fountinउदयपुर, नगर निगम की लापरवाही और काम करने की इच्छा शक्ति की कमी की वजह से पिछोला के फ्लोटिंग फव्वारे खटाई में पडे हुए है और अपनी कमजोरी छिपाने के लिये नगर निगम के अधिकारी सारी गलती फव्वारे लगाने वाली कम्पनी पर डाल कर रहे है।
राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के अंतर्गत पिछोला के सौन्दर्यकरण के लिए पिछोला में अब फ्लोटिंग फव्वारे लगाने का निर्णय लिया था डेढ साल बाद भी जब कार्य की प्रगति नहीं हुई तो हाल ही में हुई सिटी लेवल की बैठक में संभागीय आयुक्त ने नगर परिषद आयुक्त सत्यनारायण आचार्य से जवाब तलब किया जिस पर आचार्य ने फाउन्टेन लगाने वाली कम्पनी आईवीआरएच पर आरोप मंढते हुए कहा कि उन्हें तीन बार नोटिस दिया गया है। तब संभागीय आयुक्त ने कह दिया कि यदि कार्य नहीं हो रहा तो ठेका निरस्त कर दिया जाना प्रस्तावित करों।
जबकी हकीकत कुछ और है: आईवीआरएच कंपनी के एक्युकेटीव नासीर जब्बार ने बताया कि फाउन्टेंन का ठेका जून २०११ में हमारी कंपनी को मिला जिसका वर्क आर्डर ५ अक्टूबकर २०१२ को नगर निगम द्वारा दिया गया इससे पूर्व कंपनी द्वारा कई बार लेटर लिख कर वर्क आर्डर के लिए कहा गया था।
परिषद के अधिकारियों कोई रूचि नहीं : नासिर जब्बार ने बताया कि आठ फाउन्टेंन के लिए हमने ११ जगह पम्प स्टेशन बनाने की fountin1जगह देने के लिये परिषद को लेटर लिखा था उसमें से परिषद ने सारा जगह अंकित कर अक्टुबर २०१२ में लेटर दिया लेकिन सात जगह में से सिर्फ मुश्किल से २ जगह ही पम्प स्टेश्न बनाने का कार्य शुय हुआ अन्य पांच जगह पर स्थानिय लीडर व जनता के भारी विरोध के चलते कार्य शरू नहीं किया जा सका।
नासिर ने बताया कि इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों को बार बार लिखने सूचित करने पर भी कोई उचित कार्यवाही नहीं की।
फव्वारें यूनिट को तैयार : नासिर ने बताया कि फव्वारें की सारी यूनिट तैयार है कंपनी ने अपना काम समय पर किया है लेकिन पम्प लगाने की जगह ही नहीं तो कहां लगाया जाए। अभी सिर्फ दूध तलाई पर एक पम्प स्टेशन और अम्बापोल पर एक स्टेशन बनाने के रूपरेखा बनायी गयी है।
हमारे पास कोई नोटिस नहीं : नगर परिषद आयुक्त ने संभागीय आयुक्त को कहा कि फ्लोटिंग फव्वारें से संबंधित कंपनी को तीन बार कार्य प्रगति करने के नोटिस दिये जा चुके है। जबकि कम्पनी के नासिर जब्बार ने बताया कि हमारे पास कोई नोटिस नहीं आया। कुल मिलाकर नगर निगम आयुक्त व अन्य अधिकारी अपने ढुलमुल और टालमटोल रवैये के चलते कंपनी को पम्प हाउस बनाने मे आ रही अडचनों को दूर नहीं किया जिससे ना फव्वारें के पम्प हाउस बने ना ही झील में फव्वारे लगे।

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