नेत्रहीनों ने दी मंजिल की रौशनी

उदयपुर। ‘यहां होता है गुलाबी शहर के सूती वस्त्रों का व्यापार, उत्तर की ऊंचाइयों से यहां करने आते हैं व्यापार, सैलानी करते हैं विचरण, बूझो तो जो इसका विवरण’ यह एक क्लू है। जिसका जवाब है- तिब्बती बाजार। ऐसे ही क्लू नेत्रहीन बच्चों को दिए गए जिनके जवाब में छुपा था एक स्थान का नाम।

नेत्रहीन बच्चों ने जबरदस्त स्मरण शक्ति का परिचय देते हुए स्थानों की पहचान की और चालक को उस स्थान तक चलने को कहा। मौका था उदयपुर लेकसिटी राउंड टेबल व उदयपुर लेकसिटी लेडीज सर्किल के साझे में रविवार को हुई ट्रेजर हंट प्रतियोगिता का।

क्लू मिलने तथा कार रवाना होने के साथ नेत्रहीन प्रतिभागियों ने चालक दल को बता दिया कि उन्हें कहां पहुंचना है। हालांकि क्लू काफी घुमा फिराकर बनाए गए थे, फिर भी इन नेत्रहीन प्रतिभागियों ने सभी को चौंका दिया। शहर के 37 किलोमीटर के दायरे में ट्रेजर ढूंढने के लिए 13 क्लू दिए गए थे। प्रतियोगिता में 60 कारों ने हिस्सा लिया।

हर कार में चालक दल में महिला और पुरुष थे जबकि एक नेत्रहीन बालक या पुरुष प्रतिभागी मौजूद था। राउंड टेबल के चेयरमैन पंकज दुग्गड़ ने बताया कि ट्रेजर हंट से एकत्रित राशि से बड़गांव स्थित एक विद्यालय में लगभग 20 लाख की लागत से 5-6 कक्षाओं का निर्माण किया जाएगा।

प्रतियोगिता में उदयपुर सहित चित्तौड़ व भीलवाड़ा के 60 नेत्रहीनों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता को राजस्थान सड़क विकास निगम के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा ने झंडी दिखाकर रवाना किया।

सांवलियाजी का तीन दिवसीय मेला २५ से

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उदयपुर, राजस्थान के प्रमुख तिर्थ स्थल भगवान श्री सांवलियाजी सेठ का या का त्रिदिवसीय जल झूलनी एकादशी का विशाल मेला आगामी २५ से २७ सितम्बर तक आयोजित होगा।

अतिरित्त* कलेक्टर (प्रशासन) एवं मंदिर के निष्पादन अधिकारी महेन्द्र कुमार लोढा ने यहां स्थानीय पत्रकारो को बताया कि मेले मे मेलार्थियों के मनोरंजन हेतु सांस्कृतिक, रंगारंग एवं भजन संध्या,आर्केस्ट्रा एवं कवि सम्मेलन जैसे कई विख्यात कार्यक्रम आयोजित होगें। लोढाने बतायाकि मेले के प्रथम दिन २५ सित.को भगवान श्री सांवलियाजी की विशाल शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से प्रांरभ होकर मुख्य मार्गो से भ्रमण करते हुए पुन: रात्रि ८ बजे मंदिर प्रांगण पहुंचेगी। इस मौके पर यहां रंगबिरंगी आतिशबाजी का कार्यक्रम होगा। इस अवसरपर भजन संध्या एवं जयपुर के विख्यात भजन सम्राट कैलाश एण्ड पार्टी द्वारा रंगारंग कार्यक्रम एवं आर्केस्ट्रा कार्यक्रम आयोजित होगें। इसी दिन रात्रि ९ बजे कवि सम्मेलन आयोजित होगा जिसमें देश के जाने माने कविगण काव्य पाठ करेगें। अति.कलेक्टर महेन्द्र कुमार लोढा ने बताया कि मुख्य मेला २६ सितम्बर एकादशी को आयोजित होगा। जिसमें भगवान श्री सांवलियाजी की विशाल रथयात्रा मंदिर प्रांगण से दोपहर १२ बजे प्रांरभ होकर विभिन्न मौहल्ले एवं मार्गो से गुजरते हुए सरोवर नदी पहुंचेगी। सरोवर में भगवान की छविग्रह पूजा अर्चना के बाद पुन: रात्रि ८ बजे मंदिर प्रांगण पहुंचेगी। इससे पूर्व सरोवर नदी में पूजा अर्चना के बाद स्नान कार्यक्रम होगा जिसमें भगवान संग हजारों भत्त* स्नान करने का आनंद लेगें। लोढा ने बताया कि इसी दिन रात्रि जयपुर के विख्यात शंकर कैसेट संचालक मदन लाल कुमावत द्वारा विशेष भजन संध्या के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा। इसी दिन कृति क्रिएशन भीलवा$डा द्वारा रंगारंग प्रस्तुति होगी।

