मांगे गए हैं।

उपनिदेशक ने आज ही संभाला पदभार : शिक्षा विभाग (माध्यमिक) के उप निदेशक पद पर भरत मेहता ने गुरुवार को ही पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले यह पद कृष्णा चौहान संभाल रही थी। पदभार ग्रहण करते ही मेहता को सबसे पहले वरिष्ठ लिपिक को हटाना पड़ा।

जिला परिषद ने एसीबी से जांच का प्रस्ताव पास किया

शिक्षकों की पदोन्नति व पदस्थापना में धांधली की एसीबी से जांच का प्रस्ताव जिला परिषद की साधारण सभा मेें सर्वसम्मति से पास किया गया। इस कार्यवाही के बारे में शिक्षा निदेशालय बीकानेर को अवगत कराया जाएगा। निदेशालय चाहेगा तो इस मामले को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को जांच के लिए सौंपा जाएगा।

प्रक्रिया में ये गड़बडिय़ां

1.वरिष्ठता वाले शिक्षकों की डीपीसी होनी चाहिए थी, जबकि ऐसा नहीं हुआ।

2. विधवा, परित्यागता एवं विकलांगों की श्रेणी को अनदेखा किया गया।

3. महिला शिक्षक का जिला ही बदल दिया।

4.डीपीसी में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर अनियमितता के लगे आरोप।

5.3500 में से 2500 शिक्षक असंतुष्ट हुए, सभी ने परिवेदनाएं सौंपी।

आगे क्या?

1. डीपीसी प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

2. जैसे जैसे जांच रिपोर्ट में खुलासा होगा,आरोपियों के नाम सामने आएंगे।

3. आरोप सिद्ध हो जाने पर नए सिरे से डीपीसी की कार्रवाई हो सकती है।

 

उस महिला के ‘गर्भ’ में शिशु नहीं कोकीन था

गर्भवती होने का बहाना कर रही महिला के आगबबूला होने पर पुलिस को उस पर संदेह हुआ.
गर्भवती होने का बहाना कर रही महिला के आगबबूला होने पर पुलिस को उस पर संदेह हुआ.

कोलंबिया में पुलिस ने कनाडा की एक महिला को गिरफ्तार किया गया है, जो गर्भवती होने का बहाना बनकर अपने पेट में कोकीन छिपा कर ले जा रही थी.

स्थानीय पुलिस के मुताबिक़ यह महिला टोरंटो जाने वाली एक फ्लाइट में सवार होने जा रही थी.

पर्यटक के रूप में आई इस महिला की ओर पुलिस वालों का ध्यान उस समय गया जब बगोटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कथित रूप से उससे पूछा गया कि उसका गर्भ कितने महीनों का है?

उस महिला ने गुस्से में आकर जवाब दिया. ऐसे में अधिकारियों को उस पर संदेह हुआ और वो उसे जांच के लिए ले गए.

इस साल बगोटा हवाई अड्डे पर करीब 150 लोगों को क्लिक करें ड्रग्स के साथ पकड़ा जा चुका है. कोलंबियाई एजेंसियों के मुताबिक़ उनमें से करीब एक-तिहाई विदेशी नागरिक थे.

क्यों हुआ शक?

कनाडा की यह नागरिक अगस्त की शुरुआत में कोलंबिया आई थी.

वह टोरंटो जाने वाली फ्लाइट में सवार होने ही वाली थी कि तभी एक महिला पुलिसकर्मी ने उससे उसकी गर्भावस्था के बारे में पूछा.

क्लिक करें कोलंबिया पुलिस के आबकारी विभाग के उप निदेशक कर्नल एस्टेबान एरियस मेलो ने बताया, “उस महिला ने इस सवाल को पसंद नहीं किया, जिस पर अधिकारियों को संदेह हुआ. जब उसने उस महिला के पेट को धीमे से स्पर्श किया तो पता चला कि वह काफी कड़ा और अत्यधिक ठंडा था.”

