भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन मामले में सोमवार रात केस दर्ज कर लिया गया। विवादित ढांचे को लेकर दिए गए विवादित बयान पर कमला नगर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।

साध्वी ने दो दिन पहले एक टीवी चैनल पर कहा था कि अयोध्या में विवादित ढांचे को तोड़ने पर उन्हें गर्व है। मैं खुद विवादित ढांचा गिराने गई थी। मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी, हमने देश का कलंक मिटाया है। इस बयान पर जिला निर्वाचन अधिकारी सुदाम पी खाडे ने संज्ञान लेते हुए प्रज्ञा से जवाब तलब किया था।

बयान तब दिया जब मैं उम्मीदवार नहीं थी : प्रज्ञा ने चुनाव आयोग को जवाब दिया था कि यह बयान उन्होंने तब टीवी चैनल को दिया गया, जब वह भाजपा की उम्मीदवार नहीं थीं। मीडिया मॉनिटरिंग सेल उनके इस बयान पर संज्ञान नहीं ले सकता। उन्होंने यह भी कहा था कि जो बात मैंने कही थी वह मेरे अंतर्मन की बात थी। मैं सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया सिद्धांत को मानती हूं। साध्वी के दोनों ही जवाबों पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने असहमति जताई और उनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए।

11 पंडितों के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंची थीं प्रज्ञा : साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सोमवार सुबह 11 पंडितों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचीं। वहां मुहूर्त में मंत्रोच्चारण के बीच उन्होंने नामांकन-पत्र दाखिल किया। प्रज्ञा मंगलवार को फिर से पार्टी नेताओं के साथ रोड शो करते हुए सुबह 10 बजे कलेक्टोरेट में नामांकन जमा करने जाएंगी। पहले प्रज्ञा को मंगलवार को नामांकन दाखिल करना था, लेकिन पंडितों ने उन्हें सोमवार का मुहूर्त बता दिया। इसके बाद वे समर्थकों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचीं।

शहीद करकरे पर कर चुकीं आपत्तिजनक टिप्पणी : प्रज्ञा ठाकुर ने 26/11 मुंबई हमले में शहीद हुए मुंबई के तत्कालीन एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘‘मैंने करकरे से कहा था, तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी। उस दिन इसका सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने इसको मारा उस दिन उसका अंत हुआ।’’

अपराध : हत्या और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज : साध्वी के ऊपर मालेगांव बम ब्लास्ट के मामले में एफआईआर दर्ज है, जबकि मुंबई की एनआईए की स्पेशल कोर्ट में तीन केस चल रहे हैं। उनके ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास और अवैध हथियार के साथ ही गोला-बारूद जमा करने के आरोप लगाए गए हैं। 30 अक्टूबर 2018 को उनको मालेगांव केस में एनआईए ने क्लीन चिट दे दी है, जबकि मुंबई हाईकोर्ट में फैसला पेंडिंग है।

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