प्रतिष्ठित उद्योगपति पति पर चोरी का आरोप

उदयपुर, भुपालपुरा थाना पुलिस ने शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति के खिलाफ चोरी का प्रकरण दर्ज किया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार सिटी पेलेस के सुरक्षाअधिकारी सुल्तान सिंह पुत्र राम सिंह ने शहर के उद्योगपति राजकुमार पुत्र अमृतलाल टाया सहित ६ जनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया। कि सुभाष नगर के सामने स्थित चम्पाबाग में राजमाता गुलाब कुवर चेरीटेबल ट्रस्ट की और से ऐतिहासिक फाटक, गुमटी, एवं पिल्लर लगाये गये थे। जिन्हें २१ सितंबर को जेसीबी मशीन मजदूर के साथ गये आरोपी ने ध्वस्त कर दिया फाटक चुरा ले गये। इसका विरोध करने पर आरोपियों ने मोके पर मौजूद सुरक्षा कर्मी विजयकुमार, शंतिलाल को भगा दिया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।

 

मामूली कहासुनी में कर दिया फायर

उदयपुर, सुखेर थाना पुलिस ने शनिवार दोपहर में आपसी कहासूनी के दौरन स्कूली छात्र को धमकाने के लिए हवा में फायरिंग करने के मामले में अपचारी को गिरफ्तार किया। जबकि फरार शातिर बदमाश की तलाश जारी हैं ।

सुखेर थाना पुलिस ने शनिवार दोपहर में आपसी कहासूनी के दौना सरदार पुरा स्थित प्रतिष्ठित विद्यालय में ९वी में अध्ययनरत तुलसी नगर भुवाणा निवासी छात्र को धमकाने के लिए हवा में फायरिंग करने के आरोपी में साईफन निवासी सहपाठी को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिससे पूछताछ की जा रही है। जबकि इस मामले में फायर करने वाले शातिर बदमाश सोहराबुद्दीन एनकाउन्टर के मामले में सीबीआई के मुख्य गवाह आजम के नजदीकी रिश्तेदार चुडीगरों का मोहल्ला निवासी दानिश पुत्र इकबालुद्दीन की तलाश में सुखेर थानाधिकारी रामसुमेर, भुपालपुरा थानाधिकारी मदनगहलोत मय टीम ने उसके मकान के अलावा संभावित ठीकानों पर दबीश दी लेकिन उसका सुराग नहीं मिला। प्रकरण के अनुसार शनिवार सवेरे तुलसीनगर भुवाणा व साइफन निवासी दो स्कूली छात्रों में विवाद होने पर कहासूनी हो गई थी। इस पर दोपहर में साइफन निवासी छात्र अपने मित्र दानिश को लेकर उसके घर पहुच कर फ़ोनकर बाहर बुलाकर उसके साथ मारपीट की तथा धमकाते हुए हवा में फायर कर फरार हो गये थे।

चीते की रफ़्तार का राज़

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वैज्ञानिकों का कहना है कि दौड़ता हुआ चीता ठीक पिछले पहियों की ताक़त से चलने वाली यानी रियर व्हील ड्राइव कार की तरह होता है.

जापान के शोधकर्ताओं ने चीते की मांसपेशियों के तंतु यानी फ़ाइबर की मैपिंग कर ली है जिससे उसकी रिकॉर्ड रफ़्तार का राज़ पता चल गया है.

