उदयपुर . भाजपा के शहर जिला महामंत्री के तीन करोड़ 51 लाख रूपये का लों नहीं चुकाने और फाइनेंस कंपनी केपिटल फर्स्ट को बार बार झांसा देने के बाद कोर्ट के आदेश से आज उनका आलिशान मकान सीज हो गया. बीम डब्ल्यू कार में घुमने वाले और आलिशान महल नुमा मकान में रहने वाले भाजपा नेता मोतीलाल डांगी क्या अब अपनी पार्टी और राजनैतिक पहुच से दबाव बना कर सीज की कारवाई को फेल करना चाहते है ?
सूत्रों की माने तो शायद भाजपा नेता फाइनेंस कंपनी के सीज की कारवाई को फेल करने के लिए पार्टी स्तर पर दबाव बना कर ताला खुलवाना चाहते है। इसीलिए जब केपिटल फर्स्ट फाइनेंस कंपनी के अधिकारी सीज करने के लिए घर गए और उन्होंने उनके घर के हर एक कोने की रिकोर्डिंग की तब वह घर पर मोजूद नहीं थे। फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों ने मुख्य बड़े द्वार के पास लगे छोटे द्वार का ताला पुलिस की मोजुदगी में तोडा बाद में पोर्च के अन्दर का साइड द्वार का ताला भी पुलिस की मोजुदगी में तोडा उसके बाद घर में प्रवेश कर दो मंजिला महल नुमा मकान के एक एक कोने का वीडियो बनाते हुए सीज की कारवाई की, और इस कारवाई में कंपनी वालों को करीब ढाई घंटे लगे। इस दौरान ना तो मोतीलाल डांगी ने ना ही बाहर खड़े भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट ने कंपनी वालों को कहा कि अन्दर मोतीलाल व् उनका परिवार मोजूद है। कारवाई के दो घंटे के बाद मोतीलाल और उनके बेटे अपने मकान की छत पर आये और बताया की वह घर में मोजूद है। देर रात तक भाजपा के पदाधिकारी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी मोके पर मोजूद रहे लेकिन कोर्ट के आदेशों की कारवाई के बाद अन्दर कोई जाने की हिम्मत नहीं कर सका। एडीएम छोगा राम देवासी ने भी साफ़ तौर पर कह दिया कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते वह सिर्फ रेस्क्यू कर मोतीलाल डांगी को छत से बाहर निकाल सकते है।
सूत्रों की माने तो मोतीलाल कारवाई के बाद पड़ोस की छत से अपने घर आ बैठे है । और अब वह बहार नहीं आना चाहते, जानकार बताते है कि शायद कल कोर्ट में मोतीलाल अपने घर के अन्दर होने का कब्ज़ा बताएगें, इधर जबरदस्ती रेस्क्यू कर उन्हें बाहर लाने पर भी आत्महत्या की धमकी दी है । बाहर खड़े भाजपा नेता हंगामा कर दबाव बनाना चाहते है कि किसी तरह सीज किया हुआ ताला खुल जाए लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद सीज किये हुए मकान का ताला खोलना इतना आसान नहीं है। कंपनी वालों ने घर की विद्युत लाइन भी काट दी है। जानकारों की माने तो अब मोतीलाल के पास घर के बाहर आने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।  इसके बाद या तो वह फाइनेंस कंपनी का बकाया चुकाए या फिर कंपनी उनके मकान को नीलाम कर अपनी वसूली करेगी।
सूत्रों के अनुसार भाजपा नेता की कार बीम डब्ल्यू भी लोन पर ली हुई है और वह भी किश्तें नहीं चुकाने के एवेज में सीज की जा सकती है, हालाँकि इस जानकारी की पुष्ठी उदयपुर पोस्ट नहीं करता।
खबर लिखे जाने तक यह जानकारी आई की भाजपा के सभी नेता और कार्यकर्ता मोतीलाल डांगी के घर के बाहर से हट गए थे और पुलिस प्रशासन को उन के स्तर पर कारवाई करने के लिए कह दिया था .
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