लेकसिटी पे बादलो की मेहरबानी

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बोहत इंतजार के बाद बुधवार को लेकसिटी में बदलो की मेहरबानी हुई ,

बुधवार दिन भर उमस और गर्मी बनी रही शाम ५ बजे मोसम ने अपना मिजाज़ पलटाऔर २ घंन्ते की खंड वर्षा के बाद शाम 7 बजे से मुसलाधार बारिश का दोर शुरू हुआ तो रात देर तक चलता रहा ,

शाम 7 बजे बाद बदलो ने तेज बारिश की झड़ी लगा दी शहर की सड़कों पे पानी बहने लगा देहली गेट , सूरजपोल , हाथीपोल , दुर्गा नर्सरी रोड , में खासा पानी भर जाने से ट्राफिक जाम होगया ,

bapu bazar me sadko pe bhara pani
बापुबज़ार में सडको पे भरा पानी
देहली गेट .....
सूरजपोल ....
कलेक्ट्री रोड पे भरा पानी

कॉर्पोरेट के गुरु मंत्र .

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कॉर्पोरेट जगत की पकड़ सारी दुनिया पे इस कदर बढती जा रही हे के कोई “कॉर्पोरेट” शब्द से अनजान नहीं हे. इसमें काम करने वाले लोगों में कुछ लोग कॉर्पोरेट सफलता को इतनी तवज्जो देते हैं के इसे अपनी जीवन की सफलता मान बैठ ते हैं. कॉर्पोरेट जीवन रोज़गार का एक तरीका है पर साथ ही ये एक नशा बनता जारहा है नोजवानो के लिए. सुविधाए और आराम के चक्कर में नोजवान कॉर्पोरेट वर्ल्ड की पोलिटिक्स समझ नहीं पाते और counfused हो क खुद को ही टेंशन में डाल बैठ ते हैं .

आईये इसी कॉपोरेट वर्ल्ड की उचाईयों और गहराईयों से अवगत हो.पेश है कुछ तरीके ऑफिस पोलिटिक्स में survival के .

गुरु मंत्र :एक गुरु या सलाहकार हमेशा आपके पास रहे, एक कॉल पे उपलब्ध हो ,सलाह मशविरे के लिए .कोई विश्वास पात्र दोस्त भी गुरु हो सकता है.जिस कंपनी में आप काम कर रहे हैं उसी कंपनी में भूल से भी किसी को विश्वास पात्र समझ के अपने राज़ शेयर करने या सलाह लेने की कोशिश न करे .याद रखे !आप कॉर्पोरेट में काम करने आये हैं दोस्त बनाने नहीं.

कंपनी कल्चर मंत्र :कंपनी के कल्चर को जान ने की कोशिश करें कंपनी के मिशन और एम्स .वहा काम करने वालो की भाषा ,ड्रेसिंग स्टाइल. जो लोग कंपनी में सफल या प्रसिद्ध हे उनकी पेर्सोनालिटी और काम करने का ढंग ओब्सेर्वे करें.

डोक्युमेंट मंत्र :अगर आपको कोई भी मामला संदिग्ध लग रहा हे तो हर मेटर के लिखित डोक्युमेंट प्रूफ के लिए तैयाररखें .लिखित प्रूफ आपको भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचाएगा और आपकी कॉर्पोरेट इमेज को मज़बूत करेगा .

नो गोस्सिप मंत्र :गोस्सिपिंग या इधर की बात उधर करना आपको टाइम पास लग सकता हो ,पर ये बड़ा आसन तरीका हे कंपनी इमेज में धूमिल करने का .इसीलिए “नो गोस्स्पिंग”का मंत्र अपनाइए और बेफिक्र रहिये.

टीम वर्क मंत्र :टीम के साथ काम करना और सफलता के बाद टीम को क्रेडिट देना न भूले . ये रामबाण तरीका हे अपने साथियों को को खुश और संतुष्ट रखने का.टीम के लीडर अगर हैं तो टीम की पर्सोनल ज़रूरतों का थोडा ध्यान रखें.हेल्पिंग स्वभाव रखें

.रेडी फॉर चेंज मंत्र :परिवर्तन ज़िन्दगी का नियम हे. तोकॉपोरेट में क्यों न हो .हमेशा दिल को उतार चढाव के लिए तैयार रखिये .मेंटली प्रिप्रेयर रहिये .

अपडेट रहने का मंत्र :चाहे कितना ही निराश हो पर कंपनी के होने वाले चेंज और विरोधी कंपनी के प्लान्स से अपडेट रहिये.इससे आपको सकारात्मक सोच मिलेगी और कांफिडेंस भी बढेगा

नो अल्कोहल मंत्र :कंपनी क भूल भुलैयां भरे रास्तों में कही भी किसी भी प्रॉब्लम से घबरा के किसी नशे की तरफ रुख कभी मत कीजिये,नहीं तो आगे चल के ये आपके लिए ही हानिकारक साबित होगा .

