चरनोट भूमि से कब्जा हटवाया

उदयपुर, शहर के समीप भुवाणा ग्राम पंचायत में चरनोट की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करवा रखी चार लोगों का कब्जा हटवाया गया। इधर क्षेत्रवासियों ने आक्रोश व्यक्त किया कि क्षेत्र में बसी पूरी कॉलोनी ही अवैध है और पंचायत की ओर से सभी को फर्जी पट्टे दिए गए है।

भुवाणा ग्राम पंचायत में भुवाणा क्षेत्र के पास बनी राजेश्वर नंद कॉलोनी में शनिवार को गिर्वा तहसील का अतिक्रमण निरोधी दस्ता पहुंचा और कॉलोनी में सबसे अंत में बने चार प्लोटों की बाउण्ड्रीवॉल तोडनी शुरू कर दी। यह देखकर क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्यक्त कर दिया। एक प्लोट की बाउण्ड्रीवॉल को तोडने के बाद जब दूसरी दूसरी बाउण्ड्री वॉल को तोडने का प्रयास किया तो मौके पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। लोगों ने विरोध किया तो दस्ते ने जिला कलेक्टर के आदेश होना बताया। परन्तु क्षेत्रवासियों के मांगे जाने पर दस्ते के पास कोई आदेश नहीं मिला। इसके साथ ही शनिवार को छुट्टी के दिन अतिक्रमण तोडने पर विरोध व्यक्त किया। लोगों के विरोध को देखते हुए एक बार तो दस्ता वहां से चला गया। क्षेत्रिय लोगों ने बताया कि पूरी कॉलोनी को चरनोट की भूमि में बसी हुई है और करीब ५०० मकान बने हुए है। क्षेत्रिय लोगों ने बताया कि सभी को पंचायत की ओर से ही पट्टे दिए गए है। इसके बाद केवल ३ या ४ लोगों के खिलाफ सरपंच अपनी मनमर्जी से कार्यवाही करवा रही है। इधर इस बारे में जब सरपंच पति से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर ने जांच कर इसे तोडने के लिए आदेश दिया था। इसी कारण कब्जों को हटाने के लिए गिर्वा, पंचायत समिति से इस्पेक्टर और दस्ता आया था, अतिक्रमण तोडा गया।

पिता से झगडा कर युवक फांसी पर झूला

उदयपुर, शहर के अंबामाता थाना क्षेत्र में पिता से झगडने के बाद एक युवक ने फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली।

पुलिस सूत्रों के अनुसार संदीप (१९) पुत्र कालूलाल शर्मा निवासी जावद नीमच पिछले कई वर्षों से उदयपुर शहर में रह रहे है। वर्तमान में कालूलाल शर्मा साईफन कॉलोनी में हिम्मतसिंह के निमार्णाधीन मकान में रह रहा है और वहीं पर चौकीदारी करता है। संदीप शहर में ही नौकरी करता है। शुक्रवार शाम को वह अपने घर पर गया जहां पर उसका पिता के साथ किसी बात को लेकर झगडा हो गया था। जिससे आवेश में आकर वह फंदे पर लटक गया। जिससे उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी पर रात्रि को ही मौके पर थाने से जाब्ता पहुंचा और मृतक के शव को नीचे उतारकर मोर्चरी में रखवाया। सुबह पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। इधर मृतक के परिजनों की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के परिजनों के मृतकोंका अंतिम संस्कार करवाने वाले राजू भाई से सम्पर्क किया। राजू भाई के सहयोग से मृतक का अंतिम संस्कार करवाया गया।

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

उदयपुर। शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार चुन्नीलाल पुत्र कन्हैयालाल मेनारिया निवासी पुरोहितों की मादडी ने दुर्गाशंकर पुत्र गंगाराम मेनारिया निवासी पानेरियों की मादडी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि आरोपी ने मृतका संतोष और हगामी बाई के का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था जिसमें मृत्यु की दिनांक गलत लिखवा दी। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