घरेलू बिल्ली और कुत्ते से चीते की मांसपेशियों की तुलना करने पर वैज्ञानिकों को पता चला कि चीते को रफ़्तार देने वाली विशेष शक्ति पिछले हिस्से की मांसपेशियों से मिलती है.

इस अध्ययन में पहली बार चीते के पूरे शरीर की मांसपेशियों के फ़ाइबर की जांच की गई है. ये अध्ययन विज्ञान पत्रिका ‘मैमेलियन बायोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है.

इस शोध पत्र की सह-लेखक और जापान की यामानोची यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉ. नाओमी वादा का कहना है, “चीते की दौड़ को समझने के लिए इसकी मांसपेशियों का अध्ययन करना ज़रूरी है.”

वो बताती हैं कि मांसपेशियों के अलग-अलग फ़ाइबर अलग-अलग कामों के लिए होते हैं.

मांसपेशियों का कमाल

सभी तरह के जीवों में टाइप वन फ़ाइबर थोड़ी सी शक्ति प्रदान करने का काम करते हैं, लेकिन थकान को ज़्यादा बर्दाश्त करते हैं और वो चहलक़दमी और बेहतर ढंग से चलने में मदद करते हैं.

वहीं टाइप टू ए फ़ाइबर तेज़ क़दमों से चलने में मददगार साबित होते हैं और टाइप टू एक्स यानी ‘फ़ास्ट’ ज़्यादा शक्ति प्रदान करता है जिससे तेज़ और सरपट दौड़ने में मदद मिलती है.

चीते की विभिन्न मांसपेशियों के फ़ाइबर की मैपिंग से जानवरों के दौड़ लगाने की क्षमता के बारे में अहम जानकारी हासिल हुई है.

चीते के फ़ाइबर की मैपिंग में ये पाया गया है कि अगले पैरों में बिल्ली और कुत्ते की तरह टाइप वन के फ़ाइबर पाए गए जबकि चीते के पिछले पैरों में टाइप टू एक्स फ़ाइबर मिले.

वैज्ञानिकों का कहना है कि चीते में रफ़्तार इन पिछले पैरों से ही आती है. ये ठीक ऐसे ही है जैसे रीयर व्हील ड्राइव कार काम करती है.

अब रेल का सिग्नल सी पी के हाथ , देखते हे मेवाड़ का कितना क़र्ज़ चूका पाते है

उदयपुर। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सीपी जोशी को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

जोशी राजस्थान के पहले नेता हैं जिन्हें यह दायित्व मिला है। डीजल मूल्यवृद्धि, रसोई गैस का कोटा तय करने और एफडीआई के फैसलों के खिलाफ तृणमूल के मुकुल रॉय ने शुक्रवार को रेल मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से यह पद खाली था।

स्थायी प्रभार रहा तो मेवाड़ को उम्मीद

 उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन

डूंगरपुर, बांसवाड़ा, रतलाम रेलमार्ग

स्वीकृति की संभावना

मावली-मारवाड़ आमान परिवर्तन

नीमच-बड़ी सादड़ी आमान

परिवर्तन

राजसमंद से भीलवाड़ा के बीच नई रेल लाइन

प्रतापगढ़ को रेल लाइन से जोड़ना

जोशी से मेवाड़ में रेल विकास की उम्मीद

मेवाड़वासियों की कई सालों से की जा रही दुआएं कुबूल हो गई। मेवाड़ के नेता डा. सीपी जोशी (साहब) को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिल गया। अब डा. सीपी जोशी को इस मंत्रालय का स्थायी प्रभार मिलने की मिन्नतें मांगी जाने लगी है ताकि मेवाड़ में रेल विकास को गति मिले। उदयपुर-अहमदाबाद और मावली-मारवाड़ आमान परिवर्तन, डूंगरपुर, बांसवाड़ा-रतलाम नई रेल लाइन की योजना को गति मिलेगी। मेवाड़ को अन्य प्रदेशों की राजधानियों से सीधे जोड़े जाने की उम्मीद बंधी है।

 

