उदयपुर, शहरवासी और सैलानी अब इस मानसून में फतहसागर के ओवरफ्लो गेट से गिरती जलराशि देखने का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। जिला प्रशासन ने फतहसागर के ओवरफ्लो गेट पर लकडी के पाटिए लगाने का निर्णय किया है। इस कारण अब आमजन फतहसागर के ओवरफ्लो गेट से पानी गिरता हुआ नहीं देख पाएंगे।

जलसंसाधन विभाग द्वारा फतहसागर के ओवरफ्लो गेट पर पाटिए लगाने से फतहसागर में करीब ४० एमसी-एफटी अतिरिक्त पानी एकत्र हो सकेगा। फतहसागर की पूर्ण भराव क्षमता ४२७ एमसी एफटी है। फतहसागर का पानी उदयपुर शहर में पेयजल वितरण में भी काम लिया जाता है।

नेहरू गार्डन खराब होने का खतरा: पाटिए लगाने से फतहसागर में अतिरिक्त पानी तो एकत्र हो जाएगा। मगर इससे अब झील मध्य स्थित नेहरू गॉर्डन को नुकसान होने की आशंका भी बन गई है। फतहसागर का जलस्तर १३ फीट से ऊपर आते ही झील का पानी नेहरू गॉर्डन में घुसना शुरू हो जाएगा। इससे बगीचे और घास बर्बाद हो सकती है।

पिछले साल भी ऐसी स्थिति बन गई थी। पानी घुसने से गत वर्ष नेहरू गॉर्डन को काफी नुकसान हुआ था। उस वक्त पीडब्ल्यूडी को नेहरू गॉर्डन को फिर से तैयार करने में करीब चार पांच लाख रुपए खर्च करने पडे। अधिकारी इसके बावजूद इस बात को नजर अंदाज कर रहे है।

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