फिल्म समीक्षा -तलाश , सस्पेंस फिल्मों की बादशाह

Date:

बैनर : एक्सेल एंटरटेनमेंट, आमिर खान प्रोडक्शन्स, रिलायंस एंटरटेनमेंट

निर्माता : फरहान अख्तर, आमिर खान, रितेश सिद्धवानी

निर्देशक : रीमा कागदी

कथा-पटकथाकार : रीमा कागदी, जोया अख्तर

गीत : जावेद अख्तर

संगीत : राम सम्पत

राजेश कुमार भगताणी

 

कलाकार : आमिर खान, करीना कपूर, रानी मुखर्जी, राजकुमार यादव, नवाजुद्दीन सिद्दकी

हिन्दी फिल्मों में साठ और सत्तर का दशक ऎसा रहा है जिसमें कई सस्पेंस फिल्में बनी जिन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण और संगीत के बुते दर्शकों में अमिट छाप छोडी। अस्सी के दशक में जब अमिताभ बच्चन का आगमन हुआ सिनेमा में बदलाव आया और फिर इस तरह की फिल्में बनना बन्द हो गई। लम्बे समय बाद अब जाकर एक ऎसी फिल्म देखने का मौका मिला है जिसे हम सस्पेंस फिल्मों का बादशाह कह सकते हैं। “तलाश” नामक यह फिल्म आने वाले समय में हिन्दी सिनेमा में कुछ ऎसे बदलाव लाने में कामयाब होगी जिसकी आज आवश्यकता महसूस की जा रही है। फिल्म निर्देशिका रीमा कागदी ने अपने निर्देशन में बनी इस फिल्म से यह सिद्ध किया है कि यदि फिल्म की कथा-पटकथा पर शुरू से ही तीखी नजर रखी जाए तो कामयाब फिल्म बनाना बेहद आसान है

 

फिल्म में जितने भी किरदार हैं उन्हें माला में मोतियों की तरफ गूंथा गया है। एक भी किरदार बिखरा हुआ नहीं है। अपने पहले दृश्य से जैसे-जैसे फिल्म आगे बढती है फिल्म पर निर्देशक का प्रभाव साफ नजर आने लगता है। रीमा ने फिल्म के रहस्य को अन्त तक बनाए रखा है। रीमा ने जो क्लाइमैक्स दिया है उसके बारे में तो दर्शक सोच ही नहीं पाता है। तमाम अटकलों को ध्वस्त करते हुए उन्होंने फिल्म का अन्त किया है तो काबिले तारीफ है। अखरता है तो सिर्फ फिल्म की गति का धीमा होना लेकिन यह धीमी गति अपने चुस्त निर्देशन व सम्पादन के बूते पर रीमा ने दर्शकों पर हावी नहीं होने दी है।

पुलिस इंस्पेक्टर सुरजन सिंह शेखावत (आमिर खान) अपनी खूबसूरत पत्नी रोशनी (रानी मुखर्जी) और प्यारे बेटे के साथ खुश हैं। पुलिस डिपार्टमेंट में शेखावत की इमेज ऎसे दबंग इंस्पेक्टर की है जो किसी भी मुश्किल से मुश्किल केस की तह तक पहुंचना जानता है। अचानक, एक दिन सुबह शेखावत को फोन पर कोई एक दुघर्टना और हत्या के बारे में सूचना देता है। इस केस की तफतीश करते हुए शेखावत को रेड लाइट एरिया की गंदी गलियों में घुसना पडता है। शेखावत जब भी इस केस की तह तक जाने में कामयाब होने लगता है, तभी उसके साथ बहुत कुछ अजीब घटता है। उसकी पारिवारिक जिन्दगी दांव पर लग जाती है। उसकी पत्नी उसके चरित्र पर संदेह करने लगती है। इसके बाद रीमा कागदी ने कहानी में कुछ ऎसे रोचक मोड डाले हैं जिनका जिक्र करके फिल्म के रहस्य को समाप्त करना नहीं चाहेंगे।

आमिर खान के अभिनय के लिए कुछ कहना अतिश्योक्ति होगी। पिछले चार साल में दो फिल्में देने वाले आमिर खान की यह फिल्म तीन साल बाद आई है। उन्होंने शेखावत के किरदार की हर जरूरी बात को अपने चेहरे के साथ-साथ शारीरिक लोच से भी प्रदर्शित किया है। रीमा कागदी ने उनकी चाल का उपयोग अपने किरदार के दृश्य के अनुरूप रखा है। डिस्टर्ब फैमिली लाइफ, ऎक्सिडेंट, हत्या के केस की छानबीन के दौरान आमिर के चेहरे पर पल-पल बदलते हाव-भाव देखते ही बनते हैं। रानी मुखर्जी एकबार फिर वही टिपिकल वाइफ के किरदार में अपने पुराने अंदाज और लुक में नजर आईं प्रचार में करीना के किरदार के बारे में विस्तृत रूप से कुछ जाहिर नहीं किया गया लेकिन इस फिल्म की सबसे बडी यूएसपी करीना ही हैं। उनकी खूबसूरती और बोलने का अंदाज दर्शकों को भाता है। इन तीन नामी सितारों पर अपनी संक्षिप्त भूमिका के साथ अभिनय में हावी रहे हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी।

गैंग्स ऑफ वासेपुर के बाद नवाज दर्शकों में कितने लोकप्रिय हो चुके हैं इसका अहसास उनके प्रथम दृश्य के वक्त होता है जब दर्शक उनके परदे पर देखते ही तालियां बजाना शुरू करता है। समय रहते यदि इस अदाकार को अच्छे निर्देशक व पटकथाएं मिली तो निश्चित रूप से यह सितारा आने वाले समय में हिन्दी सिनेमा उद्योग में एक नया इतिहास लिखेगा। इस तरह की फिल्मों में संगीत की अपनी एक अहम भूमिका होती है। यहां भी संगीत है और बेहद कर्णप्रिय है लेकिन सभी गीत पाश्र्व में हैं। सितारों के ऊपर कोई गीत नहीं है। गीतकार जावेद अख्तर ने बडे अर्थ वाले बोलो को लिखा है जिन्हें संगीतकार रामसम्पत ने कर्णप्रिय धुनों में पिरोया है। इसके तीन गीत जिया लागे न, होना है क्या और जी ले जरा.. … कई म्यूजिक चार्ट में टॉप फाइव पर बना है। राम सम्पत ने ऎसी कहानी में, जहां म्यूजिक कहानी की रफ्तार रोकता है, गानों को ऎसे अंदाज में तैयार किया, जो कहीं न कहीं फिल्म का हिस्सा बन जाते हैं। कुल मिला कहा जा सकता है कि तलाश आमिर खान के प्रशंसकों को कहीं से भी निराश नहीं करेगी। यह सिर्फ उन दर्शकों को निराश कर सकती है जो फिल्म में अर्द्धनग्न दृश्य और बेसिरपैर की घटनाओं को देखने के आदी हैं।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Секреты успеха в спорте: Путь к физическому совершенству

Секреты успеха в спорте: Путь к физическому совершенству Психологическая подготовка...

Login

Win Diggers Casino has actually simply presented a boosted...

Win Diggers Online Casino Frequently Asked Questions: Ultimate Overview for UK Players

Invite to Win Diggers Gambling establishment, a preferred on-line...

YouTube: The World’s Leading Video Platform

YouTube is the largest video-sharing platform in the world,...