मीठा खाने वालों के लिए खुशखबरी

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इस भाग-दौड भरी जिन्दगी में हर किसी के कंधों पर काम की जिम्मेदारी इतनी अधिक हो जाती है। कि यह टेंशन कभीकभी डिप्रेशन का विक्राल रूप धारल कर लेती है जिससे के कारण व्यक्ति के सोचने समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। लेकिन अब परेशान होने की जरूरत नहीं है और ना ही डिपे्रशन से बचने के लिए ढेर सारी दवाइयाँ खाने की जरूरत है।

आपको जानकर ता”ाुब हो कि सिर्फ मीठी खाने से ही आपको डिप्रेशन से राहत मिल सकती है। चीनी का प्रयोग फिकेपन को दूर करने को किया जाता है। जब भी आपको शरीर में थकावट या लो महसूस हो तो शुगर से बने पदार्थो का सेवन करें। यह शरीर में शुगर के लेवल को ठीक कर नई ऊर्जा देता है। जैसे फू्रड कस्टर्ड, जूस का एक ग्लास, केक का एक टुकडा वगैहर खा कर आप पहले से ज्यादा तरोताजा फील कर सकते हैं। पालक में विटामिन बी के साथ आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है इसलिए शरीर में लो महसूस होने पर आप दो कप पालक का सूप पीने इससे उभर सकते हैं।

टोस्ट और जैम जिन मरीजों का खाना अवसाद होता है उनके लिए कार्बाेहाइडे्रट का सेवन लाभदायक होता है और ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट खूब मात्रा में पाया जाता है। इसलिए आप ब्रेड पर जमे लगाकर खाएं इसे खाने से आप अच्छा महसूस करेंगे। आयरन युक्त खाना खाने से शरीर में एनर्जी लेवल अच्छा रहता है। आयरन की सबसे ज्यादा कमी गल्र्स में होती है। इसलिए वे अकसर असवाद की शिकार हो जाती हैं। इससे बचाने के लिए उन्हें आयरन से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए।

जो आपके आयरन लेवल को ठीक रखें। अण्डे में पाऎ जाने वाला डीएचए 50 प्रतिशत अवसाद को ठीक करता है। साथ ही यह शरीर में होने वाले बीमारियों से बचता है। ऊर्जा की पूर्ति हेतु अनाज, अण्डा, चीनी, गुड, वसा की विशेष्ा रूप से अधिक मात्राएँ प्रस्तावित की गई हैं !

क्या उंगलियां चटकाने से होता है गठिया?

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कुछ लोग अपनी एक-एक करके अपने हाथ की सारी उंगलियों को चटकाते हैं और कुछ दोनों हाथों की उंगलियाँ एक-दूसरे में फंसा कर.

अगर आप ऐसा करते हैं तो हो सकता है कभी ना कभी किसी ना किसी ने आपको ये बताया होगा कि ऐसा करने से गठिया हो सकता है.

ऐसे कई सर्वे सामने आए हैं जिनमें 25 से 54% लोग उंगलियाँ चटकाते हैं और महिलाएं के मुकाबले में मर्दों को ये आदत अधिक होती है.

तो उंगलियाँ चटकाने और गठिया होने के बीच संबंध का आइडिया कहां से आया.

इस बारे बहुत कम शोध हुआ है. और इनमें से सबसे दिलचस्प है कैलिफ़ोर्निया के डॉक्टर डोनाल्ड उंगर का. वे साठ वर्षों से एक हाथ की उंगलियाँ चटका रहे हैं.

उनका निष्कर्ष – मैं अपनी उंगलियाँ को देखकर कह सकता हूं कि इनमें गठिया का कोई नामो-निशान नहीं है

लक्षण

ये एक तथ्य है कि जिन लोगों को गठिया होता है उन्हें कई जोड़ों के चटखने का अहसास होता है क्योंकि उनका कार्टिलेज क्षतिग्रस्त हो चुका होता है.

हालांकि ऐसा होना गठिया होने का पहला संकेत नहीं होता और पहले से ही जोड़ों को हो चुके नुकसान का परिणाम होता है.

गठिया के कारणों में उम्र, परिवार का इतिहास, दुर्घटना या उम्र भर हाथ से मशक्कत करना शामिल है.