चैक का दुरूपयोग कर नोटिस भिजवा दिया

उदयपुर, शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में व्यक्ति ने अपने पार्टनर और एक अन्य युवक के खिलाफ चैक के दुरूपयोग का मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मांगीलाल पुत्र शिवलाल जैन निवासी हिरणमगरी ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी और एक साथी चन्द्रप्रकाश के साथ मिलकर पार्टनर शिप में आदिनाथ फर्म लगाई थी। पार्टनरशिप के दौरान उसने अपने हस्ताक्षर युक्त चैक को अमल का कांटा स्थित अपने कार्यालय में रखे हुए थे। दोनों के बीच मनमुटाव होने के कारण आरोपी चन्द्रप्रकाश् ने उसके हस्ताक्षर युक्त चैक में ८ लाख रूपए की रकम भरकर महेन्द्र पुत्र पुखराज जैन निवासी गोरेगांव मुम्बई को भेजकर माल मंगवा लिया। महेन्द्र ने मुम्बई में इन चैकों को बैंक में डाला और अनादरित करवाकर चैक अनादरण का नोटिस भिजवा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ध्वस्त होगें फतह प्रकाश होटल के ३० कमरे

उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति जारी

वोल्केम का कार्यालय भी होगा ध्वस्त

उदयसागर के पेटे से हटेगी होटल

उदयपुर, झील निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण तोडने के आदेश में हाईकोर्ट का फैसला आ गया जिसमें एचआरएच को फतह प्रकाश होटल, सिघंल के वाल्केम कार्यालय और उदयसागर स्थित वर्धा एंटरप्राइजेज की निर्माणाधीन होटला को दो महिने में तोडने के आदेश दिये है।

उल्लेखनिय है कि झील निर्माण निषेध क्षेत्र में हो रहे निर्माणों को लेकर झील हितेषी राजेन्द्र राजदान ने हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी जिसका फैसला आ गया है और उसमें एचआरएच द्वारा फतह प्रकाश होटल के बनाये गये ३० कमरों को पूर्ण तरीके से अवैध माना है। तथा उसको दो महिनों में तोडने के आदेश दिये है। स्वरूप सागर पर वाल्केम इण्डिया के कार्यालय में नव निर्माण को भी दो महिने में तोडने के आदेश दिये है।

हाईकोर्ट ने बडा फैसला लेते हुए उदयसागर झील मे अरबों रूपये का मैसर्स वर्धा एंटरप्राइजेज के पांच सितारा होटल प्रोजेक्टों को पूर्ण तरीके से अवैध माना है और यूआईटी व अन्य द्वारा दी गयी स्वीकृति को निरस्त करते हुए दो महिने मे तोडने के आदेश दिये है। तथा वर्धा गु्रप को १ करोड रूपये का जुर्माना भरने के आदेश दिये है जो कि इस निर्माण के दौरान जो पर्यावरण को नुकसान हुआ उसको विकसित करने में खर्च होगें। दो महिने के भीतर यह निर्माण तोडने व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज करने के यदि इसके बाद नहीं तोडा जाता तो यह कार्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

झीलों को उदयपुर की लाईफ लाईन मानते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि झील अथवा आय$ड नदी में अब कचरा, प्लास्टिक या कोई भी अपशिष्ठ नहीं डाला जाये और प्रशासन को ताकीद की कि किसी भी मकान या हॉल का अपशिष्ठ झीलों में नहीं गिरे यदि ऐसा हो और कोई व्यक्ति कचरा फैकता हुआ पाया जाये तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।

हाईकोर्ट ने पिछोला और फतहसागर के आसपास की क्षेत्र को नो प्लास्टिक जोन घोषित कर दिया है और इसकी निगरानी के लिये नगर परिषद, यूआईटी को पाबंद किया है तथा फतहसागर के मुंबईया बाजार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वहां ऐसी किसी वस्तु की बिक्री ना हो जो प्लास्टिक से बनी है तथा ना ही प्लास्टिक की थैलियां प्रयोग में लाई जाये। हाईकोर्ट ने चित्रकुट नगर स्थित डम्पिंग यार्ड को तुरंत हटाने के निर्देश दिये।

अवैध निर्मार्णों के लिए अधिकारी दोषी: अतिक्रमण औरे अवैध निर्माण के लिये हाईकोर्ट में पूरी तरह से अधिकारियों को दोषी माना है कि उन्हीं की लापरवाही के चलते झीलों के आसपास अवैध निर्माण हो पाये है तथा उन्हें निर्देशित किया है कि यूआईटी, नगर परिषद के अधिकारी न्यायलय के आदेशों की पालना सख्ती से करवाऐं और तीन महीने के भीतर उच्च न्यालय को रिपोर्ट करें।

