पिता की जादतियों से परेशान था पुत्र

बांसवाडा, जब पिता अधर्म के रास्ते पर चलता हो और परिवार के पालन पोषण के दायित्वों को भूल जाता है तो एक परिवार बिखर जाता है। पिता के शराब पीने और अन्य अवांछनिय गतिविधियों से जब एक पूरा परिवार टुट जाता है तो व्यक्ति खुद को टुटा हुआ समझता है और उसके बाद वह समस्या को जड से ही खत्म कर देना चाहता है। ठीक ऐसा ही मामला विगत 29 नवम्बर को ठीकरिया गांव में गुमानेंग उर्फ लाला पटेल की हत्या के राज फाश में सामने आया। बताया जाता है कि मृतक गुमानेंग शराबी था उसने न तो परिवार का ढंग से पालन पोषण किया न ही कभी बच्चों को प्यार जताया और तो और शराब पीना, जैसी आदतों के चलते पूरा परिवार बिखर गया। दादी चली गई दादा अलग हो गये, भुआ भी घर छोडकर चली गई मां के साथ रोजाना मारपीट के देखकर गुमानेंग के पुत्र नरेश का खुन खोल उठता था। 29 नवम्बर को भी गुमानेंग ने किरायेदार कैलाश अग्रवाल, हकरा भगोरा के साथ मिलकर शराब पी। अपने पिता की हरकतों से परेशान नरेश ने दण्डे और सलिये से उसकी हत्या कर दी। इसके बाद नरेश ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई की रात्रि में जब वह लघुशंका के उठा तो उसने देखा कि उसके पिता लालजी फर्श पर उलटे पडे हुए है और खांट उनके उपर था। उसने रिपोर्ट में बताया कि किसी दुश्मन ने उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने मौके पर डॉग, को घुमाया तो वह घर के अन्दर ही घुमता रहा। पुलिस ने खुफिया तौर पर जानकारी ली तो शककी सुई नरेश पर जा टिकी। इस पर उसे पुछताछ की गई तो उसने वारदात कबूल करते हुए अपना दर्द बया किया। पुलिस ने उसे गिरपतार कर लिया है। नरेश द्वारा की कई वारदात कानून की नजर अपराध हो लेकिन इस घटना से उन लोगों को सबक जरूर लेना चाहिए जो अपने पारिवारीक कर्तव्यों को भुलकर अपने मौज शोक के लिए जीवन जीते है।

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