इसके बाद महिला ने कथित रूप से कहा कि उसका गर्भ सात महीने का है.

महिला के नकली पेट से दो किलो कोकीन जब्त की गई.
महिला के नकली पेट से दो किलो कोकीन जब्त की गई.

पेट से निकला कोकीन

जांच के बाद पुलिस ने पाया कि महिला के लेटेक्स से बने नकली पेट के भीतर दो थैलियाँ थी, जिनमें दो किलो कोकीन भरी थी.

कोलंबियाई अधिकारियों ने कहा कि कनाडाई नागरिक पर क्लिक करें ड्रग्स की तस्करी का मुकदमा किया जाएगा और उसे पांच से सात साल की सज़ा हो सकती है.

पुलिस ने बताया कि खुदरा बाजार में इस ड्रग्स की क़ीमत 60 हज़ार डॉलर करीब 38 लाख रुपये है.

सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि इस समय कोलंबिया की क्लिक करें जेलों में 874 विदेशी नागरिक बंद हैं, जिनमें से अधिकतर पर ड्रग्स की तस्करी का आरोप है.

 

सो. बी बी सी

बदाम समझ कर खा गए रतनजोत के बीज

उदयपुर। जयपुर से रामदेवरा के लिए दर्शन करने निकले जातरूओं ने हल्दीघाटी में रतन जोत के बीजों को फल समझ कर खा लिया, जिससे 16 में से 13 की हालत गंभीर हो गई। ये लोग उल्टियां करते हुए बेहोश हो गए, जिनको बाद में एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जयपुर में सांगानेर गेट के करीब 16 लोग रामदेवरा (जोधपुर) दर्शन करके लौट रहे थे। इस दौरान हल्दी घाटी में रूके और वहां पर इन लोगों ने रतन जोत के बीजों को बादाम समझकर खा लिया, जिससे थोड़ी ही देर में 13 लोगों की हालत बिगडऩे लगी और बेहोशी छाने लगी। बच्चे और महिलाएं तो वहीं बेहोश हो गई, जिन्हें 108 एम्बुलेंस से एमबी अस्पताल लाया गया, जहां उपचार के बाद इन लोगों की हालत में सुधार आया है। यहां अस्पताल में आदित्य पिता कमल, बुद्धि प्रकाश पिता मुकुंददास, राकेश पिता राधा किशन, उर्मिला पिता प्रहलाद, बाबू पिता गिरिराज, अनिता पिता प्रहलाद, कन्नू पिता गिरिराज, बन्नी पिता नारायण, निकिता पिता बुद्धि प्रकाश, निक्कू पिता बुद्धि प्रकाश, शांति बाई पत्नी रमेश, उमा देवी पत्नी बुद्धि प्रकाश को भर्ती किया गया है।

जिंक स्मेल्टर प्लांट के बाहर कर्मचारियों का जंगी प्रदर्शन

DSC0453-300x166उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के देबारी स्थित जिंक स्मेल्टर प्लांट में प्रबंधन की तानाशाही को लेकर कर्मचारियों ने आज सुबह कार्य का बहिष्कार कर दिया। कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर प्रबंधन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि बाद में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच समझौता हो गया और कर्मचारी फिर से काम पर लौट गए।

सूत्रों के अनुसार हिन्दुस्तान जिंक प्रबंधन ने कर्मचारियों के कार्ड पंचिंग कर प्रवेश तथा अपने वाहन प्लांट में नहीं लाकर बाहर ही खड़े रहने पर सख्त रूख अपनाया। इस पर पहले से विरोध कर रहे कर्मचारी आज खुलकर सामने आ गए, जिस पर प्लांट का गेट लगाकर सभी को बाहर निकाल दिया तथा गेट पर ताला लगा दिया। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हम प्रबंधन की हर बात मानेंगे, लेकिन प्रबंधन को अपना रवैया सुधारना होगा और हमारी समस्या पर ध्यान देना होगा।

