हाल ही में चीते का विषय खूब चर्चा में चल रहा है, और हर भारतीय की नज़र उन चीतों पर टिकी है और आज हमारे भारत में चीतों का आगमन भी हो चूका है।
लेकिन क्या आपको पता है नामीबिया की राजधानी से इन चीतों को आखिर भारत क्यों लाया जा रहा है ? नहीं पता, तो चलो आपको बात देते है
दरसल 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था जिसके बाद अब 2022 में इन चीतों को प्रधानमन्त्री मोदी जी द्वारा भारत में लाया जा रहा है। भारत से चीतों के विलुप्त हो जाने के बाद भारत की ग्रस्लैंड इकोलॉजी खराब हो गई थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ चीते इकोसिस्टम के लिए बेहद जरुरी है और इनका न होना जो की प्रकृति के लिए काफी नुक्सान दायक है।
दरअसल चीता फ़ूड चैन में सबसे ऊपर आता है, किसी भी देश में इनके न होने से फ़ूड चैन का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ जाता है। यही वजह है की चीतों की अहमियत को समझते हुए भारत में फिर से बसाया जा रहा है।
1972 में इंदिरा गांधी की सरकार ने भी ईरान से चीतों का आयत करने की बात रखी थी और ईरान भी चीते देने के लिए तैयार था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया क्योंकि उस वक्त ईरान में खुनी क्रांति हो गई जिस वजह से उन्हें भारत नहीं ला पाए।