कंपनी को एक फॅमिली की तरह मान के चलिए जहा सब साथ में किसी एक लक्ष्य को ले के आगे बढ़ते जाइये .

आर पार हुई हमारी झीलों की लाईफ लाइन “देवास मुख्य सुरंग “

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स्ट्रीप

कंट्रोल ब्लास्ट के जरिए अंतिम ढाई मीटर की चट्टान ढहाई

उदयपुर , 2 अगस्त । मोहन लाल सुखाडिया जल अपवर्तन परियोजना के तहत मंगलवार को प्रदेश की सबसे लम्बी 11.05 किलोमीटर लम्बी सुरंग आर पार हो गई। जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियो की उपस्थिति में सुरंग की खुदाई में जुटे कोस्टल इण्डिया प्रा.लि.कंपनी के तकनीकी कर्मचारियो ने कंट्रोल ब्लास्टिंग के जरिए शेष बची ढाई मीटर चट्टान को ध्वस्त कर इस सुरंग को आर पार कर दिया ।

इस तरह पिछले करीब चार सालो से चल रहा इस सुरंग की खुदाई का कार्य पूरा हो गया ।

इस सुरंग के जरिए आगामी वर्ष से गुजरात की ओर व्यर्थ बहकर जाने वाला पानी उदयपूर की झीलों में लाया जा सकेगा।

इससे झीलों की नगरी उदयपूर की झीलों को सदैव पानी से लबालब रखा जा सकेगा। वहीं दूसरी ओर उदयपूर व आस पास के 104 गांवो में पिने के पानी की कमी पूरी तरह से दूर हो जाएगी ।

मुख्य सुरंग के नाम से जाने जानी वाली इस 11.05 लम्बी सुरंग से आकोदडा बांध का पानी उदयपूर की झीलों तक पहुँच ने का मार्ग साफ हो गया है।

परियोजना के तहत निर्मित आकोदडा बांध की भराव क्षमता 302 फीट एम् सी ऍफ़ टी है।

लिंक टनल का काम बाकी:हे मोहन लाल सुखाडिया अपवर्तन परियोजना के तहत अब मादडी बांध से 1.21 किलोमीटर की लिंक टनल का काम अभी अधूरा पडा है। परियोजना के तहत आकोदडा बांध के अलावा मादडी बांध का निर्माण भी कराया गया था। लिंक सुरंग के जरिए मादडी बांध का पानी भी मुख्य सुरंग तक पहुचाने की योजना है। मादडी बांध की भराव क्षमता 85 एम सी ऍफ़ टी है। इस टनल का कार्य भी पचास प्रतिशत पूरा हो चुका हैं।

इस परियोजना पर अब तक करीब 237.19 करोड रूपये खर्च हो चुका है।

परियोजना का सत्तर प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है। शेष बचा काम भी आगामी चार पांच माह में पूरा होने की उम्मीद ह

 

 

 

कम्प्रेशर में चार घंटे तक धधकती रही आग

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उदयपुर , 2 अगस्त । शहर के निकट औद्योगिक क्षेत्र् में स्थित एक फेक्ट्री परिसर में चल रहे काम के दौरान वहां एक ट्रक में आग लग गई। करीब साढे चार घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू पाया ; पुलिस व दमकलकर्मिय्ाों की मेहनत व सुझ् बूझ के चलते जलते ट्रक के पास ही खडे एक दुसरे वाहन व सामान को आग की चपेट में आने से बचा लिया गया

मिली जानकारी के अनुसार रीको औद्योगिक क्षेत्र्ा में स्थित एमजी डेरी प्लांट में वाटर हार्वेस्टिम संबंधी काम चल रहा था। इस दौरान पै€क्ट्री परिसर में कुएं खोने वाले दो कम्प्रेशर गाडिया भी वहां खडी थी। इसी दौरान शार्ट सर्किट के कारण गिरी चिंगारी से एक वाहन ने आग पकड ली। इस कम्प्रेशर वाहन में करीब ढाई हजार लीटर डीजल भरा था, जिससे वह धूµधू कर जलने लगा। आग के कारण फेक्ट्री परिसर में खडे अन्य वाहनों व सामान तक भी आग पहुँच गई। सूचना मिलने पर हिरणमगरी थाना प्रभारी दिनेश सिंह रोहदिया य्दमकल वाहनों के साथ मौके पर पहुंचे। करीब पच्चीस गाडी छिडकाव के बाद भी आग पर काबू नहीं होते देख उन्होंने उच्चाधिकारियो को सूचित किया । इस पर चित्तौड से फोम छिडकने वाला वाहन मंगवाया गया । यह वाहन उदयपुर पहुंचता उससे पूर्व ही आग पर काबू पा लिया गया । इससे पूर्व पुलिस ने सूझ् बूझ का परिचय्ा देते हुए आग की पलटों के बीच गिरे एक अन्य कम्प्रेशर वाहन पर लगातार पानी का छिडकाव कराते हुए उसे सुरक्षित तरीके से वहां से हटवा दिया