फ़िर भी, क्या उंगली चटकाने से क्यो कोई अन्य क्षति हो सकती है? कभी-कभीर उंगलियाँ चटकाने से ख़ुद को चोट पहुंचाने की ख़बरें आती रहती हैं, जिसमें अंगूठे या उंगली में चोट शामिल होती. लेकिन ये आम बात नहीं है.

तो अगर आप उंगलियाँ चटकाते हैं, तो चटकाते रहिए लेकिन लॉस एंजिलस के नर्सिंग होम में हुई रिसर्च को याद रखिए.

उस रिसर्च में कहा गया था, “उंगलियाँ चटकाने का सबसे ख़तरनाक असर आपको ऐसा करते हुए देखने वाले पर होता है.”

फेसबुक बना किशोरी की हत्या की वजह

पंद्रह साल के एक डच किशोर को एक स्कूली बच्ची की हत्या के आरोप में एक वर्ष सुधार गृह में रहने की सज़ा सुनाई गई है.

इस किशोर ने स्वीकार किया है कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर शुरू हुए झगड़े की वजह से उसने बच्ची की हत्या कर दी.

जिन्हुआ के नाम का ये किशोर जब 14 साल का था तो उसने जॉयस विन्सी की उसके घर में चाकू मार कर हत्या कर दी थी.

इस हत्या के सिलसिले में एक किशोर जोड़े को अगले महीने गवाही के लिए बुलाया गया है.

आरोप है कि इन्होंने ही जॉयस विन्सी की हत्या का आदेश दिया था.

जिन्हुआ को अदालत ने पूर्वी शहर अर्नहम में किशोरी के पिता की हत्या की कोशिश करने का भी दोषी करार दिया है.

उन्हें एक साल युवा सुधार केंद्र में बिताने की सज़ा के साथ ही तीन साल एक मनोचिकित्सा संस्थान में बिताने का आदेश भी दिया गया है.

झगड़े की शुरुआत

कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक दो स्कूली दोस्तों पॉली डब्ल्यू और जॉयस विन्सी के बीच झगड़े की शुरुआत तब हुई जब जॉयस ने पॉली के फेसबुक वॉल पर कुछ कॉमेंट पोस्ट कर दिया.

डच मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक पॉली डब्ल्यू और उनके ब्वॉय फ्रेंड ने फेसबुक कॉमेंट से नाराज़ होकर जिन्हुआ को जॉसय विन्सी के घर का पता दे दिया और ये बताने को कहा कि वो घर पर कब मौजूद रहेगी.

जिन्हुआ, जिनका कुलनाम डच कानून की बाध्यता की वजह से नहीं दिया गया है, उन्होंने अदालत से अपने किए के लिए माफी मांगी है.

उन्होंने अपने बयान में कहा है कि पॉली डब्ल्यू ने उनपर ऐसा करने के लिए दबाव बना दिया और वो उसके कहे की अवहेलना करने की स्थिति में नहीं थे.

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन्हुआ व्यवहार संबंधी गंभीर विकार से पीड़ित थे.

जज ने अदालत को बताया कि जिस तरह से किशोरी की हत्या हुई है उससे आसपड़ोस, शहर और देश में गंभीर सदमे का माहौल है.

उधर, मृत जॉयस विन्सी के पिता ने कहा है कि उन्होंने अपनी एक बेटी खो दी है और उसके हत्यारे को केवल एक साल की सज़ा दी गई है जो कि सरासर नाइंसाफी है.

कुवैत में गिरफ्तार भारतीयों की हो रही जांच

तस्दीक के बाद निर्णय होगा भविश्य का

परिजन चिंतित

अधिकांश है वागड क्षैत्र से

उदयपुर, बुधवार रात को कुवैत में हुई २१३६ हिन्दुस्तानियों की गिरफ़्तारी के बाद उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है तथा जिन भारतीयों की तस्दीक वहां के कुवैती कर रहे है उनको छोडा जा रहा है और जो कुवैती के घर के अलावा कहीं और काम कर रहे है उन्ंहे हिन्दुस्तान भेजने की कार्यवाही की जा रही है। गिरफ्तार लोगों में सबसे अधिक डूंगरपुर , बांसवाडा, उदयपुर क्षेत्र के है ओर उनके परिजन चिंतित है।