वेतन समझौते के तहत हर पांच साल में अगले पांच सालों तक कर्मचारियों का वेतन 15 से 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जाता है, लेकिन जुलाई, 2012 में ही अवधि पूरी होने तब से लेकर अब तक तक वेतन में नया समझौता नहीं हुआ।

उस पर प्रबंधन ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए कर्मचारियों के वाहन गेट के बाहर खड़े करवा दिए और आने-जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए कार्ड पंचिंग सिस्टम सख्ती से लागू करवा दिया। इस पर प्रबंधन के साथ कर्मचारी नेताओं की चली लंबी वार्ता के बाद आपस में समझौता हो गया और कर्मचारी काम पर लौट गए।

॥हमारी कुछ स्थानीय समस्याएं थी, जिसको लेकर आज कार्य का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया था। प्रबंधन से बात हो गई है और उन्होंने जल्द ही हमारी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है।

-मांगीलाल अहीर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जिंक स्मेल्टर मजदूर संघ

॥मुझे कुछ पता नहीं, जिन्होंने हड़ताल की, उनसे पूछिए। मुझे कोई जानकारी नहीं है।

-मोहम्मद अली, एचआर हैड, हिंदुस्तान जिंक, देबारी

राहुल के आश्वासन के बाद वकीलों के आंदोलन को लगा विराम

photo-1-300x198उदयपुर। हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर चल रहे वकीलों के आंदोलन पर राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बाद विराम लग गया है। आज से सभी अधिवक्ता काम पर लौट गए हैं। कोर्ट में न्यायिक कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। हाईकोर्ट बैंच की मांग को सांसद रघुवीर मीणा ने भी प्रमुखता से राहुल गांधी के सामने रखा था, जिस पर राहुल ने उन्हें दिल्ली में इस मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर यहां की जरूरत है हाईकोर्ट बैंच, तो जरूर इस संबंध में आगे की कार्रवाई करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने भी सकारात्मक रवैया रखते हुए कल हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए सर्किट हाउस में बुलाया। प्रतिनिधि मंडल को विस्तार पूर्वक सुनकर एवं उक्त मांग के संबंध में ज्ञापन प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेवाड़-वागड़ क्षेत्र के अधिवक्ताओं का आंदोलन औचित्यपूर्ण है। मगर जयपुर, जोधपुर के अधिवक्ताओं ने जो आंदोलन किया उसका कोई औचित्य नहीं था। मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि मेवाड़-वागड़ क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य इलाका होने के कारण यहां के लोगों को न्याय प्राप्त करने में समस्या आ रही है। मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करवाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो जरूर राहुल गांधी से मुलाकात करवाएंगे और प्रतिनिधि मंडल ने राहुल गांधी से डबोक हवाई अड्डे पर मुलाकात की। मुलाकात के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान मौजूद थे। प्रतिनिधि मंडल ने राहुल गांधी को आदिवासी क्षेत्र की विशेष परिस्थितियों से अवगत कराया कि इस इलाके में हजारों लोग उदयपुर में उच्च न्यायालय न होने से जेलों में बंद है तथा कई महत्वपूर्ण मामलों में अपीले करने से वंचित रहते हैं। इस क्षेत्र के लोगों की भाषा जोधपुर के वकीलों को समझ नहीं आती है। उनकी अत्यन्त ही दयनीय स्थिति है। राहुल गांधी को उदयपुर में उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित करने के लिए विस्तृत ज्ञापन दिया। जिस पर राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि वो इस इलाके की समस्या के संबंध में उदयपुर में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की मांग के संबंध में गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे। प्रतिनिधि मंडल में मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नंदवाना, महासचिव शांतिलाल पामेचा, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत कुमार जोशी, संरक्षक फतहलाल नागौरी एवं अधिवक्ता अनुराग शर्मा थे, जिन्होंने यह भी बताया कि राहुल गांधी से मुलाकात कराने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विशेष योगदान रहा।