 

एटीएम तिजोरी ही उठा ले गए लूटेरे

उदयपुर, 1 अगस्त। जयपुर के मानसरोवर थाना इलाके में न्यू आतिश मार्केट में आईसीआईसीआई बैंक का एटीएम रविवार रात को लूट लिया गया। इस बार लुटेरे एटीएम की तिजोरी ही उठाकर ले गए। तिजोरी में करीब आठ से दस लाख रूपए थे। आज प्रातः पुलिस को जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे और सीसीटी कैमरे में मिले फूटेज के आधार पर लूटेरों की तलाष प्रारंभ कर दी है। पुलिस के अनुसार लुटेरों की संख्या तीन थी तथा उन्होंने चेहरे पर नकाब डाला हुआ था। जानकारी के अनुसार एटीएम के पास ही दूसरी मषीन भी लगी थी जिसमें करीब 18 से 20 लाख रूपए थे। लूटेरो से इस मषीन को भी नुकसान पहुंचाया।

जानकारी के अनुसार इस एटीएम पर करीब तीन माह से कोई गार्ड तैनात नहीं था। इस एटीएम से रोजाना करीब 150 से 200 लोगों द्वारा करीब लाखों रूप्ए एटीएम मशीन से निकाले जाते है। पिछले दिनों राज्य के कई शहरों में ऐसी घटनाएं हो चुकी है।

 

काले मेघा-काले मेघा पानी तो बरसा….

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उदयपुर। काले मेघा-काले मेघा पानी तो बरसा… बिजली की चमकार नहीं बूंदो के बाण चला….। षहर में कई दिनों से आसमाना मेें बादलों की मौजूदगी के बावजूद उमस और गर्मी ने लोगों को बैचेन कर दिया। सावन का महीना लगे करीब दस दिन बीत चुके है फिर भी षहर की झीलों में पानी की आवक षुरूनहीं हुई। इस साल पिछोला झील को भरने वाले सीसारमा नदी भी सिर्फ एक बार ही चली है, परंतु वो भी पीछोला झील के मुहाने को छू नहीं पाई।

इधर, सोमवार को भी दिनभर उमस बनी रही। आसमान में बादल छाए रहे लेकिन बारिष का नामो निशां नहीं। पिछले कई दिनों से उदयपुर षहर में खण्ड वर्षा का दौर ही जारी है। षहर की सौंदर्य को बढाने वाले इन ऐतिहासिक झीलों को अब बारिष का इंतजार है। वैसे तो उदयपुर षहर का सौंदर्य बारिष का मौसम आते है चार गुना बढ जाती है। इसके चारों ओर हरियाली मानों जैसे षहर को हरियाली से सजाएं हुई लगती है।

फतेहसागर की लहरों पे अब “स्पीड”

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उदयपुर में अब पूरा होगा वाटर स्पोर्ट्स का सपना पूरा ,

शहर की विश्व प्रसिद्ध झील में रविवार से ऍम. ऍम. ट्रावेल्स ने झील में एक हाई स्पीड लग्जरी मोटर बोट , वाटर स्कूटर , दो लग्जरी शिकारे उतारे हे , बहुत दिनों से शहर वासियों को इस दिन का इन्न्ताज़र था ,

रविवार को शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने इस एडवेंचर का शुभारंम्भ किया

“तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे

‎”तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे , जब कभी सुनो गे गीत मेरे संग संग तुम भी गुनगुनाओगे ”


 


मो. रफ़ी साहब जीतनी अच्छी आवाज़ के मालिक थे उतनी ही अच्छी शख्शियत के साफ़ दिल इन्सान थे, ये रफ़ी साहब का हुनर ही था के हर कलाकार पे फिल्माने वाले गाने वो उनकी ही शेली में गाते थे चाहे , दिलीप कुमार हो या शम्मी कपूर , भजन गाते तो हर दिल हरी दर्शन को तड़प जाता और सूफियाना कलाम या कव्वाली गाते तो हर दिल झूम उठता , ये रफ़ी साहब का हुनर ही था के ज़िन्दगी के हर रंग को वो अपनी आवाज़ में उतार देते थे ,


31 जुलाई 1980 को जब दिल के दोरे से उनका इंतकाल हुआ उस दिन ऐसा लग रहा था मनो आसमान का कलेजा भी फट गया हो , और उस मुसलाधार बारिश में जनाजे में शामिल हर शख्श ने अपना छाता होते हुए भी नहीं खोला , हर शख्श के दिल में इतने तूफान उठ रहे थे के उसको आसमान से बरसने वाले तूफान से बचने की कोई फिकर नहीं थी , ऐसा लग रहा था मानो जनाजे में शामिल हर शख्श रफ़ी साहब के साथ दफ़न हो जाना चाहता हे ,


आज 31 साल बाद भी उनकी आवाज़ हर दिल में गूंजती हे ,


“वो जब याद आये बोहत याद आये …….