मांगी थी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची: झील निर्माण निषेध क्षेत्र की जिस सूची को सबको इंतजार था ऐसी कोई सूची हाईकोर्ट के आदेश में नहीं आई बल्कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि झील निर्माण निषेध क्षेत्र में जो निर्माण बिना स्वीकृति के बने है उन्हें िगराया जाये। जबकि पहले हाईकोर्ट ने नगर परिषद और यूआईटी से अवैध निर्माणों की सूची मांगी थी इन्हीं होटलों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची भेजनी थी जबकि इन्होंने अपने चहेतों को बचाने के लिये कई गरीब जनता के नाम सूची में भेज दिये।

२३ हजार रिश्वत लेते सीडीपीओं गिरफ्तार

उदयपुर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों टीम ने आंगवाडी केन्द्रों पर वितरीत पोषाहार के बिल का भुगतान करने के एवज में आंगनवाडी कार्यकर्ता से २३ हजार रूपये रिश्वत लेते महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी झाडोल शिला तिवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों के पुलिस एव अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि आंगनवाडी कार्यकर्ता बेलन्यिा निवासी किशन कुंवर पत्नी स्व दलपतसिंह राजपूत ने १८ अक्टूबर को कलस्टर जेताणा पोषाहार का बील पास करवाने के एवज मे हिरणमगरी सेक्टर ५ निवासी हॉल महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी झाडोल शिलातिवारी पत्नी योगेश अग्निहोत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दी। जिसका सत्यापन करने के बाद शुक्रवार को योजनानुसार किशन कुंवर ने परियोजना अधिकारी कार्यालय झाडोल पहुच कर सीडीपीओं को २३ हजार रूपये रिश्वत दी। इसका इशारा मिलते ही मांके पर मौजूद ब्यूरो के पुलिस उप  अधीक्षक राजीव जोशी,अख्तर खान  हेडकास्टेबल हिम्मत सिंह, कास्टेबल जितेन्द्र सनाड्य, ,संतोष कुमार, शेलेन्द्र, बाबूलाल, मुनिर मय टीम में सीडीपीओं को रिश्वतराशी लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज किया।कार्यवाहीं के बाद पुलिस उप निरीक्षक सुन्दरलाल सोनी, कास्टेबल हेमन्त, नन्दकिशोर पण्ड्या, भगवत सिंह, शंकरलाल, युडीसी कैलाश व्यास, एलडीसी धमेन्द्र मय टीम ने आरोपी के उदयपुर हिरणमगरी स्थित निवास पर पहुच कर तलाशी शुरू की। पूछताछ में पता चला कि ३०७ आंगनवा$डी केन्द्र है, १० गांवों पर एक कलस्टर होता है तथा इससे ३ उपर समिति सदस्य जो शक्कर, चने की दाल, गेहू खरीद कर पोषाआहार तैयार कर राज्य सरकारी की ओर से दुग्धपान महिला, ३ वर्ष के बच्चो एवं गर्भवती सहिलाओं को सप्ताह में एक बार वितरण किया जाता हैं। कलस्टर द्वारा सामग्री खरीदने पर सीडीपीओं द्वारा निरीक्षण कर उसका बिल पास किया जाता है। शीला के अधीन १८ में से एक कलस्टर जेताणा का ३ माह का ४ लाख ६२ हजार रूपये का बील था। जिसकी समिति सदस्य किशन की मां सज्जन कुवर वृद्घ होने पर वह सीडीपीओं के पास बील पास करवाने गई। जहां परियोजना अधिकारी ने उत्त* बील पास करवाने के एवज में १० प्रतिशत रिश्वत की मांग की। दोनों के बीच हुई वार्ता में २३ हजार रूपये में मामला तय होने पर आरोपी ने पीएनबी बैंक के नाम तीन माह का चैक सुपुर्द किया कर रिश्वत की मांग की। इस पर किशन पुंॅ*वर ने ब्यूरों को शिकायत की। आरोपी सीडीपीओं शीला तिवारी के पति योगेश रोडवेज में ओ एस के पद पर कार्यरत है।

शराबी ने किया स्वयं का घर फूंकने का प्रयास

 

उदयपुर, शराबी ने पारिवारिक कारणों के चलते मकान में आग लगा दी जिससे घरेलू सामान जलकर नष्ट हो गया।