कुवैत में बुधवार की रात अवैध तोर पर रह रहे लोगों पर कुवैत पुलिस ने पूरे जाप्ते के साथ छापामार कार्यवाही कर २१३६ लोगों को गिरफ्तार किया था। कुवैत टाइम्स के अनुसार कुवैत प्रशासन को शिकायत मिली थी कि कई लोंग खादीम की वीजा (कुवैती के घरेलु नौकर) पर आते है ओर यहां आ कर कुछ और या कहीं ओर काम करते है। कई भारतीय बांग्लादेशी व श्रीलंका गैरकानूनी कार्य, शराब बनाना, वैश्यावृत्ति आदि में भी लिप्त है। उनके खिलाफ कार्यवाही की गयी है। माना जा रहा है कि कुवैत पुलिस को इतनी बडी संख्या में भारतीयों को गिरफ्तार करने की अब तक की सबसे बडी कार्यवाही है। गिरफ्तार भारतीय १८०० करीब युवक सिर्फ बांसवाडा, डूंगरपुर, उदयपुर जिले के है।

क्या है खादिम ओर शाउन की वीजा : खादिम की वीजा पर ज्यादातर भारतीय कुवैत जाते है खादिम की वीजा कोई भी कुवैती नागरिक अपनी हैसियत के अनुसार अपने घर में नौकर रख सकता है और घर के नौकर के लिए कुवैती नागरिक बाहरी मुल्कों से युवक को बुलाते है। जिसके लिए कुवैती सरकार बिना कोई शुल्क लिये उन्ह बुलाने की इजाजत दे देती है। लेकिन अब खादिम की वीजा कुवैतियों के लिए कमाई का एक जरिया बन गया है क्यों कि खादिम की वीजाका ५००दीनार करीब १ लाख रूपये लिया जाता है अत: जो वीजा कुवैती सरकार मुफ्त में देती है उसका कुवैती नागरिक एक लाख रूपये तक का शुल्क लेते है। वहां जाने पर वह बिना उसकी अनुमति के कहीं ओर नहीं चला जाए उसका पासपोर्ट कुवैती ले लेता है और खादिम की वीजा पर जाने वाले छोड दिया जाता है। और वह छुट कर कहीं और काम करता है। यदि वह पकडा गया तो उसको पुन: अपने देश रवाना कर दिया जाता है।

ऐसा ही वीजा शाउन की होती है यहा वीजा कम्पनी यानी की किसी दुकान या व्यवसायिक प्रतिष्ठान की होती है। जिस पर जाने वाले व्यक्ति को वहीं काम करना होता है यदि कहीं ओर कार्य करता पाया गया तो उसे भी पुन: अपने देश भेज दिया जाता है।

गिरफ्तारियों को लेकर अंचल में परिजन चिंतिंत : बुधवार को कुवैत में हुई गिरफ्तारियों को लेकर डूंगरपुर, बांसवाडा, उदयपुर में कई परिवारों के लोग चिंतित है। डुंगरपुर में कई पिता

a अपने बेटे के लिए चिंतितहै कि शायद उनका बेटा भी गिरफ्तार हो चुका है। गुरूवार को कईयों के मोबाइल नहीं लगने से परिजन चिंतित है। सूत्रों के अनुसार वहां गिरफ्तार युवकों पर कार्यवाही की जा रही है। तथा उनके कागजात जांचे जा रहे है। जिनमें उनके पास उनका बताका (आईडी कार्ड) जांचा जा रहा है कि क्या यह व्यक्ति तुम्हारे यहां काम कर रहा है। जो कुवैती मना कर रहा है उसको वापस हिन्दुस्तान भेजने की तैयारी की जा रही है।

इस्तकलाल : कुवैत मे इस्तकलाल में ही सबसे बडी कार्यवाही हुई सूत्रों के अनुसार इस्तकलाल वागड क्षेत्र का गढ माना जाता है। यहां पर ९० प्रतिशत लोग वागड इलाके के है जिनमें ज्यादा गांव व छोटे कस्बे के युवक है। जो वहां बडे बडे सपने लेकर अपने परिवार को सम्पन्न करने के लिए यहां पर कर्जा लेकर गये हुए है।