मनु राव

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rahul-gandhi

राहुल गांधी ने कमाल कर दिया। एक झटके में अपराधियों के लिए संसद के दरवाजे बंद करवा दिए। यह उनका क्रांतिकारी कदम है। ठीक वैसा ही, जैसा बदलाव के हरावल दस्ते के नायक का होना चाहिए। यही वह बात हैं, जो नौजवानों को पसंद आती है। और भारत इस समय नौजवानों का देश है।
राहुल ने अथवा उनके क्रथिंक टैंकञ्ज ने इस बार जनता की वास्तविक नब्ज पकड़ ली। इसलिए उनसे आगे भी क्र जनहितञ्ज में बड़े फैसलों की उम्मीद की जा सकती है। विपक्षी दलों समेत, जो लोग राहुल के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं, वे वास्तव में राजनीति के अपराधीकरण की पैरवी कर रहे हैं। कैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदलने के लिए सारे राजनीतिक दल एकजुट हुए। सर्वदलीय बैठक में अपराधियों का पक्ष लिया गया। सत्तारूढ़ दल की कोर कमेटी में अनुमोदन किया गया और अध्यादेश राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिए भेज दिया गया। समूची व्यवस्था देश के सामने नंगी होकर खड़ी हो गई और यह नजारा पूरी दुनिया ने देखा। इस घटनाक्रम से देश की १२५ करोड़ आबादी को शर्मिंदा होना पड़ा है। यदि राहुल न्यायपालिका की गरिमा को बचाने के लिए ये कदम नहीं उठाते तो माना जाता कि अपराधियों ने देश की क्रडेमोक्रेसीञ्ज का अपहरण कर लिया है। लेकिन राहुल ने देश के स्वाभिमान को बचा लिया। इससे पहले भी एक मौका आया था। अन्ना आंदोलन के दौरान क्रलोकपालञ्ज मामले में भी राहुल ने संसद में अपने अभिनव विचार व्यक्त किए थे, जिन्हें भ्रष्टाचारियों ने खारिज कर दिया। उस समय राहुल पार्टी के भीतर इतने ताकतवर नहीं थे। वे ताकत प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। अब उन्होंने वह ताकत जुटा ली है, जिसके जरिए वे जनहित विरोधी सरकारी फैसलों को रद्द करवा सकते हैं।
राहुल की आलोचना करने वालों के तर्क क्रवंशवादञ्ज और क्रभ्रष्टाचारञ्ज के मुद्दे पर ही आधारित है। सवाल यह है कि किस पार्टी में क्रवंशवादञ्ज नहीं चल रहा है? हर पार्टी में ऐसे पच्चीसों उदाहरण गिनाए जा सकते हैं। किस पार्टी वाले क्रभ्रष्टाचारञ्ज नहीं कर रहे हैं? सभी के हाथ कोयले की दलाली में काले हो चुके हैं। चुनाव में सभी परदे के पीछे पैसा और शराब बांटते आए हैं। और सार्वजनिक तौर पर चिल्ला-चिल्ला कर शुचिता की बात करते रहते हैं। यही पूरा नजारा है। ऐसे में राहुल द्वारा अपराधी संरक्षण विधेयक को फाड़कर फेंकना काजल की इस कोठरी में आशा की एक नई किरण जैसा दिखाई पड़ रहा है।

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2 COMMENTS

  1. It seems author has ignored the fact that this ordinance has been approved by Sonia Gandhi only & was rahul sleeping at the time when this ordinance was being considered, when delhi rape case happended, when coal scam, 2G scam, railway bribe scam etc committed.

  2. Wah Wah author jee, your writing work is commendable

    but there are a few points to ponder in your writing
    1) harawal dasta apnee hi sena ke khilaf????? samaj nahi aaya!!!!!
    2) Are you pointing at Sonia Gandhi that she is corrupt and has led the people of India to all this shame???????

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