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सवेरे किशनपोल हरिजन बस्ती निवासी कुंदन हरिजन से आपसी कहासुनी होने पर पत्नी पीहर चली गई। इस पर गुस्साएं कुंदन ने कमरे में आग जला कर तालालगा कर फरार हो गया। धुआं उठने पर पडौसियों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस एवं दमकल वाहन ने ताला तोड आग को बुझाया जब तक कमरे में रखे बिस्तर, टीवी व घरेलू सामान जलकर नष्ट हो चुका था।कुंदन शराब पीने का आदी होने के साथ पूर्व में आदतन अपराधी था। शराब के नशे में आये दिन परिवार में कलह किया करता था। कुंदन इससे पूर्व भी मकानमें आगजनी कर चुका है।

आबकारी विभाग की शह पर बिक रही है अवैध शराब

मनमाने दाम, फिर कैसे बढे बिक्री

डूंगरपुर, डूंगरपुर जिला जनजाति बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद यदि इस जिले में मासिक शराब विक्रय का लेखा जोखा निकाला जाये तो किसी बडे शहर की तर्ज पर यहां के आंकडे दर्शाते है कि इस जिले में शराब की बिक्री आबादी के अनुपात में कई गुना अधिक विक्रय होती है। यही नहीं विगत वर्ष हुए ठेकों के बाद शराब के दामों में अंकित मूल्य सभी टेक्सो को मिलाकर होता है लेकिन जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में ठेकेदारों की मनमानी व आबकारी विभाग के अधिकारियों की मौन स्वीकृति के चलते प्रति बोतल २. से ४० रूपया अधिक दाम वसुले जा रहे है। और इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शराबियों के उत्पात से महिलाओं को राहत दिलाने के लिए ८ बजे बाद शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है ऐसे इसके बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से मुख्य दुकान को छोडकर आसपास के ढाबो में शराब रखवाकर मुख्यमंत्री के आदेशों की जमकर धज्जियां उडाई जा रही है। इस संबंध में कई बार जागरूक नागरिको ंद्वारा विभाग को बिक्री के स्थानों के संबंध में सूचित भी किया गया है लेकिन ठेकेदारों से मधुर संबंधों के चलते कोई कार्यवाही नहीं होती। और यदि भूल से किसी शिकायत कर्ता ने अपना नाम बता दिया तो उसको इसका कोपभाजन भी बनना पडता है। जिला मुख्यालय पर मुख्य दूकानों के अलावा, ढाबों, होटलों, अवैध बियर बारों, तथा घर घर पार्सल सेवा के अलावा देशी ताडी कीे बिक्री भी किराणा की दूकानों की तरह सहजता से मिल जाती है। ऐसे में आये दिन शहर के विभिन्न इलाकों में शराबियों के आतंक से माहौल बिगडने की स्थिति आती है। इस ओर कानून व्यवस्था के नाम पर पुलिस भी छोटी मोटी कार्यवाहियां करके अपने फर्ज से इतिश्री कर लेती है। लेकिन जिस अवैध शराब की बिक्री के लिए आबकारी विभाग बनाया गया है वह केवल सांकेतिक रूप से माह में एकाध दो बडी कार्यवाही कर लेते है समाचार पत्रों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा लेते है। जब कि हकिकत में यह जिला गुजरात व मध्यप्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है। तथा कई सीमावर्ती इलाकों में हालात यह है कि यदि व्यक्ति राजस्थान सीमाओ ंमें खडा है तो उसकी परछाई गुजरात सीमा मे ंपडती है। और उन्ही स्थानों पर शराब के ठेकेदार अपने गौदाम बनाते है। जहां कन्टेनरों के माध्यम से शराब का जखिरा खाली किया जाता है। और इसके पश्चात छोटी छोटे पिकअपों के माध्यम से बेरोकटोक गुजरात सीमा में तस्करी हेतु ले जाया जाता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश से जिले में अवैध कारोबारियों की अपनी समानान्तर सरकार के चलते बेरोकटोक शराब लाई जाती है जो कि पूरी तरह घटिया किस्म की होती है। तथा उसकी लागत भी कम होती है। यही नहीं यह अवैध कारोबारी सूचना के आधार पर एक बोतल से लगाकर कार्टूनबन शराब की डिलेवरी संबंधित व्यक्ति को उसके स्थान पर करते है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में किराणा की तरह शराब की दूकानों का प्रचलन है। जब कि अंग्रेजी शराब के अधिकृत विक्रेता द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य लेना भी शराब की बिक्री में गिरावट का कारण है। हालांकि डूंगरपुर जिले में सीमावर्ती इलाको में घरों की संख्या से अधिक वहां की बिक्री बताई जाती है और यही अधिक बिक्री तस्करी कर गुजरात को भेजी जाती है।

सभापति ने माना अतिक्रमणों के खिलाफ कार्यवाही एक बडी समस्या

जयपुर में मंत्री को बताई बेबसी

उदयपुर, आगामी नवम्बर में आयोजित होने वाले प्रशासन शहरों के संग अभियान शिविरों को ध्यान में रखते हुए स्थानिय निकायों की दो दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को जयपुर में शुरू हुई। कार्यशाला में सभापति रजनी डांगी एवं आयुक्त सत्यनारायण आचार्य भाग ले रहे हे।

सभापति ने बताया कि कार्यशाला के दौरान स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल एवं प्रमुख शासन सचिव जी.एस.संधू ने उदयपुर की समस्याओं पर चर्चा कर उनके निराकरण का आग्रह किया गया।

उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के पश्चात झीलों के आस पास क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों में भय एवं आक्रोश है इस प्रकार के आदेश से जनता बहुत त्रस्त हो चुकी है। ऐसी स्थिति में सरकार को अपने स्तर पर उचित कार्यवाही करते हुए जनता को राहत देने की दिशा में कार्यवाही करनी चाहिए। इसके साथ ही उदयपुर नगर परिषद के सामने शहर में अतिक्रमणों के खिलाफ कार्यवाही कार्यवाही एक बहुत बडी समस्या है। स्टॉफ की कमी एवं पर्याप्त जाप्ता नहीं होने के कारण कार्यवाही कर पाना संभव नहीं हो रहा है ऐसे में परिषद को पुलिस टीम अपना परिषद परिसर में चौकी की स्थापना की जाए।

सभापति ने प्रशासन शहरों के संग लगने वाले शिविर पर चर्चा करते हुए कहाकि हम आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए इन्हे लगाते है किन्तु स्टाफ पूरा नहीं होने से हम जिस उदेश्यो को लेकर लगाते है वे पूरे नहीं हो पाते।

उदयपुर शहर में यातायात के बढते दबाव एवं आये दिन लगने वाले जाम को ध्यान में रख कर सभापति ने फ्लाई ओवर एवं ऐलिवेटर रोड की मांग की। उन्होंने उदियापोल पर ऐलीवेटर रोड तथा स्टेशन से कोर्ट चौराहा तक फ्लाई ओवर बनाने की आवश्यकता के साथ ही बताया कि हवाई अड्डा मुख्य मार्ग प्रतापनगर जहां आये दिन लम्बा लम्बा जाम लगा रहता है जिससे शहर में आने वाले पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पडता है। वहां पर भी प*लाई ओवर बनना आवश्यकता बताते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की।

टेण्डर निरस्ती के लिए ज्ञापन

हुआ नियमों का उल्लंघन

उदयपुर, । काइन हाउस के लिए सूखे घास के टेण्डर निरस्ती की मांग को लेकर ठेकेदारों ने कमीश्नर के नाम एओ को ज्ञापन सौंपा।

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को नगर परिषद की ओर से धोल की पाटी स्थित काइन हाउस में सूखे घास के लिए आमंत्रित निविदा अपरान्ह ३ बजे खोली गई। इस दौरान काइन हाउस प्रभारी देवेन्द्र जैन ने ठेकेदारों को बताए बिना टेण्डर लिफाफे खोले। इस दौरान वहां मौजूद ठेकेदार दिनेश दवे, पंकज पालीवाल, निभ्रय सिंह, विनोद ने जिम्मेदार अधिकारी पर टेण्डर प्रक्रिया का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कमीश्नर क नाम लेखाकार को ज्ञापन देकर टेण्डर निरस्त करने की मांग की। नगर परिषद की ओर से निविदा जारी करने पर ७ ठेकेदारों ने आवेदन कर शुक्रवार दोपहर डेढ बजे तक फार्म जमा करवाये। ३ बजे ठेकेदारों की मौजूदगी में टेण्डर लिफाफे खोले जाने थे लेकिन काइन हाउस प्रभारी एवंबाबू ने किसी को सूचना दिये बिना टेण्डर खोलना शुरू किया। इसका पता चलने पर ५ टेण्डर खोले जा चुके थे। इस पर वहां मौजूद ठेकेदारों ने प्रक्रिया निरस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया।